Virgin Wife Hardcore Chudai
मैं कौशल अपनी बेहन पूनम और अपनी माँ के साथ आसनसोल मे रहता हूँ, हम ग़रीब फॅमिली से बिलॉंग करता है मेरा मकान भी कोई बड़ा या फ्लेट वाला नही है-केवल 2 बेडरूम एक किचन एक टाय्लेट बाथरूम है जो कि कामन नही है बीच मे एक हॉल है जिसमे कि एक सोफा रखा हुआ है. Virgin Wife Hardcore Chudai
मेरे पापा इस दुनिया मे नही है वो हमे छोड़ कर बहूत पहले ही चले गये है माँ एक गवर्नमेंट स्कूल मे टीचर थी लेकिन अब माँ से ज़्यादा चला नही जाता तो मैने ऑर दीदी ने उनका जॉब छुड़ा दिया है पहले तो माँ नही मानी लेकिन बाद मे मान गयी वैसे मैं अकाउंट मॅनेजर हूँ दीदी सेल्स डिपार्टमेंट मे है दीदी के चलते ही हमारे घर का खर्चा बढ़िया से चलता है.
दीदी की शादी हुई थी लेकिन दीदी के पति को दीदी बिल्कुल पसंद नही थी उस पर दीदी की सास भी दीदी को बांझ कहकर ताने देती थी तो 3 साल बाद ही दीदी को जीजा जी ने तलाक़ दे दिया तलाक़ के बाद दीदी बहूत ही टूट गयी लेकिन बाद मे उन्होने सेल्स डिपार्टमेंट मे जॉब कर ली तब से हम बहूत ही मस्ती मे रहते है.
वैसे दीदी माँ के साथ सोती है ऑर मैं अकेला सोता हूँ. मैं जैसे ही सुबह उठा बाथरूम मे से फ्रेश होकेर बाहर आया ऑर सोफे पर बैठ गया तभी दीदी चाय ले आई मैं चाय पीने के बाद जैसे ही सोफे पर से उठा तो मेरे लिंग मे दर्द सुरू हो गया ऑर मेरे मूह से चीख निकल गयी दीदी….
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दीदी-क्या हुआ कौशल क्यो चिल्ला रहा है?
कौशल- दीदी बहूत ही दर्द हो रहा है.
दीदी- कहाँ दर्द हो रहा है कुच्छ बताएगा या इसी तरह चिल्लाएगा.
कौशल- नही दीदी मुझे बहूत ही शरम आ रही है मैं तुम्हे नही बता सकता.
तभी माँ भी आ गई माँ आते ही- क्या बेटा कहाँ दर्द हो रहा है?
कौशल- नही माँ मुझे शर्म आ रही है.
दीदी-जल्दी से बता नही तो मारूँगी खींच कर एक हाथ.
कौशल- दीदी दरअसल वो दीदी वो… मेरे सूसू वाली जगह पर बहूत ही दर्द हो रहा है.
दीदी- इस तरह बता ना कि तेरे लंड मे दर्द हो रहा है तो बोल रहा है कि सुसु वाली जगह पे दर्द हो रहा है.
कौशल- दीदी जल्दी से कुच्छ करो बहूत दर्द हो रहा है.
दीदी- अच्छा तू रुक मैं अभी आती हूँ.
उसके बाद दीदी माँ के साथ उनके रूम मे चली गयी थोड़ी देरी वापस आ गई. दीदी साड़ी ब्लाउज पहनी हुई थी मैं ऑर दीदी रूम से बाहर निकले टॅक्सी पकड़ कर हॉस्पिटल की तरफ चल दिए अभी सुबह के 8:00 रहे थे दीदी ने टॅक्सी को एक बैद्य जी की दुकान के सामने रुकवाया दीदी ने टॅक्सी वाले को किराया दिया ऑर हम बैद्य जी के पास आ गये बैद्य जी कही जा रहे थे.
बैद्य जी- क्या बीमारी है.
दीदी-जी इनको लिंग मे दर्द है.
बैद्य जी ने मुझे एक टेबल के उपर लिटाया दीदी रूम से बाहर चली गयी मैं अपना पॅंट ऑर अंडरवेर को घुटनो तक सरका के लेटा हुआ था फिर बैद्य जी ने लंड को अपने हाथ मे पकड़ा चमड़ी को नीचे खींच कर सुपाडे के उपर एक दवा लगा दी.
और थोड़ी देर सहलाने लगे थोड़ी देर मे ही मेरे लंड से पिचकारिया निकलकर गिर पड़ी ओर मेरा सारा दर्द गायब हो गया मेरे वीर्य से बैद्य जी का सारा हाथ भर गया मैं उठा अंडरवेर ऑर पॅंट पहन लिया बैद्य जी ने अपना हाथ सॉफ कर लिया.
बैद्य जी- एक बताऊ बेटा तुम्हारा लिंग बिल्कुल छोटा है, तुम्हारी पत्नी तुमसे माँ नही बन पाएगी.
कौशल-ये आप क्या कह रहे है क्या इसका कोई उपाय नही है.
बैद्य जी- उपाय है बेटा लेकिन थोड़ा कठिन है तुम कर पाओगे.
कौशल- आप बताइए तो सही मैं ज़रूर कर लूँगा.
बैद्य जी- तो ठीक है मैं पूरे एक महीने का दवा देता हूँ तुम इसको सुबह ऑर शाम को हल्के हाथो से मालिश करना लेकिन एक बात और मालिश करते समय तुम्हारा पानी छूटना चाहिए जब तुमको लगे कि तुम्हारा पानी छूटने वाला है तो तुम रुक जाना ऑर दूसरी दवा को रोज सुबह दूध के साथ खा लेना.
कौशल- ठीक है बैद्य जी लेकिन आप कही जा रहे है क्या.
बैद्य जी- हाँ बेटा मैं इस शहर को छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए जा रहा हूँ तुम चिंता मत करना और देखना एक माह के बाद तुम किसी भी औरत की चीख निकलवा दोगे एक ऑर बात तुम्हारा लंड एक बार अगर खड़ा हो जाएगा तो बिना पानी निकले शांत नही होगा.
कौशल- ठीक है तो मैं चलता हूँ.
फिर मैने बैद्य जी को उनका बिल दिया ओर दीदी बाहर खड़ी थी तो उनके साथ घर आ गया दीदी ने पुछा तो मैने बता दिया कि दर्द नही है लेकिन ये नही बताया कि लिंग बढ़ाने वाली दवा लिया हूँ. खैर हम जल्दी से घर पर आ गये 10:00 रहे थे माँ हमारा वेट कर रही थी मैं जाकर माँ के पास बैठ गया दीदी किचन मे खाना बनाने चली गयी मैने माँ से बता दिया कि दर्द मे अब आराम है.
माँ- बेटे तुझसे एक बात पुछनि है.
कौशल- क्या पूछनी है.
माँ- देख बेटा अब मैं बूढ़ी हो गयी हूँ हरदम मेरा तबीयत खराब रहती है तो मैं चाहती हूँ कि तू शादी कर ले कब तक अकेला रहेगा खाना बनाने भी दिक्कत होती है तेरी दीदी भी ड्यूटी पे चली जाती है तू भी चला जाता है तो क्या मेरी एक अंतिम इच्छा पूरी नही करेगा.
कौशल- ठीक है माँ जब तुम्हारा यही इच्छा है तो मुझे कोई इतराज नही है.
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माँ ख़ुसी के मारे उछल पड़ी मेरे माथे पर धीरे से किस कर दी. उसके बाद दीदी ने खाना बना दी हम ने मिलकर खाना खाया ऑर मैं अपने रूम मे चल आया फोन करके बता दिया कि आज मैं ऑफीस नही आऊंगा उसके बाद मैने अपने लिंग पर दवा लगाई ऑर सो गया उस्दिन कुच्छ नही हुआ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दूसरे दिन भी मैं माँ दीदी के साथ लड़की देखने के लिए चले गया खैर लड़की वाले भी कोई धनी नही थे वो हम से भी ज़्यादा ग़रीब थे लड़की जब आई तो मेरे दिल की धड़कन ही रुक गयी माँ ने नाम पुछा तो पता चला कि लड़की का नाम प्रियंका है उसकी एज लगभग 23 बर्ष थी बहूत ही सुंदर चेहरा था बहूत ही भोली-भाली थी नैन नकश बहूत ही तीखे थे.
खैर शादी का दिन तय हो गया कि एक माह बाद शादी होगी. उसके बाद हम घर पर आ गये फिर डेली का काम शुरू हो गया रोज ड्यूटी पर ड्यूटी से घर. मेरे लंड पर रोज बैद्य जी की दवाई लगाना ऑर दवाई खाने का नतीज़ा एक माह निकला मेरा लंड बहूत ही मोटा ऑर बहूत ही लंबा हो गया.
एक माह बीतते ही पूरे रस्मो रिवाजो के साथ मेरा शादी हो गयी प्रियंका मेरी दुल्हन बन कर मेरी घेर पर आ गई सुबह से मेरा लंड परेशान कर रहा था. ज़यादा मेहमान नही आए थे जो आए थे वो शाम तक चले गये रात हुई मैं थोड़ा सा खाना खाया ऑर सोने के समय रूम मे गया प्रियंका सुहाग सेज़ पर इंतज़ार कर रही थी मैने दरवाजे को बंद कर दिया.
प्रियंका घूँघट डाले बैठी हुई थी मैं जल्दी से पूरे कपड़े निकल कर केवल अंडरवेर में हो गया जैसे ही मैने प्रियंका का घूँघट उठाया तो वो नीचे उतरी मेरे पैर छुए मैने उसको कंधो से पकड़ कर उपर उठाया प्रियंका ने टेबल पर से दूध उठाया मेरे मूह मे लगा दी वैसे दूध मेरा मनपसंद चीज़ है तो मैं एक ही साँस मे पी गया प्रियंका फिर से बेड पेर बैठ गयी.
कौशल- मुझे इस रात का काई सालों से इंतेज़ार था. तुम मेरे सपनो की रानी जैसी हो.
प्रियंका- मुझे और ज़्यादा शाइ मत कीजिए ना प्लीज़. वैसे ही मैं शर्म से सिकुड़ी जा रही हूँ.
कौशल-तुम सिकुड़ी जा रही हो और मेरा कुछ खड़ा हुआ जा रहा है.
प्रियंका- हाए राम ऐसा मत बोलिए मुझे बहुत शर्म आती है.
कौशल-अब तुम्हें शरमाने की ज़रूरत नही है. मेरे साथ तुम बिल्कुल टेन्षन फ्री हो जाओ और खुद भी मज़े करो और मुझे भी मज़े दो.
प्रियंका- तो क्या खड़े खड़े ही मज़े ले लेंगे यहाँ बेड पे आइए ना.
मैं बेड पे गया और मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था उसने आखें नीचे कर ली उसने शादी वाली साड़ी तो पहले ही उतार ली थी. खाना बनाते टाइम वो सलवार सूट में थी मैने उसका कुर्ता उठाया और उसकी सलवार के नाडे को हाथ से पकड़ के खीचा वो खुल गया मैने धीरे से उसकी सलवार को उतारा उसने अपनी कमर उठा के हेल्प की और सलवार खिसकता हुआ उतर गया.
वो सिर्फ़ कुर्ते में थी और पैर सिकोड के बैठी थी.जिससे उसकी जांघे दिख रही थी बहुत ही सेक्सी. मैं सोच रहा था कि धीरे धीरे मज़े ले ले के सुहागरात मनाउन्गा. लेकिन मेरा कंट्रोल ख़तम सा हो रहा था. मैने जब उसका कुर्ता उतारा तो उसके ब्रा के अंदर से चुचियों ने मेर स्वागत किया और यह मेरे सबर की इंतेहा हो गयी. मैने उसे चूमा भी नही.
चाटा भी नही, सीधे अपनी अंडरवेर उतारी मेरा लंड तो पहले ही खड़ा था और बहुत ही भयानक लग रहा था उसने देखा तो उसकी साँस रुक गयी. उसने कहा भी कि जल्दी मत कीजिए प्लीज़ मैं वर्जिन हूँ बहुत दर्द होगा लेकिन अब मैं कुछ भी नही सुन पा रहा था. मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था. मेरा लंड और मेरी मेरी हवस मुझ पे हावी हो चुकी थी मैने उसकी टांगे फैला दी.
वो अपने हाथ से अपनी चूत छुपा रही थी और मुझे धीरे धीरे करने को कह रही थी. मैने जिंदगी में कभी किसी लड़की को नंगी नही देखा था. और आज तो मेरा दिमाग़ बिल्कुल ही बंद हो चुका था. मैने उसकी एक ना सुनी और उसकी पैंटी उतार दी. और सीधे उसकी टाँगों के बीच आ गया वो मना करती रही कि धीरे करो धीरे करो. लेकिन मैं नही माना. मैने एक धक्का मारा और मेरा आधा लंड घुस गया उसकी चूत में.
वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि मुझे लगा मेरे कान फट जाएँगे. मेरे अंदर का हैवान इतना हावी था कि मैने उसके दर्द की ज़रा भी परवाह नही की और लगातार धक्के मारता रहा. उसकी चूत बहुत ही टाइट थी और मेरा लंड बहुत ही मोटा था.मैं धक्के मारे जा रहा था और वो चीखे जा रही थी.
करीब 10 मिनिट की धुँआधार चुदाई के बाद मैने पानी निकाल दिया उसकी चूत में. अब जाकर मेरा लंड कुछ ढीला पड़ा. मैने चूत से लंड निकाला तो खून की धार बह निकली उसे बहुत ही ज़्यादा दर्द हो रहा था. एक बार झड़ने के बाद मेरा दिमाग़ कुछ ठिकाने पे आया तो मुझे एहसास हुआ कि मैने उसे बहुत दर्द दिया है.
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मैने माफी माँगी लेकिन वो कुछ न बोली. वैसे ही बेजान पड़ी रही और रोती रही. मुझे उसकी हालत देख के बहुत दुख हुआ. मैं तुरंत पानी गरम कर के लाया और कपड़ा गीला कर के उसकी चूत को सेंकने लगा. वो चुपचाप रोती रही, मैं बार बार उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन उसने मुँह नही खोला. उसके आँसू देख के मुझे बहुत ही ज़्यादा दुख हुआ.
मैने उसकी चूत को सेंका जिससे उसकी चूत को आराम मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ. उसकी चूत बुरी तरह सूज गयी थी और रह रह के खून निकल रहा था. मैने उसकी तरफ़ देखा तो पाया कि वो सो चुकी है. मुझे थोड़ी शांति मिली. मुझे लगा कि शायद कल तक उसका दर्द कुछ कम हो जाए.
वो बिना कपड़ों के ही सो रही थी. और उसकी टाँगें फैली हुई थी. उसे इस कंडीशन में देख के मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मुझे अभी भी बहुत गिल्ट था कि मैने उसे इस बुरी तरह से पेला. लेकिन लंड कुछ और ही सोच रहा था. मैने उसकी चूत को देखा तो उसमे से अब खून नही निकल रहा था.
मेरे लंड का पानी धीरे धीरे उसकी चूत से बाहर रिस रहा था. मेरा लंड पूरा तन गया. मैने बहुत कंट्रोल किया कि अब मैं इसे और नही चोद सकता. मैं बाथरूम में आया और मूठ मार ली. मेरा दिमाग़ फिर से शांत हुआ. लेकिन दिल ही दिल में इस बात की खुशी थी कि जिंदगी में पहली बार चुदाई की है और अब तो मैं जब चाहे अपनी बीवी को चोद सकता हूँ. मैं चुपके से उसकी साइड में लेट गया और सो गया.
बड़ी गहरी नींद में थे हम दोनो तभी डोरबेल बजी.मेरी नींद खुली तो मैने देखा कि उसकी आँखें भी खुली हुई है और वो फिर से रो रही है. मैने कहा क्या हुआ? तो वो बोली कि बहुत ज़्यादा दुख रहा है.आप तो पूरे जानवर हैं. मैने फिर से माफी माँगी और कहा कि अगली बार मैं ध्यान रखूँगा कि उसे दर्द ना हो. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने कहा कि वो खड़ी नही हो पाएगी तो मैं उठा और गेट खोलने गया. मैने घड़ी देखी तो सुबह के 11 बज चुके थे डोर खोला तो माँ और दीदी बाहर खड़े थे. दीदी ने मुझे छेड़ा और कहा कि इजाज़त हो तो अंदर आ जाए या फिर से होटल मे जाए? मैने मुस्करा दिया.वो दोनो अंदर आ गये. तभी अंदर से प्रियंका की आवाज़ आई.
मैं अंदर गया तो उसके कहा कि मुझे कपड़े तो पहना दीजिए. मैं अभी भी नंगी ही हूँ. मैने कमरे का गेट बंद किया और उसे कपड़े पहनाने लगा. मैं उससे बार बार कह रहा था कि आगे से ऐसा नही होगा. और वो किसी से कुछ ना कहे वो बोली आप मेरे पति हैं मैं आपके खिलाफ किसी से कुछ कहने का सोच भी नही सकती.
मैं यह सुन के बहुत खुश हुआ मैने उसे धीरे से चूमा तो उसने भी मुझे चूमा. मैं फिर उठ के बाहर आया तो माँ और दीदी दोनो सोफे पे बैठी हुई थी. उन्होने ने कहा कि बहू की बुलाओ. ज़रा चाइ पानी तो दे कुछ. मैने कहा मैं बना देता हूँ वो अभी सो रही है.दीदी ने मुझे फिर से छेड़ते हुआ कहा कि बड़ी फ़िक्र है अपनी बीवी की तुम्हें. वैसे तो कभी चाइ नही बनाते थे. आज क्या हुआ?
मैं बोला नही दीदी. ऐसा नही है. बस वो थोड़ा थक गयी है इसलिए सो रही है? दीदी ने फिर से चुटकी ली और कहा ऐसा क्या किया है उसने जो थक गयी है? रूको मैं देख के आती हूँ. मैने कहा नही दीदी सोने दो ना उसे थोड़ी देर. थोड़ा आराम कर लेगी तो खुद बाहर आ जाएगी.
मैं जानता था कि दीदी मुझे सिर्फ़ चिडाने के लिए ही यह सब कह रही थी. वो मेरे पास आई और बोली तो फिर तू भी तो थक गया होगा. रात भर जो उसने किया वो तूने भी तो किया होगा. वो तो बस लेटे लेटे थक गयी तो तू तो और भी ज़्यादा थका होगा. चल बैठ जा चाइ मैं बना लेती हूँ.
मेरे होश उड़ गये मारे शर्म के मैं गढ़ा जा रहा था और दीदी मेरे मज़े लिए जा रही थी मैं आके माँ के पास बैठ गया. माँ ने पूछा बेटा तू खुश तो है ना. मैने कहा हां माँ मैं बहुत खुश हूँ. हमने चाइ पी और उसके बाद वो लोग अपने रूम में चले गये. हमारा घर सिर्फ़ दो ही रूम का था. मैं हमेशा ड्रॉयिंग रूम में सोता था और एकएक बेडरूम दीदी और माँ का था.
लेकिन शादी के बाद दीदी और माँ एक बेडरूम मे शिफ्ट हो गये थे और एक बेडरूम मुझे दे दिया था. दीदी और माँ अपने बेडरूम मे थे मैं नहा के बाहर आया तो दीदी मेरे बेडरूम के डोर पे खड़ी थी. डोर अंदर से बंद था. दीदी बोल रही थी बन्नो डोर तो खोलो.हमसे मिल तो लो. इतना क्या शरमा रही हो. उसने अंदर से कहा पहले आप इन्हें भेजिए अंदर प्लीज़.
मैने सुना तो कहा रूको मैं जाता हूँ अंदर. मैं डोर पे आया और मैने कहा कि हन मैं हूँ डोर खोल दो. उसने अंदर से डोर खोला और मैं भीतर चला गया. दीदी अभी भी डोर पर ही थी. प्रियंका ने मेरे अंदर आने पर कहा कि उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था और वो ठीक से खड़ी नही हो पा रही है. इस हालत में उनके सामने बाहर कैसे जाएगी. मैने कहा कि देखो दिन भर तो अंदर नही रह सकती ना.
मैं कुछ पेनकिलर ले आता हूँ. तुम धीरे धीरे चलना दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा. वो बहुत ज़्यादा शरमा रही थी.लेकिन मेरी बात सुनके मान गयी. मैं मार्केट गया और उसके लिए कुछ पेनकिलर्स ले आया. बाकी दिन नॉर्मल ही बीता घर में अभी भी खुशियों का माहौल था. रात में माँ ने खीर बनाई. हम सब खाना खाने के बाद अपने अपने रूम में चले गये. मैं और प्रियंका दोनो बेड पे थे.
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कौशल- अब दर्द कैसा है?
प्रियंका-ठीक है लेकिन अभी ख़तम नही हुआ है. आपने कल ठीक नही किया.
कौशल- ग़लती हो गयी. आगे से ध्यान रखूँगा. लेकिन कल मज़ा बहुत आया.
प्रियंका-हटिए जी. आपको तो अपनी पड़ी है मेरी तो फट गयी थी.
कौशल- अरे बाबा आगे से आयिल लगा लेंगे ना.
प्रियंका- दीदी मुझसे कितने सवाल पूछ रही थी.
कौशल- क्या पूछी थी.
प्रियंका- पूछ रही थी कैसी रही कल की रात और मैं ठीक से चल क्यूँ नही रही हूँ मैने कहा दर्द हो रहा है तो मुझसे पूछा कि इतना बड़ा है क्या हाए राम मैं तो शर्म से गड ही गयी वो आपकी दीदी हैं और आपके इसकी साइज़ पूछ रही थी.
कौशल- अरे नही सीरीयस मत हो वो तो बस तुम्हें छेड़ रही होंगी.
प्रियंका- नही जी, उन्होने तो मुझसे पूछा कि कितने राउंड लगाए कल मैने कहा कि सिर्फ़ एक तो बोली कि एक राउंड में ही यह हालत है तेरी फिर तो बहुत बड़ा होगा मेरी तो मारे शर्म के जान निकली जा रही थी मैने कभी अपनी सहेलियों से भी ऐसी बात नही की.
कौशल- अरे उन्हें लगा होगा कि तू यहाँ अकेली है तो तेरी सहेली बनने की कॉसिश कर रही हैं. उन्हें भी तो फ़िक्र है ना तेरी. तू नाराज़ मत हो वो तेरे भले के लिए ही पूछ रही थी.
प्रियंका- मैं नाराज़ नही हूँ बस ऐसी बातें कभी किसी से की नही तो थोड़ा अजीब सा लग रहा था.
कौशल- अब ज़्यादा मत सोच इस बारे में चल शुरू करते हैं.
प्रियंका- लेकिन आज धीरे धीरे प्ल्ज़. मुझे अभी भी दुख रहा है.
कौशल- हां आज बिल्कुल धीरे धीरे चोदुन्गा.
प्रियंका- छी ऐसे गंदे वर्ड्स मत बोलिए.
कौशल- अरे इसमे गंदा क्या है अभी हम वही तो करेंगे देखना तेरी चूत फैला के इसमे अपना लंड घुसा दूँगा तो तू चुदेगि ही ना इसे चुदाई ना कहूँ तो और क्या कहूँ.
प्रियंका- आप भी बड़े वो हैं चलो अब करो और ज़्यादा गंदा गंदा मत बोलो.
मैने उसे नगी किया और खुद भी नंगा हो गया मेरा लंड भी खड़ा था पूरा मैने उसकी चूत में थोड़ा सा आयिल लगाया और फिर घुसेड़ना शुरू किया उसने बड़ा साहस किया लेकिन उससे सहन नही हो रहा था जल्दी ही उसकी आँख से आँसू निकलने लगे मेरा मूड थोड़ा ऑफ हो गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
कौशल-अब रो क्यूँ रही है धीरे धीरे तो चोद रहा हूँ.
वो बोली लेकिन फिर भी बहुत टाइट लग रहा है. बहुत दुख रहा है. मैने थोड़ा और आयिल लगाया और फिर से एक धक्का मारा इस बार तो उसकी हिम्मत टूट गयी और उसके मूह से एक जोरदार चीख निकली. मुझे गुस्सा आ गया मैने कहा क्या है चिल्ला मत घर मैं सब लोग हैं क्या सोचेंगे.
मुझे गुस्से मे देख के वो थोड़ा सहम सी गयी लेकिन रोना नही बंद हुआ मैने फिर से अपना लंड उसकी चूत मे ठेला और इस बार तो पूरा घुसेड दिया वो लाख कोशिश कर के भी अपनी चीख नही रोक पाई और फिर से चिल्ला दी इस बार मुझे भी ज़्यादा गुस्सा आ गया और मैने बिना कुछ सोचे ही धक्के लगाने शुरू कर दिए हम लोगो ने जो भी प्लॅनिंग की थी सब हवा हो गयी.
कल की रात जैसा ही हाल उसका फिर से होने लगा वो दर्द से बिलख रही थी और मैं हवस मे सब कुछ भूल के उसे पेले जा रहा था वो बहुत चिल्लाने लगी मैने सोचा कि जल्दी जल्दी चोद के झड जाता हूँ नही तो कोई जाग जाएगा घर में. मैने धक्कों का फोर्स और बढ़ा दिया और उसने अपनी चीखें और तेज कर दी. मैने उसके मुँह पर हाथ रखा लेकिन उसने मुझे छुड़ा लिया. तभी मेरे रूम के डोर पे नॉक हुआ. बाहर दीदी थी.
दीदी- क्या हो रहा है क्या बात है?
कौशल- कुछ नही दीदी आप सो जाओ.
दीदी- प्रियंका क्या हुआ री कोई प्राब्लम है क्या?
कौशल- कोई प्राब्लम नही है दीदी आप सो जाओ.
दीदी- पहले प्रियंका से बोल बोलने को. प्रियंका डर मत सच सच बता कोई प्राब्लम है क्या?
प्रियंका- दीदी मुझे बचा लो प्ल्ज़.
कौशल- यह क्या बोल रही है चुप रह.
दीदी- तू दरवाजा खोल भाई.
कौशल- दीदी कोई प्राब्लम नही है.आप जाओ प्ल्ज़.यहाँ सब ठीक है.
प्रियंका- नही दीदी.प्ल्ज़ बचा लो. यह तो मारे डाल रहे हैं.
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दीदी ने डोर पे ज़ोर से धक्का दिया. दरवाजा शायद ठीक से बंद नही था और डोर खुल गया अंदर का सीन देख के उसके होश उड़ गये. प्रियंका बेड पे थी. पूरी नंगी. मैं उसके उपेर चढ़ा हुआ था मैं भी नंगा था और मेरा लंड उसकी चूत मे फसा हुआ था. मैने पीछे मूड के देखा तो पाया कि दीदी प्रियंका की चूत को देख रही थी. उसे ऐसा सीन देख के बाहर चले जाना चाहिए था लेकिन वो बेड के पास आ गयी.
दीदी- छोड़ इसे यह मेरे साथ जा रही है अब.
कौशल- दीदी प्लीज़ जाओ यहाँ से हम दोनो नंगे हैं. तुम्हें शर्म नही आती है क्या.
दीदी- शर्म तो तुझे नही है जो अपनी दीदी के सामने भी इस्पे चढ़ा हुआ है उतर इसके उपर से और जाने दे इसे. देख नही रहा उसे कितना दर्द हो रहा है.
प्रियंका- हां दीदी प्लीज़ बचा लो कल रात भी इन्होने ऐसे ही किया था.मुझे बहुत दुख रहा है.
मेरा दिमाग़ खराब हो गया मैं प्रियंका के उपेर से उठा और उसकी चूत से लंड निकाल लिया मेरा लंड जब बाहर आया तो दीदी ने देखा और हैरान रह गयी.
दीदी- हे भगवान तूने यह डाला हुआ था इसके अंदर तू तो जानवर है पूरा ज़रा रहम है कि नही तेरा सीना है की पत्थर.
कौशल- दीदी तुम हद से बाहर जा रही हो यह मेरी बीवी है यह मेरे और इसके बीच की बात है तुम जाओ यहाँ से.
दीदी- चुप रह तू सुहागरात का मतलब यह नही होता कि बीवी की परवाह किए बिना तू उसे पेल दे अपने सुख के लिए अपना मूसल उसकी चूत मे डालने के पहले एक बार उसके बारे मे भी तो सोचा होता. देख कैसे रो रही है कितना दर्द है उसे अब यह सब नही चलेगा प्रियंका तू उठ और चल मेरे साथ.
मैं शॉक्ड था कि दीदी गुस्से मे कैसे वर्ड्स बोल रही है. प्रियंका ने अभी भी कपड़े नही पहने थे.और मैं भी नंगा खड़ा था. दीदी बिना किसी झिझक के मेरे लंड को बार बार घूर रही थी और उसपे कमेंट कर रही थी.
दीदी- अब यहाँ खड़ा क्या है. जा बाहर जा के सोफे पे सो जा. मैं यहाँ रहूंगी प्रियंका के साथ. देख बेचारी की फूल जैसी चूत कैसी सूज गयी है. इसे तूने इतनी बेरहमी से पेला है कि ठीक से चल भी नही पा रही थी. अरे कभी किसी ने तुझे सिखाया नही क्या कि कैसे चुदाई करते हैं? लंड खड़ा कर के पेल देने भर से औरत खुश नही होती.
कौशल- दीदी बकवास बंद करो. तुम अपने भाई से बात कर रही हो. यह क्या अनाप शनाप बक रही हो.
दीदी- अब तुझे बुरा लग रहा है. एक औरत का दर्द एक औरत ही समझती है. तुझे तो बस इसकी चूत से मतलब है. लेकिन मैं ऐसा नही होने दूँगी. अब तू खुद चला जा यहाँ से नही तो मैं माँ को उठा दूँगी. और माँ को कहूँगी तो माँ तुझे कभी इसे नही चोदने देगी. समझा ना. अब मेरा दिमाग़ मत खराब कर. बाहर जा यहाँ से. और कपड़े पहेन ले अपने. अपनी दीदी के सामने लंड खड़ा कर के खड़ा है हरामखोर. भाग जा यहाँ से.
मैं भी जिद्दी था मैने भी मना कर दिया कि मैं नही जाउन्गा बाहर.
कौशल- तुम बाहर जाओ यहाँ से. मियाँ बीवी के बीच में आने की ज़रूरत नही है. और अगेर तुम्हें थोड़ी शर्म है तो आइन्दा कभी इस मामले में दखल मत देना.
दीदी- यह तो नही होगा इस घर में. तू मेरे होते हुए इसका बलात्कार नही कर सकता.
कौशल- मैं इसका बलात्कार नही कर रहा हूँ. यह मेरी बीवी है. मियाँ बीवी एक दूसरे से प्यार नही करेंगे तो क्या करेंगे?
दीदी- जो तू कर रहा था उसे प्यार नही कहते. उसे बलात्कार कहते हैं. देख प्रियंका की क्या हालत है.
कौशल-तु म्हे उससे क्या लेना देना. तुम अपने काम से काम रखो और जाओ यहाँ से.यह मेरे और उसके बीच की बात है. मैं अपना काट के छोटा तो नही कर सकता ना.
दीदी- हां लेकिन तू इसकी फाड़ के चौड़ी कर देना चाहता है. और तुझे तो इतनी भी शर्म नही है कि अपनी दीदी के सामने कैसे बात करनी है.
कौशल- मुझे मत सिख़ाओ दीदी. मैं नही गया था तुम्हें बुलाने को.तुम खुद ही आई थी यहाँ. और यह सब गंदी बातें तुम्ही ने शुरू की हैं. अब तुम जाओ यहाँ से नही तो कुछ बुरा हो जाएगा.
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दीदी- क्या बुरा हो जाएगा रे? तू बहुत बड़ा समझने लगा है अपने आप को? क्या बुरा करेगा तू ? तू पाल पोश के बड़ा किया और तू किसी औरत के साथ ऐसा बिहेव करता है अपनी बीवी को रंडी की तरह चोद रहा है और मुझे कह रहा है मैं अपने काम से काम रखूं. याद रख यह मेरा घर है यहाँ वही होगा जो मैं कहूँगी और तू क्या बुरा करेगा रे मेरे साथ? मुझे भी पकड़ के चोदेगा? मेरी चूत फाड़ेगा? यही बुरा करेगा मेरे साथ?
कौशल- दीदी तुम होश मे नही हो. बकवास बोले जा रही हो जब से. चली जाओ यहाँ से.
हम दोनो फुल लाउड वाय्स मे एक दूसरे पे चिल्ला रहे थे. इतने में डोर पे हरकत हुई हमने देखा माँ डोर पे खड़ी थी. मैने तुरंत अपने कपड़े उठाए और प्रियंका ने भी खुद को ढक लिया.
माँ- क्या लगा रखा है? सोने नही देते. तू यहाँ इनके रूम मे क्या कर रही है पूनम.
दीदी- माँ देखो ना इसने प्रियंका को बहुत दर्द दिया है. प्रियंका चिल्ला रही थी इसी ने मुझे कहा कि बचा लो मुझे.तो मैं आ गयी माँ भाई को प्रियंका के साथ मत रहने दो वो इसे बहुत दर्द देता है.
माँ-क्यूँ री प्रियंका? क्या बात है?
प्रियंका-जी मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है. कुछ कीजिए.
माँ- बेटी यह तकलीफ़ तो होगी ही. इसे ज़्यादा सिर पे मत चढ़ने दे. थोड़ी दिन की बात है फिर सब की आदत पड़ जाएगी. और याद रख बीवी का धर्म होता है कि मियाँ की खुशी का ख्याल रखे. और यह तो प्यार का दर्द है सहन कर ले. और तू पूनम चल अपने कमरे में. इन मियाँ बीवी को इनके हिसाब से रहने दे. तुझ बीच में दखल देने की कोई ज़रूरत नही है.
माँ दीदी को अपने साथ ले गयी. मैने रूम का डोर बंद किया. प्रियंका को तो जैसा साँप सूंघ गया था उसकी कुछ समझ में नही आया कि इस बीच यहाँ क्या क्या हो गया. मैं अब वापिस बेड पे आ गया.
कौशल- अब क्या करेगी बोल? अब किसे बुलाएगी बचाने को? मैं खुद भी तुझे दर्द नही देना चाहता था लेकिन तूने और कोई रास्ता नही रखा अब मेरे लिए.
प्रियंका- मैं खुद भी नही जानती थी कि यह सब हो जाएगा मैने तो बस यूँही कह दिया था दीदी से कि मुझे बचा लो वो तो खुद ही डोर खोल के अंदर आ गयी मेरी बात का बुरा मत मानो लेकिन मुझे लगता है कि दीदी आपसे जलन करती हैं.
कौशल- अब तू मत बकवास करना शुरू कर दे मेरा दिमाग़ पहले ही खराब है. अब सो जा चुपचाप.
प्रियंका- सॉरी जी, मुझसे नाराज़ मत होना. मैने यह सब जानबूझ कर नही किया सब अंजाने में हो गया. मुझे माफ़ कर दो. एक बार पेल तो दो ठीक से अब नही चिल्लाउन्गी चाहे जितना भी दर्द हो. कसम से उठो ना पेलो ना. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
कौशल- अब नही मैं अभी सो रहा हूँ तू भी सो जा. तेरी चूत खुलने में टाइम लगेगा. मैं आज नही चोदुन्गा तुझे. कल से ज़्यादा आयिल ले के आना. और रोज अपनी चूत में नहाने के बाद आयिल से मालिश किया करना उगली डालना अंदर बाहर धीरे धीरे खुल जाएगी. तो तुझे इतना दर्द नही होगा
प्रियंका-हाए मैं क्यूँ करूँगी यह सब आप खुद ही कर लीजिएगा मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर करियेगा फिर अपना लंड अंदर बाहर करियेगा. देखिए ना आपका लंड तो अभी भी खड़ा है आओ ना चढ़ जाओ ना चोद दो ना एक बार प्लीज़ नाराज़ होके मत रहो.
कौशल- मैं नाराज़ नही हूँ बस अब चोदने का मन नही कर रहा दीदी से मैने कभी इतनी बदतमीज़ी से बात नही की मैं कल सुबह उनसे माफी माँग लूँगा. मैने बहुत ग़लत किया आज दीदी ने मेरे लिए इतना कुछ किया. मैने आज उससे ठीक से बात नही की.
प्रियंका- मुझे तो अभी भी लगता है कि दीदी जानबूझ के अंदर आई थी.
मे-चुप कर एक तो तेरे लिए वो मुझे डाँट रही थी और अब तू खुद उसके खिलाफ बोल रही है.
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प्रियंका- नही ऐसा नही है देखो ना अभी दीदी की एज ही क्या है 31 की होंगी. उनका पति नही है उनकी जवानी अभी ढली थोड़ी ना है. उन्हें भी तो गर्मी चढ़ती होगी ना कभी कभी इसीलिए वो खुद पे काबू नही रख पाई.
कौशल- अब तूने एक शब्द भी बोला दीदी के खिलाफ तो एक थप्पड़ पड़ेगा. हमेशा के लिए आवाज़ बंद हो जाएगी याद रखना मेरी दीदी ने मेरी जिंदगी मे जो बलिदान दिए हैं वो एक माँ भी नही देती अपने बेटे के लिए वो अंदर आई थी हमारी हेल्प करने को तू अपनी गंदी सोच को ख़तम कर दे. समझ गयी ना?
प्रियंका- सॉरी. आज से ऐसा नही बोलूँगी हम दोनो सो गये.
लेकिन मेरे दिमाग़ में अभी भी कयि सवाल उठ रहे थे. दीदी जानती थी कि मैं अंदर प्रियंका को चोद रहा हूँ फिर भी वो अंदर आ गयी. उसने हमसे कपड़े पहनने के लिए नही कहा. मेरे खड़े लंड को बार बार घूरती रही उसकी चूत के बारे में बोलती रही उसने बहुत ही गंदे वर्ड्स यूज़ किए. कहीं प्रियंका सही तो नही कह रही है? कहीं दीदी की जवानी गर्मी तो नही पकड़ रही है? मैं यह सब सोचते सोचते कब सो गया पता नही चला.
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