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फिर से कुंवारेपन का अहसास कराया

दिसम्बर 29, 2021 by hamari

Salhaj Nandoi Sex Rishta

मैं अनामिका आपको अपनी रंगीन कहानी सूना रही हूँ. ये मेरी पहली कहानी है. मैं मेरठ की रहने वाली हूँ. जब मैं जवान हुई तो मेरी शादी घर वालों ने उन्नाव में एक घर में कर दी. मेरे पति पंकज बहुत ही अच्छे आदमी थे. शादी के बाद मेरे अच्छे दिन गुजरने लगे. Salhaj Nandoi Sex Rishta

ससुराल में मेरी २ नन्द थी. छोटी वाली का नाम विनीता था और बड़ी नन्द का नाम पल्लवी था. मेरी सास भी बहुत अच्छी थी कभी मुझसे झगडा नहीं करती थी. वही दूसरी तरफ मेरे ससुर भी बहुत अच्छे इंसान थे. तो इस तरह दोस्तों ससुराल में मेरा दिल खूब लगने लगा

जब शुरु शुरू में मैं शादी के बाद ससुराल आई थी तो मैं बहुत डर रही थी.मैं यही सोच रही थी की कहीं वो सब परिवार वाले बुरे न हों कहीं मुझको गलियां न मिल जाए. क्यूंकि दोस्तों मैं हर दिन अखबार में पढ़ती थी की उस लड़की को जला के मार दिया, उस लड़की को पंखे पर फासी दे दी. इसलिए दोस्तों मैं बहुत डर रही थी.

पर जब मैं एक बार ससुराल आई तो पता चला की मैं बेकार ही डर रही थी. ये लोग तो बड़े सीधे सरल स्वभाव के लोग थे बिलकुल जैसा मेरा परिवार था. मेरी शादी के ९ महीने बाद मुजको लड़का हुआ था तो मेरी बड़ी नन्द पल्लवी भी आई थी. साथ में उनके पति सूरज भी आये थे, मेरे लडके की बरही थी बहुत बड़ा आयोजन हुआ था इसमें सारा परिवार इकठ्ठा हुआ था नन्द और ननदोई भी आये थे.

मेरे ननदोई सूरज बड़े शर्मीले थे. आप तो जानते ही है की भाभियों का ननदोई से बड़ा प्यारा हसीं मजाक वाला रिश्ता होता है. आज पहली बार मैंने उनको ध्यान से देखा था. मेरे लडके की बरही वाले दिन ननदोई [सूरज] आये और एक कुर्सी पर चुप चाप बैठ गये बहुत शरमाते थे खासतौर पर भाभियों से.

सूरज गोरखपुर में पशु डॉक्टर थे मैंने जब उनको देखा तो भागके उनके लिए मैं कोल्ड्रिंक और स्नाक्स ले गयी. सूरज ने मुझसे नजर नहीं मिलायी हल्का सा मुस्काए और कोल्ड्रिंक ले ली. अरे ननदोई साहब जरा इधर भी नजर डालिए. अपनी सलहज से नहीं मिलेंगे? मैंने कामुक अंदाज में कहा. वो मेरी ओर पलते हल्का मुस्काए.

अरे आप तो लड़कियों जैसा शर्म खाते है! मैंने कहा.

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अब सूरज मेरी ओर देखने लगे. बड़ी मुश्किल से मैं उनकी शर्म दूर कर पायी. सूरज बहुत ही स्मार्ट थे बिलकुल सलमान खान लगते थे डॉक्टर थे पर जरा भी किसी तीज का घमंड नहीं था. अपने दम पर उन्होंने नौकरी पायी थी पढाई में होंनहार थे पशु चिकित्सा का कोर्स उन्होंने किया था.

अब गोरखपुर के सरकारी पशु अस्पताल में पशु डॉक्टर बन गए थे अपने ही दम पर उन्होंने एक बहुत सुन्दर बागला बना लिया था. मेरी नन्द पल्लवी तो अब बंगले वाली हो गयी थी. जबकी मेरे पति लेखपाल थे. दोस्तों, मेरा भी बागला बन गया था.

पर पल्लवी की शादी में मेरे पति को १० लाख खर्चा करना पड़ गया. अब थोड़ी नन्द विनीता की पढाई में मेरे पति ही पैसा खर्च कर रहे थे. ससुर छोटे मोटे वकील थे जो बस साग सब्जी भर का ही कमा पाते थे. पैसो को लेकर मेरा पति से झगडा ही हुआ था की वो क्यूँ अपना पैसा ननदों पर लुटाते है.

सूरज मुझसे अब खुल गए थे और खूब बाते कर रहे थे. उनको फिल्मों का बड़ा शौक था. मुझको बता रहे थे की उनको क्या क्या खाना पसंद है. जब दिल करता था वो कुछ बढ़िया खुद अपने हाथों से भी पकाते थे. ऐसे ही बातों बातों में मैंने उनका व्हाट्सअप का नंबर ले लिया. मैं उनको सुबह शाम गुलाब का एक फूल भेज देती थी. धीरे धीरे वो भी मुझको हसी मजाक के चुटकुले भेज देते थे. एक दिन मैं बड़ी मस्ती के मूड में थी.

तो बताइए! ननदोई जी! आप मेरी नन्द को कैसे लेते है? उनको क्या संतुष्ट कर पाते है?? मैंने व्हाट्सअप पर लिखकर पूछ लिया. कुछ देर तक तो उधर से कोई जवाब नहीं आया. मैंने सोची की सायद बुरा मान गए या सायद शर्म करने लगे. पर कुछ देर बाद उधर से जवाब आ गया. एक फोटो उन्होंने भेजी जिसमे चुदाई के ६ आसनों के बारे में फोटो बने थे. मैं तो बिलकुल से झेप गयी.

कोई आसान नहीं छोड़ता हूँ. सारे आसनों से बारी बारी चुदाई करता हूँ उन्होंने लिख के भेजा. दोस्तों मैं तो बिलकुल शर्मा गयी. कहाँ ननदोई जी को देखके लगता था की दुनिया में इनसे शरीफ कोई नहीं था. पर ये तो अंदर ही अंदर वात्सायन निकल थे चुदाई के बारे में इतना खुल के बात करते है, अद्भुत! बिलकुल अद्भुत! मैंने कहा.

सलहज और ननदोई का ये हसी मजाक उस दिन से चलना शुरू हो गया. नन्दोई को सेक्सी किताबे पढते का बड़ा शौक था, जबकि मेरी नन्द और उनकी बीवी पल्लवी तो निल बटे सन्नाटा थी. साहित्य में उसको कोई रुचि नही थी. जबकि इधर मुझको भी सेक्सी चुदाई की नोवेल्स पफ्हने में बड़ी रुचि थी.

अब नंदोई जी जब कोई सेक्सी चुदाई नोवेल ऑनलाइन खरीदते तो मेरे लिए भी एक कॉपी खरीद लेते. किताब डाक से मेरे पते पर आ जाती. इस तरह मेरी दिन पर दिन मेरी नंदोई से दोस्ती बढ़ने लगी. फिर कुछ महीनो बाद मेरी नन्द पल्लवी के बच्चा होने वाला था. मेरी छोटी नन्द विनीता के बच्चा होने वाला था इसलिए मुझको ननदोई जी के घर कम करने के लिए भेजा गया.

मैं दिन रात अपनी नन्द की सेवा करती थी. फिर जब बच्चा होने वाला था नन्द पल्लवी को होस्पितल में भर्ती कर दिया गया. मैं हॉस्पिटल में पल्लवी के पास ही हमेशा रहती थी. रात में ननदोई सूरज अपनी नौकरी से लौटते थे और पल्लवी का हाल चाल लेते थे. ऐसी ही एक शाम को मैं पल्लवी के पास अस्पताल में बैठी थी. ननदोई आ गए.

सलहज जी! चलिए कैंटीन में चल कर कर कुछ खा पी लिया जाए सूरज बोले मैं उनके साथ हो ली हम दोनों कैंटीन में चले गए वाहन कोई नहीं था सूरज ने चाय और समोशे का आर्डर दिया हम बात करने लगे सूरज मुझे अजीब नजरों ने देख रहे थे.

ननदोई जी! आप ऐसे मुझे क्यूँ देख रहे है?? मैंने हस्ते हुए पूछ लिया.

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सलहज जी!! पता नहीं क्यूँ मुझको बार बार ये लगता है की मेरी शादी आपसे या आप जैसी लड़की से होनी चाहिए. मुझमे और आपमें बहुत सी समानताये है. हम दोनों साहित्य समझते है, किताबे पढ़ने के सौकीन है. वहीँ पल्लवी तो बड़ी बोरिंग नेचर की लड़की है. कभी किसी टोपिक को डिसकस नही करती सूरज बोले. दोस्तों, पता नहीं क्या हुआ, मुझे भी कुछ ऐसा ही महसूस हुआ.

वाहन कैंटीन में जहाँ अँधेरा था हम दोनों उधर ही कुर्सियों पर बैठे से. सूरज ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया. मैंने भी नहीं हटाया. मुहाब्त के ये सिलसिला चल निकला. सूरज अब टेबल के निचे अँधेरे में मेरे पैर पर पैर लगाने लगे. मैंने भी कुछ नहीं कहा. उनकी हरकते बढने लगी. कैन्टीनवाला अभी तक हमारा चाय समोसा नहीं लाया था. मौका ताडकर सूरज से मेरे होंठों पर चुम्बन ले लिया.

अब आप लोगों को मैं क्या गोल गोल बताऊँ. साफ साफ बता देती हूँ की मैं अपने ननदोई सूरज से चुदवाना चाहती थी. अँधेरे में जब तक समोसा आया सूरज मेरे होंठों पर ५ ६ बार चुम्बन ले चुके थे. अब तो मैं भी ठरकी हो चुकी थी.

दोगी?? सूरज ने साफ साफ बिना किसी संकोच के पुच लिया. मैं तो हाय से गल सी गयी.

पर कहाँ?? मैंने नजरे उठाकर पूछा. सूरज मेरी आँखों में आँखे डालकर देखने लगे. मैं भी उनको ताड़ने लगी.

यही रुको, मैं एक सेकंड में आ रहा हूँ ननदोई बोले. वो कैन्टीन वाले के पास गए. उससे कुछ कान में कहा. उसने कहा की उसका स्टोर खाली है. उसमे आराम से चुदाई हो जाएगी. ननदोई ने उसके हाथ में एक १०० का नोट रखा. कैन्टीनवाले ने स्टोर रूम की चाभी दे दी.

मैं ननदोई के साथ स्टोर रूम में आ गयी. इसमें तो सब्जियां ही रखी थी. हमदोनो अंदर आ गए. ननदोई ने दरवाजा बंद कर लिया. वो मेरे बदन पर टूट पड़े. सलहज जी !! आप यकींन नहीं करोगी जब आपकी शादी में आपको पहली बार देखा था तब ही दिल कह रहा था आपको चोद लूँ. मैं आपको पाने के लिए कितना बेक़रार था ये आप नहीं जानती ननदोई बोले.

मैं कुछ नही बोली. बस हल्का मुस्का दी. उन्होंने मुझको सीने से लगा लिया. मेरे होंठों का वो चुम्बन लेने लगे. मैंने भी खुद को उनके हवाले कर दिया. मैं भी अपने लेखपाल पति का वही पुराना लंड खा खाके अघा गयी थी. जीवन में सब नवीनता खतम हो गयी थी.

अब ननदोई जी से चक्कर चलने के बाद यही प्रतीत हो रहा था की मैं फिर से एक कुंवारी लड़की बंन गयी हूँ. ननदोई जी ने एक झटका देकर मुझे अपनी ओर खीच लिया. मैं अब उनसे बिलकुल चिपक गयी. उनके हाथ मेरी छातियों पर दौड गए. एक नए पुरुष का साथ पाकर आज नवीनता का अहसास हुआ. वही रोज रोज का दाल चावल खा खाकर आदमी कितना बोर हो जाता है.

सूरज मेरे होठों के रस को पिए जा रहे थे. उनकी साँसों की भीनी भीनी महक मेरी रूह में समां गयी थी. मैंने खुद को सूरज को सौंप दिया. वही स्टोर रूम में एक पुराना गद्दा पड़ा था जो वो समोसेवाला रात में सोता था. नन्दोई मुझको वहां खिंच ले गये.

हम दोनों अब गद्दे पर लेट के रोमांस करने लगे. मैं भी उनको चूसने चाटने लगी. ननदोई पर चुदाई की ऐसी वासना सवार हुई ही मुझे हर जगह चूमने चाटने लगे. मेरी लाल रंग की कुर्ती उन्होंने निकाल दी. मैंने सफ़ेद रंग की कॉटन ब्रा पहन राखी थी. नन्दोई ने मुझको सीने से लगा लिया.

सलहज जी! आपके जैसे हसीन औरत मैं आज तक नहीं देखी. हमेशा मेरे टच में रहिएगा नन्दोई बोले. मेरे काले लम्बे बालों को उन्होंने एक ओर एडजस्ट किया. मेरी खुली पीठ को वो चूमने चाटने लगे. मेरी नंगी पीठ की मनभावन खुसबु उनके तन बदन में समा गयी. सूरज पागल से हो गए.

सलहज जी! आज मुझको अपने रूप का सारा रस पिलाइए वो बोले. मैं मुस्कुरा दी. उन्होंने मेरी पीठ पर २ ३ बार चूमा और फिर पीछे से मेरी ब्रा के हुक खोल दिए. मैं शर्मा गयी. कॉटन ब्रा उन्होंने एक ओर रख दी. मुझको अपनी ओर घुमाया और सीधे मेरे स्तन को मुह में ले लिया.

आह! मेरे मुह से निकल गया. अभी तक तो मेरे हसबैंड पंकज ही मेरे स्तन पीते आ रहे थे. पर आज जिंदगी में कोई दूसर मर्द मेरा स्तन पान कर रहा था. नन्दोई जी ने अब मुझको गद्दे पर पूरा सीधा लिटा दिया. वो मेरे उपर आ गए. बारी बारी से अदल बदल के मेरे स्तन पीने लगे. मेरी चूत गीली होने लगी.

आपको बता दूँ की एक बच्चा होने के बाद भी मेरा स्तन अभी भी कसे और सुडोल थे. नन्दोई जी ललचाई नजरों ने मेरे दोनों स्तन पी रहे थे. मुझको स्वर्ग का मजा मिल रहा था. अब नन्दोई जी ने मेरी सलवार खोल कर निकाल दी. मेरी सफ़ेद कॉटन पैनटी भी उन्होंने निकाल दी.

मैं जादातर कॉटन पैनटी ही पहनती थी, क्यूंकि मेरी चूत और आस पास की जगह पर कई बार पसीना आ जाता था. इसलिए पैंटी पहनने से बड़ा आराम रहता था. पसीना सूख जाता था. नन्दोई अब मेरी बुर पीने लगे. मस्त बड़ी थी गुद्दीदार बुर थी मेरी. नन्दोई पीने लगे. अभी तक एक बच्चा होने के कारन मेरी बुर अभी भी सही सलामत थी. जादा बदसूरत नहीं थी.

नन्दोई मजे से पीने लगे. फिर लंड लगाकर मुझको चोदने लगा. मेरी चूत में उनका लंड बिलकुल फिट बैठ गया. मैंने अपने दोनों पैर उपर हवा में उठा लिए. नन्दोई मेरे ऊपर लेटकर मुझको चोदने लगे. मैंने आँखे बंद कर ली थी.

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क्यूंकि हमारा ये मशीन और लंड का रिश्ता एक नाजायज रिश्ता था. इसलिए मैंने उसने आँख नही मिलायी. सलहज जी! आँख खोलो, आँख खोलो! वो बार बार कहते रहे पर मैंने चुदवाते समय उनसे नजर नहीं मिलायी. वरना मुझको उसने प्यार हो जाता और सायद मैं उनके साथ हमेशा के लिए बैठ जाती. इसलिए दोस्तों, मैं उनसे चुदवाती रही पर नजरें नहीं मिलायी. मेरी बुर पर मेरी हल्की हल्की झांटे थी. नन्दोई मुझको पटा पट पेले जा रहे थे. वो मुझको चोदते चोदते मेरे दूध भी पी रहे थे. मेरी होंठ भी पी रहे थे.

उनका मोटा लंड मेरी बुर में बिलकुल फिट हो गया था. कमर मटका मटका कर वो मुझको चोद रहे थे. कुछ देर बाद वो पसीना पसीना होकर मेरी चूत में ही झड गए. उनके बाद कुछ देर तक हम दोनों नंगे नंगे ही एक दूसरे के बदन में लिपटे रहे. सलहज जी! अब ये सिलसिला पर रोकना! नन्दोई बोले. मैंने कोई साफ जवाब नहीं दिया. मैं बस हल्का सा हस दी. फिर कपड़े पर कर मैं उनके साथ निचे आ गयी. २ दिन बाद मेरी नन्द पल्लवी को एक लड़की हुई. तबसे दोस्तों मैं ९ १० बार चुपके ने अपने नन्दोई से चुदवा चुकी हूँ.

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Filed Under: Jija Sali Sex Story Tagged With: Blowjob, Boobs Suck, Family Sex, Hindi Porn Story, Kamukata, Mastaram Ki Kahani, Sexy Figure

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  1. Sahil Kumar says

    दिसम्बर 29, 2021 at 12:14 अपराह्न

    Hey grils bhabhi jo Mera sath enjoy Karna chati h to muje what’s app kre 7590091474

  2. Rohit says

    दिसम्बर 29, 2021 at 8:50 अपराह्न

    Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058939556

  3. Raj says

    दिसम्बर 30, 2021 at 1:18 पूर्वाह्न

    Wah aap bahut sexyyy ho

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