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सलहज के साथ संभोग का सम्पूर्ण सुख

सितम्बर 8, 2025 by hamari

Jija Salhaj Chudai Story

ये कुछ टाइम पहले की बात है जब मैं दिल्ली ऑफिस के ट्रेनिंग प्रोग्राम से दो दिन के लिए गया था. अब दिल्ली में मेरी ससुराल भी है तो सीमा ने कहा की ऑफिस के गेस्ट हाउस की बजाय एक रात के लिए वही चले जाना नहीं तो मम्मी पापा (मेरे सास ससुर) नाराज़ होंगे, मैं एक दिन के लिए आकर क्या करुँगी. Jija Salhaj Chudai Story

मेरी ट्रेनिंग फ्राइडे सटफ्डे को थी तो मैंने फ्राइडे आफ्टरनून में सुसुराल में फ़ोन करके बता दिया था की मैं शाम को आऊंगा. मेरी ट्रेनिंग करीब शाम 5 बजे तक चली उसके बाद मेंने स्वीट शॉप से कुछ स्वीट्स ली और फिर फ्रूट वाले से कुछ फ्रूट्स परचेज किये. उसके बाद मैंने ऑटो किराये पर लिया और सुसराल के लिए चल पड़ा.

जब मैं ससुराल में पहुंचा तो वह सास ससुर और मेरी छोटी सलहज (वाइफ की छोटी भाभी) दिव्या ही घर पर थे. छोटे भैया बड़े भैया और भावना भाभी(बड़ी सलहज) सभी छुट्टी की वजह से बाहर गए थे. बाद में पता चला की छोटे भैया ऑफिस के काम से हैदराबाद गए हैं और बड़े भैया भावना भाभी को लेकर अपनी ससुराल गए हैं.

घर पर सास ससुरजी और दिव्या भाभी (मेरी छोटी सलहज) इंतज़ार कर रहे थे मेरे पहुँचने पर उनको बड़ी तसल्ली हुयी. मैं थोड़ा असहज तो था क्योंकि मैं भावना भाभी के साथ सहज था. जैसा की मैंने अपनी लास्ट स्टोरी में बताया था की कैसे मैंने सीमा की एब्सेंस में बड़ी सलहज (भावना) की चुदाई की थी.

आज एक और मौका मिल सकता था सलहज की चुदाई का पर वह अपने हब्बी के साथ चली गयी थी. दोस्तों अब मैं दिव्या भाभी (छोटी सलहज) के बारे में बताता हूँ. दिव्या अबाउट 27-28 इयर्स की मीडियम हाइट स्लिम बिल्ट गोरी और बड़ी चुलबुली लेडी है. उसे देखकर और उसकी एक्टिविटी से हर कोई उसकी तरफ अट्रेक्ट हुए बगैर नहीं रह सकता.

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उसकी चाल भी बड़ी मस्त है और वह बड़ी तेज़ चूतड़ मटकते हुए चलती है और उसकी आईज बड़ी सेक्सी है और ऐसा लगता जैसे तुमको अपने साथ चलने को बुला रही हैं. मैं तो शादी के बाद से ही दिव्या भाभी को देखकर उनको वाच करता रहता था. उसकी पतली गोरी टांगें उसके ट्रांसपेरेंट चूड़ीदार सलवार में से मैंने देखी थी. और उसके बूब्स छोटे छोटे हैं और निप्पल उसके पतले ब्लाउज से साफ देखा है.

दिव्या का एक 3-4 साल का किड भी है जो दादा दादी के साथ सोता है. मेरे घर पर पहुँचाने के बाद मैं सास ससुर से बातें करने लगा और दिव्या भाभी हमारे लिए टी सर्व करने आयी. दिव्या भाभी ने सीमा के बारे में और घर के हाल पूछे और फिर वह खाना बनाने किचन में चली गयी. मैं फिर से सास ससुर से बातें करने लगा और सभी ड्राइंग रूम में टीवी पर क्रिकेट मैच देखने लगे.

अबाउट शाम 7 बजे अराउंड हमने डिनर लिया और डिनर कम्पलीट कर सास ससुर अपने कमरे में सोने चले गए. मेरे सोने का इंतज़ाम गेस्ट रूम में था जो की छोटी भाभी के बीएड रूम के सामने था. सास ससुर का बेड रूम दूसरी साइड था. दिव्या भाभी ने मुझे बताया की मेरे रूम में भी टीवी है और मैं चाहुँ तो टीवी अपने रूम में देख सकता हूँ.

फिर उन्होंने पूछा की किसी चीज़ की जरुरत हो तो उसे बता देना. मैंने कहा सब ठीक है आपका रूम सामने है मैं नॉक करके बता दूंगा. मैं अपने रूम में आकर बेड पर बैठ कर टीवी देखने लगा और मैंने डोर ओपन रखा था. दिव्या भाभी अपने रूम में गयी और कपडे चेंज करके बाहर आयी. मैंने देखा तो उन्होंने अब साड़ी ब्लाउज के बजाय ट्रांसपेरेंट सा गाउन पहन रखा था.

और ट्यूब लाइट की रौशनी में उनकी टांगें मुझे साफ दिख रही थी. मैंने अब डोर बंद कर लिया और दिव्या को देखकर मुझे कुछ एक्साईटमेंट सी होने लगी. फिर मुझे अचानक कुछ ध्यान आया और मैंने अपना बैग खोला और उसमे एक मूवी निकाली. मैंने जो मूवी निकाली थी वह अनारा गुप्ता वाली थी और मेरे को एक दोस्त ने दी थी.

मैं उसे सीमा के साथ देखना चाह रहा था पर जल्दीबाज़ी में वह मेरे बैग ही में रह गयी थी. मैंने मूवी तो टीवी में डालकर प्ले कर दिया और मज़े से अनारा की चुदाई देखने लगा. फ्रेंड्स यहां मेरे से एक बड़ी खूबसूरत गलती हो गयी की मैं डोर अंदर से लॉक करना भूल गया. मैं बड़े मज़े से बेखबर होकर टीवी पर चुदाई की मूवी का मज़्ज़ा ले रहा था.

जब मूवी करीब आधी हो गयी तो मैं उसे देखने में इतना मस्त हो गया की मैंने अपना पाजामे का नाड़ा खोलकर अपना लंड अपने हाथ में ले लिया और टीवी में अनारा के सामने हिलाने लगा. मैं फिल्म की मस्ती में था और मुझे ये पता ही नहीं चला की दिव्या कब कमरे के अंदर आ गयी थी और मेरे पीछे खड़ी होकर टीवी देख रही थी.

अचानक उसने हलके खांसने की आवाज की मुझे ऐसा लगा की जैसे टीवी से आवाज आयी हो पर उस मूवी में साउंड तो थी नहीं इसलिए मैंने पीछे देखा तो मेरा पूरा बॉडी सुन्न हो गया बिकॉज़ दिव्या भाभी पीछे खड़ी थी. मैं जैसे ही मुड़ा मुझे ध्यान ही नहीं रहा की मैं आगे से नंगा हूँ और मेरे पयजामा फ्लोर पैर आ गया.

दिव्या भाभी भी मेरी इस हालत से एकदम सन्ना हो गयी और वह भी कुछ नहीं बोल पायी. फिर मैंने अपना अंडरवियर ऊपर करके अपना पायजामा का नाड़ा बांधा और सकपका कर दिव्या से बोला भाभी आप यहां कैसे. अब तक दिव्या भाभी भी थोड़ा नार्मल हो चुकी थी और वह बोली तो जनाब राज जी ससुराल में ये क्या हरकत हो रही है? सास ससुर को बुलाऊँ या सीमा को फ़ोन करूँ.

लेकिन भाभी ने ये बात बड़े स्टाइल से कही जिससे मेरी घबराहट थोड़ा दूर हो गयी. दिव्या ने वही गाउन पेटीकोट और ऊपर ब्रा पहन रखा था. उसका देखकर अब मेरे को कण्ट्रोल मुश्किल हो रहा था क्योंकि फिल्म देखकर में पहले ही एकसाइटेड था और अंदर से शायद दिव्या भी फिल्म देखकर गरम हो रही थी.

मैंने बड़ी हिम्मत करके कहा की इसकी क्या जरुरत है गलती तो मुझसे हुयी है आप मुझको सजा दें और मैंने उनका हाथ पकड़ लिया. दिव्या सकपका गयी और हाथ छुड़ाने लगी तो मैंने उनको और जोर से पकड़ लिया और बोली छोड़ो ये सब बाद में पूरी फिल्म तो देख लो और मेरे इतना कहने पर पता नहीं क्यों दिव्या मुस्कारने लगी और थोड़ा झूठा गुस्सा दिखाते हुए अपना हाथ छुड़ाने लगी.

मैंने दिव्या को जोर से पकड़ लिया और डोर अंदर से लॉक करके दिव्या को अपने साथ ले आया और उसको पकड़ कर अपनी गोद में बिठा लिया. दिव्या अपने को छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर मैंने उसको ऐसे जकड़ लिया की वह कुछ नहीं कर पायी. वह उस समय मुझको एकदम माल लग रही थी और मैं उसको फिल्म की अनारा समझ कर दबाने के चक्कर में था.

दिव्या थोड़ा शरमाते हुए फिल्म को देखने लगी और मैं उसको एक हाथ से गोद में दाबकर दूसरे हाथ से उसकी जांघ पर रब करने लगा. पहले तो वह मना कर रही थी पर जब मैंने अपने हाथों से उसे बड़े डेलिकटेली रब किया तो उसको मज़्ज़ा आने लगा और आफ्टर 10 मिनट्स वह फिल्म एन्जॉय करने लगी.

अब तो वह मेरी गोद में कैजुअली बैठ गयी और मैं भी उसको उसके कपड़ों के बाहर से ही रब और दबाने लगा और कभी कभी उसके चूतड़ और जांघ पर मसाज भी कर देता था. दिव्या भी मेरे साथ फिल्म का पूरा मज़्ज़ा ले रही थी. बीच में 2-3 बार मैंने दिव्या की पप्पी भी ली तो उसने भी जबाब में मुझको पप्पी दी.

जहाँ टीवी पर अनारा नंगी होकर चुदवा रही थी वहां मैंने दिव्या को गोद में लेकर चुम्मा चाटी और दबान कर रहा था. पर अभी तक मैंने दिव्या को नंगा करना शुरु नहीं किया था और दिव्या भी कोई जल्दबाज़ी नहीं दिखा रही थी. थोड़ी देर में फिल्म ख़त्म हो गयी तो मैं और दिव्या एक दूसरे की बाँहों में थे पर अभी तक हमें कोई खास बातचीत नही हुई थी. जब फिल्म खत्म हुयी तो मैंने दिव्या से पूछा टीवी ऑफ कर दूँ.

तो वह बोली हाँ मैं सोने जा रही हूँ. मैंने कहा भाभी प्लीज टीवी की फिल्म तो फिनिश हो गयी पर हमारी कहानी का एपिसोड तो बाकी है. अब अकेले ना तो तुम सो पाओगी ना मैं, इतनी बढ़िया फिल्म देखी है तो हम भी तो शूटिंग पूरी कर लें, मेरी बीवी भी यहां नहीं है और आपके हस्बैंड भी यहां नहीं हैं इसलिए इस रात को रंगों से भर दें और आज की रात ऐसी रंगीन बनाएं की इसके रंग हमारी लाइफ में एक यादगार बन जाये.

दिव्या कुछ नहीं बोली और जाने लगी पर मैंने दिव्या को टाइट पकड़ लिया और उसके लिप्स पर अपने लिप्स रखकर एक जोरदार पप्पी ली तो दिव्या की डिजायर भी भड़क उठी और उसने भी मेरे पप्पी का जबाब मेरे लिप्स पर दिया और दोनों ने एक दूसरे के लिप्स को जकड़ लिया. अब मैंने दिव्या को उठाया और बेड पर पटक दिया और मैं और दिव्या भाभी साइड बाई साइड लेट गए.

मैंने दिव्या के गाउन का पीछे से ज़िप खोल दिया और उसको उनके सोल्डर से नीचे कर दिया तो दिव्या भाभी के पतले चिकने गोरे सोल्डर नंगे हो गए. मैंने दिव्या के नैक और सोल्डर वाले एरिया पर रब और चूमना शुरु कर दिया दिव्या कुछ नहीं बोली वह मज़्ज़ा तो ले रही थी पर इतनी एक्साईटेड नहीं थी की कोई जबाब दे सके.

मैंने और हिम्मत कर उनका गाउन और नीचे करके उनके नैक और क्लीवेज पर किस करने लगा और अप्पर बैक पर अपने हाथ से मसाज करने लगा. अब दिव्या को कुछ गर्मी चढ़ने लगी थी और उसकी सांसें तेज़ होने लगी थी पर मेरे लिए दिल्ली अभी दूर थी चाहे मैं दिल्ली में ही था. मैंने दिव्या के गाउन के बाहर से ही उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा तो उसके चिकने चूतड़ और बीच में गांड वाली वैली में फील कर रहा था.

उसकी चीकनी चूतड़ और जांघ में गाउन के पतले कपडे के अंदर से ही फील कर सकता था. मैंने दिव्या को दोनों बाँहों से जकड लिया तो वह झूठा गुस्सा दिखाने लगी और अपने को छुड़ाने लगी पर मेरी मजबूत पकड़ से बच नहीं पायी. जब मेरी पकड़ मजबूत हो गयी तो में जैसे ही उसकी पप्पी लेनी चाही तो उसने मेरे होंठों पर खुद ही अपने लिप्स रख दिए.

मैंने उसके होंठों को चूमने लगा. दिव्या ने मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रखकर अपनी टंग मेरे मुँह के अंदर डाल दी और अपनी टंग से मेरी टंग को मुँह चूमने लगी. मुझे बड़ा मज़्ज़ा आया ऐसा मज़ेदार चुम्मे की उम्मीद मुझे दिव्या से उस समय नहीं थी. जब मुझे लगा की अब वह मस्त हो चुकी है तो मैंने अपने हाथों का कमाल दिखाने की सोची और उसको थोड़ा ढीला कर उसकी वैस्ट और बैक पर रब करने लगा.

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दिव्या तो मेरा किस लेने में ही मस्त हो गयी और बड़े जोर से अपनी टंग से मुझे और एक्साइट करने लगी मुझे लगा की ऐसे रसीले उसके लिप्स के लिए मेरे लिप्स पता नहीं कब से तरस रहे थे. मैं दिव्या की गाउन के अंदर बैक पर हाथ फेर रहा था तो मैंने उसकी गाउन को बैक से बिकुल नीचे कर दिया.

अब दिव्या की काली ब्रा उसके चूचूं को जकड़े मुझे और एक्साइट करने लगी. दिव्या की काली ब्रा उसने गोरे बूब्स के ऊपर ऐसे लग रही थी जैसे चांदनी रात में चाँद के ऊपर कोई काली बदली आ गयी हो. मैं दिव्या के गुलाबी गोरे रंग को देखकर एकदम पागल हो गया और मुझे काली ब्रा एक ऑब्स्टैले की तरह लगने लगी.

मैं उसकी गोरी बैक पर रब और उसके आर्मपिट और क्लीवेज पर किसिंग करने लगा. तभी दिव्या के ब्रा की हुक मेरे हाथ में आ गया और मैंने थोड़ी कोशिश करके उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. अब दिव्या बैक से एकदम नंगी हो गयी थी और मैं आराम से उसकी स्मूथ बैक पर रब करने लगा और दिव्या अपनी टंग से मुझे अपनी एक्साईटमेंट का इज़हार कर रही थी.

अब जैसे ही दिव्या ने अपने लिप्स हटाए मेने अपने लिप्स से उसकी नैक और अराउंड एरिया पर किसिंग और लिप्स से लीक करने लगा. दिव्या तो बहुत पहले से एक्साईटेड थी और मुझे भी एक्साईट कर रही थी पर अब जब दोनों एक्साईटेड थे तो दोनों एक दूसरे से कॉम्प्लीमेंट करने लगे. मैं उसकी बॉडी को एक्साइट करके उसे पूरी तरह गरम कर देना चाहता था और अभी अपने लंड को कोई टेंशन नहीं देना चाहता था.

इसलिये मैंने दिव्या की बॉडी को और एक्साइट करने की कोशिश कर रहा था जिससे उसका ध्यान मेरे लंड पर न जाये. मैंने जैसे ही दिव्या नैक पर फ्रंट से किश किया तो उसकी ब्रा जो पीछे से खुली हुयी थी वह आगे सभी ढीली हो गयी तो मैंने ब्रा को दोनों दांतों से खींचकर दिव्या की बॉडी से अलग कर दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

अब मेरे होंठ और हाथ दिव्या के बूब्स का रस चूसने और उनको दबने के लिए मचलने लगे. मैं दिव्या की क्लीवेज पर एक जबरदस्त डीप किश लिया और वह केवल चीखने और मस्ती में आह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह के अलावा कुछ न कर सकी. बिकॉज़ वो ऐसी पोजीशन में थी की वह अपने लिप्स से कुछ नहीं कर सकती थी.

मैंने मज़ा करने के लिए उसके क्लीवेज और नैक के अराउंड किसिंग और चाटना शुरु कर दिया. उसकी चिकनी स्मूथ बॉडी पर मेरी जुबान और लिप्स ऐसे फिसल रहे थे जैसे मैं आइस पर स्कीइंग कर रहा था. दिव्या ने मुझे जोर से जकड़ लिया और बोली राजू प्लीज स्लोली आराम से आई ऍम फीलिंग पैन. मैंने कहाँ भाभी जान नो पैन नो गेन अगर मज़ा लेना है तो दर्द तो सहना ही होगा.

वह बोली इसका मतलब तुम मेरे शरीर को तोड़ मरोड़ कर मेरा कचूमर बना देना चाहते हो, अरे जालिम कुछ तो रहम करो इस नाजुक सी औरत पर ये कोई निम्बू थोड़े हैं की अपने होंठों से स्क्वीज़ कर दो. मैं तो दिव्या के बॉडी का पूरा रस निचोड़ कर उसे एकदम मस्त कर के अपनी प्यास बुझा देना चाहता था.

मुझे अब मज़्ज़ा आने लगा था और अब मैं दिव्या और अपने रिश्ते के बारे में भूल कर उसकी बॉडी से खेलने लगा. मुझे लगता है की यह कुछ उस गरमा गरम फिल्म का असर भी था और दिव्या का फिगर भी अनारा के फिगर और कॉम्प्लेक्शन से मिलता था. अब मैंने दिव्या की बैक पर किस करना और चाटना शुरु कर दिया.

और अपने एक हाथ से दिव्या को कमर से ठाम लिया और दूसरे हाथ से दिव्या के बूब्स पर रब करने लगा तो कभी मुझे किस करने लगी. मुझे दिव्या भाभी के चूचे दबाने में बड़ा मज़्ज़ा आ रहा था बड़े टाइट और चिकने चूचे थे उसके. मैंने जब उनकी ब्रा निकाली थी तो ब्रा का साइज देखा था शायद 34B था.

इस बार मैंने दिव्या को दोनों टांगों के बीच कमर से दबोच लिया और दोनों हाथों से उसके बूब्स दबने लगा, इसमे मुझको बड़ा मज़्ज़ा आ रहा था. दिव्या को अब यह बात समझ में आ गयी थी की वह अनारा है तो मैं भी अनाड़ी नहीं हूँ और उसको पूरा मज़्ज़ा दूंगा और उसकी बॉडी के एक एक पार्ट मसल कर ही उसकी चुदाई करूँगा.

वह चुदाई में एक्सपर्ट खिलाडी थी पर मैं भी हार मानने वाला नहीं था और उसको उसकी मस्ती के मुकाम पर पहुंचा कर ही उसकी चुदाई करने वाला था. और अब तक मैंने उसको चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया था और वह भी मेरे हर एक्शन का पूरा मज़्ज़ा ले रही थी. अब मैंने उसके बूब्स को और मसलना शुरु कर दिया.

और मैं उसको जतला देना चाहता था की वह 27 की एक्सपेरिएंस्ड है तो में चाहे 29 बार चुदाई किया हूँ पर उसका 1 मिनट में सूप बना कर पी सकता हूँ. पर मैं कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था रात पूरी अपने साथ थी. मैं सीमा को तो करीब रोज़ जब चाहे चोद सकता था पर इस मस्त कुतिया की सवारी का मौका शायद दुबारा मिले ना मिले. इसलिए इसके एक एक अंग पर अपने प्यार के निशान छोड़ देना चाहता था.

मैं दिव्या की ऐसी चुदाई करना चाहता था की वह जब भी मुझे देखे तो उसकी पेंटी गीली हो जाये और उसकी चूत की खुजली से उसे पेंटी पहनना मुश्किल हो जाये. अब मैंने दिव्या को कमर से पकड़ लिया और उसके लिप्स पर किस करके अपने लिप्स से उसके लिप्स को पकड़ लिया जब वह जबाब में साथ देने लगी तो मैं उसे दूसरे हाथ थोड़ा नीचे से पकड़ कर बेड पर पटक दिया.

और जब तक वह कुछ करती मैं उसके ऊपर सवार हो गया और उसके दोनों हाथों को अपार्ट करके दबा दिया. फिर मैं उसके ऊपर पूरी तरह से छा सा गया मैं चाहे थोड़ा दुबला पतला हूँ पर वह भी दुबली पतली ही है और मेरी पकड़ से बाहर नहीं हो पायी. जब मैंने उसको पूरी तरह से कवर कर लिया.

तो मैं अपने पैरों से उसके पैरों को अपने सीने से उसके बूब्स और अपने लिप्स से उसके लिप्स पर मसलना चाटना और रब करना शुरु कर दिया. मेरे इस एक्शन से दिव्या को भी मज़्ज़ा आने लगा तो वह भी अपने पैरों से मेरे पैरों पर और लिप्स से मेरे लिप्स और नैक पर अपने लव का रिप्लाई देने लगी.

दिव्या ने अब अपने हाथ छुड़ा लिए और मुझे बैक से जकड लिया और मेरे हर एक्शन का पूरी मस्ती से जबाब देने लगी और मस्ती में मोन भी कर रही थी. वह मुझे मेरा नाम से कॉल करके आह्हः करे राजू भैया प्लीज़ और जोर से वाओ यू आर गगरीआउटटट माज़जज़्ज़ा आआ गया.

मैंने अपनी दूसरे हाथ से दिव्या के बूब्स दबाने शुरु कर दिए तो उसको थोड़ा मज़्ज़ा आने लगा पर वह जबरदस्ती नाटक करती रही. मैं भी उसके बूब्स की मसाज जारी रखा तो अब वह थोड़ा थोड़ा मस्ती में आने लगी पर वह अभी भी मुझे रोकने की कोशिश करती रही. दिव्या जितना मना करती मैं और जोर से उसके चूचे दबाता और नीचे से भी उसकी गांड और चूतड़ की गहराई पर अपने लंड को पायजामी के अंदर से ही रगड़ता जाता.

दिव्या बोली अरे राजू भैया ये क्या कररर रहीईई हो है दैय्यया मार ही डालोगे क्या. मैंने कहा नहीं सलहज जी मुझे बेघर होना है क्या. इसके बाद मैंने दिव्या के पैरों को दबाकर एक हाथ उसकी दोनों टांगो के बिच अंदर डाल कर उसकी जांघो तक हाथ पहुंचा दिया और उसकी दोनों जांघों पर गुदगुदी करने लगा.

मेरे इस एक्शन से वह हड़बड़ा गयी और उसने अपनी दोनों टांगें फैला दी. मैं उसकी दोनों टांगों के गैप में बैठ गया और उसका पेटीकोट एक दम ऊपर कर दिया. अब मेरा लंड बेकाबू होने लगा था तो मुझे एक आईडिया आया की दिव्या की तो चूतड़ भी बड़ी टाइट हैं क्यों ना दिव्या की गांड मारी जाये जिससे टाइम भी काट जायेगा.

और फिर साली जब भी वह मेरे पास से गुजरती थी तो अपनी चूतड़ चूड़ीदार सलवार में ज्यादा ही मटकाती थी मैं साइड से उसके चूतड़ के टाइट पट देखकर तरसता रहता था. मैं एक एक कर अपने पायजामे को खोल कर अपनी अंडरवियर भी उतार दी और फिर बनियान उतार कर एकदम नंगा हो गया पर इस दौरान में दिव्या पूरी तरह से अपने नीचे दबा के रखा.

उसकी चिकनी और मुलायम मक्खनी स्किन को दबाने में तो बड़ा मज़्ज़ा आ रहा था. लेकिन मैं दिव्या को भी पूरा नंगा कर लेना चाहता था जिससे साली शर्मा जाये और मुझे उससे छेड़ने और दबाने में और मज़्ज़ा आये मैंने एक हाथ से उसके गाउन को नीचे से उसकी पेंटी के पास तक ले आया. ममममममम आआह्ह्ह उसकी गोरी जांघें क्या मस्त थी ऐसी शानदार जांघे की बस मज़्ज़ा आ गया.

फिर मैंने उसके गाउन को दोनों हाथों से ऊपर खींच और उसके सोल्डर से होते हुए सर की तरफ निकल कर बेड पर फेंक दिया. फिर मैंने दिव्या के कमर तक के हिस्से को जोर से दबाया अब साली के बदन पर केवल काले रंग की पेंटी थी और वह उसके रसीले गुलाबी गोरे जिस्म पर एक धब्बे जैसी बुरी लग रही थी.

दिव्या अपने पेट के बल लेट कर अपने बूब्स को शर्म से छुपा रही थी या पता नहीं साली नाटक रही थी. फिर मैं दिव्या को उसके दोनों हाथो से और अपनी बॉडी से दबा रखा था और कोई मौका ना देकर उसके चूचे दबा लिए और उसकी गांड की वैली से उसकी पैंटी को खीचकर नीचे कर दिया जिससे दिव्या की गांड एकदम नंगी हो गयी.

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और उसके हिप्स (चूतड़) एक दम रेट के दो टीले जैसे या दो छोटी छोटी पहाड़ियों जैसे दिखाई दे रहे थे. और उनके बीच में उसकी गांड वाली वैली लाइन ऐसे लग रही थी जैसे पहाड़ी के बीच कोई नदी बह रही हो. मैं दिव्या भाभी के चूतड़ की वैली पर एकदम अपना लंड रखकर पहले बाहर से ही रगड़ मारना शुरु किया.

दिव्या बोल रही राजू भैया ये क्या कर रहे हो दर्द होता है तुम तो एकदम बेशरम हो मुझे शर्म आती है. मैंने कहा सलहज़ जी तुमको शर्म आती हमें प्यार आता है और हमारा प्यार मर्दों वाला है इसमें कुछ दर्द तो होगा ही. दिव्या बोली राजू भैया तुम मुझे ऐसी मत समझना एक इज़्ज़तदार औरत हूँ और तुम ही एक मर्द हो जो यहां तक पहुँच गए. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

अभी तक तो मेरे हब्बी ने भी यहां तक पहुँचाने की कोशिश नहीं की. मैंने कहा अरे भैया को तुम्हारी क़द्र कहाँ उनके लिए तो घर की मुर्गी दाल बराबर वाली बात लगती है. या फिर वह नहीं जानते की एक हॉर्नी जवान खूसूरत वाइफ की देखभाल कैसे की जाती है. और जहाँ तक बात है आने की तो भाभी तुम खुद यहां तक आयी हो और मैं भी कोई लड़कीबाज नहीं हूँ.

वह तो मुझे फिल्म ने और तुम्हारे सेक्सी जिस्म ने इतना एक्साइट किया की तुम्हारी ये हालत हो गयी. वैसे सीमा के साथ एक बार और मैंने गांड मस्ती की थी नहीं तो मुझे भी एस्स फकिंग का बहुत ऍक्स्पेरिएंस नहीं है. अरे अब घबराती क्यों हो अब जब नंगी हो गयी हो.

तो फर्क कैसा तुम एक औरत हो और मैं एक मर्द मैं तुम्हारे लिए प्यासा और तुम मेरे लिए. जब एक औरत और मर्द नंगे हों तो टाइम वैस्ट नहीं करना चाहिए और एक दूसरे को प्यार करना चाहिए. वैसे भी हर औरत इस टाइम रंडी बनी होती है चाहे वह अपने हब्बी के साथ हो या आउटसाइडर के साथ.

दिव्या बोली राजू भैया तुम कुछ टाइम पहले जब आये थे तो मुझसे नज़र मिलते तुम्हारी खुद फट रही थी और अब मेरी फाड़ने की बातें और बड़े सेक्स स्पेशलिस्ट बन रहे हो. मैंने कहा तुम भी तो बड़ी सती सावित्री बनी फिर रही थी और अभी पूरा मज़ा ले रही हो. इस तरह बातें करते हुए मैंने दिव्या की गांड के छेद का निशाना लेते हुए अपना लंड पूरी ताकत से उसकी गांड में थोक दिया.

पर साली की गांड थी बड़ी टाइट मेरे पूरी ताक़त से ठोकने के बाद भी मेरे लंड का टॉप ही उसकी गांड में घुस पाया. दिव्या इतनी ज़ोर से चीखी ऊऊऊऊह्ह्ह्ह मेरररररररीईईईईईई माआन म्मम्माआररर डडालललललाआ राजजूउ भाहहहययययया. दिव्या की इस चीख से मुझे लगा की कही ससुर जी जाग न जाएं और फिर दिव्या का बेबी भी सास के पास ही था पर कमरे के अंदर से फिर कोई आवाज नहीं आयी.

हमारी बातों के बीच में ही मैंने अपने लंड को बिना हिलाये डुलाये दिव्या का ध्यान टालने के लिए उसके बैक और आर्मपिट्स पर किस करना और चाटना शुरू कर दिया और उसका ध्यान उसकी गांड से हटाने की कोशिश करने लगा इससे मुझे और दिव्या दोनों को अपना दर्द भुलाने में मदद मिली. जब दिव्या की मस्ती बढ़ने लगी तो मैंने दोबारा उसकी गांड के दोनों साइड के चूतड़ को अपने दोनों हाथों से फैलाया.

और जैसे ही दिव्या ने मस्ती में अपनी गांड ऊपर को उछाली मैंने एक जोर का धक्का लगाया और मेरे लंड उसकी फ्रेश गांड के छेद में पूरा समां गया. मेरा लंड अब उसकी गांड की गहराई में पूरा समाया हुआ था लेकिन दिव्या को अभी उसका अहसास नहीं करना चाहता था. दिव्या पेट के बल चित लेती हुयी थी और उसने अपने बूब्स बेड पर से ऊपर उठाये हुए थे.

पर वह इतने ऊपर नहीं थे की मैं उनको मसल सकू और चूस सकूँ. मैंने धीरे धीरे एक हाथ से उसके बूब्स पर भी प्रेस करना शुरू कर दिया और पूरी स्पीड से उसकी बैक नैक आर्मपिट और उसके बूब्स की जड़ पर भी होठों और लिप्स से चुम्मा ले लेता था. मैंने उसकी बॉडी के ऊपर के पुरे हिस्से पर अपनी जीभ लिप्स और कभी कभी ज्यादा मस्ती के लिए हल्का सा दांतों से काट भी लेता था.

और उसको फुल मस्त करने की पूरी कोशिश कर रहा था. धीरे धीरे जब दिव्या अपनी गांड की तरफ से केयरलेस हो गयी तो मैंने धीरे उसकी गांड पर अपने लंड कर जोर भी मारना शुरू कर दिया. मैंने अपने लंड की स्पीड थोड़ी और बढ़ा दी पर उसकी गांड बहुत छोटी थी मतलब फ्रेश थी ना तो मेरा मध्यम साइज का लंड भी उसमे आसानी से नहीं फिसल पा रहा था.

पर फिर भी थोड़ा कोशिश के बाद मेरा लंड उसकी गांड में आगे पीछे आसानी से होने लगा. अब दिव्या गांड के दर्द को भूलकर एस्स फ़क को एन्जॉय करने लगी. धीरे धीरे वो गांड मस्ती में भी मस्त गयी तो वह मस्ती में अपने पैर पटक कर और अपने चूचे उठाकर मुझे अपने बूब्स दबवाने और गांड ठोकने के लिए और एक्साइट कर रही थी.

फ्रेंड्स मैं भी उसकी मस्ती का पूरा ख्याल रखते हुए उसको हेड टू टो तक हर पार्ट को पूरा एक्साइट करने में लगा था यहां तक की मैं अपने दोनों पैरो से उसके सेक्सी लेग्स फ़ीट और फुट फिंगर पर भी मसाज करके उसकी प्यास को बढ़ाने की कोशिश कर रहा था. अब तो वह गांड मस्ती में अपने चूतड़ उठा उठा कर अपनी गांड के रास्ते को और खोलकर गांड मस्ती का सिग्नल दे रही थी.

जब मुझे पूरा कॉन्फिडेंस हो गया की वह पूरी तरह मस्त हो गयी है तो मैं धीरे धीरे अपने लंड को उसकी गांड में लेफ्ट राइट अंदर ही हमला शुरु कर दिया जिससे उसको परेशानी भी ना हो और मुझे भी मेहनत कम करनी पड़े. वैसे उसको परेशानी क्या होनी थी वह सालों से चुदवा रही थी जो भी दिक्कत थी वह मुझे ही हो रही थी.

और मुझे यह भी ध्यान रखना था की साली कही अपनी एस्स फ़क की मस्ती में मेरे लंड का ही पानी ना निकलवा दे. दिव्या को गांड मस्त का फुल सटिस्फैक्शन देने के लिए मैं केवल उसकी गांड पर ही कंसन्ट्रेट न करके मैंने उसकी पूरी बॉडी को एक्साइट कर रहा था. मेरे ऐसा करने से वह अपनी गांड और चूतड़ और ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगी और मस्ती में मोन करने लगी अह्ह्ह्हह.

पर मैंने भी उसको और एक्साइट करने के लिए अपने बॉडी के हर हथियार से और प्रेशर इनक्रीज कर दिया और उसके मस्ती बढ़ने लगी. और वह राहाजजज्जजूउउउउ भाय्यिया आआह्ह्ह पपपपलललललज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ममममममम ऊऊह्ह्ह मममम म्माआजज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़हा अअअअअ रिहहाआ राआआआजूऊऊ प्लललललज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ उउउउउउम्मम्मम शःह्स हस्सस अह्ह्ह्हह आआआऔउर जजजजजज्जजोररररररर.

सससससीईए धकाआ लॉगआऊवो ननणायआ फहह्ह्ह्हह्हाड के ही राआखःह दुग्ग्गीइ पहात जाये साली पैर ऐसा मज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ मममम ममममम रआआआजजज्जजूउउउउ बबबहहहयययययआआ आऔऊरर जज़्ज़ुर्ररर ससससीई. मुझहहहहहए तो पाटाआ हीईई नाहीईई थाआआआ गड्ड्ढड मास्त्टटटीईईई ममअअअअअज़ज़्ज़ज़्ज़आआ आए रहःहा ह्ह्ह्हैईईईई.

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क्योंकि दिव्या की गांड मेरे लंड के धक्कों से मस्त हो चुकी थी और मैं भी एकदम नार्मल और रिलैक्स हो कर उसकी गांड ठोक रहा था. मुझे बिलकुल मेहनत नहीं करनी पड़ रही थी वह अपनी गांड और चूतड़ उठा उठा कर अपनी गांड खुद मरवा रही थी. मैं बस उसके बूब्स और अप्पर बॉडी पर अपने होंठों से अपना प्यार बरसा रहा था.

दिव्या की बॉडी और उसकी मस्ती चुलबुलाहट की वजह से उसकी गांड मरने में और ज्यादा मज्जा आ रहा था. फ्रेंड्स आप तो सब चोदने और चुदवाने में एक्सपर्ट होंगे तो आप को मालूम ही होगा की जब दोनों पार्टनर सेक्स में एक दूसर को कॉम्प्लीमेंट करें तो सेक्स का एन्जॉयमेंट कितना बढ़ जाता है. ऑन दैट स्टेज मैं और दिव्या मस्ती की फाइनल स्टेज पर थे.

और दोनों दुनिया से और बगल के कमरे में सोये सास ससुर से बेखबर गांड मस्ती का आनंद ले रहे थे. और मुझे तो दिव्या की पहली बार गांड मारने में इतना मज़्ज़ा आया. हम दोनों से जब दिव्या कुछ टहकने लगती तो मैंने अपने लंड का जोर दिखाना शुरु कर देता और मैं उसकी गांड में अपना लंड पूरी ताकत से ऊपर नीचे पेलने लगता. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

और जब तक मैं थकने लगता तो तब तक दिव्या फिर मस्त हो जाती और घुटनो पर टिक कर अपनी गांड को ऊपर कर लेती ताकि उसकी गांड में मेरा लंड आसानी से पूरी तरह घुस सके और मुझे ज्यादा ताक़त ना लगानी पड़े. दिव्या की गांड में जब मैं लगातार अपना लंड पेलने लगा तो कुछ देर बाद मेरे लंड के अंदर हरकत होनी शुरु हो गयी.

और मुझे लगाने लगा की अब अपने लंड के फ्लो को रोकना इम्पॉसिबल है. तभी दिव्या बोली राजू प्लीज़ अब मैं थक रही हु थोड़ा रुको और इतना कहकर वह चित लेट गयी. मैंने भी उसके दोनों हाथों को अपने हाथों से दबाकर अपना लंड पुरे दबाव के साथ उसकी गांड में ठोक दिया.

तभी मेरे लंड की पिचकारी उसकी गांड में छूट गयी और वह कहने लगी राजू लगता है तुम्हारे तुम्हारे इंजेक्शन से मिसफायर हो गया है मैं लिक्विड की फ़ोर्स फील कर रही हूँ. अब मैं कुछ देर लंड उसकी गांड में डाले हुए ही आराम से उसके ऊपर लेता रहा फिर मैंने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और वह अपने पहले के साइज से छोटा हो गया था.

जैसे ही मैंने दिव्या की गांड से अपना लंड बाहर निकाला तो दिव्या ने अपनी पेंटी ऊपर को कर ली और मैं उसकी चूत का दीदार नहीं कर पाया. मैंने दिव्या की पेंटी के अंदर पूरा हाथ डालकर उसकी पेंटी को नीचे कर दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच अपनी जीभ फसा दी. पर दिव्या पता नहीं शर्म से या नाटक कर रही थी अपनी चूत नहीं दिखा रही थी उसने अपनी दोनों जांघे चिपका रखी थी.

पैर मैंने अपनी जीभ को जैसे जैसे ऊपर को किया तो उसकी जांघे चौड़ी होने लगी और उसकी चूत का एरिया मुझे नज़र आने लगा. पर तभी दिव्या बोली अब अपने हथियार को मेरे हवाले कर दो और मैं उसको शार्प कर देती हूँ. फिर दिव्या ने बेड पर लेट हुए ही मेरा लंड पकड़ लिया. जैसे ही दिव्या ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया मुझे बड़ी गुदगुदी सी हुयी.

पर उसके हाथ लगाते ही मेरे लंड में टेंशन होने लगी और मेरा ढीला लंड एकदम से साइज में इनक्रीज होकर खड़ा होने लगा. अब फिर मेरा ध्यान दिव्या की चूत की तरफ गया मेरी आंखें उसकी चूत देखने के लिए बड़ी ही बेताब थी. मैंने इस बार उसकी दोनों जांघों को अपने दोनों हाथों से पूरी ताक़त से फैलाया.

अब मेरे सामने दिव्या की नंगी चूत थी जिसे देखकर तो मैं पागल हो गया. उसकी चूत एकदम साफ़ भी नहीं ना ही उसकी झांटें बहुत बड़ी थी ऐसा लग रहा था जैसे उसने झांटें या तो ट्रिम कर रखी थी. या फिर उसने एक दो दिन पहले ही अपनी चूत शेव की हुयी थी.

मैंने उसको बेड पर दबोच लिया तो दिव्या बोली राजू भैया अब तक आपने मुझे डिफरेंट मज़्ज़ा दिया है. आज तक मैंने इतना मज़्ज़ा कभी नहीं लिया जबकि आई ऍम मोर एक्सपीरियंस देन यू. मैंने कहा जब तुमको मज़्ज़ा आया तो सोचो मुझे कितना मज़्ज़ा आया होगा. इन बिटवीन मैंने दिव्या की चिकनी टांगों को चूमना शुरू कर दिया और मुझे उसकी चिकनी गुलाबी टांगों को चूमने में बड़ा मज़्ज़ा आ रहा.

दिव्या बोली जरा और नीचे आओ राजू शर्माओ मत अपनी मेरी चूत को अच्छी तरह से देखो. मैं बिना कुछ जबाब दिए उसकी जांघो पर अपना सर ले आया फ्रेंड्स उसकी चिकनी जांघ तो और भी मस्त थी. मेरा मन कर रहा था जैसे की उसकी साल्टी थिंग्स को चबा चबा कर खा लूँ. बाई डी वे मैं वेजीटेरियन हूँ पर उसकी फ्लेशी जांघ जबरदस्त सेक्सी थी और मेरा एक्साईटेड अब लंड तो एकदम रोड की तरह स्त्रैट हो गया था.

दिव्या ने भी मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़कर चाटना शुरु कर दिया था जिससे मेरे लंड के टोपे(टॉप) पर सरसराहट सी होने लगी थी. इससे मुझे बड़ा अजीब लग रहा था और थोड़ा दर्द भी हो रहा था अगर उसकी चुदाई की मस्ती ना होती तो शायद मेरी तो जान ही निकल जाती. मैंने अब दिव्या की दो टांगों के बीच राण पर नज़र डाली.

तो मुझे उसकी चूत बस एक लाइन जैसी लगी और उसका टॉप जहाँ से सुसु(यूरिन) निकलता है वही पार्ट थोड़ा विज़िबल था जिसे हिंदी में लेडी का लंड और इंलिश में क्लीट कहते हैं. इससे वैसे लेडी की चुड़क्कड़ी का मेन स्विच भी कहते हैं अगर यहां का स्विच सही प्रेस कर दिया तो लेडी चुदाये बगैर नहीं रह सकती.

मैंने भी अपने मुँह से दिव्या की मस्त थंडर जांघ को चूमना शुरु किया तो वह इसका जवाब मेरे लंड को चूमकर देने लगी और फिर मैंने उसकी क्लीट पर अपनी फिंगर का जादू चलने लगा. तो दिव्या एकदम मस्त हो गयी और मेरे लंड छोड़कर मोन करने लगी. अब दिव्या पूरी गर्मी में आ गयी थी तो मैंने फिंगर को रेस्ट देकर अपने हाथों से दिव्या की जांघ और चूतड़ को रब करने लगा.

और दिव्या ने भी फिर से मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया अब उसने मेरे लंड को आधा अपने मुँह में लेकर उसको टॉफ़ी की तरह चूसना शुरु कर दिया और मैं उसकी जांघ को कभी चाटता कभी काटता को कभी चूमने लगता. इससे दिव्या को और मज़्ज़ा आता तो वह मेरे लंड को और जोर से चूमती और अपनी मज़्ज़े का इज़हार करती.

जब दिव्या को और मज़्ज़ा आने लगा तो उसने अपनी दोनों टांगो को मेरे सोल्डर पर रख दिया जिससे उसकी चूत मेरे मुँह के करीब आ गयी और मैं उसकी चूत की प्यास को समझ रहा था की वह अपनी चूत चुदवाना चाहती थी पर मैं इतनी जल्दी में नहीं था क्योंकि उसकी जांघ पर भी मुझे बड़ा मज़्ज़ा आ रहा क्योंकि चूत के मुकाबले उसकी जांघ ज्यादा फ्लेशी थी और वहां चूमने चाटने और काटने को काफी स्कोप था.

दिव्या मेरे लंड को फिर से चूसने लगी अब वह मेरे लंड को आगे पीछे लेने लगी जैसे चुदाई में लंड आगे पीछे पेला जाता है वैसे ही वह अपना मुँह आगे पीछे करके मेरे लंड को अपने मुँह में पेलवाने लगी. उधर मैंने भी अब दिव्या की चूत को अपने लिप्स से टेस्ट करने की सोची और उसकी गांड के पास से उसके दोनों चूतड़ को जोर से ठाम लिया जिससे साली हिल न सके.

फिर मैंने उसके चूत के पास अपने लिप्स ले जाकर उसकी चूत के आस पास चूमने लगा पर उसकी चूत के आस पास उसकी झांटें बड़ी दिक्कत कर रही थी और मेरे होंठ उसकी चूत का असली टेस्ट नहीं ले पा रहे थे. साथ ही दिव्या की चूत के चोरों ओर की घास की वजह से मैं उसकी चूत को एक्यूरेटली टारगेट नहीं कर पा रहा था.

पहले मैं उसकी चूत और चूत के अराउंड एरिया का अपने लिप्स से पूरा जायजा लिया और चूत की सही लोकेशन का आईडिया होने लगा. क्योंकि उसकी चूत के लिप्स भी मुँह के लिप्स की तरह इनर एरिया के मुकाबले ज्यादा उठे हुए थे. जब मुझे उसकी चूत के लिप्स का आईडिया हो गया तो मैंने उसके लिप्स(चूत) पर लिप्स रख कर किस किया.

तो दिव्या की आहह सी निकली पर इस बार उसने मेरे लंड को जोर से चूस कर जबाब दिया. मुझे भी ऐसा मजा आया की जैसे मैंने उसके मुँह में अपना लंड डालकर उसको चोद रहा था. दिव्या के राइट लिप्स(चूत) पर अब मैंने किस किया तो दिव्या ने अब मोन करने की बजाय फिर मेरे लंड पर अपना जबाब दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

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अब मुझे ज्यादा मज़ा आने लगा और मैंने दिव्या के चूत के सेंटर पर किस किया तो दिव्या ने फिर से मेरे लंड को जोर से चूसकर जवाब दिया. अब हम दोनों में कम्पटीशन शुरु हो गया और दोनों अपने अपने हथियारों से जबाब देने लगे. मुझे अब दिव्या की झांटो से कोई परेशानी नहीं हो रही थी और झांटो वाली की चूत पर इस तरह के सेक्स का यह पहला एक्सपीरियंस था.

दिव्या ने शायद ऐसा मज़्ज़ा पहले भी लिया हो पर शायद इतना मज़्ज़ा उसे पहले ना आया हो क्योंकि उसकी हालत से लगता था की यह मज़्ज़ा वह पहली बार ले रही है. फिर मैंने दिव्या के चूत के लिप्स को थोड़ा सा स्प्रेड किया तो मुझे उसकी चूत के अंदर का नज़ारा देखने को मिला. वैसे इससे पहले मैंने ऐसा ब्लू फिल्म में ही देखा था पर लाइव इनर चूत देखने का यह पहला मौका था.

मेरी इस हरकत से दिव्या की तो हालत ही ख़राब हो गयी थी वह तो एकदम मस्ती से पागल हो गयी थी. और कभी मेरे लंड को जोर जोर से चूसती और कभी मेरे लंड को छोड़कर चीखने लगती तो कभी अपनी जांघ और टांगें हिला हिला कर अपनी मस्ती जाहिर करती. पर एक बात पक्की थी की उसको ऐसा मज़्ज़ा शायद जिंदगी में नहीं मिला था और मैं तो दोस्तों एक मैच्योर लेडी को चोदने का पूरा मज़्ज़ा ले रहा था.

जबकि अभी तो चुदाई का प्रोग्राम शुरु भी नहीं हुवा था. दिव्या ने अपनी टांगें ज्यादा मारना शुरु किया तो मैंने उसकी दोनों टांगों को पकड़ कर उसकी चूत पर कंसन्ट्रेट करते हुए उसकी चूत का चुम्बन शुरु कर दिया और और उसके चूत के दोनों साइड(लिप्स) को अपने लिप्स से जोर जोर से चूसने लगा.

और कभी कभी जैसे बैलून में हवा भरते है ऐसे उसकी चूत में ब्लो करने लगा. दिव्या भी अपना रिप्लाई मेरे लंड को चूसकर चाटकर कभी कभी अपने लिप्स से जोर से दबा कर देने लगी. कभी कभी वह अपने टंग से भी मेरे लंड को गुदगुदी करती थी और मैं भी उसको उसकी चूत पर वैसे ही रिप्लाई देता था.

फ्रेंड्स दैट टाइम ये समझ लीजिये की दोनों एक दूसरे की चुदाई कर रहे थे पर लंड की बजाय लिप्स और टंग का यूज हो रहा था. और दोनों ही डबल सेक्स ऑर्गन वाले से बन गए थे और ऐसा हो रहा था की जैसे मैं अपना लंड उसके मुँह में और अपने लिप्स से उसके चूत में पेलाई कर रहा हम और दिव्या की दो चूत हो और मेरे दो लंड.

हमारे इस डबल पेले का सिलसिला ज्यादा देर तक न चल सका क्योंकि दोनों अंदर से गीले होने वाले से हो गए पहले गारिमाँ ने कहा राजू मैं गीली होने वाली हूँ. मुझे भी अपने लंड की पिचकारी छुटने का अंदेशा था इसलिये मैंने पहले ही मेरा लंड उसके मुँह से बाहर कर लिया. शायद दिव्या चूत के अंदर से भीग गयी थी और इस बीच उसने अचानक अपने मुँह से मेरा लंड बाहर निकाल दिया.

मैं बाथरूम में गया और मैंने अपने हाथ से अपना माल वहां खाली कर दिया और अपने लंड को अच्छी तरह साफ कर लिया. बाथरूम में ही मुझे बाथ टब देखकर एक आईडिया आया की क्यों ना आज दिव्या को बाथ रूम में दबाकर चोदा जाये. मैंने जल्दी से गीज़र ऑन कर दिया और बाथ टब का टैप भी ऑन कर दिया.

करीब 3-4 मिनट्स में बाथ टब जब हाफ भर गया तो मैंने टैप बन्द कर दिया और अपने लंड को दिव्या के लिए तैयार करने लगा. जब गीज़र का वाटर वार्म हो गया तो मैंने गीज़र के वार्म वाटर वाला टैप ऑन करके सारा गरम पानी बाथ टब में खाली करके गीज़र को फिर से ऑन कर दिया बिकॉज़ गीज़र की कैपेसिटी बाथ टब के साइज से कम थी.

अब मैंने बाथ टब के पानी में हाथ डालकर देखा तो वाटर लुक वार्म था पर टब अभी आधे से भी कम भरा था. एक बार और गीज़र के पानी से टेम्परेचर और वाटर लेवल दोनों नार्मल हो जाते. जब अबाउट 15 मिनट्स तक में बाथ रूम से बाहर नहीं आया तो दिव्या राजू राजू कहते हुए बाथरूम में ही आ गयी उस समय वह ओनली गाउन डाले हुए थी और मैं बाथरूम में नंगा अपना लंड हाथ में थामे हुए खड़ा था.

मेरा खड़ा लंड देखकर दिव्या उउउउइइइइइ मम्मा कहते हुए चीख पड़ी. मैं अपना हाथ अपने लंड से हटाकर उसके मुँह में रख दिया और बोला तुमको देखकर एक बात याद आ रही है उसने हाथ के इशारे से पूछा क्या? तो मैंने कहा जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की तरफ भागता है और जब दिव्या भाभी की चुदाई होनी होती है तो वह बाथरूम के अंदर आती है.

फिर मैंने बाथरूम का डोर बंद कर दिया और तब तक गीज़र का पानी भी गर्म हो गया था तो मैंने फिर से गीज़र का पानी भी बाथ टब में खाली कर दिया. उधर मैंने दिव्या के गाउन को खींचकर उसके बदन से अलग कर दिया इस समय बाथरूम की हलकी लाइट में दिव्या भाभी का गोरा चिकना बदन बिलकुल अजंता की मूरत सा नज़र आ रहा था.

मैं उनके बदन के एक एक अंग को देख सकता था. दिव्या की बॉडी बड़ी मस्त थी और बाथ रूम की हलकी लाइट में वह और भी सेक्सी लग रही थी. दिव्या का पूरा गुलाबी गोरा बदन एकदम वाइट मार्बल की तरह गोरा और चिकना था बस उसकी चूत के आस पास का एरिया दिव्या की झांटों की वजह से ऐसे लग रहा था जैसे दूध के बर्तन में कोई मक्खी बैठ गयी हो.

मैंने मस्ती में दिव्या को गोद में उठा लिया और उसके बदन को चूमते हुए उसे बाथ टब में लिटा दिया. पानी में गिरते ही दिव्या छटपटाने लगी और पानी में अपने पैर पटकने लगी. मैंने बाथ टब के बाहर से ही चूमना शुरु कर दिया. फिर मैंने मौका पाते ही दिव्या के लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और दोनों एक दूसरे के लिप्स को चूसने लगे.

दिव्या के नंगे बदन को देखकर मैं अपने आप को कण्ट्रोल नहीं कर पाया और मैंने भी बाथ टब में जाने का डिसिजन लिया. फिर मैं कूद कर दिव्या के ऊपर बाथ टब के अंदर चला गया और दिव्या को बाथ टब के अंदर ही पूरी तरह दबोच कर उसके ऊपर छा गया.

दोस्तों पता नहीं बाथ टब के गरम पानी का कमाल था या हम दोनों के बदन की गर्मी का लेकिन उस वक़्त मुझको बाथ टब के वाटर का टेम्परेचर १०० डिग्री से भी ज्यादा लग रहा था और हम दोनों सेक्स की आग से जैसे जल रहे थे. मैंने दिव्या को दबोचे हुए ही उसके बदन से अपने बदन को रगड़ना शुरु कर दिया तो दोनों को बड़ा मज़्ज़ा आने लगा.

दिव्या भी नीचे से अपनी मस्ती का अहसास करा रही थी. बाथ टब में पिलो तो था नहीं इसलिए हम दोनों एक दूसरे के बदन से बदन का मिलान केयरफुल्ली कर रहे थे पर दोस्तों बाथ टब में मस्ती का शायद हम दोनों का यह पेला एक्सपीरियंस था और मुझे तो दोस्तों बड़ा मज़्ज़ा आ रहा था.

मैं वहाँ सब बाथ टब में कर रहा था और करना चाहता था जो हम बेड पर करते हैं. मैं थोड़ा दिव्या को छोड़ कर पानी से बाहर निकला ताकि आगे का प्लान किया जा सके तो मुझे एक आईडिया आया और मैंने लिक्विड सोडा की बोतल से सोडा बाथ टब में डाल दिया और पानी को हिलाने लगा. थोड़ी देर में बाथ टब में झाग हो गया और अब मैंने उसे हिलाकर दिव्या के चूचूं पर और उसकी बॉडी पर लगाना शुरु कर दिया.

बदले में दिव्या भी ऐसा ही करने लगी. अब हम दोनों एक दूसरे के ऊपर झाग लगाने लगे. फिर मैंने दिव्या को दबोच कर झाग वाले वाटर में लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच और चूचो पर काफी झाग लगा दिया. अब हम दोनों झाग की वजह से एक दूसरे की बॉडी को भी अच्छी तरह नहीं देख पा रहे थे. अचानक दिव्या का ध्यान मेरे खड़े लंड पर गया जो झाग से भरा हुआ था.

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मेरा खड़ा लंड देखकर दिव्या मचल रही थी और बोली राजू प्लीज तुम टब में लेट जाओ और मैं तुम्हारी चुदाई करके आज पहली बार बाथ टब सेक्स का मज़ा लुंगी और तुमको मज़्ज़ा दूंगी या ये समझ लो की मैं खुद अपने आप तुमसे चुदवाउंगी. पर मुझे एक और ध्यान आया और मैंने कहा भाभी जान जरा सबर करो मैं तुम्हारी चुदाई तो करूँगा पर मेरे लंड को अपनी चूत के चारो ओर उगी इस झाड़ी में मत फंसाओ.

अब तो चूत पर सोडा लग ही गया है तो क्यों ना मैं तुम्हारी चूत की झाड़ी भी साफ कर दूँ. इससे मेरे लौड़े को ज्यादा सर्च नहीं करनी पड़ेगी और तुम्हारी चिकनी चूत के दर्शन भी मैं कर लूंगा. मेरी ऑंखें तुम्हारी चिकनी गोरी चूत के दीदार कर लेंगी और शायद मेरे लिप्स भी आपकी नंगी चूत का स्वाद लेना चाहेंगे.

दिव्या बोली राजू अब तो मेरा बदन तुम्हारा गुलाम हो गया है तुमने इसे मस्त आकर दिया है अब तो तुम जो चाहे इसके साथ करो. जहाँ तक तुम्हारी चूत की शेव करने का सवाल है मुझे क्यों ऑब्जेक्शन होगा इससे तो मेरा काम आसान हो जायेगा. मेरी तो एक दिन की मेहनत बच जाएगी और तुम तो अच्छी तरह से सारे एरिया को देखकर सफाई करोगे.

तो मेरे को ज्यादा दिन तक झांटें साफ़ नहीं करनी पड़ेंगी. मैं भी चाहती हूँ की तुम मेरी गंजी चूत के दर्शन करो. अगर तुम मेरी चूत का स्वाद अपने लिप्स से लो तो वह तो सोने पर सुहागे वाली बात होगी. दिव्या के वर्ड्स से तो मैं तो एकदम बेहोश सा हो गया था बिकॉज़ दिव्या भाभी के मुँह से ये वर्ड्स अनएक्सपेक्टेड थे.

पर बाथ टब सेक्स की मस्ती में वह सारा रिलेशनशिप भूल गयी थी. मैं बाथरूम से सीधे अपने कमरे में गया और वहां से अपना शेविंग वाला ट्रिपल ब्लेड वाला रेजर ले आया. दिव्या आकर मेरे जांघों पर बैठ गई और अपनी दोनों टांगें फैलाकर झांटे कटवाने के लिए टांगों को मेरे सोल्डर पर रख दिया. मैं दिव्या चूत के चारों ओर का अच्छी तरह जायजा लिया और फिर दिव्या की झांटों को एक डायरेक्शन में अरेंज कर दिया.

उसके बाद मैंने धीरे धीरे रेजर से दिव्या की झांटें साफ करनी शुरु कर दी. जब चूत के अस पास की सारी झांटें साफ हो गयी तो मैं पुरे एरिया को एक बार फिर से देखा तब मुझको दिव्या की चूत के नीचे गांड की तरफ और गांड के आस पास कुछ कम पर लम्बे बाल नज़र आए. अब मैंने दिव्या की टांगो को पकड़ कर अच्छी तरह से उसकी गांड के आस पास के झांट के बाल भी साफ़ कर दिए.

मैंने रेजर को साफ करा अलग रख दिया और मैंने दिव्या की चूत और गांड के आस पास के एरिया का अच्छी तरह से जायजा लिया तो दिव्या की गोरी गांड और चूत अब और भी चमक रही थी. अब तो दिव्या का सारा बदन एकदम मार्बल की तरह लग रहा था और दिव्या एक अजंता की मूरत नज़र आ रही थी.

जैसे ही दिव्या का ध्यान मेरे खड़े लंड की तरफ दुबारा गया तो वह चुदाई के लिए अपनी चूत के छेद पर मेरे खड़े लंड का निशाना लेते हुए मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी. मैं भी अब उसकी चुदाई के लिए अपने आप को नहीं रोक पाया और उसकी चूत का निशाना लेते हुए उसकी चूत के मुँह पर अपना लंड ले गया और जोर का धक्का लगाया.

बाथ टब के अंदर थोड़ी कोशिश के बाद उसका निशाना लगा और उसने ऊपर से एक कुड्डी लगाई और मेरा लंड घप्प से उसकी चूत के अंदर समां गया. मेरे लंड पर ऐसा लगा जैसे दिव्या ने मेरे लंड की स्किन निकाल दी हो और मेरे लंड को छील दिया हो. मैंने दिव्या भाभी से कहा नहीं भाभी मुझे पहले चोद लेने दो मैं भी बाथ टब सेक्स की पहली ठुकाई का मज़्ज़ा ले लूँ.

जब मैं थकने लगूं तब तुम स्टार्ट होना इतना कह कर मैंने अपनी टांगों को घुटनो से मोड़ा और दिव्या की टांगें अपनी कमर की तरफ करके उसको लिटा दिया और उसकी चूत पर धक्का लगाना शुरु कर दिया. बाथ टब के अंदर ऐसा करने में परेशानी तो हो रही थी बिकॉज़ वहां पर बेड की तरह सॉफ्ट बिस्तर नहीं लगे थे.

पर सोडा के झाग वाले पानी के अंदर चुदाई का अलग ही मज़्ज़ा आ रहा था. फ्रेंड्स आप खुद अंदाज़ लगा सकते हैं की दिव्या की अंडरवाटर चुदाई में कैसा महसूस कर रहा होंगे. मैंने भी अपने लंड को पुरे प्रेशर के साथ दिव्या की चूत में पेल दिया और दिव्या की चूत पर अपना पूरा प्यार बरशाना शुरु कर दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैं पूरी ताक़त से दिव्या की चूत पर पिल गया मेरा लंड दिव्या की चूत में नेल की तरह ठुक गया था और दिव्या बड़ी मस्ती से अंडरवाटर चुदाई का मुझे पूरा मज़्ज़ा दे रही थी. इस तरह में दिव्या को पेलने लगा और उसको चोदने का मुझे अलग ही ऍक्स्पेरिएंस हो रहा था या शायद मेरे लिए अंडरवाटर चुदाई का पहला ऍक्स्पेरिएंस था और वह मेरे लिए नयी चूत थी इसलिये मुझे ज्यादा मज़्ज़ा आ रहा था.

फ्रेंड्स इसका फैसला तो आप लोग भी कर सकते हैं या दिव्या ही जानती होगी क्योंकि आप लोग मुझसे ज्यादा अनुभवी हो. कुछ मिनट्स तक पेलने के बाद मेरे स्पीड थोड़ा कम होने लगी बिकॉज़ अंडरवाटर की चुदाई में कम्फर्ट लेवल लेस्स था. पर चुदाई का मज़्ज़ा दुगुना आ रहा था पर मज़ा चाहे कितना भी आये पर देयर इज अ लिमिट.

दिव्या शायद मेरी हालत समझ गयी आफ्टर आल शी वासज मोर ऍक्स्पेरिएंस डैन मी. वो मुझसे बोली राजू तुम्हारे ठुकाई में दम नहीं रहा और तुम थक रहे हो चलो लेट वि चेंज पोजीशन एंड तुम लेट जाओ और मुझे अपनी गांड का जोर दिखाने दो. मैंने कहा ठीक है भाभी जान सॉरी दिव्या. फिर मैब पोजीशन बदल कर दिव्या को अपने ऊपर ले लिया.

दिव्या पूरी तरह से मस्ती में थी और मैं सचमुच थोड़ा थक रहा था तो उसने 4th गियर में गाड़ी दौड़ानी शुरु कर दी और हमारी चुदाई एक्सप्रेस सरपट उसकी डबल बेड पर दौड़ने लगी. दिव्या धक्के के साथ चुदाई की मस्ती से चीखने लगी आआअह्ह्ह्ह ममममम ललललललीई यीईइ ली और धक्के पे धक्का लगाए जा रही थी.

मैंने कहा गूऊऊऊड़द आजजजजज तो चुदाई का मज़्ज़ज़ा आए गया वाह्ह्ह कक्किय्या बात है. मैंने भी मस्ती में नीचे से अपनी तरफ से ठुकाई शुरु कर दी और अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और मैं भी उमम मममम श्ह्ह्हह्ह्ह्ह करके और जोर से धक्का पेली करने लगा. जिससे दिव्या की चूत में और हलचल होने लगी और वह कभी अपने दोनों हाथ पटकती कभी अपना सर पटक कर और कभी अपनी गांड उठाकर मस्ती का अहसास करा रही थी.

जब मेरा लंड इजिली आगे पीछे होने लगा तो मैंने अपने लंड को दिव्या की चूत में धीरे धीरे राउंड स्टाइल में उप्पर नीचे घूमाना शुरु कर दिया. दिव्या ने मस्ती में अपनी दोनों टांगो से मेरी कमर को जकड़ रखा था और अपनी दोनों बाँहों को मेरी पीठ पर जकड़ रखा था.

वह कभी मेरे बदन पर काट कर तो कभी मस्ती में ऊह्ह्ह आअह्ह्ह्हह करके और कभी चूतड़ उठा उठा कर चुदवा रही थी और मुझे और एक्साइट कर रही थी. अचानक मुझे लगने लगा की अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने स्पीड कम कर दी और उसकी चूत के अंदर अपने लंड को रोक सा दिया. दिव्या बोली कोई बात नहीं मेरी चूत तुम्हारे क्रीम के लिए एकदम तैयार है तुम घबराओ नहीं.

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फिर मेरे लंड का सारा माल उसकी चूत की गहराई में कंही गुम हो गया. दिव्या की चूत मेरी क्रीम से तर हो गयी और इसका स्वाद लेकर दिव्या भी मस्त हो गयी और रिलैक्स होकर पड़ गयी. मुझे लगा की वह भी अंदर से झड़ चुकी थी और उसकी थकान उसके सैटिस्फैक्शन का सिग्नल दे रही थी. फ्रेंड्स करीब 5 मिनट्स के बाद मैंने अपने लंड को दिव्या की चूत से बाहर निकाला. फिर हम दोनों ने प्लेन वाटर से बाथ लिया. फिर हमने एक दूसरे को टॉवल से साफ़ किया और इसके बाद हमने एक दूसरे के नंगे बदन का पूरी तरह जायजा लिया.

झांटों की सफाई के बाद दिव्या तो एकदम मार्बल का स्टेचू लग रही थी और सामने से देखने पर उसकी चूत बिलकुल साफ नज़र नहीं आ रही थी. फिर हम दोनों ने ठण्ड दूर करने के लिए एक दूसरे की बॉडी के हर पार्ट पर किस किया. मैंने कमरे में आकर अपने कपडे पहन लिए और दिव्या भी अपने कपड़े पहनकर रूम से बाहर चली गयी. जब मैंने क्लॉक में देखा तो 4:20 am का टाइम हो गया था मैं बेड पर जाकर लेट गया. फ्रेंड्स यह तो थी मेरे और मेरे सलहज़ की चुदाई की एक रात की दास्ताँन. 

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Comments

  1. Rakesh says

    सितम्बर 8, 2025 at 12:06 अपराह्न

    Amazing Story

    Hii Koi Girl Lady Women couple hai jo Young Boy ke sath Romantic,Dirty Rough and Brutal sex, Slave Dominate, BDSM jaisi koi new sex ko enjoy karna chahti hai to mujhe telegram par msg kro mai 24 sal ka young and experienced hu Prayagraj se Telegram I’d @ajay705

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