Mummy Hot Pussy Fuck
यह कहानी तब की है जब हम शहर से हमारे गांव जा रहे थे. हमारी एसी टिकट थी और एक ही कंपार्टमेंट में थी. जहां एक रूम होता है और 4 सीटें होती है. मां की नीचे खिड़की के पास वाली सीट थी और मेरी उनके सामने वाली ऊपर की सीट थी. में मां के बारे में बता दूं मां का नाम सरोज है. वह पेशे से हाउसवाइफ है वह घर में ही रहती है. पापा स्कूल प्रिंसिपल है उन्हें स्कूल छोड़ कर आना जाना नहीं जमता. Mummy Hot Pussy Fuck
मेरा नाम अप्पू है मेरी उम्र 20 की मैं कॉलेज में पढ़ता था मैंने दाढ़ी मूछ बढ़ा ली थी और 25 का लगता था. मां सांवले रंग की थी उनकी उम्र 40 थी लेकिन देखने में 38 की लगती थी. वह मस्त गदराये बदन की थी उनके आम और उनकी गांड की गोलाई मस्त थी. वह बहुत सेक्सी दिखती थी उनकी आंखें नशीली थी.
उनकी आंखों में अगर कोई देख लेता तो वह जन्मों का भूखा और हवशी हो जाता. उनको साड़ियां पहनना पसंद था ब्लाउज में तरह-तरह के स्टाइल पहनती थी. आज उन्होंने डीप नेक वाला काला ब्लाउज पहना था और हरी साड़ी पहनी थी. वह ट्रेन में बैठ कर मोबाइल पर गाने सुन रही थी और मैं ऊपर बैठा गेम खेल रहा था.
मैंने देखा ऊपर से मां की गली बहुत मस्त दिख रही है इतना तो चलता है. औरत कोई भी हो रिश्ते से अगर वह बात है तो दिख ही जाता है. करीब 2 घंटे बाद हमारे यहां एक कपल आया शायद उनकी नई नई शादी हुई थी. पूछने पर पता चला वह बीवी को मायके से लेने आया था अब वह दोनों ससुराल जा रहे थे.
अब दोनों की काफी हरकतें चालू हो चुकी थी बातें करना एक दूसरे को टच करना. मां यह सब देखकर शर्मा रही थी शायद उनको अपने दिनों की याद आ रही थी. मैंने मां को होंठ चबाते हुए देखा और जब किसी की नजर नहीं थी तो मां ने साड़ी सेट करने के बहाने चुत खुजाई जैसे ही मेरी तरफ़ देखा मैं यहां वहां देखने लगा.
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अब मुझे उनकी हरकतें मां के ऊपर लगे हुए शीशे में साफ दिख रही थी. तभी मुझे उसके पति ने उन्हें देखते हुए देख लिया. तभी मुझे उसने इशारा कर बाहर आने को कहा मैं आ गया और वो भी पीछे आ गया. तो उसने कहा भाई नई नई शादी हुई है तुम ऐसा करोगे तो कैसे चलेगा.
मैने कहां सॉरी तो उसने कहा it’s ok. अरे मुझे कंट्रोल नहीं होता और सामने जो औरत बैठी है मेरी पत्नी उसे समझा रही है तू समझ गया तो मेरा एक काम करेगा तू उनके साथ बैठ जा उनको कंपनी दे हम यहां लाइट बंद कर के आते हैं. मेरा स्टेशन आने को अभी 5-6 घंटे हैं उसके बाद मुझे घर पर ऐसा मौका 4-5 दिन नहीं मिलेगा. भाई मान जा. क्या पता अगर उस आंटी ने तुझे चांस दिया तो कुछ भी हो सकता है. मजे लेले.
मैने उसे कहा ठीक है. तो कुछ देर बाद हम अंदर आए तो मैं ऊपर न ना जाकर मां के बगल में ही बैठ गया. तो मां ने कहा उनको प्राइवेसी चाहिए तू यहीं मेरे साथ बैठ जा. उन्होंने पूछा लाइट बंद करें हमने कहा हां कर दो उसके बाद अंधेरे में में और मां एक दूसरे से सट कर बैठे थे.
अब हमें कुछ दिखाई तो नहीं देर रहा था पर उनकी हरकतों की आवाजें आ रही थी. उनकी चूमने की आवाज और उस लड़की का सिसकना मेरा लंड त्न गया था. मेरा हाथ मां की तरफ था मुझे लग रहा था मां मम्मों से मेरी कोहनी पर दबाव डाल रही है. इतने ममें मां का फोन आया लाइट जली हमने देखा उपरसे वो औरत नंगी थी वो आदमी उसकी गोदी में बैठा उसके मम्में चूस रहा था.
मां ने हड़बड़ा के फोन कट किया और फोन ब्लाउज में डाल लिया और जैसे ही हाथ नीचे किया मेरी जांघों पर रखा लंड के करीब ना जाने क्यों मां ने हाथ सरका के लंड पर रखा और मेरे खडे हुए लंड को महसूस करने लगी. मां लंड को भांप रही थी उन्होंने लंड को पकड़ने की कोशिश की शायद उन्हें पता चला के यह मेरा लंड है तो उन्होंने झट से हाथ हटा लिया.
अब मेरा पारा चढ़ गया था मैंने हाथ पीछे लेकर मां की कमर पर का और वहां से हाथ मां के पेट पर मसलने लगा. मां बोली बेटा यह क्या कर रहा है. मैंने बोला क्या. तो मां कुछ नहीं बोली. अंधेरे में मां ने वापस मेरे लौड़े पर हाथ रखा इस बार उन्होंने उठाया नहीं जैसे के इशारा दे रही थी चलो हम भी कुछ करते हैं.
तो मैं एक हाथ मां के मम्मों पर रखा और मसलने लगा तो मां मेरे कान में धीरे से बोली बेटा यह गलत है. मैने मां के कान में कहा छोड़ो ना मां किसे पता चले गा प्लीज मां करने दो ना बस एक बार मैं इसके बाद ना मांगूंगा ना किसी से कुछ कहूंगा. मै ऐसे कहते कहते मां के कान और उनकी गर्दन को चूमने लगा.
उनकी सांसें धीरे धीरे ऊपर नीचे हो रही थी माहोल में गर्मी बढ़ रही थी मैं मां का ब्लाउज खोलने लगा मां ने मेरा हाथ पकड़ा मैं ने एक एक कर के ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए. ब्लाउज खुल चुका था और मां का हाथ अभी भी मेरे हाथ पर ही था मैं समझ गया था मां गरम है यही मौका है हथौड़ा मरने का.
अब मैं मां की साडी ऊपर खींचने लगा मां ने फिर मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन इस बार उन्होंने रोका नहीं मैंने साड़ी ऊपर की ओर मां की जांघों पर हाथ फेरने लगा. मां की सांस तेज़ थी हम्मम हम्म की आवाजें जा रही थी मैं चूत पर गया और चड्डी के ऊपर हाथ फेरने लगा.
चड्डी गीली सी लगी इस लिए मैंने अंदर हाथ डाला शायद मां ने 2 3 दिन पहले ही चूत साफ की थी छोटे छोटे बाल आए हुए थे क्या फील था उसपर हाथ फेरने का. मुझे उनकी चूत के होंठ समझ नहीं आ रहे थे यह मेरा पहली बार था किसी की चूत को टच करना. उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अंदर घुसाया मेरी उंगली पकड़ कर चुत के होल के अंदर डाल दी और इशारे से अंदर बाहर करने को बोली.
मैने हाथ निकाला और अब दो उंगलियां डाल कर अंदर बाहर करने लगा. तब तक सामने वाली सीट पर चूदाई चालू हो चुकी थी पच पच धक्कों की आवाजें आ रही थी. मैं उठ कर अपनी पेंट निकल नंगा हो गया और वापस मां के पास बैठ कर उनकी चड्डी निकलने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पर मां पहले ही चड्डी निकाल टांगें फैला लेटी हुई थी मैं मां के ऊपर लेट गया. मां ने मेरा लंड पकड़ चुत पर सेट किया और धक्का मरने को बोली जैसे लंड अंदर गया मां की चीख निगल गई सीस्स्स्शह्ह आराम से बेटा. फिर दो तीन धक्कों में मां नॉर्मल हो गई अब लंड आसानी से आ जा रहा था.
अब हम भी पच पच की आवाज़ें करने लगे मां गांड उठा उठा कर चूदवा रही थी. अब मैंने मां के मम्मे चूसने को हाथ ऊपर किए तो वो नंगे थे मां ने ब्रा पहले से ही ऊपर कर ली थी. तो मैं बुरी तरह से मम्मे चूसने लगा और काट भी रहा था. मां स्स्स्स ओफ्फ्फ काट मत बेटा सिर चूस और ऐसे ही धक्के मरते मरते मैं मां के अंदर झड़ गया मां भी मुझे कस के पकड़ कर झड़ गई.
हमने अपने आप को संवारा मैंने मां की चड्डी अपनी जेब में छुपा ली थोड़ी देर ऐसे ही एक दूसरे के साथ लेटे रहे. एक स्टेशन आया तो खिड़कियां खटखटाने लगी चाय चाय. तो पास की सीट वाले उस आदमी ने भी चाय ली और मेरी मम्मी ने भी चाय ली वो मुझे देख कर हस रहा था तो हम बाहर गए पानी लेने के बहाने.
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बाहर आकर वो मुझे बोला भाई सही खेल गया तू तो क्या माल बजाया है. और वैसे एक बात बोलूं यह मेरी बीवी नहीं है मेरी बड़ी बहन है. में शॉक्ड हो गया मैंने कहा चल झूठे ऐसा कहां होता है. क्यों नहीं होता आज तूने क्या किया तुझे क्या लगा मुझे पता नहीं चलेगा जिसको तूने चोदा वो कोन है. मैने बाहर के पोस्टर पर तुम्हारे नाम पढ़े थे.
अब मेरी बोलती बंद हो गई मैं उदास हो गया यह मुझसे क्या हो गया. तो वो बोला भाई टैंशन क्यों लेता है साले मजे ले इतना बड़ा कांड किया है तूने. ऐसे होता है हर फैमिली में बस कोई बताता नहीं अब मुझे ही देख ले अपनी बहन को बीवी की तरह चोदता हू.
अभी मौका है हम लोग तो एक और शॉट मरने वाले हैं जहां से जाने से पहले. अब तक मेरी बहना ने तेरी मां का दिमाग सेट कर दिया होगा. अब तुझे जब चाहे चुत मिलेगी नहीं भी मिली तो अब मौका है जो चाहे वो करले. फिर हम ट्रेन में चढ़ गए मां और उस लड़की की बातों से लग नहीं रहा था के उनका कोई डिस्कशन हुआ था हंसी मजाक चल रहा था.
फिर टीसी टिकट चेक करने आया फिर उस आदमी ने बोला लाइट बंद करदू कोई आपत्ती तो नहीं आपको. मैं हस कर बोला जी जरूर जरूर. फिर मैं ऊपर बर्थ पर जाने लगा तो मां बोली बेटा कहां जा रहा है यहीं मेरी बगल में सो जा. अब मैं बाहर की तरफ सो रहा था और मां अंदर की तरफ सीट पर जगह कम पड़ रही थी इस लिए हम चिपक कर सो रहे थे.
अब यह लोग वापिस से शुरू हो चुके थे उसकी चूड़ियों की आवाज गूंज रही थी. मैं सोच रहा था अब क्या होगा अब आगे क्या करू तभी मां की हरकतें शुरू हो गई मां अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ने लगी. मैं करना नहीं चाहता था लेकिन इस बार मां सामने से मौका दे रही थी मां ने मेरा हाथ पकड़ अपने पेट पर घुमाते घुमाते अपनी चूत पर रखा.
मां ने अपनी साड़ी ऊपर कर ली थी और एक हाथ से मेरी पेंट उतरने की कोशिश कर रही थी. मैने उठकर अपनी पैंट उतारी और मां मेरा लंड पकड़ हिला हिला कर टाइट कर रही थी. मां मूड में थी अब मां मेरी तरफ मुंह कर मेरे ऊपर आने को चाह रही थी तो मैं मां को मेरे ऊपर खींच लिया.
अब मां ने अपनी ब्लाउज उतरी मां ऊपर से नंगी थी और मां ने मेरे भी कपड़े उतार दिए मैंने भी जोश मैं मां की साड़ी उतार दी और मैं मां के नीचे था और वो मेरे ऊपर. मां मुझे दूध चुसवा रही थी और मेरे लंड को मां चूत में लेकर खुद ऊपर नीचे करने लगी मैं नीचे से धक्के दे रहा था ऐसे ही चुदाई हुई हम दोनो झड़ गए.
मा मेरे ऊपर नंगी ही सोई रही हमें जो कंबल दिया था उसमे ही हम दोनो सोए रहे. सुभा अचानक उन दोनो ने हमें जगाया उनका स्टेशन आ गया था हमने कुंडी लगाई. हम ऐसे ही नंगे बैठे थे मैने पहली बार मां का नंगा गोरा बदन देखा था. हम एक दूसरे को देख रहे थे मां ने मुझसे कहा विकी बेटा देख जो ट्रेन में हुआ वो किसी को पता नहीं चलना चाहिए. और यह सब यहीं पर हुआ.
ट्रेन से उतरने के बाद गलती से भी नहीं होगा. ना हीं मेरी तरफ से ना ही तेरी तरफ से ओके. मैने मां को ओके कहा और उनके दूध चूसने लगा मां मेरे बालों में हाथ डाल सहलाने लगी मेरी एक जांघ मां की जांघो के बीच गई मुझे चूत की गर्मी महसूस हुई में मां की चूत में लौड़ा घिसने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मां कुछ नई बोली मैने मां को कहा मां अभी ट्रेन से उतरने में दो घंटा बाकी है क्यू ना एक आखिरी बार और हो जाए. मां हंसी और बोली बदमाश मुझे पता था तू इतने में नहीं मानेगा तब हमने किस करना चालू किया. अब मैं मां को चूमे जा रहा था चूसे जा रहा था यह आखरी मौका था.
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मां लंड हिला रही थी मैंने मां को चूसने को कहा मां खड़ी हुई और मेरा लंड चूसने लगी क्या मजा आ रहा था मैने मां को सीट पर बिठाया और उनके पैर फैला कर चूत चाटने लगा. अब मैं मां को गोद में बिठा कर चोद रहा था. फिर मां को खिड़की के पास डॉगी स्टाइल में चोदने लगा मां खिड़की की सलाखों को पकड़ कर गांड उछाल उछाल कर लंड अंदर ले रही थी.
क्या माहोल था मां का ऐसा जंगली रूप रात को भी नहीं था मैं मां को खड़ा कर झुका के पीछे से चोद रहा था. मैने मां को नीचे बिठाया और उनपर अपने माल की बरसात कर दी और मां का सारा बदन अपने माल से भर दिया. दोनो हांफते हांफते एक दूसरे के ऊपर सो गए अब मुझे मां को और चोदना था लेकिन मां जुबान की पक्की थी वो मुझे ट्रेन के बाहर कभी चोदने नहीं देती.
मां भी पागल हो गई मेरा स्टैमिना देख कर. मां ने मुझे ट्रेन में ही समझा दिया था के ट्रेन के बाहर जाने के बाद अगर मैने मां को उस नजर से भी देखा तो मां मुझे घर से निकल देगी. जो हुआ सो हुआ यह बात सिर्फ हम दोनो में रहेगी. सो हम गांव पहुंच गए वहां मां का सारा खानदान था सो कोई गुंजाइश ही नहीं थी किसी चीज की.
लेकिन मैंने अब सेक्स का मजा चख लिया था जो मेरे अंदर से जाना ना मुमकिन था. मैं रात को मां की पैंटी जो मैने चुराई थी उसे सूंघ सूंघ कर गुजारा कर रहा था. अब मुझे लगा मां कभी नई देगी. हमारे पास बस 3 4 दिन बचे थे इसके बाद हम घर वापिस जाने वाले थे.
सो मैं सब भूल कर छुट्टियों के मजे लेने लगा छुट्टियों की एक रात छत पर खाने का कार्यक्रम रखा था सब रिश्तेदार आए हुए थे. बहुत मजा आया. उस दिन मैं मां को देख भी नहीं रहा था. सब खत्म होने के बाद मैं छत पर अपने कॉलेज के दोस्त से बात कर रहा था के मां आई. मां ने पूछा कोन है मैने कहा दोस्त है.
तो मां बोली अच्छा यह बता तू तो सब कुछ भूल गया, आज मैने देखा तूने मुझे देखा भी नहीं और ना ही मेरे पास आया, ना ही मुझसे बात की. मैने कहा ऐसा नहीं है मां आपको देखता हु तो सब याद आ जाता है अंदर एक बिजली सी दौड़ जाती है, भूल नहीं पता इस लिए आपको इग्नोर कर रहा था.
अच्छा मेरा प्यारा बेटा सुन मैं क्या कहने वाली हूं अभी हम वापिस अपने घर जाने वाले हैं. तो तू टिकट बुक करवा वैसे वाले ही इस बार 4 सीट बुक करवाना हमें प्राइवेसी मिल जाए, में खुशी से पागल हो गया मां को जोर से हग किया और चूमने वाला था तो मां ने कहा अरे पागल है क्या कोई देख लेगा, घर लोगों से भरा पड़ा है जो करना है ट्रेन में कर लेना, चल अब नीचे पर.
उस रात तो मुझे नींद ही नहीं आई खुशी के मारे, आखिर वो दिन आ ही गया। हम स्टेशन पर आए मां सजधाज के आई,। आज मां का ब्लाउज कहर ढा रहा था, घर वाले आए थे हम छोड़ने के लिए इस लिए मैं शांत बैठा था, फिर जब गाड़ी चालू हुई में मां के ऊपर लपक गया, मां को चूमने लगा मां भी साथ दे रही थी.
मां ने कहा रुक थोड़ा सब्र रख मैं आती हु कह के मां बाथरूम चली गई, फिर मां आई दौड़ते हुए और दरवाजा बाद कर लिया, मां ने गुलाबी रंग की जो मां के सिर्फ जांघों तक थी और उपरसे जो मां के मम्मों पर जाली और मां की गांड पर जाली वाली नाइटी पहनी थी।
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मैं मां को ही देख रहा था उपरके जाली वाले हिस्से में मां के मम्मे साफ दिख रहे थे. नीचे मां ने गुलाबी चड्डी पहनी हुई थी मां को देख कर तो नई दुल्हन भी शर्मा जाए. मां 25 28 साल की लड़की लग रही थी मैने मां से पूछा यह सब कहां से लिए मां बोली तुम्हारी मामी का है, उनकी शादी के वक्त का है.
ऐसे बोलते बोलते मां मेरी गोदी में बैठ गई और बोली उस दिन तो बहुत हाथ घूम रहे थे तेरे बच्चू आज क्या हुआ सांप सूंघ गया क्या, मां ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मे पर रखा. मां मेरे कपड़े उतारने लगी मैं मां की गर्दन पर किस कर रहा था और काट भी रहा था.
मम्मी ने मुझे नंगा किया मेरी छाती पर किस करने लगी काटने लगी और मेरे निप्पल चाटने लगी, मैंने मां की नाइटी उतार दी मां चड्डी में थी मैने मां को अपनी गोद में सुलाया और उल्टा कर दिया, में मां के चूतड़ों पर थप्पड़ मरने लगा मां मजे से चिलाने लगी ओफ्फ्फ ओह्ह्ह ओह्ह्ह बेटा जोर से और जोर से लाल कर दे.
मैने मां की गांड में उंगली डाली तो मां तीतर बितर हो गई, अंगूठे से उनकी चूत सहला रहा था और गांड में उंगली डाल रखी थी, मैने वैसे ही मम्मी को उठा कर सामने की सीट पर कुत्ते की था बिठाया मां ने हाथों से गांड फैला रखी थी मैं अपनी जीब डाल कर चाटने लगा, मां मजे ले रही थी आह्ह्ह आआआ अह्ह्ह्ह मैं कैसे इस मजे से दूर रह सकती हूं बेटा.
जब मैं जीब थोड़ी और अंदर घुसता तो मां मजे से कांप उठती और कहती शरीर में करंट जैसी गुदगुदी महसूस होती है, मां ने मुझे नीचे सुलाया और मेरे ऊपर चढ कर अपनी चूत मेरे मुंह पर घिसने लगी और मेरा लंड चूसने लगी और मेरे टट्टों को भी चाटने लगी, फिर मम्मी उठी और सामने की सीट पर टांगे फैला कर अपने चूत रगड़ते हुए बोली मत तरसा मेरा राजा बेटा अब रहा नई जाता.
में उठ कर गया और अपना लंड उनकी चूत में डाला और धक्के मरने लगा मां मजे से कराह रही थी और ऊपर को सरकी जा रही थी मैं मां को नीचे खींच लेता और धक्के मरता, मां मस्ती में चिल्ला रही थी अहह अह्ह्ह बेटा हाय ओह्ह्ह श्ह्ह्ह बेटा मैने मां के हाथ पकड़ रखे थे.
मुझे मां गोदी में अपने पैरों से जकड़ कर खुद नीचे से उछल उछल चुदवा रही थी, मां कह रही थी बेटा अंदर झड़ जा लेकिन मैं कह रहा था नहीं मां आपके ऊपर झडूंगा, मैं लंड बाहर निकल हिला रहा था मां चूत में उंगली कर रही थी मम्मी के मुंह पर चरम सुख का आनंद दिख रहा था.
में मम्मी के ऊपर झड़ गया उनके मंम्मौं पर लिप्स पर आंखों पर गालों पर और माथे पर मेरे माल की बूंदें गिरी, मां ने उंगली से सारी बूंदें चाट ली और बाकी नाइटी से साफ की, फिर हम इसे ही नंगे लेटे रहे एक दूसरे के ऊपर एक दूसरे की बाहों में मां मेरा सर सहला रही थी.
मां बोली बेटा यह बात गलती से भी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए ना दोस्तों को ना रिश्तेदारों को, तुमने उस रात मेरा जोबन मुझे लौटा दिया उस रात की चूदाई ने मेरा औरत होने का ऐहसास दुबारा जगा दिया, वरना मैं और तेरे पापा तो न जाने कितने सालों से खैर छोड़ो.
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तुझे याद है बेटा मैने तुझे क्या कहा था हम जब कहीं बाहर हों जहां हमे कोई जाने पहचाने वाला ना हो तब तू जो चाहे मेरे साथ कर सकता है, लेकिन यहां से उतरने के बाद हमारे शहर में बिल्कुल नहीं, मुझे रिस्क नहीं लेना, तू अपनी हवस को गांठ बांध ले थोड़े दिन, और मेरे माथे पर किस किया,
तभी tc की आवाज आई मां ने नॉर्मल सी नाइटी पहन ली, tc टिकेट चेक कर चला गया, फिर मां आई और मेरे ऊपर चढ़ कर सोई हम इसे ही एक दूसरे को चुम्मा चाटी करके सो गए, मां मुझसे चिपक कर सोई हुई थी, जब मुझे होश आया मैं वहां से उठ सामने वाली सीट पर गया, में मूतने चला गया मां आराम से सो रही थी.
मैने सोने की कोशिश की लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी बगल में सोई हुई मां की गांड मुझे बुला रही थी, और यही लास्ट टाइम था शायद इसके बाद घर पे मुझे मां कभी चोदने नहीं देती, में उठ कर गया मां की सीट पे मां की नाइटी ऊपर उठाई उनकी गोल फूली हुई गांड देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.
में उनकी गांड चाटने लगा मां नींद में ही थी और नींद में ही आह्ह्ह ओह्ह्स सोने दो ना बेटा बोलने लगी, मुझे गांड मारनी थी कुछ भी कर के में उनकी गा गांड में दो उंगली डाल दी मां दर्द से उठ खड़ी और बोली बेटा मत कर दर्द होता है, मैने कहां मां प्लीज करने दो ना यहां से निकलने के बाद तो आप कुछ देने वाली नहीं हैं, आप सो जाओ आराम से मुझे करने दो जो में करना चाहता हु.
मां नहीं मान रही थी लेकिन मैं फिर भी कर रहा था मेरी दोनो उंगलियां आराम से जा रही थी, मम्मी ने अपनी गांड थोड़ी ऊपर उठाई हुई थी और थोड़ी फैला कर मेरा साथ दे रही थी, मैने मौका देख अपना लंड निकाला मां छेद को थूक से भर दिया और लौड़ा अंदर घुसने लगा मां को लगा 3 उंगलियां है.
मां बोली बेटा 2 ही ठीक थी अब जादा उंगलियां मत डाल, मां को क्या पता था वो मेरा लंड है, जैसे ही मैंने सुपाड़ा अंदर डाला मां दर्द से कराह उठी और जैसे ही वो पीछे मुड़ कर देख मेरा आधा लंड उनकी गांड में घुस चुका था, वो मुझे लंड बाहर निकलने को बोल रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं थोड़ा थोड़ा कर के अंदर डाले जा रहा था अब मैं पूरा लंड मां की गांड में घुसा चुका था, मां को बहुत दर्द हो रहा था में लंड बाहर निकाला तो मां देख कर चिल्लई, ऊईई मां आउच सो मैं वापिस अंदर डाला मां ऊओफ़्फ़्फ़ क्या कर रहा है नालायक बेटे तो मैने मां के हाथ पकड़ लंड अंदर बाहर करने लगा और एक हाथ से उनका मुंह ढक लिया ता के वो चिल्लाए ना.
अब मां ने मेरे हाथ पकड़ अपने मम्मौं पर रखे और मसलने लगी अब मां को भी मजा आ रहा था, मां उठी और घोड़ी बनकर बोली तू नहीं सुधरेगा बदमाश अपनी मां की ही गांड फाड़ दी, चल अब ले मजे ऐसा कह कर मां ने अपनी गांड फैलाई मैं लंड अंदर डाल मस्त मजे से गांड चोदने लगा.
मां उछल उछल के लंड ले रही थी और एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी, अब मैं मां की गांड में झड़ गया लेकिन मां शांत नहीं हुई थी मैं जीभ पीछे जांघों से उनकी चूत में घुसाई और चाट चाट कर मां को ठंडा किया, और फिर वैसे ही मां के साथ सो गया.
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सुबह उठा तो हमारा स्टेशन आने में अभी आधा घंटा बाकी था, मां साड़ी पहन कर तैयार बैठी थी मैने उनकी की साड़ी उठाई और उनकी गुलाबी चड्डी निकली और लंड डाल चोदने लगा मां बोली जल्दी कर स्टेशन आने वाला है तेरा पेट नहीं भरता क्या कितना स्टैमिना है तुझ में कल से चोद रहा है, तू थकता नहीं है क्या हान्न बोल, अब मैं नीचे लेटा हुआ था और मां मेरे ऊपर साड़ी उठा कर लंड चूत में उछल उछल कर ले रही थी, मैं झड़ने वाला था मेरी मां भी चरम सीमा पर थी मां लंड को अंदर रगड़ रगड़ कर लिए जा रही थी.
अचानक चिल्लाई आह्ह्ह्ह ऊऊओस्स्स वोह मेरे ऊपर गिर गई और बोली बेटा तूने तो आज जन्नत की सैर करा दी है और मुझे चूमने लगी, ट्रेन रुकी स्टेशन पर पापा खड़े थी मुझे मेरा यह रंगीन हवशी पल यहीं खत्म होता दिख रहा था, मैने अपने अंदर से मां को बाए बोला और हम दोनो ने वापिस आकर अपनी मर्यादा नहीं छोड़ी, आज 3-4 महीने हो गए हैं घर पे चाहे मैं और मां अकेले होते हैं फिर भी हम एक दूसरे को छूते नहीं हैं, में उनकी चद्दिओं की खुशबू पर दिन गुजर रहा था, लेकिन किस्मत मुझे फिरसे मौका देने वाली थी मुझे यह नहीं पता था.
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