Maa Chudai Ke Kisse
मेरी मम्मी जिनकी उम्र 40 के आसपास थी मम्मी एक कसे हुए बदन की सेक्सी औरत थी उनकी टाइट चुंचिया किसी को भी दिवाना बनाने को काफी थी हमारा घर एक गली मे था। पापा बाहर जाब करते थे और महीने दो महीने में ही घर आते थे उस गली मे रहने बाले एक परिवार मे हमारा काफी उठना बैठना था। उनके फादर बाहर जॉब करते थे। Maa Chudai Ke Kisse
उनमे से बीच बाली लड़की जिसका नाम बेबी था वो मम्मी के काफी क्लोज़ थी और हर बात शेयर कर लेती थी। उसका चक्कर पड़ोस में रहने वाले लड़के कमल से चल रहा था। कुछ दिन पहले मम्मी का एक भांजा आगे की पड़ाई के लिये हमारे ही शहर मे आ गया। जिसका नाम मुन्ना था।
मुन्ना भैया ने गली के बाहर ही एक मकान किराये पर ले लिया। उनके साथ उनका एक दोस्त भी था जिसका नाम दिनेश था। रिस्तेदार होने की बजह से बो दोनो हमारे घर खूब आने लगे। मेने कई बार नोट किया कि दिनेश की निगाह मम्मी की टाइट छातियों पर रहती है जिन्हे वो टाइट ब्रा मे छुपाये रखती थी।
धीरे धीरे उन दोनो की बोलचाल बेबी आंटी से भी हो गई क्योंकि बेबी आंटी भी उनकी हम उमर थी और एक ही कॉलेज मे एमए कर रही थी। मुन्ना और दिनेश ने बेबी को कई बार छेड़ा जिसकी शिकायत बो मम्मी से करती पर मम्मी ज्यादा ध्यान नहीं देती थी। एक दिन बेबी ने बताया कि दिनेश मम्मी को बहुत चाहता है और उनके बारे मे बेबी से सेक्सी बाते करता है।
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ये सुनकर मम्मी बहुत गुस्सा हुई पर कही कोई बखेड़ा न हो जाये एसलिए चुप रही। मुन्ना और दिनेश आते तो मम्मी अब उनसे बहुत कम बोलती थी। इस बीच शायद मुन्ना और बेबी में सेक्स संबंध हो गए जिनके बारे मे मम्मी को बहुत रस लेकर बताती थी कि कैसे मुन्ना उन्हे चोदता है।
क्लास रूम में अकेले में मुन्ना भैया ने बेबी आंटी की बार चुदाई की थी। बेबी ने मम्मी से कहा कि दिनेश हमेशा मम्मी की ही बाते करता है और उनके रूप यौवन का दिवाना है बस किस तरह से मम्मी को पाना चाहता है। शुरू शुरू में तो मम्मी गुस्सा होती थी लेकिन बेबी की मुन्ना भैया से सेक्स की बातें सुनकर अब शायद मम्मी को भी इन बातो मे मजा आने लगा था।
वो हंस कर बेबी को डांट देती थी। बेबी ने बताया कि दिनेश मम्मी को पाने के लिये पागल हुआ जा रहा है। बेबी ने मम्मी से कहा एक बार दिनेश से मिल लोगी तो तुम्हारा क्या घिस जाएगा। जवानी को एकमर्द के हवाले कर सेक्स का मजा नहीं आता है। ये मर्द भी चार जगह मुंह मारते हैं।
सती सावित्री बनने में कोई मजा नहीं है शीला जवानी के मजे लो। वैसे भी दिनेश ने को कुछ ऐसा बेसा कर लिया तो तुम्हारी ही बदनामी होगी। मैं भी मुन्ना से चुदवातीं हूं तो कमल को कहा पता चलता है। मम्मी ने नोट किया कि बेबी कुछ ज्यादा ही इंट्रेस्ट ले रही है दिनेश की बातों मे।
उधर कुछ दिनो से दिनेश और मुन्ना दोनो ही घर पर नही आये थे। जिसकी वजह से मम्मी थोड़ा परेशान थी। अब बेबी लगभग रोज ही मम्मी को दिनेश से मिलने को कहती। अब शायद मम्मी की भी वासना जगने लगी थी। उन्होने बेबी से कहा ठीक है लेकिन बस एक बार और मुन्ना को इस बारे में कुछ पता नहीं चलना चाहिए नहीं तो बहुत बदनामी होगी।
बेबी खुश होते हुए बोली किसी को कुछ पता नहीं चलेगा बस तुम जवानी के मजे लेने की तैयारी करो। बेबी आंटी ने ये खबर दिनेश को सुनाई तो बो बहुत खुश हुआ। उस समय मुन्ना भैया अपने घर गये हुए थे। मम्मी मौक़ा पाकर एक दिन चुपके से दिनेश के घर गई। दिनेश उन्हे देख कर बहुत खुश हुआ।
दिनेश ने कुंडी लगा कर दरवाजा बंद कर दिया। लेकिन दिनेश और मम्मी दोनों में ही झिझक थी। मम्मी उस समय साड़ी ब्लाउज मे थी और उनकी टाइट और चट्टान की तरह सीधी खड़ी चूंचियां ब्लाउज मे गजब ढा रही थी। जिन्हे दिनेश घुर रहा था। पर शायद दिनेश की हिम्मत नही पड़ रही थी कुछ करने की.
और मम्मी भी अपनी तरफ से पहले करने को झिझक रही थी। मम्मी इधर उधर की बातें करने लगी। मम्मी दिनेश के कदम बढ़ने का इंतजार कर रही थी पर दिनेश की हिम्मत ही नही हो रही थी कुछ करने की। आखिर मम्मी जाने को चलने लगी। ये देख दिनेश ने कहा बो चाय बनाता है पीकर जाए।
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मम्मी ने कहा बो चाय बना देती है और किचन मे चली गई। मम्मी को दिनेश किचन में बड़ी सेक्सी निगाहों से जाते देखता रहा। मम्मी को शायद चीनी नही मिली तो उन्होने दिनेश को आवाज दी और चीनी के बारे मे पूछा। चीनी उपर के खाने थी जहा मम्मी का हाथ नही जा रहा था।
ये देख कर दिनेश ठीक मम्मी के पीछे खड़े हो कर चीनी का डब्बा उठाने लगा। दिनेश का सीना मम्मी की पीठ से रगड़ खा रहा था और उसकी पेंट का उभरा हिस्सा मम्मी की गांड को टच कर रहा था। चीनी उतरे वक्त दिनेश की कोहनिया मम्मी की टाइट छातियो से टकरा रही थी।
अब दिनेश की झिझक भी खतम होने लगी थी। जब तक मम्मी ने चाय बनाई बो उनसे चिपका रहा और उनके बदन की मादक खुसुबू को पीता रहा। अब दिनेश पूरी तरह खुल गया। दिनेश ने मम्मी की चिकनी कमर में हाथ डालकर अपने से चिपका लिया। मम्मी की सिसकारी निकल पड़ी आहहह।
दिनेश ने मम्मी की गर्दन को चूम लिया और अपने हाथ मम्मी की सख्त चूचियों पर कस दिए। मम्मी मादक सिसकारियां भरने लगी। दिनेश मम्मी की पतली कमर को सहलाते हुए मम्मी के कानों और गर्दन पर चुमबनों की बौछार कर रहा था। दिनेश ने मम्मी को अपनी तरफ पलट दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मम्मी की चूचियां दिनेश की छाती में धंस गई। मम्मी का चेहरा शर्म और वासना से लाल हो रहा था। दिनेश ने मम्मी के गुलाबी होंठों को अपने होंठों में भर लिया। मम्मी की बदन दिनेश की हरकतों से तपने लगा। दिनेश ने मम्मी का ब्लाउज खोलने लगा तो मम्मी हल्के से बोली यहां नहीं।
दिनेश ने मम्मी को गुड़िया की तरह गोद में उठाया और दोनो कमरे मे आ गये. दिनेश ने मम्मी को अपने बाहों में समेटे गोदी में लेकर सोफे पर बैठ गया। अब दिनेश पुरी तरह से खुल चुका था। मम्मी दिनेश की गोदी मे बेठ हुई थी दिनेश ने बिना देर किये उनका चेहरा हाथो मे लिया और उनके होठो को चूसने लगा।
उसके हाथ मम्मी की गोलाई पर रेगने लगे। दिनेश के तना लंड मम्मी की गांड़ में धंसा जा रहा था। दिनेश ने मम्मी के ब्लाउज के उपर से ही रगड़ना शुरु कर दिया। मम्मी की सिसकियाँ निकलने लगी आहहहउफ्फ आहहह। दिनेश ने मम्मी का ब्लाउज खोल कर अलग कर दिया और ब्रा मे कसी चुचियो को देख उपर से ही चूसने लगा।
फिर उसने ब्रा को एक झटके मे उतर दिया और मम्मी के दोनों अनारों को हथेलियों में भरकर मसलने लगा। मम्मी की छातियां दिनेश की मिसाइ से और सख्त हो गई। दिनेश मम्मी के गुलाबी निप्पलो को बारी बारी चूसने लगा। दिनेश के हाथ मम्मी की साड़ी मे घुसने लगे और वो मम्मी की चूत को छेड़ने लगा।
अब दिनेश ने मम्मी को गोद से उठाया और खुद भी उठा। दिनेश ने मम्मी की साडी उतर दी। और उन्हे गोद मे उठा लिया। दिनेश मम्मी को गोद मे उठाये प्यार करने लगा। मम्मी बहुत बेचेन हो रही थी। दिनेश ने मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया और खुद भी उनके बगल मे लेट गया। और उनके मादक अंगो मे सामने कि कोशिश करने लगा।
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दिनेश ने मम्मी का पेटीकोट उपर किया और गुलाबी पैंटी को नीचे खीच लिया। बिना बालो की मम्मी की गुलाबी चूत पानी जोड़ रही थी। चूत के होंठ दिनेश की छेड़छाड़ से लाल हो गए जिसे देख कर दिनेश दिवाना हो गया और मम्मी को तेजी से छोड़ने लगा। मम्मी की मादक सिसकारियां हवा में गूंज रही थी उफ्फ आहहह आहहह।
मम्मी ने भी अपने कोमल होंठ दिनेश के होंठों से जोड़ लिए। दिनेश मम्मी के हर अंग में समाने की कोशिश कर रहा था जैसे जन्मों की प्यास आज ही बुझाना चाह रहो हो। अब दिनेश ने अपने कपड़े उतारे तो उसका 8 इंच लम्बा लंड चमक उठा। दिनेश का सुपाड़ा उतेजना मे लाल हो रहा था।
अब दिनेश सीधे मम्मी के उपर आ गया और उसने अपना लंड मम्मी की चूत पर टिका दिया। मम्मी ने अपनी बाहों का हार दिनेश के गले में डाल दिया। पूरा कमरा मादकता से महक रहा था। अब दिनेश से बर्दाश्त नहीं हुआ। उसने मम्मी की टांगों को फैलाया और जोर लगा कर एक धक्का मारा।
लंड मम्मी की चूत को फंड कर 4-5 इंच टक अंदर घुस गया। मम्मी की दर्द भरी आअआआ चीख निकल गई। दिनेश ने मम्मी के नाज़ुक होंठो को तुरंत मुंह मे भर लिया और उनकी चूचियों को मसलने लगा। दिनेश और तेज धक्के मारने लगा। मम्मी की चूत मे दिनेश का लंड बहुत कसा हुआ जा रहा था क्युकी लंड लम्बा होने के साथ मोटा भी बहुत था।
दिनेश मम्मी को ऐसे चोद रहा था जैसे कोई कुवारी लड़की की चुदाई कर रहा हो। मम्मी भी नवयौवना के अहसास से भरी दिनेश से चिपक गई। मम्मी दर्द से तड़प रही थी। धीरे-2 मम्मी का दर्द ख़तम हुआ तो उन्होने मजा आने लगा और मम्मी दिनेश के होंठो को चूसने लगी।
अब दिनेश फुल उत्तेजना मे था और कस कस कर धक्के मार रहा था। पूरे बिस्तर पर उछल कूद मची थी। अब मम्मी आहहा उहहा की आवाज निकल रही थी और उनकी सिसकारियां दिनेश को और उतेजित कर रही थी। काफी देर की चुदाई के बाद मम्मी पस्त पड़ गई और दिनेश ने भी उनकी चूत में पानी छोड़ दिया।
उसने मम्मी को बाहो भर कर चूम लिया। मम्मी कुछ नही बोली और कपड़े पहने ने लगी। दिनेश ने मम्मी को चूमा और बोला शीला मौसी मेरी जान तुम तो कुंवारी कली हो अभी। मम्मी हल्के से मुस्कुराई और अपने कपड़े भी पहन लिये। दिनेश ने कहा मौसी मन नहीं भरा थोड़ी देर और रूक जाओ। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मम्मी ने दिनेश के होंठों को चूम लिया और बोली एक बार की बात हुई थी न। दिनेश शीला मेरी जान एकबार नहीं हजार बार भी कम है तुम्हारा यौवन इतना मादक है कि बस इसमें हर वक्त समाए रहूं। मम्मी मुस्कुरा दी। मम्मी घर आ गई। शाम को बेबी आंटी आई और इशारों से पूछा मिल गई दिनेश से। मम्मी ने शरमा कर हां सिर हिला दिया।
बेबी- आंटी मज़ा आया.
मम्मी हल्के से मुस्कुरा दी।
बेबी- आंटी बोली दिनेश का मन नहीं भरा और लगता है तुम्हारी भी आग भड़की हुई है अभी भी।
मम्मी- चुप बदमाश अब नहीं।
बेबी- ओहहो देखो तो जबान कुछ और कह रही है और चेहरा कुछ और। जब मौका मिले चुदवालों यौवन हमेशा नहीं रहता।
मम्मी- धत्त.
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बेबी आंटी चली गई। दिनेश ने मम्मी को एकबार में ही जन्नत दिखा दी थी ऐसी दमदार चुदाई की थी कि मम्मी के यौवन की आग और भड़क गई। एक हफ्ते तक दिनेश घर नहीं आया तो मम्मी और बैचेन हो गई। उनकी निगाहें दरवाजे पर रहती कि कहीं दिनेश आ जाए लेकिन शर्म लिहाज से वो कभी दिनेश के रुम में नहीं गई। बेबी आंटी मम्मी की तड़प भाप गई।
बेबी- क्या हुआ शीला दिनेश की याद आ रही है।
मम्मी- धत्त कुछ भी बोलती है।
बेबी- क्यों झूठ बोल रही है तुम्हारा मन कर रहा है दिनेश से मिलने का। तन की प्यास एक बार में नहीं बुझती शीला ये तो रोज पानी मांगती है।
मम्मी- चुपकर ऐसा कुछ नहीं है।
मम्मी और दिनेश की चुदाई को दस दिन हो गए थे। एक दिन बेबी ने कुछ खरीदारी करने केलिए मम्मी को साथ चलने को कहा। मम्मी तैयार हो गई। मम्मी ने गुलाबी रंग की साड़ी और काला लो कट का टाइट ब्लाउज़ पहना था जिसमें उनकी चूचियां मुश्किल से समा रही थी।
साडी भी नाभी के नीचे पेडू पत्र बांधी थी। चिकनी खुली कमर दमक रही थी। टाइट साडी में गुदाज नितंब बाहर उभरे हुए थे। लाइट मेकअप और होंठों पर लाल लिपस्टिक ने मम्मी को और मादक बना दिया। बाजार में सैकड़ों निगाहों ने मम्मी की जवानी का रसपान किया।
खरीदारी के बाद बेबी आंटी मम्मी को एक होटल में कुछ खिलाने को ले आई। प्राइवेट केबिन में दोनों बैठे तभी केबिन में दिनेश भी आ गया और मम्मी के पास बैठ गया। मम्मी शर्मा गई। मम्मी समझ गई ये बेबी आंटी का प्लान है। दिनेश ने मम्मी का कंधा हल्के से दबा दिया।
बेबी आंटी- शीला जाओ मजे करो मैं शाम को पांच बजे आती हूं।
मम्मी- पांच बजे तो बहुत लेट हो जायेगा।
बेबी- अरे कोई लेट नहीं होगा कोई बहाना बना देंगे तू खुलकर आज जवानी का आंनद ले और मम्मी को दिनेश की तरफ धकेल दिया।
दिनेश ने मम्मी को अपनी बाहों में घेर लिया और उनके होंठों को चूम लिया। बेबी आंटी मुस्कुरा दी और चली गई। दिनेश ने मम्मी को अपनी गोद में खींच लिया और मम्मी के रसभरे होंठों को चूसने लगा। दिनेश मम्मी के मम्मों को थाम कर मसलने लगा। मम्मी मदहोश हो रही थी।
दिनेश- चलो रूम में चलते हैं कमरा बुक है।
मम्मी ने शर्म से सिर नीचा कर लिया। दिनेश मम्मी की कमर में हाथ डाले रुम में ले आया और मम्मी पर छपट पड़ा। मम्मी के बदन से सारे कपड़े एक पल में गायब हो गए। दिनेश भी पूरा नंगा हो गया। दिनेश का लन्ड कुतुबमीनार की तरह खड़ा था। दिनेश ने मम्मी को कसकर बाहों में भर लिया और मम्मी को रगड़ने लगा। दिनेश ने मम्मी से अपना लन्ड चूसने को कहा लेकिन मम्मी नहीं मानी।
दिनेश- प्लीज़ शीला आज मेरी हर इच्छा पूरी कर दो।
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आखिरकार मम्मी ने अपने गुलाबी होंठ दिनेश के सुपाड़े पर रख ही दिए। दिनेश हल्के हल्के धक्के मम्मी के मुंह में मारने लगा। अब दिनेश ने मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनसे चिपक गया। दिनेश के हाथ मम्मी की चूत पर रेंगने लगे। मम्मी सिसकारियां भर रही थी दिनेश मम्मी की मुनिया को बड़े प्यार से सहला कर गर्म कर रहा था।
मम्मी उफ़ आहजानू प्लीज़ अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। दिनेश ने ये सुनते ही मम्मी को अपने ऊपर ले लिया और मम्मी की चूत के छेद पर लन्ड टिका दिया। मम्मी की चूत में दिनेश का लन्ड समा गया। मम्मी उपर नीचे होकर धक्के मारने लगी। सेक्स की आंधी चल पड़ी।
मम्मी उपर नीचे धक्के लगा कर थकने लगी और पस्त होकर दिनेश के उपर से हट गई। दिनेश ने फौरन मम्मी को अपने नीचे ले लिया और मम्मी को टांगों को अपने कंधों पर टिका अपना सुपाड़ा मम्मी की रसीली चूत में डालकर जोर का झटका मारा। मम्मी की चीख निकल गई।
दिनेश मम्मी पर सांड की तरह चढ़ ताबड़तोड़ धक्के मार रहा था। मम्मी दर्द से आहें भरने लगी आहहह बस करो मेरी जान निकल रही है.. आहहह प्लीज़ अब बर्दाश्त नहीं हो रहा छोड़ दो न. लेकिन दिनेश सुन ही नहीं रहा था। पहली बार मम्मी दिनेश के पास अचानक गई तो वो तैयार नहीं था.
लेकिन आज दिनेश फुल तैयारी से ताकत की गोलियां खाकर आया था। दिनेश का पप्पू बैठने का नाम नहीं ले रहा था। मम्मी बेदम होकर छटपटा रही थी। दिनेश ने मम्मी के मम्मों पर हाथ जमा रखें थे जिससे उन्हें काफी दर्द हो रहा था। अब दिनेश ने अपनी रफ़्तार कम कर दी।
मम्मी को राहत मिली। थोड़ी देर में दिनेश का पानी छूट गया। मम्मी पहले ही पानी छोड़ चुकी थी। दिनेश निढाल होकर मम्मी की बगल में लेट गया। मम्मी लंबी लंबी सांसे भर रही थी। दिनेश ने मम्मी को बाहों में भर लिया और मम्मी के गुलाबी होंठों का रसपान करने लगा।
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आधा घंटा दोनों यो ही चिपक कर होंठों को चूसते रहे। मम्मी के होंठों पर खूनी लालिमा उभर आई। दिनेश का पप्पू फिर रेडी था। अब दिनेश ने पलट कर उल्टा कर दिया और मम्मी के उपर चढ़ कर अपने नीचे दबा लिया। मम्मी हिल नहीं पा रही थी। दिनेश मम्मी के गुदाज नितंबों को सहलाने लगा।
दिनेश अपना मोटा लन्ड मम्मी की गांड़ पर टिका दिया। मम्मी को जैसे ही एहसास हुआ मम्मी बोली नहीं ये मत करो। दिनेश प्लीज़ शीला मेरी जान बस एक बार। आज मुझे मना मत करो। मम्मी नहीं नहीं प्लीज़ बहुत दर्द होगा। मम्मी दिनेश से छुटने का प्रयास करने लगी लेकिन दिनेश से छूट नहीं पा रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दिनेश प्लीज़ बस एक बार हल्के हल्के करूंगा कुछ नहीं होगा। मम्मी नहीं नहीं मान रही थी। अब दिनेश ने मम्मी को पूरी तरह से दबोच लिया मम्मी हिल भी नहीं पा रही थी। दिनेश ने अपना लन्ड मम्मी की कुंवारी गांड़ में सरका दिया। मम्मी दर्द से कराह उठी। दो तीन धक्कों के बाद मम्मी की गांड़ का सुराख हल्का हल्का खुल गया और दिनेश के लन्ड ने अपनी जगह बना ली।
मम्मी दर्द भरी आहे भरी थी प्लीज़ छोड़ दो निकालो बहुत दर्द हो रहा है लेकिन दिनेश ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी मम्मी दर्द से चिल्ला रही थी लेकिन दिनेश ने मम्मी को नहीं छोड़ा। मम्मी की गांड़ की कोरों से खून टपक रहा था। इससे बेपरवाह दिनेश धक्के पर धक्के मारने जा रहा था।
मम्मी के आंसू निकल रहे थे। आधे घंटे की घनघोर गांड़ मारने के बाद दिनेश मम्मी के उपर से हट गया। मम्मी दर्द से रो रही थी। दिनेश ने मम्मी को बांहों में भर लिया और उनके होंठों को चूसने लगा मम्मी को काफी राहत महसूस हुई। दोनों ऐसे ही पड़े रहे।
जब मम्मी का दर्द शांत हुआ तो दिनेश ने फिर मम्मी को घोड़ी बना कर चोदने लगा। दिनेश और मम्मी की चुदाई का कार्यक्रम तीन चार घंटे नान स्टाप चला। मम्मी सही से उठ भी नहीं पा रही थी। तीन चार राउंड चुदाई के बाद दोनों पस्त हो गए। मम्मी के चेहरे पर जवानी की बहारें बरस रही थी।
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बेबी आंटी जब आई तो मम्मी दिनेश की गोद में बैठी थी दिनेश मम्मी के रसभरे होंठों को भंवरे की तरह चूस रहा था। बेबी आंटी को देख मम्मी शर्मा गई और दिनेश की गोद से उठ अपने कपड़े सही करने लगी। बेबी आंटी मुस्कुरा दी। शीला तेरे पर आज नूर बरस रहा है। दिनेश ने तेरी कमसिन जवानी को और खिला दिया है। मम्मी- धत्त.. चलो देर हो गई है। दिनेश ने मम्मी को बाहों में भरकर कहा रानी मैं तो अभी भी प्यासाहूं। मम्मी शर्मा कर बोली अच्छा जी मेरी जान निकाल दी। अपनी प्यास किस और दिन बुझा देना अभी जाने दो।
दिनेश ठीक है मेरी जान लेकिन अपना वादा याद रखना। मम्मी ने दिनेश को होंठों को चूम लिया। बाद में दिनेश ने मम्मी को जब मोका मिला तो खूब चोदा अपने रुम में होटल में जहां मौका मिला। मम्मी का यौवन जवानी की मस्ती से भरने लगा। इतनी चुदाई के बाद भी मम्मी की आग शांत नहीं हुई थी और भड़क गई थी। दिनेश की इतनी मिसाई केबाद भी के बाद भी मम्मी की चुचिया गजब की टाइट थी। अब मम्मी कभी कभी सोते समय मेरी चुचियो को दबा देती है शायद सपने में दिनेश से चुदाई कर रही हो जैसे.
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