Horny Cheater Wife
मेरा नाम अनिल श्रीवास्तव है। मैं हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब शहर में जॉब करता हूं। मेरा परिवार दिल्ली में रहता है। मेरे दो बच्चे हैं जिनकी उम्र 2 साल और 4 साल है। छोटे वाला बेटा है जबकि बड़ी वाली बेटी है। मेरा परिवार मेरे पिता जी के पास दिल्ली में रहता है लेकिन बीवी कई बार परिवार को लेकर मेरे साथ कुछ दिन के लिए रहने को पोंटा साहिब आ जाती है। Horny Cheater Wife
पोंटा साहिब में मेरे पास एक ही रूम है जो कि पूरे परिवार के लिए कम पड़ता है इसलिए हमें होटल में ठहरना पड़ता है। पिछले साल जब मेरी बीवी परिवार के साथ आई थी तो मैंने अपने बॉस को भी परिवार से मिलवाने के लिए ले गया था।
मेरे बॉस मुझसे उम्र में ज्यादा बड़े नहीं हैं। बस 5-6 साल का अंतर होगा मुश्किल से। जब परिवार से मिलने बॉस मेरे पास आए थे तो उनकी नज़र मेरी बीवी पर बार-बार जा रही थी। मैं जानता था कि मेरे बॉस काफी ठरकी हैं क्योंकि ऑफिस में अक्सर लड़कियों के साथ उनके किस्से कहानियां हवा में उड़ते रहते हैं इसलिए मेरे लिए उनका मेरी बीवी को ताड़ना कोई आश्यचर्यजनक बात नहीं थी।
मैंने सोचा, ताड़ ही तो रहा है उससे क्या होने वाला है। इसलिए सब कुछ देखते हुए भी मैंने उनकी इस हरकत को नज़रअंदाज़ कर दिया। वैसे भी प्राइवेट जॉब है। अगर मुझे पसंद नहीं भी होता तो भी मैं कुछ नहीं कर सकता था। क्योंकि प्राइवेट में तो हां,जी की नौकरी होती है और ना,जी का घर होता है। इसलिए बात मेरे कंट्रोल में थी ही नहीं।
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लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात ये थी कि मेरी बीवी को भी इसमें कोई आपत्ति नहीं लग रही थी। वो भी मेरे बॉस को हल्की सी मुस्कान के साथ देख रही थी। पत्नी का नाम बताना तो मैं भूल ही गया। मेरी पत्नी का नाम कुसुम है। नाम की ही तरह उसका बदन भी काफी सुंदर है।
दो बच्चों की मां होने के बाद भी उसने अपने फिगर को इस तरह मेंटेन करके रखा हुआ है जैसे अभी अभी शादी हुई हो। उसकी उम्र लगभग 29 के करीब है। कुसुम के चूचे काफी शेप में हैं और कमर बिल्कुल पतली है। जब साड़ी पहनती है तो दीपिका पादुकोन से कम नहीं लगती।
इसलिए बॉस की नज़र बार-बार मेरी हीरोइन पर जा रही थी। इधर कुसुम भी रह-रहकर बॉस को देखे जा रही थी। मेरे बॉस पहाड़ी हैं। देखने में काफी हैंडसम और सुडौल शरीर के हैं। वो डेली जिम भी करते हैं। हाइट तो नॉर्मल ही है लेकिन काफी गोरे और भरे हुए शरीर के हैं।
यही कारण है कि लडकियां उनकी तरफ आसानी से अट्रै्क्ट हो जाती हैं। शायद मेरी बीवी भी उन्ही में से एक थी। जो बॉस की पैनी और शरारती नज़र का जवाब अपनी साडी के पल्लू को बार-बार नीचे गिराकर दे रही थी। परिवार से मिलने के बाद बॉस ने कहा- अच्छा अनिल मैं चलता हूं। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
इधर तपाक मेरी बीवी कुसुम बोल पड़ी-अरे सर, रात खाना आप हमारे यहां पर ही खाना। आपके लिए स्पेशल डिश बनाने वाली हूं। मीठी और तीखी दोनों तरह की। कुसुम की बात सुनकर बॉस के लाल होठों पर एक रहस्यमयी मुस्कान तैर गयी।
बॉस बोले- हां जरूर, मेरे सबसे अच्छे एंप्लॉय की बीवी मुझे खाने पर बुलाए और मैं ना आऊं, भला ऐसा कैसे हो सकता है। बॉस ने मुझसे हाथ मिलाया और सबको अलविदा कर चले गए। मैं भी अपने काम पर चला गया। शाम को 6 बजे घर लौटा तो कुसुम ने खाने की सारी तैयारी कर ली थी।
उसने घर आते ही मुझसे पूछा- आपके बॉस नहीं आए क्या।
मैंने कहा- मैं बॉस को जेब में लेकर थोड़ी घूम रहा हूं। दरअसल मैं थोड़ा खीझ रहा था क्योंकि मेरी बीवी को मुझसे ज्यादा मेरे बॉस की फिक्र हो रही थी। इसलिए मैं थोड़ा गुस्से में भी था।
मैंने कहा- कुसुम, एक कप चाय बना दो।
वो बोली- ठीक है लेकिन एक बार बॉस को फोन करके तो पता कर लीजिए वो कितने बजे तक आ रहे हैं।
मैंने चिड़ते हुए कहा- अगर पता नहीं करूंगा तो चाय नहीं पिलाओगी क्या।
वो भी समझ गयी शायद कि मैं बॉस की बात करने के कारण चिड़ रहा हूं। इसलिए वो चुपचाप किचन में चली गई और चाय बनाने लगी। मैंने बॉस को फोन करने के लिए मोबाइल जेब से निकाला ही था कि डोर बेल बज गई। कुसुम किचन में चाय बना रही थी।
मैंने जाकर दरवाज़ा खोला तो बॉस दरवाजे पर खड़े थे। मैंने भी झूठी मुस्कान के साथ बॉस को गुड इवनिंग विश किया और मन ही मन गाली दी,- आ गया कमीना, नाम लेते ही शैतान हाज़िर। एक तो काम इतना करवाता है और ऊपर से मेरी बीवी भी बोनस में चाहिए इसे।
मैंने बॉस को अंदर आने के लिए कहने से पहले ही वो मुझे एक तरफ हटाते हुए अंदर आ गए। बॉस है भई। कहीं भी आ सकते हैं। चाहे एंप्लॉई का घर ही क्यों न हो। खैर, मैंने दरवाजा बंद कर दिया और बॉस सामने सोफे पर आकर बैठ गए।
इतनी देर में कुसुम चाय बनाकर किचन से बाहर निकलती हुई हाथ में ट्रे लेकर पहुंची। ट्रे में एक ही कप रखा हुआ था। उसने बॉस को देखकर नमस्ते किया और चाय का कप बॉस के सामने पेश कर दिया। बॉस ने भी कुसुम के चूचों की तरफ देखते हुए ट्रे से चाय का कप उठा लिया। मैं हैरान बंदर की तरह उन दोनों की हरकतें देख रहा था।
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बॉस ने कहा- अरे अनिल, तुम चाय नहीं लोगे।
इधर कुसुम ने कहा- अरे सर, आप लीजिए ना, मैं इनके लिए दूसरे कप में ले आती हूं।
बॉस ने कुसुम की तरफ देखते हुए कहा- हां, लेने ही तो आया हूं।
कुसुम हल्के से मुस्कुराई और मटकती हुई किचन में वापस चली गई। मैं भी बॉस के साथ सोफे पर बैठ गया और हम दोनों बातें करने लगे। इतने में कुसुम ट्रे में चाय का कप लिए हुए फिर से ड्राइंग रुम में आई और ट्रे मेरे सामने टेबल पर रख दी।
वो भी हम दोनों के सामने ही बैठ गई। उसकी साड़ी का पल्लू हल्का सा उसकी छाती से नीचे सरका हुआ था जो उसके सफेद दूधों की ऊपरी दरार की झलक दिखा रहा था। मैंने बॉस की तरफ देखा तो वो गिद्ध की तरह कुसुम के सीने को ताड़ रहा था। कुसुम सब देखते हुए भी अनजान बन रही थी।
तीनों आपस में बातें करने लगे। इतने में मेरी बेटी परी खेलती हुई कुसुम के पास आ गई। बेटी को देखकर बॉस ने कहा- मिसेज श्रीवास्तव, आपको देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि आप दो बच्चों की माँ हैं। काफी मेंटेंन करके रखा हुआ आपने खुद को। कुसुम भी शरारत भरी नज़रों से मुस्कुरा दी।
उसने परी को कहा- जाओ बेटी तुम बेडरुम में जाकर टीवी देख लो। मैं अंकल के लिए खाना परोस देती हूं। कहकर वो उठकर दोबारा किचन में चली गई और परी बेडरुम में। 10 मिनट में मेरी बीवी कुसुम खाने की प्लेटें टेबल पर सजा देती है। हम खाना शुरु करते हैं। रात हो रही थी और ठंड बढ़ती जा रही थी।
खाने के बाद बॉस ने कहा- मिसेज श्रीवास्तव खाना बहुत ही अच्छा बना था। बहुत दिनों बाद इतना स्वादिष्ट खाना खाया है।
कुसुम ने कहा- थैंक्यू, आप आते रहियेगा, दोबारा भी सेवा का मौका मिलेगा।
इतना कहने के बाद बॉस भी मुस्कुरा दिए। बॉस ने कहा- जरूर मिसेज श्रीवास्तव। आपकी खातिरदारी बहुत अच्छी लगी। आपके पति की प्रमोशन जल्दी ही होने वाली है।
कुसुम ने कहा- सर, अगर आप बुरा ना मानें तो आज रात आप यहीं पर ठहर जाइये न। अब रात भी काफी हो चुकी है और बाहर बहुत ठंड भी है। सुबह नाश्ता करके चले जाइयेगा।
बॉस यह सुनकर ऐसे मुस्कुराए जैसे कुसुम ने उनकी मुंह की बात छीन ली हूो।
बॉस बोले- हां, क्यों नहीं, मुझे क्या काम है घर पर। वैसे भी मेरी पत्नी और बच्चे वेकेशन पर जम्मू गए हुए हैं मैं घऱ में बोर ही हो जाऊंगा। यहां पर आप लोगों के साथ टाइम पास भी हो जाएगा।
यह सुनकर कुसुम भी मुस्कुराई जैसे अपने किसी मकसद में कामयाब हो गई हो। कुसुम ने कहा- ठीक है मैं आप दोनों के सोने का इंतज़ाम कर देती हूं। लेकिन अगले ही पल वो कुछ सोचने लगी।
मैंने पूछा- क्या सोच रही हो कुसुम?
उसने कहा- लेकिन हमारे पास तो दो ही रूम हैं। एक में पिता जी सोएंगे और एक में मैं और आप।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, हम यहीं ड्राइंग रुम में सो जाएंगे बॉस अंदर वाले कमरे में सो जाएंगे। एक ही रात की तो बात है।
कुसुम बोली- हां, ये सही आइडिया है।
इतना कहकर कुसुम अंदर बिस्तर लगाने के लिए चली गई। कुछ देर बाद वो बाहर आई और बोली, परी तो अपने दादा के साथ सो रही है। सर के लिए मैंने बिस्तर लगा दिया है। आप दोनों अगर और बातें करना चाहें तो कर लीजिए, मैं यहां पर सोने की तैयारी कर लेती हूं।
मैंने कहा- चलिए बॉस, हम अंदर बैठते हैं।
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हम दोनों अंदर चले गए। कुछ देर बातें करने के बाद बॉस ने कहा, यार तुम्हारी पत्नी ने काफी अच्छा खाना बनाया था मैंने स्वाद में कुछ ज्यादा ही खा लिया। अब मुझे नींद आ रही है। तुम भी सो जाओ वो तुम्हारा बाहर इंतज़ार कर रही होगी।
मैंने कहा- ठीक है बॉस आप आराम कीजिए। सुबह साथ ही ऑफिस के लिए निकल लेंगे।
कहकर मैं वहां से उठ आया और देखा तो कुसुम ने ड्राइंग रुम में सोने की तैयारी कर रखी थी। उसने हल्के पिंक रंग की नाइटी पहन रखी थी और उसके ऊपर ठंड से बचाव के लिए कार्डिगन डाल रखा था। मैंने बाहर आते समय बॉस के रुम का दरवाज़ा बंद कर दिया और ड्राइंग रुम में आकर लेट गया।
इधर कुसुम किचन में बर्तन साफ कर रही थी। मैं आकर कंबल में लेट गया और जल्दी ही मुझे आलस आने लगा लेकिन कुसुम अभी तक नहीं आई थी। मैंने कुसुम को आवाज़ लगाई तो किचन से आवाज़ आई- हां, बस आती हूं दस मिनट में। इतने में मुझे नींद आ गई।
नींद में मुझे दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनाई दी। मैंने अपनी बगल में कंबल पर हाथ मारा तो कुसुम वहां पर नहीं थी। मैंने यहां-वहां देखा, वो कहीं नज़र नहीं आ रही थी। तब मैंने ध्यान से सुना तो अंदर वाले रुम से कुछ बातें करने की आवाजें आ रही थीं।
मैं चुपके से दबे पांव उठा और अंदर वाले कमरे की तरफ बढ़ा। मैंने ध्यान से सुना तो वो आवाजें बॉस के कमरे से आ रही थीं। मैंने चाबी वाली दरार से दरवाज़े के पास बैठकर एक आंख से अंदर झांका तो कमरे की लाइट जल रही थी और सामने बिस्तर पर कुसुम बॉस के साथ लेटी हुई थी।
वो बॉस की छाती पर हाथ फिरा रही थी। और बॉस कुसुम की कमर को सहला रहे थे। वो लोग क्या बातें कर रहे थे ये ठीक से सुनाई नहीं दे रहा था। लेकिन अगले 2 मिनट में ही बॉस ने कुसुम के होठों को चूसना शुरु कर दिया। कुसुम भी बॉस का पूरा साथ दे रही थी।
जल्दी ही वो दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे। बॉस ने कुसुम का कार्डिगन उतार दिया और उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाने लगे। साथ ही वो कुसुम के होठों का रसपान भी कर रहे थे। कुसुम एक हाथ से बॉस की पैंट पर जिप वाले भाग को सहला रही थी।
और बॉस का दूसरा हाथ कुसुम की गांड को मसल रहा था। सामने का नज़ारा काफी उत्तेजित करने वाला था। मैं भी चुपचाप देखने लगा कि आगे क्या होने वाला है। मेरी बीवी गैर मर्द से कैसे काम क्रीड़ा कर रही है। यह देखने में काफी दिलचस्प लग रहा था।
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कुछ मिनटों तक चूमा चाटी करने के बाद बॉस ने अपनी पैंट उतार दी और अंडरवियर समेत उसे नीचे सरका कर कुसुम के हाथ में अपना खड़ा हुआ लंड थमा दिया। जैसे ही कुसुम ने बॉस के लंड को अपने हाथ में लिया बॉस के मुंह से कामुक सिसकी निकल गई।
सी …..सी…….सी ……सी…..हा….. हा….. हा…..करते हुए बॉस कुसुम के हाथ से अपनी मुट्ठ मरवा रहे थे। कुसुम भी अपने हाथ को तेज गति के साथ बॉस के लंड पर चला रही थी। अगले ही पल बॉस ने कुसुम के सिर को पकड़ा और अपने लंड के करीब लाकर कुसुम के होंठ अपने लंड में फंसा दिए।
कुसुम बॉस के लंड को चूसने लगी। बॉस के आनंद का ठिकाना न रहा। “आआआअह्हह्हह……. ईईईईईईई…… ओह्ह्ह्…… आहहहहहह… म्म्म्म्म्म्….” करते हुए वो अपना लंड कुसुम से चुसवाने लगे और साथ ही अपनी शर्ट भी उतार दी।
बॉस की मजबूत छाती अब नंगी हो गई थी और उनकी पैंट लगभग उनके पैरों से निकल ही चुकी थी। कुसुम मज़े से बॉस के लंड को चूसे जा रही थी। अगले 2 मिनट तक लंड चुसवाने के बाद बॉस ने कुसुम की नाइटी को ऊपर खींचकर निकलवा दिया और उसके चूचों को दबाते हुए अपने मुंह में भर लिया।
अब कुसुम कामुक सिसकी कमरे के बार तक आने लगी। “हूँउउउ… हूँउउउ… हूँउउउ… ऊ… ऊँ… ऊँ… सी… सी… सी… सी… हा हा ह ओ हो ह…” करते हुए वो अपने चूचे बॉस से चुसवा रही थी। दूसरे हाथ से बॉस ने कुसुम की चूत रगड़ना शुरु कर दिया।
कुसुम तो जैसे तड़प उठी। उसने अपनी टांगें पूरी तरह से खोल दीं और बॉस की तीन उंगलियां उसकी चूत में जा घुसीं। कुसुम बॉस के सामने नंगी होकर तड़पने लगी। मचलने लगी। बीच-बीच में वो बॉस के होठों को भी चूस रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
बॉस तेजी से कुसुम की चूत में उंगली अंदर बाहर कर रहे थे। बॉस से ज्यादा कामुकता कुसुम के अंदर बढ़ती जा रही थी। अगले ही पल बॉस ने कुसुम टांगों को अपने सामने फैलाया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख कर जीभ अंदर डाल दी।
“आऊ… आऊ… हमममम… अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी… हा हा हा…” करते हुए मेरी बावी कुसुम अपनी चूत मेरे बॉस से चुसवाने लगी। कुछ देर तक चूत का रसपान करने के बाद बॉस उठ खड़े हुए और कुसुम की टांगों को एडजस्ट करते हुए अपने लंड को कुसुम की चूत पर लगा दिया और लंड को अंदर धकेल दिया।
कुसुम के मुंह से निकल पड़ा- “…….मम्मी ….मम्मी …ऊऊऊ …ऊँ ….ऊँ …उनहूँ …उनहूँ” । बॉस ने मेरी बीवी की चूत को चोदना शुरु कर दिया और दोनों काम क्रीड़ा का आनंद लेने लगे। इधर मैं कमरे के दरवाजे के बाहर ही अपने लंड को हिला रहा था। उन दोनों का ये खेल देखकर मैं एक बार तो झड़ भी चुका था।
कुछ देर तक बॉस ने कुसुम की चूत इस पोजिशन में खूब जोर से चोदा और अगले ही पल उसको उठाकर घोडी बना दिया। अब बॉस ने पीछे से चूत में लंड डाल दिया और 10 मिनट चोदते रहे। “उ… उ… उ… उ… उ… अअअ.. आआआआ… सी… सी… सी… सी… ऊँ… ऊँ…” की आवाजें साफ-साफ कमरे के बाहर सुना जा सकती थीं।
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बॉस ने एकदम से कुसुम की चूत से लंड निकाला और धीरे-धीरे उसकी गांड में धकेलने लगे। कुसुम एक बार तो उचकी लेकिन धीरे-धीरे एडजस्ट करते हुए उसने बॉस का पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया। बॉस ने फिर से अपने रिदम में कुसुम की गांड के छेद को चोदना शुरु कर दिया। अब की बार बॉस की स्पीड ज्यादा लग रही थी। 10 मिनट तक मेरी बीवी की गांड को चोदने के बाद बॉस की स्पीड एकाएक कम हो गई और कुछ ही पल में वो शांत हो कर एक तरफ बिस्तर पर गिर गए।
कुछ मिनटों में कुसुम भी सामान्य हो गई। मैं भी वहां से उठ खड़ा हुआ। और चुपचाप जाकर अपने बिस्तर में जाकर लेट गया। उनके सेक्स के दौरान मैं भी दो बार झड़ चुका था। मुझे भी लेटते ही नींद आ गई। सुबह आंख खुली तो बॉस जा चुके थे। पूछने पर कुसुम ने बताया कि वो जल्दी निकल गए। नाश्ता करने फिर कभी आएंगे। मैं भी समझ गया कि मेरी बीवी नाश्ते में क्या परोसने वाली है अगली बार।