New Bhai Bahan Chudai
ये कहानी मेरी गुड्डी दीदी की है उसकी फिगर तो बहुत सेक्सी है और रंग दूध जैसा गोरी और हुस्न शबाब है. उनकी फिगर 36D-28-36 की है और वह इस वक़्त 35 की हैं. पर ये कहानी 12हवी की है जब मैं 18 का था और वह 25 की थी. वह बहुत सेक्सी थी और मैं हमेशा उनसे चिपका रहता था. New Bhai Bahan Chudai
गुड्डी दीदी मेरी मौसी की बड़ी लड़की हैं और उन्होंने मुझे बचपन से नंगा देखा था. एक बार हमलोग मौसी के यहाँ आये हुए थे तो सुबह नहाने के वक़्त में मैंने उन्हें नंगा देखा. हुआ यह वह नीचे बाथरूम में थी और मैं ऊपर जंगले पर बैठा था मैंने जंगले पर पड़ा पर्दा हटा दिया तो नीचे मैंने दीदी को एकदम जन्मजात नंगा देखा वह भी ऊपर से.
तभी दीदी ने भी ऊपर देख लिया मैंने झट से पर्दा वापस रख दिया और बाहर चला गया. फिर उस दिन के बाद से गुड्डी दीदी मेरी आँखों में नाचने लगी. मुझे यह भी पता था की उनका किसी से चक्कर था और एक दिन वह बाहर जा रही थी. मेरी मौसी बोली- मिंटू को साथ ले जाओ.
दीदी- क्या करना है यह बोर होगा.
मौसी- नहीं होगा, साथ ले जाओ नहीं तो मत जाओ.
दीदी को बात माननी पड़ी और मुझे लेकर साथ गयी. रास्ते में हमदोनो ने कोई बात नहीं की, तभी उनका फ्रेंड आया और दोनों बात करने लगे 15 मिनट बाद वह चला गया और दीदी मेरे साथ रेस्टॉरेंट आ गयी. वहां दीदी बोली- मिंटू तुम मौसी को इस बारे में नहीं बताओगे.
मैंने पूछा- किस बारे में दीदी.
दीदी- मुस्कुरा कर बोली कुछ नहीं.
वह समझ गयी की मैं क्या कह रहा हूँ. दीदी मेरे से बोली चलो ज़ू चलते हैं वही खाना खायेंगे. और हमलोग ज़ू पहुंचे. टिकट लेने के बाद हम अंदर गए घूमने लगे. मुझे सावित्री की याद आ रही थी.
उन्होंने पुछा- मिंटू उस दिन तुमने पर्दा क्यों हटाया था जान बूझकर या धोखे से.
मैंने कहा- धोखे से हट गयी थी.
दीदी ने पुछा- कैसी लगी थी मैं.
मैने पुछा- क्यों आप तो वैसे भी अच्छी हैं फिर ऐसा क्यों पूछ रही हैं.
दीदी ने कहा- मैंने तो तुम्हे बस 5 साल से नंगी नहीं देखा वरना तो तुम नंगे ही घुमते थे पर मुझे तो तुमने बगैर कपड़े के देख लिया है मैं कैसी लगी थी.
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मुझे इसकी आशा ही नहीं थी और मेरे मुँह से निकला गॉर्जियस. फिर मैं घबराया भी पर दीदी मुस्कुरा पड़ी और मेरा माथा चूम लिया. मेरे लिए यह कोई नयी बात नहीं थी. उन्होंने मुझसे कहा और किसी को देखा है ऐसे मैंने कहा हाँ पड़ोस में एक लेबर है वह तो रोज बिना कपडे के नंगी नहाती है उसे देखा है.
वह हंस पड़ी. फिर हम एक जगह बैठे जहाँ झुरमूट था और दीदी ने मेरा सर अपने गोदी में रख लिया और मेरे बाल सहलाने लगी. तभी अचानक उन्होने ने मुझे अपने सीने में दबा लिया और मेरा मेरे होठों पर चुम्मा लिया और शर्मा गयी. फिर मेरा हाथ अपने दूध पर रह कर दबा दिया.
मैं उससे खेलने लगा दबाने लगा सहलाने लगा. फिर थोड़ी देर बाद हम घर आ गए. मौसी पूछने लगी कहाँ गए थे तो जैसा दीदी ने बताया था बोल दिया बात आयी गयी हो गयी. और मैं ऊपर आ गया तभी दीदी ने आवाज़ लगायी मैं नीचे कमरे में आया तो दीदी ने थैंक्स कहा और मेरे होठों पर आपने होठ रख दिया.
मैं अभी सकते में था की दीदी ने अपना कुरता खोल दिया और ब्लैक कलर की ब्रा मेरे सामने थी. जिसमे उनके बड़े बड़े दूध फंसे थे जो मुझे घूर रहे थे. मैं पसीने से नहा गया ऐसा तो सावित्री के सामने नहीं हुआ था जो अभी हो रहा था. तभी दीदी ने सलवार उतार दी और मैं बहार आ गया मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ और मैं बाथरूम में आ गया.
क्योंकि ठंडा होने का तरीका भी सावित्री ने बताया था और मैं मुठ मारने लगा. दीदी मेरे पीछे गाउन पहन कर आ गयी और देखने लगी मैंने ध्यान नहीं दिया पर जब पलटा तो हैरान दीदी को देखने लगा. दीदी बोली- तुम मुठ मरना कैसे सीखे. मैंने बोला दीदी मैंने कहा बस एक किताब में पढ़ा था.
फिर दीदी कुछ नहीं बोली और ऊपर जा कर खाना बनाने लगी. रात में मैंने खाना खाया और सोने के लिए छत पर आ गया. रात में करीब 12 बजे मुझे दीदी ने जगाया और बोली चलो मुझे नीचे बाथरूम जाना है. मैं नीचे आया दीदी बाथरूम में गयी तो मुझे भी अंदर ले गयीं.
और अपनी पैंटी उतार के बाथरूम करने लगी मेरे सामने घटा खुली हुई थी और एक अंजानी सी खुशबू मेरी नाक में गयी मई मचल उठा यह लड़कियों की माहवारी गंध थी. दीदी पेशाब कर रही थी और अचानक मेरे लंड पर हाँथ रख दिया और दबाने लगी और अपनी बुर सहलाने लगी.
काफी देर तक ऐसा करने के बाद मैं बाहर आ गया और दीदी भी बाहर आ गयी. हम ऊपर आ गए और सो गए. अगले दिन मैं कानपूर आ गया. एक हफ्ते बाद मेरे मां के लड़के की सगाई थी और घर के सब लोग वहां चले गए. मेरा अगले दिन प्रैक्टिकल था तो मैं मौसी के यहाँ रुक गया.
तब मौसी बोली- गुड्डी भी रुक जाती है और प्रैक्टिकल के बाद दीदी के साथ आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है.
दीदी ने कहा- जाओ सब को बस स्टैंड छोड़ आओ.
मैं सब के साथ बस स्टैंड आया और जब बस चली गयी मैं घर आया तो घर पर दीदी मेरे इन्तेजार में थी.
दीदी- इतनी देर कहाँ लगा दी.
मैं- दीदी बस मिलने में देर लग गयी.
दीदी- तुम तो सिर्फ टाइम वास्ते करते हो.
मैंने कहाँ दीदी अब प्रैक्टिकल की तैयारी कर लू.
दीदी बोली- हाँ जल्दी करो.
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दीदी मुझे लेकर अंदर कमरे में आ गयी और बोली पहले यह बताओ तुमने किस किताब में से मुठ मरना सीखा है मुझे नाम तो मालूम नहीं था तो मैं बताता कैसे तब दीदी ने कसम दी और पुछा. मैंने शरमाते हुए दीदी से कहा- दीदी वह सावित्री है न उसने मुझे पिछले साल लड़की चोदना सिखाया था और तब से मैं उसे रोज उसके घर चोदने जाता हूँ और कभी कभी घर पर ही चोद लेता हूँ, वह बहुत सेक्सी है और मुझे दूध भी पिलाती है मुझे बहुत अच्छा लगता है.
दीदी हैरान थी बोली- तुम्हें 37 साल की औरत को चोदा है. और तुम कितने मज़े लिए हैं. क्या वह भी खुश है.
मैं बोला- हाँ दीदी वह तो बहुत मज़े लेती है मेरी चुदाई के और तो और वह मेरे से गांड भी मरवाती है और कई स्टाइल से मुझे उसकी गांड मारने में बहुत मज़ा आता है और चोदता तब हूँ जब उसकी गांड में डर होने लगता है. उसके दूध तो बहु रसीले हैं और मैं जब उसके दूध पर नकोट लेता हूँ या काट लेता हूँ तो वह कहती है और ज़ोर से करो यार उसको दर्द नहीं होता है.
गुड्डी दीदी यह सुन कर पागल हो गयी और बोली अबे मैं तो तुझे बच्चा समझ रही ही तू तो शैतान निकला. अब मुझे चोदना चाहते हो या नहीं और दीदी ने अपने स्तन हिला दिए. मैं देख कर भड़का गया और बोला- क्यों नहीं दीदी आप जैसे मक्खन मलाई दीदी जब हो तो उसे कौन नहीं प्यार करेगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तब दीदी बोली पर पहले यह बताओ क्या तुम्हारी सावित्री रानी मेरे सामने चुद सकती है.
मैंने कहा- कौन नहीं मैं जब उसके घर पर चोदने जाता हूँ तो उसकी बड़ी बहन सब देखती है और कभी कभी तो मेरा लंड भी चूसती है.
दीदी मुस्करा कर बोली क्या तुम सावित्री को यहाँ ले आओगे नहीं तो मैं तुम्हारे घर चलूँ.
मैंने कहा मैं उसे यहां ले आता हूँ पर अभी नहीं आपको चोदने के बाद.
और मैंने दीदी को आँख मारी वह शर्मा गयी.
फिर मुझसे बोली यह बताओ तुम कहाँ से शुरू करना चाहते हो.
मैंने कहा दीदी क्या मैं आपको मक्खन मलाई कहूँ.
दीदी- कहो न.
मैंने कहा- दीदी मक्खन जैसे भी खाओ अच्छा लगता है आप वैसे भी खूबसूरत हो और क़यामत हो आपके जैसे को कहीं से भी शुरू किया जा सकता है.
और मैंने सीधे दीदी की बुर पर हाँथ रख दिया और पुछा दीदी क्या आप कभी चुदी हो.
गुस्सा कर दीदी बोली- क्या पूछ रहे हो मैं अभी कुवारी हूँ तुम पहले हो जो मुझे नंगा देखा है. और उन्होंने कहा आ जाओ मेरे मिंटू भाई जल्दी करो मेरी बुर में कुछ हो रहा है.
मैंने दीदी के नाईटी पर से दूध दबाने शुरू किया. दीदी सिसकारियां भरने लगी आआआअह्हह्ह्ह्हह ऊऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़, ओओओओओउईईईमएआआआआ क्या कर रहे हो कुछ को ना ऊऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़आआआआईईईई… मैंने उनके नाईटी के बटन खोले तो नीचे रेड फ्लावर ब्रा में दीदी के दूध बंद थे. दीदी उसमें एकदम परी लग रही थी.
मैंने एकदम से उन्हें बाँहों भर लिया और दबाने लगा. दीदी भी चिपक गयी और लम्बी लम्बी सांसे भरने लगी. मेरे हाँथ उनकी पीठ पर चल रहे थे. मैंने दीदी को खड़ा किया और उनकी नाईटी नीचे फिसल गयी और वह रेड ब्रा और पेंटी में थी मैं उससे दूर हुआ और उनके तीन चक्कर लगा कर देख रहा था.
तो दीदी ने पुछा क्या देख रहे हो मिंटू.
मैंने कहा- मलाई देख रहा हूँ यहाँ हर जगह भरी पड़ी है कहाँ से खाना शुरू करू.
दीदी बोली जहाँ से शुरू करो पर आराम से कोई गलती ना हो और दाग न पड़े.
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मैंने दीदी के सीने पर हाँथ रख कर कस कर दबा दिया दीदी चिल्लाई धीमे से दबाओ सब तुम्हारा ही है ऐसा नहीं करो. तब मैंने और जोर से दबाया और नोच लिया. दीदी तिलमिला गयी और अपने दूध सहलाने लगी गुस्सा होते हुए बोली कहीं नाख़ून पड़ गया तो दर्द होगा.
मैंने दीदी के पैर पर चूम लिया और दीदी की लाल पैंटी उतारने लगा. दीदी बोली अच्छा अपना मन है तो सब कर रहे हो पर परेशान मत करो. और दीदी ने पैंटी उतर दी और मैं उसे सूंघने लगा मुझे उसमे से बुर की महक आयी तो मैं बोला- क्या शानदार खुशबू है और दीदी की नाक के सामने से उन्हें सूंघने लगा.
दीदी भी अपनी महक से मदहोश हो गयी और ऑंखें बंद करके बोली कुछ कर ना भाई. मैंने दीदी की चूत चाटने लगा. दीदी हैरान हो कर बोली क्या कर रहे हो. मैं बोलै- मालाई चाट रहा हूँ और साथ में काट भी रहा था दोनों पैर चाटने के बाद मैं ऊपर पेट पर बढ़ा तो देखा दीदी अपने स्तनों को मरोड़ रही दबा रही थी.
उनके ब्रा में से दूध बाहर थे साथ में टाइट निप्पल्स खड़े थे मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दीदी के दोनों दूध पकड़ कर पूरी ताकत से दबा दिए. दीदी तिलमिला गयी तड़पने लगी मैं उनके होठों से अपने होठ लगा कर चूसने लगा. कभी मेरे होठ दीदी के मुँह में तो कभी मेरे उनके मुँह में.
15 मिनट हम ऐसे ही चूसते रहे और मैं दीदी के दूध लगातार दबा रहा था और निप्पल निचोड़ रहा था. दीदी ने मुँह अलग किया और तड़प कर बोली मिंटू दर्द हो रहा है बस कर. पर मैं नहीं माना और दीदी का एक निप्पल चूसने लगा और चबाने लगा. दीदी अब करहाने लगी थी क्योंकि मैं दूसरी को मसल रहा था.
दीदी ने मेरा लौड़ा पकड़ लिया था और दबाने लगी. मैंने दीदी के दूध लगातार आधे घंटे चूसे और चबाये वह सूज गए और निप्पल तो टाइट हो कर बहार निकल गए जैसे की किसी दुधारू माँ के होते हैं. दीदी बोली पी लिया दूध. मैंने कहा हाँ अब मक्खन चाटूँगा और मैं दीदी का मुँह चाटने लगा फिर गर्दन.
दीदी के मुँह से निकला आआआआआआअ ऊऊऊऊऊऊऊऊ अह्ह्ह्ह मरररररर गयीईईईईईईईईईई हाय क्या कर रह हो क्या खाल निकाल डोज कितना चाटोगे मैं मरी जा रही होओओओओ मेरी बुर झड़ गयी कुछ बह रहहहा है मैं गयी कुछ कर न यार मेरे में डालल्लल्लल दोऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊउ आअह्ह्ह्हह ऐईईईईईई. और ना जाने दीदी क्या के कह रही थी.
पर मैं नहीं माना फिर सीने पर दूध पर और फिर नाभि पर चूसने लगा. दीदी लाल हो गयी थी नसें तन गयी थी, आखोँ में खून आ गया था मुझे खींच रही थी पर मैंने अभी भी ध्यान नहीं दिया. फिर मैंने कहा दीदी क्या कभी किसी से बूर चटवायी है. वो बोली नहीं पर आज जो तुमने चाटा है मैं चार बार झड़ गयी हूँ और अब तो मुझे चोदो प्लीज मैं तुम्हारे हाँथ जोड़ती हूँ मेरी प्यास बुझाओ.
मैंने कहा प्यारी गुड्डी दीदी अब मैं तुम्हें हवा में ले जाऊंगा. और मैंने उनकी बूर पर ऊगली रखी और उसे फैलाया. पूरी बूर गीली थी और मैंने उस प्यारी बूर की दो प्यारे फांको को देखा बीच की खाई में तालाब सा नज़र आ रहा था. मैंने उन दो प्यारे होठों को फैलाया और अपनी जबान उस पर लगाई.
दीदी बोली की क्या कर रहे हो मत कर गंदी है. पर मैं नहीं माना और पूरी बुर चाटने लगा. दीदी सातवें आसमान पर आ गई और चिल्लाने लगी हाय क्या कर रहे होओओओओ आग लग रही हैईईई… ऊऊऊऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊओफ़्फ़्फ़्फ़ हाय मर गई फाड़ डालो चाट डालो खा जाओ लूट लो काट लो मैं गयी फिर झड़ी मेरे भाई सम्भालो.
और सारा रस मेरे मुँह में. दीदी ने मेरी तरफ देखा और बोली यह सब तुम क्यों कर रहे हो मैं दीवानी हो रही हूँ मत करो प्लीज चोदो ना. तभी मैंने अपनी दो ऊँगली उनकी बूर में डाल दी और अपनी ऊँगली से चोदने लगा दीदी तड़प उठी और अपना चूतड़ हिलने लगी मस्त हो रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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मैंने दीदी को अपने ऊपर किया मैं नीचे था दीदी मेरे ऊपर सीधे लेटी मैंने दीदी की टांगों को फैला कर बीच में लंड दबा दिया और अपने चारों ऊँगली बुर में डाल कर ऊँगली से चोदने लगा. दीदी मेरे लंड के स्पर्श से गरम थी मैं लगातार गरम कर रहा था. दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर आगे पीछे कर मुठ मरने लगी.
मेरी भी आवाज़ आने लगी तभी मैं बोलै दीदी मेरा कुछ निकल रहा है दीदी बोली तो बाथरूम में चलो. मैंने कहा दीदी मैंने तुम्हारी बूर चाटी तुम मेरा लंड चूसो ना. दीदी बोली छी.. मैं नहीं चूसूंगी. तब मैंने दीदी के दूध को नकोटते हुए कहा क्या मादरचोद बहनचोद की लौड़ी नहीं चूसोगी.
मैंने एक थप्पड़ मारा और दीदी घबरा गयी और तुरंत मेरे लंड को हाँथ में लेकर चूसने लगी अभी सिर्फ सुपाड़े को मुँह में लिए थी. मैंने उनकी छोटी पकड़ी और कहा तुम छोड़ मैं तुम्हारे मुँह को चोदुंगा. और फिर मैंने दीदी के सर को आगे पीछे करना शुरू किया मेरा पूरालंड उनके मुँह में जा रहा था और बाहर आ रहा था.
मैंने दीदी से कहा देखो ऐसे चूसते हैं रानी और 15 मिनट में दीदी भी चूसने लगी बहुत प्यार से चाट चाट कर चूस रही थी और मेरे तरफ मुस्कुरा कर देख रही थी. मैंने पुछा कैसा लग रहा है गुड्डी दीदी. वह बोली पहले क्यों नहीं बताया इतना मज़ा आता है मैं ऐसे ही चूस लेती मार तो नहीं खानी पड़ती और रोने लगी.
मैंने प्यार से होठो को चूसा और कहा अब कोई बात नहीं मुझे माफ़ कर दो. दीदी.- बोली माफ़ कर दिया. तभी मेरा रस उनके मुँह में निकल गया. दीदी घबरा गयी पर मैंने कहा पी जाओ मेरी प्यारी दीदी. दीदी सब पी गयी बोली अच्छा था मज़ा आ गया. अब प्लीज चोदो ना. मैंने कहा ठीक है अब तुमको चोद सकता हूँ.
बूर फूल चुकी थी और टाइट हो गयी थी मैंने कहा दीदी मैं तुमको चोद कर कली से फूल बना दू. तुम्हारी कुवारी बूर की धाज्जियाँ उड़ा दूँ. तुम्हारी बुर फाड़ डालूं. तुम्हें अपनी बीवी बना लू. दीदी बोली इसमें क्या है लो मेरी बूर और दीदी लेट गयी. मैंने दीदी की बूर पर थूका और अपना लंड बूर के मुहाने पर रखा.
दीदी ने आँखें बंद कर ली और बोली मैं तो चुदी और मेरी फटी. मैंने आव देखा ना ताव और मारा झटका और मेरा आधा लौड़ा अंदर गया तो हम दोनो की चीख निकल गई. दीदी चिल्लाने लगी बाहर निकालो दर्द हो रहा है मत करो मेरी फट जाएगी मैं मर गयी छोड़ दो मत करो निकाल लो प्लीज भाई निकाल लो लंड दर्द हो रहा है.
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मैं रूक गया और दीदी के होठों को चूसने लगा दूध सहलाने लगा. दीदी मुझसे अपने को छुड़ाने में लगी थी और मैं तो चिपक गया था. 5 मिनट में दर्द कम हुआ तो मैंने धीरे से हिलाते हुए लंड अंदर किया और मेरा पूरा लंड दीदी की बुर में चला गया दीदी को पता भी नहीं चला.
तब मैंने पूछ दीदी दर्द कैसा है कम है क्या. दीदी बोली तुम निकाल रहे हो या नहीं. मैंने कहा नहीं पर अब देखो तो मेरा पूरा लंड तो खा गयी हो और दीदी हैरान थी की उसे पता ही नहीं चला. फिर मैंने उनके होठों को अपने मुँह में दबाया कर लगा जोरदार झटके मारने. लगातार 10 20 30 40 झटके.
दीदी नीचे छटपटा रही थी चिल्ला रही थी पर मेरे मुँह में और मैं उनके होठों को कस कर चूस रहा था उनका सारा थूक मेरे मुँह में जा रहा था और वो छूट नहीं पा रही थी. मैं लगातार झटके दे रहा था. 15 मिनट में ही वह झड़ गयी और मैं भी पर मैं नही रूका और मेरी चुदाई चलती रही.
फिर दीदी भी साथ देने लगाई उनका मखमली चूतड़ उछल रहा था हिल रहा था और मैं लगातार धक्के दे रहा था तभी दीदी कराही और ढीली पड़ी फिर झड़ गई. मैंने उनके होठ छोड़ दिए. दीदी बोली तुमने तो मेरे होठों का सारा रस ले लिया मज़ा आगया है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और मैं दीदी से चिपका लेता रहा मैं थक गया था. 2 घंटे की लगातार मेहनत रंग लायी थी दीदी खुश थी उसकी करारी चुदाई हुई थी और काफी संतोष था चेहरे पर. फिर मैंने अपना लंड उनकी बुर से निकाला तो देखा उनकी बुर से थोड़ा सा खून निकल आया था. मैं घबरा गया. दीदी मुस्कुराई हाय मिंटू तुमने तो मेरी बुर फाड़ डाली मेरी योनि ही छेद दी, मुझे तुमने कली को फूल बना दिया है मेरी कुवांरी चूत को फाड़ दिया है अब मेरा पति क्या फाड़ेगा, उसे कैसे समझाउंगी.
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दीदी भी परेशान हो गयी. मेरी समझ में कुछ नहीं आया फिर दीदी ने मेरा लंड पर लगा खून देखा तो बोली चलो देखेंगे पहले अपना लंड साफ़ कर लो मैं अपनी चूत को. हम लोग बाथरूम में गए. दीदी ने मेरे लौड़े को पकड़ा और उसका रगड़ कर पानी से साफ़ करने लगी. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. दीदी शरारत से लंड पर चपत लगा कर बोली साले अभी मेरी बुर फाड़ कर चैन नहीं मिला जो फिर से खड़ा हो रहा है अब क्या मेरी गांड मारेगा.
मैने कहा क्योँ नहीं दीदी अभी वो तो बाकी है. दीदी मेरे लंड को चूसते हुए बोली नहीं मैं गांड नहीं मरवाऊँगी तूने पहले ही मेरी योनि फाड़ दी है पहले ही परेशान हो रही हूँ और परेशान मत करो. फिर दीदी अपने बूर साफ़ करने लगी मैं भी हेल्प करने लगा. अपनी ऊँगली उनकी बुर में डाल कर साफ़ कर रहा था. दीदी मेरे सर पर हाथ फिरा रही थी. फिर हम साथ में नहाये और एक दूसरे को खूब चूमा चाटा और दोपहर का खाना खाने के लिए बैठ गए.
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