• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

HamariVasna

Hindi Sex Story Antarvasna

  • Antarvasna
  • कथा श्रेणियाँ
    • Baap Beti Ki Chudai
    • Desi Adult Sex Story
    • Desi Maid Servant Sex
    • Devar Bhabhi Sex Story
    • First Time Sex Story
    • Group Mein Chudai Kahani
    • Jija Sali Sex Story
    • Kunwari Ladki Ki Chudai
    • Lesbian Girl Sex Kahani
    • Meri Chut Chudai Story
    • Padosan Ki Chudai
    • Rishto Mein Chudai
    • Teacher Student Sex
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Hindi Sex Story
  • माँ बेटे का सेक्स
  • अपनी कहानी भेजिए
  • ThePornDude
You are here: Home / Desi Maid Servant Sex / स्कूल की जमादार को प्रिंसिपल साहब ने चोदा

स्कूल की जमादार को प्रिंसिपल साहब ने चोदा

मई 4, 2022 by hamari

Jawan Jism Porn

रमाशंकर पाण्डेय सरकारी इंटर कॉलेज, सीतापुर में लेक्चरर पद पर तैनात थे. पाण्डेय जी पुराने ज़माने के आदमी थी. आजकल के मोडर्न जमाने में भी धोती कुरता पहनते थे. वो सबसे चहेते थे. लोग उनका बड़ा सम्मान करते थे. पाण्डेय जी की बस एक तमन्ना थी की किसी तरह प्रिसिपल बन जाए. Jawan Jism Porn

कुछ दिनों बाद वो प्रिंसिपल बन गए. वैसे तो पाण्डेय जी को स्कूल में कोई खास दिक्कत नही होती थी, पर एक गम था उनका स्कूल जरा देहात में था. वहां बच्चे ना के बराबर थे. पर नौकरी तो उनको सुबह ९ से शाम ४ बजे तक करनी ही थी. वो सारा दिन बस अखबार पढ़ा करते थे.

क्यूंकि पुरानी सोच होने के कारण वो ना तो फसबुक करते थे, और ना ही वाट्सअप. वो सारा सारा दिन जम्हाई लेटे रहते और दिन काटा करते. २ हफ्ते बाद रमाशंकर पाण्डेय की जिंदगी अचानक से बदल गयी. उनके स्कूल में एक जमादार की तैनाती हो गयी.

वो कोई आदमी या पुरुष नही था बल्कि एक जवान और बेहद खूबसूरत औरत थी. नाम शीतल पासवान था. अभी कोई २० २२ साल की जवान लौंडिया थी वो. ये जमादार वाला पद अनुसूचित जाति का पद था. इसलिए सरकार ने शीतल पासवान को नौकरी दी थी.

शीतल पासवान यानी हरिजन जाति की थी. पर क्या गजब की माल थी. जिस दिन शीतल उनके स्कूल में आई तो रमाशंकर पाण्डेय जी की जम्हाई जो वो हमेशा लिया करते थे, और अपना समय काटा करते थे, अचानक से खतम हो गई.

उनको ऐसा लगा की जैसे आज उनकी नींद हमेशा के लिए खुल गयी हो. उनकी जम्हाई और उनकी नींद अचानक से गायब हो गयी. उन्होंने शीतल को ज्वाइन करवा दिया. दोस्तों, आप लोग तो जानते है की सरकारी नौकरी में काम तो कुछ होता नही है, बस कर्मचारी बैठ के चाय पीते रहते है और समय काटा करते है.

पाण्डेय जी वैसे तो ५० साल के पुरे हो चुके थे, लड़के बच्चे, नाती, पोते वाले थे, पर शीतल को देखकर उनके दिल के तार झनझना गए. वो दिल ही दिल में शीतल से प्यार कर बैठे. जैसे जैसे समय बीतता गया पाण्डेय जी को शीतल से प्यार होता चला गया.

जमादार होने के नाते कभी कभार जब कोई अधिकारी जांच करने चला जाता तो शीतल अपनी लम्बी सी बांस वाली झाड़ू से पूरा स्कूल साफ कर देती. कभी कभी उसको टोइलेट भी साफ़ करनी पड़ जाती थी. पर शीतल भले ही ब्राह्मण नही थी एक हरिजन थी, इसके बावजूद पाण्डेय जी उससे प्यार कर बैठे.

वो सुबह जब तक शीतल को देख नही लेते, उनको चैन नही पड़ता. शीतल सच में बड़ी हसीन माल थी. अच्छा खासा गोरा, भरा पूरा बदन. बड़े बड़े गोल गोल चुचे थे उसके. शीतल को देखकर धोती कुरता पहनने वाले पुराने ज़माने के पाण्डेय जी का लंड उनकी धोती में ही खड़ा हो जाता था.

शीतल स्कूल में साड़ी पहन के आती थी. काम ना होने पर वो टीचर्स रूम में बैठ कर अखबार पढ़ती थी. शीतल का वेतन २० हजार था. जब शीतल कोई कागज लेकर प्रिंसिपल साहब यानि रमाशंकर पाण्डेय जी के पास जाती तो वो आँख मूंद कर उस पर साइन कर देते.

इसे भी पढ़े – माँ मुझे भी आपकी चूत चोदनी है

वक्त पर उसकी सैलरी दिलवा देते. शीतल का बड़ा ख्याल रखते. दिन में ४ बार चपरासी को भेजकर उसके वास्ते चाय मंगवाते थे. इन सब काम की बस एक वजह थी की वो शीतल से प्यार करने लग गए थे. पर लोक लाज और समाज के डर से वो डरते भी थी.

एक ५० साल का उम्रदराज आदमी आखिर २० २२ साल की जवान लौंडिया से कैसे प्यार कर सकता है. पाण्डेय जी ये बात बार बार सोचते थे. जब से शीतल स्कूल में आ गयी थी, पाण्डेय जी शर्ट पैंट पहनने लग गए थे. धोती अब कम ही पहनते थे. वो खुद को शीतल के सामने हीरो जैसा दिखाना चाहते थे.

एक दिन जब शीतल प्रिंसिपल साहब के कमरे में झाड़ू लगा रही थी वही अपनी लम्बी वाली बांस वाली झाड़ू से लेकर तो अचानक रमाशंकर पाण्डेय जी का प्यार और सब्र का बाँध अचानक से टूट गया. उन्होंने शीतल भंगन का हाथ पकड़ लिया और सीने से लगा लिया. वो उसका चुम्बन लेने की कोसिस करने लगे.

ये क्या साब?? ये आप क्या कर रहें हो?? आप तो ब्राह्मण है? आप मुझे क्यूँ छू रहें हो?? शीतल थोडा डर गयी और बोली.

शीतल! तुम भले ही एक जमादार हो, तुम एक हरिजन हो, पर मुझको तुमसे प्यार हो गया. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ! पाण्डेय जी बोले. आज उन्होंने फिटिंग वाला मस्त छैल छबीला वाला शर्ट पैंट ही पहन रखा था.

उन्होंने शीतल को कसके पकड़ लिया और उसके होठ पर कई चुम्मा ले लिया. शीतल थोडा आश्चर्य में पड गयी. उसको विश्वास नही हो रहा था की इतना बड़ा प्रिसिपल जो की एक ब्राह्मण भी था उस जैसी जमादार का कैसे चुम्मा ले रहा है.

साहब! ये क्या कर रहें हो?? मैं तो एक जमादार हूँ!! वो सहमकर बोली.

शीतल!! मुझे कोई फर्क नही पड़ता. बस मैं जानता हूँ की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ!! रमाशंकर पाण्डेय जी बोले और उसको फिर से उसके गोरे गोरे गालों पर चुम्मा लेने लगे. उन्होंने शीतल को कसके अपने सीने से लगा लिया.

साब कोई आ जाएगा तो बवाल हो जाएगा! शीतल जमादार बोली.

शीतल जानेमन ! कुछ नही होगा कोई नही आएगा. मैंने चपरासी को बाहर बिठा दिया है. आज तुम मुझको मत रोको. मुझे तुमसे प्यार करने दो. वरना मैं मर जाऊँगा. मैं तुमको हर महीना १० हजार दूँगा. तुमको कपड़े, गहने सब दूँगा, पर तुम मेरे प्यार को मत ठुकराना! पाण्डेय जी बड़ी मीठी आवाज में बोले.

अपने लच्छेदार बातों से आखिर उन्होंने शीतल जमादार को पता ही लिया. शीतल मान गयी. रमाशंकर पाण्डेय जी शीतल को इसी वक्त चोदना चाहते थे. पिछले कई महीनों से वो इस दिन का इंतजार कर रहें थे की किस दिन शीतल जैसी हसीन माल की चूत मारेंगे. और आज वो दिन आ ही गया.

रमाशंकर जी को इतनी जोर की चुदास लगी की उन्होंने अपनी बड़ी सी टेबल जिस पर बैठ के वो ऑफिस का काम करते थे, उसका सारा सामान उन्होंने हाथ से सरका कर नीचे गिरा दिया. ऑफिस के रेजिस्टर, पेन, कॉपी, और बाकी सामान उन्होने एक ही बार में हाथ से सरका कर नीचे गिरा दिया.

५ बाय ४ की उनकी बड़ी से मेज अब बिल्कुल खाली हो गयी. शीतल को उन्होंने उसी ऑफिस की टेबल पर लिटा दिया. एक सेकंड में उनकी साड़ी उठा दी. शीतल जान गयी की आज वो चुद जाएगी. एक जमादार और जात से भंगी होते हुए भी आज एक ब्राह्मण उसको चोदेगा, उसकी चूत मारेगा.

शीतल जान गयी की आज उसका कुंवारापन खतम हो जाएगा. वो आज चुद जाएगी. वो जान गयी. पाण्डेय जी ने शीतल का साड़ी का पल्लू हटा दिया तो उसके ब्लौस से उसके २ बड़े बड़े कबूतर झाकने लगे.

इसे भी पढ़े – चाचा की लड़की की चूत फैला कर देखा

बड़े बड़े कसे कसे गोल गोल उभारों को देखकर पाण्डेय जी गदगद हो गए. इनकी बड़े बड़े चुच्चों को देखकर वो पिछले कई महीने से जी रहें थे. इनकी मम्मों को देखकर उनकी नींद अब बिल्कुल भाग गयी थी. इनकी मम्मो को देखकर उन्होंने जम्हाई लेना अब बंद कर दिया था.

वासना और चुदास रमाशंकर पाण्डेय जी की आँखों में उतर आई. उन्होने शीतल जमादार के मम्मों पर हाथ रख दिया और रसीले मम्मों को छू लिया और सहलाने लगे. शीतल तड़पने लगी. फिर वो धीरे धीरे शीतल के चुच्चों को दबाने लगे. रमाशंकर पाण्डेय जी गरमाने लगे.

और आखिर उनको शीतल के ब्लौस के बटन खोलने पड़े. वो बड़ा कसा ब्लौस पहनती थी. पर पाण्डेय जी ही कच्चे खिलाड़ी नही थी. कुछ मिनट की मसक्कत के बाद उन्होंने शीतल के बेहद कसे ब्लौस की बटन खोल लिए. ब्लौस निकाल दिया, तो सामने ब्रा आ गयी.

उन्होंने उसे भी निकाल दिया. जैसे ही शीतल के नए नए २२ साल के नए नए मम्मे सामने आये थे पाण्डेयजी पर तो मानो बिजली ही गिर गयी दोस्तों. उनको याद आया की जब उनकी शादी हुई थी और जब उनकी बीबी नई नई उनके घर आई थी, उसके मम्मे भी शीतल जमादार के मम्मे जैसे सुंदर नही थे.

शीतल बाहर से जितनी गोरी थी, उसके मम्मे उससे ५ गुना जादा गोरे थे. कुछ पल के लिए तो पाण्डेय जी कोमा में चले गए. साब?? जब शीतल बोली तो उनका सम्मोहन टुटा. कुछ पल वे उसके मम्मो को निहारते रहें. ऐसे सुन्दर संगमरमर जैसी स्वेत वर्ण मम्मे उन्होंने नही देखे थे.

वो खुद को बड़ा नसीबवाला समझने लग गए. शीतल के मम्मो पर बड़े बड़े सिक्के जैसे काले काले छल्ले थे. रमाशंकर मिश्र जी को मौज आ गयी. उन्होंने अपने अधरों को शीतल के चूचकों से लगा दिया और पीने लगे. शीतल भी २२ साल की जवान लड़की थी. वो जवान हो चुकी थी और चुदने को तैयार थी. उसे भी लंड की दरकार थी.

पाण्डेय जी मस्ती से शीतल के दूध पीने लगे. शीतल को बड़ा सकून मिला. आज पहली बार कोई मर्द उसके दूध पी रहा था. उसकी छातियाँ जो बड़ी बड़ी गोल गोल रसीली थी कबसे इतंजार कर रही थी की कोई मर्द उसकी छातियों को पिए.

पर आज ये शीतल का सपना पूरा हो गया था. अपने ऑफिस की मेज पर ही रमाशंकर पाण्डेय जी शीतल को लेटाऐ हुए थे. जब बड़ी देर तक वो उसके दूध पीते रहें तो शीतल को सुखी चूत अब बिल्कुल गीली हो गयी. उसकी सुखी बंजर जमींन जैसी चूत उसके पानी ने तर हो गयी और डबडबा गयी.

शीतल ने ५० साल के पाण्डेय जी को कसके लिया और अपने सैंया की तरह कलेजे से चिपका लिया. पाण्डेय जी को चुदास बड़ी जोर से चढ़ गयी, वो शीतल को उसके गाल, गले, कान, नाक, आँखों पर धडाधड चुम्मा लेने लगे.

उम्र दराज होने पर भी वो आज एक १८ साल के जवान लड़के जैसा व्यवहार कर रहें थे. वो छैला बाबू बन गए थे. शीतल के दोनों छाती पीने के बाद रमाशंकर पाण्डेय जी ने अपनी पैंट उतार दी. अपना निकर निकाल दिया.

उनका लंड आज भी अच्छा ख़ासा मोटा और लम्बा था. उन्होंने शीतल की पीली साड़ी जिसमे लाल रंग के कई फूल बने थे, उपर उठा दी, साथ में उसका पेटीकोट भी उठा दिया. तुरंत उसकी सफ़ेद चड्ढी निकाल दी. पाण्डेय जी को शीतल की चूत के दर्शन हो गए.

ये चूत देखने के लिए वो कबसे मरे जा रहें थे. इस चूत के लिए उन्होंने क्या क्या पापड़ नही बेले थे. शीतल की चूत कुंवारी थी. बड़ी लाल लाल गुलाबी गुलाबी थी. रमाशंकर पाण्डेय जी ने अपनी उंगली चूत पर रख दी और नीचे से उपर हल्का हल्का सहलाते हुए नीचे जाते और फिर उपर जाते.

फिर वो शीतल की चूत पीने लगे. कुछ देर बाद वो शीतल को चोदने लग गए. शीतल को उन्होंने अपनी ऑफिस की टेबल पर ही लिटा रखा था. खुद वो एक किनारे खड़े हो गए. उनकी पैंट उतरी हुई किनारे फर्श पर पड़ी थी.

शीतल की दोनों टांगों को उन्होंने हाथ में ले रखा था. खट खट करके मजे से उसको खा रहें थे. शीतल को भी चुदने में पूरा मजा आ रहा था. ५० साल का मर्द होने पर भी आज भी रमाशंकर जी के लंड में बड़ा दम था. उन्होंने शीतल को ५० मिनट बिना रुके लिया. उनको और शीतल दोनों को इस चुदाई समारोह में पसीना छूट गया.

इसे भी पढ़े – संस्कारी घेरलू औरत की चुदाई की तड़पन

पाण्डेय जी के धक्कों से पूरी मेज हिलने लगी. पर वो नही रुके. शीतल को इतना उन्होंने पेला की उसकी बुर फट गयी. कुछ देर बाद वो झड गए. उन्होंने तुरंत अपने दो मोटी मोटी ऊँगली शीतल के भोसड़े में डाल दी. उसको बड़ा दर्द भी हुआ क्यूंकि इससे पहले शीतल ने किसी मर्द से अपनी चूत में ऊँगली नही करवाई थी. रमाशंकर जी जल्दी जल्दी अपनी २ मोटी मोटी ऊँगली से शीतल की बुर को चोदने लगे. बड़ी देर तक कुछ नही हुआ.

पर जल्द ही शीतल का बदन ऐठने लगा. पाण्डेय जी जान गए की कुछ होने वाला है. अब तो वो जोर जोर से ऊँगली करने लगे. कुछ देर बाद शीतल की चूत से ढेर सारा पानी पिच पिच करके निकलने लगा. पाण्डेय जी रुके नही. वो जल्दी जल्दी अपनी ऊँगली चलाते रहें. फिर शीतल की चूत से उनकी गरम गरम काजू के पेस्ट जैसी खीर निकलने लगी. ये कुछ और नही शीतल की चूत के माल था. पाण्डेय जी से मुँह उनके भोसड़े में लगा दिया. और सारा माल पी गए. कुछ देर बाद उन्होंने शीतल को फिर चोदा. 

ये Jawan Jism Porn की कहानी आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे…………………..

अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-

Related posts:

  1. नौकरानी की जवानी पर फ़िदा हुआ मैं
  2. नेपाली नौकर ने मेरे साथ दुष्कर्म किया
  3. बहन ने मुझे कामवाली को चोदते देख लिया
  4. पति ढंग से नहीं पेल सका तो नौकर साथ सो गई
  5. सऊदी में कफील की चुदासी बेटी ने चुदवाया
  6. खुबसूरत कामवाली की वर्जिन चूत चोदी

Filed Under: Desi Maid Servant Sex Tagged With: Blowjob, Boobs Suck, Hindi Porn Story, Kamukata, Kunwari Chut Chudai, Mastaram Ki Kahani, Pahli Chudai, Sexy Figure

Primary Sidebar

हिंदी सेक्स स्टोरी

कहानियाँ सर्च करे……

नवीनतम प्रकाशित सेक्सी कहानियाँ

  • Mausi Ki Chut Ko Jamkar Choda
  • रात में घर बुलाके चुदवाया शहनाज ने
  • Anjan Pyasi Bhabhi Sath Bed Me Romance
  • लंड है कि मानता नहीं
  • Alone Working Woman Ki Sex Desires

Desi Chudai Kahani

कथा संग्रह

  • Antarvasna
  • Baap Beti Ki Chudai
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Desi Adult Sex Story
  • Desi Maid Servant Sex
  • Devar Bhabhi Sex Story
  • First Time Sex Story
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Group Mein Chudai Kahani
  • Hindi Sex Story
  • Jija Sali Sex Story
  • Kunwari Ladki Ki Chudai
  • Lesbian Girl Sex Kahani
  • Meri Chut Chudai Story
  • Padosan Ki Chudai
  • Rishto Mein Chudai
  • Teacher Student Sex
  • माँ बेटे का सेक्स

टैग्स

Anal Fuck Story Bathroom Sex Kahani Blowjob Boobs Suck College Girl Chudai Desi Kahani Family Sex Hardcore Sex Hindi Porn Story Horny Girl Kamukata Kunwari Chut Chudai Mastaram Ki Kahani Neighbor Sex Non Veg Story Pahli Chudai Phone Sex Chat Romantic Love Story Sexy Figure Train Mein Chudai

हमारे सहयोगी

क्रेजी सेक्स स्टोरी

Footer

Disclaimer and Terms of Use

HamariVasna - Free Hindi Sex Story Daily Updated