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मकान मालकिन की प्यास बुझाई

नवम्बर 7, 2024 by hamari

Rajasthani Sexy Bhabhi Chudai

मैं प्रीतम, 27 साल का हटा कटा नौजवान था। मुझे एक रूम की जरूरत थी और गाव के एक दंपति के यहाँ मेरा डील फाइनल हुई। महीने का 4000 रुपये किराया और 3000 रुपये खाने के। मैं स्टेशन से सीधा पहले घर गया। जहां मेरी मुलाकात अखिलेश से हुई जो मकान का मालिक था। 30 साल का सुंदर अच्छा कद काटी। Rajasthani Sexy Bhabhi Chudai

2BHK का मकान था अखिलेश का जहां वो अपनी बीवी सीमा (उम्र 26 साल रंग साफ़ मोहक शरीर) के साथ रेहता था। दोनों की शादी को 2 साल ही हुए थे। परिवार के सब लोगों की मौत एक एक्सीडेंट में हो गई थी कुछ साल पहले। मुझे छत पर एक कमरा दिया गया था।

छोटा सा शौचालय था, नहाने के लिए छत पर कोने में ही एक नल था, बाल्टी भरो और नहा लो। अखिलेश मुझे सब कायदे कानून समझा रहा था और सीमा पीछे घूंघट में खड़ी सुन रही थी। दारु मास मछली कुछ नहीं चलेगा। सिर्फ रिस्तेदार आ सकते मिलने घर पर कोई दोस्त या दफ्तर का साथी नहीं। वगैरह, वगैरह…

ये सब बता कर अखिलेश ने सीमा से बोला चाबी देने को कमरे की। सीमा थोड़ा घूमी और अपनी चोली में हाथ डाल चाबी निकालती है और अखिलेश को देती है। अखिलेश ने मुझे कमरा दिखाया और कहा रात 9 बजे खाना मिलेगा और चला गया।

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मैं सुबह 10 बजे काम के लिए निकलता। और चाबी सीमा भाभी को दे कर जाता ताकि थोड़ा साफ़ सफाई करवा दे वो कमरे की। और शाम 8 बजे आकर चाबी ले लेता। सीमा चाबी अपनी चोली में ही रखती हमेशा। धीरे धीरे हम एक दूसरे को जानने लगे और अखिलेश सीमा को मैं अपना सा लगने लगा।

हसी मज़ाक चलता बात होती अच्छे से। एक दिन अखिलेश ने बताया कि किसी कारोबारी मामले की वज़ह से उसे 10-15 दिन के लिये शहर जाना होगा। मैंने कहा आप आराम से जाओ मैं घर और भाभी का ध्यान रखूँगा। अखिलेश को गये 1-2 दिन हुए थे।

मैं शाम को दफ्तर से आया और सीमा से चाबी मांगी। वो हमेशा घूम कर पर्दा कर चाबी चोली से निकालती थी। पर आज ना वो घुमी ना पल्लू किया। अपना पल्लू हटाया और मेरे सामने ही चोली में हाथ डाल चाबी ढूढ़ने लगी। मेरी आंखे फटी की फटी रह गई नजारा देख कर। कसी हुई चोली जिसमें उसके गोरे गोरे दुध बाहर निकलने को बेचैन थे।

उसने चाबी निकाल मेरे हाथ में रख दी और कहा खाना तैयार है ले जाओ। मैं खाना ले कर ऊपर आ गया पर मेरे दिमाग में सीमा छा गई थी। रात भर मैं मूठ मारता रहा पर मन नहीं भरा। अगले दिन मैं सुबह चाबी देने गया और बिना कुछ ज्यादा बात करे दफ्तर निकल गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

तब तक मैं सीमा के इरादे पूरी तरह से समझा नहीं था। गाव का मामला है। कुछ ऊँच नीच हुई तो गाव वाले मुझे छोड़ते नहीं। उस शाम मैं वापस आया और सीमा को अवाज लगा चाबी मांगी। वो कमरे से बाहर आयी और बोली, “देवर जी आज आप खुद ही लेलो चाबी। मेरे हाथों पे तो मेहंदी लगी आज।“ ये बोल अपने मेहंदी वाले हाथ दिखाने लगी।

मैंने कहा, “अच्छा ठीक है, भाभी। कहाँ रखी है चाबी?”

“प्रीतम, तुम्हें तो पता है चाबी कहाँ होती है, लेलो ना!”

मुझे घबराहट सी हुई चाबी तो चोली में होती है। क्या ये मुझे चोली में हाथ डालकर निकालने को बोल रही?

“आप ही बता दो कहाँ रखी है मैं ले लुंगा,” मैंने फिर कहा।

“अरे कल आंखें फाड़ फाड़ देख तो रहे थे। जहां रखी थी हमेशा वहीं तो होती है चोली में। चलो जल्दी से निकालो और नहा धो लो। थक गये होंगे रात भर की मेहनत से,” और वो हस पडी।

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मैं सहमा सहमा आगे बड़ा और डरते डरते हाथ चोली की तरफ बढ़ाया। मैं चोली की साइड साइड में देख रहा था दो उँगली से पर कुछ नहीं मिला।

“अरे अंदर गिर गई होगी थोड़ा। और अंदर की तरफ देखो ना। शर्मा क्यू रहे हो?”

मैं थोड़ा उत्तेजित होने लगा। पेंट टाइट होने लगी और मैंने हाथ उसी उत्तेजना में अंदर डाला और सीमा के दुध को मेहसूस करने लगा। मैं चाबी ढूँढ रहा में भूल ही गया और उसके दुध को दबाने और मसलने लगा। वो मुस्करा रही थी। और उत्तेजना में जब मैंने जोर से उसके दुध दबा दिए तो उसके मुह से जोर से आह की आवाज निकली और मेरा नशा उतरा।

मैं घबरा गया और चाबी झट से निकाल ऊपर भाग गया। मेरा लंड जबरदस्त तरह से तना हुया था। ये सब सपना सा लग रहा था जो अभी मेरे साथ हुआ। और डर लग रहा था कि कहीं सीमा अखिलेश को सब बता ना दे। पर लंड को शांत करने के लिए पहले मूठ मरना बहुत जरूरी था।

रात को मैंने ना जाने कितनी बार मूठ मारी की याद नहीं। और कब सो गया पता नहीं। सुबह जब होश आया तो रात का किस्सा सोचते ही लंड फिर खंडा हो गया। मुझे समझ आया कि पहल तो सीमा ने करी है। मतलब आग वहाँ भी पूरी लगी है। मेरी हिम्मत बढ़ी और मैं नहा कर नीचे गया।

सीमा को अवाज लगा बोला, “भाभी चाबी ले लो।”

वो बाहर आयी और हस्ते हुए बोली लाओ।

मैंने कहा, “खुद ले लो। आप भी खुद ले लो जैसे मैंने ली थी कल।”

ये बोल मैंने अपनी टीशर्ट ऊपर की और पाजामे में से हल्की सी चमकती चाबी दिखा दी। जैसे ही सीमा ने पाजामे की इलास्टिक से हाथ डाला चाबी अंदर चली गई। और सीमा ने बिना हिचके हाथ सीधा अंदर अंडरवियर में डाल दिया। व समय व्यर्थ ना करते होए सीधा मेरे हथियार को मसलने लगी जो की पहले से ही तना हुआ था।

वो मेरे कान के पास आकर बोली, “मुझे तो लगा था तुम रात को ही आकर अपनी प्यास बुझाओगे। कैसे काटी तुमने पूरी रात? अकेले मैं तो तड़पती करवट लेती रही। अब सुबह आए हों दफ्तर जाने के समय?”

मैंने कहा, “आज कोई दफ्तर नहीं जा रहा.”

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और ये बोल उसे बाहों में भरा और अंदर उसके बेडरूम में ले गया। मैं इतना उत्तेजित था कि एक पल नहीं रुक पाया और उसकी चोली और लहंगा उतार दिया। उसे ऊपर से नीचे चूमा फिर जी भर कर उसके दुध दबाये। वो सिसकियाँ ले रही थी। “आह, आह…” और एक हाथ से मेरा लंड सहला भी रही थी।

थोड़ी देर बाद वो बोली, “प्रीतम अब और मत तड़पाओ। अंदर डाल दो ना अब जानेमान।”

ये बोलते बोलते उसने मेरा लंड अपनी चुत की ओर किया और अंदर डालने का रास्ता दिखाया। मैंने बिना पल गंवाये सीधा एक बार में अपना 7 इंच का मोटा लंड पूरा अंदर घुसा दिया। उसकी हल्की सी चीख निकल गई तो मैंने माफ़ी मांगी गलती की।

“माफ़ करना जान मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हूं।”

“कोई बात नहीं, जानेमन, मैं भी अब तुमसे और दूर नहीं रह सकती। अब में पूरी तरह तुम्हारी हूं। तुम चिंता मत करो दर्द की। तुम बस ये आग बुझा दो मेरे जिस्म की।”

मुझे और जोश चड गया और मैं अपना मोटा लंड पूरी जोर से उसकी चुत के अंदर बाहर करने लगा। सीमा सिसकारी लेती रही। रात भर मैंने मूठ मारी थी। अब मेरा लंड इतनी जल्दी झड़ने वाला कहाँ था। काफी देर चुत मारते मारते मैं थकने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

तो उसे बोला, “चलो तुम अब ऊपर आओ मैं थक गया।”

“जानेमन, तुम तो असली मर्द निकले। मेरा तो दो बार हो भी चुका पर तुम तो घोड़े की तरह दौडे चले जा रहे।”

अब सीमा ऊपर आ गयी। और लंड वापस अपनी चुत में डाल अपनी गाँड हिलाने लगी। मैं अब उसके दुध पकड़ दोनों हाथों से मसलने लगा। और फिर उसे अपनी ओर थोड़ा खीच दुध को मुह में लिया। और चूमते चूमते चूसने लगा। वो फिर एक बार झड़ गई। उसका गरम रस को में मेहसूस कर रहा था पर मेरी अंदर की आग शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी।

“जानेमन, अब जल्दी करो ना। मैं भी थक रही हूँ। कब होगा तुम्हारा?”

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सीमा ने मेरे होंठ से होंठ मिलाये और मुझे फ्रेंच किस करने लगी। और मैं नीचे अपनी कमर से पूरी ताकत लगा अपना लंड उसकी चुत में अंदर बाहर करता रहा। मेरे हाथ उसके दुध पर कसने लगे और मैंने अपनी चोदने की स्पीड तेज कर दी। मेरी शारीर की सारी नसें जवाब देने लगी थी। और बस तभी मेरा लंड से पानी निकाल गया। मैंने सीमा को अपनी सीने से लगा लिया और लंड उसकी चुत में पूरा अंदर घुसा उसे चूमने लगा।

मन कर रहा था मेरा लंड उसकी चुत फाड़ और अंदर घुस जाए। काफी देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से चिपके पड़े रहे। मेरा लंड उसकी चुत में ही रहा। अभी भी एक दम तना हुया। हम दोनों का पानी बाहर बेह रहा। सांसे काबु में नहीं। अभी भी शारिरीक क्षमता पूरी समाप्त। पर मन की इच्छा अभी और प्यार करने की सीमा के इस सुन्दर शरीर को। सीमा ने मेरी पकड़ से अलग हुई।

लंड बाहर निकाल हाथ में लेकर बोली, “जानूं ये तो अभी भी भूखा लग रहा? जाओ थोड़ा गरम पानी से नहा लो। थोड़ा नाश्ता कर लेते हैं। जिस्म में थोड़ी जान आयेगी तो फिर प्यार करेंगे।”

“सीमा जानेमन आज पूरा दिन रात सिर्फ प्यार ही करना है। तुम हो ही इतनी बला की खूबसूरत।”

मैं उठा और फिर नहाने चला गया।

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Filed Under: Padosan Ki Chudai Tagged With: Blowjob, Boobs Suck, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Horny Girl, Kamukata, Mastaram Ki Kahani, Neighbor Sex, Non Veg Story, Sexy Figure

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  1. Rohit says

    नवम्बर 8, 2024 at 3:51 अपराह्न

    Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladie

  2. Arhaan says

    नवम्बर 20, 2024 at 8:32 अपराह्न

    Koi ho jo gaand marvanà cahti ho koi bhabi 91493 75261 watsapp no pelees m
    Ms me

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