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बेरोजगार भाई की नौकरी लिए बहन की चूत कुर्बान

फ़रवरी 26, 2022 by hamari

Kamuk Sister

मेरा नाम मयंक है। मैं 29 साल का जवान हट्टा कट्टा मर्द हूँ। मै पुणे में रहता हूं। बचपन से ही मेरे को अच्छी जॉब की ख्वाहिश थी। लेकिन ये सब सिर्फ सपना ही लगने लगा था। धीरे धीरे बचपन खत्म हुआ। जवान होकर भी मैं बेरोजगार घूमता रहता था। हर जगह सिफारिश चलती थी। मैं बहोत अच्छे घर का भी नहीं था। Kamuk Sister

मेरा एक छोटा सा परिवार था। मेरे से बड़ी एक  बहन थी। उस समय मेरी उम्र 26 साल की थी। जब मेरे साथ ये घटना घटी थी मेरे को उस टाइम जॉब की तलाश थी। मैं जॉब के लिए कुछ भी करने को तैयार था। लेकिन ये सब इतना आसान भी नहीं था। हर एक ऑफिस में जुगाड़ चलता था। मेरी बहन देखने में एकदम हीरोइन लगती थीं। उसका नाम भी इसीलिए उर्वशी रखा गया था।

उसका फिगर बहोत ही लाजबाब था। वो जब चलती थी तो उसकी मटकती कमर को देखकर मैं भी फ़िदा हो जाता था। वो भी किसी रंडी से कम नहीं थी। मोहल्लें के कई सारे लड़को के साथ उसका चक्कर था। वो मेरी सौतेली बहन थी। मेरे पिताजी ने दूसरी शादी की थी। मेरी नयी माँ भी बहोत खूबसूरत थी।

उसके उछलते मम्मे को देखकर मैने उर्वशी पर मोहित होकर उसका काम लगा डाला। हम लोग भाई बहन होकर भी बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड की तरह रह रहे थे। मेरे को हर दिन उर्वशी के साथ चुदाई का खेल खेलने का अवसर मिल जाता था।

हमारी चुदाई की कहानी मम्मी पापा की अनुपस्थित में बनी थी। हम दोनों जवान कपल एक ही घर में एक ही कमरे में रहते थे। रोज रात को संभोग का आनंद मिल जाता था। उर्वशी की पतली स्लिम बॉडी पर कोई भी फ़िदा हो जाता था। उसका ख़र्च तो किसी तरह से चल भी जाता था।

लेकिन मैं तो 26 साल का होकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था। पापा से पैसे मांगने में शर्म आ रही थी। मै जॉब के लिए एक कंपनी में गया हुआ था। वहाँ लोहे का काम होता था। मेरे को वहाँ पर मोहल्ले के बहोत सारे वर्कर मिले। उसी कंपनी का जो मैनेजर था।

वो भी इत्तेफाक से पहले मेरे साथ ही पढता था। कॉलेज के दिनों में मेरा उसके साथ झगड़ा हुआ था। उसका नाम रंजन था। वो झगड़ा भी मेरी बहन उर्वशी को लेकर हुआ था। वो मेरी बहन को पटा कर उसके साथ सेक्स के पीछे पड़ा था।

मैं भी उसी के क्लास में था तो सब जानकर मेरा उसके साथ झगड़ा हो गया था। जिससे मेरे को अभी तक उससे जलन होती थी। मैं भी मजबूर होकर उसके पास नौकरी के लिए गया। वो मेरे को देखते ही पहले मुस्कुराया और मेरे से अच्छे से बात की। नौकरी के लिए मैने जब उससे बात की  तो उसने आज भी वही प्रस्ताव रखा।

रंजन: अगर तेरे को नौकरी चाहिए तो मैं आज भी तुम्हारी बहन को चाहता हूँ। अगर मेरा उसके साथ काम हो जाए तो तुम्हारा भी काम हो जाएगा.

मै: रंजन अपने और मेरे बीच मेरी बहन को न लाओ! मेरे को नौकरी की शख्त जरूरत है.

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लेकिन रंजन ने नहीं मानी। मेरे पास और कोई रास्ता भी नहीं था। आखिरी उम्मीद थी मेरी। मै भी हाँ में हाँ मिलाकर वहाँ से चल दिया। मेरे को अपनी बहन कोमनाना बहोत ही मुश्किल काम लग रहा था। मेरी बहन उससे बहोत जलती थी। रंजन ने उसे पूरे कॉलेज में बदनाम कर रखा था। उसकी शक्ल से भी वो नफरत करती थी। 

मेरे को तो कुछ समझ में ही नही आ रहा था। किसी तरह से बहन को मनाकर उसका काम लगवाना था। मै रात को उर्वशी के साथ लेटा था। उर्वशी रात को मेरे साथ अपने सारे कपडे निकाल कर ही लेटती थी। मै जब चाहे जैसे उसका काम लगा देता था। मैंने उर्वशी से रंजन की बात छेड़ दी।

मै: उर्वशी मेरे को आज रंजन मिला था??

उर्वशी: नाम मत लो उस बतमीज का! मेरे को उसके नाम से भी नफरत है.

मै: पहले सुनो तो!

उर्वशी: बताओ!

मै: जिस कंपनी में मै जॉब के लिए गया था उसका वो मैनेजर है। मेरे को आज वो मिला था.

उर्वशी: फिर तो तेरे को नौकरी भी नही दी होगी.

मै: दे देता लेकिन सब तेरी वजह से हुआ है.

उर्वशी से मैने धीरे धीरे सारी बातें बता दी। वो भी मेरे से गुस्सा होने लगा। मेरे को रात में अपने बदन को छूने तक नहीं दिया। सुबह हुई तो पता नहीं क्यूँ वो मेरे को देखकर मुस्कुराती हुई उठी।

उर्वशी: रोज तू मेरे को चोदता है। तेरे लिए चल उससे भी चुदवा लेती हूँ.

मै: थैंक यू उर्वशी….

उर्वशी को ले जाने से पहले रंजन को कॉल किया। उसने मेरे को उर्वशी के साथ उसके नए घर पर आने को कहा। अपना पूरा एड्रेस मेरे को उसने भेज दिया। मै रात में मम्मी और पापा से दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाने का बहाना करके करीब 9 बजे घर से निकला। आधे घंटे बाद रंजन के घर पहुच गया। वो हम लोगों का ही  इन्तजार कर रहा था।

मेरी बहन को मेरे साथ देखकर बहोत ही खुश हो रहा था। हम लोगो को साथ लेकर अंदर घर में चला गया। उसका घर तो बहोत ही शानदार बना हुआ था। उसके साथ बैठकर हमने कुछ देर तक बाते की। वो बार बार मेरी बहन के मम्मे को ताड़ रहा था। कुछ ही देर में बात करते करते अच्छे फ्रेंड हो गए।

रंजन: उर्वशी तेरी इस हॉट बॉडी को देखकर मै कॉलेज के दिनों से ही दीवाना था.

उर्वशी: मेरे को पता था.

रंजन: आज मेरे सपने सच होने वाले है.

उर्वशी: चल तू भी मेरी चूत को चोदकर अपनी ख्वाहिश पूरी कर ले.

इतना सुनकर मैं वहां से चलने लगा। मै जैसे ही उठा।

रंजन: भाई तू कही मत जा! आज अपने आँखों के सामने अपनी बहन को चुदता देख ले.

मैं: रंजन यार अब तेरे को जो भी करना है कर लो! लेकिन ये सब मेरे सामने मत करो.

रंजन: मयंक तू यहाँ नहीं रहेगा तो मजा नहीं आयेगा.

मै भी मजबूरी में सब कर रहा था। मै वही बैठ गया। वो मेरे सामने ही उर्वशी को चिपका कर मजे लेना शुरू कर दिया। मेरे सामने ही मेरी बहन की चुदाई होनेवाली थीं। मेरा लंड खड़ा होने लगा था। रोज रात जिसकी चुदाई मै करता था। आज उसी की चुदाई कोई और मेरी आँखों के सामने करने जा रहा था। मेरी बहन को गर्म करने के लिए रंजन ने उसके बदन पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।

उसके बदन पर हाथ घुमाते उसकी पलके झपकाने लगी। वो मदहोश होती जा रही थी। मै उसे देखकर मूड में आने लगा। किसी तरह से अपने आप को कंट्रोल कर रहा था। मेरे को भी उर्वशी को चोदने का दिल करने लगा। लेकिन आज तो मेरे को सिर्फ चुदाई देखना ही नसीब था।

सोफे पर वो दोनों बैठे हुए एक दूसरे को गर्म कर रहे थे। मेरी बहन तेजी से गर्म हो रही थी। रंजन मेरी बहन को उठाकर अपने बेडरूम में ले गया। मेरे को भी साथ लेकर गया। मैं वहाँ पास रखे कुर्सी पर बैठकर सारा तमाशा देख रहा था। उसने अपना टी शर्ट निकाल कर बिस्तर पर चढ़ गया। रंजन का शरीर बहोत ही गठीला लग रहा था।

उसकी हाइट तो लंबी लगती थी, लेकिन टी शर्ट निकालते ही उसके साँड़ जैसे शरीर को देख कर मैं चौंक गया। वो मेरी बहन की चूत को फाड़ कर आज उसका हलुआ बनाने वाला था। उसके बॉडी को देखकर मेरी बहन की भी सिट्टी पिट्टी गुल हो गयी। वो भी डर गयी थी। उर्वशी के ऊपर चढ़ कर उसने उसके होंठ को दबा लिया। वो होंठो से मेरी बहन के होंठो को चूमते हुए चूसने लगा।

उर्वशी का भी मूड बन चुका था। वो दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे। रंजन ने मेरी बहन की गुलाबी होंठ को चूस चूस कर कुछ ही देर में और भी ज्यादा गुलाबी कर दिया। बड़ी ही बेरहमी से वो होंठो को काट काट कर अपनी हवस की प्यास बुझा रहा था। उसकी हवस की प्यास बढ़ती ही जा रही रही थी।

नौकरी के लिए मेरी बहन ने अपनी चूत की कुर्बानी दे ही दी। उर्वशी भी सिसकारियां भरते हुए उससे लिपटती ही जा रही थी। उसकी मुह से निकलने वाली “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारियां मेरे को साफ़ साफ़ सुनाई पड़ रही थी। रंजन धीरे धीरे उसकी चूत की तरफ बढ़ रहा था।

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उसने अब उर्वशी के गले पर किस करना शुरू किया। उर्वशी के गले पर किस करते ही वो पागल सी हो जाती थी। वो पागलो की तरह रंजन के बालो को नोचने लगी। रंजन ने भी अपना हाथ बढ़ाकर उसके फूले हुए बूब्स पर रख दिया।

उर्वशी ने उस दिन काले रंग की फुल टी शर्ट और जीन्स पहने हुई थी। काले रंग के कपङे में वो और भी ज्यादा हॉट लगती थी। मैं अपना लंड दबाये हुए बैठा हुआ था। रंजन ने उसे बिठाकर उसका टी शर्ट निकाल दिया। टी शर्ट के निकालते ही वो ब्रा में हो गयी।

रंजन: वाओ! नाइस बूब्स…

इतना कहकर वो उर्वशी की ब्रा को मुस्कुराते हुए निकाल दिया। उसके उभरे हुए निप्पल को चुटकी से पकड़ कर खींचने लगा। उसे खींचते ही उर्वशी सी…..सी…की चीख निकालने लगती। रंजन ने अपना मुह उसके चूचो पर लगाकर पीना शुरू कर दिया। वो जोर जोर से भूखे बच्चो की तरह पी रहा था। 

उसके दांत गड़ते ही उर्वशी “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की चीख निकालने लगती थी। उसने कुछ देर तक मसल मसल कर मेरी बहन के दूध को पिया। लगभग 15 मिनट तक वो बूब्स को चूसते हुए मेरी बहन को गर्म किया। 

उर्वशी के ऊपर से वो उतरकर बेड पर खड़ा हो गया। अपने लोवर को निकाल दिया। उसका अंडरबियर बहोत ही फूला हुआ था। मेरी बहन पागलो की तरह झपटती हुई उसके लंड को अंडरबियर के ऊपर से ही सहलाने लगी। रंजन ने अपना अंडरबियर निकाला तो उसका लंबा मोटा लंड देख कर मैं हैरान हो गया। उसका लंड सिकुड़ा हुआ ही 5 इंच का लग रहा था।

अंडरबियर से आजाद होते ही वो धीरे धीरे खड़ा होने लगा। उर्वशी के हाथ स्पर्श कराते ही वो तेजी से खड़ा होने लगा। रंजन ने उसके  बालो को पकड़ कर खींचा। बालो के खींचते ही उर्वशी की चीखो के साथ उसका मुह खुल गया। उसके मुह के खुलते ही रंजन ने अपना लंड उसके मुह में घुसा दिया। वो उसका लंड चूसने लगी।

मेरे से ये सब देखा नहीं जा रहा था। लेकिन फिर भी मेरे को सब देखना पड रहा था। उसने कुछ देर तक अपना लंड मजे ले लेकर  चुसवाया। रंजन ने मुह में ही कुछ देर तक लंड को अंदर बाहर किया। मेरी बहन ने भी अपने करामात दिखाना शुरू कर दिया। उसने अपनी जीन्स को निकालकर पैंटीमें हो गयी।

उर्वशी: रंजन तेरे को जो करना है जल्दी कर! मेरे को घर भी जाना है.

रंजन: मेरी जान आज इतने दिनों बाद तू हाथ आई है कुछ देर तक तो मजा लेने दे.

इतना कहकर उसने उर्वशी की पैंटी की खीच कर नीचे करके निकाल दिया। उसकी चूत में अपना जीभ लगाकर वो जोर जोर से चाटने लगा। उर्वशी खड़ी होकर अपनी चूत चटा रही थी। उसकी चूत को रंजन ने चाटने के लिए लिटा दिया। उसने उर्वशी की टांगो को फैलाकर उसकी चूत पर अपना जीभ लगा दिया।

रसमलाई की तरह उसकी चूत को चाटते हुए मजे लेने लगा। उसकी चूत की दोनों पंखुडियों को एक एक करके पीना शुरू कर दिया। उर्वशी जोर जोर से “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”, की सिसकारियां भरते हुए रंजन के बालो को खीच कर दबा रही थी। वो भी कुछ कम नही था। उसने भी जम कर लगभग 20 मिनट तक उसकी चूत को पिया।

उसके बाद उसने अपना 7 इंच का लंड उर्वशी की चूत पर लगाकर रगड़ने लगा। रंजन का मोटा साँड़ के जैसा लंड उसकी चूत फाड़ने को तैयार था। उसने अपना लंड उर्वशी की चूत के छेद से सटा कर जोर का धक्का मार दिया। उस जोर के धक्के से लगभग रंजन का आधे से भी अधिक लंड घुस गया। मेरी बहना की चूत फट गयी।

वो जोर जोर  से “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की चीख निकालने लगी।  उसने धक्के पर धक्का मार कर अपना पूरा लंड घुसा दिया। पूरे लंड से वो उछल उछलकर जोर जोर से चुदाई कर रहा था। मेरी बहन दर्द से चीखती रही। वो बेरहमी से अपना भारी लंड अंदर बाहर कर रहा था।

उर्वशी की जोरदार चुदाई देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। धीरे धीरे चीखे कम होने लगी। उर्वशी भी अपनी कमर मटका मटका कर चुदवाने लगी। दोनों एक दूसरे का साथ देकर चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे। रंजन ने अपने लंड को जड़ तक घुसाकर चोदना शुरू किया। मेरी बहना की सिसकारियां चीख में बदल गई।

वो “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकाल कर चुदती रही। रंजन अपने लंड से मेरी बहन की चूत को फाड़कर उसका भरता बना डाला। उसने उर्वशी चूत चुदाई के लिए उसकी पोजीशन को बदलते हुए उसे कुतिया बना दिया।

मेरी बहन के नए नए पोज़ बनाकर कर सम्भोग का आनंद ले रहा था। रंजन भी कुत्ते की तरह उसकी सवारी करते हुए अपना लंड उर्वशी की चूत में घुसा दिया। अपने 7 इंच के लंड को जड़ तक घुसाकर रंजन ने हचक कर चोदना शुरू किया।

पूरा बिस्तर हिल हिल कर चूं…. ,चूं… .,चूं…. की आवाज निकाल रहा था। उस आवाज से पूरा कमरा भरा हुआ था। हर तरफ बस चुदने की आवाज ही गूँज रही थी। अचानक से उर्वशी की आवाज तेज हो गयी। वो “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हममममअहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की तेज आवाज के साथ झड़ गयी।

उसकी चूत से माल निकलने लगा। रंजन ने चूत के माल से भीगे लंड को निकाला। रंजन के भीगे माल से बूँद बूँद करके उर्वशी की चूत का माल नीचे गिर रहा था। उसने उसी पोजीशन में होकर उर्वशी की गांड में लंड पेलना शुरू कर दिया। जोर का झटका मारते हुए लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था।

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आखिरकार उसके लंड का टोपा घुस ही गया। वो जोर जोर से  “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज निकाकते हुए चिल्लाने लगी। मै भी उसकी गांड चुदाई करने में बहोत डरता था। वो हमेशा ऐसे ही चिल्लाती थी। घर पर मम्मी पापा के होते हुए मैं कभी भी उसकी गांड नहीं चोदता था। बड़े दिनों के बाद उर्वशी गांड चुदाई करवा रही थी। रंजन अपना पूरा लंड डालकर जोर जोर के शॉट लगा रहा था। उसने टाइट गांड को फाड़कर उसका भी भरता बना डाला। कुछ देर बाद रंजन का भी लंड स्खलित होने वाला हो गया।

झड़ने से पहले अक्सर स्पीड तेज हो जाती है। वो जोर जोर के शॉट लगाकर उर्वशी के मुह से “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..”, की चीखें निकलवाते हुए उसकी गांड के अंदर ही झड़ गया। उर्वशी ने भी चैन की साँस ली। दोनों बेहाल होकर लेट गए। चुदाई बंद होते ही मेरी आँखों को थोड़ा सा सुकून मिला। कुछ देर बाद उर्वशी ने अपने कपडे पहने और हम लोग चलने लगे। रंजन भी बहोत खुश था। उसने मेरे को अपनी कम्पनी में अच्छे  पोस्ट की जॉब दिलवा दी। इस तरह से मैंने अपनी बहन का सहारा लेकर जॉब लिया।

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