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प्रदीप अपनी बहन की सहेली भावना पर फिदा हो चुका था तो उसने अपनी बहन नूतन को अपनी सहेली के साथ दोस्ती करने और उसको पटाने का प्लान बनाया. नूतन यार अपनी सहेली से मेरा परिचय तो करवा दो ना? वो मुझे बहुत पसंद है और अगर वो मान जाए तो उसको तेरी भाभी बना लूँ, सच बहना. Badi Mast Chuchi Porn
असल में भावना को नूतन भी बहुत पसंद करती थी और उसके साथ लेस्बियन सेक्स करने की इच्छा करती थी. अगर एक औरत की दूसरी औरत के साथ शादी हो सकती तो नूतन अपनी सहेली से शादी कर लेती, लेकिन प्रदीप के शब्दों ने उसको एक नई उम्मीद दे दी, अगर मेरी शादी भावना से नहीं हो सकती तो क्या हुआ?
उसको सारी उम्र भाभी बनाकर तो साथ रख सकती हूँ ना? फिर नूतन ने सोचा कि ठीक है भैया, में कल रात के खाने पर भावना को बुला लेती हूँ. भावना एक 21 वर्षीय, गोरी, बहुत सेक्सी लड़की थी. उधर नूतन भी स्लिम लड़की थी, जिसका रंग सांवला था और गांड और चूची मस्त थी.
अगले दिन प्रदीप रात को शराब की बोतल ले आया और उसने भावना और नूतन दोनों को भी पिला दी. जब वो खाना शुरू करने वाले थे तो प्रदीप ने भावना को बाहों में भरकर चूम लिया और कहा कि भावना मुझसे शादी करोगी? तो भावना नशे में बोल गयी कि माँ राज़ी हो जाए तो आपसे शादी करके में बहुत खुश रहूंगी, आप जैसा पति और नूतन जैसी ननद मुझे कहाँ मिलेगी?
फिर नूतन ने भी भावना को बाहों में भरकर उसके होंठ पर किस कर लिया और फिर नूतन अपनी सहेली के नरम होंठ चूसने लगी और भावना के हाथ नूतन के सीने से टकराने पर दोनों के जिस्म में एक तेज़ आग भड़कने लगी.
फिर प्रदीप दिलचस्पी से अपनी बहन और होने वाली पत्नी के बीच का सीन देख रहा था और अपनी बहन और अपनी होने वाली पत्नी को कामुक अवस्था में देखकर उसको आनंद आ रहा था और उसका लंड भी खड़ा हो रहा था. फिर रात के 11 बजे पार्टी ख़त्म हुई और भावना घर चली गयी.
फिर प्रदीप जब सोने जा रहा था तो उसने देखा कि नूतन के रूम में लाईट अभी भी जल रही थी तो नशे की हालत में वो अपनी बहन के रूम में लाईट बंद करने गया तो उसके दिल की धड़कन रुक गयी और नूतन शीशे के सामने खड़ी होकर कपड़े बदल रही थी, उसकी पीठ प्रदीप की तरफ थी.
जब उसने अपनी बहन को सिर्फ़ पेंटी में खड़े पाया तो प्रदीप का लंड 90 डिग्री पर खड़ा हो उठा था. नूतन का दूधिया जिस्म काली सिल्क पेंटी में ग़ज़ब लग रहा था, उसके चुत्तड का उठान, पतली कमर, काले बाल और नंगी पीठ देखकर प्रदीप पागल हो गया.
तभी नूतन मुड़ी और उसने अपनी पेंटी को नीचे सरका दिया और नूतन का उभरा हुआ सीना, बड़ी मस्त चूची, उस पर भूरे निप्पल जो कि खड़े थे और ताज़ी शेव की हुई चूत जो कि डबल रोटी की तरह फूली हुई थी, यह देखकर प्रदीप की सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गयी.
अब उसका हाथ अपने आप लंड पर चला गया और लंड को हिलाने लगा और सोचने लगा कि काश नूतन मेरी बहन ना होती और में उसको चोद लेता, हे भगवान तुमने मेरी बहन को इतना सेक्सी क्यों बनाया है? और अगर बना ही दिया है तो भगवान मुझे बहनचोद बना दो.
अब नूतन की आँखों में भी वासना के लाल डोरे थे और उसका एक गोरा हाथ उसकी चूत को ठपठपाने लगा था और दूसरा हाथ अपनी चूची को मसलने लगा, मुझे भी भैया जैसा मस्त मर्द दे दो भगवान, मेरी किस्मत भी मेरी सहेली जैसी बना दो भगवान, मुझे भी भैया जैसा लंड दे दो, जो मेरी चूत की आग बुझा डाले और मुझे मसल कर रख दे, ये नूतन के मन की पुकार थी.
अब उसकी एक उंगली उसकी भीगी चूत में घुस गयी तो प्रदीप ये देखकर ज़ोर-ज़ोर से मुठ मारने लगा और उसके लंड ने ढेर सारे वीर्य की उल्टी कर दी. अब शर्मिंदा हुआ प्रदीप अपने रूम में जाकर सो गया और फिर सुबह नूतन उसको अजीब नज़रों से देख रही थी.
और अपनी बहन को छोटी सी नेकर और पारदर्शी टी-शर्ट में देखकर प्रदीप का लंड फिर से खड़ा होने लगा था और उसको अपनी बहन की चूची तो भावना की चूची से भी मस्त लग रही थी. फिर नूतन की नज़र भी भैया के पजामे के उभार पर गयी तो वो मुस्कुरा कर बोली कि भैया क्या हुआ कल नींद ठीक से आई ना?
तो मुझे लगा कि कोई मेरे रूम में देख रहा था, लेकिन आप तो अपने रूम में थे. खैर आप तैयार हो जाए तो आज भावना की माँ से मिलकर आपकी शादी की तारीख भी पक्की करनी है, आपकी शादी में जितनी देरी होगी उतना ही आप व्याकुल होंगे, क्यों भैया?
नूतन ने ये कहते हुए अपने भाई को अपने सीने से लगा लिया. इससे पहले कि प्रदीप का लंड उसकी बहन की चूत पर दस्तक दे डाले, वो घबराकर बाथरूम में चला गया. अब उसकी आँखों के सामने से अपनी बहन की चूत, चूची और गांड का सीन हट नहीं रहा था और उसने अपनी सेक्सी बहन नूतन को याद करते हुए एक बार फिर से मुठ मार डाली.
फिर भावना की माँ शादी के लिए मान गयी और उसी हफ्ते रविवार को प्रदीप और भावना की शादी मंदिर में हो गयी. नूतन ने अपने हाथों से भैया की सेज सजाई, जब वो सेज फूलों से सज़ा रही थी तो उसके मन में अपनी भाभी का नंगा जिस्म और उसके ऊपर भैया चढ़े हुए उसको नज़र आ रहे थे, हे भगवान आज मेरी सहेली की सील मेरे भैया का लंड तोड़ डालेगा, भावना कितनी खुश किस्मत है.
उसके बाद वो सीधी अपनी भाभी के पास गयी और उसके गले में बाहें डालते हुए बोली कि भाभी जान क्या सुहागरात की तैयारी हो गयी? पिच तो साफ कर ली ना? देख लेना अगर पिच पर घास हुआ तो भैया कहीं पहली बॉल पर ही आउट ना हो जाए और पिच ऐसी होनी चाहिए कि जिस पर भैया जमकर बैटिंग कर सके.
भावना कुछ नहीं समझी थी तो नूतन बोली कि भाभी में चूत की बात कर रही हूँ, अपनी चूत की शेव की है या नहीं. मैंने सुना है कि मर्द लोग साफ चूत ही पसंद करते है लाओ मुझे दिखाओ वो खुश किस्मत चूत जिसको आज भैया चोदेंगे. ये कहते ही ननद ने भाभी की साड़ी ऊपर उठा डाली और पेंटी नीचे सरका दी, भावना की चूत पर छोटे-छोटे बाल थे.
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फिर ननद ने भाभी की चूत पर हाथ फेरते हुए कहा कि भाभी अपने कपड़े उतारो और बाथरूम में आओ और आपकी सुहागरात की तैयारी भी मुझे ही करवानी पड़ेगी. फिर भावना गुस्से में बोली कि नूतन ये क्या कर रही हो, तुझे शर्म नहीं आती? में तेरे भैया की पत्नी हूँ तो नूतन बोली कि फिर भी तैयारी तो करनी होगी ना.
फिर वो अपनी भाभी को खींचकर बाथरूम में ले गयी और भावना को फर्श पर लेटाते हुए बोली कि भाभी अब अपनी ननद के सामने टाँगें खोल दो और में तुझे चोद नहीं सकती, क्योंकि मेरे पास भैया जैसा लंड नहीं है और में तो बस इस प्यारी सी चूत की शेव करने आई हूँ, ओह भाभी खोल दो अपनी टाँगे प्लीज.
फिर नूतन ने भावना की चूत पर पानी लगाकर शेव क्रीम लगाई और रेज़र लेकर चूत के बाल साफ करने लगी. नूतन के स्पर्श से भावना उत्तेजित हो गयी थी और वो सिसकियाँ लेने लगी थी, अहह नूतन ऐसा मत करो, प्लीज मत छुओ मुझे, मुझे शर्म आ रही है, ऊऊहह नूतन ये क्या कर रही हो?
लेकिन नूतन रेज़र चलाती रही जब तक की भाभी की चूत मक्खन जैसी मुलायम नहीं हो गयी. वाह कितनी प्यारी चूत बन गयी है मेरी भाभी की, दिल करता है इसको चूम लूँ, ये कहते ही ननद ने भाभी की चूत को चूम लिया. फिर भावना की उत्तेजना इतनी बढ़ चुकी थी कि चूत के रस की कुछ बूँदें ननद के होंठों पर जा गिरी.
और नमकीन स्वाद से अपने होंठों को चूसते हुए नूतन बोली कि भाभी इस नमकीन चूत रस का स्वाद रात को भैया को भी चखा देना, क्योंकि उसके बाद भैया इस चूत में लंड डालने वाले है. फिर नूतन ने चूत को पानी से धोया और फिर लोशन लगाया तो चूत खुशबू से महक उठी, चलो भाभी अब भैया के पास जाने को तैयार हो जाओ, वो भी बहुत बेताब हो रहे होंगे.
फिर रात को प्रदीप भावना को लेकर अपने रूम में चला गया और लाल साड़ी में अपनी बीवी को देखकर सुहागरात के सपने उसकी आँखों में चमक उठे. उसने भावना को अपनी बाहों में लिया ही था कि दरवाज़ा खुला और नूतन दूध का ग्लास लेकर रूम में दाखिल हुई और बोली कि भैया वैसे तो मुझे मालूम है कि आप आज बहुत दूध पीयेंगे, लेकिन अपनी बहन का ये दूध भी पी लेना.
फिर नूतन की नज़र अपनी भाभी के उभरे हुए सीने पर थी तो भाभी ने शर्म के मारे अपनी नज़र झुका ली और प्रदीप अपनी बहन के पीछे भागा और नूतन आगे भागी और रूम से निकलने से पहले प्रदीप अपनी बहन के उभरे हुए चूतड़ पर थप्पड़ लगाने में कामयाब हो गया. अब नूतन के बाहर जाते ही प्रदीप ने रूम अंदर से लॉक कर लिया और अपनी पत्नी को बाहों में लेकर चूमने लगा.
अब प्रदीप के हाथ तेज़ी से भावना के बदन पर चलने लगे थे और अपनी उत्तेजित पत्नी को और उत्तेजित करने लगे थे. भावना तुम आज बहुत सेक्सी लग रही हो और आज में मेरे सारे अरमान पूरे करूँगा, तेरे बदन का एक-एक इंच चूम लूँगा, तेरी गोरी चूची को चूस लूँगा, तेरे होंठों का अमृत पी लूँगा और में तुझे इतना प्यार करूँगा कि कल तो तू ठीक से चल भी नहीं पाओंगी.
अब चल पहले अपने कपड़े उतार डाल और मुझे अपना नंगा जिस्म दिखा तो भावना का जिस्म जल रहा था, क्योंकि उसको भी मर्द का सुख पहली बार मिलने वाला था, उसने भी लंड लेने के सपने देख रखे थे और आज प्रदीप उसको चोदकर सम्पूर्ण औरत बना देने वाला था.
फिर प्रदीप ने अपनी पत्नी को नंगा करना शुरू कर दिया. उसने उसकी साड़ी और ब्लाउज उतार दिया और फिर भावना को सिल्क पेंटी और ब्रा में देखकर पागल हो गया. फिर जब प्रदीप ने भावना की ब्रा हटाई तो उसकी मस्त चूची बाहर आ गयी, जिसको प्रदीप ने भी अपने हाथों में भर लिया.
फिर भावना ने आँखें बंद करके कहा कि प्रदीप मत तड़पाओ, दिल बहुत घबरा रहा है, ऊफ्फ्फ प्रदीप ये क्या कर रहे हो? लेकिन प्रदीप ने उसकी पेंटी नीचे सरका डाली. अब उसी की बहन ने जिस चूत की शेव की थी वो प्रदीप की नज़र के सामने थी और उसकी प्यारी सी चूत से चूत रस की बूँद टपक रही थी.
फिर प्रदीप बोला कि वाह भावना तूने अपनी चूत मेरे लिए साफ करके रखी है क्या? में इसका रस पीने को तड़प रहा हूँ, ये कहते ही प्रदीप ने अपना मुँह झुकाया और चूत का रस चाट लिया. फिर भावना बोली कि प्रदीप इसकी शेव मैंने नहीं की, नूतन ने की है और उसी ने ही बताया कि मर्द लोग शेव की हुई चूत पसंद करते है, उसने तो इसको चूमा भी था और जिस चूत को पहले बहन ने चूमा था और अब भाई चूम रहा है.
फिर प्रदीप इस रहस्य उद्घाटन से हैरान रह गया, क्या मेरी बहन ने मेरी बीवी को नंगा देखा है? उसकी चूत को चूमा है? इन ख्यालों से उसका लंड और भी अकड़ गया. अब एक पल के लिए उसकी आँखों के सामने अपनी बहन का नंगा जिस्म घूम गया और उसने भावना की चूत को हाथों में मसल दिया और खुद को नंगा करने लगा.
अपने पति के खड़े लंड को देखकर भावना वासना से पागल हो गयी और काली काली झाटों में उभरा हुआ 7 इंच का लंड उसको पागल बनाने लगा. अब प्रदीप नंगा होकर बेड पर आ गया और जब उसने भावना के कंधे पर हाथ रखा तो वो मुस्कुरा पड़ी और अपने पति की जांघों को सहलाने लगी.
फिर प्रदीप ने भावना की चूची को पकड़कर मसल दिया और भावना भी आगे झुक गयी. फिर दोनों के होंठ एक दूसरे को किस करने लगे. फिर उन दोनों के जिस्म एक दूसरे से लिपटने लगे, ओह्ह भावना, मेरी जान तू कितनी हसीन है, तेरा हुस्न कितना दिलकश है. मैंने आज तक ऐसी चूची नहीं देखी, मुझे अपनी चूची चूस लेने दो, मुझे निप्पल चूस लेने दो मेरी भावना.
फिर प्रदीप अपनी बीवी की निप्पल को चूसने लगा था और भावना ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी और मज़े से कह रही थी, हह्ह्ह्हह मेरे मालिक, चूस ले मेरी चूची को आज तेरी बीवी हर काम के लिए हाज़िर है, मेरा जिस्म तेरा है, तू ही मेरा मालिक है, ज़ोर से चूस मेरी चूची को, मेरी जांघों में मेरी चूत जल रही है, मेरी चूत अपना रस छोड़ने लगी है, मेरे निप्पल चूस लो मेरे मालिक.
फिर प्रदीप का हाथ भावना की जांघों के बीच होकर चूत पर चलने लगा और प्रदीप के हाथ ने एक हल्की सी थप्पड़ उसकी गर्म चूत पर लगा दी और भावना के मुँह से हल्की सी सिसकी निकल गयी, ऑश प्रदीप बहुत मज़ा आ रहा है और ज़ोर से हाथ मारो मेरी चूत पर, मुझे मज़ा आ रहा है, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा, प्रदीप अब मुझे चोद डालो.
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फिर प्रदीप ने अपनी बीवी की चूची पर तमाचा मारा और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, भावना की चूत तो पहले से ही रस से भीगी हुई थी. फिर भावना ने अपनी टाँगें चौड़ी कर ली और प्रदीप आराम से उंगली के साथ अपनी बीवी को चोदने लगा. अब दो नंगे जिस्म पलंग पर मचल रहे थे.
प्रदीप अब धीरे-धीरे अपना मुँह अपनी बीवी की चूत की तरफ बढ़ाने लगा तो वो उसके मुँह से अपनी बीवी की नमकीन चूत के रस को चाटने के लिए लार टपका रहा था. भावना की गोरी जांघे और खुल गयी और प्रदीप का मुँह उसकी चूत में समा जाने की कोशिश करने लगा.
उसकी जीभ चूत की दीवारों को चाटने लगी थी, अहह प्रदीप, मेरे मालिक, मेरी चूत झड़ रही है, मेरे रस को पी जाओ, मेरी चूत में पूरी तरह से अपनी जीभ पेल दो, आआहह में मरी जा रही हूँ. फिर प्रदीप अपनी पत्नी के ऊपर लेटकर उसकी चूत को चाटने लगा और उसका लंड भावना के मुँह के सामने आ गया.
अब भावना ने अपने पति के लंड पर हाथ फेरा और फिर उसकी लंबाई पर अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी और फिर लंड के सुपाड़े को चूसना शुरू कर दिया. अब प्रदीप को ऐसा मज़ा आने लगा था कि जो आज तक नहीं आया था और वो अपनी कमर उछाल-उछाल कर अपनी पत्नी के मुँह को चोदने लगा.
अब प्रदीप की ज़बान भावना के होल को चाटती हुई उसकी चूत की पूरी गहराई तक चली जाती और चूत के रस को चाट लेती, उसने अपनी भावना के चूतड़ जकड़ रखे थे और कभी-कभी उसकी ज़बान उसकी गांड को भी चाट लेती थी.
उधर भावना अपने पति का पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी तो प्रदीप को लगा कि वो झड़ जायेगा और अब पूरे कमरे से पच-पच की सेक्सी आवाज़ें आ रही थी. पति और पत्नी वासना की आग में दहक रहे थे और दुनिया को भूलकर चुदाई के मज़े लेने में व्यस्त थे, अब भावना की गांड भी ऊपर नीचे हो रही थी.
फिर उसने प्रदीप के अंडो को हाथों में मसल दिया तो प्रदीप की सिसकारी निकल गयी और उसकी पिचकारी निकल गयी जो कि उसकी बीवी के मुँह में जा गिरी. प्रदीप के लंड का कुछ रस उसकी पत्नी के मुँह से निकलकर उसकी चूची पर जा गिरा, अब प्रदीप के चूतड़ तेज़ी से उछल रहे थे और वो मज़े से भावना की चूत का रस चूस रहा था, तभी भावना की चूत ने भी पानी छोड़ दिया जो प्रदीप पी गया.
फिर वो दोनों कुछ देर में शांत हो गये. फिर कुछ देर तक वो दोनों नंगे पलंग पर एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे और अब वो दोनों शांत और संतुष्ट थे, लेकिन चुदाई का खेल अभी शुरू भी नहीं हुआ था. फिर भावना उठी और प्रदीप के लंड को फिर से चूसने लगी और बोली कि प्रदीप अब मुझे अपने लंड का असली मज़ा दो, में मेरी चूत चुदाई के लिए तड़प रही हूँ, आज से आप ही मेरे जिस्म के मालिक है और जैसे चाहो आप इसको चोदो.
फिर प्रदीप लेटा रहा और भावना उस पर चढ़कर उसके लंड को अपनी चूत पर रगड़ने लगी. फिर प्रदीप से जब रहा नहीं गया तो उसने अपना लंड ज़ोर से चूत में पेल दिया और चूत चिकनाई युक्त होने से लंड आसानी से अंदर चला गया. फिर प्रदीप ने अपने चूतड़ उछाले और उसका पूरा लंड उसकी बीवी की चूत में समा गया.
ऊफफफफ्फ़ प्रदीप आपका लंड कितना बड़ा है, इसने तो मेरी चूत को हिलाकर रख दिया, मेरी जान ही निकल गयी प्रदीप, ये कहते हुए भावना अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगी और प्रदीप भी जोश में आने लगा. फिर भावना के चूतड़ को प्रदीप ने कसकर पकड़ लिए और नीचे से धक्के मारने लगा.
फिर प्रदीप भावना की चूचियों पर ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगा तो भावना बड़बड़ाने लगी, चोदो मुझे मेरी जान और मेरी चूत का रस निकाल दो, अपने लंड से मेरी चूत की आग शांत कर दो, आपका लंड बहुत मस्त है और मुझे अपना बना लो. फिर प्रदीप ने एक उंगली भावना की गांड में घुसा दी और चूतड़ो पर हाथ फेरने लगा.
फिर वो अपने आप पर कंट्रोल खोने लगा था तो भावना बोली कि तुम अपना लंड बाहर निकाल दो. फिर प्रदीप ने अपना लंड बाहर निकाला और बोला कि अब हमें स्टाईल बदलनी चाहिए और तुम आगे की तरफ झुक जाओ, में तुझे एक कुत्तिया की तरह चोदना चाहता हूँ. फिर भावना बिना कुछ बोले कुत्तिया बनकर झुक गयी.
फिर प्रदीप ने उसकी गांड पर हाथ फेरा और चूतड़ों के बीच से लंड चूत में पेल दिया तो भावना सिसकारी ले उठी, आअहह प्रदीप जी मुझे चोद डालो, बहुत मज़ा आ रहा है, मेरे राजा ऐसे ही मेरी चूची मसलो, आपका लंड बहुत मस्त है. प्रदीप अपनी बीवी के शब्द सुनकर और भी जोश में आ गया और ताबडतोड़ धक्के मारने लगा.
और भावना की चूत के रस से भीगा लंड आसानी से उसकी चूत में जाने लगा था और भावना वासना के नशे में अपनी गांड पीछे धकेलने लगी थी. अब चुदाई की पच-पच की आवाज़ें पास वाले नूतन के रूम में भी सुनाई आ रही थी, जो अपने बिस्तर पर नंगी लेटी हुई अपने भाई और भाभी की सुहागरात की आवाज़ें सुनकर पागल हो रही थी.
उसकी साँसें भी तेज़ हो रही थी और उसके हाथ उसकी चूत को मसल रहे थे और उसके मन की आँखों के सामने उसके भैया का लंड उसकी भाभी की चूत में घुस रहा था और वो बेचारी अपनी उंगली से ही अपने आपको चोद रही थी, उसने पहले एक, फिर दो और फिर तीन उंगलियाँ चूत में डाल दी थी.
प्रदीप का अधिक देर तक रुक पाना संभव नहीं था, क्योंकि भावना भी चूतड़ धकेल-धकेल कर चुदाई का आनंद ले रही थी. फिर उसने अपना एक हाथ पीछे ले जाकर अपने पति के अंडकोष पकड़ लिए और मसल दिए, अहह भावना में झड़ रहा हूँ, ऊऊहह बहनचोद मेरा लंड झड़ रहा है, मेरी रानी में जा रहा हूँ.
उधर भावना की चूत भी पानी छोड़ रही थी और जब प्रदीप ने उसकी चूत पर हाथ फेरा और उसका होल रग़ड दिया तो वो कराह उठी. क्योंकि चूत से रस का फव्वारा छूट पड़ा, आह्ह्ह्ह में गयी, में झड़ी, आआहह प्रदीप में झड़ी, अब प्रदीप का लंड पानी छोड़ रहा था.
तो उसने लंड चूत से बाहर निकाला और मुठ मारने लगा और उसके लंड रस की धारा सीधी भावना के मुँह पर और पेट पर जा गिरी और चूत रस भावना की चूत से होता हुआ पलंग की चादर पर जमा हो गया. फिर ज़बरदस्त चुदाई के बाद वो दोनों एक दूसरे की बाहों में सो गये.
फिर सुबह 6 बजे भावना की नींद खुली तो उसने अपने आपको प्रदीप की बाहों में नंगा पाया और वो मुस्कुरा पड़ी. भावना की जाँघ प्रदीप की कमर के ऊपर थी और प्रदीप का लंड उसकी जाँघ पर ढीला सा सोया पड़ा था और वो ही लंड जिसने भावना की चूत का दम निकाल दिया था, वो ही अब सुस्त पड़ा हुआ था.
रात की चुदाई की याद ने उसको फिर से चुदासी कर दिया और उसका हाथ अपने आप पति के लंड पर चला गया और भावना के स्पर्श से लंड महाराज ने क़िसी नाग देवता की तरह सर उठाया और चुदासी पत्नी ने नाग देवता को हाथ में थाम लिया और वो उसको सहलाने लगी और सोचने लगी कि ना जाने लंड महाराज आज क्या दिखाने वाले है?
फिर भावना ने झुककर लंड को चूम लिया और झांटो से घिरे अंडकोष पर हाथ फेरने लगी, अब उसकी चूत रानी भी मस्त हो उठी और लंड महाराज को अंदर लेने के लिए तड़प उठी. फिर दो तीन बार जब उसने लंड को चूसा तो प्रदीप की आँख खुल गयी.
फिर अपनी पत्नी को लंड की चुसाई करते हुए देखकर प्रदीप बहुत खुश हुआ और उसको ऐसी ही पत्नी की उम्मीद थी, जिसको हर वक्त लंड की भूख रहती हो. फिर प्रदीप ने उसकी चूची को पकड़ लिया और गांड पर हाथ फेरा. फिर भावना शरमाती हुई प्रदीप से लिपट गयी और उसके लंड से खेलने लगी.
फिर प्रदीप ने इस बार भावना को अपने लंड पर बैठा दिया और बोला कि रानी आज सुबह की शुरुवात तुम लंड की सवारी से करो, एक औरत की सबसे आनंदमय सवारी लंड की होती है और जब तुम मेरा लंड चूत में लेकर उछलोगी तो तुझे जन्नत का मज़ा मिलेगा.
फिर प्रदीप अपनी पत्नी की चूची को प्यार से मसलने लगा और अब चुदासी भावना भी मजे लेती हुई प्रदीप के ऊपर चढ़ गयी और चूत को खड़े लंड पर रगड़ने लगी. उसकी चूत तो पहले ही पानी छोड़ रही थी. फिर जब वो अपने पतिदेव को तड़पाती रही तो प्रदीप ने उसके चूतड़ जकड़ कर उसको अपने लंड पर खींच लिया और चुदासी चूत एक पल में ही सारा लंड खा गयी.
आआअहह प्रदीप धीरे से चोदो, बहुत मज़ा आ रहा है, मुझे नहीं पता था कि चुदाई में इतना आनंद मिलता है, पेल डालो अपना लंड मेरी चूत में, ऊऊऊहह में मर गयी, चोदो मुझे मेरे स्वामी. फिर प्रदीप ने भावना को अपनी तरफ खींचकर उसकी चूची को मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
फिर भावना और भी ऊँची आवाज़ में सिसकियाँ भरने लगी, क्योंकि अब प्रदीप का लंड उसके गर्भाश्य से टकरा रहा था. अब भावना अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुदाई करने लगी थी और अब प्रदीप की ज़बान जब उसकी चूची को चूसती तो वो पागलों की तरह हाँफने लगी और बड़बडाने लगी.
फिर प्रदीप ने ज़ोर से उसकी गांड पर तमाचा मार दिया और बोला कि इतना शोर क्यों मचा रही हो रानी? आवाज़ कम करो, कहीं नूतन ना सुन ले और मेरी बहन क्या सोचेगी? भावना की सिसकियाँ जारी रही और वो बोली कि राजा चोद डालो मुझे, नूतन क्या सोचेगी?
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वो सोचेगी कि उसका भाई उसकी भाभी को जन्नत दिखा रहा है और आपकी बहन भी तो जवान है, उसको भी तो लंड की ज़रूरत है और वो भी लंड के सपने ले रही होगी. अब तो नूतन के लिए भी लंड का इंतजाम करना होगा. फिर प्रदीप को अपनी बहन की बात सुनकर अजीब लग रहा था, लेकिन उस वक्त उसका लंड अपनी पत्नी की चूत में घुसकर उसको मज़े दे रहा था और वो मस्त चुदाई कर रहा था. अब भावना कुत्तिया की तरह हाँफ रही थी.
जब प्रदीप का हाथ उसके चूत के दाने पर लगा तो उसका पानी निकलने लगा और भावना बोली कि प्रदीप चोद मुझे, भर दे मेरी कोख, बना दे मुझे माँ, चोद मुझे, में झड़ रही हूँ, उईईइ माँ में मर गयी और प्रदीप का पानी भी निकल गया और लंड ने पिचकारी चूत में मार दी और कुछ रस चूत से बाहर निकलकर भावना की जांघों पर चला गया. जब चुदाई चरम सीमा पर चल रही थी तो नूतन भावना की सिसकियाँ सुनकर उठ गयी और उसने सोचा कि भैया सुबह की पारी शुरू कर चुके है, काश मुझे भी कोई चोदने वाला होता तो मुझे भी चुदाई का मजा मिलता.