Wife First Anal Fuck
मेरा नाम पंकज है। मै दादरी का रहने वाला हूँ। मै लगभग 24 साल का हूँ। मै हमारी वासना डॉट नेट का नियमित पाठक हूँ। मेरा कद 6 फीट है और मै काफी तगड़ा भी हूँ। शादी से पहले मैंने अपनी जिंदगी में बहुत मौज मस्ती की है। Wife First Anal Fuck
जब मेरी शादी नही हुई थी, मेरा एक ही मकसद रहता था, किसी लड़की को पटाओ और फिर उसको अपने दोस्त के घर में ले जाकर खूब मज़े लेकर चोदो। मैंने बहुत सी लडकियो को चोदा लेकिन मेरी चुदाई करने से कभी भी मन नही भरा।
जब भी कोई नई लड़की लाइन देती, किसी तरह से उसको भी मना कर चोद दो बस। दोस्तों मैंने लडकियो की चूत चोदने से ज्यादा उनकी गांड मारी है। गांड मारने में बहुत मजा आता है। बहुत सी लड़कियां तो रोने लगती थी। और बहुत सी तो अपने गांड को फैला कर मरवाती थी।
तीन साल पहले मुझे सरकारी नौकरी मिल गयी। जब नौकरी मिल गयी तो घर वालो ने मेरी शादी करवा दी। शादी के बाद कुछ दिन तक तो मैंने उसको चोदा ही नही। शादी के बाद मै अपनी बीवी के साथ आगरा में आ गया क्योकि मुझे आगरा में ही नौकरी मिली थी।
वहां आने के बाद मैंने अपनी बीवी रंजना की पहले तो खूब चुदाई की। जब मै उसकी चुदाई करने लगता था तो मै रुकने का नाम ही नही लेता था, क्योकि वो बहुत ही मस्त माल थी और मेरा लंड उसके चूत और चूत की खुशबू से ही खड़ा हो जाता था। मेरी चुदाई से मेरी बीवी का बुरा हाल हो जाता था।
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मेरा लंड काफी मोटा और बड़ा था लगभग 9 इंच का था। मेरी बीवी तो कभी कभी नाराज हो जाती थी क्योकि मेरी चुदाई काफी खतरनाक रहती थी और मै उसकी बुर के साथ उसकी गांड भी फाड़ दे था। जिससे वो नाराज हो जाती थी। लेकिन मै उसको फिर मना लेता था। मै उसको प्यर से रज्जो कहता था।
दोस्तों , समय धीरे धीरे बीत रहा था। बीच बीच में हम घर भी चले जाते थे, धीरे धीरे हमारी शादी को एक साल होने वाले थे, शादी का साल गिरा आने वाला था। मेरी बीवी ने मुझसे कहा – “जानू हमारी शादी की सालगिरह आने वाली है, और मै चाहती हूँ हम लोग उस दिन बाहर होटल में खाना खाने चले”।
मैंने उससे कहा – जैसा तुम ठीक समझो।
मेरी बात सुनकर वो खुश हो गयी और मुझे अपने बाँहों में भर कर मेरे होठो को चूमने लगी। मैंने भी कुछ देर तक उसके होठो को चूमा। फिर उसने मुझसे कहा – “उस दिन हम अपने बेड को सजा देंगे और फिर सुहागरात की तरह तुम मेरे साथ उस रात को पूरी रात तक मेरी चुदाई करना। मैंने कहा ठीक है।
धीरे धीरे हमारा शादी का सालगिरह आ गया। उस दिन रज्जो बहुत खुश थी वो तैयार हुई और हम दोनों एक अच्छे होटल में गये हमने वह खाना खाया। खाना खाने के बाद हम घर आये। हमने पहले से ही अपने बेडरूम को फूलो से सजा दिया था।
वहां से आने के बाद मैने अपने कपडे उतारे और साथ में मैंने अपनी बीवी के भी कपडे उतार दिए। जब मैंने उसके कपडे निकाले तो उसका पूरा बदन चमक रहा था उसकी चूची उसके ब्रा में बंधी ही थी। और उसकी चूत को उसकी पैंटी ने ढक रखा था मैंने उसके ब्रा और पैंटी दोनों को निकाल दिया।
और उसके होठो को पीते हुए उसके मम्मो को दबाने लगा। बहुत देर तक होठो को पीने के बाद मैंने बहुत देर तक उसके मम्मो को पीया। रज्जो उस दिन बहुत ही खुश थी। वो बड़े मज़े से अपने मम्मो को मुझे पिला रही थी।
बहुत देर तक मम्मो को पीने के बाद मैंने उसकी चूत को भी पीया। और पूरी रात मैंने अपनी बीवी की चुदाई की। मै तो थक गया था लेकिन मैंने एक जोश वाली दवाई ले ली थी। जिससे खाने के बाद मै तो बहुत तेजी चुदाई करता और रज्जो की चूत और गांड की चोद कर फैला दिया।
सालगिरह के दूसरे दिन रात को मेरा फिर से मूड बन रहा था चुदाई करने को मैंने रज्जो से कहा – “आज मेरा फिर चुदाई करने का मन कर रहा है, चलो करते है”।
तो उसने कहा – “कल पूरी रात चुदाई किये हो मुझे नीद आ रहा है मै सोने जा रही हूँ मुझे परेशान मत करो”।
मुझे तो गुस्सा बहुत तेज से आया लेकिन मैंने कुछ नही कहा। मै भी सो गया, दूसरे दिन सुबह मैंने रज्जो को बेड पर ही बाहों में भर लिया और उसको मम्मो में अपने मुह को रगड़ने लगा। पता नही क्यों रज्जो नाराज हो गयी उसने मुझसे कहा – “तुम तो केवल अपनी हवस पूरी करने में लगे रहते हो, जब देखो तब केवल तुम को मेरे जिस्म से ही मतलब रहता है”।
मैंने उसे कहा – “तुम क्या कह रही हो यार मै तो सिर्फ तुमसे प्यार से अपने मुह को तुम्हारे चूची में लगया था। तुम तो गलत समझ रही हो”।
तो रज्जो ने कहा – मुझसे बात मत करो। वो वहां से चली गई। मुझे भी गुस्सा आ गया मै भी जल्दी से तैयार होकर डिउटी पर चला गया। और रात में बहुत देर में आया मैने रात को भी उससे कुछ बात नही किया और खाना खाकर चुपचाप सो गया।
इसी तरह मैंने एक हफ्ते तक उससे बात नही की। मेरा मन तो कर रहा था उससे बात करने को लेकिन मै ही क्यों बोलूं वो भी तो बोल सकती थी। एक दिन उसने मुझसे कहा – “मेरे लिये एक ब्रा और पैंटी ले आना मेरी पुरानी वाली फट गयी है। मैंने कुछ नही बोला केवल अपना सिर को हिला कर हाँ कर दिया बस।
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अब तो सायद रज्जो को भी लग रहा था कि मुझे ऐसा नही बोलना चाहिए था। इतने दोनों से मैंने चुदाई नही किया मेरा तो बहुत मन कर रहा था किसी कि चुदाई करने को इसलिए मैंने अपने फोन फोन से रज्जो को एक मैसेज किया।
मैंने उसमे लिखा देखो नाराज होने कोई फायदा तो है नही हम दोनी पति पत्नी है और हमें साथ ही रहना तो लड़ना नही चाहिए। फिर कुछ देर बाद उधर से मसेज आया मुझे पता है तुम्हारा मन चुदाई करने को कर रहा है इसीलिए मैसेज कर रहें हो। मुझे और तेज गुस्सा आया। मैंने मैसेज को डिलीट कर दिया।
इसी तरह से लड़ते हुए पन्द्रह दिन बीत गये हमारी ठीक से बात नही हो रही, और ना ही मैंने इतने दिनों से चुदाई की थी। उस हफ्ते का दूसरा रविवार आया, उस दिन मेरी छुट्टी थी। और पूरा दिन मुझे घर रहना था। मेरा उस दिन चुदाई करने को बहुत मूड बन रहा था।
मैंने एक प्लान बनाया, मैंने सोचा जब मै नहाने जाऊंगा तो मै अपना टावल नही ले जाऊंगा और जब रज्जो से मागूंगा तो टावल लेते समय उसको भी अंदर ले लूँगा। मै नहाने के लिये बाथरूम में गया, कुछ देर नहाने के बाद मैंने रज्जो को आवाज़ दिया।
रज्जो मेरा टावल तो देना जरा। वो टावल लेकर आई, जब वो मुझे टावल दे रही थी तो मैंने उसको अंदर खीच लिया और शावर खोल दिया जिससे रज्जो भी भीग गई। उसने मुझसे कहा – तुमने ये क्या किया??
मैंने कहा – “तुम नाराज थी तो मैंने सोचा तुम्हे मना लेता हूँ”।
मैंने उसके हाथो को पकड कर चूमने लगा और मैंने उससे सॉरी बोला। वो भी धीरे धीरे मानने लगी थी। कुछ देर बाद उसने खुद ही मुझको अपने बाँहों में भर लिया और मेरे गले को पीने लगी। ,मै समझ गया इतने दिनों से मैंने इसे नही चोदा है लगता है ये भी आज मूड में है।
मैंने भी उसको कस कर बाहों में भर लिया और शावर के नीचे भीगते हुए मैं रज्जो के होठो को चूमने लगा। रज्जो भी मेरे होठो को चूमने लगी और फिर हम दोनों बड़े मज़े से एक दूसरे के होठो को अपने मुह में भर कर और एक दूसरे के जीभ को चूसते हुए बड़ी मस्ती से किस कर रहें थे।
मैं उसके होठो को पीते हुए उसके पूरे बदन को सहला रहा था, जिससे रज्जो भी बहुत ज्यादा जोश में आ गयी थी। उसने मेरे होठो को चूस कर उसका रस पीने में लगी हुई थी। बहुत देर तक एक दूसरे के होठो को पीने के बाद मै जल्दी जल्दी रज्जो के कपड़ो को निकालने लगा।
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मैंने उसके कपड़ो को निकाल दिया और उसके साथ में नहाते हुए मै उसके गले को पीने लगा। मेरा लंड को बिल्कुल खड़ा हो गया था, मै उसके गर्दन को पीते हुए नीचे आने लगा। और कुछ ही देर में मै उसकी चुचियो तक पहुँच गया।
मैंने उसके मम्मो को सहलाते हुए उसके ब्रा को निकाल दिया और उसके चुचियो को दबाने लगा, जिससे रज्जो धीरे धीरे सिसकने लगी थी और पानी की बूंदों से से अपने आप को शांत कर रही थी। मैंने उसके चुचियो को मसलते हुए पीने लगा और अपने एक हाथ से उसके कमर को सहला रहा था।
रज्जो तो धीरे धीरे कामोत्तेजना से पागल होने लगी थी और अपने शरीर को एंठने लगी थी। मुझे तो बहुत मजा आ रहा था , क्योकि इतने दिनों के बाद तो मुझे उसकी चूची को पीने का मौका जो मिला था। जब मै उसके चुचियो को पी रहा था तो शावर का पानी उसके मम्मो पर गिर रहा था और मेरे मुह में जा रहा था।
लेकिन उसके मम्मो में छूने के बाद पानी भी मीठा लगने लग था। मैंने बाहर देर तक उसके मम्मो को पीया और फिर धीरे धीरे उसके कमर को पीते हुए मैं उसकी चूत तक पहुँच गया। मैंने अपने हाथो से उसके चूत को सहलाते हुए अपने उंगलियो को पैंटी के ऊपर से ही रज्जो की चूत में डालने लगा। जिससे वो और भी कामुक होने लगी थी।
मैंने कुछ देर में उसके उसके पैंटी को निकाल दिया और उसकी चूत को सहलाते हुए मैंने अपनी उंगलियो को रज्जो की चूत में डाल दिया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। कुछ देर बाद मैंने अपनी चारो उंगलियो को उसकी चूत में डालने लगा, जिससे रज्जो तड़प कर चीखने लगी।
जैसे जैसे मेरी स्पीड बढ़ रही थी वो तेज तेज से चीख रही थी। कुछ ही देर उसको चूत गीली हो गई क्योकि उसकी चुत से पानी निकलने लगा था। रज्जो के चूत का पानी शावर के पानी में मिल रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और रज्जो के चूत के लटकते हुए लाल दाने में रगडने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उसको बाथरूम के फर्श पर लिटा दिया और उसके टांगो को उठा दिया और उसकी चूत में अपने लंड को लगा कर पहले धीरे से अंदर कर दिया। जब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर गया तो ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत टाइट हो गयी हो, जब मेरा लंड अंदर गया तो रज्जो की जोर से चीख निकाल पड़ी।
फिर कुछ देर बाद मैं अपने लंड को रज्जो की चूत में जल्दी जल्दी से डालने लगा, जिससे मेरा मोटा लंड उसकी भोसड़े की दीवार में एक रगड पैदा कर रही थी जिससे रज्जो की चूत धीरे धीरे फूलने लगी थी, मैंने अपने लंड को और भी तेजी से उसकी चूत में डालने लगा.
क्योकि मै और भी जोश में आ गया था और मेरे तेजी से पेलने से रज्जो जोर जोर से ….अहह अहह अह्ह्ह्ह्ह आह ..उनहू उनहू ओह ओह ओह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह … उनहू उनहू उनहू ,…. उफ़ उफ़ उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ हा … हा ह हा .. सी सी सी … मम्मी मम्मी .. ओह … अहह …… से पूरे बाथरूम में उसकी आवाज़ गूंज रही थी।
उसका पूरा चेहरा तमतमा गया। रज्जो की कान, नाक, आंख, स्तन, भगोष्ठ व योनि की आंतरिक दीवारें फुल गयी। उसका भंगाकुर का मुंड नीचे की तरफ धस गया। उसकी धड़कने और भी बढ़ गयी। रज्जो की चूत अच्छे से चुदने लगी। चूत की दिवार की योनी पथ से तरल पदार्थ निकलने लगा। इस चिकने मक्खन से उसकी चूत और भी जादा चिकनी और फिसलन भरी हो गयी।
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मै रज्जो की चूत के छेद में खटर खटर करके फिसलने लगा जैसे किसी कोयले की अँधेरी खदान में काम कर रहा हो। मै उसे किसी रंडी की तरह चोदने लगे। बहुत मजा आ रहा था। बहुत देर तक चोदने के बाद मैंने चोदने बाद कर दिया। मैंने रज्जो को अपनी गोदी में उठा लिया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद में मिलाकर उसको अपनी गोद में ही चोदने लगा। रज्जो का बुरा हाल हो रहा था वो मुझसे चिपके हुए चीख रही थी। और मै बड़ी तेजी से उसको चोद रहा था। बहुत देर तक चुदाई करने के बाद मै झड़ने वाला था।
मेरा मन उसकी गांड मारने को भी कर रहा था लेकिन मेरे पास ज्यादा टाइम नही था, इसलिए मैंने उसको नीचे उतार दिया और अपने लंड को पकड कर मुठ मारने लगा। मैं जल्दी जल्दी मुठ मार रहा था मेरे सांसे बढ़ने लगी और धडकन भी तेज हो गई, कुछ ही देर में मेरे लंड से मेरे माल निकलने लगा। ऐसा लगा मेरे आँखों के सामने अँधेरा छा गया। चुदाई के बाद हम दोनों ने साथ में एक दूसरे को किस करते हुए नहाया। और फिर नहाने के बाद हमने खाना खाया और कुछ देर आराम किया। इस तरह से मैंने अपनी बीवी को बाथरूम में ही चोद डाला।
Raman deep says
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Wa.me/917707981551?text=Hiii Raman