Hot Aunties Chudai
मेरे घर के पास एक 35 साल की औरत रहती है, उनका नाम उर्मिला है। उर्मिला एक हाउसवाइफ हैं। उनका लड़का दसवीं में पढ़ता है। उनके पति एक लोकल ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करते हैं, वो सुबह 7 बजे निकल जाते हैं और रात को 10 बजे आते हैं। मैं अक्सर उनके घर जाता था क्योंकि उर्मिला का बेटा मेरा दोस्त था। Hot Aunties Chudai
उर्मिला को मैं उनके नाम से यानी उर्मिला कहकर बुलाता था, कभी-कभी उर्मिला आंटी भी कहता था। उर्मिला का शरीर काफी मोटा था। उनकी चुचियाँ बहुत बड़ी-बड़ी थीं और गांड तो कमाल की थी। यानी वो कोई आकर्षक औरत नहीं थीं। मैंने कभी भी उनको गंदी नजर से नहीं देखा था। एक दिन मैं उनके घर पर गया, वो आराम कर रही थीं।
मैंने पूछा, “ उर्मिला आंटी, किशन कहाँ है?”
किशन उनके लड़के का नाम था। वो बोलीं, “किशन अपने पापा के साथ अपनी बुआ के घर गया है, कल आएगा।”
मैंने कहा, “तो आप आज घर पर अकेली हो। कुछ काम हो तो मुझे बताना आंटी।”
उन्होंने बड़ी गंदी नजर से मुझे देखा और कुछ देर सोचने के बाद बोलीं, “हाँ बेटा, मुझे तुझसे बड़ा काम है।”
मैं बोला, “बताइए आंटी, क्या काम है?”
वो बोलीं, “अभी बताती हूँ, पहले तुझे चाय दे दूँ।”
मैं वहाँ बैठ गया। उर्मिला अंदर किचन में चाय बनाने चली गईं।
चाय लेकर आईं और मुझसे बोलीं, “बेटा, तेरे पास कोई ब्लू फिल्म है?”
ये सुनकर मैं चौंक गया कि आंटी क्या कह रही हैं।
मैंने कहा, “आंटी, ब्लू फिल्म?”
वो बोलीं, “हाँ बेटा ब्लू फिल्म, मैं कभी नहीं देखी है।”
मैंने कहा, “मेरे पास है।” वो बोलीं, “बेटा तू फिल्म लेकर आ जा।”
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मैं घर से एक ब्लू फिल्म लेकर आ गया। जब मैंने ब्लू फिल्म लगाई तो उर्मिला आंटी मेरे साथ बैठ गईं। फिल्म में चुदाई शुरू हो गई। उर्मिला आंटी मेरे पास बैठी थीं और बड़े मजे के साथ फिल्म देख रही थीं। मुझे बहुत हैरानी हो रही थी क्योंकि आज तक मैंने कभी आंटी को ऐसे नहीं देखा था। वो बिल्कुल मेरे साथ बैठी थीं।
फिल्म देखते हुए वो मुझसे बोलीं, “बेटा तूने कभी ये सब किया है?”
मेरा लंड में हरकत शुरू हो गई थी।
मैंने बोला, “आंटी मैंने तो बहुत बार किया है।”
वो ये सुनकर कुछ हो गईं और साथ में एक हाथ उन्होंने अपनी साड़ी के पेटीकोट में डाल दिया। ये देखकर मेरा लंड तन गया। वो फिल्म देखते-देखते अपनी मुठ भी मार रही थीं। मैं चुपचाप साथ में बैठा हुआ था।
वो मुझसे बोलीं, “बेटा क्या तुम मेरे फिंगरिंग करोगे?”
मैंने बोला, “आंटी ये आप क्या कह रही हो?”
वो बोलीं, “बेटा मैं सिर्फ फिंगरिंग से ही अपनी गर्मी निकालती हूँ। किशन के पापा मुझसे सेक्स नहीं करते। बहुत साल हो गए हैं मुझे सेक्स किए हुए।”
मैंने कहा, “आंटी मैंने कभी भी आपको इस नजर से नहीं देखा।”
वो बोलीं, “बेटा मैं जानती हूँ कि तूने मुझे कभी भी इस नजर से नहीं देखा, पर मैंने हमेशा से तुझे गंदी नजर से देखा है।”
मैंने कहा, “आंटी आप तो बहुत मोटी हो।”
वो बोलीं, “बेटा तू क्या बात है।”
उन्होंने अपनी पेटीकोट को ऊपर किया और उनकी चूत मेरी आँखों के सामने थी। उनकी चूत बहुत बड़ी थी और चारों तरफ काले बाल थे।
उन्होंने अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए बोलीं, “बेटा क्या इस चूत में अपना लंड डालोगे?”
मैंने बोला, “आंटी मेरा दिल तो कर रहा है कि डाल दूँ पर आपका बेटा मेरा दोस्त है, वो क्या सोचेगा कि उसके दोस्त ने उसकी माँ को चोद डाला।”
उर्मिला आंटी ने कहा, “बेटा किशन को कुछ नहीं पता चलेगा।”
मैंने कहा, “ उर्मिला आंटी चलो आज आपको शांत कर देता हूँ।”
ये सुनकर उर्मिला खुश हो गईं। उन्होंने अपने सारे कपड़े खोल दिए और वो बिल्कुल नंगी होकर मेरे सामने खड़ी हो गईं। उन्हें नंगा देखकर मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। उनकी मम्मे बहुत बड़े-बड़े थे, उनका पेट भी निकला हुआ था और उनके चूतड़ भी बहुत मोटे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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मैंने उर्मिला को बोला, “आंटी आपका फिगर तो बहुत बुरा है।”
वो बोलीं, “बेटा काफी दिनों से इसे कोई लंड नहीं मिला है, आज तुम्हारा लंड मिल गया है। मेरा फिगर भी अच्छा हो जाएगा।”
मैंने अपने कपड़े खोल दिए। मेरा लंड देखकर उर्मिला बोलीं, “क्या सेक्सी लंड है तेरा।”
वो मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगीं।
मैंने बोला, “ उर्मिला आंटी इसे अपने मुँह में ले लो।”
वो बोलीं, “बेटा ये भी कोई कहने की बात है, अभी तो मैं इसे अच्छी तरह से देख तो लूँ। जवान लंड के दर्शन बहुत दिनों के बाद हुए हैं और वो भी इतना दमदार लंड।”
मैंने बोला, “अंकल का लंड कैसा है?”
वो बोलीं, “उनका लंड तो खड़ा भी नहीं होता है।”
मैंने कहा, “तुम फिर क्या करती थी?”
वो बोलीं, “बस बेटा अपनी उंगली से ही अपने को शांत करती थी, कभी-कभी मोमबत्ती से भी काम चला लेती हूँ।”
मैंने कहा, “आंटी आपने मुझसे पहले क्यों नहीं बोला?”
वो बोलीं, “बेटा मैं मौका ढूंढ रही थी तुझसे बात करने का। आज मौका मिल ही गया।”
मैंने कहा, “चलो अब इसे चूसो और मजा करो।”
उर्मिला किसी भूखी कुतिया की तरह मेरे लंड पर टूट पड़ीं और बहुत तेजी से मेरे लंड को चाटने लगीं।
मैंने कहा, “ उर्मिला आराम से करो, पूरा दिन पड़ा है।”
वो बोलीं, “बहुत साल के बाद इतना टेस्टी लंड मिला है, इसलिए मुझसे रुका नहीं जा रहा।”
वो मेरे लंड को ऐसे चाट रही थीं जैसे कोई रंडी हो। मैंने उनके मम्मे पकड़ लिए और उन्हें मसलने लगा।
वो बोलीं, “बेटा जरा जोर से दबाओ ना।”
मैंने उनके चुचिया मसलने शुरू कर दिए। वो साथ में मेरा लंड चूस रही थीं और मुझसे अपने चुचिया मसलवा रही थीं।
फिर वो मुझसे बोलीं, “बेटा दिल तो करता है कि तेरा लंड चूसते ही रहूँ, पर अब मुझसे रहा नहीं जा रहा। तुम मेरी चूत मारो।”
मैंने उनको बोला, “ठीक है मेरी रंडी आंटी, चलो तेरी चूत मारता हूँ।”
वो अपनी टाँगें फैलाकर बेड पर लेट गईं। उनकी चूत में मैंने अपना लंड डाल दिया और वो चिल्लाने लगीं। मैंने अपना पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया।
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वो बोलीं, “बेटा मुझे आज स्वर्ग का मजा मिल रहा है। प्लीज जोर से डालो, इस चूत को आज फाड़ दो, इसे मार डालो। इसने मुझे बहुत तकलीफ दी है, रोज इसे अपनी उंगली से शांत करती थी फिर भी ये कभी शांत नहीं होती। इसे सिर्फ लंड की भूख थी। आज इसकी भूख मिटा दो।”
मैंने बोला, “चुप कर साली, बहुत बोली थी है।”
मैं उनकी चुदाई मारे जा रहा था और वो मजे के साथ अपनी फुदड़ी मरवा रही थीं। 15 मिनट नॉन-स्टॉप उनकी चूत मारने के बाद मैंने उनको बोला, “चल उर्मिला अब तू उल्टी हो जा, अब तेरी गांड की बारी है।”
उर्मिला बोलीं, “तुमने मेरे दिल की बात कर दी, मैं भी अपनी गांड मरवाना चाहती हूँ।”
मैंने उनकी गांड के छेद में अपने लंड का सुपारा डालना चाहा पर वो नहीं जा रहा था।
मैंने उर्मिला को बोला, “हरामजादी, तेरी गांड इतनी टाइट क्यों है?”
वो बोलीं, “बेटा आज पहली बार कोई मेरी गांड मार रहा है इसलिए टाइट है।”
मैंने बड़ी मेहनत से उनकी गांड के छेद में अपना लंड डाल दिया। उर्मिला चीखने लगीं। मैंने उनके मुँह पर हाथ रख दिया। मुझे पता है पहली बार गांड मारने पर औरत बहुत चिल्लाती है। पर मैंने उनकी खूब गांड मारी। लेकिन मेरा लंड अब भी तना हुआ था। उर्मिला की गांड से मैंने अपना लंड निकालकर उनके मुँह में दे दिया और वो उसे चाटने लगीं। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने बोला, “उर्मिला अब आप इसे चूस-चूस कर इसका पानी निकाल दो।”
वो बोलीं, “क्या लंड है, मेरी चूत और मेरी गांड मारने के बाद भी तना हुआ है।”
वो उसे चाटते-चाटते मेरे टट्टों को भी चाट रही थीं।
मैंने कहा, “ उर्मिला तेरे को कुछ शांति मिली कि नहीं?”
वो बोलीं, “मैं 3 बार झड़ चुकी हूँ और मेरी चूत अब शांत है, पर मेरी चूत को आज तक किसी ने नहीं चाटी है। क्या तुम मेरी चूत को चाटोगे?”
मैंने बोला, “एक शर्त पर।” वो बोलीं, “क्या?”
मैंने बोला, “कि तुम मेरी रंडी बनकर रहोगी और मेरे लिए नई-नई चूतों का इंतजाम भी करोगी।”
वो बोलीं, “ठीक है, मैं अपनी सहेलियों को भी तुम्हारे लिए ले आऊँगी।”
मैंने कहा, “तू साली रंड, मुझे तेरी उम्र की नहीं, जवान औरतें चाहिए।”
वो बोलीं, “बेटा औरत जवान हो या बूढ़ी, मतलब तो उसकी चूत से होता है। वैसे भी जवान लड़की वो मजा नहीं दे सकती जो मजा हम एक्सपीरियंस्ड औरतें दे सकती हैं।”
मैंने कहा, “चल ठीक है।”
फिर हम 69 पोजीशन में लेट गए और मैं उनकी चूत चाटने लगा, उर्मिला भी मेरा लंड चूस रही थीं। उर्मिला की चूत इतनी बड़ी थी कि मेरा पूरा मुँह उनकी चूत में घुस जा रहा था। चूत चाट-चाट कर वो झड़ गईं और उनका चूत का पानी पीने के बाद मैं भी उनके मुँह में झड़ गया। उर्मिला आंटी ने मेरा पानी पी गईं। फिर मैं नहाने चला गया।
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मैंने उर्मिला को बोला, “चलो आंटी अब मैं अपने घर जाता हूँ, शाम में फिर आऊँगा, अपनी सबसे अच्छी फ्रेंड को बुला लेना।”
वो मुस्कुराते हुए बोलीं, “मैं तेरे लंड का इंतजार करूँगी।”
शाम को जब मैं उर्मिला आंटी के घर पर पहुँचा तो मैंने देखा वहाँ पर उर्मिला की एक दोस्त बैठी हुई है। उसका फिगर भी बहुत अच्छा लग रहा था। उसकी उम्र भी 40 के करीब होगी।
तभी उर्मिला आंटी वहाँ पर आईं और बोलीं, “बेटा ये मेरी फ्रेंड है, इसका नाम किरण है, इसका मर्द मर चुका है।”
मैंने किरण के चुचिया पर अपना हाथ लगाया। चुचिया एकदम टाइट थीं।
किरण बोलीं, “बेटा इसे दबाओ।”
मैंने कहा, “किरण तेरी चूत कैसी है?”
वो बोलीं, “खुद ही देख लो ना।”
मैंने कहा, “तेरी चूत पर बाल हैं?”
वो बोलीं, “हाँ हैं।”
मैंने बोला, “तू अपनी जांघें साफ क्यों नहीं करती?”
वो बोलीं, “अगर तू कहे तो अभी साफ कर दूँ।”
मैंने कहा, “चल अपनी चूत के दर्शन तो करा।”
किरण ने अपनी सलवार खोल दी और फिर अपनी कच्छी भी नीचे कर दी। किरण की चूत बहुत सुंदर थी।
मैंने उर्मिला आंटी को बोला, “चल उर्मिला तू भी नंगी हो जा।”
उर्मिला भी नंगी हो गईं। अब मेरे सामने दो औरतें बिल्कुल नंगी खड़ी थीं, दोनों मेरे लंड को देख रही थीं।
मैंने किरण को बोला, “अब तुम दोनों अपनी-अपनी चूत एक-दूसरे की चूत से रगड़ो।”
किरण और उर्मिला अपनी चूत को एक-दूसरे की चूत से रगड़ने लगीं। उन लोगों को मजा आने लगा। वो दोनों लात कर चूत रगड़ रही थीं। मैंने अपना मुँह उनकी दोनों की चूत के पास ले गया और मैं अपनी जीभ उनकी चिपकी हुई चूतों पर फेरनी शुरू कर दी।
मैं कभी उर्मिला की चूत चाटता, तो कभी किरण को चाटता। फिर मैंने किरण को खड़ा कर दिया और उनके मम्मे चूसने लगा। उर्मिला मेरा लंड चूसने लगीं। किरण के मम्मे बहुत टाइट थे। उनके मम्मे चूसने का मजा आ रहा था।
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वो मुझसे बोलीं, “बेटा मेरी चूत पर भी रहम करो और इसे भी चोदो या चाटो।”
मैंने उनको बेड पर लिटा दिया और खुद उनकी चूत चाटने लगा। उर्मिला मेरे टाँगों के बीच लेटकर मेरा लंड चाट रही थीं और मैं किरण की चूत में खोया हुआ था। किरण २ बार झड़ चुकी थीं, उनकी चूत से खूब सारा रस निकलने लगा।
वो बोलीं, “बेटा इसे तुम पी लो।”
मैंने उनकी चूत का पानी अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया। नीचे मैं उर्मिला के मुँह को चूत समझकर झटके देने लगा। उर्मिला ने भी अपना मुँह टाइट कर लिया। वो समझ गईं कि मैं उनके मुँह को अपने लंड से चोद रहा हूँ। किरण की चूत से मुझे कुछ नशा सा हो गया था, ऐसा लग रहा था कि मैंने 3 बियर पी ली हों।
लेकिन अब भी मेरी जीभ उनकी चूत के अंदर थी। मेरी जीभ से किरण अब 5 बार झड़ चुकी थीं। मैं भी दो बार उर्मिला के मुँह में झड़ चुका था, पर उर्मिला मेरा पानी पीने के बाद अब भी मेरे लंड को चाट रही थीं। फिर काफी देर तक उनकी चूत चाटने के बाद मैं उठकर बैठ गया। किरण और उर्मिला काफी खुश लग रही थीं।
किरण मुझसे बोलीं, “वाह बेटा तू क्या चूत चाटता है, मेरी चूत तो तुम्हारी जीभ की दीवानी हो गई है। अब मुझे तुम्हारा लंड नहीं, तुम्हारी जीभ ही चाहिए।”
मैंने बोला, “किरण तेरी चूत ने भी मुझे पागल कर दिया था, दिल करता जा रहा था कि चाटते ही रहूँ।”
उर्मिला बोलीं, “मुझे भी तेरा लंड चाटने बहुत अच्छा लगा।”
फिर मैंने उनके चुचिया मसले। फिर किरण चाय बनाने के लिए उठीं। उनकी चूत और उनकी गांड देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं दौड़ता हुआ उनके पीछे गया और उनको पीछे से पकड़ लिया और अपना तना हुआ लंड उनकी चूत में डाल दिया। किरण वहीं पर झुक गईं और मैं वहीं फिर उनकी चूत मारने लगा। 20 मिनट उनकी चूत मारने के बाद मैं उनकी चूत में झड़ गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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वो हँसते हुए बोलीं, “बेटा आज तूने मजा आ गया, काफी साल के बाद मेरी चूत तुमने मारी है।”
मैंने कहा, “चल अब तू मेरे लंड को चाटकर साफ कर दे।”
तभी उर्मिला बोलीं, “बेटा ये काम मैं कर देती हूँ।”
उर्मिला वहीं बैठकर मेरा लंड अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ करने लगीं। कुछ देर के बाद किरण चाय बनाकर आईं। हम लोग वहीं बैठकर चाय पीने लगे। हम सब नंगे ही थे।
बातों-बातों में किरण ने बोला, “बेटा आज तक तुमने सबसे अच्छी चूत किसकी मारी है?”
मैंने बोला, “तेरी।” ये सुनकर वो हँसने लगीं।
किरण बोलीं, “बेटा तेरा लंड सच में बहुत अच्छा है। मैं तेरे लंड और तेरी जीभ की दीवानी हो गई हूँ।”
उर्मिला बोलीं, “सच में अब तुम जब भी चाहो हम दोनों को चोद सकते हो।”
फिर मैं अपने घर आ गया। अगले दिन जब मैं किशन को मिलने उनके घर गया। किशन से मैं बातें करने लगा। तभी उर्मिला आंटी वहाँ पर आ गईं। हम दोनों की आँखें मिलीं, उनमें अब भी शरारत थी।
मुझसे बोलीं, “बेटा काफी दिनों से आए नहीं, क्या बात है?”
मैंने कहा, “आंटी बिजी था।”
तभी किशन का फोन आ गया, वो फोन सुनने में बिजी हो गया। मैं चुपचाप उठकर किचन में गया, उर्मिला वहाँ पर काम कर रही थीं। मैंने उनकी गांड पर हाथ फेरे। वो समझ गईं कि मैं हूँ। बोलीं, “किशन घर पर ही है।”
मैंने कहा, “मेरा लंड अब खड़ा हो गया है, इसे तेरी गांड मारनी है।”
वो बोलीं, “किशन को पता लग जाएगा।”
मैंने बोला, “नहीं चलेगा।”
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मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उनकी पैंटी उतारने लगा। उर्मिला अपनी गांड तो मरवाना चाहती थीं पर उनको किशन का डर भी लग रहा था। मैंने अपना लंड निकाला और उनकी गांड के छेद में डाल दिया और उनको चोदना शुरू कर दिया। इधर किशन अपने फोन पर अपने दोस्त से बात कर रहा था, उधर मैं उसकी माँ की गांड मारने में लगा हुआ था। कुछ देर के बाद मैंने उनकी चूत में भी अपना लंड डाल दिया। चोदते हुए लंड जाने के बाद उर्मिला खुश हो गईं।
वो बोलीं, “आज जल्दी से अपना पानी निकाल दो नहीं तो किशन आ जाएगा।”
मैंने बोला, “चुप कर साली।” और मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी।
फिर मैंने उनको नीचे बिठाया और उनके मुँह पर मुठ मारने लगा। उर्मिला मुँह खोलकर वहीं बैठ गईं पर उनकी नजर दरवाजे पर थी, वो साथ-साथ घबरा भी रही थीं। मैंने अपना हाथ तेजी से हिलाना शुरू कर दिया और मेरे पानी से उनका सारा मुँह भर गया, जिसे उर्मिला चाटने लगीं। फिर मैंने अपनी पैंट ऊपर की और बाहर आ गया। किशन अभी भी फोन पर लगा हुआ था। तभी किशन ने अपना फोन रखा और वो अंदर चला गया। तब तक उर्मिला ने अपने कपड़े ठीक कर लिए थे, पर उनके फेस पर अब भी मेरा पानी लगा हुआ था।
वो बोला, “मम्मी आपके फेस पर क्या लगा हुआ है?”
वो बोलीं, “बेटा मैंने अपने फेस पर मलाई लगाई हुई है।”
उसके बाद मैं रोज मौका मिलते ही उर्मिला और किरण को उनके घर में जाकर चोदता। उनके घर में किसी को भी पता नहीं चलता।
Rakesh says
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