Sexy Rasile Boobs Chuse
मैंने अभी सगी माँ को चोदा है। पर इसके बारे में शायद ही किसी को पता है। उस दिन ऐसा हालात ही बन गया की मैं आपको क्या बताऊं। पूरी बात आपको विस्तार से बता रहा हूँ। मेरा नाम अखिलेश है और मेरी माँ का नाम सुरभि है और वो 36 साल की खूबसूरत औरत है। वो बहुत जवान और सेक्सी मिजाज है और मेरे चाचा लोगो से भी चुदा चुकी है। Sexy Rasile Boobs Chuse
वो जब साड़ी पहनकर तैयार हो जाती है की नचनियों की तरह बेहद सेक्सी लगती है। उनका चेहरा बिलकुल करिश्मा कपूर जैसा लगता है। माँ का फिगर 36 30 34 का है। वो अपने साड़ी के पल्लू से अपने रसीले दूध को ढकने की कोशिश करती है पर उसकी रसीली कसी कसी चूचियां सभी मर्दों को दिख जाती है और उनके लौड़े खड़े हो जाते है।
उस रात काफी सर्दी थी। जनवरी का मौसम चल रहा था। घर में सभी लोग अपने अपने कमरे में रजाई में दुबके हुए थे। तभी मुझे बाथरूम लग गयी। उस समय रात के 10 बजे थे। मैं नीचे वाली टॉयलेट में गया तो उसमे कोई गया था।
इसलिए मुझे पहली मंजिल पर बनी टॉयलेट में जाना पड़ा। मैंने दरवाजा खोला और पेंट खोलकर मूतने लगा। जब लौटने लगा तो माँ की “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ ह उ उ उ….. की आवाजे निकल रही थी। मुझे लगा की कुछ तो चल रहा है।
मैं दूसरे साइड के जाकर देखने लगा। कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला था। मैंने देखा तो दंग रह गया। मेरी माँ मेरे चाचा जी के साथ बिस्तर पर थी। चाचा माँ को प्यार कर रहे थे। नीले अधखुले ब्लाउस में माँ की अनार जैसी बड़ी बड़ी चूचियां देखकर मेरा लंड उस सर्दी में भी खड़ा होने लगा।
“सुरभि भाभी!! लो थोड़ी तुम भी पी लो!! रम है ये! सर्दी में तुमको गर्म रखेगी!” मेरे चाचा बोले.
उन्होंने माँ के मुंह में रम की बोतल लगा दी और 2 3 घूंट पिला दिया। फिर उनकी बड़ी बड़ी चूचियां मसलने लगा। धीरे धीरे माँ के ब्लाउस को खोलकर निकाल दिया। दोनों हाथो से माँ को पीछे से पकड़ लिया और गालो, गले पर किस करने लगे। फिर दोनों चूची को दबा दबाकर मसलने लगा।
मेरी माँ “ओहह्ह्ह….अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी। उसकी नंगी उफनती चूचियां देखकर मेरा दिमाग ही गर्म हो गया। सोचने लगा की आज मौका मिल जाए तो उनको मैं भी चोद लूँ। मैंने अपनी पेंट खोली और अंडरवियर में हाथ डाल दिया। अपनी खूबसूरत माँ को देख देखकर मुठ देने लगा।
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“अजय!! आज कितने दिनों बाद तुम मेरे पास आये हो!! अच्छे से मेरी चूची पियो” माँ अजय चाचा से बोली.
चाचा ने उनको अपनी गोद में लिटा दिया। दोनों काफी देर तक ओंठो पर किस करते रहे। मेरी माँ की बेताबी दिख रही थी। वो अजय चाचा को बाहों में भरकर पीठ पर सहलाये जा रही थी। फिर चाचा जी उनकी दूध को दोनों हाथो से मसलने लगे। मेरी माँ कामुक आवाजे निकालने लगी। उसके मम्मे काफी बड़े बड़े सनी लिओन जैसे थे।
उसके मम्मे सफ़ेद दूध जैसे उजले थे और निपल्स के चारो तरफ बड़े बड़े भूरे गोले बेहद सेक्सी दिखते थे। काफी देर अजय चाचा उनकी गद्दे जैसे बूब्स को सहलाते दबाते रहे। हाथ लगा लगाकर सहला कर मजा लूट रहे थे। फिर माँ की कामुक भूरी रंग की निपल्स को मुंह में लेकर सक करने लगे। चूसना शुरू कर दिए। “आआआहहह…..ईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” बोलते हुए चाचा को प्यार करने लगी।
“अजय!! चूसो!! और चूसो मेरे दूध को!! पी लो इनका सारा रस” माँ बोली.
उसके बाद अजय चाचा माँ की दूध को मुंह में लेकर काट काटकर पीने लगे। ये देखकर मैं मुठ मारने लगा। अंडरवियर उतारकर लंड हिलाने लगा। अजय चाचा मजा लेते रहे और दूसरी वाली छाती भी पी गये। फिर माँ का पेटीकोट खोल दिए और उनकी चड्डी पर हाथ लगाने लगी।
“चूत पर ऊँगली घुमाओ!! और सहलाओ इसे!!” माँ बोली.
उन्होंने सफ़ेद चड्डी पहन रखी थी।
“भाभी!! तेरी चूत सेक्सी है” अजय चाचा कहने लगी और सफ़ेद चड्डी के उपर से सहलाने लगी। फिर उसे उतार डाले। अब माँ नंगी थी। चाचा उनकी सेक्सी उभरी मासंल बुर को देखने लगे। माँ की चूत सफाचट थी।
“ओह्ह भाभी!! आपकी बुर तो बिलकुल साफ़ है!! देखो कितनी कातिल लग रही है” अजय चाचा कहने लगे.
“तो इसे पीते क्यों नही हो” माँ बोली.
उसके बाद अजय चाचा भी दीवाने होकर चाटने लगे। अपना मुंह मेरी माँ की कामुक चूत पर लगा दिए और जीभ निकाल निकाल कर चाटने लगे। मैं कमरे के बाहर खड़ा था। अधखुले दरवाजे से सब देख रहा था। अपने लौड़े पर मुठ दे रहा था। कुछ देर चाटने के बाद माँ की बुर अपना रस छोड़ने लगी।
माँ“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ…..” “ की सेक्सी आवाजे निकालने लगी। वो बार बार चुदासी होकर अपना पेट उपर को करती। चाचा उसकी मीठी चूत पीने में लगे थे। जल्दी जल्दी चाट रहे थे। माँ के चूत के लिप्स और चूत के दाने को अच्छी तरह से पी रहे थे। माँ का बदन हिलोरे मारने लगा। साफ़ था की उनके बदन में कामाग्नि जल रही थी। वो बेचैन हो रही थी।
“मेरे भोसड़े में ऊँगली करो!! सी सी सी सी….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ…..” माँ कहने लगी.
पर चाचा ने नही सुना। वो चूत पर मुंह लगाकर उसका मीठा रस पीते रहे। फिर अपना अंडरवियर और बनियान उतारकर अजय चाचा भी नग्न अवस्था में आ गये। वो माँ के पेट को किस करने लगे। उसके 36” के बड़े बड़े चूचों को फिर से दबाने लगे। फिर माँ की कामुक गहरी नाभि में जीभ डालने लगा। ऐसा करने से माँ को विशेष रूप से मजा आने लगा। वो काफी देर तक माँ की नाभि चूसते रहे।
“प्लीस देवर जी!! मेरी चूत में ऊँगली करके मुझे मजा दो” माँ किसी रंडी की तरह कहने लगी.
“ओके भाभीजान” अजय चाचा बोले.
वो अपने हाथ की ऊँगली माँ के भोसड़े में डालने लगे। धीरे धीरे अंदर घुसा दी। फिर अंदर बाहर करने लगे। “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ…ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….” बोलकर माँ ने अपनी दोनों सफ़ेद जांघे और फैला दी। चाचा को भी आनन्द आने लगा। वो और तेजी से माँ की चुद्दी में ऊँगली करते गये। जल्दी जल्दी और तेजी से। कुछ देर में उनकी उगली रस से भीग गयी। अजय चाचा उसे लेकर मुंह में लेकर चाटने लगे।
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“देवर जी! कैसा लगा मेरी बुर का रस???” माँ पूछने लगी.
“बहुत टेस्टी है भाभी” अजय चाचा बोले.
इस तरह उन्होंने 10 मिनट से अधिक देर तक माँ की चूत में ऊँगली की।
““उ उ उ उ उ……अअअअअ अब मुझे अपने असली लौड़े से चोदकर मजा दो देवर जी” माँ कहने लगी.
चाचा भी पुरे जोश में आ गये थे। वो अपना 6” लम्बा और 2” मोटा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगे। उसे खड़ा करने लगे। उसे मुठ देते रहे और कुछ सेकंड में लौड़ा सांड जैसा दिख रहा था। वो माँ की चूत पर अपना सुपाडा रखे और रगड़ना चालु कर दिए।
चूत के दाने को लंड के टोपे से रगड़ने लगे। माँ इधर उधर उछलती रही। फिर रगड़ रगड़ कर चूत के दाने को गर्म कर दिए। फिर माँ की बुर में उपर से थूक दिए। फिर लंड को पकड़े और अंदर को धकेल दिये। एक जोर का धक्का मारे और चाचा का लंड चूत की बंद दिवार को भेदता फाड़ता हुआ अंदर घुस गया।
“आऊ……. जान लोगे क्या???” माँ चिल्लाई.
अजय चाचा चुदाई कार्यक्रम शुरू कर दिये। वो माँ को पेलने लगे। मेरी सेक्सी चुदासी माँ भी अपने घुटनों को मोडकर दोनों टांगे आगे कर ली। अजय चाचा फटाक फटाक धक्के मारने लगे। मेरी माँ किसी रंडी की तरह “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….”करने लगी। चाचा जी सर्दी के मौसम में सहवास का आनन्द उठा रहे थे।
वो माँ के यौवन का रस पी रहे थे। वो आगे की ओर बड़े और माँ के उपर सवार हो गये। वो माँ के होठो पर होठ लगा दिये और लिप लोक होकर किस करने लगे। सटाक सटाक चूत में लंड जा रहा था। मैंने देखा तो जल्दी जल्दी बाहर खड़े होकर मुठ मारने लगा और माँ को चुद्ता देख देखकर में इधर झड़ गया।
“और चोदो!! मुझेझे झे!! “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ” माँ कहने लगी.
चाचा जी भी आक्रामक होकर उनकी ठुकाई करने लगे। वो तेज झटके उनकी गुलाबी चूत में मारने लगे और जल्दी जल्दी चोदने लगे। माँ जन्नत का मजा लूटने लगी। तभी चाचा उसे अपनी बीबी के माफिक अपनी दोनों बाहों में समेट लिए और काफी देर तक पेलते रहे। फिर झड़ गये।
“झड़ गया भाभी!!” अजय चाचा बोले.
उनके लंड ने माल छोड़ दिया। वो अपना लौड़ा बाहर निकाले। माँ की गहरी चूत अजय चाचा के माल से भर गयी। वो माँ के उपर से हट गये और बगल में जाकर लेट गये।
“लाओ!! तुम्हार लौड़ा चूस दूँ!!” माँ बोली.
वो उठी और बैठ गयी। चाचा के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। इस तरह से मेरी रंडी माँ की चुदाई पूरी हो गयी। वो अजय चाचा के 6” के लौड़े को पकड़कर फेटने लगी और मुंह में लेकर चूसने लगी। कुछ देर बाद माँ को रम का नशा चढ़ गया। वो नंगी ही बिस्तर पर लेट गयी।
मेरे अजय चाचा और रम लाने के लिए नीचे चले गये पर उनको भी काफी चढ़ गयी थी। वो अपने कमरे में ही सो गये। इधर मेरी इक्षा बलवती हो गयी। मैंने माँ के रूम में चला गया। वो नंगी किसी रंडी की तरह लेटी हुई थी। कुछ देर मैं उसके उभरते यौवन को देखता रहा।
सिर से पैर तक मेरी माँ टोटा सामान थी। वो बहुत गोरी और चिकना माल थी। उसका पेट, जांघे, चूचियां सब कुछ बेहद सेक्सी और गोरे रंग का था। मैंने अपनी शर्ट पेंट उतार दी और बनियान अंडरवियर भी उतार दिए। जाकर माँ को किस करने लगा।
पहले तो मुझे अजय चाचा ही समझ रही थी पर कुछ सेकंड बाद वो आँख खोली और मुझे देखी। वो कुछ नही बोली और सर हिलाकर और आँखे झपका कर चुदने की परमीशन दे दी। मैं उसकी सफ़ेद 36 की चूची पकड़ा और दबाने लगा तेज तेज।
“हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..बेटा अखिलेश!! आराम से दबाओ” वो कहने लगी.
उसके बाद मैं भी उसकी संतरे जैसी छातियों को मुंह में लेकर सक करने लगा। उसके दोनों दूध मक्खन की टिकिया जैसे थे। मैं दबा दबाकर मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे बेहद मजा आ रहा था। माँ पिला रही थी। मेरे सर पर हाथ सहला रही थी। मैंने उसकी दोनों छाती को पिया काफी देर तक। फिर उसके पेट को सहलाने लगा।
“अखिलेश बेटा!! मुझे कसके चोदना” माँ बोली.
मैं उसके सेक्सी पेट से खेलने लगा। सहला सहलाकर हाथ लगाने लगा। फिर नीचे की साइड बढ़ने लगा। माँ की नाभि काफी सेक्सी थी। मैं ऊँगली करने लगा। वो अंगराई लेने लगी। आउट ऑफ़ कंट्रोल होने लगी।
““आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…बेटा जल्दी से अपना लौड़ा डालकर मेरी बुर को चोद डालो!!! सी सी सी सी..हा हा हा…..” वो कहने लगी.
मैंने भी देर करना सही नही समझा क्यूंकि अजय चाचा कभी भी आ सकते है। मैंने अपने मोटे 7” लंड को पकड़ा और जल्दी से माँ की चुद्दी में घुसा दिया। फिर सेक्स करने लगा। मैं जल्दी जल्दी उनका काम लगाने लगा। वो लम्बी लम्बी सीत्कारे भरने लगी। मैं माँ के दूध को पकड़कर मुंह में ले लिया और चूसते चूसते उनको चोदने लगा।
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वो आँखे बंदकर सेक्स करवा रही थी। “अई…..अई….अई…और तेज झटके मारो बेटा!! फाड़ दो इस हरामिन चूत को” वो आँखे बंदकर दांत से अपने होठो को चबाते हुए बोली. मैं भी उनके आदेश का पालन करने लगा। लम्बे लम्बे झटके देकर लंड को चूत की गहराई में उतारने लगा। इस तरह दोस्तों मुझे भी परम सुख मिल रहा था। जल्दी जल्दी चोदकर मैंने अपनी सगी माँ की चूत को फाड़ दिया।
“माँ झड़ने वाला हूँ मैं, माल कहाँ निकालू??” मैंने पूछा.
“मेरे मुंह पर निकालो अखिलेश बेटा!” वो कहने लगी.
मैंने जल्दी से लौड़ा उनकी बुर से बाहर खींचा और उसके मुंह के सामने ले गया। लौड़े को पकड़कर फेटने लगा जल्दी जल्दी। वो दोनों आँख बंद कर ली। फिर कुछ सेकंड बाद मेरे लौड़े ने पिचकारी छोड़ दी। माँ के फेस पर माल झड़ने लगा। मेरी पिचकारी से माँ का फेस रंग गया। उसके बाद वो मुझे बिस्तर पर लिटा दी और मेरे लौड़े को 15 मिनट तक चूसती रही। ये चुदाई वाला राज मैंने दोस्तों किसी को नही बताया है। सिर्फ आपको बताया है।