Bhabhi Sex Fantasy
ये कहानी आज से एक साल पहले की है. दोस्तो मैं यहाँ दिल्ली में किराए के मकान में रहता हूं. पूरे परिवार के साथ. मगर बीच मे मेरे हालात कुछ ज्यादा बिगड़ गए जिस वजह में मुझे अपना परिवार वापस गाँव छोड़ना पड़ा. अब मुझे तो रोज चुदाई के लिये चूत चाहिय था. और शर्मिला इतना कि किसी लड़की से बात तक करने में मुझे शर्म आती थी. Bhabhi Sex Fantasy
लेकिन जिस फ्लैट में मैं रहता था. वहाँ नीचे के फ्लोर पे एक भाई साहब परिवार के साथ रहते थे. वैसे मैं बता दूं की मेरे रिस्तेदारी से लेकर घर तक जितनी भी मेरी भाभियां है सबसे मेरी अच्छी बैठती है. यू कहिये की एक भाभी जो बहुत बड़ी है उन्हें छोड़कर लगभग हर भाभी के बूब्स दबाये है, मगर किसी ने मेरे लन्ड पे रहम नही किया. आखिर में मुझे हाथ से ही काम चलाना पड़ता.
दिल्ली में रहने के दौरान कई भाभियो से व्हाट्सअप वीडियो कॉलिंग पे उन्हें अपना लन्ड भी दिखाया उनके चुचे भी देखे. मगर किसी बहन चोद भाभी ने मुझसे चूत नही चुदवाई. पता नही क्या डर था उन्हें. हालाँकि अपने बारे में मैं इतना जरूर बोलना चाहूँगा की मैं शर्मिला के साथ साथ बेहद भरोशा वाला और ईमानदार ब्यक्ति हूँ.
इसलिये मैंने कभी किसी भाभी के साथ जबरन नही किया, वरना सब चुद चुकी होती मुझसे. ज्यादा बोर न करते हुए आपको सीधे कहानी के लेकर चलता हूं. तो जैसा बताया कि नीचे वाले भाई साहब जो भाभी और अपनी दो बेटियों के साथ रहती है. उनसे कभी कभार हाय हेल्लो हो जाती थी.
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फिर जब मुझे वहाँ रहते दो महीने से ज्यादा होने लगा तो. धीरे धीरे हाय हेल्लो से आगे बढ़कर हँसी मजाक होने लगा. एक दिन मैने उस भाभी से मजाक में ही बोल दिया. “बेदर्द जमाना क्या जाने जब दिल की जुदाई होती है. हम लन्ड पकड़कर सोते है घर घर मे चुदाई होती है..” “Bhabhi Sex Fantasy”
तो भाभी हस पड़ी. अब कभी कभार भाभी के बूब्स छू लिया करता था. तो भाभी भागने लगती. एक दिन मैं काम पे नही गया. भाभी की दोनों बेटिया स्कूल गयी थी. भाई साहब भी काम पर चले गए थे. मैं तो अपने कमरे में अकेला रहता था.
सो जब सब चले गए तो भाभी के पास गया, तो भाभी बोली “क्यो आज ड्यूटी नही गए”.
मैंने कहा “नही भाभी आज मुड़ नही था काम करने का”.
वो बोली “फिर क्या मुड़ है”
तो मुझे लगा, यदि आज भाभी को नही चोदा तो कभी नही चोद पाउँगा. तो मैंने मजाक में ही बोल दिया “आज कुछ और करने का मुड़ है”.
भाभी तो मेरा मतलब समझ गयी. लेकिन बोली “क्या मुड़ है?”
मैने कहा “आपको जन्नत दिखाने का”.
वो बोली “मुझे या अपने आप को? मैं तो दूसरे तीसरे दिन ही सैर करती रहती हूं. जन्नत की”.
फिर बातो बातो में ही भाभी बोली “चाय पियोगे बनाऊ?”
मैंने कहा “चाय तो नही दूध पीने का मन है पिलाओगी?”
वो बोली “फालतू बात मत करो”.
मैने कहा “आज तो दूध पीके रहूँगा”. और इसी में तब तक मैंने भाभी को दबोच लिया.
चुदवाना तो भाभी भी चाहती थी मगर दिखावे के विरोध करती रही. आपको बता दूं, जिस मकान में मैं रहता था जो पूरा फ्लैट मेरे मौसा का था. और भाभी किरायेदार थी. लेकिन मेरे मौसी माउसा वहाँ नही रहते थे.
भाभी बोली “छोड़ो नही तो तुम्हारे मौसा को बता दूंगी”.
लेकिन मैं अपने काम पे लगा रहा. और इतना जनता था कि भाभी मुझे डराने के लिये ऐसा बोल रही है. और तब तक मैं भाभी को लेकर उनके बेडरूम तक आ गया था. यहाँ आपको बता दूं की इसके पहले मैं भाभी से बहुत पहले पूछ लिया था. भाई साहब आपको चोदने से पहले क्या क्या करते है.
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तो भाई साहब उतना ज्यादा सेक्स करते नही थे. और करते भी तो नॉर्मल, तो मैंने भाभी को कहानिया पढवाई थी. और बता चुका था भाभी चुदाई का असली मजा तभी है जब दोनों खुलकर मजे ले. दोस्तो मैं अपनी वाइफ की चूत चाटने के बाद ही चोदता था. ये सब मैंने भाभी को भी बताया था.
हालांकि बेडरूम में आने के बाद भाभी का विरोध न के बराबर था. उन्हें डर था कि कही मै किसी से बोल न दूं. लेकिन अपने बारे में इतना जरूर बताना चाहूंगा, कि इस मतलबी जमाने मे मेरे जैसा ब्यक्ति मिलना मुश्किल है. तो मैने भाभी को बताया भाभी मैं वैसा इंसान नही हूँ. और धीरे धीरे भाभी के कपड़े कम करता रहा. “Bhabhi Sex Fantasy”
भाभी बोली “कपड़े मत उतारो ऐसे ही कर लो”.
मैने कहा “भाभी जब तक कपड़े नही उतरेंगे तब तक मजा नही आएगा”.
भाभी बोली “मुझे शर्म आ रही है”.
मैंने कहा “आप आंख बन्द कर लो”.
भाभी ने अपनी दोनों हथेलियों से अपनी आँखें बंद कर ली. साड़ी और बलाउज खोलने के बाद मैंने भी अपना अंडरवेअर छोड़कर सब कुछ उतार दिया. भाभी अभी भी अधन्नगी हालत में आंखे बंद किये खड़ी थी. जब मैं भाभी की ब्रा खोलने लगा.
तो भाभी मुझे धक्का देने लगी तो मैंने पकड़कर उन्हें बेड पे ले गया तब तक ब्रा खुल चुकी थी और भाभी के दोनों आम उछलने लगे. मैंने एक झटके में भाभी ने मेरा अंडरवेअर खीच दिया. मैं ये तो नही कहता कि मेरा लन्ड ऐसा है वैसा है. मगर हा इतना जरूर है कि किसी को भी संतुष्ट करने लायक काफी है. “Bhabhi Sex Fantasy”
खड़ा लन्ड बाका जवान का देखते ही मैंने देखा कि भाभी के खुशी का ठिकाना नही रहा. उधर मैने भाभी को भी पूरी नंगी कर दिया था. मैंने भाभी को अपना लन्ड पकड़ने को बोला, तो बोली “जो करना है जल्दी करो. ये सब मैं नही करूँगी”.
मैंने कहा “अभी तुम इसे पकड़ोगे भी और चुसोगे भी”.
फिर भाभी को लिटाते ही मैंने उनकी चूत पे धावा बोला और अचानक से मेरे इस पैतरे के बारे में भाभी को भी अंदाजा नही था. जब मैंने चुत की चुसनी शुरू की तो भाभी छटपटाने लगी.
वो बोली “छोड़ दो प्लीज”.
मैंने कहा “अब मैं तब तक नही छोड़ने वाला जब तक कि आप खुद मेरा लन्ड पकड़कर मुह में नही ले लेती”.
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चुत चूसाई से औरत कितनी गर्म होती है ये वही भाभियां जानती होगी. जिनकी चुत चूसी जाती है. अब भाभी से रहा नही गया, आखिर में लन्ड पकड़कर मुह में भर ही लिया बड़े चाव से चूसने लगी. इधर भाभी की चूत ने भी धार छोड़ दी.
फिर भाभी बैठ गयी और मुझे हाथ जोड़ने लगी “प्लीज अब मत तड़पाओ मर जाऊँगी. जो तुम चाहते थे वो कर दिया अब जल्दी से इसे अंदर डालो और फाड् दो मेरी चुत”. “Bhabhi Sex Fantasy”
मैंने भी भाभी पे रहम किया जब भाभी बार बार मिन्नते करने लगी. अब अपना लन्ड भाभी के चुत के मुँह पे घिसने लगा. इतने में भाभी ने अपनी कमर उछाली और सूपड़ा घुस गया. भाभी उइ माँ करने लगी. तब मैने भी बिना देरी किये.
धक्का लगा दिया और पूरा लन्ड भाभी की चूत में समा गया. लेकिन देखने से लगा कि भाभी को दर्द होरहा था. तो मैंने अपना मुंह भाभी के मुँह में हाथ भाभी के दोनों स्तनों को दबाने में लगा दिया. बीच बीच मे यदि एकाध धक्का मारता तो भाभी उइ ममममममम करने लगती.
अब धीरे धीरे जब भाभी का दर्द कम हुआ तो भाभी ने भी अपने बाहों से मुझे जकड़ लिया. अब मुझे समझ मे आया कि अब भाभी धक्के खाने के लिये तैयार है. फिर मैंने दनादन धक्के लगाने शुरू किया और बीच बीच मे भाभी भी अपनी मदमस्त गाड़ उछालकर मुझे जोश दिलाने लगी. “Bhabhi Sex Fantasy”
तो मैंने भाभी से पूछा “भाभी आप दो बच्चो की माँ हो फिर भी कुवारी लड़कियों की तरह नखरे क्यो कर रही थी”.
भाभी ने बताया “आपके भाई साहब का लन्ड आपसे पतला और छोटा भी है. और पिछले एक हफ्ते से चूदी नही हूँ. इसलिए दर्द हो रहा था”.
फिर मैने पूछा “भाभी कभी लन्ड की सवारी की हो?”.
भाभी बोली “लन्ड मिला कहाँ की सवारी करू. नुंनी की सवारी क्या करूँ. जब तक मैं मुड़ में आती हूँ. तब तक साला खलास”.
मैंने कहा “आज तो लंड मिला है कर लो”.
दोस्तो आधे घण्टे हो गए थे चुत रगड़ाई के भाभी ने तो बस भी बोल दिया था. मगर मेरा अभी निकलने का नाम ही नही ले रहा था.
भाभी बोली “सवारी करने दो”.
जब भाभी मेरे ऊपर बैठने लगी, तो मैंने भाभी की गाड़ में अपनी एक उंगली डाल दी. भाभी चिहुँक पड़ी.
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मैंने पूछा “क्या भाभी इतनी मस्त गाड़ को अब तक लन्ड का स्वाद नही दिया क्या”.
तो बोली “चुत तो चोद नही पाता. गाड़ क्या मारेगा”.
जब भाभी 5 मिनट की सवारी कर ली तो बोली “यार थक गई हूं. अब अपना पानी निकाल दो”.
फिर मैंने भाभी को कुटिया बनाकर 5 मिनट चोदा. तो भाभी मुझे गाली देते हुए कहने लगी “बहन चोद जल्दी निकाल ले अपना पानी नही तो हाथ से हिलाना मेरी चुत जवाब दे रही है”. “Bhabhi Sex Fantasy”
तब मैंने फिर से लिटाया और टाँगे ऊपर करके, 10 मिनट जबदस्त चोदा. फिर जाकर मेरा पानी निकला. और भाभी के ऊपर ही लेट गया.
भाभी से बोला “तुमने मुझे गाली दी. इसके बदले मैं तुम्हारी बहन चोदूँगा”.
भाभी हँसने लगी और फिर हम उठे और भाभी के ही बॉथरूम में दोनों एक साथ नहाये.
नहाते समय भी भाभी को एक बार और चोदा.
फिर भाभी बोली “खाना खाकर जाओ. बच्चो के आने का समय हो गया है”.