Housewife Antarvasna Sex
मेरा नाम दीपेश हैं और मैं २८ वर्ष का हट्टा कट्टा जवान हूँ, रंग सांवला और दिखने में भी ठीकठाक हूँ. मैं गुरुग्राम में एक निजी बैंक में अच्छी नौकरी पर हूँ. तीन साल पहले मेरी शादी २४ साल की सुन्दर सांवले रंग की प्यारी सी लड़की रंजना के साथ हुई. रंजना एक छोटे गांव के गरीब और पुराने विचारों वाले घर से आयी थी इसलिए उसे चुदाई के बारे में कुछ भी ज्ञान नहीं था. Housewife Antarvasna Sex
दस दिन के हमारे हनीमून पर मैंने उसे चुदाई के सारे पाठ पढ़ा दिए थे. उस दौरान मेरा लंड चूसना, सिक्स्टीनाइन करना, घोड़ी बनकर चुदाई, मेरा उसकी चूत चाटना, ब्लू फिल्म देखकर उत्तेजित होना और फिर चुदाई करना रंजना ने सब अच्छे से एन्जॉय करना सीख लिया. शुरू शुरू में उसे मेरे वीर्य की एक बूँद चाटना भी अच्छा नहीं लगता था.
जब उसने देखा की मैं उसकी योनि से बहता हुआ कामरस पूरी तरह मजे से चाट लेता हूँ तबसे उसने मेरे लंड के वीर्यको चाटना, पीना और निगल जाना शुरू कर दिया. उसकी गदरायी हुई मदमस्त जवानी का मैं एकदम कायल हूँ और वो भी मुझे बिस्तर में पूरा मज़ा देती हैं.
कुछ पति सिर्फ अपने सुख के बारे में ही सोंचते हैं मगर मैं जोरदार चुदाई के साथ साथ रंजना की प्यारी और मीठी चुत का दाना चाटकर उसे बहुत आनंद दिया करता हूँ. चुत चाटने के बाद तो वह एकदम मदमस्त हो जाती हैं. जैसे कपडे में लपेटकर रसगुल्ले खाने का का मजा नहीं आता वैसे ही कंडोम लगाकर चुदाई करने में कोई मजा नहीं आता.
जैसे ही हमारी मंगनी हुई, अगले ही दिन मैंने उसे कॉपर-टी लगवाने को कहा. जब वो शादीकी खरीदारी के लिए गुरुग्राम आयी तभी उसने कॉपर-टी लगवा ली. इसलिए हम एकदम बिंदास होकर बिना कंडोम के दिन रात चुदाई कर लेते हैं. हम एक दूसरे के साथ खुल्लम खुल्ला सेक्सी बाते भी करते है.
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हम जब सिक्स्टीनाइन में एक दूजे को चाट और चूस कर मज़ा देते हैं तब मैं उसकी चुत का सारा पानी बड़े प्यार से चाटता हूँ और वह भी मेरा गाढ़ा वीर्य ख़ुशी ख़ुशी से निगल जाती हैं. हम सेक्सी मैगज़ीन पढ़कर और कभी कभी ब्लू फिल्में देखकर पूरी रात चुदाई करते हैं.
मेरे साढ़े छे इंच के लंड से मैं मेरी रंजना को बहुत मस्ती से चोदता हूँ और वह भी अपनी पतली कमर और मस्त गांड उठा उठा कर मस्त चुदवाती हैं. उसके ३८ इंच के भरे हुए और कठोर वक्ष सहलाने में, मसलने में और उसके निप्पल चूसने में उसे भी बड़ा मजा आता हैं.
इतने बड़े होने के बावजूद भी उसके वक्ष बिलकुल उन्नत रहते है. चुदवाने के समय कभी कभी मैं उसकी गांड की छेद में ऊँगली कर उसे और भी मस्त कर देता हूँ. मगर आज तक मैं उसकी गांड को चोदने में सफल नहीं रहा क्योंकि रंजना को गांड की चुदाई पसंद नहीं हैं. इसलिए मैंने भी कभी इस मामले में जबरदस्ती नहीं की.
समय के साथ चुदाई में आयी हुई बोरियत को दूर करेने के लिए हमने कालोनी के दुसरे जोडियों के बारे में सेक्सी बाते करना शुरू कर दिया. कोई एकदम माल लड़की दिखी तो रात को उसके बारे में बाते करते हुए चुदाई होती हैं और कभी कोई बाक़ा जवान मेरी रंजना रानी को पसंद आया तो वह उसके बारे में गन्दी गन्दी बाते करते हुए मुझसे चुदती हैं.
“वो शाम को पार्क में दिखी नीले टॉप वाली लड़की की चूचियां कितनी मस्त थी न डार्लिंग?”
“हां मेरे राजा, उसके निप्पल चूसने में तुम्हे बड़ा मज़ा आयेगा.”
“उसके साथ जो लड़का था वो तुम्हे बहुत अच्छे से चोदेगा रंजना रानी!”
“आह, एक ही बिस्तर पर चारों चुदेँगे तो क्या मज़ा आएगा, हैं न?”
सिर्फ मैं किसी लड़की के साथ या सिर्फ वो किसी आदमी के साथ चक्कर चलाकर सम्भोग का आनंद नहीं लेना चाहते थे. हम ऐसा शादीशुदा जोड़ा (कपल) खोजने लगे जिनके साथ मौज मस्ती की जाए और बात बन गयी तो आगे चलकर अदलाबदली करते हुए भरपूर चुदाई भी हो जाए.
मगर ऐसा कोई जोड़ा हमें पसंद नहीं आ रहा था. हमारे पडोसी तो बिलकुल ही हमारी पसंद के विपरीत थे. उनका तबादला हुआ और वह दिल्ली चले गए. कुछ दिनों तक तो बाजू वाला घर खाली रहा. रविवार के दिन एक सुबह के समय बड़ी सी ट्रक हमारे बिल्डिंग के सामने आकर खड़ी हो गयी.
उसमे से ड्राइवर के साथ एक हसीन २५-२६ वर्षीय युवक बाहर आया. यही हमारे नए पडोसी थे, उसका नाम वरुण था। उसका रंग काफी गोरा था, चौड़ा सीना और लगभग छे फ़ीट की ऊंचाई होगी. उसने बताया की उसकी पत्नी प्रिया अपने मइके गयी थी और कुछ दिनों के बाद आने वाली थी. उनका फर्नीचर बहुत ज्यादा था. मैंने उससे बातचीत की और फिर सामान लगवाने के लिए मजदूरों का बंदोबस्त किया.
तबतक रंजना ने बढ़िया सा खाना बनाया और हम तीनों ने साथ मिलकर भोजन किया. वह बड़ा ही मिलनसार और अच्छे स्वभाव का लग रहा था. रंजना ने आँखों आँखों में मुझे बताया की वरुण उसे पसंद आया है. मैं भी मन ही मन में सोच रहा था की इसकी पत्नी भी सुन्दर और सेक्सी हो तो इस नए पडोसी जोड़े के साथ मौज मस्ती करने के बारे में सोचा जा सकता हैं.
“वरुण, शाम के भोजन के लिए भी हमारे घर पर ही आ जाओ,” मैंने कहा.
वरुण ने कहा, “नहीं यार दीपेश, हम तीनो मिलकर किसी अच्छे से रेस्टारेंट में चले जाएंगे।”
जाहिर था की वो रंजना को और कष्ट नहीं देना चाहता. रंजना रानी तो एकदम खुश हो गयी. उसने नीले रंग की एकदम टाइट जीन्स और लाल रंग का स्लीवलेस टॉप पहना. उसका टॉप काफी लो कट था और उनमेसे उसके भरे हुए वक्ष उभर कर दिखाई दे रहे थे. रेस्टारेंट घर से थोड़ा दूर था इसलिए हम तीनो मेरी मोटरसाइकिल पर चल दिए.
चलाने वाला मैं, मेरे पीछे वरुण और उसके पीछे रंजना रानी. तीन सवारी होने के कारण सबको नजदीक एकदम चिपक कर बैठना पड़ गया और रंजना के मम्मे वरुण की पीठ पर गढ़ गए. डिनर के समय भी वह जान बुझ कर वरुण के सामने बैठ गयी और वरुण उसके उभारोंको छुप छुप कर देख रहा था।
“दीपेश और रंजना, यह देखो मेरी पत्नी की फोटो,” कहते हुए उसने अपने बटवे में से प्रिया की दो-तीन फोटो हमें दिखाई.
प्रिया तो बहुत ही सुन्दर गोरी और प्यारी लग रही थी. उसके भरे हुए स्तनों का आकार भी फोटो में साफ़ दिखाई दे रहा था.
उसके फोटो देखते ही मैं और रंजना ने आँखों आँखों में कह दिया की अब किसी भी हाल पर इस दम्पति को पटाकर अदलाबदली की चुदाई का मजा लेना ही चाहिए . रेस्टारेंट से वापिस आने के समय मैंने जान बूझ के वरुण को रंजना के और करीब लाने की तरकीब चलाई.
मैंने कहा, “वरुण, इतना अच्छा खाना खाने के बाद हम तीनों एक मोटरसाइकिल पर घर तक वापिस नहीं जा सकते. आप को तो घर का रास्ता मालूम नहीं इसलिए आप और रंजना ऑटो रिक्शा में बैठ कर घर आ जाओ. मैं अकेला ही मोटरसाइकिल पर निकलता हूँ.”
कोई भी मर्द मेरी सुन्दर और सेक्सी बीवी के साथ का मजा कैसे छोड़ देता?
उसने फट से कहा, “हाँ, दीपेश बात तो आप की सच हैं.”
हम दोनो ने रंजना की तरफ देखा. उसके तो मन ही मन लड्डू फूट रहे थे. मैं उन दोनोको एक ऑटो रिक्शा में बिठाकर घर चला आया. जब तीनों भी घर पर मिले तब वरुण बोला, “दीपेश, आप दोनो ने मेरी इतनी सहायता पूरे अपनेपन से की हैं, जैसे की हम आज नहीं, कई सालों के मित्र हैं.
मैं एक छोटे शहर से गुरुग्राम आया हूँ, मुझे थोड़ा डर लग रहा था. अब ऐसा लगता हैं की मैं और प्रिया आप दोनों के सबसे अच्छे दोस्त बन कर रहेंगे. आप कितने अच्छे हो और ख़ास कर रंजना जी ने तो मेरा बहुत अच्छा ख़याल रखा हैं. आज से आप लोग हमारे लिए सिर्फ पडोसी नहीं बल्कि एकदम अपने घरवाले है।”
इसके बाद वह अपने घर चला गया.
मैंने रंजना को बाहों में भरते हुए पूंछा, “रंजना रानी, ऑटो रिक्शा का सफर कैसा रहा?”
उसने कहा, ” बस हम दोनों चिपक चिपक कर बैठे थे और प्रिया के बारे में बाते कर रहे थे.”
मुझे लगा चलो अच्छा हैं, वरुण अच्छा सभ्यतापूर्वक और समझदार इंसान हैं. हम दोनों ने साथ में शावर किया और बैडरूम में घुस गए. रात में मैं जब रंजना के मम्मे चूस रहा था तब रंजना ने कहा, “दीपेश, लगता हैं की अपनी सेक्सुअल फैंटसी पूरी होने की उम्मीद हैं. वरुण तो बहुत ही हैंडसम हैं और फोटो देख कर ऐसा लगता हैं की उसकी पत्नी प्रिया बिलकुल तुम्हारी ड्रीम गर्ल हैं, गोरी, सुन्दर और एकदम सेक्सी।”
मैंने कहा, “हाँ मेरी जान, मुझे भी ऐसा ही लग रहा हैं. तुम वरुण को अच्छे से अपनी सुंदरता से लुभा दो. फिर वह दोनों भी हम दोनों के साथ वासना का खेल खेलने के लिए तैयार हो जाएंगे।”
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उस रात को मैं रंजना को प्रिया के नाम से पुकारता रहा और वह मुझे वरुण के नाम से! हमने पूरी रात में चार बार चुदाई का लुत्फ़ उठाया. रंजना इतनी ज्यादा एक्साइट हो गयी की जब मैं उसे डॉगी पोज़ में चोद रहा था तब उसने खुद अपने मुंहसे कहा, “वरुण डार्लिंग, चुदाई के साथ साथ तुम्हारी ऊँगली भी मेरी गांड में अंदर बाहर करो.”
मैं भी प्रिया का नाम लेकर उसको चोदता रहा और उसकी गांड में ऊँगली करता रहा. वरुण के नाम से रंजना काफी उत्तेजित हुई थी. आज पहली बार हम दोनों किसी कपल के लेकर जबरदस्त फैंटसी सेक्स कर रहे थे. अचानक रंजना चढ़ गई मेरे लंड के ऊपर और जोर जोर से चिल्लाने लगी, “उम्म्ह… अहह… हय… याह…” और जोर जोर से चुदाई करने लगी. मैं भी नीचे से धक्के लगा रहा था और फिर आवेश में आकर मैंने रंजना को पागलपने की हद जैसा नीचे पलटा और लगा चोदने!
“हाय मेरी प्रिया रानी तेरी गोरी गोरी जवानी चोदने में क्या मजा आ रहा हैं. आह आह,” मैं पागलों की तरह उसके वक्ष मसलते हुए कहता गया.
जैसे की नए पार्टनर के साथ चुदने के स्वप्न का वहशीपन सा छा रहा था हम दोनों पर. अब मैंने रंजना की गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया और उसकी चूत ऊपर उठ गई. ऐसी भरपूर चुदाई हो रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रंजना बोल रही थी, “मेरे हैंडसम वरुण डार्लिंग, आ मेरी इस साफ़ और मुलायम चूत को अपने मोटे लौड़े से चोद कर पूरा खोल डाल.”
इस घमासान लंड – चुत की लड़ाई में न रंजना थक रही थी और मैं भी अपनी लंड की पिचकारी छोड़ने को तैयार न था.
“प्रिया डार्लिंग तेरी चुत, गोरी जाँघे, भरी हुई गांड और बड़े बड़े बूब्स को सारा खा जानेवाला हूँ,” मैं उसे चोदते हुए कह रहा था.
पांच मिनट के बाद अब मेरे लंड से वीर्य छुटने को तैयार था. मैंने रंजना को नीचे लिटाया और उसकी मांसल टांग ऊपर अपने कंधे पर रखी और पूरा लौड़ा अंदर करके आखरी के चार जोरदार धक्के लगाये और सारा वीर्य उसके मुँह में डाल दिया. उस रात को मदहोशी की तरह हम दोनों एक दुसरे को वरुण और प्रिया के बारे सोचकर प्यार करते रहे.
कई महीनों के बाद ऐसी धुआंधार चुदाई हुई थी. जबतक प्रिया उसके मैके से नहीं आयी तबतक रोज शाम का भोजन वरुण ने हमारे साथ ही किया. रंजना रानी ने वरुण को उसकी पसंद के अनेक व्यंजन बनाकर खिलाये. भोजन परोसते समय रंजना कई बार अपना पल्लू गिराकर ध्यान से अपने सुडौल मम्मों का उसे दर्शन कराती रही.
इन दो हफ़्तों में हम तीनो एकदम ख़ास दोस्त बन गए. मेरा हंसी मजाक करना और एकदम साफ़ दिल से रहना उसे भी अच्छा लगा होगा. अगर मुझे उसकी बीवी को पटाना हैं तो मुझे पहले वरुण को भी तो इम्प्रेस करना था ना! रंजना के भरे हुए वक्ष ज्यादा समय तक देखने के लिए वो कुछ न कुछ बहाना रहता और मैं भी उसे हमारे घर पर देर रात तक रुकने के लिए बार बार मजबूर करता था.
रोज रात को वो जब हमारे दरवाजे से निकलता तब मैं उससे हाथ मिलाता और रंजना उसे बड़े प्यारसे गले लगाकर अपने बूब्स उसकी चौड़ी छाती पर दबाकर बाय बाय करती रहती. मुझे लगता हैं हर रात को उसने रंजना रानी के नाम की मूंठ जरूर मारी होगी. जिस दिन प्रिया आने वाली थी उस दिन हम तीनो भी उसे लेने स्टेशन पर गए.
पिछले दिनों मे प्रिया को वरुण ने हम दोनो के बारे में काफी कुछ बताया होगा। जब प्रिया प्लेटफार्म पर उतरी तो जन्नत की हूर लग रही थी. सचमुच वरुण बड़ा ही किस्मतवाला था की उसे इतनी सुन्दर और मादक पत्नी मिली थी. उसने वरुण को गले लगाया और दोनों एकदम जबरदस्त आलिंगन में जुड़ गए. वरुण ने एक हल्का सा चुम्बन भी उसके गाल पर भी जुड़ दिया. फिर प्रिया मेरी रंजना रानी के गले मिली.
“पिछले दो हफ्तोंसे वरुण के मुँह से तुम्हारी बहुत तारीफे सुन रही हूँ,” प्रिया ने कहा.
“अरे, मैं तो बस एकदम सीधी साधी लड़की हूँ, वरुण ही इतने अच्छे हैं की उन्हें हर कोई अच्छा लगता हैं. अब तुम आ गयी हो तो हम दोनों एकदम प्यारी सहेलिया बनकर रहेंगे,” रंजना हंसकर बोली.
लग रहा था की प्रिया सचमुच बहुत खुश थी की उसे रंजना जैसी अच्छी सहेली एकदम पड़ोस में ही मिल गयी नहीं तो पूरा दिन वह कैसे बिताती. जब दोनों सेक्सी लड़किया एक दुसरे से अलग हुई तब आखिर में प्रिया ने मुझसे हाथ मिलाया. वह, क्या मस्त और मुलायम हाथ था उसका!
“चलो, आखिर आप से भी मुलाक़ात हो ही गयी दीपेश। वरुण ने आप के बारे में भी बहुत सारी बाते कही हैं,” प्रिया ने कहा.
मैंने हँसते हँसते कहा, “अच्छा! उम्मीद हैं की कम से कम थोड़ी तो अच्छी बाते कही होंगी। और एक बात, आज से मेरा कैमरे के ऊपर से विश्वास पूरी तरह से उठ गया हैं.”
प्रिया ने पूंछा, “आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?”
मैंने कहा, “फोटो में देखा तो आप एक सुन्दर लड़की दिख रही थी मगर आज वास्तविक में देखा तो आप तो जैसे स्वर्ग की अप्सरा हो.”
अपनी अचानक इतनी प्रशंसा सुनकर प्रिया एकदमसे झैंप गयी.
वरुण हँसते हुए बोला, “अरे यार, दीपेश को तो ऐसे ही मजाक करने की आदत हैं. मैं पिछले कई दिनों से देख रहा हूँ.”
हम चारो हंस दिए और सामान लेकर लोकल प्लेटफार्म की और चल पड़े. मैंने अपने बलिष्ठ हांथोसे दो बड़े बड़े सूटकेस ले लिए. पांच मिनट में लोकल आ गयी और उसमे बैठकर हम दादर उतर गए. वरुण काफी पैसेवाला था इसलिए उसने दादर से ही टैक्सी कर ली. टैक्सी में हमने सामान रखा और मैं जानबूझकर सामने ड्राइवर के बाजू मैं बैठ गया.
वरुण दोनों लड़कियों के बीच बैठ गया. मैं पूरी सोच समझ के साथ वरुण को मेरी रंजना रानी के नजदीक लाने के सारे उपाय आजमा रहा था. बाद में रंजना ने बताया की सीट पर भी कुछ सामान होने के कारण वह भी वरुण से एकदम चिपट कर बैठी थी और वरुण भी उसकी मांसल जांघोंके स्पर्श का मजे ले रहा था.
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अब हम चारो मिलकर अक्सर एकसाथ समय बिताने लगे. बाहर डिनर पर जाना, एक दुसरे के घर पर भोजन पर आना जाना, साथ में पिकनिक पर जाना भी शुरू हुआ। प्रिया काफी शर्मीली लड़की थी इसलिए उसे सेक्सी कपडे पहनने की आदत नहीं थी. अब रंजना को भी वरुण से चुदवाने की आग लगी हुई थी.
इसलिए उसने प्रिया से सेक्स की बाते करना, नंगी फोटोवाली मैगज़ीन साथ में देखना और चुदाई के अनुभव एक दुसरे को बताना शुरू किया. बस कुछ ही दिनों में रंजना के साथ साथ प्रिया भी लो कट के ब्लाउज पहनकर अपनी मस्त चूचियोंका प्रदर्शन करने लगी।
जब हम चारों साथ में होते तब बिना किसी शर्म के वरुण मेरी रंजना रानी की गोलाईयों को ताकता रहता और मैं उसकी हुस्न की परी प्रिया के मम्मों को देखता रहता. दोनों लडकियों को पता था की एक दूसरे के पति उनके यौवन से अपनी आँखे सेकते है. यह एक दोनों आदमियों के बीच का जैसे एक अलिखित समझौता था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
प्रिया आज तक सिर्फ साडी और अब लो कट ब्लाउज ही पहनती थी मगर कुछ दिनों बाद रंजना ने उससे अलग अलग प्रकार के कपडे मतलब टी शर्ट और स्कर्ट जैसे पहनने की बात कही. एक रविवार के दिन हम चारों एक वेस्टर्न ड्रेस की अच्छी दूकान पर गए और दोनों लड़कियों के लिए एक से एक आधुनिक वेस्टर्न कपडे लेकर आ गए. अब घुट्नों तक के स्कर्ट में और एकदम कसे हुए टॉप में दोनों एकदम गज़ब ढाने लगी.
गर्मी ज्यादा होने के बहाने दोनों स्लीवलेस और लो कट वाले टॉप्स ज्यादा पहने रहती थी. रंजना के साथ साथ प्रिया को भी इस खेल का मज़ा आने लग गया था. मेरा उसकी चूचियों को निहारना और उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा होते हुए देखना उसे अच्छा लगने लगा. मैं भी हमेशा प्रिया की सुन्दरता, उसकी मीठी आवाज की और अच्छे स्वभाव की तारीफ़ करता रहता.
“वाह प्रिया, तुम्हारी कपडोंके मामलेमे चॉइस बहुत ही बढ़िया रहती हैं!”
“प्रिया, तुमपर यह काले रंग का स्कर्ट बहुत ही अच्छा दिख रहा है. इतनी गोरी और सुन्दर हो आप!”
“यार प्रिया, तुम्हारी आवाज़ सुनो तो ऐसा लगता हैं की बस सुनते ही जाओ.”
अपनी तारीफ़ सुनना कौन सी लड़की को अच्छा नहीं लगता? वैसे तो वरुण को भी मेरी रंजना रानी की भरपूर मदमस्त जवानी पसंद आ गयी थी। इसलिए वह भी कभी मेरे मुँह से बार बार प्रिया की तारीफ करने से ऐतराज़ नहीं करता था. वरुण को खुश रखने के लिए रंजना रानी रोज कसरत करके अपने हसीं हुस्न को और भी कस रही थी.
उसके ३८ इंच के वक्ष बिलकुल कसे हुए और कठोर थे. जभी भी वरुण प्रिया से मिलने का मौका हो तब रंजना बढ़िया सा मेकअप जरूर करती थी. ऐसा लग रहा था की आग चारों में एक जैसी लगी थी. कुछ दिनों के बाद रंजना रानी ने बताया की वरुण और प्रिया भी रात में हमारे बारे बाते करते हुए चुदाई करते हैं.
यह सुनकर तो मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया. अब रात भर हम दोनों में धमासान चुदाई हुई. अगले दिन रंजना ने प्रिया से एक दुसरे की वैक्सिंग और मालिश करने की बात की. पहले तो वह ना – नुकूर करती रही फिर शर्माते हुए मान गयी. एक दिन सुबह रंजना उसके घर चली गयी. वैक्सिंग और मालिश का सारा सामन प्रिया ने तैयार रखा था.
दोनों सिर्फ ब्रा और पैंटी पर आ गयी और एक दुसरे की वैक्सिंग करने के बाद पहले तो बेबी आयल से हल्का हल्का एक दुसरे के अंगो को सहलाया. इस दौरान रंजना ने एक से एक सेक्सी बाते कहके और प्रिया की तारीफ़ करके उसे गर्म कर दिया. दोनों ने एक दुसरे के अच्छे से मालिश करने के बाद रंजना एकदम प्रिया से लिपट गयी.
दोनों भी कामसीमा से असीम चरण पर आ चुकी थी. फिर भी प्रिया शर्मा रही थी. अब रंजना ने सोचा की मौके पे चौका मारना ही चाहिए. उसने प्रिया के मधुर होंठों पर चुम्बन जड़ दिया, धीरे धीरे प्रिया भी जवाब देने लगी. जल्द ही दोनों ने होंठ चूसते हुए जीभ से खेलना शुरू किया.
प्रिया को फिर भी शर्म आ रही थी इसलिए कमरे की बत्ती बंद कर दोनों फिर आलिंगन और चुम्बन में जुड़ गयी. ब्रा और पैंटी कब उतर गए इसका पता ही नहीं चला. प्रिया के मम्मे मसल कर और निप्पल चूसकर रंजना ने उसे दीवाना बना दिया, और फिर प्रिया की ऊँगली रंजना की गीली चुत में घुस गयी.
दो घंटे तक दोनों लगी रही और दोनों को कई बार एक नए सुख का अनुभव मिला. अब दिन में जभी भी समय मिले तब दोनों सहेलिया मिलकर एक दुसरे से मस्त लेस्बियन सेक्स का आनंद लेने लगी. दोनों के लिए यह पहली बार थी मगर ब्लू फिल्मे देख देख कर रंजना को सारी जानकारी थी. अपने अपने पतियों से अब तक यह बात छुपाई हुई थी (जो मुझे रंजना ने बाद में बतायी).
मगर इस बात का मेरे लिए फायदा यह हुआ की अब प्रिया की शर्म काफी हद तक ख़त्म हो गयी और वह भी सेक्सी ड्रेस पहनना, एडल्ट जोक्स बोलना और हम चारोंके बीच सेक्स की बाते करने में मजे लेने लग गयी. लंड, चुत, मम्मे, चाटना, चूसना और चोदना यह सब हमारे लिए आम शब्द हो गए. एक दिन रंजना का जन्मदिन था और स्वाभाविक रूप से वरुण और प्रिया ने हमें ख़ास दावत पे बुलाया.
मैंने रंजना से कहा, “मेरी जान आज तुम सबसे सेक्सी ड्रेस पहनो और हो सके तो प्रिया को भी सेक्सी ड्रेस पहनने को कहो.”
अब मुझे क्या पता था की अब दोनों लड़किया हमबिस्तर हो चुकी हैं और प्रिया मेरी रंजना रानी की यह बात आराम से मान जायेगी. रंजना सफ़ेद रंग का स्लीवलेस और लो कट टॉप और लाल रंग की शार्ट स्कर्ट में सेक्स बम लग रही थी. जैसे ही हम उनके दरवाजे पर पहुंचे वरुण और प्रिया ने हमारा स्वागत किया. प्रिया नेवी ब्लू रंग का गाउन पहनी हुई थी जिसमे उसकी कठोर चूँचिया मस्त झलक रही थी.
गाउन का गला काफी खुला हुआ था और उस को दोनों तरफ से लगभग कमर तक एक लम्बी स्लिट थी जिसमे से उसकी गोरी मांसल जाँघे दिख रही थी. वरुण ने रंजना को गले लगाकर जन्मदिन की बधाई दी. मैंने भी प्रिया को बाहों मे ले लिया। अब हम चारोंमें एक दुसरे की पत्नी को गले लगाना और उनकी गांड पर हाथ फेरना आम हो गया था.
रंजना के लिए तोहफे में एक बड़ा सा गुलदस्ता, एक कीमती ड्रेस, और बढ़िया सा परफ्यूम लाया हुआ था. बाते और हंसी मजाक के बाद वाइन के साथ भोजन हो गया. मैं और वरुण एक दुसरे की पत्नियो की ताऱीफोंके पूल बाँध रहे थे. आधे घंटे बाद वरुण ने हॉल का फर्नीचर थोड़ा बीचमें से हटाया और चार मोमबत्ती जलाई. हॉल की लाइट बंद हुई और धीमे संगीत के स्वर शुरू हुए.
वरुण ने कहा, “दीपेश, क्या मैं आज बर्थडे गर्ल के साथ डांस कर सकता हूँ?”
मैंने कहा, “हां ख़ुशी से, मगर पहले प्रिया से पूंछ लो की वह मेरे साथ डांस करेगी क्या?”
अब प्रिया ने फट से कहा, “ओह दीपेश, यह लो मैं आ गयी तुम्हारे साथ डांस करने.”
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फिर क्या था, एक दुसरे की पत्नियों के कमर में हाथ डाल कर हम संगीत की ताल पर झूमने लगे. वैसे डांस करना न मुझे आता था न वरुण को, हम तो सिर्फ एक दुसरे की सुन्दर और सेक्सी पत्नियों के अंगो को छू रहे थे. मेरे हाथ प्रिया की कमर और उसके सुडौल नितम्बोँ को सेहला रहे थे, वहां वरुण रंजना को चिपककर उसके गर्दन पर हलके से किस कर रहा था. उनका हॉल काफी बड़ा था और नाचते नाचते मैं जान बूझ कर प्रिया को उन दोनोंसे दूर लेकर आ गया.
मैंने प्रिया के कानो में कहा, “आप के साथ ऐसा रोमांटिक डांस करने के मेरी कबसे इच्छा थी, जो आज पूरी हो गयी. आज तो तुम सचमुच की मेनका लग रही हो.”
अब मैंने उसके गर्दन पर चूमना शुरू किया. अब वह भी गर्म हो चुकी थी. अब प्रिया उसके तने हुए मम्मे मेरी छातीपर दबाने लगी. मैंने आँखों के किनारे से देखा तो वरुण रंजना के स्कर्ट के अंदर से उसके कुल्हों को सहला रहा था, और मेरी रंजना रानी उसका चेहरा अपने बड़े वक्षों के क्लीवेज में दबा रही थी. फिर अचानक संगीत ख़त्म हुआ और हम अपने अपने पार्टनर के पास आ गए.
रंजना ने मुझे बाहों में लेकर मीठा चुम्बन दिया और बोली, “दीपेश, इतना अच्छा जन्मदिन मुझे हमेशा यादगार रहेगा.”
वहां वरुण और प्रिया भी मस्ती से किसिंग कर रहे थे. वाइन पीने का एक दौर और हो गया. मैंने सोचा की बहुत दिन से जो प्लान मेरे दिमाग में चल रहा हैं उसे सच्चाई में लाने का इससे अच्छा मौका नहीं आएगा.
मैंने कहा, “चलो सब लोग मिलके स्पिन द बोतल का खेल खेलते हैं.”
हम चारों जमीन पर बैठ गए और उस चक्कर में मुझे और वरुण को दोनों लड़कियों के जांघों के दर्शन हो रहे थे.
पहले राउंड में घूम कर बोतल रंजना पर रुकी।
मैंने कहा, “चलो, बर्थडे गर्ल से ही शुरुआत हो गयी.”
अब रूल के अनुसार प्रिया उसे पनिशमेंट देने वाली थी.
“मेरे वरुण को अच्छे से एक मिनट तक आलिंगन दो,” उसने कहा.
“अरे यह भी कोई पनिशमेंट हैं?” हँसते हँसते रंजना बोली और जाकर वरुण से लिपट गयी.
अब रंजना ने अपने मम्मे उसपर दबा दिए.
अगली बार बोतल मेरे ऊपर रुकी, तो वरुण बोला, “चल, तू भी प्रिया को अच्छे से हग कर ले।”
जैसे ही प्रिया मेरी बाहों में आयी मैंने उसकी कमर और कूल्हों को सहलाया और गाल पर चुम्बन किया. मेरा खड़ा लंड उसे जरूर चुभा होगा. अगले दो राउंड में आलिंगन और चुम्बन होने के बाद मैंने वरुण से कहा, “वरुण, अब रंजना की स्कर्ट उठाकर उसकी जाँघे सहलाओ।”
अब वाइन के नशे में रंजना भी बिंदास होकर सोफे पर लेट गयी. वरुण ने उसकी लाल स्कर्ट उठाई और जाँघे सहलाकर उन्हें चूमने भी लगा. अब मैं भी बहुत उत्तेजित हुआ और मैंने प्रिया को पीछे से बाहों में ले लिया। मेरा लंड उसकी गांड पर टक्कर मार रहा था और मेरे हाथ उसके वक्षों को उसके गाउन के ऊपर से ही दबा रहे थे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब लग रहा था की हमारा बरसो का पार्टनर स्वैपिंग का सपना आज पूरा होने वाला हैं. इतने में प्रिया ने मेरे हांथों को रोक दिया और वरुण से भी रंजना के ऊपर से उठने के लिए कहा. मैं समझ गया की प्रिया से इस के आगे बढ़ने के लिए अभी इस समय तैयार नहीं हैं. वैसे रंजना को भी सबके सामने थोड़ी शर्म आ रही थी.
मैंने ऐसे जताया की कुछ हुआ ही नहीं और कहा, “चलो, बड़ा मजा आया आज की इस पार्टी में, इतनी बढ़िया पार्टी तो मैंने भी आज तक रंजना को दी नहीं.”
रंजना ने भी हां में हां मिलाई और हम दोनों उनसे गले मिलकर उनका फिर से धन्यवाद करते उनके घर से निकल गए. प्रिया ने अपनी सहेली को उसके तोहफ़ों के बारे में याद दिलाया और फिर हम गिफ्ट्स लेकर अपने घर पहुंचे. कुछ मिनट पहले तक जो हुआ था उसके कारण हम दोनों भी पूरी तरह से हॉर्नी हो गए थे, मैने रंजना के कपडे लगभग फाड़कर उतार दिए और उसे हॉल में ही चोदने लगा.
“आओ मेरे वरुण राजा, चोदो मुझे, मेरी चुत को फाड़ डालो, अपने लौड़े से मुझे सारी रात चोदते रहो,” रंजना चिल्लाकर बोली.
“हां मेरी प्रिया रानी, ले मेरा लंड ले, क्या तेरी मस्त गांड हैं. आज नाचते वक़्त तेरी चूँचिया दबाने में क्या मजा आया था.. आह.. तू कितनी गोरी कितनी माल हैं, तेरी गुलाबी चूत कितनी टाइट है मेरी जान!” मैं कह रहा था.
ऐसी उन दोनों की बाते करते करते सारी रात चुदाई और ६९ की पोज़ में सुख लेते और देते हुई निकली. अगली बार हमने उन दोनों को अपने घर पर बुलाया, वाइन, डांस और आलिंगन चुम्बन भी हुआ, मगर इसके आगे बात बढ़ नहीं रही थी. मुझे पता था की अगर प्रिया मुझसे चुदने के लिए राजी हुई तो रंजना उसी क्षण वरुण से चुदने को तैयार थी. मैंने और एक ज़बरदस्त पासा फेंका।
“यार वरुण और प्रिया, अब यह बताने की जरुरत नहीं की इस दुनिया में आप दोनो से बढ़कर हमारा कोई जिगरी यार दोस्त नहीं हैं. मेरी और रंजना की काफी दिनों की एक स्पेशल फोटोशूट करने की तमन्ना हैं. क्या आप दोनों इसमें हमारी मदत करोगे?” मैंने पूंछा.
वरुण बोला, “यार दीपेश, नेकी और पूंछ पूंछ, बोलो कब और क्या करना हैं. आप दोनोके लिए तो जान हाज़िर हैं.”
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स्पेशल फोटोशूट के नाम से प्रिया और रंजना दोनो की आँखें नशीली हो गयी थी. वरुण को भी लगा की चलो इसी बहाने रंजना के सेक्सी अंगो को और अच्छी तरह से देखने को मिल जाएगा. मेरी तो बस यही उम्मीद थी की प्रिया की शर्म और कम हो जाए और हो सके तो उसकी नग्न जवानी भी मुझे देखने मिल जाए. मैं बैडरूम में से एक ख़ास कैमरा और चार लाइट्स लेके आया.
“देखो वरुण, आप दोनोंको मेरी और रंजना की एकदम कम कपडोंमे सेक्सी पोज़ेस में फोटो लेनी हैं.”
वरुण का प्रश्न आया, “तुम इस एल्बम को धुलवाने के लिए दोगे तो कोई और देखेगा नहीं?”
मैंने कहा, “एक फोटो स्टूडियो में किसी लड़की के साथ मेरी पहचान हैं, वह रात को चुपचाप रील को धुलवाके फोटो बनाके मुझे अगले दिन देती हैं. मैंने सिर्फ रंजना के कुछ ख़ास फोटो ऐसे खींच कर लाये हैं. मगर हम दोनो के साथ में खींचना मुझ अकेले से संभव नहीं, इसलिए तुम्हारी मदत ले रहा हूँ. मैं उस स्टूडियो वाली लड़की को दुगने पैसे देता हूँ इस ख़ास काम के लिए.”
वरुण बोल उठा, “वाह यार, तुम तो बड़े ही उस्ताद हो.. कुछ न कुछ तरकीब निकाल ही लेते हो.”
प्रिया और रंजना तब तक बैडरूम में चली गयी और कुछ ही क्षण में रंजना एक गाउन डाल कर आयी. तबतक मैंने और वरुण ने लाइट्स सेटिंग करके कैमरा तैयार कर लिया. फिर मैं रंजना को लेकर सोफे पर गया, और अपने टी-शर्ट और जीन्स उतार दी. रंजना ने भी अपना गाउन खोल दिया।
अब मैं सिर्फ काले रंग की फ्रेंची में और रंजना गुलाबी रंग की ब्रा और पैंटी में थे. अलग अलग पोजेस में हमारी फोटो ली जा रही थी. प्रिया भी काफी गर्म हो गयी ऐसा लग रहा था. वरुण तो अपने आप पर कैसे काबू कर रह था उसे ही मालूम. उसका उभरा हुआ लंड उसकी पैंट से साफ़ दिखाई दे रहा था.
अब मैंने रंजना की पीठ कैमरे की तरफ की, उसका किस लिया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. वह शर्म के मारे मुझे लिपट गयी. उसकी पीठ पर से ब्रा हटाकर वरुण को और फोटो लेने को कहा. अब रंजना से रहा नहीं गया और उसने फोटोशूट को वही रोकने को कहा.
मैं बोला, “क्या शर्मा रही हो मेरी जान, यह दोनों हमारे सबसे ख़ास दोस्त हैं, इनसे क्या शर्माना.”
उसपर रंजना ने कहा, “मेरे राजा, पूरे कमरे में मैं ही अकेली लड़की इतने कम कपड़ों में हूँ, इसीलिए मुझे ज्यादा शर्म आ रही हैं.”
अब सबकी आँखें प्रिया के ऊपर थी. यह मौके की घडी थी. अगर प्रिया अपने कपडे उतारने को राजी न होती तो आगे का सारा प्लान चौपट हो सकता था. प्रिया ने वरुण तरफ देखा और उसकी हाँ देखकर अपना टॉप और स्कर्ट उतार दी. काले रंग की ब्रा और पैंटी में प्रिया दुनिया की सबसे सेक्सी लड़की लग रही थी.
अब रंजना ने अपनी ब्रा अलग कर दी और वरुण मेरी और रंजना की बैकलेस पोज़ में फोटो ले रहा था. मेरा लंड कड़क हुआ और दिल जोरों से धड़क रहा था. रंजना अब अपने आधे मम्मों को हाथोसे छुपाकर नीचे लेट गयी और मैं उसकी मांसल जांघोंको चाट रहा था.
अब वरुण से भी रहा नहीं गया और अपने कपडे उतारकर वो भी सिर्फ अंडरवियर पर आ गया. उसका खड़ा लंड रंजना की अधनंगी जवानी को जैसे सलाम कर रह था. जबरदस्ती रंजना का एक हाथ हटाकर मैं उसका दाया स्तन चूसने लगा। अब ऐसा लगा रहा था की चारो सेक्स की आग में जल रहे थे.
वरुण भी कैमरा बाजू में रखकर बिलकुल हमारे पास आकर रंजना की भरपूर छतियों के दर्शन कर रहा था. प्रिया ब्रा के ऊपर से ही अपने बूब्स मसलते हुए वरुण के लंड को फ्रेंची के ऊपर से ही सहला रही थी. मैंने रंजना को दोनों हाथ हटाकर उसके मम्मों को पूरा उजागर कर दिया और रंजना आँखे मींचकर जोर जोर से आँहे भरने लगी.
प्रिया ने घुटनो पर बैठकर वरुण की फ्रेंची खींचकर निकाल दी और उसके तने हुए लौडे को मुँह मे लेके चूसने लगी. मैंने भी अपनी फ्रेंची निकाल दी और सिक्स्टीनाइन को पोज़ में आ गया. रंजना की पैंटी एक झटके में उतार कर उसकी चुत को चाटने लगा. वरुण ने भी प्रिया को हमारे बाजुमें लिटाकर उसकी ब्रा खोल दी.
उसके गोरी गोरी कबूतर की जैसी छातियाँ खुल गयी. अब वरुण मम्मे चूसकर प्रिया को दीवाना बना रहा था. बचे हुए कपडे भी उतर गए और पूरा कमरा चुदाई की आवाजों से गूंजने लगा. फोटोशूट के लिए कमरे में भरपूर रौशनी होने के कारण मुझे प्रिया को और वरुण को रंजना को पूरा नंगा देखने मिल रहा था.
जिस प्रिया के बारे में पिछले कई महीनों से मैं फैंटसी कर रहा था वो आज मेरी आंखो के सामने बिलकुल नजदीक नंगी होकर अपने पति से चुद रही थी. एक बार झड़ने के बाद हम दोनों लड़कों के लंड फिर खड़े हो गए और अब हम दोनों अपनी अपनी पत्नियों को घोड़ी बनाकर चोदने लग गए.
रंजना आह आह ओह ओह करती सिसकारियाँ भर रही थी। मैंने फिर पलटकर उसकी क्लिटोरिस को चूसते हुए उसकी योनि में उंगली घुसा दी। अंदर योनि इतनी गीली थी कि मैंने आसानी से दूसरी उंगली भी उसमें डाल दी। दोनों उंगलियों से योनि की दीवारों को सहलाते हुए मैं उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा।
मैं उसको आलिंगन में पकड़े रहा और नीचे कमर जोर-जोर से चलाकर लिंग को उसकी योनि में कूटना शुरु कर दिया। हम दोनों ही बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गए थे इसलिए थोड़ी देर में दोनों स्खलित हो गए। वहाँ वरुण और प्रिया अभी भी डॉगी पोज में लगे हुए थे. वरुण चोदते हुए उसके लटकते हुए बड़े बड़े स्तन मसल रहा था और उसकी गांड पर प्यार से चांटे भी मार रहा था. आखिर वरुण ने बात शुरू की.
उत्तेजित स्वर में वरुण बोला, “यार दीपेश, साथ में चुदाई करने में कितना अजीब मजा आ रहा है यार!”
मैंने भी हाँफते हुए कहा, “हां वरुण, ऐसा लग रहा हैं की इतने दिनों तक हमने यह काम क्यों नहीं किया. सच कहूँ तो प्रिया और रंजना दोनों भी ज़बरदस्त माल हैं और साली एकदम चुड़क्कड़ भी.”
“दीपेश, सच्ची बताऊँ तो जिस दिन मैं यहाँ आया था तबसे रंजना को नंगा देखने के लिए मर रहा था. आज तुम्हारे स्पेशल फोटोशूट के बहाने मेरा सपना पूरा हो गया. और साले तुमको भी मेरी सुन्दर और सेक्सी प्रिया को नंगा देखने को मिला,” वरुण ने अपने दिल की बात कह दी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब रंजना उठकर बोली, “तुम दोनों को मेरा सबसे बड़ा थैंक्स बोलना चाहिए, जो मैं अपनी ब्रा उतारने को तैयार हुई. वर्ना प्रिया कपडे उतारकर सबके सामने यूँ चुदने को कभी राजी नहीं होती थी.”
वरुण ने कहा, “हां रंजना, तुमने एकदम लाख रुपये की बात की हैं. मेरी शर्मीली प्रिया को कली से फूल बनाना और खुले आम नंगे होकर चुदने के लिए मनाना इसमें तुम्हारा ही सबसे बड़ा योगदान हैं.”
प्रिया ने हँसते हुए कहा, “अच्छा, तो यह आप तीनो की चाल थी मुझे नंगा कर ऐसी भरपूर चुदाई करवाने की. लेकिन मुझे भी दीपेश और रंजना की चुदाई देखकर बहुत सुख मिला. जीवन में पहली बार इतना सुख एक रात में मिला ऐसा लग रहा हैं.”
रंजना प्रिया के साथ बैडरूम में चली गयी. हम दोनों लड़कों ने अपने अपने कपडे पहने।
मैंने वरुण का धन्यवाद किया और हँसते हँसते कहा, “अगर तुम दोनोको भी ऐसी स्पेशल फोटोशूट करानी हैं, तो बता दो. मेरे पास और दो रील हैं और एल्बम की डिलीवरी लेने तुम ही चले जाना।”
वरुण बोला, “अब तो साथ साथ चुदाई होगी, फोटोशूट के बहाने की क्या जरूरत है.”
उन दोनो के चले जाने के बाद मेरी और रंजना की उस रात को भी घमासान चुदाई हुई. आज पहली बार मैंने प्रिया को नजदीक से पूरा नंगा और मस्ती से चुदवाते हुए देखा था, इसलिए उसको याद करते करते मैंने फिर से रंजना को मस्ती से चोदा। वरुण के सामने लगभग नंगी होने के कारण और उसका तगड़ा लौड़ा देखने से रंजना भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी.
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तीसरी बार जब मैंने उसे घोड़ी बनाया और मम्मे सहलाते हुए अपना फनफनाता हुआ लंड उसकी गीली चुत में रफ़्तार से अंदर बाहर कर रहा था तब शादी के बाद पहली बार उसकी योनि से फव्वारा निकला. इसका मतलब उसे आजतक का सबसे बड़ा ऑर्गैज़म मिला था. जब इतनी शर्म खुल गयी थी तब मैंने अगले ही दिन शाम वरुण प्रिया को घर पर बुलाया और पार्टनर स्वैपिंग के बारे में पूंछ लिया. वरुण बोला, “जितना कल रात को हुआ उसके आगे बढ़ने के लिए प्रिया अभी तैयार नहीं हैं.
मैं भी खुल्लम खुल्ला बोल रहा हूँ की मैं रंजना को चोदने के लिए बेकरार हूँ. हो सकता है की रंजना भी मुझसे चुदने राजी हो जाए, मगर जबतक प्रिया की हां न हो तबतक हम फुल स्वैपिंग नहीं कर सकते.” यह सुनकर मेरे ऊपर तो जैसे बिजली गिर गयी. कल रात के बाद मुझे शत प्रतिशत लग रहा था की अब प्रिया रानी की चुत और मेरा लौड़ा एक हो जाएंगे. फिर भी अपने आप को संभालते हुए मैंने कहा, “चलो कोई बात नहीं, हम तीनो मिलकर प्रिया के राजी होने का इंतज़ार करेंगे.”