Aunty Blowjob Lover
मेरा नाम राहुल है, में राजस्थान में जयपुर के पास एक छोटे से गांव में रहता हु, बात 4 साल पुरानी है, जब मेरी कॉलेज पुरी हो गई थीं, और में बाकी लडको की तरह सरकारी नौकरी पाने चाहत में लग गया, फर्क इतना था बाकी बाहर से कोचिंग में तैयारी कर रहे थे, और में घर से, ऐसे करते 6 महिने बीत गए, एक दो एग्जाम दिए पर ना हो पाया। Aunty Blowjob Lover
अब घर वाले कहने लगे, या यू कहो ताने देने लग गए, अब अपनी तकलीफे बताए किसे, लाइफ में औरत नाम का अक्षर था नही अब तक। अब घर के काम करने पढ़ते थे, किसान परिवार से होने के कारण चारा लाना, सब काम करना पढ़ता था, एक दिन में खेत से चारा लेकर घर आ रहा था.
तो हमसे थोड़ी दूर रहने वाली आंटी ने मेरे को रोक लिया और कहा, अरे राहुल यह बोरी थोड़ी अन्दर रखवा दे, मेरे से अकेले उठी नही जा रही है, दुकानदार यहां तक ले आया, जल्दबाजी में यही रखकर चला गया। में बाइक थामकर, बोरी रखवाने अन्दर चला गया, बोरी उठाई, और उनके कहे अनुसार जगह पर रख दी.
वो मदद करवाने का कह रहि थी पर मैंने हाथ नही लगाने दिया, इससे आंटी खुश हो गई, और बाजू के पास आकर कहने लगी, तेरी बाजू में दम तो है, तेरे घर वाले कुछ ही कहे पर तू छोरा काम बहुत करता है, आंटी का नाम किरण था, उनकी उमर 40 से अधिक थी, पर वो दिखने में 30 से कम की लगती थी.
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उनके दो बच्चे थे, और उनके पति गुजरात में काम करते थे। में बोरी रखवाकर घर आ गया, मेने तब उनपर ध्यान दिया, ना बुरी नजर थीं। कुछ दिन बाद हमारी भेस ने दूध देना बन्द कर दिया तो मां ने कहा मैंने किरण को कह दिया है, तू उसके घर से दूध ले आया कर।
में अगले दिन जल्दी उठकर, आंटी के घर गया, आंटी ने तब तक भेस का दूध निकाल किया, मेरे को देखते ही उनके चेहरे पर ललक आ गई, कहने लगी, दूध लेने आया है, मेने हा में सर हिला दिया, और केतली पास ले गया उनके, आज उन्होने सिर्फ पेटीकोट, ब्लाउज पहना था, और ओढ़नी ओढ़ रखी थी.
उसमे वो इतनी ख़ूबसूरत लग रहि थी, की लफ्जों में बयां करना मुश्किल हे, मेने दूध लिया और केतली उठा के घर आ गया । अब रोज में आंटी के घर जाने लगा, आंटी मेरे साथ अपनेपन सी हो गई, हंसी मजाक की बाते, हम करने लगे, उनके पास टच वाला फोन था, हमने नंबर एक्सचेंज कर लिए, पर अभी तक कोई गलत ख्याल नही था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
एक दिन दोपहर में आंटी ने कॉल किया राहुल तुम से कुछ काम घर आ जाओ, मेने थोड़ा सोचा पर चला गया, आंटी गेट बन्द करके खेत में जाने को तैयार थी, मेरे को देखते कहने लगी, आज में खेत में जाने से लेट हो गई, भेस को चारा भी डालना है, नही खिलाएंगे तो ना तुम दूध पिओगे ना हम, चलो मेरे साथ.
में उनके साथ खेत में चला गया, उन्होने 1 घंटे में चारा काट लिया, और मेरे पास आकर बैठ गई, उनका चेहरा हसमुख और गोरा था, और वो भरे बदन की मालकिन थी, हम बाते करने लगे, मेने उनसे बातों ही बातों में पूछ लिया, आप इतने सुन्दर हो, शादी से पहले तो आप पर बहुतों ने लाइन मारी होगी.
उन्होने भी हा में उतर दिया, मेने जरा सा बात आगे बढ़ाते हुए कहा अब भी गांव में मारते बहुत होंगे। उन्होने मारने से क्या, में हर किसी की थोड़ी हो जाऊ, मेने अपनी नजरे नीचे झुका ली। थोड़ी देर बाद वो कहने लगी राहुल क्या हुआ चुप क्यों हो गए, क्या में तुम्हे पसंद हु, मेने हामी भर दी.
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वो कहने लगी, तुम अच्छे, मेहनती हो, तुम्हारी कोई प्रेमिका तो होगी, मेने कहा अभी तक कोई मिला नही, अगर आप मिल जाए तो वो तलाश पुरी हो जायेगी। आंटी सीधा कहने लगी, लाइन मार रहे हो, क्या अच्छा लगता है मुझमें, वो मेरे मुंह से अपनी तारीफ सुनना चाहती थीं.
में कहने लगा, आप ऊपर से नीचे तक प्यारी हो, आपकी प्यारी आंखें गोरे गाल, रसीले होठ, गोरी गर्दन के पास कान, आपके दूध, प्यारे पैर और कमर, सबसे अच्छी आपकी सादगी पसंद है। वो मुझसे इतना बोल्ड जवाब एक्सपेक्ट नही कर रही थीं, मेरी बाते सुन के उनकी आंखें नसीली हो गई.
आंटी कहने लगी, मुझे आराम करना हे, खेत में बने घास फूस की बनी कुटिया में चली गई, और जाते हुई मेरे को कहने लगी तुम भी आ जाओ, में भी उनके जानें के कुछ देर में चला गया, अन्दर गया, जो देखा तो देखता रहा गया, आंटी का घाघरा कमर तक, और चोली के बटन खुले थे.
वो अपने बदन को सहला रही थी, उन्हे मेरी आहट का अंदाजा भी नहीं हुआ। में धीरे से बोला आंटी, वो एक दम सी उठी, और कपड़े सही किए, में उनके पास बैठ गया, अपना हाथ उनके हाथ से मिला दिया, और कहने लगा, आप बहुत प्यारी, अकेले प्यार नही होता, में आ गया, दोनो करेंगे जिस्म को जिस्म से मिला लेंगे किरन तुम्हे अपना बना लेंगे।
मेरी बातो से वो रोमांचित हुए जा रही थीं, कहने लगी राहुल में तुम्हे चाहने लगी, उमर और समाज के डर से बता नही पाई अब पास आने लगे, में उनके मुलायम गालों को हाथो से सहलाने लगा, वो नई नवेली दुल्हन की तरह सरमाने लग रही थी, चारपाई जेसे बेड बन गया.
आंटी के माथे, गालों को चूमा, गले लग के कान के पास, गर्दन के पीछे चूमने लगा, आंटी सहर सी गई, प्यार में बहकती गई, मेने उनको उल्टा लिटा दिया और चोली खोल दी, पीछे से उनके सारे बदन को चूमने लगा, आंटी की आवाजे निकलने लगी, बदन ऐठने लगी, पुरी पीठ को आहिस्ता आहिस्ता चूमा, जीभ से चाटा, सहलाया.
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अब नीचे आकर घाघरा खोल दीया, उन्होने आज नीचे पैंटी नही पहनी थी, जो वो हमेशा पहनती हे, में सीधा लेटाकर, उनके पैरों के पास आ गया उन्हे हाथो मे लेकर चूमने लगा, सहलाने लगा, वो, आ.. आह आ… आह की सिसकारी तेजी से लिए जा रही थीं.
एक दम से उठी, अपने ऊपर मुझे लेटा दिया, मेरे सारे कपड़े खोल दिए, और मेरे लिप्स से अपने लिप्स लगा दिए, हम दोनो लगतार होठों को चूमे जा रहे थे, में अपने हाथो से उन्हें नीचे सहला रहा था, आंटी पुरे आगोश में आ गई, मेरा मुंह अपने दुधु पर रख गया, आंटी के बूब्स 38 के है.
यह आंटी ने खुद बाद में बताया, बिलकुल कसे हुए, इनको दबाने का मजा और चुसने का कल्पना से परे नही था, दोनो बूब्स को चूमता दबाता रहा साथ में निप्पल चूमता रहा, आंटी पुरी नंगी हो गई, पेट के पास आकर सहलाते हुए, नाभी में जीभ डाल दी उसे चूमने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आंटी कहने लगी राहुल रहा नही जाता डाल दो, मत तड़पाओ, में कहने लगा, किरन चूम लेने दो दूध से बदन को, फिर मौका मिले या नही, वो कहने लगी में तुम्हारी हु बार बार मौका मिलेगा, डालो जल्दी लेट हो जाएंगे, इतना कहते ही, मेने टांगें चौड़ी करके चूत पर मुंह रख दिया, जिस पर एक भी बाल नही था.
सायद आंटी ने आज ही बाल साफ किए, लाल प्यारी सी टाइट चूत थी आंटी की, अधिक समय सेक्स नही करने से कसी हुई लग रही थीं, आंटी ने मेरे बाल पकड़ लिए, जोर जोर से दबाने लगी चूत पर मेरा मुंह, चूत के अन्दर जीभ डालकर दाने को चूसे जा रहा था.
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एक अलग स्वाद था, चूमने का, नमकीन सा, वो जोर जोर से आहे भर रही, राहुल तेज और तेज, आंटी की हाइट 5.5 थीं, उसमे जो मस्त लगती थी आंटी कहने लगी डाल दो, रहा नही जा रहा, मेने लन्ड चूत पे रखा और डाल दिया, अपने लिप्स आंटी के लिप्स से लगा लिए, तेजी से झटके देने लगा फिर आराम से फिर तेज, आंटी कस के पकड़ने लगी आ.. आह आह आह आह की आवाज़ निकलने लगी हम दोनों मदहोश हो गए, चदाई में, 10 मिनट से अधिक हो गए करते हुए, आंटी को पोजिशन चेंज का बोला, पहले तैयार नही हुई फिर हो गई, डॉगी स्टाइल में लेकर चोदता रहा.
आंटी पूरा साथ देती रही, टाइम का पता नही रहा, 4 बजने को आए, हम दोनो का पानी छुट गया, पर जोश कम नही हुआ, आंटी मेने कपड़े पहने, आंटी कहने लगी आज तेरे प्यार ने लेट कर दीया बचे शहर से घर आ गए होंगे, और भेस को दूना हे, नही तो दूध केसे पिएंगे, मेने झट से कह दीया, मेने तो पी लिया, और मन होगा तो आप पीला दोगे, आंटी हंसने लगी.. चारे की पोटली उठाई और घर की तरफ़ चल दिए. दोस्तो आपको कहानी कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं E-mail id: rahula543445@gmail.com