Hot Next Door Bhabhi
मैंने मकान चेंज कर लिया और मैंने सिटी में रेंट पर मकान ले लिया. मुझे एक्सरसाइज (कसरत) का बहुत शौक है. मेरे घर में एक्सरसाइज का बहुत सारा सामान था. मॉर्निंग में जॉगिंग के बाद में करीब 1 ऑवर तक एक्सरसाइज करता था. दिसंबर-जनवरी का मंथ था. Hot Next Door Bhabhi
इस मंथ में बहुत जबरदस्त विंटर पड़ती है लेकिन मैं सुबह 5 बजे जॉगिंग के लिए निकल जाता और 6:15 पर घर की छत (रूफ) पर एक्सरसाइज करने के लिए आ जाता था. मैं करीब 1 ऑवर तक एक्सरसाइज करता था. जिसके बाद मेरा सर्वेंट आकर नाश्ता बनाता और मैं ब्रेकफास्ट लेकर ऑफिस चला जाता.
मुझे एक्सरसाइज का इतना जबरदस्त शौक था कि मैं कई बार इवनिंग में भी जमकर एक्सरसाइज करता. यही रीज़न था की मेरा बॉडी बिल्ट स्ट्रांग और मस्कुलर था और लंड भी करीब 6” लॉन्ग और मोटा था. ममता को एक राउंड में 2-3 बार डिस्चार्ज करने के बाद मैं अपना खूब सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ता था.
इस नए हाउस के आस पास लगभग सभी सिंगल स्टोरि हाउस थे सिवाए मेरे मकान के, अटैच्ड मकान के जो की डबल स्टोरि मकान था. उस घर में कौन-कौन रहता था इसकी जानकारी मुझे नहीं थी. ऊपर वाली रूफ पर दो रूम्स बने हुए थे और एक स्टैर्स का जीना था. उस घर की रूफ मेरी रूफ से अटैच्ड थी पर मैंने ऊपर वाले दोनों रूम्स को हमेशा बन्द ही देखा था.
खैर एक दिन जब मैं इवनिंग में एक्सरसाइज कर रहा था उस डबल स्टोरि हाउस की तरफ मेरी बैक थी तभी मैंने एक औरत की मीठी आवाज़ सुनाई दी. वोह बोली “सुनिए” मैं एक्सरसाइज करता-करता रुक गया और घूम कर पीछे देखा. मैं खड़ा होकर उसके पास तक गया और बोला जी नमस्कार. उसने भी हाथ जोड़कर नमस्ते कहा फिर बोली.
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उसने पूछा: क्या यह मकान आपने किराये पर लिया है.
मैं: हाँ किराये पर लिया है.
वो: कितना रेंट दे रहे हैं आप.
मैं: 5500 रुपये पर मंथ.
वो: यहां आप अकेले रहते हैं.
मैं: हाँ अकेला ही रहता हूँ.
वो: क्या काम करते हैं आप.
मैं: गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में जूनियर अफसर हूँ.
वो: क्या आप डेली एक्सरसाइज करते हैं.
मैं: ऐसे ही टाइम पास करने के लिए एक्सरसाइज कर लेता हूँ.
वो: टाइम पास के लिए ही सही आपने बॉडी शानदार बना रखी है. क्या मसल्स हैं.
मैं: थैंक यू.
मुझमें वोह इंटरेस्ट दिखा रही थी इसीलिए मैंने बात आगे बढ़ाने का सोचा और उससे पूछा.
मैं: आप लोग कब से इस मकान में रह रहे हैं.
वो: हम लोग यहीं के रहने वाले हैं.
मैं: कौन-कौन हैं आपके घर में.
वो: मैं हूँ मेरे दो बच्चे हैं मेरी सास है लास्ट ईयर तक मेरी ननद भी हमारे साथ ही रहती थी पर अब उसकी शादी हो चुकी है.
मैं: भाई साहब क्या करते हैं और कहाँ रहते हैं.
वो: वे सूरत में बिज़नेस करते हैं और महीने में एक आध बार आ जाते हैं.
मैं: आप लोग उनके साथ नहीं रहते.
वो: वहां अभी हमने घर नहीं बनाया है. 2-3 साल में हम वहां शिफ्ट हो जायेंगे. अभी 6 महीने पहले ही तो वो बिज़नेस करने वहां गए हैं. यहाँ बिज़नेस में लोस्स लगने के बाद वो वहां नया बिज़नेस करने गए हैं. जब बिज़नेस सेट हो जायेगा तो हम लोग भी सूरत शिफ्ट हो जायेंगे.
फिर उसने मेरा नाम पूछा मैंने भी उसका नाम पूछा. उसका नाम गरिमा था. इसके बाद वो वहां से चली गई लेकिन मेरे दिल पर अपनी छाप छोड़ गई और आँखों ही आँखों से मुझे दीवाना कर गई. अब मैं आपको उसका डिस्क्रिप्शन दे दूँ. उसका नाम गरिमा था वो करीब 30-32 साल की भरे-भरे बदन की औरत थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
ख़ूबसूरत चेहरा मोटी-मोटी आँखें भरे-भरे बूब्स शानदार हिप्स थे उसके लम्बाई करीब 5’3” थी. जब वो जा रही थी तो उसने रेड कलर की जो साड़ी पहन रखी थी उसके नितम्बों को मैं ऊपर नीचे होते हुए देख रहा था. उसके चूतड़ काफी चौड़े थे जिससे चलते हुए उसके दोनों चूतड़ साफ़ अलग-अलग दिखाई पड़ रहे थे.
उसकी चाल से ही मैंने अंदाज लगाया की उसकी थाई भी बहुत मोटी-मोटी थी. हाँ एक चीज़ मैं आपको बताना भूल गया वो एकदम गोरे रंग की थी और उसके लिप्स बहुत मोटे-मोटे और रसीले थे. रात होने पर ड्रिंक करने के बाद जब मैं सोने लगा तो उसे इमेजिन कर दो बार मैंने मुट्ठ मारी.
मैंने पक्का विचार बना लिया था की मैं उसे एक वीक के अंदर-अंदर चोद डालूंगा आखिर वो भी तो अपने हस्बैंड से करीब 6 महीने से दूर थी. अब मैं मॉर्निंग और इवनिंग दोनों वक़्त ज्यादा एक्सरसाइज करने लगा. वो भी अक्सर आकर अपनी टेरेस पर खड़ी रहने लगी. मुझे देखती और मुस्कुरा देती.
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मैं भी मुस्कुरा देता पर हम कोई बात नहीं करते थे. तीसरे दिन मॉर्निंग में जब मैं एक्सरसाइज कर रहा था तो वो चाय के दो कप लेकर ऊपर आ गई. सुबह के करीब 6:15 का टाइम था जैसा की विंटर में होता है अँधेरा था. वो मेरे करीब आई और बोली विजि चाय पी लीजिये.
जब मैंने उससे कहा की मैं सुबह चाय नहीं बल्कि दूध पीता हूँ तो उसने कहा “आज तो मैं बना ले आई हूँ जल्दी ही दूध भी पीला देंगे.” उसके इस डबल मीनिंग बात को मैं समझ गया और उसके हाथ से चाय का कप ले लिया. कप लेते समय मैंने जान बूझकर उसके हाथ को दबा दिया उसने कुछ नहीं कहा और मुस्कुराती रही.
गरिमा नाईटी पहने हुए थी उसके बोबे नीचे लटक रहे थे जिसका मतलब था की उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी. सुबह-सुबह वो इतनी सेक्सी लग रही थी मेरा मन कर रहा था की उसे अभी चोद डालूं. चाय पीने के बाद मैंने गरिमा से पूछा “आपके यह ऊपर वाले दोनों रूम क्या खली पड़े हुए हैं.”
उसने कहा “हाँ जब कोई गेस्ट आता है तो हम यह ऊपर वाले रूम खोल देते हैं क्या आप देखना चाहते हैं.”
मैंने कहा “हाँ.”
तो वोह बोली “मैं चाबी लेकर आती हूँ आप देख लीजियेगा. काफी दिनों से इन रूम्स की सफाई नहीं हुई है जब तक आप एक्सरसाइज कर रहे हैं तक मैं इनकी सफाई भी कर लूंगी.”
मैं गरिमा के कहने का मतलब समझ चूका था और धड़कते दिल से मैं भी उस काम के लिए तैयार हो चूका था जिसका मौका भगवान ने मुझे तीसरे दिन ही दे दिया. गरिमा नीचे से चाबी लेकर आई और मुझसे कहा “आइये देख लीजिये.” मैं उसकी छत्त (रूफ) पर आ गया और उसने चाबी लगाकर एक रूम का लॉक खोला और बोली “ये हमारा गेस्ट रूम है जब भी कोई आता है हम उसे इसी रूम में ठहराते हैं.”
ये कहते हुए मैंने फील किया की उसकी साँसें भारी थी इधर मेरा भी यही हाल था. बाहर अँधेरा होने के कारण रूम में भी अँधेरा था जैसे ही वो ट्यूबलाइट का स्विच दबाने के लिए आगे बढ़ी मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके बोबों को दबाने लगा साथ ही मैंने उसके गाल को चूम लिया.
उसने अपने आपको मुझ से छुड़ाने का नाटक किया और बोली “कोई देख लेगा छोडो मुझे.” मैं सब समझता था मैंने उस से कहा “सर्दी का मौसम है कोई नहीं आएगा.” मैंने उसे पीछे से अपनी बाहों में ले रखा था और उसके बोबों को मसल रहा था. उसके चूतड़ से मेरा लंड टच हो रखा था.
और इस वक़्त तक किसी रोड की तरह टाइट हो चूका था जिसे गरिमा अच्छी तरह महसूस कर रही थी. वो फिर बोली “मुझे डर लग रहा है कोई आ जाएगा तुम्हे जो भी करना है जल्दी कर लो.” उसकी साँसें बहुत भारी हो चली थी. मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके नाजुक गुलाबी होठों में अपने होंठ दे दिए और एक लम्बी फ्रेंच किश की.
उसने फिर कहा “जो भी करना है, जल्दी करो.”
गरिमा काफी डर रही थी क्योंकि वो सच कह रही थी हालांकि उसने नीचे से आने वाले स्टेयर्स का दरवाजा बन्द कर रखा था लेकिन बेकार में वक़्त खराब करना ठीक नहीं था. फ्रेंच किश करते वक़्त मैंने अपने हाथों से उसकी नाईटी ऊपर करके उसके चूतड़ पर हाथ फिरकर उसकी गांड का मुआयना कर लिया.
उसके चूतड़ काफी टाइट और सुडोल थे. उसके चूतड़ पर हाथ फिरते वक़्त मैं स्वर्ग का आनंद ले रहा था. गरिमा ने अभी भी अपनी आँखें बन्द कर रखी थी. वक़्त की नजाकत को समझते हुए मैंने उसे घुमाया और उसकी नाईटी को ऊपर किया और अपना फनफनाता लंड बाहर निकाला.
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उसका हाथ पीछे करके उसके हाथ में दिया तो वोह बोली “उफ़ ये तो कितना टाइट और गरम हो रखा है और कितना बड़ा है.” मैंने उस से कहा “गरिमा मेरी जान अभी कुछ मत कहो जो कहना है बाद में कह लेना अभी इसे इसका काम करने दो.” ये कहते हुए मैंने गरिमा को झुकने को कहा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तो वो अपने दोनों हाथों को रूम में पड़ी चारपाई पर झुका कर खड़ी हो गई. मैंने उसकी नाईटी को ऊपर उठाया और लंड को उसकी चूत से सटा दिया. उसकी चूत अभी सुखी हुई थी और लंड लेने को तैयार नहीं थी. मैंने 1 मिनट तक लंड को उसकी चूत और गांड पर फिराया.
फिर लंड के सुपाड़ी को उसकी चूत के मुहं पर सेट किया और एक जोरदार शॉट मारा. लंड फिसल कर एक तरफ हट गया. फिर गरिमा ने अपने हाथ से लंड को अपनी चूत के मुहं पर लगाया और बोली “अब मारो धक्का” मैंने जैसे ही आगे की और धक्का दिया आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.
गरिमा धीरे से चीखी श्श्शश्श्श्शह्ह्ह. दुसरे ही धक्के में पूरा लंड उसकी चूत के अंदर था. लंड पूरा घुस जाने के बाद में रुका और उसकी नाईटी के अंदर हाथ डाल कर मैंने उसके बोबे जिन्हे मैंने अभी तक देखा तक भी नहीं था को पकड़ लिया और मसलने लगा. मैं गरिमा पर पूरा झुका हुआ था और उसकी चूत में मेरा पूरा लंड था.
मेरा पेट उसके गोल गुदाज चूतड़ से सटा हुआ था. गरिमा के बोबों को दबाने के लिए झुकने के कारण मुझे अपने पैरों के पंजों के बल खड़ा होना पड़ा. खैर उसके निप्पलों को अपनी उँगलियों से मसलते हुए मैं अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा. गरिमा मेरे हर धक्के पर धीरे-धीरे सिसकारियां भर रही थी.
साथ ही धीरे धीरे वो आह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्हह्ह्ह ओह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआह्ह्ह्ह आईईईईईईईई भी कर रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने गरिमा से पूछा “गरिमा मेरी रानी कैसा लग रहा है.” वो बोली “बहुत मजा आ रहा है 6 महीने के बाद आज मेरी चूत को प्यार मिला है. बोलो मत सिर्फ चुदाई करो मेरी चूत को आज फाड़ डालो क्या शानदार लंड है तुम्हारा.”
2 मिनट बाद गरिमा ने मुझे कहा “विजि मेरे राजा तेज तेज करो और तेज….. और तेजजजजजजजज.” कहते हुए वो अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी. अगले ही पल वो झड़ गई जिसका अहसास मुझे उसकी बॉडी के कंपन से हुआ. जैसे उसकी बॉडी में मेरे लंड ने करंट सा फैला दिया हो.
झड़ने के बाद वो बोली “6 महीने के बाद लंड का स्वाद मिला है सारा एक्साईटेमेंट इकट्ठा हो रखा था तुम्हारे लंड से 2 मिनट में ही मस्ती सी आ गई और मैं स्वर्ग में पहुंच गई. मेरे राजा क्या तुम मुझे रोज यही सुख दोगे मैं तुम्हारी दासी बनके रहूंगी.” मैंने कहा “हाँ मेरी रानी मैं रोज तुम्हारी इस प्यारी सी चूत को अपने लंड से सुख दूंगा….”
ये कहते हुए मैंने अपनी रफ़्तार जबरदस्त तेज कर दी क्योंकि मेरे लिए गरिमा की चूत नई चूत थी इसलिए मैं भी झड़ने के कगार पर पहुँच गया था. क्योंकि उसकी चूत का पानी छुट चूका था इसलिए उसकी चूत बहुत नरम हो गई थी इसलिए मेरे हर झटके और धक्के पर फच…च फच..हह की आवाज आ रही थी.
जैसे ही मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हूँ मैंने उससे पूछा “गरिमा मैं झड़ने वाला हूँ बाहर झाडूं या…” मेरे बात पूरी करने से पहले ही वो बोली “प्लीज…. मेरी चूत से लंड बाहर मत निकालना झड़ना है तो मेरी चूत में ही झड़ जाओ और मेरी चूत को गरमा गरम पिचकारी से नहला दो.”
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एक पिचकारी की तरह मेरे लंड से निकला वीर्य उसकी चूत को सुख पहुँचाने लगा. वो जोर जोर से अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी. खैर अपना लंड बाहर निकाल कर मैंने उसको खड़ा किया तो मेरा लंड एकदम लाल सुर्ख हो रखा था बिलकुल वैसा जैसा गरिमा का चेहरा लाल हो रखा था.
गरिमा ने अपनी नाईटी से उसे साफ़ किया और घुटनों के बल बैठकर अपने मुहं में ले लिया. वो 1 मिनट तक मुहं में लेकर अंदर बाहर करती रही. मेरा लंड जो अब तक चूहा बन गया था वापिस से टाइट हो गया. और मैंने गरिमा की होठों में अपने होंठ डाल कर किस कर रहा था की चूत में खड़े- खड़े ही डालने की कोशिश की.
जिस पर गरिमा ने कहा “नहीं अभी नहीं अब दिन निकल चूका है मैं कल सुबह 5:30 बजे ही आ जाऊंगी.” यह कहकर गरिमा वहां से चली गई और मैं भी अपनी छत पर आ गया. अगली सुबह गरिमा मॉर्निंग के 5:30 बजे ही ऊपर टेरेस पर आ गई अपने वायदे के मुताबिक. मैंने उसे जी भर कर करीब 1 घंटे तक चोदा.
उस दिन मैंने पहले उसके मुहं में अपना लौड़ा दिया फिर घोड़ी बनाकर दो बार उसे बहुत ही जबरदस्त तरीके से चोदा. वो 4 बार झड़ी और मैं 2 बार. इस तरह हम करीब 7-8 दिनों तक चुदाई करते रहे किसी को पता भी नहीं चला. फिर जरूरी काम से मुझे जयपुर जाना पड़ गया और मैं करीब 1 वीक बाद वापस आया.
उस दिन इवनिंग में जब मैं एक्सरसाइज कर रहा था तो गरिमा रूफ पर आई और बोली “बहुत दिन लगा दिए मेरे राजा मैं तुम्हारी याद में तड़प-तड़प कर जी रही थी अब मुझे छोड़ कर मत जाना.” उसकी बात सुनकर मैंने उसको अपने पास आने को कहा तो वो अपनी छत से मेरी छत पर आ गई.
मैंने उसे मेरे पास ही नीचे बैठने को कहा वो बैठी और मैं उसे नीचे गिराकर उससे बुरी तरह लिपट गया और उसे बेतहाशा चूमने लगा. क्योंकि पैरापेट वाल करीब 2.5” ऊंची थी और हम दीवार की ओट में थे इसलिए किसी के देखने का सवाल नहीं था और मैं खुद इतना उत्तेजित था की गरिमा के छत पर आने के विचार से ही एक्सरसाइज करते हुए भी मेरा लंड खड़ा था.
गरिमा ने पीले फूलों वाली साड़ी पहन रखी थी जिसमें वो गज़ब ढाह रही थी. उसे किस करते हुए मैंने उसकी साड़ी लेते लेते ही ऊपर उठा दी थी और उसकी जांघों और चूतड़ पर हाथ फिरा रहा था. मेरे चुम्बनों से गरिमा भी एक्साइट हो गई थी और पलट कर जवाब में उसने अपनी जीभ निकाल कर मेरे मुहं में डाल दी थी.
कुल मिलकर हम दोनों बहुत ही गरम थे. एक बात बता दूँ गरिमा जब भी ऊपर आती थी तो स्टैयर्स वाले दरवाजे को बाहर से बन्द करके आती थी ताकि नीचे से कोई ऊपर न आ जाए और मेरे घर में तो कोई भी नहीं था. लेटे-लेटे ही मैंने अपने हाथ से उसकी पेंटी नीचे सरका दी थी और अब किस करते-करते ही मैं उसकी चूत पर अपना हाथ फिरा रहा था.
फिर मैंने अपनी निकर नीचे खिसकाई और लौड़ा बाहर निकाल कर उसकी चूत में पेल दिया. चूँकि करीब 7-8 दिन से मैंने गरिमा को चोदा नहीं था इसलिए मेरा लंड बहुत ज्यादा टाइट था. 7-8 दिन से गरिमा की चुदाई भी नहीं हुई थी इसलिए वो भी बहुत गरम हो रखी थी. साथ ही छत पर चुदाई करते हुए कोई भी देख सकता था इसलिए गरिमा 1 मिनट में ही झड़ गई और मेरा भी वीर्य जल्दी ही उसकी चूत को तर कर गया.
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फटाफट हमने अपने कपड़े ठीक किये और खड़े होकर बातें करने लगे. गरिमा ने मुझे बताया की कल उसकी सास उसके बच्चों को लेकर 5-7 दिन के लिए उसकी ननद के घर जाने वाली थी जो की नजदीक ही दुसरे शहर जो करीब 100 किमी दूर था और उनके वहां फॅमिली फंक्शन था.
गरिमा वहां नहीं जा रही थी क्योंकि आजकल थेफ़्ट केसेस बहुत हो रहे थे. और उसने कहा “कल रात से हम चुदाई का प्रोग्राम मेरे घर में ही करेंगे मेरी प्यास तुम्हारा लंड देखने के बाद जबरदस्त बढ़ गई है. मैं तुम्हे दिखाना चाहती हूँ की मैं कितनी बड़ी चुड़क्कड़ हूँ. अभी तक तुमने मुझे केवल घोड़ी बना कर ही चोदा है अब मैं तुम्हे अपनी सारी कलाएं दिखाऊंगी. अच्छा कल मिलेंगे मेरे रज्जा…”
अगली सुबह हमने चुदाई का कोई प्रोग्राम नहीं रखा था क्योंकि अब से 7 रातों तक हम केवल एक ही गेम खेलने वाले थे चुदाई और चुदाई… इवनिंग में जब मैं आया तो गरिमा छत पर ही खड़ी थी. आज उसने रेड कलर की साड़ी पहनी हुई थी और जबरदस्त मेकअप किया हुआ था.
एक्सरसाइज करते हुए मैं उससे इधर-उधर की बातें करता रहा. फिर वो मुझे 7 बजे अपने घर आने का कहकर चली गई. मैं आज बहुत उत्तेजित था क्योंकि मैंने कभी गरिमा को पूरी तरह नंगा नहीं किया था जबकि मैं उससे करीब 9-10 बार सेक्स कर चूका था. गरिमा ने भी मुझे पूरा नंगा नहीं किया था.
रात को मैं गरिमा के घर 9 बजे पहुंचा. मैंने रम का एक क्वार्टर अपनी पेंट की जेब में रख लिया था. गरिमा ने 8 बजे ही स्टेर्यर्स के ऊपर वाला दरवाजा खोल दिया था अपनी छत से होता हुआ उसके घर जा पहुंचा. जाते ही मैंने गरिमा को अपनी बाँहों में भर लिया और ताबड़ तोड़ उसे चूमने लग गया.
गरिमा ने कहा “मेरे राजा इतने बेसब्र न बनो आने वाली 7 रातें और सातों दिन मैं तुम्हारी ही हूँ पहले खाना वाना खा लेते हैं फिर रात भर प्यार ही तो करना है.”
मुझे उसकी बात अच्छी लगी और मैंने उसको 2 गिलास लाने को कहा. जब वो गिलास लेने किचन में गई तो मैं भी उसके पीछे किचन में जा पहुंचा और उसे पीछे से अपनी बाँहों में भर लिया और उसकी पीठ को चूमने लगा. मेरे दोनों हाथ बुरी तरह उसके बोबों को मसल रहे थे.
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फिर हम उनके पीछे वाले बैडरूम में आ गए. मैंने दोनों ग्लासेज में रम के पेग बनाये और एक गिलास मैंने गरिमा को दिया. गरिमा ने कहा “मैंने जिंदगी में कभी पी नहीं है मैंने सुना है इसे पीते ही नशा हो जाता है.” मैंने कहा “नशा नहीं मेरी रानी सुरूर हो जाता है. फिर तुम देखना चुदाई में कितना आनंद आता है.”
गरिमा ने अपनी आँखें बन्द की और एक ही घूँट में सारा गिलास खाली कर दिया. मैं आज गरिमा को ज्यादा पीला कर मदहोश कर देना चाहता था ताकि जो मैं सोच कर आया था वो सब कर सकूँ और उसे दर्द भी न हो. धीरे-2 गरिमा ने करीब 2 पेग शराब पी ली थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मुझे उसकी आँखों में रंगीन डोरे नजर आ रहे थे. मैंने बैठे-2 ही अपनी पेंट की चैन खोल दी और अपना लंड उसके हाथों में दे दिया. गरिमा थोड़ी देर तो उसे अपने हाथों में लेकर हिलाती रही फिर मैंने उसका सर पकड़ कर अपने लंड पर झुका लिया और लंड उसके मुहं में दे दिया.
गरिमा मेरे लंड पर टूट पड़ी और जोर जोर से अपने सर को आगे पीछे कर मुझे सुख देने लगी. मुझे लगा की मैं उसके मुहं में ही झड़ जाऊंगा तो मैंने उसे हटा कर खाना लाने के लिए कहा. वो खाना ले आई और हमने एक दूसरे को खाना खिलाया.
क्योंकि सर्दी बहुत ज्यादा थी इसलिए मैंने उसे ब्लोअर चला देने को कहा ताकि बिना रजाई के चुदाई का आनंद लिया जा सके. अब तक गरिमा सभी काम ख़त्म करके फ्री हो चुकी थी. मैं उठा और मैंने गरिमा को अपनी बाँहों में भर लिया और धड़ाधड़ उसे चूमने लगा.
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करीब 5 मिनट तक हम दोनों एक दुसरे के मुहं में मुहं डाले जीभ से जीभ लड़ाते हुए फ्रेंच किश करते रहे मैंने उसके रसीले होठों को चबा ही डाला था. फिर मैंने गरिमा को उठाया और बेड पर डाल दिया और उसका ब्लाउज खोल दिया. ब्लाउज के नीचे उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी जिसमें से उसके भारी बोबे बहार निकलने को तड़प रहे थे. मैंने उसकी ब्रा खोली और उसके बोबों को मसलने लगा. फिर मैंने उसकी एक चूची अपने मुहं में ले ली और उसका दूध पीने लगा और दांतों से काटने लगा.
गरिमा आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआह्ह्ह्हह्ह कर रही थी उसने आँखें बन्द कर रखी थी और बुदबुदा रही थी “विजि मेरे राजाआआआआआ आज मेरी चूचियों को पूरी तरह मसल कर रख दो मेरा सारा दूध पी जाओ हायययययययीईईई कहाँ थे अब तक तुम आज मेरी ऐसी चुदाई करो की जिंदगी भर याद रहे.” मैं दुगुने जोश से उसकी चूचियां चबाने लगा. अब तक गरिमा बहुत उत्तेजित हो चुकी थी और बार बार मेरे लंड पर हाथ डाल रही थी. सारी रात मैं उसे चोदता रहा.
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