Homemade Porn
मेरा नाम निशा है। मैं भोपाल की रहने वाली हूँ। मैं अब जवान और मस्त लड़की हो गयी थी। आज आपको अपनी आपबीती सूना रही हूँ। मेरा एक भाई भी है। कुछ साल पहले मेरे पापा की कैन्सर से मौत हो गयी और मम्मी भी चल बसी। फिर मैं चाचा और चाची के साथ आकर ही रहने लगी। Homemade Porn
मेरे चाचा एक सरकारी दफ्तर में बाबू की नौकरी करते है। उन्होंने मुझे और मेरे भाई बहन को पाल पोसकर बड़ा कर दिया और अब मैं 21 साल की जवान लड़की हो चुकी थी। समय के साथ मेरा फिगर अब काफी मस्त हो गया और आसपास के लड़के मुझे चोदने की सोचने लगे।
दोस्तों अब मेरा फिगर 34 30 36 का हो गया था। मैं जवान और सेक्सी माल हो गयी थी। मेरी गांड पीछे से सनी लिओन की तरह उभर गयी थी और चुचे भी काफी रसीले और बड़े बड़े हो गये थे। जब आस पास के जवान लड़के मुझे लाइन देने लगे तो मेरा चाचा भी मेरी जवानी के पीछे दिवाने हो गये।
जब जब मैं बाथरूम में नहाने जाती चाचा बाथरूम के सामने ही कुर्सी डालकर बैठ जाते थे। जब मैं नहाकर अपने दूध पर तौलिया लपेटकर निकलती तो चाचा मुझे ऐसे देखते जैसे खा जाएँगे। मैं समझ गयी थी की चाचा बाकी मर्दों की तरह मेरे भरे जिस्म से खेलने चाहता है।
एक रात मुझे 11 बजे बड़ी जोर की पेशाब लगी। जब मैं टॉयलेट में गयी तो जो मैंने देखा उसके बाद तो सब साफ़ हो चुका था। मेरे चाचा जी अपनी पेंट और कच्छा उतारकर नंगे थे और खड़े खड़े अपने 8” लम्बे और 2” मोटे लौड़े को फेट रहे थे। “ओह्ह निशा!! अपनी चूत एक बार दे दे!! बस एक बार अपनी रसीली चूत चोदने को दे दे भतीजी!!” चाचा बडबडाये जा रहे थे और मेरे नाम को बोल बोलकर लंड को फेट रहे थे।
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जब मैंने अपना नाम चाचा के मुंह से सूना तो सब बाते साफ़ हो चुकी थी। मेरे चाचा मेरे भरपूर यौवन रस को पीना चाहते थे। इसलिए अब मैं पहले से जादा सावधान हो गयी थी। चाचा जी रात में ड्रिंक भी करते थे। एक रात वो आये और अपने कमरे में चले गये। मेरी चाची ने मुझे खाना दिया और बोला की चाचा को दे आयूँ।
मैं जल्दबाजी में अपने मस्त मस्त 34” के बड़े बड़े दूध पर दुपट्टा डालना भूल गयी और खाना लेकर चाचा को देने चली गयी। रोटियाँ खाते खाते चाचा ने पीना शुरू कर दिया और फिर उनको नशा चढ़ गया। जब दूसरी बार मैं उनको सब्जी देने गयी तो चाचा की निगाहें मेरे मस्त मस्त दूध पर पड़ गयी। उसी समय उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने पास खींच लिया। मेरे गाल पर जबरदस्ती चुम्मा लेने लगे।
“ये आप क्या कर रहे हो चाचा???” मैंने गुस्साकर पूछा पर वो शराब के नशे में आ गये थे।
मेरे मस्त मस्त दूध पर हाथ रख दिया और दबाने लगे। फिर मेरे चेहरे को पकड़कर अपने पास ओंठो पर लाने लगे। मैं तमतमा गयी और हाथ छुड़ाने लगी।
“निशा बेटी!! अब तू बच्ची नही रही है। जरा अपना फिगर देख। तू चुदने लायक मस्त लौंडिया हो चुकी है। बेटी!! मैं तुझे भरपूर मजा और प्यार देना चाहता हूँ” इतना बोलकर मेरे चाचा ने फिर से मुझे अपने पास खींच लिया और मेरे कमीज के उपर से दूध दबाने लगे।
मैं आगबबूला हो गयी और खींच कर चाचा के गाल पर एक चांटा रसीद कर दिया। “चटाक!!!!” की आवाज पुरे कमरे में गूंज गयी। ये आवाज सुनकर मेरी चाची जी दौड़ी दौड़ी चली आई।
“क्या हुआ निशा बेटी??? ये हल्ला किस बात का??” चाची जी परेशान होकर बोली.
“देखो न चाची जी!! चाचा मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे है” मैं बोली और फिर रोने लगी।
चाचा की जोर जबरदस्ती से मेरी कमीज की बाह फट गयी थी। ये बात सुनकर मेरी चाची बहुत बिगड़ गयी और एक झाड़ू लेकर चाचा की धुनाई करने लगी। और उनको खूब झाड़ू पड़ी। मेरे शराबी चाचा का पूरा नशा उतर गया। उस दिन तो मैं किसी तरह से बच निकली।
पर अब चाचा जी मेरे जानी दुश्मन बन गये। अब मैं उसने सावधान रहती थी क्यूंकि कभी भी चाचा मेरी चूत में अपना मोटा लंड घुसाकर मुझे पेल सकते थे। कुछ दिनों बाद मुझे पड़ोस के एक लड़के अमित से प्यार हो गया। अमित मेरी उम्र का जवान लड़का था।
रोज मेरा कॉलेज के बाहर रूककर इन्तजार करता था। और शाम को मेरी छत पर आ जाता था फिर हम लोग अक्सर बाते करते थे। एक रोज मैं शाम के 7 बजे छत पर खड़ी थी। हल्का अँधेरा हो गया था और अमित आज सेक्स करने की जिद कर रहा था। मैं भी चुदने के मूड में थी और सेक्स करना चाहती थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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अमित ने मुझे छत पर पकड़ लिया और ओंठो पर किस करने लगा। मैं भी उसे चिपक गयी। धीरे धीरे मेरी बॉयफ्रेंड अमित ने मेरी कमीज को उपर किया और मुझे दीवाल से चिपका कर खड़ा कर दिया। मेरी ब्रा को उपर उठाया तो मेरी 34” की शानदार चूचियां उसे दिखने लगी। वो मेरी चूची को हाथ से दबा दबाकर मजा लेने लगा। मैं भी “ओह्ह माँ… ओह्ह माँ… उ उ उ उ उ… अअअअअ आआआआ….” करने लगी।
हम दोनों यही सोच रहे थे की शाम को अँधेरे के बाद तो कोई छत पर आता नही है इसलिए कुछ भी कर लो। पर दोस्तों उस दिन मेरी किस्मत दगा दे गयी। चाचा जी अपने ऑफिस से आ गये और उनका निकर छत पर तार पर पड़ा सुख रहा था। अचानक से चाचा जी सीढियाँ चढ़कर छत पर आ गये और मुझे और अमित को एक साथ चिपके हुए देख लिया।
“हरामखोर लड़की!! तो ये गुल खिला रही है मेरे पीठ पीछे” चाचा किसी विलेन की तरह हाथ नचा कर बोले बड़ी ऊँची आवाज में.
उस वक्त अमित मस्ती ने मेरे दूध मुंह में लेकर चूस रहा था। चाचा तेज कदमो से हम दोनों के पास आये और अमित को पकड़ लिया और दे चांटे चांटे उसके गाल पर जड़ दिया। वो कुछ मार खाने के बाद भाग गया। अब बची मैं। चाचा ने दो चांटे मेरे गाल पर रसीद किये और मैं दूर जाकर गिरी। जल्दी ने मैंने अपने सलवार कमीज को सही किया। चाचा को शायद अब अमित से जलन हो रही थी क्यूंकि वो मुझे चोदना चाहते थे जबकि मेरी सेटिंग अमित से हो गयी थी।
“बड़ा सती सावित्री बनती है। मैंने तेरा हाथ पकड़ा तो अपनी चाची से मेरी शिकायत कर दी। चल अब तेरे गुलछर्रों की बात तेरी चाची को बताता हूँ!!” चाचा जी सुलगती आँखों से घूर कर बोले और मेरा हाथ पकड़कर नीचे ले जाने लगे।
“चाचा जी!! आपको जो चाहिए मैं दे दूंगी पर चाची से ये वाली बात मत बोलो” मैंने रिक्वेस्ट करके कहा.
“हरामखोर!! चल तू चाची के पास” चाचा बड़े नाराज होकर बोले.
मैं चाची के सामने शर्मिंदा नही होना चाहती थी। इसलिए अब चाचा को पटाना जरूरी था। मैंने जल्दी से अपनी कमीज को फिर से उपर उठा दिया और चाचा जी को अपने मस्त मस्त आम दिखा दिए।
“चाचा जी!! अपनी मेरी मरी माँ की कसम!! आप मेरे साथ जो करना चाहते हो कर लो पर चाची से मेरी शिकायत मत करना” मैंने दोनों कसे कसे दूध चाचा को दिखाते हुए कहा.
तब जाकर वो माने। घर में चाचा और चाची एक साथ सोते थे। चाची जी अब 40 साल से उपर हो गयी थी। उसकी चूत अब पूरी तरह से ढीली हो गयी थी। इसलिए अब चाचा मेरी चूत का बाजा बजाना चाहते थे। रात के 12 बजे वो शांति से उठे और दबे पाँव मेरे कमरे में आ गये। उसके बाद मेरे बिस्तर पर आकर लेट गये। मैं रात में लाल रंग की मैक्सी पहने थी। चाचा ने मुझे पकड़ लिया और बाहों में भर लिया। मुझे गालो पर पप्पी देने लगी और मेरे बदन पर सब जगह हाथ लगा रहे थे।
“चाचा जी कही चाची ने तो नही देखा???” मैंने पूछा.
“नाम मत ले उस कामिनी का। वो तो आराम से सो रही है” चाचा बोले.
उसके बाद उन्होंने मेरी मैक्सी उतारवा दी। अपनी शर्ट पेंट उतार दी और कच्छा उतारकर नंगे हो गये। जब मैंने उनका लौड़ा देखा तो यकीन ही नही कर पा रही थी। 8” का किसी काले नाग जैसा लौड़ा था। मैं बैगनी ब्रा और उसी रंग की चड्डी में थी। मेरा जिस्म आज चाचा जी ने अंदर से देखा तो देखते ही रहे गये।
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“निशा बेटी!! तू कितनी सेक्सी माल हो गयी है। आजा बेटी!! मेरे पास आ जा” ये बोलकर चाचा ने मुझे बिस्तर पर पकड़ लिया और सब जगह बेताबी से चुम्मा लेने लगे। मेरे पेट पर हाथ घुमाने लगे। मेरी पेंटी तिकोनी थी इसलिए मेरे बड़े बड़े सेक्सी कुल्हे और 36” की गांड उनको साफ़ साफ़ दिख रही थी।
चाचा जी मेरी गोरी गोरी चिकनी बाहों को, मेरे कन्धो पर चुम्मा देने लगे। फिर मेरे पैर और सफ़ेद चिक्कन जांघो को हाथ से सहलाने लगे। मुझे बार बार गालो पर पप्पी ले रहे थे। कुछ देर बाद चाचा मेरे दूध को ब्रा के उपर से दबाने लगे और पेंटी पर हाथ लगाने लगे।
मैं फिर से “ओहह्ह्ह… ओह्ह्ह्ह… अह्हह्हह… अई.. अई. अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी। चाचा ने एक शराब की बोतल फिर से निकाली और मेरे सामने ही गिलास में करके गटक गये। उनके मुंह से शराब की बुरी भभकी आ रही थी। कुछ देर मेरा ब्रा के उपर से मेरे मुसम्मी को मसलते रहे और मजा लेते रहे।
फिर मुझे पूरी तरह से नंगा किया। मुझे अपनी ब्रा और पेंटी उतारनी पड़ी। चाचा तो पहले से नंगे थे। अब मेरे बदन को नुची मुर्गी की तरह नोचने लगे। मेरी बड़ी बड़ी मुसम्मी को हाथ में लेकर दबाने और मसलने लगे। मैं अब फिर से “आआआअह्हह्हह… ईईईईईईई… ओह्ह्हअई.. अई…” किये जा रही थी।
चाचा मेरे सेक्सी जिस्म से खेलने लगे और इससे पहले मेरा बॉयफ्रेंड अमित मुझे चोद पाता चाचा जी मुझे चोदने जा रहे थे। मेरी बेताब जवान रसभरी चूची को दबा दबाकर मुझे मीठा मीठा दर्द देने लगे। फिर एक एक दूध को मुंह में लेकर चूसने लगे। अब मुझे भी बड़ा सेक्सी लगने लगा। चाचा जी मेरे साथ खेलने लगे। दोस्तों मेरे दूध इतने बड़े बड़े थे की उनके हाथ में नही आ रहे थे।
फिर भी चाचा जी लगे पड़े थे। मेरी बड़ी बड़ी मुसम्मी को मुंह में लेकर चुसे जा रहे थे। “सी सी सी सी.. हा हा हा चाचा जी आराम से चूसो!! काटो नही हल्के हल्के से चूसो!!” मुझे कहना पड़ा पर वो शराब के नशे में होकर किसी चोदू मर्द की तरह पेश आ रहे थे। उनकी बड़ी बड़ी मुछे सुई की तरह मेरे सॉफ्ट सॉफ्ट दूध में चुभ रही थी। इस तरह चाचा ने 40 मिनट तक मेरे दोनों दूध को मुंह में लेकर चूस डाला।
“ओह्ह चाचा!! आज फाड़ दो मेरी चूत!! आज मैं भी तुमसे खुलकर प्यार करूंगी!!” मैंने कहा और चाचा के मुंह को पकड़कर दोनों दूध के बीच में दबा दिया।
“निशा बेटी!! तू मस्त माल है रे!! आज से तेरी चूत की रोज सेवा पानी करूंगा!!” वो नशे में बहक कर बोले.
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फिर मेरे पेट को किस करते करते नीचे मेरी चूत पर चले गये। दोस्तों मेरी चूत पर हल्की हल्की आधी इंची की झांटे थी। मेरी चूत बड़ी गद्देदार थी। चाचा मेरी गद्देदार चूत में जीभ लगा लगाकर चाटने लगे। इससे मैं फिर से गर्म होने लगी और “मम्मी… मम्मी… सी सी सी सी.. हा हा हा… ऊऊऊ… ऊँ.. ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ..” बोलने लगी।
मेरी चाची की चूत तो पूरी तरह से फट गयी थी पर मेरी तो नई चूत थी। चाचा ने 10 मिनट मेरी चूत को किसी दूध मलाई की तरह चाट दिया फिर अपना 8” मोटा लंड चूत में घुसाने लगे। चाचा के लौड़े का सुपारा तो और बड़ा था जो जल्दी घुसने का नाम नही ले रहा था। पर चाचा भी चोदू मर्द थे।
हाथ से अपना काला नागराज वाला लौड़ा पकड़कर घुसा रहे थे और मेहनत कर रहे थे। फिर उनको कुछ समय बाद कामयाबी मिल गयी। मेरी चूत भी फट गयी और उनका काला नागराज अंदर 5 इंची घुस गया। “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ… ऊँ—ऊँ… ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो… चाचा आप ने तो फाड़ दो मेरी भोसड़ी आज आह्ह आह ओह” मैं दर्द से कराहने लगी।
तभी चाचा ने शराब के नशे में दूसरा धक्का दे दिया और सटाक ने अपना 8” काला नागराज मेरी चूत में घुसा दिया। मैं दर्द से काँप गयी क्यूंकि आज फर्स्ट टाइम किसी मर्द का लौड़ा खा रही थी। मुझे काफी दर्द हो रहा था। चाचा दर्द में मुझे चोदने लगे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं ऊँ उंह करने लगी। मेरी बुरी हालत बना दी थी। अभी तो मेरी चूत खुली ही थी। फिर धक्के पर धक्के देते रहे और कसके चोदने लगे। मैंने दर्द से बचने के लिए अपनी मस्त मस्त गोल चूचियों को पकड़ लिया और खुद ही दबाने लगी। चाचा अपनी कमर उछाल उछाल पर मुझे पेल रहे थे। मैं “उ उ उ उ उ… अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी… ऊँ—ऊँ… ऊँ… फाड़ दी मेरी चूत!! फाड़ दी मेरी चूत!!” चिल्ला रही थी।
इस तरह से काफी तेज तेज आवाजे निकाल रही थी। चाचा ने काफी देर मुझे शराब के नशे में चोदा और फिर झड गये। मेरी चूत में उनका बहुत सारा माल भर गया। किनारे आकर लेट गये। “निशा बेटी!! आओ लौड़ा हाथ में लो!! और चूस डालो” वो बोले. उसका लौड़े से अभी भी माल की डोरियाँ निकल रही थी।
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थोडा घिनौना लग रहा था पर मैं भी बहुत गर्म और यौन उत्तेजित हो गयी थी इसलिए मैंने उनके काले 8” लम्बे और 2” मोटे नागराज को पकड़ लिया और मुंह में लेकर चूसने लगी। चाचा जी उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… करने लगे। मैं भी चुदासी हो गयी और उनके लौड़े को जल्दी जल्दी हाथ से मुठ देने लगी। मुंह में लेकर चूसने लगी। चाचा पर मस्ती छा गयी। उनकी झांटे तो अब सफ़ेद हो गयी थी और 1 1 इंच लम्बी हो गयी थी। पर मैं जोश के साथ चुस्ती रही। कुछ देर बाद चाचा ने मुझे कुतिया बना दिया और मेरी गांड को जीभ लगाकर चाटने लगे।
मुझ पर फिर से सेक्स का जोश चढने लगा। फिर चाचा ने गांड में कुछ देर ऊँगली करके छेद ढीला किया और अपना काला 8” नागराज उसने घुसा दिया। चाचा जी बेड पर खड़े हो गये और हल्का नीचे झुक गये और मेरी गांड चोदने लगे। मैं इस बार भी “उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ.. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई… अई… अई….” की तेज तेज चीखे निकालने लगी। चाचा ने हल्का सा झुक कर बड़ी देर तक मेरी गांड को चोद दिया और मेरा तो बुरा हाल कर दिया। उसके बाद जब दिल करता है रात में मेरे रूम में आ जाते है और अपनी प्यास बुझा लेते है। चाची को इसकी जानकारी नही है।
Amit Pandey says
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