Hot Padosan Fuck Story
मेरा नाम वरुण है. मेरी उम्र अभी बाईस साल है. मैं अभी चेन्नई में रहता हूं. मेरे घर के सामने वाले घर में एक आंटी रहती थीं, उनका नाम वीना था. आंटी की उम्र पैंतीस साल थी, लेकिन वो दिखने में बिल्कुल चौबीस का माल लगती थीं. उनके तने हुए मम्मे बड़े मस्त थे… एकदम कसे हुए लगते थे. Hot Padosan Fuck Story
आंटी के मम्मे बत्तीस इंच साइज़ के रहे होंगे और उनकी गांड का तो मत पूछो यार… एकदम ऐसे कि सबको घायल कर दे. अभी हम यहां नए नए रहने आए थे, तो मैं और मेरे पापा ही रहते थे. पापा भी ऑफिस में काम करते हैं और मैं भी. एक दिन वीना आंटी ने मुझसे पूछा- तुम नए आए हो?
मैं बोला- हां हम लोग इधर नए आए हैं.
फिर उन्होंने बोला- ओके… कभी कुछ काम हो, तो बेहिचक बता देना.
मैंने भी उनको बोला- धन्यवाद आंटी… आपको भी कभी मेरी जरूरत हो, तो बताना… मेरे लायक होगा, तो जरूर करूंगा.
वीना आंटी मेरी ओर देखते हुए चली गईं. उनकी नजर मुझे घायल कर गई थी. फिर एक दिन मेरे पापा कुछ काम से पांच दिन के लिए बंगलौर गए थे. मुझे खाना बनाना आता नहीं था. मैं सोच ही रहा था कि बाहर से खाना लेकर आऊं या बाहर ही जाकर खा आऊं कि तभी वीना आंटी बाहर से कहीं जा रही थीं.
वो मुझको देख कर बोलीं- क्या हुआ वरुण… कुछ परेशान लग रहे हो?
वैसे मैं बता दूँ कि वीना आंटी अकेली ही रहती थीं और घर चलाने के लिए ट्यूशन देती थीं. उनके हसबैंड ने उनको छोड़ दिया था.
फिर मैंने आंटी से बोला- आंटी मुझे खाना बनाना नहीं आता और मुझे आज बाहर खाने का भी मन कर रहा है, लेकिन मैं इधर के बारे में इतना कुछ नहीं जानता हूं… इसलिए सोच रहा था क्या करूं.
आंटी बोलीं- ओह… ये बात है… वैसे मुझे भी आज बाहर खाने का मन कर रहा है. एक काम करते हैं. हम दोनों आज बाहर खाने चलते हैं. इसी बहाने तुम्हें भी इधर के बारे में कुछ पता चल जाएगा और खाना भी खा लेंगे.
मैंने मजाक में बोल दिया- आंटी फिर तो ऐसा लगेगा कि मैं आपको डेट कर रहा हूं.
आंटी शरारती स्माइल देते हुए बोलीं- हां यही समझ लेना.
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मैं उनके इस जवाब से बहुत खुश हुआ. थोड़ी देर में आंटी जींस टॉप पहन कर तैयार हो कर आईं, तो मैं आंखें फाड़ कर उन्हें देखता ही रह गया. आंटी बड़ी ही खूबसूरत लग रही थीं. उन्हें देख कर मुझे लग रहा था कि खाना पीना बाद में देखा जाएगा… इस साली को पहले यहीं पर पटक कर चोद दूं.
लेकिन अभी मुझे कंट्रोल करना था. मेरे लंड महाराज सलामी देने लग गए थे और मैं अपने लंड को हाथों से छुपा रहा था. मेरा लंड आठ इंच लम्बा और तीन इंच मोटा है. इसलिए मुझे उसे छिपाने में दिक्कत हो रही थी. तभी आंटी बोलीं- क्या हुआ वरुण… कुछ भी छुपाने की जरूरत नहीं है… होता है और अब चलो. मेरी हालत ऐसी हो गई थी कि क्या बताऊं.
फिर आंटी अपनी कार की चाबी लेने जा रही थीं, तो मैं बोला- आंटी बाइक पर चलते हैं. आंटी शरारत भरी निगाहों से मुझे घूर रही थीं. फिर वो बोलीं- क्या मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूं? मैं हंस कर बोला- गर्लफ्रेंड नहीं हो, तो क्या हुआ… दोस्त तो हम बन ही गए हैं… चलो अब देर हो रही है.
मैंने बाइक स्टार्ट की और आंटी लेडीज स्टाइल में बैठने लगीं. मैं बोला- आप ऐसा बैठोगी… तो मैं बैलेंस नहीं रख पाऊंगा… आप सही से बैठ जाओ न. मेरे जैसे प्यारी सी स्माइल के साथ उन्होंने बोला- तू शैतान है. वो दोनों तरफ टांगें डाल कर बाइक पर बैठ गईं.
हम दोनों रेस्टोरेंट की तरफ जा रहे थे. बीच में गड्डों की वजह से उनके चूचे मेरी पीठ पर लग रहे थे. उनके निप्पल खड़े हो गए थे… क्योंकि मुझे उनके निप्पल महसूस हो रहे थे. थोड़ी देर बाद मुझे लगा- आंटी रो रही हैं. मैंने रुक कर देखा, तो वो सच्ची में रो रही थीं. मैंने बाइक रोक कर उनसे पूछा- क्या हुआ? ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आंटी बोलीं- कुछ नहीं ऐसे ही मुझे अपने पति की याद आ गई क्योंकि वो भी मुझको ऐसे ही घुमाने लेकर जाते थे. मैंने जैसे तैसे उनको शांत किया. उनको गले से लगा कर चुप करवाया. उनकी आंखों के आंसू पौंछे. फिर उनको हंसाने के लिए मैं हंसी मजाक करने लगा. कुछ ही पलों में वो भी हंसने लगीं और मेरे से मस्ती करने लगीं. वीना आंटी अब फिर से मेरे पीछे बैठ गईं और इस बार उनके हाथ मेरी कमर को पकड़े हुए थे.
तभी उन्होंने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने मना कर दिया, तो वो बोलीं- ऐसा तो नहीं लगता मुझे.
मैं बोला- ऐसा ही है… क्योंकि मुझे लड़कियों से बात करने में डर लगता है.
उन्होंने बोला- मन नहीं करता कि कोई तुम्हारी गर्लफ्रेंड बने?
मैं बोला- चाहता तो मैं भी हूँ… लेकिन कौन बनेगी मेरी गर्लफ्रेंड.
आंटी ने बोला- क्या मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनने लायक हूँ?
मैं तो जैसे पागल हो गया और बाइक वहीं पर रोक कर बंद कर दी. आंटी अभी कुछ समझ पातीं कि उसी टाइम मैंने पीछे घूम कर उनके होंठों पर एक लिपकिस कर दिया. ‘आह… क्या रसीले होंठ थे उनके!’ मेरे किस करने से आंटी पहले तो अकबका गईं.
पर उधर सुनसान था, तो आंटी को मजा आने लगा और वे मेरे होंठों को साथ देने लगीं. करीब पांच मिनट तक हमारी किस चली. फिर आंटी मुझे दूर हुईं. अब आंटी किसी नई नवेली दुल्हन की तरह शर्मा गईं और उन्होंने अपनी नजरें झुका लीं. मैं वापिस बाइक स्टार्ट करके आगे बढ़ गया.
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इस बार आंटी ने मुझे कसके पकड़ रखा था और वो धीरे धीरे अपना हाथ मेरे लंड पर ले जा रही थीं. मेरे गाल पर किस कर रही थीं, क्या मस्त एहसास था. लेकिन तभी हम रेस्टोरेंट तक पहुंच गए. मैंने आंटी से बोला- अब तो छोड़ दो यार… पहले खाना खा लेते हैं मेरी जान, फिर तो मैं आपका ही हूँ. वो मुस्कुरा दीं.
हम दोनों ने होटल में जाकर साथ में खाना खाया. मैं बाहर निकला, तो पास में ही वाइन की दुकान थी. तो मैंने आंटी से पूछा- वीना, तुम दारू पियोगी? वो मुझे नाम लेते हुए सुनकर फिर से मुस्कुरा दीं और बोलीं- हां… ले लो. मैंने कहा- ठीक है, मैं लेकर आता हूं. घर चल कर पिएंगे. वैसे तुमको कौन सा ब्रांड पसंद है?
आंटी बोलीं- शीवाज रीगल.
मैं बोला- हां मुझे भी यही पसंद है.
मैं एक बॉटल लेकर आया और पास में ही एक मेडिकल स्टोर था, वहां से डॉटेट कंडोम का एक पैकेट ले लिया… क्योंकि मुझे पता था कि आज क्या होने वाला है. मैंने वियाग्रा भी ले लीं. फिर हम दोनों घर के लिए निकल पड़े. रास्ते में आंटी ने बहुत मज़े किए.
उन्होंने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से मसल मसल कर मुझे पागल कर दिया. कुछ देर बाद हम दोनों घर आ गए थे. मैं अपने घर जा रहा था, तो उन्होंने मुझे रोका और पूछा- कहां जा रहे हो? मैं बोला- अभी कपड़े बदल कर आता हूँ. आंटी बोलीं- पहनने किसको है मेरी जान… कोई जरूरत नहीं है. मैं हंस दिया.
हम दोनों उनके घर में आ गए. जैसे ही घर में दरवाजा बंद करके घुसा था कि वीना आंटी मेरे पर टूट पड़ीं. वो इतना जोर जोर से मेरे होंठों को किस कर रही थीं कि क्या बताऊं. किस करते हुए हम दोनों बेडरूम में आ गए. आंटी ने कमरे में जाते से एसी चालू कर दिया और मेरे कपड़े भी इतनी जल्दी उतार दिए कि जैसे भूखी शेरनी को बहुत दिनों से खाना मिला हो.
आंटी मेरी गर्दन में काट रही थीं, मेरे होंठों को भी चूस रही थीं. मैंने उन्हें थोड़ी देर रुकने का बोला. आंटी ने मेरा हाथ झटकते हुए कहा- नहीं रुक सकती… तुम मुझे करने दो. आंटी ने धीरे धीरे मेरे सब कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे जन्नत मिल गई हो… क्या मस्त लंड चूस रही थीं. ऊपर से नीचे तक पूरा लंड आंटी की जुबान की गिरफ्त में था. मैंने उनको धक्का दिया और अपने नीचे खींच लिया. अपने दोनों हाथों को उनके हाथों पर रख कर मैंने आंटी को पकड़ लिया.
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फिर मैं उन्हें वासना से किस करने लगा. वो मुझे खा जाने की कोशिश कर रही थीं. मैंने आंटी की जींस और टॉप निकाल दिए थे. फिर मैं धीरे धीरे उनकी गर्दन में किस कर रहा था और काट रहा था. कुछ देर बाद मैंने आंटी की ब्रा उतार दी. क्या मस्त चूचे थे आंटी के और उनके ब्राउन कड़क निप्पल क्या लग रहे थे.
मैं आंटी के एक चूचे को मुँह में लेकर चूस रहा था. इस वक्त मेरा लंड उनकी चूत में टच हो रहा था. अभी तक मैंने उनकी पैंटी को नहीं उतारा था. वो नीचे से उछल उछल कर चूत को लंड पर टच करा रही थीं. फिर मैंने आंटी की पैंटी को खोल दिया. उनकी चूत एकदम क्लीन थी. क्या फूली हुई चूत थी, एकदम उभरी हुई पावरोटी की तरह.
अब दोनों बिल्कुल नंगे थे. एक दूसरे की बांहों में चिपक कर किस कर रहे थे. मैं अपना एक हाथ नीचे उनकी चूत पर ले जाकर उंगली घुमा रहा था. वो मेरे लंड को हिला रही थीं. फिर मैं बोला- पहले अपने नशे को और बढ़ा लेते हैं… दो दो पैग दारू पी लेते हैं, फिर मज़ा और दुगुना हो जाएगा. आंटी ने भी हां कर दी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं आंटी के फ्रिज से कोल्डड्रिंक ले आया. उसी वक्त मैंने वियाग्रा की गोली और कंडोम का पैकेट वहीं रख दिया. आंटी ने किचन से गिलास ले लिए कुछ नमकीन भी ले लिया. मैंने कमरे में आकर पैग बनाए. मैं बैठा हुआ था लेकिन मेरा लंड खड़ा था. वीना आंटी मेरा खड़ा लंड देखते हुए मुझसे बोलीं- अब तुम खड़े हो जाओ… पहले मुझे तुम्हारे लंड की दारू पीनी है.
मैं खड़ा हो गया. वीना आंटी मेरे लंड पर दारू को डाल कर शराब पीती गईं. मैं उनका गिलास खाली होते ही फिर से भर देता था. इस तरह से वीना आंटी ने ने तीन पैग लगा लिए. मैंने अभी दो ही लगाए थे. क्योंकि मुझे पता था कि ज्यादा पी ली, तो कुछ कर नहीं पाऊंगा.
मैं वीना आंटी से बोला- रुको मैं टॉयलेट जाकर आता हूं. फिर मैं वहां से किचन में गया और एक वियाग्रा की गोली खाई. साथ में कंडोम का पैकेट साथ में लेकर आया. अब तक वीना आंटी को दारू चढ़ गई थी. मैं उनके पास जाकर लेट गया और उनको प्यार करने लगा.
वो भी मेरे से ऐसे लिपट गईं, जैसे दो सांप लिपट जाते हैं. फिर वीना आंटी बोलीं- वरुण अब नहीं रहा जाता मेरी जान… बस जल्दी से डाल दो. मैं बोला- कंडोम लगा कर डालूं… या बिना कंडोम के? वो बोली- बिना कंडोम के ही डाल दो. मैं वीना आंटी के ऊपर आ गया और पहले उनके मम्मों के बीच में लंड डाला और हिलाया.
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मैं अपने लंड को आंटी के मम्मों से घिसता हुआ, उनके होंठ पर टच कर रहा था. फिर मैंने उनके मुँह में लंड दे दिया. आंटी पूरा का पूरा लंड मुँह में ले रही थीं. अब मुझे वियाग्रा का असर भी होने लगा था… जिससे मुझे अपना लंड फूलता सा लगने लगा था.
फिर मैंने लंड को उनकी चूत पर रख कर दोनों फांकों के बीच में घिसने लगा. वीना आंटी चुदास से पागल हुई जा रही थीं. वे अपनी गांड उठा कर लंड खाने की कोशिश कर रही थीं. तभी मैंने एक धक्का दे दिया और मेरा मूसल लंड थोड़ा सा आंटी की चूत में घुस गया.
वीना आंटी के मुँह से एक लम्बी ‘आह… मर गई!’ निकल गया. आंटी सिसयाने लगीं- वरुण आराम से करो… बहुत दिन से नहीं लिया… और तुम्हारा तो मेरे पति से भी बहुत मोटा है. मैंने एक जोर से धक्का मारा और वीना आंटी की चूत में मेरा आधा लंड चला गया.
वीना आंटी जोर से चिल्ला दीं- आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… वरुण आराम से… दर्द हो रहा है… धीरे धीरे कर. अब मैं लंड अन्दर बाहर करने लगा था. वीना आंटी को भी चुदने में अब मज़ा आने लगा था- आ ह आह आह और जोर से वरुण… फाड़ दे मेरी ये चूत तू आज… साली बहुत तड़पाती है मुझे.
वीना आंटी को अब दर्द नहीं हो रहा था. तभी मैंने पूरा लंड चूत में डाल दिया. मेरा लंड चूत को फाड़ता हुआ पूरा अन्दर चला गया. वीना आंटी को फिर से ज्यादा दर्द हुआ तो उन्होंने मुझे जकड़ कर रुकने को इशारा किया. मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा. फिर वीना आंटी का दर्द जैसे ही कम हुआ, मैं लंड अन्दर बाहर करने लगा.
अब वीना आंटी नीचे से गांड उछाल उछाल कर मेरा पूरा लंड अन्दर ले रही थीं. सच में चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था. आंटी जोर जोर से मादक सिसकारियां ले रही थीं. ‘आह वरुण… चोद दो मुझे… आज फाड़ दो मेरी चूत को… ओह वरुण… और जोर से आह आ आ आह ओह… यस कम ऑन वरुण… और जोर से.’
कोई दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने वीना आंटी को घोड़ी बना दिया. फिर उनके पीछे से चूत में लंड डाला और धक्के देना शुरू कर दिए. आह क्या मस्त एहसास था… मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वीना आंटी के बालों को मैंने पकड़ लिया था. मैं उनको पीछे से घोड़ी बनाए हुए चोद रहा था.
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मैं एक हाथ से चोटी पकड़े हुए लंड पेल रहा था और दूसरे हाथ से आंटी की चूची को मसलते हुए उनको भी मजा दे रहा था. कुछ देर बाद मैंने आंटी के दोनों मम्मों को जोर से पकड़ लिए और आटे सा गूँथते हुए मम्मों को दबाए जा रहा था. आंटी मस्ती से चुद रही थीं.
फिर कुछ देर बाद वीना आंटी का पानी निकलने वाला हो गया था. वो एकदम से कड़क होने लगी थीं- ओह वरुण जोर से चोद… आह और जोर से… मैं आने वाली हूं. तभी मैंने लंड निकाल लिया और वीना आंटी एकदम से गुस्सा हो गईं. उन्होंने मुझे पकड़ कर नीचे लेटा दिया और लंड पर चढ़ गईं.
वो मुझे किस करते हुए लंड से मुझे चोदने लगी थीं. मैं उनके मम्मों को दबा दबा कर गांड उठा रहा था. तभी वीना आंटी का पानी निकल गया और वो मेरे ऊपर गिर गईं. कुछ पल बाद वो मेरे ऊपर से हटने की कोशिश करने लगीं, लेकिन मैंने उन्हें नहीं जाने दिया… क्योंकि मेरा अभी तक नहीं हुआ था.
वीना आंटी का बहुत सारा पानी निकला था, जिससे मेरा पूरा लंड पानी में भीग गया था और मेरी जांघें भी चिपचिपी हो गई थीं. मैंने वीना आंटी को ऐसे ही रहने दिया. उनकी पूरी चूत गीली थी. अब मैं नीचे से धक्के मारने लगा. मुझे उनकी रसीली चूत में ठोकर देने में बहुत मज़ा आ रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं उनके गालों में किस कर रहा था और लंड चूत में पेल रहा था. पूरा कमरा अब हमारी चुदाई की आवाज से गूंज रहा था. मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊं दोस्तो. थोड़ी ही देर में वीना आंटी वापिस मेरा साथ देने लगीं. वो भी अब जोर से उछलने लगीं.
वीना आंटी तो मानो अब पागल हो गई थीं- आह वरुण… आज तूने मुझे पूरा पागल कर दिया… अब तुम मेरी चूत को हर रोज बजाना… आज से ये चूत तुम्हारी अमानत है. आंटी ने जोर से किस किया और मेरे होंठों को चूसने लगीं. तभी फिर से वीना आंटी का पानी छूटने लगा.
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आंटी की पूरी चूत पानी पानी हो गई थी, लेकिन मैं नीचे से जोर जोर से धक्के मारता रहा. तभी मेरा भी अब निकलने वाला हो गया था. मैंने वीना आंटी से बोला- मेरा निकलने वाला है… कहां लोगी? आंटी बोलीं- मुझे तुम्हारा ये अमृत पीना है… इसे मेरे मुँह में निकाल दो. थोड़ी देर में मैंने आंटी की चूत से लंड को निकाला और उनके मुँह से लगा दिया. वीना आंटी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं. तभी मेरा पानी उनके मुँह में निकल गया. मेरे लंड से इतना अधिक पानी निकला कि उनका मुँह पूरा भर गया.
आंटी ने वो पूरा रस पी लिया… फिर मेरे ऊपर लेट कर मुझे प्यार करने लगीं. उस दिन मैंने वीना आंटी को चार बार चोदा. फिर जब तक पापा वापस नहीं आ गए, मैं वीना आंटी को दिन और रात चोदता रहा. पापा के आने के बाद भी मुझे जब भी मौका मिलता है, तो आंटी अपनी चूत को मेरे हवाले कर देती हैं. आपको मेरी और आंटी की चुदाई की कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं. धन्यवाद. इस समय हम पंजाब में रेहते है किसी बी लड़की जा भाभी को अपनी चुत की आग को मिटाना हो ते वह मुझको संपर्क कर सकता है 8699631474
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