Ladki Kyu Chudti
कुंवारी स्टूडेंट की चुदाई पढ़े मेरा नाम महेंद्र, यह मेरी पहली कहानी है तो मुझे लगता है कि मुझसे कुछ गलतियाँ भी हुई होगी तो प्लीज आप सभी मुझे अपना समझकर मुझे माफ़ जरुर करें. लेकिन में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी. क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है और यह दो महीने पुरानी घटना है. Ladki Kyu Chudti
दोस्तों मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है और मेरी उम्र 21 साल है, में कोलकाता में रहता हूँ और में दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच और 2.5 मोटा है. दोस्तों में आज जो कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ.
वो मेरी पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की है जो अभी अभी जवान हुई है और अब धीरे धीरे उसके जिस्म ने अपने हर एक अंग को उभारना शुरू कर दिया है और अब में आप सभी को पूरी विस्तार में वो घटना सुनाता हूँ.
दोस्तों मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है जिसका नाम ललिता है. और उसकी माँ बड़ी ही बातूनी किस्म की औरत थी और वो कहीं भी किसी के भी घर में घुस जाती थी. और ऐसे ही वो धीरे धीरे मेरे घर में भी घुस आई थी और मेरे घरवालों से मिलना शुरू किया.
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और कुछ भी माँगना शुरू हो गया जैसे शक्कर या दूध या या और कुछ भी. में गणित में बहुत अच्छा था और ललिता 10th क्लास में थी और उसके बोर्ड के एग्जाम थे. तो उसकी माँ ने एक दिन मुझसे कहा कि मेरी बेटी गणित में बहुत कमजोर है इसलिए क्या तुम ललिता को कुछ दिन ट्यूशन दे सकते हो?
में उनके बहुत कहने पर मान गया और उसको ट्यूशन देकर मेरा भी अभ्यास हो जाता और ललिता जैसी सुंदर और सेक्सी लड़की को अपने पास बैठाकर मज़ा आएगा. तो मैंने यह सोचा और वैसे ललिता थी बहुत साफ रंग, थोड़ी कम हाईट, करीब 5 फीट 1.2 इंच और उसका फिगर वाह 34-35 बूब्स 28 कमर और 36 गांड और वो हमेशा स्कर्ट और टॉप पहना करती थी.
तो उसके अगले दिन से वो मेरे पास पड़ने आने लगी और में उसको पढ़ाता. लेकिन फिर मौका देखकर उसको देखता था क्योंकि वो बहुत खुबसूरत थी. और अब में उसको पूरे ध्यान से पढ़ाता और मुझको वो अच्छी भी लगती थी.
लेकिन जब वो पड़ती थी तब में नजरे चुराकर उसके पैरों को देखता था. वो बहुत ही गोरी थी और उसकी छोटी सी स्कर्ट से बहुत ऊपर तक नजर आता. एक बार में उसको देख रहा था कि उसने मुझसे कुछ पूछा, लेकिन मेरा पूरा ध्यान उसकी गोरी गोरी जांघो पर था और में उसकी बात ध्यान नहीं दे सका.
लेकिन फिर भी उसने मुझे दो बार बुलाया भैया, भैया. तो मैंने एकदम से उसकी तरफ देखा और कहा कि हाँ क्या हुआ? तो वो मुझसे बोली कि आपको क्या हुआ है और आप इतना ध्यान से क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, कुछ नहीं तो वो बोली कि नहीं आप कुछ तो देख रहे थे प्लीज बताओ ना बताओ.
वो मुझसे बहुत जिद करने लगी और मैंने थोड़ी हिम्मत करके उससे कहा कि ललिता में देख रहा हूँ कि तुम्हारे पैर पर एक भी बाल नहीं है. तो वो बोली कि हाँ मैंने कुछ दिन पहले ही साफ किए है वो मेरे स्कूल में ऊँची स्कर्ट है ना.
इसलिए मैंने साफ किए है क्योंकि मेरे पैरों पर बाल अच्छे नहीं लगते है और वो बहुत काले है इसलिए मैंने उन्हे साफ कर दिया है. तो मैंने कहा कि हाँ ठीक और अब थोड़ा माहोल और साथ में उसका मूड दोनों ही एकदम ठीक थे.
तो मैंने भी सही मौका देखकर उससे पूछा कि क्या तुम्हारा स्कूल में कोई बॉयफ्रेंड है? तो वो फटाक से बोली कि हाँ बहुत है, मैंने कहा कि बहुत है इसका क्या मतलब है? वो बोली कि हाँ स्कूल के अंदर और बाहर मेरे बहुत सारे लड़के मेरे फ्रेंड है.
मैंने कहा कि वो नहीं में तुम्हारे बॉयफ्रेंड की पूछ रहा था तो उसने कहा कि हाँ मैंने भी तो बॉयफ्रेंड का बताया है. तो मैंने कहा कि में वो वाला बॉयफ्रेंड कह रहा था और उसने पूछा कि वो वाला कैसे वाला? तो में मन ही मन में सोचने लगा कि या तो यह पागल बन रही है या फिर मुझे बनाने की कोशिश कर रही है. “Ladki Kyu Chudti”
मैंने कहा कि चलो अब वो बात छोड़ो और चुपचाप पड़ो. तो उसने कहा कि नहीं पहले आप बताओ क्या कह रहे थे? मैंने कहा कि वो फ्रेंड जो तुमको बहुत प्यार करता है. और फिर उसने कहा कि हाँ मेरी कई फ्रेंड फोन पर बात करती तो है, लेकिन मुझको समझ नहीं आता.
तो मैंने कहा कि ठीक है छोड़ो चलो अब पढ़ाई पर ध्यान दो, लेकिन वो बिना मन से पढ़ने लगी और मैंने उसके पैरों को देखकर अपने लंड को खड़ा कर रखा था. और कुछ देर की पढ़ाई के बाद वो अपने घर पर चली गई, तो मैंने बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया.
करीब दो सप्ताह के बाद मेरे सभी परिवार वाले मेरे किसी रिश्तेदार की शादी में बाहर चले गये और उनको दो, तीन दिन बाद वापस आना था. लेकिन मुझे घर पर कोई जरूरी काम था तो में उनके साथ नहीं गया.
वो शनिवार का दिन था और में दो बज़े घर पर वापस आ गया. और फिर कुछ देर बाद दरवाजे की घंटी बजी, तो मैंने उठकर दरवाज़ा खोला और मैंने देखा कि सामने ललिता खड़ी हुई थी. और उसके हाथ में किताब थी शायद वो मुझसे कुछ समझने आई थी. “Ladki Kyu Chudti”
तो मैंने उससे बोला कि घर पर कोई नहीं है, वो बोली कि हाँ मुझे पता है और उसने एक नॉटी सी स्माइल दे दी. फिर में इससे पहले कुछ कहता वो सीधा अंदर आ गई और उसने बोला कि फिर तो आज पढ़ाई नहीं होगी.
आज सिर्फ़ एंजाय करेंगे और फिर वो सोफे पर बैठ गई. उसने टीवी चालू किया और एक चॅनेल पर ललिता ने एक मूवी लगा ली. और उसने अपना नरम नरम हाथ मेरे लंड पर रख दिया और धीरे धीरे अपने हाथ को ऊपर नीचे करके मेरे लंड को खड़ा कर दिया.
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में एकदम मस्ती में आ गया और अब मैंने सोचा कि इसको चोदा जाए. मैंने कहा कि अब अपनी स्कर्ट उतारो में भी देखता हूँ कि अंदर कैसा नजारा होगा? तो वो मेरी बातों को मानने लगी और एक हाथ से लंड को पकड़े रही.
और दूसरे हाथ से स्कर्ट उतार रही थी, मैंने उसका साथ दिया और स्कर्ट को नीचे कर दिया. उसकी नीले कलर के पेंटी वाह मैंने उसे दोनों साईड से पकड़ा और उतार दिया. तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं थे मैंने कहा कि क्यों इस पर बाल नहीं है? “Ladki Kyu Chudti”
तो उसने कहा कि में जब पैर के बाल साफ करती हूँ तभी इसको भी साफ कर लेती हूँ, मुझको इस पर रेज़र लगाते हुए बहुत मज़ा आता है. फिर मैंने कहा कि प्यार में भी यही सब होता है, लेकिन बस प्यार में यह मज़ा बहुत ज़्यादा होता है.
तो मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा वो एकदम मचल गई और मुझसे कहने लगी कि गुदगुदी होती है. और फिर मैंने उसको लेटाया और चूत पर हाथ फेरता रहा और एक हाथ उसके बूब्स पर ले गया और बूब्स को दबाने लगा.
हाथ के घुमाने से उसको मज़ा आ रहा था कि उसको पता भी नहीं चला कि मेरा एक हाथ कब उसके टॉप में घुस गया. में बूब्स को ब्रा के ऊपर से सहला रहा था और वो बोल रही थी कि हाँ और दबाओ मज़ा आ रहा है अच्छा लग रहा है तो मैंने कहा कि टॉप को भी उतारो. “Ladki Kyu Chudti”
उसने एकदम से टॉप को नीचे उतारा और फिर ब्रा को उतारा और लेट गई. में हाथ फेरते फेरते अपना मुहं उसकी चूत पर ले गया और मैंने जैसे ही अपनी जीभ को उसकी चूत के होंठ पर रखा. वैसे ही वो सिसकियाँ लेने लगी और में जीभ से उसकी गरम चूत को चाटने लगा वो मचलने लगी.
तो मैंने और भी जीभ को अंदर डाला, वो मज़े से पागल हो गई और अब मेरा लंड भी पूरी मस्ती में था. तो मैंने सोचा कि अब डाल ही देता दूँ, जो भी होगा देखा जाएगा और में उसके ऊपर लेट गया और मैंने अपने होंठ से उसके होंठ मिलाए.
वो मज़े में मदहोश थी और अब उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. मैंने फ्रेंच किस स्टार्ट किया और मुहं एकदम से अपने मुहं से बंद करके अपना लंड उसकी मस्त चूत पर रखा और धीरे से डालने लगा. तो वो मचलने लगी.
तो मैंने देखा कि यह धीरे का काम नहीं है और मैंने एक झटका मारा, लेकिन लंड, चूत से एकदम फिसलता हुआ इधर उधर होने लगा. तो मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरे हाथ से उसकी चूत की पंखड़ियों को थोड़ा सा फैला दिया. “Ladki Kyu Chudti”
और लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का दिया. तो मेरा पूरा का पूरा लंड, चूत में फिसलता, रगड़ खाता हुआ घुस गया और उसके मुहं से एक बहुत ज़ोर की चीख निकली. और वो अपने पैरों को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और मुझसे लंड को बाहर निकालने को कहने लगी.
उसके पूरे चेहरे पर पसीने की छोटी छोटी बूंदे बहने लगी वो अपने दर्द से छटपटाने लगी. लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके मुहं पर अपना मुहं लगाया तो उसकी आवाज़ अंदर ही अटक गई. और में बिल्कुल चुपचाप बिना हिले लंड को चूत में डाले पड़ा रहा.
और उसका मुहं चूसता रहा और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से सहलाने लगा. और फिर करीब दस मिनट के बाद मैंने महसूस किया कि वो अपनी गांड को उठकर मेरे लंड के साइड से धक्के दे रही है. तो में समझ गया कि उसको अब दर्द कम है और शायद मुझसे अपनी चूत चुदाई में मज़ा भी आ रहा है.
तो में धीरे धीरे धक्के मारता रहा और उसका मुहं छोड़कर बूब्स चूसता रहा और 10-12 मिनट बाद एक तूफान सा आया. और मैंने देखा कि ललिता एक बिन पानी मछली की तरह तड़प रही थी. और फिर में समझ गया कि उसका झड़ने का समय अब करीब आ चुका है.
और उसकी तड़प से मेरी स्पीड और भी तेज़ हो गई और में भी झड़ने पर पहुंचने लगा. और वो सिसकियाँ लेने लगी अह्हह्ह्ह्ह्ह् उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ् और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह फाड़ दो मेरी चूत को अह्ह्ह दो मुझे चुदाई का पूरा सुख. “Ladki Kyu Chudti”
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फिर कुछ देर बाद हम दोनों का पानी एक साथ निकल गया और वो एकदम शांत होकर लेट गई. उसने मुझे अपनी बाहों में भर रखा था और में उसकी चूत में झड़ने के साथ साथ उसके बूब्स को सहला रहा था. फिर कुछ देर बाद में भी थककर उसके ऊपर लेट गया और उसके जिस्म को सहलाने लगा. “Ladki Kyu Chudti”
फिर हम दोनों उठे तो मैंने देखा कि बेडशीट पर मेरे वीर्य के अलावा उसकी चूत से निकला हुआ खून भी था. जो आज उसकी चुदाई में उसकी सील टूटने की तरफ इशारा कर रहा था. तो हमने अपने कपड़े पहने और उस समय शाम के 7 बज गये थे. उसके मम्मी, पापा के आने का टाईम भी हो गया था. तो वो सोफे पर बैठकर अपनी किताब को लेकर बैठ गयी. तो मैंने बेडरूम से खून से भरी हुई बेडशीट उठाई और उसे धोने लगा, लेकिन उस पर लगा हुआ वो चुदाई का खून नहीं निकला.