Desi Parivarik Sex Kahani
मेरा नाम प्रियंका है और में सबसे पहले आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ क्योंकि आप लोगों की वजह से ही हम जैसे लोगों को अपनी बात कहने का मौका मिलता है और अब में अपनी घटना को विस्तार से सुनाने जा रही हूँ जिसमें मैंने मेरी बुआ के पति के साथ अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए. Desi Parivarik Sex Kahani
दोस्तों उस समय मेरी दीवाली की छुट्टियाँ चल रही थी और मुझे कुछ दिन घूमने, आराम करने के लिए गाँव जाना था, लेकिन मेरे साथ घर वाले नहीं जा सकते थे क्योंकि माँ और पापा को अपने ऑफिस जाना था और भाई की कोचिंग क्लास अभी तक शुरू थी, लेकिन मेरी बुआ का परिवार भी गाँव जाने वाला था.
हर साल एक परिवार को वहां पर जाकर दीवाली से पहले का सब काम करना रहता है, लेकिन इस साल मेरे सभी चाचा भी बहुत व्यस्त थे. मेरी बुआ ने कहा कि वो लोग वहां का सब काम कर लेंगे और मेरी बुआ को हमारा गाँव उनके ससुराल के गाँव से कुछ ज़्यादा पसंद था क्योंकि हमारा गाँव एक टापू के पास में है.
तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे पापा ने मुझसे कहा कि में भी उन लोगो के साथ गाँव जा सकती हूँ. मेरी बुआ का बेटा सुधीर मेरे बराबर ही है और मेरी उसके साथ अच्छी जमती है तो में भी अब उनकी यह बात सुनकर राज़ी हो गई और फिर हमने दस दिन का प्लान बनाया.
उसमे से कुछ दिनों के लिए बुआ के ससुराल जाने का प्लान भी था क्योंकि वहां पर उनकी देवरानी गर्भवती थी तो उन्हे गोद भराई की मदद करने के लिए जाना था. दोस्तों मेरी बुआ की उम्र करीब 40-42 साल होगी और उनके पति की उम्र भी करीब 43-44 साल होगी, उनके पति जहाज पर काम करते थे और वो दिखने में बहुत स्मार्ट भी थे.
वो साल के आठ महीने जहाज पर बिताते थे और बाकी चार महीने अपने घर पर. फ्रेंच कट वाली दाड़ी, पूरी तरह से साफ चेहरा, 6 फुट हाईट, उनका अच्छा दिखने वाला शरीर था. दोस्तों मेरी उनके पति के साथ भी बहुत अच्छी जमती थी.
और वो हमेशा मेरे साथ एक दोस्त की तरह बात करते थे और बहुत मस्ती मजाक़ भी करते थे, लेकिन मेरी बुआ थोड़ी खराब है, लेकिन वो मुझसे बहुत प्यार करती है और बुआ बहुत झगड़ालू भी है. पता नहीं उनका परिवार उनको रोज़ कैसे सहता है? “Desi Parivarik Sex Kahani”
अब हम गाँव में पहुंच गये और हमारे गाँव के घर में हमारा जो नौकर है धीरू, उसकी कुछ ही महीनो पहले शादी हुई थी और अब हम पहली बार उसकी नयी नवेली दुल्हन से मिल रहे थे. वो बहुत सुंदर थी और वो करीब 22-23 साल की थी. वो दोनों अपने क्वॉर्टर में रहते थे और उनका क्वॉर्टर हमारे घर के पीछे की तरफ था.
उसके लिए एक दरवाजा घर के अंदर से यानी हमारी किचन से था और दूसरा दरवाजा बाहर से था. दोस्तों हमारा घर भले ही बहुत बड़ा था, लेकिन उसकी बनावट पुरानी स्टाइल में थी यानी कि दरवाज़े पर नये तरह के ताले नहीं थे पुरानी टाईप की कुण्डी थी और दरवाज़े भी पुराने टाईप के लकड़ी वाले थे.
पहले दिन हम बहुत अच्छी तरह से सेट हुए और धीरू की बीवी दिशा बहुत सुंदर थी, भले ही वो ज़्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी और वो हमारी भाषा इतनी अच्छी तरह से नहीं समझ पाती थी, लेकिन वो बहुत ही कम समय में हमारे घर का सब काम अच्छी तरह से सीख गयी थी और वो खाना भी अच्छा ख़ासा बना लेती थी और बुआ के पति उसके साथ भी बहुत मस्ती मजाक़ किया करते थे.
एक दिन हुआ यह कि हम घर में सेट हो ही गये थे कि दो दिन में ही धीरू को अपने गाँव से कॉल आ गया और उसके पिताजी ने उसे बुलाया था क्योंकि उसके पिताजी की एक छोटी सी दुकान थी जिसमे चोरी हुई थी और अब धीरू को उन्होंने जल्दी से बुलाया था और दिशा भी उसके साथ जाना चाहती थी. “Desi Parivarik Sex Kahani”
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लेकिन धीरू ने उससे यहीं पर रहने को कहा क्योंकि घर का और हमारा ख्याल कौन रखता. वो उससे बोला कि वो जल्द से जल्द लौटने की कोशिश करेगा. फिर अंकल ने धीरू को कुछ पैसे दिए और धीरू शाम को ही अपने घर पर चला गया और अब समस्या यह हुई थी कि दो दिन बाद बुआ, अंकल और सुधीर को बुआ के गाँव जाना था. “Desi Parivarik Sex Kahani”
उनकी देवरानी की गोद भराई के लिए उनका प्लान यह था कि में धीरू और दिशा के साथ घर पर ही रुकने वाली थी, लेकिन अब धीरू वहां पर नहीं था इसलिए सिर्फ़ वो हम दोनों पर पूरा घर छोड़कर नहीं जा सकते थे. तो फैसला यह हुआ कि बुआ और सुधीर जाएँगे.
में और अंकल घर पर ही रुकेंगे क्योंकि गोद भराई में अंकल क्या करेंगे? और वो बुआ को अकेले भी नहीं भेज सकते और में तो उन लोगो को पहचानती भी नहीं थी इसलिए में उनके साथ नहीं जा सकती थी और सब दिशा के साथ भी नहीं जा सकते थे क्योंकि घर का काम, पेड़, पौधो को पानी वग़ैरह देना होता है इसलिए हमारे साथ एक मर्द रुके इसलिए अंकल वहीं पर रुक गये.
वो लोग वैसे भी सिर्फ़ दो रातो के लिए गये थे. तो हमारा पहला दिन बहुत अच्छा गया, लेकिन में गौर कर रही थी कि अंकल दिशा के साथ कुछ ज़्यादा ही मस्ती मजाक़ कर रहे थे और दिशा भी उनसे बात करते वक़्त बहुत शरमाती. अब रात हुई और हमने खाना खा लिया और दस बजे दिशा अपना सारा काम खत्म करके सोने चली गई.
हमेशा अंकल और सुधीर हॉल में सोते थे और बुआ और में अंदर. आज भी हम वैसे ही सोए थे और में अकेली अंदर और अंकल अकेले हॉल में और दिशा अपने क्वॉर्टर में सो गई. मुझे उस रात जल्दी नींद नहीं आ रही थी और में बस बिस्तर पर करवटे बदल रही थी. रात को करीब 11:30 बजे मुझे प्यास लगी तो में अपने कमरे से बाहर गई.
मैंने देखा कि अंकल अपने बिस्तर पर नहीं है. में जब किचन में गई तो मुझे किचन के अंधेरे में पास के क्वॉर्टर्स के बंद दरवाज़े के अंदर की लाईट चालू दिखी और अंदर से हल्की सी बातों की आवाज़ भी आ रही थी. “Desi Parivarik Sex Kahani”
मैंने किचन की लाईट को चालू किया और पानी पीने लगी और अब अचानक अंदर से आने वाली आवाज़ें बंद हो गई. मैंने लाईट को बंद किया और बाथरूम में चली गई और मैंने बाथरूम से बाहर आने के बाद देखा तो अंकल हॉल में अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे.
अब उन्होंने भी मुझे देख लिया तो मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गये थे? उन्होंने कहा कि में सिगरेट पीने बाहर गया था, क्यों तुम अभी तक सोई नहीं? तो मैंने कहा कि मुझे अंदर नींद नहीं आ रही है तो उन्होंने कहा कि अरे तुम भी बाहर आकर सो जाओ.
फिर मैंने अपनी चादर उठाई और बाहर आकर अंकल के पास में सो गई और अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद मुझे नींद आ गई. उस रात में फिर से नहीं जागी. दूसरे दिन सब कुछ ठीक ठाक था और पूरा दिन कुछ ख़ास नहीं था, लेकिन अंकल और दिशा की मस्ती आज बहुत ज़ोरो में चल रही थी.
फिर रात को हमेशा की तरह दिशा ने दस बजे अपना पूरा काम खत्म किया और सोने चली गई और में आज भी अंकल के पास लेट गई, लेकिन में अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद सो गई. फिर रात को अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि अंकल मेरे पास नहीं थे और वो आस पास भी कहीं नहीं थे.
मैंने जब घड़ी में देखा तो एक बज रहे थे और दरवाज़े की कुण्डी भी अंदर से लगी हुई थी और अब मेरी नींद पूरी तरह से भाग गई थी. में किचन की तरफ गई तो मैंने देखा कि आज भी उस क्वॉर्टर की लाईट अंदर से चालू थी और अंदर ज़ीरो बल्ब भी था.
में दरवाज़े के पास गई और अब मैंने उसे धक्का देना चाहा तो दरवाज़े की अंदर से कुण्डी लगी हुई थी. फिर मैंने दरवाज़े पर अपना एक कान लगाया तो अंदर से कुछ आवाज़ भी नहीं आ रही थी बस पंखे की आवाज़ आ रही थी. “Desi Parivarik Sex Kahani”
फिर में खिड़की की तरफ गई और खिड़की को धक्का दिया तो वो थोड़ी सी खुल गई और मैंने अंदर देखा कि दिशा चटाई पर पीठ के बल लेटी हुई थी उसके बाल खुले हुए थे और उसने उसका गाऊन नीचे से ऊपर किया हुआ था और उसकी दोनों आखें बंद थी और दोनों पैर फैले हुए थे.
पैरों के बीच में अंकल पूरे नंगे होकर उस पर चढ़कर उसे धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहे थे. अब में वैसे ही खड़ी रही और देखने लगी. अंकल जैसे ही ज़ोर का धक्का देते तो दिशा ऊपर हो जाती. वो लोग पूरे रूम में अपनी चुदाई की ठप ठप आवाज को फैला रहे थे.
फिर कुछ देर बाद दिशा उनको बस और नहीं बस करो कहने लगी तो अंकल ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे और उसे लंड के जल्दी जल्दी आने जाने के दर्द से तकलीफ़ होने लगी और अब वो ज़ोर से हिलने लगी और अब वो लोग खड़े हो गये, लेकिन अंकल ने चोदना नहीं रोका.
और अंकल बीच बीच में स्पीड एकदम कम करके ज़ोर से लंड को अंदर घुसाकर उस पर चढ़ते और वो अपनी पूरी कमर उठाती. दोस्तों उसे देखकर लग रहा था कि उसे ऐसे अलग अलग स्टाइल में सेक्स की आदत नहीं थी और वो बहुत दर्द महसूस कर रही थी. उसका सर अब दीवार पर लग रहा था और अंकल उसे ज़ोर से चोद रहे रहे थे.
तभी अंकल ने एकदम से अपने धक्के रोक दिए और मैंने उनके चेहरे की तरफ देखा तो वो मुझे देख रहे थे. में जल्दी से नीचे झुक गयी और छुप गई. अब मैंने जल्दी से पीछे का दरवाज़ा धीरे से बंद किया और अपने बिस्तर पर दौड़कर लेट गई और सोने का नाटक करने लगी.
फिर अंकल मेरे अंदर आने के बहुत देर बाद आए, लेकिन अभी भी मुझे नींद नहीं आई थी. मेरी छाती अभी भी ज़ोर ज़ोर से धड़क रही थी. फिर अंकल ने मुझे आवाज़ दी, लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि में सोने का नाटक करने लगी थी. “Desi Parivarik Sex Kahani”
फिर वो लेट गये और मेरे पास में आकर मेरी तरफ बहुत ध्यान से देखने लगे क्योंकि उन्हे पता चल गया था कि में सोने का नाटक कर रही हूँ. उन्होंने वापस मुझे आवाज़ दी, लेकिन अब भी मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो उन्होंने सोते हुए मुझ पर अपना एक हाथ रख दिया.
फिर मैंने उनका हाथ अपने ऊपर से हटाया और वहां से हटकर दूर सो गई. उन्होंने मुझे ऐसे ही रहने दिया और वापस हाथ नहीं लगाया और अब मुझे कुछ देर बाद नींद आ गई. सुबह अंकल बिल्कुल अजीब सा व्यहवार कर रहे थे. वो मुझे हर बात पर घूरते यह देखने के लिए कि क्या मेरा उनकी तरफ अपना व्यहवार बदला है?
में उनको अनदेखा करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जब भी वो मिलते तो में उनसे अच्छी तरह बात करती थी, जैसे कि मैंने कुछ नहीं देखा हो, लेकिन दिशा मेरे साथ बिल्कुल पहले जैसी थी, शायद वो यह सब नहीं जानती थी कि मैंने उन दोनों को देखा है. वो बस अंकल के आस पास थोड़ी शांत रहती. “Desi Parivarik Sex Kahani”
उस दिन शाम को बुआ और सुधीर लौट आए, सब कुछ ठीक ठाक था क्योंकि मैंने अब तक बुआ को कुछ नहीं बताया था. अंकल मुझे बार बार देख रहे थे और जैसे ही में बुआ के साथ अकेली रहती तो वो बीच में आ जाते ताकि में उनको कुछ बता ना सकूं और उस रात अंकल ने एक चाल चली ताकि में बुआ के साथ ना सो सकूं. “Desi Parivarik Sex Kahani”
उन्होंने कहा कि आज हम बरामडे में सोते है ताज़ा खुली हवा में, लेकिन बुआ ने साफ माना किया, लेकिन में और सुधीर राज़ी हो गये और हम तीनों रात को बाहर सो गये. सुधीर मेरे और अंकल के बीच में सोया हुआ था. अंकल बार बार उठकर मुझे देखते और में सोए होने का नाटक करती और फिर आख़िर में मुझे नींद आ ही गयी.
उसके बाद अंकल सोए या दिशा के पास गये यह में नहीं जानती. दूसरे दिन अंकल मेरे साथ जब भी अकेले बैठने आते तो में कोई ना कोई बहाना बनाकर वहां से चली जाती. उन्होंने शायद इस बात पर गौर किया और उस रात भी हम बाहर ही सोने वाले थे.
सुधीर जल्दी सो गया और में कुछ देर बुआ के साथ बात कर रही थी. अंकल बार बार रूम के आस पास घूमते रहते सुधीर कल की तरह बीच में सोया हुआ था तो में एक किनारे में सोई थी और अब अंकल बैठकर सिगरेट पी रहे थे. कुछ देर बाद वो उठकर कही पर चले गये और वो जब कुछ देर तक नहीं आए तब में समझ गई कि वो दिशा के रूम के अंदर होंगे. “Desi Parivarik Sex Kahani”
में उठी और चुपचाप पीछे की साईड के दरवाज़े से अंदर चली गई, लेकिन उस क्वॉर्टर का दरवाज़ा बंद था और अंदर की लाईट भी बंद थी. में जल्दी से खिड़की की तरफ गई और मैंने जब खिड़की खोलनी चाही तो वो एकदम टाईट बंद थी और में उसे ज़ोर से धक्का देने लगी.
तभी पीछे अंकल की आवज़ आई तुम यह क्या कर रही हो? मेरी जान निकल गई और में एकदम से डर गई क्योंकि अब अंकल ठीक मेरे पीछे खड़े हुए थे, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और वहां से झट से चली गई. में समझ गई कि वो अब यह बात समझ गये है कि में वहां पर क्यों आई हूँ.
फिर में जाकर चुपचाप सो गई और में अभी कुछ देर पहले रंगे हाथ पकड़ी गई थी तो अंकल भी कुछ देर बाद अंदर आ गए और उन्होंने सुधीर को किनारे पर धकेल दिया और खुद बीच में सो गये बिल्कुल मेरे पास में. फिर मैंने देखा कि सुधीर गहरी नींद में था इसलिए ना उसे कुछ समझ आया और ना ही वो हिला था, लेकिन में अब बिल्कुल सतर्क हो गई थी. “Desi Parivarik Sex Kahani”
उन्होंने मुझसे धीरे से पूछा कि तुम वहां पर क्या कर रही थी? में अब नींद में होने का नाटक करने लगी, लेकिन उन्होंने फिर से मुझे हिलाकर पूछा और मैंने नींद में धीरे से कहा कि हाँ. उन्होंने कहा कि मुझे पता है तुम जाग रही हो और सोने का नाटक मत करो और मुझे सच सच बताओ कि तुम वहां पर क्या कर रही थी?
तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, उन्होंने कहा कि अब झूठ मत बोलो, लेकिन में अब भी एकदम चुप रही. फिर से बोले क्यों तुम वहां पर क्या देख रही थी? में फिर चुप रही. अब वो मेरे एकदम करीब आए और बोले कि क्या देखना था तुम्हे? तो मैंने बहुत डरते हुए कहा कि कुछ नहीं, वो बोले कि अच्छा तो फिर तुम उस दिन क्या देख रही थी?
में बिल्कुल चुप रही, लेकिन तभी उन्होंने मुझसे गुस्से से कहा कि बोलो. मैंने नींद में कहा कि आपको वो सब पता है ना और में अपनी बाई तरफ मुड़कर सो गयी. उन्होंने मुझे पकड़कर घुमाया और बिल्कुल सीधा कर दिया और कहा कि जवाब दो. मुझे वो उस समय बहुत गुस्से में थे और में बहुत डर रही थी.
मैंने भी घबराहट में कहा कि प्लीज अब आप मुझे सोने दीजिए वरना में बुआ को बताउंगी, तो वो बोले कि बोल क्या बताएगी? लेकिन में चुप रही और वो बार बार पूछते गए, बता तू क्या बताएगी? उनके बहुत बार पूछने के बाद में बोली कि वही, तो वो बोले कि वही क्या? में बोली कि कुछ नहीं. “Desi Parivarik Sex Kahani”
वो अब बहुत प्यार से पूछने लगे बताओ ना बताओ में बिल्कुल भी गुस्सा नहीं करूँगा, प्रियंका मुझसे बात करो, में तुम पर गुस्सा नहीं करूँगा. तो मैंने कहा कि मुझे नींद आ रही है प्लीज अब आप मुझे सोने दीजिए. उस समय मैंने अपनी दोनों आखें बंद कर रखी थी. फिर वो बोले कि क्यों तुम मुझ पर गुस्सा हो? “Desi Parivarik Sex Kahani”
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में चुप रही. वो बोले कि क्या तुम अपने अंकल से ऐसे बात करोगी? यह बात कहकर वो मेरे एकदम करीब आए और मेरे मुहं को हिलाने लगे ताकि में आँख खोल दूँ और बोले कि आखें खोलो संजू, लेकिन मैंने आंख बंद रखी और अब वो अपना चेहरा मेरे चेहरे के एकदम करीब लाए और वो अपनी नाक को मेरी नाक से रगड़ने लगे.
हमारी बातें एकदम धीमी आवाज़ में हो रही थी. सुधीर नींद में बहुत मस्त में था और उसे हमारी बातों का कुछ भी पता नहीं था. फिर वो बोले कि तुम क्या मुझ पर गुस्सा हो संजू? प्लीज आखें खोलो और मुझसे बात करो, तुम्हारे प्यारे अंकल से बात करो.
अब वो कुछ देर तक मेरे जवाब के लिए रुके रहे, लेकिन में जब कुछ नहीं बोली तो वो मुझे होंठो पर हल्के से किस करने लगे. में चुप रही और उन्होंने फिर से किस करना शुरू किया, क्यों तुम्हे अच्छा लग रहा है? में अपने बाई तरफ मुड़ने लगी तो वो मुझ पर पूरी तरह से चढ़ गये.
मैंने नींद में कहा कि प्लीज अंकल ऐसा मत करो. वो बोले कि क्या हुआ? क्या तुम्हे पसंद नहीं क्यों बेटा? में तो बस तुमसे प्यार कर रहा हूँ. फिर अचानक से मेरे मुहं से निकल गया कि बुआ को पता चल जाएगा. “Desi Parivarik Sex Kahani”
फिर वो मुझसे पूछने लगे कि क्या पता चल जाएगा संजू? लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और बिल्कुल चुप रही और वो फिर से पूछने लगे कि बोलो क्या पता चल जाएगा? तो मैंने कहा कि आप क्या करते हो, झट से वो बोले हाँ बोला ना में क्या करता हूँ? में तो बस तुमसे बहुत प्यार कर रहा हूँ.
दोस्तों में अब कसमसाने लगी और वो अरे बेटा कहकर मुझे फिर से किस करने लगे और मुझ पर अपने आपको रगड़ने लगे. उतने में सुधीर ज़ोर से चीखने लगा. अंकल जल्दी से मुझ पर से उतर गये और अंकल ने उससे कहा कि अंदर जाकर सोना वो बाहर ठंड में ना सोए.
तो उन्होंने उसको उसका बिस्तर उठाने में मदद की और अंदर कमरे में रखकर आए और उन्होंने बाहर से दरवाज़ा बंद कर दिया और अब उनके लिए पूरी जगह खुली थी. मैंने जल्दी से अपने आपको सर से नीचे तक एक चादर से ढक लिया और अपने बाई और मुड़कर सोने का नाटक करने लगी. “Desi Parivarik Sex Kahani”
अंकल कुछ देर तक वहीं पर खड़े रहे और फिर मेरे पास में आकर लेट गये. फिर कुछ देर बाद वो मेरी चादर को खींचने लगे. मैंने चादर को कसकर पकड़ा हुआ था. उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा कि अरे मेरी जानू बेटा क्या हुआ? अब कितना गुस्सा करोगी? चलो में कुछ नहीं करूँगा. “Desi Parivarik Sex Kahani”
अब भी में वैसे ही रही और फिर वो मुझे गुदगुदी करने लगे, तो मैंने कहा कि सोने दीजिए ना अंकल वरना बुआ को बताउंगी. वो बोले अरे तुम कब से धमकी दिए जा रही हो चलो बताओ क्या बताओगी बुआ को? फिर उन्होंने ज़ोर से मेरी चादर खींची और अपने पास रख ली.
में एक हाथ से चादर ढूंड रही थी तभी उन्होंने मुझे फिर से झपट लिया और मेरा मुहं ज़बरदस्ती उनकी तरफ करके किस किया. मेरा हाथ उनके लंड की तरफ लगा तो मैंने महसूस किया कि वो सिर्फ़ अंडरवियर में थे. में जल्दी से धक्का देकर अपनी बाई तरफ सरकी और ज़मीन पर आ गयी.
तो वो ज़ोर से हंसने लगे और मुझे ज़िद्दी कहने लगे. में अभी भी अपने पेट के बल ज़मीन पर लेटी हुई थी और अब उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचना चाहा, लेकिन में नहीं हिली. फिर वो पीछे से मेरे ऊपर चढ़ गये और अब उन्होंने मेरी गर्दन पर एक किस कर दिया और बोले अब क्या करोगी?
मैंने नींद में होने का नाटक करके कहा कि मुझे सोना है तो वो कहने लगे कि ठीक है तुम सो जाओ में भी अब तुम्हे तंग नहीं करूँगा और वो मुझ पर वैसे ही लेटे रहे. फिर जब हम ऐसे ही लेटे रहे तो मेरी आँख लगने ही वाली थी कि वो मुझ पर धीरे से अपना लंड रगड़ने लगे.
में नींद में होने जैसे पड़ी रही और अब कुछ देर बाद वो थोड़ी ज़ोर ज़ोर से लंड को रगड़ने लगे. अब वो मेरी गर्दन पर धीरे से किस करने लगे और उन्होंने अपनी अंडरवियर को भी नीचे कर दिया था और अपना कड़क और खुला लंड मेरी साईड से मेरी गांड पर रगड़ने लगे और वो मेरा पजामा नीचे करने लगे. मैंने उन्हे बहुत रोकना चाहा. “Desi Parivarik Sex Kahani”
फिर वो मेरे कान के पास आए और बोले कि शीईईईइ तुम सो जाओ, में कुछ नहीं करूँगा. फिर उन्होंने मुझे गाल पर किस किया और वापस मुझ पर लेट गये और धीरे धीरे लंड रगड़ते रहे. मेरे थोड़ा शांत हो जाने के बाद वो धीरे धीरे मेरा पजामा नीचे सरकाने लगे, लेकिन अब मैंने कुछ नहीं कहा और उन्होंने पूरा उसे पूरा नीचे सरकाया और हल्के से मेरी गांड को चूमा. “Desi Parivarik Sex Kahani”
उन्होंने लगातार मेरी गांड पर बहुत सारे किस दिए और ऐसे करते करते मेरी पेंटी को भी उतार दिया. में उनसे एक बार फिर से मना करने लगी तो वो बोले कि अरे कुछ नहीं बस थोड़ा खुलकर सो जाओ. फिर उन्होंने मेरी पेंटी, पजामा मेरे पैरों से पूरी बाहर निकाल दी और अपनी भी अंडरवियर को उतार दिया.
वापस मुझ पर सोते वक़्त उन्होंने मेरी चूत पर एक किस कर दिया और वो मुझ पर सो गये और बोले कि देखा कुछ नहीं हुआ ना? तुम सो जाओ. वो मुझ पर लेटे रहे और उन्होंने अपना कड़क और लंबा लंड मेरी गांड की गली में दबा दिया था.
वो कुछ देर शांत रहने के बाद फिर से धीरे धीरे अपना लंड रगड़ने लगे और फिर धीरे से लंड मेरी चूत पर लगाकर उस पर धीरे से रगड़ने लगे और मेरी गर्दन पर किस करने लगे. उनकी अब स्पीड भी बढ़ गई थी और उनकी सासें भी तेज हो गई थी. उन्होंने कुछ देर बाद धीरे से अपना लंड रगड़ते रगड़ते चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया.
में नहीं नहीं करने लगी तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ा और अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया. उन्होंने मुझे कंधे से पकड़ रखा और अब धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. वो अब मेरी गर्दन को काटने लगे और ज़ोर से धक्के देने लगे. “Desi Parivarik Sex Kahani”
वो अपना बदन मेरे बदन पर ज़ोर ज़ोर से पटकने लगे क्योंकि उन्हे डर नहीं था कि कोई आएगा. हम बाहर थे और दरवाज़ा बाहर से बंद था और हमें आस पास देखने वाला कोई नहीं था. वो अब एकदम जोश में आ गये. फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर फैलाए और चोदने लगे.
फिर वो उठे और मुझे ज़ोर से उठाया और बिस्तर पर पीठ के बल डाल दिया और मुझ पर चढ़ गये. मेरी आखें अभी भी बंद थी. अब उन्होंने मेरे पैरों को फैला दिया और दोनों हाथों से उन्हे नीचे दबाए रखा और चोदने लगे. उन्होंने थोड़ा झुककर मेरे होंठो को काटा और ज़ोर के धक्के देने लगे. “Desi Parivarik Sex Kahani”
लेकिन एकदम ज़ोर से धक्का देते जिससे उनका लंड पूरा अंदर जाता और लंड वाला पूरा एरिया ज़ोर से मेरी चूत को लगता जिसकी वजह से मेरा लंड गहराईयों तक जाता जिससे मुझे दर्द होने लगा और में ऊपर नीचे होने लगी.
मैंने अपने पैर उठाए और उनके कंधे पर रख दिए. अब वो मुझे उसी स्टाइल में कुछ देर और चोदते रहे और कुछ देर बाद मेरे पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया. वो मुझ पर लेट गये और मुझे किस करते हुए मेरे नीचे वाले होंठ को चबाने लगे. वो बहुत थके हुए धीरे से हंसने लगे.
मेरी आखें अभी भी बंद थी और अब बोले कि बुआ को क्या बताएगी संजू? अंकल ने क्या किया? उन्होंने मुझे फिर से एक लंबा किस किया और वो मेरी शर्ट के बटन खोलने लगे तो में उनको रोकने लगी. फिर उन्होंने कहा कि में बस देख रहा हूँ संजू और उन्होंने बटन खोल दिए.
मैंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि रात को में बिना ब्रा के सोती हूँ और अब वाह संजू कहकर उन्होंने मेरे बूब्स को ज़ोर से मसला और उनको चूसा. फिर मेरी चादर को ज़ोर से दूर फेंक दिया और मेरे बदन पर से वीर्य को साफ किया और अपने लंड पर से भी और फिर मुझे मेरी पेंटी और पजामा पहनाया. “Desi Parivarik Sex Kahani”
में अब अपनी बाई और मुड़ गई और उन्होंने अपने कपड़े पहन लिए. हम दोनों ने अपने ऊपर एक ही चादर डाल ली और कहने लगे कि क्यों तुम्हे तो में बच्ची समझता था. तुम तो बहुत बड़ी हो गई हो, क्यों में सच कह रहा हूँ ना? में बिल्कुल चुप रही और अरे मेरी बेटी कहकर उन्होंने मेरा मुहं पकड़कर एक फ्रेंच किस किया और कहा कि सो जाओ और वो मुझसे लिपटकर सो गये.
दोस्तों अब में बहुत थक गई थी और अब क्या होना था? में भी सो गई. वो रात भर बीच बीच में मेरे बदन पर हाथ घुमाते रहे और मेरे बूब्स दबाते रहे, मेरी गर्दन को किस करते रहे, गाल को किस करते रहे और मेरी चूत पर उंगली घुमाते रहे. “Desi Parivarik Sex Kahani”
फिर दूसरे दिन से अंकल बिंदास हो गये क्योंकि वो घर में एक कुंवारी लड़की और एक शादीशुदा औरत को चोद चुके थे और कोई किसी को यह बात बताएगा भी नहीं इसलिए वो एकदम बिंदास हो गये, लेकिन अब उन्होंने दिशा पर से अपना पूरा ध्यान हटा दिया था.
और वैसे भी बुआ वहां पर थी तो वो ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि दिशा भी बुआ से बहुत डरती थी, लेकिन वो लोग बीच बीच में बात करते हुए जरुर दिखते और अब अंकल जब भी मेरे साथ होते तो मुझे बहुत ज़्यादा छूने की कोशिश किया करते थे. कभी मेरा कान चबाते, कभी गर्दन पर काटते, लेकिन किसी को कोई शक़ नहीं होता था क्योंकि सबको में बच्ची लगती थी. “Desi Parivarik Sex Kahani”
फिर उस रात के बाद वाली रात को बहुत ज़ोर से बारिश हुई इसलिए हम बाहर नहीं सोए और में अंदर कमरे में बुआ के साथ सोई और उस रात भी अंकल चुपचाप सोए या दिशा के पास गये मुझे कुछ भी पता नहीं था. दूसरे दिन घर पर पूजा थी और उस दिन धीरू भी लौट आया था.
उसके दुकान में चोरी का मामला अब पुलिस के हाथों में था. अब उसे अंकल और दिशा के बारे में पता चला या नहीं मुझे वो पता नहीं, लेकिन देखने से तो नहीं लगता था. दोस्तों पूजा वाली रात को हम बाहर सोए और सुधीर भी हमारे साथ सोया. उस रात भी सुधीर बीच में सोया था.
जब में गहरी नींद में थी तो मुझे अंकल का हाथ मेरी चूत पर महसूस हुआ और उस दिन की गड़बड़ के बाद में बहुत थक गई थी और अंकल के मेरे जिस्म पर हाथ घुमाने पर भी में जल्दी नहीं जागी. उन्होंने मेरा नाईटसूट और पेंटी को नीचे से सरका दिया और फिर मेरी चूत चाटने लगे.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन मेरी आखों में बहुत गहरी नींद थी और उन्होंने अपने सर पर एक चादर ओढ़ ली थी ताकि सुधीर अगर जागे तो उसे कुछ ना दिखे. अंकल सब कुछ चुपचाप कर रहे थे और हम दोनों बिल्कुल भी आवाज़ नहीं कर रहे थे और अब मुझे सुधीर का डर था इसलिए मैंने आखें खोल दी. “Desi Parivarik Sex Kahani”
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अंकल फिर मेरे ऊपर आए और मेरे मुहं में अपना लंड घुसाया और चुसवाया. वो चादर के अंदर रहते हुए मेरे पैरों के बीच आकर चोद रहे थे. में भी धीरे धीरे उनके साथ सेक्स में खुल रही थी और वो जब मुझे चोद रहे थे तब सुधीर हमारी तरफ मुहं करके सोया हुआ था. अंकल उठे और मेरे पास में लेट गये और चादर से ढकते हुए मेरे कंधो को पकड़े हुए मुझे ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे और वीर्य गिरने के बाद हम बहुत देर तक किस कर रहे थे. दोस्तों उस दिन में भी उन्हें किस कर रही थी और वो मेरे बूब्स को भी बहुत देर तक चूस रहे थे.
बचे हुए तीन दिनों में से हमने अगले दो दिन कुछ नहीं किया और उसके बाद हमने एक रात पहले सब कुछ किया. इस बार मैंने घुटनो के बल होकर डॉगी पोज़िशन में भी सेक्स किया. सुधीर हमारे पास में ही सोया हुआ था और एक बार सेक्स करके सो जाने के बाद रात को तीन बजे अंकल ने फिर से मुझे जगाया और हमने इस बार खड़े होकर सेक्स किया और आखरी रात होने के कारण हमने चुदाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. घर पर लौटने के बाद हमने फिर कभी सेक्स नहीं किया.