Teen Village
मेरा नाम अमितेश है। मेरे दोस्त दिनेश ने मेरी सगी बहन को कैसे चोदा आपको बता रहा हूँ। हुआ ये की दिनेश मेरे घर के बगल एक छोटी दुकान चलाता था। मैं उसकी दुकान से सामान जैसे माचिस, बेसन, आदि लेने जाता था। मैं उस वक़्त 16-17 साल का था। जबकि दिनेश 20 साल का था। धीरे 2 मेरी उससे दोस्ती हो गयी। मैं उसकी दुकान पर बैठने लगा। Teen Village
मेरी एक बेहद खूबसूरत बहन भी थी जिसका नाम पूजा था। मेरी बहन बिलकुल कुवारी थी। उसके मम्मे 34 साइज के थे। मेरी बहन नही नयी जवान हुई थी। उसे अभी तक चुदास और चुदाई शास्त्र के बारे में जरा भी पता नही था। धीरे 2 मेरी दिनेश से दोस्ती हो गयी।
वो मेरे घर भी आने जाने लगा। मेरी बहन 17 साल की थी जबकि मैं 15 साल का था । अपनी बहन से 2 साल छोटा था। मेरी बहन पूजा भी दिनेश की दुकान पर जाया करती थी। मेरी बहन अक्सर लाल रंग का सलवार सूट पहनती थी। बढ़ती उम्र के साथ उसकी छातियां ज़माने को दिखने लगी थी।
गली के आवारा लड़के मेरी बहन को बस एक बार चोदना चाहते थे। मैं 15 साल का था इसलिए चुदाई के बारे में नही जानता था। जबकि मेरी जवान खूबसूरत बहन हर आवारा लड़के की आँखों में चढ़ गई थी। एक दिन मेरी बेहद खूबसूरत बहन स्कूल जा रही थी तो एक लड़के ने उसे जबरन रोक कर लव लेटर दे दिया और उसका दुपट्टा खीचने की कोसिस की।
मेरी बहन सरीफ थी। वो अल्टर नही थी। वो घर आयी और रोने लगी। तब पूरी बात बताई। मैं परेसान हो गया। मैंने अपने घर पर दिनेश को बुलाया इस समस्या से निबटने के लिए।
क्या हुआ पूजा?? पूरी बात बताओ? दिनेश ने मेरी बहन से पूछा।
मेरी बहन फिर से रोने लगी। उसने रोते 2 सारी बात बताई। दिनेश आग बबूला हो गया। अगले दिन मैं, दिनेश और 10 लड़के मेरी बहन के पीछे चुपके से गये। जो लड़का मेरी खूबसूरत बहन को फिर से छेड़ने के लिए फिर से खड़ा था। जैसे मेरी जवान बहन वहाँ पहुची वो फिर से छेड़ने लगा।
दिनेश और उसके दोस्तों ने उसे पकड़ लिया और जमकर पेला गाण्डू को। धीरे 2 मेरी माँ भी दिनेश को पसंद करने लगी। हम उसे अक्सर दावत पर बुलाते। मुझसे नही मालूम था कि दिनेश बहुत चोदू किस्म का लड़का। मोहल्ले की हर जवान लड़की को वो चोद चुका था।
मुझसे नही मासूम था। मैं बस 16 साल का नासमज लड़का था। मेरी जवान खूबसूरत गोरी बहन दिनेश की आँखों में गढ़ने लगी। वो मेरी बहन को एक बार लेना चाहता था। वो मेरी बहन को एक बार बिलकुल नंगा करके चोदना चाहता था। एक दिन मैं दिनेश की दुकान पर बैठा था। जब मैं आने लगा तो उसने पूछा पूजा कैसी है?? कोई दिक्कत तो नही??
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नही भाई! मैंने जवाब दिया और घर आ गया।
मेरी आने के बाद दिनेश ने अंगड़ाई ली और कहा यार अमितेश की बहन तो बिलकुल कयामत है! अगर एक बार उसकी चूत मिल जाए तो समझो स्वर्ग पहुच गया। इस तरह दिनेश धीरे 2 मेरी जवान खूबसूरत बहन पर आसक्त हो गया। वो मेरी जवान बहन को बस किसी तरह चोदना चाहता था।
ऐसे में मैं किसी काम से एक महीने के लिये दिल्ली चला गया। मैंने दिनेश से कह दिया की मेरी बहन कुछ सामान लेने आये तो दे दे। बाद में लौटकर मैं उसका हिसाब करूँगा। मेरी खूबसूरत बहन साबुन, सर्फ, तेल लेने के लिए दिनेश की दुकान पर जाने लगी।
दिनेश उससे मजाक करने लगा। मेरी बहन भी उसकी बात पर हस देती। धीरे 2 दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी। एक शाम मेरी बहन मैगी लाने दिनेश की दुकान पर गयी तो उसका हाथ दिनेश के हाथ से छू गया। दोनों आधे घण्टे तक हँसी मजाक करते रहे।
सारे लड़के दिनेश से चुपके चुपके पूछने लगे अरे दिनेश कब अमितेश की बहन की सील तोड़ेगा?? इसकी चूत तो मलाई जैसी होगी?? इसे भोगकर तो तू सीधा स्वर्ग जाएगा। इस सवाल पर दिनेश को अंगड़ाई आ जाती। मैं तो इसकी सील एक सेकंड में तोड़ दूंगा। साली को इतना चोदूंगा की इसे आसमान नीला नही पिला दिखाई देगा। बस ये मेरी लाइन ले ले। मेरी दोस्त अमितेश की बहन है। इसलिए मैं इसे जबर्दस्ती नही प्यार से चोदूंगा।
धीरे 2 मेरी बहन भी दिनेश को पसंद करने लगी। एक शाम दिनेश की दुकान पर कोई नही था। असल में ये जाड़े का दिन था। ठंड से सभी लोग घर में दुबके थे। दिनेश दुकान पर अकेला था। मेरी बहन अपनी सलवार सिल रही थी की धागा खत्म हो गया। मेरी बहन पूजा दिनेश की दुकान पर धागा लेने गयी। दिनेश ने उसे अकेला पाकर उसका हाथ पकड़ लिया।
ये क्या भैया?? मेरी बहन पूजा ने हँसकर पूछा।
तुम नही जानती ये क्या है?? दिनेश मजाक करता हुआ बोला.
नही पूजा ने कहा.
पगली तू मुझसे अच्छी लगती है। यही इसका मतलब है दिनेश मेरी जवान बहन को लाइन मरता हुआ बोला।
उस रात जब मेरी बहन घर आई और रात को सोने गयी तो उसे बस दिनेश ही याद आ रहा था। कैसे उसने अकेला पाकर उसकी नाजुक कलाई पकड़ ली थी। अगले दिन मेरी बहन लड़कियों से प्यार मुहब्बत की बात करने लगी। उसकी एक सहेली से बताया कि पिछली रात उसके आशिक से उसे रात में छत पर बुलाया था और उसे कस के चोद दिया।
चुदाई में कितना मजा मिलता है वो मेरी बहन पूजा को बताने लगी। धीरे 2 मेरी जवान खूबसूरत बहन जान गई की लड़के लड़कियों को चोदने के लिए ही बने है। इसलिये हर लड़की को मौका पाकर चुदवा लेना चाहिए और जवानी में गुलछर्रे उड़ा लेना चाहिए। मेरी बहन चोदन के बारे में धीरे 2 सब जान गई।
पूजा अब ख्वाब देखने लगी की काश कोई लड़का उसे एक बार चोद देता तो उसका दिनेश धन्य हो जाता। फिर उसे दिनेश का खयाल आया। मेरी बहन अब जान गई की दिनेश उसे पटाता रहता है। अगर वो उससे पट जाए तो दिनेश उसे चोद सकता है।
हर दिन मेरी बहन चुदासी और चुदवासि होती चली गयी। कुछ दिन बाद मेरी बहन रात 9 बजे फिर कुछ सामान लाने गयी। दिनेश ने उसका हाथ फिर पकड़ लिया। मेरी बहन हँस दी। दिनेश से अब रहा ना जाता था। लाल रंग की सलवार पर भरी भरी दो छातियां देखकर दिनेश पागल हो रहा था।
मेरी बहन को वो जल्द से जल्द चोदना चाहता था। अब मेरी बहन ने उसे भैया नही कहा क्योंकि वो उसे भैया बनाकर साइयां नही कहना चाहती थी। दिनेश ने मेरी बहन का हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी ओर खींच लिया।
ऐ पूजा!! देगी क्या?? दिनेश ने मेरी जवान बहन से पूछा.
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वो शर्मा गयी और दूसरी ओर देखने लगी। दिनेश का लण्ड आसमान नापने लगा। उसने मेरी बहन को अंदर खींच लिया और दुकान का शटर गिरा दिया। दुकान बंद है दिनेश ने ये बोर्ड बाहर टाँग दिया। दिनेश मेरी बहन को दुकान में ही चोदन चाहता था।
उसने मेरी पूजा को पकड़ लिया और उसके मम्मे दबाने लगा। मेरी जवान बहन के नए नए आम से दूध भरे छतियों पर हाथ लगाते ही दिनेश को स्वर्ग सा मिल गया। ये बड़ी बात थी। मेरी बहन बिलकुल फ्रेश मॉल थी जो चुदवाने के लिए और चोदन के लिए बिलकुल तैयार थी। दिनेश पागल हो उठा।
मेरी बहन पूजा गर्म साशें छोड़ने लगी। दिनेश मेरी बहन के आम दबाने लगा। उसका लण्ड रस चोदन लगा। उसका लण्ड मेरी बहन की गुलाबी छूट मारने के लिए बेचैन हो उठा और तड़प उठा। उफ़्फ़! आज मेरी प्यारी बहिनिया मेरे ही दोस्त ने चूदने वाली थी। कितनी विचित्र बात थी।
मेरी बहन गर्म साँसे छोड़ने लगी। दिनेश और बेदर्दी से मेरी बहन की हरी भरी छातियां मिंजने लगी। मेरी बहन इस मीठे दर्द ने सिसकने लगी। दिनेश की आँखों में वासना उतर आई। मेरी बहन की गुलाबी मलाईदार चूत दिनेश की आँख में छप गयी। अब तो मेरी बहन को चूदने से उसे ऊपर वाला भी नही बचा सकता था।
जब मेरी बहन इस मीठे दर्द से सिसक रही थी, दिनेश ने मौका पाकर मेरी बहन की लाल रंग की सलवार का नारा खिंच दिया। सलवार नीचे गिर गयी। दिनेश ने पेरी बहन की हरे रंग की चड्डी में हाथ दाल दिया और उसकी गुलाबी चूत ढुंगने लगा। मेरी बहन पागल होने लगी।
आज तक उसे इस तरह किसी लड़के ने नही पकड़ा था। ना की किसी लड़के ने उसकी छातियां दाबी थी। ना ही किसी लड़के ने उसका नारा खोला था। ये सब मेरी बहन के लिए बिलकुल नया अहसास था। धीरे धीरे मेरी बहन भी चुदासी हो गयी। उसने थान लिया की वो आज दुकान में ही मेरे दोस्त दिनेश से चुदवा लेगी।
दिनेश ने आखिर उसकी गुलाबी मलाईदार चूत ढूंढ ली। वो चूत पर गोल गोल ऊँगली फेरने लगा। मेरी बहन और जादा सिसकने लगी। वो बेकाबू होने लगी। वो चुदासी होने लगी। दिनेश को मेरी बहन की चूत सहलाकर अपार सुख और आनंद मिल रहा था। अब वो मेरी बहन की चूत में ऊँगली करने लगा।
मेरी बहन तड़प उठी। दिनेश ने मेरी बहन की कमीज को उतार दिया। मेरी बहन ने सफ़ेद रंग की सूती समीज पहन रखी थी। वो सिलाई जानती थी और ये समीज उसने खुद सिली थी। एक बार मैं अंदर गया था। मेरी बहन कपड़े बदल रही थी। मैंने अपनी बहन के पके पके आम देख लिए थे।
वो कौन किस्मतवाला लौंडा होगा जो मेरी बहन को चो–दे–गा!! मैंने उस दिन खुद से कहा था। मैं नहीं जानता था कि मेरा सबसे अच्छा दोस्त ही मेरी बहन को चोद कर औरत बना देगा। मुझसे नही अंदाजा था। दिनेश ने मेरी बहन के हाथ ऊपर कर दिए।
मेरी बहन भी चुदाई की बड़ी कहानियाँ अपनी सहेलियों से सुन चुकी थी। और आज किस्मत से मेरी बहन की चुदाई का दिन भी आ गया था। पूजा ने अपने हाथ ऊपर कर दिए। दिनेश ने मेरी बहन की सूती समीज को उतरा को छातियों पर समीज फस गयी। साली! बड़ी कसा मॉल है!! किसी से इसे हाथ भी नही लगाया है!! दिनेश बुदबुदाया।
दिनेश ने ताक़त लगायी और झटका दिया। मेरी 18 साल की बेहद जवान बहन ऊपर से नंगी हो गयी। शर्म से उसने अपनी छतियों को अपने हाथों से छुपा लिया। वो शर्मा गयी। अरि पूजा! शर्माती क्यों हो?? हिंदुस्तान की सारी लड़कियां अपने आशिको से चुदवाती है। हर जवान जोड़ा ऐसा करता है। इसमें कैसी शर्म दिनेश बोला.
और मेरी बहन के कैसे हुए नये नये मम्मो को हाथ हटाकर पिने लगा। मेरी जवान बहन मचल गयी। जहाँ एक हाथ से दिनेश मेरी बहन की दुधभरी 34 साइज की छातियां पी रहा था वहीँ दूसरे हाथ से वो मेरी बहन की दूसरी छाती को पकड़े थे और काली काली निपल्स को सहला रहा था।
आज किसी लड़के के मादक छुअन से मेरी जवान बहन की जवानी उफनने लगी। मेरी बहन अंगड़ाई लेने लगी। वो धीरे धीरे चुदासी होने लगी। अब वो भी सोचने लगी की आज धीरे से समाज की नजर से बचके एक बार चुदवा लूँ। जरा देख लू मेरी सहेलिया किस चीज का गुड़गान करती है।
दिनेश मेरी जवान बहन की बड़ी बड़ी जूसी छातियां पीता रहा। मेरी बहन गरम और उत्तेजित हो गयी। उसकी छातियां और फूल गयी। दिनेश ने मेरी बहन को दुकान के फर्श पर एक अख़बार दाल के लेता दिया। और उसके तांग खोल दी। दिनेश का लण्ड अब बड़ा और लोहे जैसा हो गया था।
उसने मेरी बहन की चूत देखी। लाल गुलाबी झिल्ली कह रही थी कि मैं कुंवारी हूँ। कोई मेरी झिल्ली तोड़ के मुझसे चोद लो। दिनेश मेरी बहन की गुलाबी झिल्ली देखकर पागल हो गया। और उसे चुसने चाटने लगा। मेरी बहन चोदवासी हो गयी।
दिनेश ने अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी खूबसूरत बहन के भोंसड़े पर रखा और जोर का धक्का दिया। लण्ड मेरी बहन की गुलाबी झिल्ली तोड़ता हुआ भीतर गुस गया। मेरी 18 साल की बहन रो पड़ी। दिनेश उसकी चूत बजाने लगा। लगा जैसे वो मेरी बहन के ऊपर उछल उछल के डिस्को डांस करता रहा।
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मेरी अभी अभी बालिग हुई बहन दर्द में कराहती रही। दिनेश उसे छोड़ता रहा। मेरी बहन चुदती रही। मेरी जवान बहन बिलकुल नंगी दिनेश की गिरफ्त में थी। वो बड़ी चिकनी, गर्म और उत्तेजक थी। साथ ही चुदासी भी थी। 2 घण्टों में दिनेश ने अपनी दुकान में ही मेरी बहन को 4 बार चोदा। दिनेश को तो स्वर्ग मिल गया था। उसकी चुदाई लिस्ट में अब मेरी बहन का नाम भी जुड़ गया था। अगले दिन मेरी बहन स्कूल गयी। वो तांग फैला फैलाके चल रही थी।
लगता है अपने आशिक़ से चुदवाकर आयी है उसकी सहेलियां उससे हँसकर कहने लगी। सच में चुदवाने में एक अलग मजा ही मिलता है मेरी जवान बहन ने कहा। फिर एक हफ्ते बाद मेरी बहन फिर रात के 8 बजे दिनेश की दुकान पर गयी। दिनेश ने फिर से दुकान का शटर गिरा दिया और मेरी नाबालिक बहन को फिर से 3 4 बार उस हरामी ने चोदा। धीरे 2 मेरी बहन उससे पूरी तरह फंस गई। दिनेश उसे गन्ने के खेत में बुला लेता और सारी सारी दोपहर चोदता।