Mast XXX Kahani
खूबसूरत लड़की चुदाई स्टोरी मैं मनीषा। इस बार मैं कुछ जल्दी आ गई, यही सोच रहे हैं ना? पर क्या करूँ, मैं अपनी बात अपने दिल में नहीं रख पाती। ठीक है, मैं आपको बोर नहीं करूँगी। मैं अपनी कहानी पर आती हूँ। जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी “2 लंड से एक साथ चुदना पड़ा मुझे“ पढ़ी होगी, उसके आगे की बात बताती हूँ… Mast XXX Kahani
जैसा कि मैंने समीर से वादा किया था कि दिन में मिलूँगी, मैंने अपने कपड़े पैक किए और घर पर कह दिया कि शालिनी के अंकल की तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए मैं शालिनी के साथ मुरादाबाद जा रही हूँ। दो-तीन दिन में वापस आ जाऊँगी। फिर मैंने समीर को फोन करके बताया कि दोपहर में नहीं, रात को ट्रेन में मिलते हैं।
रात 10 बजे लखनऊ मेल थी। मैं 9:30 बजे स्टेशन पहुँच गई। समीर मेरा इंतज़ार कर रहा था। मेरा रिज़र्वेशन समीर ने ही करवाया था, लेकिन कन्फर्म नहीं हुआ था। इसलिए मुझे समीर की बर्थ, जो सेकंड AC में ऊपरी थी, पर ही सफर करना था। मैंने समीर से धीरज के बारे में पूछा तो उसने कहा कि उसकी सीट नहीं हो पाई, इसलिए वह नहीं जा रहा।
मैं और समीर एक ही बर्थ पर आ गए। ठंड थी, इसलिए कोई दिक्कत नहीं हुई। पूरे केबिन की लाइट बंद हो गई थी। समीर लेट गया और मैं बैठी थी। समीर ने कहा, “लेट जाओ।” मैंने पूछा, “कहाँ?” तो उसने कहा, “पहले मैं लेटता हूँ, तुम मेरे ऊपर लेट जाओ।” मैं लेट गई।
थोड़ी देर बाद समीर ने मेरे कपड़ों के ऊपर से मेरे बूब्स दबाने शुरू किए। मैं कुछ नहीं बोली। फिर उसने मेरे कपड़ों में हाथ डालकर मेरी चूत में उंगली की और तब तक करता रहा जब तक मैंने पानी नहीं छोड़ा। थोड़ी देर बाद वह भी झड़ गया। फिर हम दोनों सो गए।
सुबह जब दिल्ली पहुँचे, स्टेशन से बाहर निकलते ही समीर ने गुरुग्राम के लिए टैक्सी की। वहाँ पहुँचकर उसने मुझे एक होटल में ठहराया। मैंने उससे पूछा, “यहाँ क्यों लाए हो? अब तो बता दो।” उसने कहा, “पहले तुम नहाकर तैयार हो जाओ, हमें मार्केट जाना है।”
मेरे तैयार होने के बाद वह भी नहाने चला गया। ब्रेकफास्ट के बाद वह मुझे मार्केट ले गया। उसने मुझे एक लाल साड़ी, लाल अंडरगारमेंट्स का सेट, काजल, बिंदी, और परफ्यूम दिलवाया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। फिर हमने बाहर ही खाना खाया और वह मुझे एक ब्यूटी पार्लर ले गया। तब तक शाम हो चुकी थी।
ब्यूटी पार्लर में मेरा पेडिक्योर, मैनिक्योर, और पूरा मेकअप किया गया। मुझे लगा शायद किसी शादी में जाना है। वहीं मैंने अपनी ड्रेस बदली और लाल साड़ी पहनी। जब ब्लाउज़ पहनने की बारी आई, तो मुझे याद आया कि मैंने ब्लाउज़ खरीदा ही नहीं। मैंने समीर को फोन करके बताया, तो उसने कहा, “उसकी ज़रूरत नहीं, तुम ऐसे ही तैयार हो जाओ। मैं एक घंटे में आता हूँ।”
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तैयार होकर जब मैंने आईने में खुद को देखा, तो मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई। मेरे आधे से ज़्यादा बूब्स बाहर दिख रहे थे। मैं ऐसे बाहर जाने में शरमा रही थी। समीर कार लेकर आया और चलने को कहा। मैंने ऐसे जाने से मना किया, लेकिन उसने कहा, “ऐसे ही चलना पड़ेगा।” मैं मजबूर थी, मुझे जाना पड़ा।
वह मुझे एक क्लब में ले गया, जहाँ का माहौल काफी खुला था। मैं शर्म से पानी-पानी हो रही थी। हम लॉन में बैठ गए। मैंने समीर से पूछा, “अब तो बताओ, मुझे यहाँ क्यों लाए हो?” तब उसने बताया, “मेरे बॉस यहाँ हैं। उन्हें टिपिकल इंडियन लेडी बहुत पसंद है। तुम्हें उनके साथ एक रात बितानी है।”
मैंने उससे कहा, “तुम पागल हो? मैंने तुम्हारे साथ सेक्स किया, तो क्या मैं किसी के भी साथ कर लूँगी?” वह सख्त लहजे में बोला, “करना तो तुम्हें पड़ेगा, मर्ज़ी से या बिना मर्ज़ी के, यह तुम देखो।” मैं कुछ नहीं कर सकती थी। फिर वह मुझे वहीं छोड़कर बोला, “बॉस से मिलकर आता हूँ।”
थोड़ी देर बाद एक वेटर आया और बोला, “मैम, आपसे कोई मिलना चाहता है।” मुझे लगा समीर के बॉस होंगे। मैंने कहा, “ठीक है।” दो मिनट बाद एक स्मार्ट-सा लड़का मेरी टेबल पर आकर बैठा और बोला, “मैम, क्या आप आज रात मेरे साथ बिताना पसंद करेंगी?” मैंने कहा, “क्या मैं तुम्हें कोई कॉलगर्ल दिखती हूँ?” उसने कहा, “मैम, यहाँ मौजूद ज़्यादातर फीमेल या तो कॉलगर्ल हैं या बहुत हाई-प्रोफाइल फैमिली से।”
मैंने कहा, “मैं आज किसी के साथ बिज़ी हूँ और बाहर से आई हूँ।” उसने टेबल पर 10,000 रुपये रखे और नेपकिन पर अपना नंबर लिखकर बोला, “मैम, मैं कल आपके कॉल का इंतज़ार करूँगा।” मैंने मना किया, लेकिन वह पैसे रखकर तुरंत चला गया। मैंने वेटर को बुलाकर पूछा, “यह कौन था?” वेटर बोला, “मैम, मैं तो नहीं जानता, लेकिन यह यहाँ अक्सर आते हैं।” मैंने सोचा कि कल इसे फोन करके पैसे लौटा दूँगी।
थोड़ी देर बाद समीर आया और मुझे क्लब के अंदर ले गया। वहाँ जुआ चल रहा था। उसने अपने बॉस को एक तरफ ले जाकर मुझसे मिलवाया। वे कुछ पैसे हार चुके थे। उन्होंने मेरे लिए अपनी बगल में कुर्सी लगवाई। वहाँ मौजूद हर आदमी की नज़र मेरे बूब्स पर थी। थोड़ी देर बाद वे जीतने लगे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
जब उन्होंने कुछ पैसे जीत लिए, तो वे वहाँ से उठकर अपने रूम की ओर चले गए। समीर भी उनके साथ था। रूम में पहुँचने के बाद उन्होंने समीर को जाने को कहा। वे मेरे पापा की उम्र, यानी 40-45 साल के, हैंडसम आदमी थे। बहुत सॉफ्ट बोलते थे। उन्होंने मुझसे पूछा, “क्या पीना पसंद करोगी?”
मैंने सोचा, ये मेरे पापा की उम्र के हैं, बिना पिए तो मैं इनके सामने कपड़े भी नहीं उतार पाऊँगी। मैंने कहा, “सर, कुछ भी।” उन्होंने कहा, “सर नहीं, हैरी कहो।” पीते समय उन्होंने मुझसे कहा, “मैंने अपने जीवन में तुम जैसी कॉलगर्ल नहीं देखी।” मैं शॉक्ड रह गई। मैंने सोचा, मेरे दोस्त ने ही मुझे अपने बॉस के पास कॉलगर्ल बनाकर भेजा। फिर सोचा, मैं कॉलगर्ल ही तो हूँ, जो इतने लोगों के साथ चुदवाती हूँ, भले ही कभी पैसे नहीं लिए। फिर मैं चुपचाप बैठकर ड्रिंक करने लगी।
थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठने को कहा। मैंने कभी इतने उम्र के आदमी के साथ सेक्स नहीं किया था। मुझे बहुत शर्म आ रही थी। उन्होंने कहा, “पता है, तुम मेरी लकी चार्म हो। जब तुम आईं, मैं हार रहा था, और तुम्हारे आने के बाद मैंने लगभग 40,000 रुपये जीते।”
उन्होंने मुझे लिप-किस करना शुरू किया। सच कहूँ, मुझे बहुत शर्म आ रही थी। मेरे पापा की उम्र के आदमी के साथ! फिर उन्होंने मुझे गोद में उठाकर बेड तक ले गए। मेरी चूड़ियाँ खनक रही थीं। उन्होंने मेरी साड़ी उतारते हुए पूछा, “क्या तुम मेरा झेल पाओगी?” मैंने कहा, “सर, पता नहीं, लेकिन प्लीज़ लाइट बंद कर दीजिए, मुझे बहुत शर्म आ रही है।”
वे बोले, “लाइट बंद करके मैं तुम्हारे साथ बिताए पल गँवाना नहीं चाहता।” मैं आँखें बंद करके लेट गई। फिर उन्होंने अपना कोट और शर्ट उतारी, मेरा पेटीकोट उठाकर उसके अंदर मुँह डाला और मेरी पैंटी साइड करके मेरी चूत को चाटने लगे। उन्होंने दो उंगलियों से मेरी चूत फैलाकर अपनी जीभ से चाटना शुरू किया। मैं बेडशीट को पकड़कर तड़प उठी। मुझे नहीं पता, वे कितनी देर तक मेरी चूत चाटते रहे। जब वे बाहर निकले, मैं बहुत उत्तेजित हो चुकी थी।
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उन्होंने अपनी पैंट और अंडरवेयर उतारी। उनकी विशाल लंड को देखकर मेरी आँखें फटी रह गईं। मैंने अपने जीवन में इतना बड़ा लंड कभी नहीं देखा था। उन्होंने मुझसे पूछा, “मोनू, क्या तुम इसे चूसना पसंद करोगी?” मैंने कहा, “नहीं सर, शायद मैं इसे चूस नहीं पाऊँगी।” उन्होंने कहा, “ठीक है, कोई बात नहीं।”
फिर वे मेरे पास लेट गए और ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स दबाने लगे। मैंने कहा, “सर, इसे उतार दीजिए, नहीं तो यह फट जाएगी।” ब्रा उतारते ही वे पागलों की तरह मेरे बूब्स दबाने लगे। कभी मेरे निप्पल को अंगूठे से दबाते, कभी चुटकियों से मसल देते। मेरी “आआआह्ह, प्लीज़ सर” की आवाज़ों का उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा था। वे तो बस मेरे बूब्स दबाने में लगे थे।
फिर उन्होंने मेरा पेटीकोट ऊपर उठाया और पैंटी उतार दी। मैं शर्म से आँखें बंद कर चुकी थी। फिर वे मेरी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगे। उन्होंने कहा, “जब तुम कहोगी, तभी डालूँगा।” मैंने कहा, “सर, शायद मैं इतना बड़ा नहीं ले पाऊँगी।” वे बोले, “कोई बात नहीं, मैं बाहर ही झड़ लूँगा।”
जब वे अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ते, मेरा बदन सिहर उठता था। थोड़ी देर बाद उन्होंने पूछा, “क्या मूड है?” मैंने कहा, “डाल दीजिए सर, जब रंडी बना ही दिया है, तो पूरी तरह बना दीजिए।” जैसे ही उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में धीरे से डाला, मैं दर्द से बिलबिला उठी और मेरे मुँह से ज़ोरदार “आआआह्ह्ह” निकल गई। वे वहीँ रुक गए और लंड को उतना ही अंदर-बाहर करने लगे।
कुछ मिनट बाद मैंने पूछा, “सर, अभी कितना गया है?” उन्होंने कहा, “अभी आधा ही गया है।” मैंने कहा, “सर, मैं आपको तड़पाना नहीं चाहती, डाल दीजिए, जो होगा देखा जाएगा।” उन्होंने कहा, “सोच लो।” मैंने कहा, “ठीक है।” फिर उन्होंने एक और धक्का लगाया। आप सोच नहीं सकते, मैं तो मर ही गई थी। “आआआह्ह, मर गई!” और न जाने क्या-क्या मैं चिल्लाई।
मैंने पूछा, “अब कितना बचा है?” उन्होंने कहा, “अभी भी आधा बचा है।” मैंने कहा, “बस, अब नहीं सर, ऐसे ही कीजिए।” थोड़ी देर तक वे इतना ही अंदर-बाहर करते रहे। फिर उन्होंने मेरी कमर पकड़कर ऐसा शॉट लगाया कि मेरे गर्भाशय में ज़ोरदार झटका लगा। मैं बुरी तरह झड़ गई। मेरी पूरी चूत गीली हो चुकी थी।
उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और बेड से नीचे उतर गए। मैंने पूछा, “क्या हुआ सर?” उन्होंने मुझे बेड से नीचे लटकाया और फिर शुरू हुआ चुदाई का एक ज़बरदस्त दौर। उनका हर झटका मेरे गर्भाशय से टकराता था, और मैं हर बार झड़ जाती थी। फिर वे एक झटके के साथ रुक गए। वे भी झड़ रहे थे। मेरे झड़ने का आलम यह था कि चूत का सारा पानी मेरे पैरों तक आ गया। मुझे एहसास हुआ कि शायद मर्दानगी इसी को कहते हैं।
थोड़ी देर तक पड़े रहने के बाद उन्होंने कहा, “चलो, बाथ लेते हैं।” मैंने कहा, “नहीं सर, बहुत ठंड है।” वे बोले, “चलो, तो ठंड नहीं लगेगी।” वे मुझे गोद में उठाकर बाथरूम ले गए और बाथटब में गर्म पानी भरा। फिर मुझे लेकर बाथटब में बैठ गए और बोले, “मैंने आज तक तुम जैसी रंडी नहीं देखी।”
मैंने कहा, “सर, मैं रंडी नहीं हूँ,” और अपनी पूरी कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, “तुम चिंता मत करो, मैं देख लूँगा।” फिर मुझे अपने ऊपर लिटाकर किस करने लगे। वे बाथटब में नीचे लेट गए और मुझे अपने लंड पर बैठाया। एक ज़ोरदार झटके के साथ उनका लंड मेरी चूत में गया। पानी के अंदर एक अजीब-सा एहसास हुआ। मैं सिकुड़ सी गई और धीरे-धीरे “मर गई” चिल्लाने लगी। मेरी चूड़ियों की खनक ही सुनाई दे रही थी।
पहली बार मैंने उनसे कहा, “सर, मज़ा आ रहा है। आप बहुत मज़बूत हैं। चोदिए मुझे, बना दीजिए मुझे रंडी। आपके लिए मैं रंडी बनने को भी तैयार हूँ। ज़ोर से सर, और ज़ोर से, फाड़ दीजिए मेरी चूत।” मैं “उफ्फ, उफ्फ” करती जा रही थी। पानी से चप-चप की आवाज़ आ रही थी। जब वे झड़े, मैं उससे पहले दो बार झड़ चुकी थी।
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हम रूम में आ गए। थोड़ी देर बाद उन्होंने पूछा, “क्या एक बार फिर करें?” मैंने कहा, “जैसा आप ठीक समझें।” वे बेड से उठे और अपने ब्रीफकेस से 30,000 रुपये निकालकर मुझे दिए और बोले, “ये तुम्हारे हैं।” मैंने लेने से मना किया, तो वे बोले, “ये मैंने तुम्हारी वजह से जीते हैं। मैं तुम्हारी कीमत नहीं लगा रहा, प्लीज़ ले लो।” मैंने पैसे ले लिए।
उन्होंने पूछा, “क्या तुम मेरा लंड चूसना पसंद करोगी?” मैंने कहा, “सर, मैंने आज तक ऐसी चुदाई नहीं की। आप जो कहेंगे, मैं वो करूँगी।” उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह में दिया। मैं थोड़ी देर तक चूसती रही। उनका लंड फिर से खड़ा हो गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उन्होंने पूछा, “क्या मूड है?” मैंने कहा, “सर, आज रात मैं आपकी हूँ। जो कहें, करो।” वे लेट गए और मुझसे अपने लंड पर बैठने को कहा। सच बताऊँ, मैं उनकी दीवानी हो चुकी थी। जैसे ही मैं उनके लंड पर बैठी, उन्होंने मेरी कमर पकड़कर मुझे नीचे किया। मैं चिल्लाई, लेकिन अब उन पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। वे इस खेल के माहिर खिलाड़ी थे। मैं अब हिल भी नहीं पा रही थी। कुछ मिनट बाद उन्होंने ही मूवमेंट शुरू किया।
मैं उनकी चुदाई को एंजॉय करने लगी थी कि उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनने को कहा। थोड़ी देर तक घोड़ी बनने के बाद उन्होंने मेरा एक पैर टेबल पर रखा और एक ज़मीन पर, फिर मुझे चोदा। वे हर पाँच मिनट में पोज़ बदल देते थे। इस तरह उन्होंने मुझे छह अलग-अलग पोज़ में चोदा। सच बताऊँ, मैं उनकी चुदाई की दीवानी हो चुकी थी।
जब वे मेरी चूत में झड़े, तो मुझे जन्नत का मज़ा आया। मैं बुरी तरह थक चुकी थी। सुबह 7:30 बजे उन्होंने मुझे जगाया और तैयार करके मेरे होटल छोड़ आए। उन्होंने मुझसे कहा, “जो माँगो, मैं दे दूँगा।” मैंने कहा, “सर, मेरी कीमत समीर के लैपटॉप में मेरी दो वीडियो क्लिप हैं।” उन्होंने कहा, “ठीक है, तुम चिंता मत करो। मैं वादा करता हूँ, कल तक वे नहीं रहेंगी।”
फिर उन्होंने पूछा, “क्या तुम मुझसे शादी करना पसंद करोगी?” मैंने कहा, “सर, मैं तो आपकी रखैल भी बनने को तैयार हूँ, मगर शादी नहीं कर सकती। मेरी कुछ मजबूरियाँ हैं। लेकिन आप जब भी बुलाएँगे, मैं ज़रूर आऊँगी।” मैंने उनकी आँखों में आँसू देखे। उन्होंने मुझे टाइट हग किया और फिर चले गए। जाते समय उन्होंने पलटकर भी नहीं देखा। मैं रूम में जाकर सो गई।
ब मैं सोकर उठी, तब तक सुबह के 11 बज चुके थे। मैंने खाने का ऑर्डर किया और नहाने चली गई। नहाकर जब निकली, तो थोड़ी देर बाद वेटर खाना लेकर आया। तभी मुझे उस लड़के का ध्यान आया, जिसने मुझे 10,000 रुपये देकर गए थे। मैंने उसे फोन किया और पैसे वापस करने के लिए अपने होटल बुलाया। जब वह मेरे कमरे में आया, तो मैंने उसके पैसे लौटा दिए। तब उसने मुझसे कहा, “मैम, एक बार मेरे साथ चलिए। अगर आपको अच्छा न लगे, तो आप लौट सकती हैं, मैं आपको नहीं रोकूँगा। कल मेरा जन्मदिन है और मेरे फार्महाउस पर एक पार्टी है। पैसे आप जो चाहें, ले लें।”
मैंने सोचा, क्यों न पार्टी एंजॉय करूँ और पैसे भी मिलेंगे। वैसे भी मैं करूँगी क्या? मैंने पूछा, “मुझे करना क्या होगा?” उसने कहा, “कुछ खास नहीं, लेकिन मैं ये कह सकता हूँ कि आपको मजा आएगा।” मैंने उससे कहा कि मुझे कुछ ड्रेस भी खरीदनी हैं। उसने कहा, “चिंता मत करो, मैं रास्ते में खरीद दूँगा।”
जब मैं उसकी कार में बैठी, तो उसमें पहले से एक लड़का बैठा हुआ था। उसने परिचय करवाया, “इसका नाम बंटी है, मेरा करीबी दोस्त है।” इसके बाद उसने अपनी गाड़ी एक मॉल पर रोकी, जहाँ मैंने कुछ ड्रेस खरीदीं। फिर मैं उसके साथ चल दी। कुछ दूर जाने के बाद उसने मेरी आँखों पर रुमाल बाँध दिया।
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मैंने पूछा, “ऐसा क्यों?” तो उसने कहा, “मैं नहीं चाहता कि तुम देखो हम कहाँ जा रहे हैं।” थोड़ी देर बाद मुझे नींद आ गई। लगभग एक घंटे बाद गाड़ी रुकी। सनी ने मुझे जगाया और मेरी आँखों से पट्टी खोली। मैंने महसूस किया कि यह जंगल जैसी जगह है, लेकिन देखा तो यह एक फार्महाउस था। यहाँ पहले से एक और लड़का था, जिसका नाम सैम बताया गया।
मैंने सनी से पूछा, “पार्टी कहाँ है?” उसने कहा, “पार्टी तो कल रात को है।” सनी ने मुझसे कहा, “अंदर कमरे में जाओ, ड्रेस चेंज कर लो और थोड़ा मेकअप कर लो।” मैंने अंदर जाकर लॉन्ग स्कर्ट और टाइट टॉप पहना, हल्का मेकअप किया और बाहर आई। मैंने पूछा, “अब क्या करना है?”
तो वह बोला, “कुछ नहीं, अब तुम्हें हमें खुश करना है।” सबसे पहले सनी मेरे पास आया और मेरे स्तनों को दबाते हुए मुझे चूमने लगा। मैंने सनी से कहा, “अंदर चलते हैं।” उसने कहा, “अंदर पार्टी का इंतजाम चल रहा है।” फिर बंटी मेरे पीछे से आया और मेरा टॉप उतार दिया।
मुझे इस तरह खुले पार्क में शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। उन्होंने मुझे वहीं लिटा दिया। मैंने उनसे कहा, “जो करना है, अंदर चलकर कर लो।” लेकिन वे नहीं माने और पार्क में ही मेरे कपड़े उतार दिए। मैंने इस तरह खुले में कभी सेक्स नहीं किया था, इसलिए मुझे बहुत शर्मिंदगी हो रही थी।
इतनी देर में सैम और बंटी भी आ गए। मैंने पूछा, “क्या ये भी?” तो सनी बोला, “हाँ, हम सब।” मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। मैं पार्क में आधी नंगी पड़ी थी। तीनों ने अपने कपड़े उतारे और मुझ पर टूट पड़े। वे मेरे स्तनों पर इस तरह टूट पड़े जैसे उन्हें खा ही जाएँगे। वे दबा नहीं रहे थे, नोच रहे थे। दर्द बहुत ज्यादा हो रहा था। मैं पूरी तरह फँस चुकी थी।
सबसे पहले सनी ने मेरे पैर फैलाकर अपना लंड मेरी योनि पर रगड़ना शुरू किया। वह बहुत देर तक रगड़ता रहा। जब मैंने अपने कूल्हे ऊपर की ओर उछाले, तो उसे लगा कि मैं तैयार हूँ। उसने एक ही जोरदार धक्के में अपना लंड मेरी योनि में डाल दिया। मैं हड़बड़ा कर चिल्ला पड़ी, “आआआआआह्ह्ह! मर गई!”
लेकिन सनी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। बंटी और सैम मेरे स्तनों को दबा रहे थे। मुझे सिर्फ दर्द का अहसास हो रहा था। जैसे ही सैम ने मेरे स्तनों को छोड़कर मुझे चूमना शुरू किया, मुझे थोड़ी राहत मिली। अब मैं अपने कूल्हे थोड़े-थोड़े उछालने लगी। जैसे ही मैं नीचे से उछलती, मेरी योनि सिकुड़ जाती और तब मुझे खुशी का अहसास होता।
सनी के ताबड़तोड़ धक्के जारी थे। मैं नीचे से “सीसीसी…” की आवाज निकाल रही थी। जैसे ही सनी झड़ा, मुझे थोड़ा सुकून मिला, लेकिन यह ज्यादा देर नहीं चला। सैम तुरंत मेरी योनि के पास आया और फौरन अपना लंड मेरे अंदर डाल दिया। मैं इस बार एकदम छटपटाने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वह कुछ ज्यादा ही जोश में था और उसके हर झटके में मुझे मजा आ रहा था। जैसे ही वह झड़ा, तुरंत बंटी आ गया। मैंने कहा, “कुछ तो ख्याल करो, मैं लड़की हूँ।” तो बंटी बोला, “आज तुम लड़की नहीं, एक रंडी हो और तुम्हें चुदवाना पड़ेगा।” मैंने कहा, “मैं कब मना कर रही हूँ, लेकिन थोड़ी देर तो रुक जाओ।”
वह बोला, “मैं अब और कंट्रोल नहीं कर सकता।” उसने मेरे दोनों पैर अपने कंधों पर रख लिए। ऐसा मैंने पहले कभी नहीं किया था। फिर उसने अपना लंड मेरी योनि में डाला। मैं दर्द से छटपटाते हुए अपना सिर इधर-उधर करने लगी। थोड़ी देर में वह घुटनों के बल आ गया।
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मेरी कमर ऊपर उठ जाने के कारण मेरा दर्द और बढ़ गया। इस खुले में इस तरह चुदाई मैंने सोची भी नहीं थी। जब वह झड़ा, तब मुझे थोड़ी शांति हुई। मेरी योनि के आसपास वीर्य ही वीर्य था। मैं थोड़ी देर वैसे ही लेटी रही। फिर मैंने बंटी से पूछा, “कमरा कहाँ है?” तो वह मुझे सनी के कमरे तक छोड़कर आया।
मैं नहाने गई, लेकिन वहाँ गर्म पानी नहीं था। मैंने ठंडे पानी का शावर खोलकर उसके नीचे बैठ गई। मेरी हालत ऐसी थी कि ठंड में भी मुझे ठंडे पानी का अहसास नहीं हो रहा था। फ्रेश होने के बाद मैं कमरे में आकर लेट गई। थोड़ी देर बाद बंटी मेरे लिए खाना लेकर आया।
मैं सोच भी नहीं सकती थी कि इस जंगल में भी इतना अच्छा खाना मिल सकता है। उन तीनों ने मिलकर लगभग डेढ़ घंटे तक मुझे चोदा था। मैंने लगातार इतनी देर कभी नहीं चुदवाया था। मैं खाना खाते ही सो गई। रात लगभग 12 बजे मेरी नींद टूटी। सनी मेरे बगल में लेटा था और मोबाइल पर किसी से बात कर रहा था।
मैं बाथरूम गई और जब लौटकर आई, सनी अपनी बात खत्म कर मेरे आने का इंतजार कर रहा था। सनी फिर से मेरे शरीर से खेलने लगा और अपनी कल की पार्टी के बारे में बताने लगा। थोड़ी देर बाद उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और एक हाथ से मेरी चूची दबाने लगा, दूसरे हाथ से मेरा एक निपल रगड़ने लगा।
मैं उत्तेजित तो हो रही थी, लेकिन सेक्स करने की हालत में नहीं थी। जैसे ही उसने मेरे पैर फैलाकर अपना लंड थोड़ा सा अंदर डाला, मैंने सनी से कहा, “प्लीज, मैं अंदर नहीं ले पाऊँगी, मेरे अंदर बहुत दर्द हो रहा है।” उसने बाहर निकाल लिया और कहा, “अगर तुम इधर से अंदर नहीं ले सकतीं, तो पीछे डालने दो।”
मैंने मना किया। उसने कहा, “प्लीज, जितने चाहो पैसे ले लो, लेकिन मुझे इस हालत में मत छोड़ो।” मैंने उससे कहा, “एक शर्त पर मैं पीछे डालने दे सकती हूँ कि तुम अपने किसी और दोस्त को इसके बारे में मत बताना।” वह तैयार हो गया। उसने मेरा ही पर्स खोलकर क्रीम निकाली और अपने लंड और मेरी गांड पर लगाई।
मैंने उससे कहा, “प्लीज धीरे करना, मैंने पहले कभी नहीं डलवाया है।” (हालाँकि मैं एक बार मुंबई में गांड चुदवा चुकी थी।) उसने हाँ में सिर हिलाया और कहा, “मैंने भी कभी पीछे नहीं डाला है।” फिर उसने अपना लंड मेरी गांड में लगाया और दबाना शुरू किया।
बहुत कोशिश की, लेकिन केवल 2 इंच ही अंदर जा पाया। बहुत दर्द हुआ और शायद उसे भी हो रहा था। मैंने कहा, “रुको, जब मैं कहूँ, तब धक्का लगाना।” वह रुक गया। मैंने उससे कहा, “जैसे ही मैं साँस छोड़ूँ, अंदर कर देना।” तीसरी बार जैसे ही उसने धक्का लगाया, मेरी बहुत जोर से चीख निकली, “आआआआआआआआआआआआआह्ह्ह! माँ! मर गई!”
वह थोड़ी देर तक थोड़ा-थोड़ा हिलता रहा और अपनी दो उंगलियाँ मेरी योनि में डाल दीं। थोड़ा मजा तो मुझे भी आ रहा था, लेकिन दर्द ज्यादा हो रहा था। मैंने उससे कहा, “तुम हिला सकते हो।” तो वह धीरे-धीरे आगे-पीछे होने लगा। मैंने कहा, “थोड़ा तेज करो।”
तो उसने कहा, “नहीं, अगर बाहर निकल गया, तो फिर से डालने में बहुत दिक्कत होगी।” मैंने कहा, “चिंता मत करो, देखा जाएगा।” फिर क्या था, वह फुल स्पीड में शुरू हो गया। मैं भी अपनी गांड आगे-पीछे करने लगी और अपना दर्द भूल गई। लगभग 20 मिनट बाद वह झड़ गया और हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर लेट गए।
मैंने उससे कहा कि कल दिन में मुझे दिल्ली छोड़ देना, मेरी कल रात की रिजर्वेशन है। उसने मुझसे कहा, “मेरे जन्मदिन पर रुकोगी नहीं?” मैंने कहा, “नहीं, मेरा टिकट है।” उसने टिकट देखने को कहा। जब मैंने दिखाया, तो उसने उसे फाड़ दिया और कहा, “परसों सुबह की फ्लाइट की टिकट करवा देता हूँ, कल रुक जाओ।”
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मुझे उसकी बात माननी पड़ी, क्योंकि वह टिकट फाड़ चुका था। मैंने पूछा, “प्रोग्राम क्या है, ये तो बताओ।” उसने कहा, “कुछ खास नहीं, मेरे 30 कॉलेज फ्रेंड्स आ रहे हैं, 6 डांसर बुलाई हैं और कुछ ड्रिंक और डिनर।” मैंने कहा, “इतने लड़कों के बीच मैं क्या करूँगी?”
तो उसने कहा, “6 डांसर भी तो हैं, तुम भी कल उनके साथ डांस करना और मजा लूटना।” (अब मुझे लगा कि मैं पूरी तरह कॉलगर्ल बन गई हूँ।) उसने कहा, “बहुत मजा आएगा और पैसे इतने मिलेंगे जितने तुमने सोचे भी न हों।” मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं काफी थक गई थी, इसलिए सो गई।
जब सोकर उठी, तब दोपहर का 1 बज चुका था। मैं फ्रेश होकर तैयार होकर बाहर आई। गार्डन का नक्शा ही बदल गया था। उन्होंने बहुत सजावट की थी। सनी ने मुझसे पूछा, “रात के लिए तैयार हो ना?” मैंने पूछा, “डांस के बाद तो कुछ नहीं करना होगा?” तो उसने कहा, “ऐसा कैसे हो सकता है, असली मजा तो उसके बाद है।”
मैंने पूछा, “मतलब?” तो वह बोला, “सब लड़के आज रात यहीं रुकेंगे और तुम सातों के साथ मजा लोगी।” उसने कहा, “डरने की कोई जरूरत नहीं, हर डांसर अपने रेट पर ट्रिप खुद तय करेगी। तुम्हारे रेट मैंने 8 हजार रुपये प्रति ट्रिप तय किए हैं।” (वह शायद मुझे रंडी समझ रहा था और शायद मैं बन भी चुकी थी।)
उसने मुझे 20,000 रुपये और मेरा एयर टिकट दिया और कहा, “अगर अब भी दर्द हो रहा हो, तो बर्फ से अपनी योनि को सेंक लो, दर्द खत्म हो जाएगा।” रात को लगभग 8 बजे लोग आने शुरू हो गए। वे 6 डांसर भी आ गईं और सनी मुझे उनसे मिलवाकर उनके कमरे में छोड़ आया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रात लगभग 9:30 बजे पार्टी शुरू हुई और उन डांसरों ने मेरे साथ मिलकर मुझे हैवी मेकअप किया। गार्डन में लाउड म्यूजिक चालू हो चुका था। इतने लड़कों के बीच खुद को पाकर मैं अपने आप में बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रही थी। हर दो गानों के बाद ड्रेस चेंज करने जाना पड़ता था।
हर गाने पर हजारों रुपये लुटाए जा रहे थे। आखिरी डांस में डांसरों को एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतारने थे। थोड़ी देर बाद सभी डांसरों के शरीर पर सिर्फ ब्रा और पैंटी रह गई थी। शर्म के मारे मेरी आँखों में आँसू आ गए थे। डांस खत्म होने के बाद खाना खाया।
इसके बाद दो-दो डांसरों को एक-एक कमरा दिया गया। मुझे बताया गया कि आज रात मुझ पर 6 लड़के चढ़ेंगे। मैं तो एकदम से काँप गई। जब पहला लड़का आया और उसने मेरे कपड़े उतारे, मैं शर्म से एकदम लाल हो गई थी। उसने मेरी चूचियों को दबाया और मुझे चोदा।
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इस तरह हर थोड़ी देर बाद कोई लड़का आया, मेरे शरीर को नोचा, मुझे चोदा। हर चुदाई में मुझे भरपूर दर्द हो रहा था, लेकिन मैं उन्हें कोई रिस्पॉन्स नहीं दे रही थी। मैं एक लाश की तरह पड़ी थी। लड़के आते, चोदते और चले जाते। सोच रही थी कि जहाँ कॉलेज में लड़के मुझसे बात करने से उत्साहित हो जाते थे, वह लड़की अपनी गलतियों की वजह से कितने अनजान लड़कों से चुदवा रही थी। इस तरह लगभग 4 घंटे में मुझे 6 लड़कों ने चोदा। फिर मैं उसी कमरे में सो गई।
सुबह 7 बजे सनी आया और मुझे 27 हजार का एक बंडल और 48 हजार का एक बंडल दिया। उसने कहा, “27 हजार डांस के और 48 हजार…” फिर बंटी से कहा, “इसे एयरपोर्ट छोड़ दे।” जब मैं लखनऊ पहुँची, तो मैंने महसूस किया कि मेरी चाल-ढाल पूरी तरह बदल चुकी थी। दिल्ली में मुझे मिले 1 लाख 35 हजार रुपये मेरे पास आज भी वैसे ही रखे हैं। मैंने उसमें से एक भी रुपया अभी तक खर्च नहीं किया है और कॉलेज भी नहीं गई। पता नहीं मेरे दोस्त मेरे बारे में क्या सोचेंगे।
Rakesh says
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