Sex Karne Ka Man
मेरा नाम प्रिया सिंह है। मैं गुडगाँव की रहने वाली हूँ। शादी शुदा औरत हूँ और काफी खूबसूरत हूँ। मेरे एक लड़की है जिसका नाम तृषा है। मेरे पति काफी रंगीन और खुशमिजाज आदमी है और मुझे हर तरह से खुश रखते है। रात होने पर मेरी नये नये पोज में चुदाई करते है और उनका लंड भी 11” है। काफी मोटा लंड है मेरे पति का। Sex Karne Ka Man
इसके बावजूद अगर मुझे नये लंड से चुदने का मौका मिल जाता है तो चुदवा लेती हूँ। दोस्तों मेरी जवानी ही ऐसी है की मैं क्या करूं। मैं जितना सेक्स करती हूँ, जितना चुदवाती हूँ उतनी मेरी कामवासना बढती चली जाती है। अभी कुछ दिन पहले दूधवाले से चुदवा लिया है मैंने। पूरी स्टोरी आपको सुना रही हूँ।
मेरी स्टोरी सुनकर सभी लड़के के लंड खड़े हो जाएँगे और सभी चूतवालियों की चूत गीली हो जाएगी मुझे विश्वास है। मेरा दूधवाला मोनू पिछले 4 सालो से मेरे घर दूध दे रहा था। अब तो मेरी उससे अच्छी जानपहचान हो गयी थी। वैसे तो मोनू रोज ही मेरे घर पर सुबह के 8 बजे दूध का डब्बा लेकर दूध देने आ जाता था।
पर उस दिन वो नही आया। मेरे किचन में दूध खत्म हो गया और पति के लिए चाय भी बनानी जरूरी थी। इसलिए मैं ही उसके तबेले पर चली गयी और दूध का डिब्बा भी ले गयी। उस दिन मैंने जो कुछ देखा उसे देखकर मैं दंग रह गयी। उसके तबेले में अनेक गाय, भैस थी पर अंदर ढेर सारी घास रखी पड़ी हुई थी।
मोनू अभी छोकरा ही था और वो पडोस की एक औरत को हुसक हुसक कर चोद रहा था। उस दिन मैंने 26 साल के लड़के मोनू का मोटा सांड जैसा लंड देखा। कितना मोटा और लम्बा लंड था उसका। बिलकुल गुलाबी रंग का। मैं दीवाल के पीछे छिप गयी और उस औरत की धका पेल चुदाई देख रही थी।
मोनू ने भी उसकी चूत कुछ देर मुंह लगाकर चाटी। फिर उसकी गांड मारी। वो औरत पडोस के एक इज्जतदार परिवार की औरत थी और यहाँ तबेले में कैसे मोनू से मजे से चुदवा रही थी। उसके बाद वो जल्दी से अपनी साड़ी पहनी और कपड़े सही की। उसके बाद दूध लेकर चली गयी। फिर मेरे दूध वाले लड़के मोनू ने भी अपने कपड़े पहन लिए।
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“क्यों बेटा!!! इधर तबेले में रासलीला कर रहा है!! तभी आज दूध लेकर नही आया??” मैंने कमर मटकाकर अपनी चोटी को पकड़कर गोल गोल हिलाकर कहा.
मेरी बात सुनकर मोनू परेशान हो गया क्यूंकि उसके तबेले में कोई नही जाता था। फिर वो बात को मजाक में उड़ाने लगा।
“अरे बीवी जी!! आप लोग तो शादी शुदा हो। मैं तो ठहरा कुवारा। आखिर मेरा भी सेक्स करने का दिल करता है। तो कभी कभार मनोरंजन कर लेता हूँ!!” मोनू ही ही करके बोलने लगा।
“बेटा!! अगर उस औरत की चुदाई वाली बात उसके पति से बोल दूँ तो तुझे मार मारकर भुर्ता बना डाले” मैं बोली.
मोनू फिर से ही ही करके हंसने लगा। फिर मेरे डिब्बे में लिटर से दूध नापने लगा।
“बीबी जी!! आप ऐसी बात क्यों किसी से बोलोगी। आप कहो तो आपकी भी सेवा पानी कर दूँ!!” मोनू बोला.
“हाँ हाँ बिलकुल। मुझे तेरी सेवा चाहिये” मैं बोली.
उसके बाद दूध लेकर घर चली आई। कुछ दिनों बाद मेरे पति बंगलौर अपने ऑफिस के काम से चले गये। अब घर पर कोई नही था। अपने दूध वाले से चुदवाने का बिलकुल सही वक़्त था। मैंने सोचा की मोनू को घर पर बुलाऊंगी तो अगल बगल वाले देखेंगे।
सबसे अच्छा होगा की दूध का डिब्बा लेकर उसके तबेले पर चली जाऊं। मैंने अपने पति की ड्रेसिंग टेबल से 2 कंडोम ले लिए और साड़ी ब्लाउस पहनकर अच्छे से तैयार होकर मोनू के तबेले पर चली गयी। मुझे देखकर वो मुस्की मारने लगा। 10 20 भैसे थी उसके तबेले पर। हर जहग गोबर पड़ा हुआ था और काफी गंदी भी थी पर आज उससे मुझे चुदवाना ही था।
“मोनू !! ले मैं आ गयी!! अब बता कहाँ लिटाकर मुझे चोदेगा??” मैंने कहा.
“उधर घास पर!” मोनू बोला.
तबेले में घास भैसों को खिलाने के काम आती थी। मैं उसपर जाकर बैठ गयी और मोनू भी आ गया। मेरे पास आकर बैठ गया। उसके पेंट पर मैं हाथ लगाने लगी। फिर उसका लौड़ा सहलाने लगी। मोनू घास पर पेंट खोलकर लेट गया। फिर मैंने उसके अंडरवियर को उतारा तो उसका लंड किसी फसल की तरह लहलहाने लगा।
मैं मोनू के लौड़े को पकड़ा और हिलाने लगी। कितना शानदार लौड़ा था दोस्तों उसका। जवाब नही। मेरे पति से 2 इंच लम्बा और पूरे 12” का था। मैं हिला हिलाकर फेटने लगी। फिर जीभ लगाकर चाटने लगी। ““ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी बीबी जी! फेटो और फेटो इसे… हा हा हा.. ओ हो हो….” मोनू कहने लगा।
मैं तो बहुत बड़ी चुदक्कड पहले से थी। मेरे लिए गैर मर्दों से चुदना कोई बड़ी बात नही थी। इसलिए मैं खुलकर मजा लेने लगी। अपने सेक्सी हाथो से फेट फेटकर दूधवाले का लंड खड़ा कर दिया। और अब वो लाल लाल लोलीपोप सा दिख रहा था। कितना बड़ा, कितना सेक्सी और कितना शानदार। मोनू के लंड का सुपारा तो कितना रंगीन और गुलाबी था। मैं उसे किस करने लगी।
फिर मुंह में लेकर चूसने लगी। वो आई आई करने लगा। जब एक बार मैं रंग में आ गयी तो रुकी ही नही। जल्दी जल्दी गले तक लेकर चूसने लगी। मोनू मजा लेता रहा। मैंने भी हाथ से मुठ दे देकर उसे भरपूर मजा दिया और उसे मस्त कर दिया। उसी वक्त उसने बैठे बैठे मेरे ब्लाउस को खोल दिया और ब्रा भी उतार दी।
अब मेरी मस्त मस्त चूची में अपना लंड घिसने और रगड़ने लगा। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। मेरे दूध 36” के बड़े रसीले थे और यौवन के अमृत रस से भीगे हुए थे। मेरा फिगर 36, 30 38 का था। इसलिए काफी सेक्सी औरत थी मैं। मेरे सफ़ेद दूध संगमर्मर जैसे थे और काफी कड़े कड़े और सुख थे।
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“बीबी जी!! भाई साहब आपको नही लेते है क्या???” मोनू बोला.
“लेते है रे!! पर नये नये लंड से मैं अक्सर चुदवाती रहती हूँ। नये लौड़े खाने का मजा तू नही समझ पाएगा” मैं बोली.
फिर मैंने ही ब्लाउस उतार दिया और हरी घास पर लेट गयी।
“आओ मोनू !! तुम रोज दूध बेचते हो। आओ आज मेरे दूध चूसो!!” मैं बोली.
मोनू चोदू बन बैठा और जल्दी जल्दी अपनी शर्ट उतार दिया। फिर मेरे उपर घास पर आकर लेट गया और आज मेरे दूध चूसने लगा। हाथ लगा लगाकर मेरे मस्त मस्त सन्तरो को दबाए जा रहा था और “मस्त है!! मस्त है” बोल रहा था।
जब उसने मेरे रसीले स्तन मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो कितना मजा मिला मुझे मैं बता नही सकती। दूधवाला तो मेरे ही दूध चूसने लगा। रोज 4 टांगो वाली भैस के दूध निकालता था आज 2 टांगो वाली यानी की मेरे स्तन का दूध निकाल रहा था। काफी देर वो खेलता रहा और दोनों संतरों को हाथ से दबा दबाकर और सॉफ्ट बना दिया।
“बीबी जी!! आप मस्त हो!! आपकी जवानी तो बनी हुई है बच्चे होने के बाद भी!! दूधवाला लड़का मोनू बोला.
“तेरा ही दूध पीती हूँ!” मैं बोली.
उसके बाद उसने अपना लंड हाथ से फेटा और कड़ा कर दिया। मेरे 36” के बड़े बड़े गुलगुल यानी सॉफ्ट दूध के बीच में अपना 11” लौड़ा रख दिया और मेरे दोनों बूब्स को पकड़कर लंड की तरफ दबा दिया। उसके बाद मेरी कमर पर बैठकर मेरे ही सेक्सी चुचे चोदने लगा।
“ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” चिल्लाने लगी। मेरी नर्म नर्म दूधियाँ मस्त कबूतर को मोनू अपने खतरनाक लंड से चोद रहा था। मेरी हालत बिलकुल सनी लिओन जैसी हो गयी थी। मेरे सेक्सी बूब्स को मसल मसल कर मजे ले रहा था।
मुझे भी बहुत सुख मिल रहा था। मेरे पति से मेरे साथ कभी ऐसा नही किया था। मोनू तो बड़ा कामुक लड़का मिला। अपने कुल्हे हिला हिलाकर मेरी रबर जैसे चूचियों को पेलता रहा फिर माल भी झार दिया। मेरे संतरे उसके सफ़ेद पानी से नहा गये।
“लो बीबी जी! चूसो इसे!!” दूधवाला मोनू बोला.
अब मैंने जैसे ही अपना मुंह खोला उसने मेरे मुंह में लंड घुसा दिया। मैं चूसने लगी और पकड़ कर मुठ फेने लगी। उसका लंड काफी मस्त था। काफी मोटा और तन्दुरस्त। मैं मजे लेकर मुठ दे रही थी और चूस रही थी मेरी साड़ी को उसने पेटीकोट के साथ खोलकर उतार दिया। मैं नंगी हो गयी।
फिर मोनू मेरे बगल घास पर लेट गया। हम दोनों 69 के पोज में आ गये। मोनू मेरी चूत को चेक करने लगा। फिर जीभ लगाकर चाटने लगा। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी। मैनें भी उसके लंड को पकड़ लिया और मुठ देने लगी। हम दोनों आज 69 के पोज में आकर भरपूर यौवन का मजा उठाने लगे। बड़ा आनन्द मिल रहा था मुझे।
दोस्तों मेरे हसबैंड अब नये नये पोज बनाना तो बिलकुल भूल गये थे। वही परंपरागत तरीके से लिटाकर चुदाई करते थे। इसलिए आज अपने दूधवाले लड़के के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी। मेरे पति ने मेरी चूत को चोद चोदकर फाड़ दिया था। अब मोनू ने अपनी चारो उँगलियाँ मेरे भोसड़े में घुसा दी। मेरी तो जान ही सूख गयी। मोनू बार बार हाथ अंदर डालता और बाहर निकाल लेता।
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““….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… क्या कर रहा है मोनू!! जान ही ले लेगा क्या??” मैं दर्द से बोली.
“कुछ नही होगा बीबीजी!! आपका भोसड़ा तो इतना फटा है की ट्रक भी अंदर चला जाए” वो बोला और फिर 4 4 उँगलियाँ एक साथ घुसा देता था।
हम दोनों 69 में घास पर लेटे रहे और मस्ती करते रहे। मोनू ने मेरी भोसड़ी में इतनी बार हाथ डाला और निकाला की मैं झड़ गयी और उसके मुंह पर अपने माल की बारिश कर दी। मोनू का मुंह मेरे रस से भीग गया।
उसके बाद हम दोनों अलग हुए और उसने मुझे घास पर सीधा लिटा दिया। मेरे पैर खोले और लंड चूस में घुसा दिया। अब मोनू मुझे पेलने लगा। मेरे बदन में गर्मी बढ़ने लगी और बड़ा मीठा अहसास था वो। उसने अपने 11” लौड़े से मेरी ठुकाई शुरू कर दी। मुझे दबाकर चोदने लगा।
““आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा—चोद बेटा!! और चोद मुझे!!” मैं कहने लगी.
मोनू भी मस्ती में आ गया और उसने वो ठुकाई शुरू की थी मैं आपको क्या बताऊ। किसी नशेड़ी मर्द की तरह जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा। मेरे चूत के दाने पर ऊँगली लगा लगाकर घिस रहा था। मैं अई अई बोलकर तड़प रही थी। मोनू का लौड़ा 100 की रफ्तार से मेरी चूत की रसीली सुरंग में दौड़ रहा था। मैं जवानी और चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी।
मोनू की गोलियां अब काफी कड़ी होकर लड्डू की तरह दिख रही थी जो मेरी गांड के छेद से जल्दी जल्दी टकरा रही थी। अब चूत अब फिर से अपना रस छोड़ने लगी थी। मोनू अजीब अजीब तरह से अपना मुंह खोलकर सम्भोग में रत था। मेरी चूत का बाजा उसने अच्छे से बजा दिया था। अपने 11” लौड़े से मेरी चूत खोद खोदकर गद्दा बना दिया था।
“ओह्ह आह आह…सी सी… करता रह बेटा!! रुकना नही! और चोद मोनू। इसी तरह चोद बेटा!!” मैं कहती रही.
दूधवाला मोनू जोश में तगड़े तगड़े झटके दे देकर मेरा बुरा हाल करता रहा। मैं नीचे देखा तो मेरी चूत को उसने और जादा फाड़ दिया था। जिस तरह से रंडियों की चूत दिखती है उसी तरह से मेरी चुद्दी अब दिख रही थी। बड़ा सा छेद मेरे भोसड़े में हो गया था। फिर मोनू ने कुछ देर बाद लंड बाहर निकाला। चुदाई वाले गर्मी की वजह से मेरी गुलाबी रंग की चूत में फुरफुरी दौड़ने लगी
“साली तेरी चूत तो मस्त है कुत्ती कामिनी!!” वो बोला और फिर मुंह लगाकर रस चाटने लगा.
मैं भी मस्त हो गयी। मोनू किसी चुदासे कुत्ते की तरह दिख रहा था। उसी तरह से जीभ चला चलाकर चूत की चटनी निकाल रहा था। कुछ मिनट बाद फिर से उसने अपना 11” औजार मेरी बुर में घुसा दिया और इस बार मेरे दोनों सेक्सी सफ़ेद और चिकने पैर अपने कन्धो पर रख दिए। फिर से तेज धक्को के साथ मेरा सत्यानाश करने लगा। “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” बोलते बोलते वो झड़ गया।
दोस्तों इस तरह से मेरी पहली चूदाई मेरे दूधवाले के साथ हो गयी। मेरे पति बंगलौर से अभी नही लौटे थे और अभी भी 2 दिन मेरे पास थे। अब मैं अपनी गांड को चुदवाने के मूड में थी। इसलिए मैं अगले दिन रात में उसे बुला लिया। अपनी बेटी को मैंने दूधपिलाकर दुसरे कमरे में सुला दिया और मोनू आज फिर से मेरी सेवा में हाजिर था।
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“क्यों बीबी जी!! अब तो आज मेरी बात कालोनी में किसी से नही कहोगी??” वो पूछने लगा.
“बेटा!! तूने मेरी गांड में लंड तो डाला ही नही। पहले मेरी अच्छे से सेवा पानी कर फिर मैं तेरी बात किसी से नही बोलूंगी” मैं उसे आँख मारकर बोली.
उस दिन मैं सिर्फ और सिर्फ मोनू के लिए विशेष मेकप किया। आँखों में काजल लगाया और आई ब्रो को सेट किया। अपने हाथ के मैंने नेल पालिश लगाई जो चेरी रेड कलर की थी। फिर ओंठो पर इसी कलर की डार्क लिपस्टिक लगाई, फिर लिप लाइनर से उसे सजाया। अपनी चूत की सभी झांटे मैंने अच्छे से क्रीम लगाकर साफ कर दी और दोनों हाथो और पैरो के बालो को मैंने वैक्स करके साफ़ कर दिया। उसके बाद अच्छी से हिरोइन की तरह काली नाईटी में जब अपने दूधवाले लड़के के सामने आई तो उसके होश उड़ गये।
“बीबी जी!! आप तो आज मिस वर्ड दिख रही हो!!” मोनू आँखे फाडकर बोला.
“आज ये मिसवर्ड सिर्फ तेरी है जान!!” मैंने बोली.
उसके बाद मैं मोनू को अपने बेडरूम में ले गयी। मैंने सभी लाईट बंद कर दी और चारो तरह सेंटेड मोमबत्ती जला दी जिससे समा बड़ा रोमांटिक हो गया।
“चल बेटा!! आज गांड चोद मेरी!” मैं उसे फिर से किसी छिनाल की तरह आँख मारी.
धीरे धीरे मोनू ने मेरी काली रंग की नाईटी उताकर मुझे नंगा किया। फिर गांड के कसे छेद में अपना 11” लंड घुसाकर मेरी गांड मारी। भरपूर मजा दिया उसने।