Horny Girl Dildo
मैंने २५ साल की बहुत की खूबसूरत लड़की थी। मेरे गाल बहुत गुलाबी थे और मेरा चेहरा किसी ताजे गुलाब जैसा था। जब मार्केट में मैं कहीं शोपिंग करते जाती थी तो सभी दुकानदार मेरे बड़े बड़े बूब्स देखते थे और ताड़ते रहते थे। मेरे बूब्स ३८” के थे। मैं इतनी सुंदर लकड़ी थी की मुझे सभी लोग चोदने की गुप्त इच्छा रखते थे। मैं किसी फूल जैसी फ्रेश माल लगती थी। Horny Girl Dildo
मैंने इन २५ सालों में किसी लड़के से चुदवाया नही था। पर मेरी चुदवाने की और लंड खाने की बहुत ज्वलंत इच्छा थी। एक दिन मैंने अपनी चूत में डालने के लिए डिलडो एक ऑनलाइन कम्पनी से मंगवाया था। पता नही कैसे जब कोरियर वाला डिलडो की डेलिवरी लेकर मेरे घर आया तो डिलडो पापा के हाथ में लग गया। उन्होंने वो पैकेट खोलकर देखा तो बहुत दंग रह गयी।
“क्या क्या चीज है बेटी???” पापा गुस्साकर बोले.
“पापा! ये डिलडो है! कुवारी लड़कियां को जब कोई लड़का चुदवाने के लिए नही मिलता तो वो इस डिलडो को अपनी चूत में डाल लेती है और खुद अपनी चूत इससे चोद लेती है। इससे डबल फायदा होता है। एक तो लड़कियों की चूत इससे चुदकर शांत हो जाती है और उनको किसी लड़के को चुदवाने के लिए चोरी छुपे अपने घर नही बुलाना पड़ता। इससे लड़कियों का काम भी हो जाता है और उनकी समाज में बदनामी भी नही होती!” मैंने पापा को बताया.
शुरू शुरू में वो बहुत गुस्सा हुए मेरी बात सुनकर।
“बेटी! मुझे साफ साफ़ बता की क्या तेरी चूत अब लंड मांगती है क्या??? क्या अब तुमको किसी लम्बे लौड़े लंड की जरूरत महसूस होती है???’ पापा बोले.
“हाँ!! पापा जी !! अब मैं २५ साल की जवान लड़की हो गयी हूँ !! अब मेरा चुदवाने का बहुत दिल करता है!!” मैंने पापा से कहा.
दोस्तों, कुछ दिन तक मैंने डिलडो को अपनी चूत में डालती रही और ऐसे ही काम चलाती रही। फिर पापा मेरी शादी देखने लगे क्यूंकि उनको डर था की कहीं मैं चुदवाने के लिए किसी लड़के के साथ ना भाग जाऊं। १ हफ्ते बाद मुझे देखने एक लड़का आया। वो बहुत दुबला पतला लड़का था। उसका नाम विवेक था। मुझे उसको देखकर थोडा डाउट हो रहा था।
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“शिखा जी!! आप मुझे बहुत पसंद है!! आपको मुझसे कुछ पूछना हो तो पूछ लीजिये??” विवेक बोला.
“आप इतने दुबले पतले है!! देखने से तो आप नामर्द लगते है!! शादी के बाद मुझे आप अच्छे से चोद तो लेंगे ना???” मैंने पूछा.
“ये कैसी बात कर रही है आप शिखा जी??? मैं देखने में चाहे जितना दुबला पतला सीक जैसा हूँ, पर शादी के बाद मैं आपको अच्छे से चोद लूँगा। आप परेशान ना हो। मैं बिस्तर पर बहुत अच्छा हूँ। मैंने कई लड़कियों को पूरी पूरी रात पेला है। आप खामखा परेशान हो रही है। मैं आपको अच्छे से चोद लूँगा!!” विवेक बोला.
उसके बाद दोस्तों मैंने अपने पापा से कह दिया की लड़का मुझे पसंद है। शादी होने के बाद मैंने अपने पति विवेक के घर हरदोई में विदा होकर आ गयी। वो यहाँ पर एक प्राइवेट कम्पनी में काम करते थे। जिस दिन मैं अपने पति के घर पहुची, उसी दिन हमारी सुहागरात थी। मेरे पति को कम्पनी की तरफ से एक अच्छा बंगला और एक नौकर मिला हुआ था।
रात में पति ने मेरी सुहागरात के लिए अच्छी तरफ से कमरा सजाया था। जैसे ही रात के १२ बजे हम हसबैंड वाइफ एक दुसरे से प्यार करने लगे। मेरे पति विवेक ने मेरे रसीले होठ खूब चूमे और जी भर के पिये। धीरे धीरे उन्होंने मेरा ब्लाउस खोल दिए। जब वो मेरे ३८” के रसीले बूब्स दबाने लगे तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
विवेक अच्छी तरफ से मेरे आम हाथ में लेकर दबा रहे थे। मेरी चुच्ची बहुत ही कमाल की, बहुत सुंदर थी। मेरे पति मेरे मम्मो को दुनिया के सबसे हसीन और खूबसूरत मम्मे बता रहे थे। उन्होंने मुँह में भरके करीब १ घंटे तक मेरे दूध मस्ती से पिये और खूब मजा लिया। धीरे धीरे उन्होंने मेरी शादी की साड़ी निकाल दी और मेरे सेक्सी पेट के नीचे बंधे पेटीकोट का नारा पतिदेव से खोल दिया।
फिर मेरा पेटीकोट निकाल दिया और मेरी चड्डी के उपर से मेरी चूत सहलाने लगे। दोस्तों, आज मुझे बहुत खुशी मिल रही थी। क्यूंकि आज मैं चुदने वाली थी। आज मैं अपनी चूत में रोज की तरह डिलडो नही बल्कि असली लंड खाऊँगी। ये बात सोच सोचकर मैं खुशी से फूली नही समा रही थी।
कुछ बेड तक मेरी चूत को चड्ढी के उपर से सहलाने के बाद पति ने मेरी चड्डी निकाल दी और मेरी चिड़िया [चूत] उनको दिखने लगी। मेरी बुर हल्की सांवली और गुलाबी रंग की थी। पति मेरी चूत को छूने लगे और सहलाने लगे। फिर वो मस्ती से मेरी चूत पीने लगी। मुझे तो जैसे आज स्वर्ग की प्राप्ति हो गयी थी।
मेरे पति विवेक ने आधे घंटे तक मेरी चूत पी। उनका लंड मैंने देखा। जहाँ पति काफी दुबले पतले और सीक की तरफ थे, उनका लंड आम मर्दों की तरफ ही मोटा था। जब मैंने उनको पहली बार देखा था तो मुझे शक था की पता नही दुबले पतले पति मुझे चोद जाए या ना चोद पाए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पर अब पति का लंड का दीदार करने के बाद मेरा शक दूर हो गया था। मेरी गुलाबी चूत को अच्छी तरह से पीने के बाद पतिदेव ने मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने अपनी आँखें मूंद ली और मस्ती से पति विवेक को बाहों में भरके चुदवाने लगी।
दोस्तों, मैं तो यही सोच रही थी की पति से रातभर चुदवाउंगी और मजे से सारी रात गुलछर्रे उड़ाऊँगी पर दोस्तों १० मिनट बाद ही मेरा साथ डबल क्रोस हो गया। मेरे साथ धोखा हो गया। मेरे पति सिर्फ १० मिनट में मुझे चोदकर झड़ गये। दुबारा उनका लंड खड़ा ही ना हुआ। मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आ गया।
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“ये क्या जी??? क्या बस आपने मुझे १० मिनट चोदने के लिए ही शादी की है???’ मैंने आँखे तरेर कर पूछा.
“जान!!….रुको, अभी मैं लंड को दोबारा खड़ा कर रहा हूँ!” पति बोले और हाथ से जल्दी जल्दी अपना लौड़ा फेटने लगे।
पर दोस्तों ऐसा करते करते २० मिनट हो गया और उनका लौड़ा खड़ा ही ना हुआ। मैंने उनका लंड मुँह में लेकर खूब चूसा भी, पर भी ना खड़ा हुआ। मैं फूट फूट रोने लगी किसी छिनाल की तरह “हाय ! मेरा तो करम ही फूट गया इस हिजड़े आदमी से शादी करके।
ये नामर्द तो सिर्फ १० मिनट में आउट हो गया। मैंने क्या क्या नही सपने देखे थे की सुहागरात पर पति से सारी चुदवाउंगी और मजे मारूंगी। पर अब तो ये बस सपना ही रहा गया” मैं इस तरह से फूट फूट कर रोने लगी। मेरे पति को मेरा दुःख देखकर बहुत बुरा लगा।
“जान!! मैं तुम्हारी किस्मत नही फूटने दूंगा!! रुको, मैं तुम्हारे लिए लौड़े का इंतजाम करता हूँ!” पति बोले।
कुछ देर बाद वो हमारे घर का नौकर रामू को लेकर कमरे में आ गये।
“बीबी!! आज तुम्हारी सुहागरात है!! आज तुम इस नौकर से सारी रात चुदवा लो!” पति बोले।
मैं बहुत खुश हो गयी। मेरे पति को ये नौकर कम्पनी की तरफ से ही मिला था। वो मेरे पास आ गया और नंगा होकर मेरे बगल लेट गया। मेरे दूध वो पीने लगा। मेरे आम बहुत खूबसूरत थे। नौकर रामू मजे लेकर मेरी चुचि पी रहा था। फिर धीरे धीरे वो मेरी चूत पर आ गया और मेरी लाल लाल चूत को वो मजे से पीने लगा।
कुछ देर बाद रामू ने अपना लंड मेरे भोसड़े में डाल दिया और मुझे चोदने लगा। मैं डर रही थी की कही वो भी १० मिनट में जा झड़ जाए, पर ऐसा नही हुआ उसने मुझे आधे घंटे तक बिना रुके चोदा तो जैसे मुझे जन्नत दिखने लगी। मेरे पति विवेक मुझे नौकर रामू से चुदते देखने लगे तो सायद उनको जलन होने लगी। वो कमरे से बाहर चले गये। मैंने नौकर रामू को अपनी बाहों में लपेट लिया।
“मेरे दिलबर!! मेरे जानम रामू !! आज अपनी बीबीजी को अपनी सच वाली बीबी समझ लो!! मेरे सैयां आज मुझे रगड़कर चोदो तुम, समझ लो की आज रात के लिए मैं तुम्हारी ही बीबी हूँ” मैंने रामू से गुजारिश की।
उसके बाद तो वो मुझे अपनी औरत की तरह पेलने खाने लगा। मेरे होठ और मेरे मम्मे अपनी मर्जी से वो पीने लगा। आज रात के लिए मैं उसकी मासुका बन गयी थी। मेरे ढूधिया जिस्म को मेरा नौकर रामू अपने हाथ और ओंठो से सहला रहा था। मेरे एक एक अंग को वो चूम रहा था और चाट रहा था।
मुझे वो बहुत कायदे से ले रहा था और चोद रहा था। मेरे दोनों हाथों की उँगलियाँ उसके दोनों हाथों में फसी हुई थी। मैं चुद रही और उसका लंड खा रही थी। दोस्तों, आप समझ सकते है की आधे घंटे से जादा का वक़्त हो गया था और मेरा प्यारा नौकर रामू अभी तक नही आउट हुआ था। उसका मोटा लौड़ा बार बार मेरी रसीली चूत में जाता था और बाहर निकाल जाता था।
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नौकर के धक्के से मेरे ३८” के मोटे मोटे दूध हिल रहे थे। वो बहुत तेज तेज मेरे भोसड़े में धक्का मार रहा था जिससे मेरे दूध उपर की तरफ जम्प मार जाते थे। मैं आआआअ आहा आह आह उह उह उंहू उंहू की आवाजे निकाल रही थी। नौकर रामू मुझे उसी तरह से पेल रहा था जैसे कोई आदमी अपनी औरत को सुहागरात पर बजाता है। मेरे जिस्म पर सब जगह सिर्फ और सिर्फ रामू का कब्जा था। मैंने उनके लौड़े की दासी बन चुकी थी।
“बस यहीं रामू!!….बस यही लंड डालते रहो!!….आआअ ऊऊऊ ओह्ह्ह्ह रुकना मत रामू !!…रुकना मत…यही पर लंड डालते रहो! और मुझे चोदते रहो!” मैंने बार बार कह रही थी।
मेरे चुदासे नौकर रामू ने मुझे अपने सीने में छुपा लिया था। मैं पूरी तरह से उसकी दासी बनी हुई थी। उनसे मुझे किसी गठरी की तरफ अपने दिल में और बाहों में भर रखा था। मैं चुद रही थी और मेरे मुँह से तरफ तरफ के शब्द निकल रहे थे। मेरी हर एक आवाज, हर एक शब्द मेरा नौकर रामू सुन रहा था।
मेरी आँखें बंद थी और मैं शान से चुदवा रही थी। दोस्तों, उसने मुझे पूरा १ घंटा ५ मिनट नॉन स्टॉप चोदा। इस दौरान उसने हजारों बार मेरे लाल लाल खूबसूरत भोसड़े में अपना पहलवान जैसा लौड़ा डाला और निकाला होगा। उसके बाद वो मेरे भोसड़े में ही झड़ गया।
मैं उससे लिपट गयी और उसके गालों पर मैंने चुम्बनों की बारिश कर दी। मैं रामू को आज की रात के लिए अपना दिलबर, अपना पति मान लिया और उससे खूब प्यार किया। उसको मैंने बहुत प्यार दिया। मेरा गांडू नौकर ये भूल गया की वो मेरा पति नही नौकर है।
जब मैंने एक बार मस्ती से चुदवा लिया तो मुझे बाथरूम लगी। मैं बाहर मुतने के लिए गयी। जब बाहर निकली तो देखा मेरे पति ड्रिंक कर रहे थे। सायद अपनी शादी शुदा औरत को किसी गैर मर्द से देखकर उनको बहुत जलन हो रही थी, इसी लिए वो ड्रिंक करने लगे थे। मैं पति से जाकर चिपक गयी।
“क्यों जान!! अब बताओ रामू तुमको कायदे से चोद पाया की नही???” पति ने पूछा.
“अरे जी!! वो गांडू तो बहुत मस्त चुदैया है!! उसने मुझे पूरा १ घंटा ५ मिनट चोदा!!” मैंने कहा.
“जाओ शिखा!! आज नौकर के साथ जाकर मजे मारो। मैं तुमको चोद नही पाया तो क्या, तुम्हारे लिए मैंने लंड का बंदोबस्त तो कर दिया!” मेरे पति बोले।
मैंने उसको गाल पर चुम्मा दिया और थैंक्स बोला। फिर मैं अंदर कमरे में आ गयी। हमारा नौकर रामू फिर से मुझसे प्यार करने लगा। मुझे देर में उनके मुझे अपने लंड पर बिठा लिया और अपनी कमर पर बिठाकर चोदने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ये देखकर। हमारा नौकर रामू एक बहुत ही काबिल चुदैया था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने मुझे अपने लंड पर बिठा लिया था और चोद रहा था। मैंने अपने दोनों हाथ पीछे की तरह कर दिए और बेड पर टिका दिये उसके बाद मैं अपनी कमर उठा उठाकर मजे से चुदवाने लगी। रामू भी तेज तेज धक्के नीचे से मेरी चूत में मारने लगा। दोस्तों, इस तरह की ठुकाई में बहुत नशा मिल रहा था मुझे।
मेरा चेहरा रामू की तरफ था। हम दोनों एक दुसरे को चोद रहे थे। रामू का लौड़ा १०” इंच लम्बा था और पूरा का पूरा मेरी गुलाबी चूत में धस गया था और मजे से मुझे पेल रहा था। मैंने अपना सारा वजन अपने दोनों हाथों पर डाल दिया और पीछे की तरफ झुककर मैं मजे से मैं उपर नीचे धक्के मारने लगी। मैं किसी घोड़ी की तरफ अपने नौकर रामू के लंड को अपनी चूत में लेकर सवारी कर रही थी।
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आह ओह्ह्ह माँ माँ उई उई आहा आ की मीठी आवाजे मैंने निकाल रही थी। मेरी आँखों में चुदते समय एक अजीब सा नशा छा गया था। जैसे मुझे नींद सी आ रही थी। मेरा नौकर रामू मेरी योनी में लंड डालकर मेरे साथ योनी मैथुन सफलतापूर्वक पर रहा था। वो एक माहिर खिलाड़ी था। दोस्तों, सच में रामू के साथ सम्भोग करना एक यादगार अनुभव था। हम दोनों घंटो प्यार करते रहे। फिर मुझे लगा की मेरी रसीली चूत से माल छूटने वाला है। मेरा जिस्म अकड़ गया था। मैं पूरी तरफ से रामू के लौड़े के वश में आ चुकी थी।
मैंने खुद की कमर और चूत को रोक नही पा रही थी। मैं किसी घुड़सवार की तरफ अपने नौकर रामू के लंड की सवारी बड़ी तेज तेज करने लगी। कुछ देर हम हम दोनों एक साथ झड़ गये। मेरी गर्म और दहकती चूत में रामू के १०” लम्बे लौड़े ने अपना माल छोड़ दिया। उधर मैंने भी अपनी पिचकारी छोड़ दी। उसके बाद दोस्तों, मेरे पति महीने में २-३ बार नौकर रामू को बुलाकर मुझे चुदवा देते थे। मेरे पति विवेक भले मुझे चोद नही पाते थे, पर मेरे लिए नौकर के लौड़े का इंतजाम को खुशी खुशी कर देते थे। मुझे अपने पति से जो शिकायत थी वो अब दूर हो गयी थी।