Bahan Masti Sex Kahani
शेखर देखने में सेक्सी और हैंडसम है इसने आज तक किसी भी लड़की को नहीं चोदा है बस अपने लंड को हिलाता रहता है और बेचारा कर भी क्या सकता है इसके लंड का साइज 9.5 इंच है और मोटा 3 इंच है. अमीषा (24) ये शेखर की इकलौती बहन है और देखने में बहुत ही खूबसूरत ह कोई भी इसे देख ले तो देखता रह जाए. Bahan Masti Sex Kahani
और इसकी गांड तो बहुत ही निखर गयी है इस उम्र में और शेखर के दोस्त तो अमीषा के चोदने के फिराक में है यहां से भी ये गुज़रती है सभी अपने लंड हिलाते रह जाते है इसके बूब का साइज 38और गांड 40 की है. मनोहर (24)ये शेखर का दोस्त है दिखने में ठीक ठाक है पर शेखर से कम.
ये एक नंबर का हरामी है ये लड़कियों को चोदने के फिराक में रहता है कितनी लड़कियों को ये चोद चूका है अब इसकी नज़र शेखर की सिस्टर पर थी इसके लंड का साइज 10 इंच का है और शेखर के लंड जितना मोटा है. उपेन्द्र (23) ये भी शेखर का दोस्त है दिखने में शरीफ है पर ये भी अमीषा के नाम पर अपना लंड हिलाता है.
और ये भी अमीषा को चोदने के फ़िराक में बस इसे मोके की तलाश है बाकी ये पूरी लाइन देता है अमीषा को की कब अमीषा इसके निचे लेटी हो इसके लंड का साइज 9.5 इंच है और 2.8 इंच मोटा है. बाकि के किरदार का कहानी के साथ परिचय दे दिया जायेगा. शाम के 7 बजे मेरे दोस्त उपेन्द्र के घर की छत पर-
उपेन्द्र : देख शेखर मैं तुझे समझा रहा हू कि मनोहर से ज़्यादा दोस्ती मत रख वह हमारे टाइप का आदमी नही है तू नही जानता वह कई ग़लत कामो मे भी लिप्त है ऐसा ना हो कि तुझे लेने के देने पड़ जाए मैं तेरा बचपन का दोस्त हू इसलिए तुझे समझा रहा हू.
शेखर : यार उसके ग़लत धंधो से मुझे क्या लेना देना, अब वह अगर मुझ पर जान छिड़कता है तो मैं कैसे उसे अवाय्ड कर दू.
उपेन्द्र : अब मैं तुझे क्या बताऊ, तू तो एक नंबर. का चूतिया है.
शेखर : गुस्से से चल जाने दे मैं चूतिया हू और तू साले मेरा बाप है जो बड़ा समझदार है.
उपेन्द्र : अबे मेरा मूह मत खुलवा नही तो तेरी ही गांड मे मिर्ची लग जाएगी, तुझे क्या पता कि वह तुझे इतना भाव क्यो देता है.
शेखर : हाँ तो बता ना.
उपेन्द्र : रहने दे अभी तू मुँह फूला लेगा और उसके चक्कर मे मुझसे बोलना बंद कर देगा.
शेखर : ऐसी कौन सी बात है मैं भी तो जानू.
उपेन्द्र : अबे चूतिए वह तुझे पटाकर तेरी दीदी अमीषा की मोटी गांड मारने के चक्कर मे है.
शेखर : ये क्या बोल रहा है उपेन्द्र, मेरे चेहरे पर कठोर भाव आ चुके थे.
उपेन्द्र : वही जो तू सुन रहा है.
शेखर : भोसड़ी के मुँह संभाल कर बात कर.
उपेन्द्र : अच्छा तुझे यकीन नही आ रहा ना ले मैं अभी तुझे यकीन दिला देता हू पर एक शर्त है.
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शेखर : क्या शर्त.
उपेन्द्र : तू मनोहर पर बिल्कुल भी गुस्सा नही होगा और कल से उससे दोस्ती खत्म कर लेगा.
शेखर : अगर तेरी बात सही है तो मैं उसकी माँ चोद दूँगा.
उपेन्द्र : बस तेरी यही चुतिया बातो की वजह से मैं तुझे कोई बात बताता नही हू.
शेखर : कुछ सोचते हुए, अच्छा ठीक है जैसा तू कहेगा मैं वैसा ही करूँगा अब बता.
उपेन्द्र : अच्छा अब चुपचाप बैठ और सुन.
उपेन्द्र ने अपने सेल से मनोहर को कॉल किया और स्पीकर ऑन कर दिया.
उपेन्द्र : हेलो मनोहर भाई कैसे हो.
मनोहर : बस प्यारे मैं तो बढ़िया हू तू बता आज कैसे मुझे फोन लगा लिया.
उपेन्द्र : अरे भाई अब क्या बताऊ बस पड़े पड़े सेक्सी लड़कियों को नेट पर देख रहा था तो तुम्हारी याद आ गई कि तुमने गजब माल पटा पटा कर चोदे है पर हमसे तो एक भी नही पटती है.
मनोहर : लोडु लड़किया पटाने के लिए स्किल होनी चाहिए.
उपेन्द्र : भाई कही मेरा भी जुगाड़ करवा दो ना.
मनोहर : फोकट मे जुगाड़ नही होता प्यारे माल चोदने के लिए माल खर्च करना पड़ता है.
उपेन्द्र : अच्छा भाई तुम तो इतने एक्सपर्ट हो पर यह बताओ ऐसा कोई माल है जिसकी गुदाज और मोटी गांड ने तुम्हे काफ़ी समय से पागल कर रखा हो और तुम अभी तक उसे छु भी नही पाए हो.
मनोहर : मुस्कुराते हुए, अबे साले आज तो तूने मेरी दुखती रग पर हाथ रख दिया पर चल कोई बात नही बता देता हूँ लेकिन यह बात राज ही रहनी चाहिए नही तो तू मेरा नेचर तो जानता है जिस पर भेजा खिसक जाए तो फिर वह मेरा बाप भी हो तो उसकी माँ चोदते मुझे देर नही लगती.
उपेन्द्र : भाई आप की बात राज ना रख कर मुझे मरना थोड़े ही है.
मनोहर : यार क्या बताऊ तुझे तेरा वो दोस्त है ना शेखर उसकी बहन अमीषा के भारी चुतडो ने मेरी नींद उड़ा कर रख दी है, उसके मोटे मोटे चुतडो मे अपना लंड पेलने के लिए मैं मरा जा रहा हू पर उसे पटाने का कोई उपाय समझ नही आता, जब सुबह सुबह वह शेखर के साथ कॉलेज आती है तो उसके चुतडो की मस्त थिरकन देख कर मेरा लंड पेंट फाड़ने को तैयार हो जाता है.
तूने देखा है ना उसकी गुदाज और कातिल जवानी कितनी मस्त है उसके 38 के बोबे और 40 की मोटी गांड ने मेरा दिमाग़ हिला कर रख दिया है, सच कहु उपेन्द्र वो तेरा दोस्त शेखर तो महा चूतिया है अगर उसकी जगह मैं अमीषा का भाई होता तो ऐसी मदमस्त जवान बहन को रोज पूरी रात नंगी करके खूब कस कस कर उसकी मोटी गांड और गुलाबी चूत चोदता पर क्या करे किस्मत खराब है.
मेरे चेहरे पर गुस्से के भाव थे पर उपेन्द्र मुझे बिल्कुल चुप रहने का इशारा करता हुआ उससे बात कर रहा था, आख़िर मे उपेन्द्र ने फोन कट किया और मैं बोल पड़ा यार उपेन्द्र मैं इसकी मा चोद दूँगा बहन्चोद की फिर उसके बाद चाहे जो हो. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उपेन्द्र : देख भाई मेरी बात ध्यान से सुन सबसे पहली बात तो उससे दूरिया बना ले और दूसरी बात इतना गुस्सा करने की ज़रूरत नही है वह कोई अकेला ऐसा बंदा नही है जो दूसरे की माँ बहनो को चोदने की नज़र से देखता है ऐसे कई लोग है अब हम सब के बारे मे तो नही जान सकते ना.
शेखर : यार मेरा दिमाग़ उस मा के लोडे के लिए बहुत खराब हो रहा है.
उपेन्द्र : चल अब अपना मूड खराब मत कर, आज मैं तुझे पार्टी दे देता हू.
शेखर : मुस्कुराते हुए क्या बात है लगता है आज तू दारू सारू पिलाने के मूड मे है.
उपेन्द्र : अबे तेरे लिए दारू क्या बड़ी बात है.
शेखर : लेकिन यहाँ तेरे घर मे कैसे पिएगे तेरी मोम नाराज़ होगी तो उपेन्द्र चिंता मत कर मेरे मोम डॅड दोनो बाहर गये है कल आएगे अब तू बस अपने घर फोन करके बता दे कि तू आज मेरे यही सोएगा.
मैने तुरंत फोन किया और अमीषा दीदी ने फोन उठाया वह मुझसे 2 साल बड़ी थी इसलिए मैं उसे दीदी ही कहता था,
शेखर : दी आज मैं उपेन्द्र के यही रुक रहा हू तुम मोम को बता देना.
अमीषा : अरे शेखर तेरा वह उपेन्द्र तो बिगड़ कर ढूल हो गया है और उसने तुझे भी बिगाड़ दिया है मैं जानती हू तुम दोनो का पीने का प्रोग्राम होगा.
शेखर : मुस्कुराते हुए अब जानती हो तो बोलती क्यो हो.
अमीषा : लगता है आज मोम को मैं बता ही दू कि तू ड्रिंक करने लगा है.
शेखर : मुस्कुराते हुए, मैं जानता हू कि तुम यह कभी नही बताओगि, मेरी स्वीट डार्लिंग सिस.
अमीषा : मंद मंद मुस्कुराते हुए, चल मस्का मत लगा, तू जानता है कि तेरी ग़लतिया तेरी दीदी किसी को बताती नही है इसीलिए तू इतना बिगड़ गया है.
शेखर : मुस्कुराते हुए, इसका मतलब यह है दी कि तुम्ही ने मुझे बिगाड़ा है.
अमीषा : मैने बिगाड़ा है तो मैं सुधारना भी जानती हूँ.
शेखर : दीदी मैं तो और भी बिगड़ता जा रहा हूँ तुम्हारे साथ रह रह कर.
अमीषा : क्या मैं खुद बिगड़ी हुई हू जो तुझे बिगाड़ूँगी.
शेखर : मुझे क्या पता तुम मुझे बताती ही कहाँ हो.
अमीषा : ओये मैं कोई बिगड़ी नही हूँ वो भी तेरी तरह.
शेखर : हँसते हुए वो तो वक़्त बताएगा कि तुम बिगड़ी हो या नही, अगर नही बिगड़ी होगी तो मैं तुम्हे बिगाड़ दूँगा.
अमीषा : मुस्कुराते हुए क्यो मुझे भी अपने जैसा बनाना चाहता है क्या.
शेखर : बन जाओ दीदी फिर हम दोनो मिल के मौज करेंगे.
अमीषा : मंद मंद मुस्कुराते चल अब ज़्यादा बाते ना बना मुझे नही करना तेरे साथ मौज, खाना खा लेना और टाइम पर कॉलेज पहुच जाना.
शेखर : ओके दीदी.
उपेन्द्र : शेखर तू टीवी देख मैं 10 मिनिट मे नहा कर आता हू.
शेखर : अबे जल्दी आना नही तो मैं बोर हो जाउन्गा.
उपेन्द्र : एक काम कर जब तक मैं नहाता हू तब तक तू मेरे पीसी पर एक फोल्डर है उसके सेक्सी पिक्स देख.
शेखर : हाँ यह ठीक रहेगा, तू जल्दी नहा ले मैं पीने की भी व्यवस्था जमाता हू.
उपेन्द्र के जाने के बाद मैं उसके पीसी पर सेक्सी फोटो देखने लगा, फोटो देखते देखते मेरा लंड खड़ा हो गया उसके बाद मैंने अपना लंड हिला कर उसे शांत किया और उसके बाद उपेन्द्र आ गया और फिर हमने पीने स्टार्ट कर दी और हम खा पी कर सो गए चलते है शेखर के घर की तरफ.
वहां अमीषा अभी अभी नहा कर निकली थी और बाल बना रही थी और दूसरी और अमीषा की माँ सुबह ही उसके नाना के घर निकल गयी थी क्यूंकि उसके नाना की तबियत खराब हो गयी थी दूसरी और घर का मेन गेट खुला हुआ था और शेखर का दोस्त रिंकू जो की काफी दिनों के बाद उसके घर आ रहा था.
उसने देखा डोर ओपन है तो सभी घर ही होंगे वह शेखर के रूम की और चल पढ़ा अभी वह अमीषा दी के रूम के पास ही पहुँचा था की अमीषा दी का डोर खुला हुआ था और उसकी नज़र जब अमीषा पर पडी वह बस टॉवल में थी जिसे देख कर रिंकू से रुका नहीं गया.
और वह वही जमकर खड़ा हो गया और अमीषा दी को निहारने लगा और अपने लंड को पजामे के ऊपर से ही मसलना स्टार्ट कर दिया. वहां अमीषा दी अपने मज़े में खोई हुई थी उनके बड़े बड़े बूब्स और गांड बड़ी मुश्किल से टॉवल से ढक रही थी हुआ यह की उनका टॉवल एक दम से निकल गया और निचे गिर गया और अब वह बिलकुल नंगी थी और दूसरी और रिंकू की हालत खराब हो गयी.
अमीषा दी को नंगा देख कर उसके लंड तो झटके मारने लगा उसने बड़ी मुश्किल से खुद पर कण्ट्रोल किया वहां दी आराम से खड़ी थी और वह मिरर की और चल पडी और मिरर के सामने ही अपनी बॉडी को अच्छे से देखने लग पडी और अपने बूब्स और गांड को मिरर के सामने करने लग पडी उसे ये सब करते मज़ा आ रहा था.
और वहां रिंकू अपना हथियार हाथ में लेकर हिलाना स्टार्ट कर दिया था रिंकू का लंड 10 इंच का था और मोटा भी 3.5 इंच था और दूसरी और अमीषा दी अभी अपनी चूत में ऊँगली डालने वाली थी की उसकी नज़र से मिरर में रिंकू की और गयी रिंकू ये सब नहीं देख पा रहा था वह तो लंड हिलाने में लगा था.
और अमीषा दी की और ही देख रहा था ऐसा नहीं था की अमीषा शरीफ लड़की थी उसका चूदाने का मन करता था पर ऊँगली से ही शांत कर लेती थी खुद को जब उसकी नज़र रिंकू के लंड की और गयी तो वह देखती ही रह गयी उसने पहली बार इतना बड़ा लंड देखा था उस लंड को देख कर उसकी प्यास और बढ़ गयी और वह बेशर्मो की तरह अपनी चूत में ऊँगली करने स्टार्ट कर दी और रिंकू को तड़पाने लगी.
रिंकू की हालत पतली हो गयी थी अमीषा दी को अपनी चूत में ऊँगली करते हुए और वहां अमीषा दी मिरर से रिंकू के मिरर से निहार रही थी और रिंकू बस अपने लंड पर हाथ चलाये जा रहा था दोनों अपने अपने काम अच्छे से किये जा रहे थे. अमीषा दी तो रिंकू के लंड को देख कर पागल सी हो गयी थी और वह उसे हाथो में लेना चाहती थी.
पर वह ऐसा नहीं कर सकती थी वह उसके लंड को निहारते हुए सोचते हुए की जैसे अमीषा दी चूत में वह लंड जा रहा हो सोचने लगी. उन दोनों का खेल कुछ देर तक ऐसे ही चला और फिर दोनों थक हार कर जड़ गए और रिलैक्स हो गए. रिंकू रिलैक्स होकर जल्दी से मेरे रूम की और चल पड़ा पर जब मेरे रूम में कोई नई मिला तो वह वापिस हॉल की तरफ चल दिया.
और वहां पर अमीषा दी के आने का वेट करने लगा और कुछ ही देर में अमीषा दी तैयार होकर आ गयी और उसने जब रिंकू को देखा तो उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी और बोली अरे रिंकू तुम कब आये रिंकू ने भी अमीषा दी को रिप्लाई किया बस दी अभी आया और मन में खुश होते हुए आपको क्या पता दी में कबका आया हूँ और रिंकू ने पूछा अमीषा दी शेखर कहा है.
तो दी ने बताया वह तो कल का उपेन्द्र के घर पर है और माँ आज सुबह नई नाना के घर निकल गयी रिंकू मन में सोचने लगा की अरे पहले आता होता तो आज अमीषा दी को थोक चूका होता पर अब कुछ नहीं हो सकता था तो वह अमीषा दी को बोलता है आज आप मेरे साथ कॉलेज चल पड़ना.
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अमीषा दी भी ओके कहती है और रिंकू अपने घर की और निकल जाता है. थोड़ी देर बाद रिंकू अपनी बाइक लेकर आ जाता है और अमीषा दी रिंकू की बाइक पर बैठ जाती है रिंकू कॉलेज की और बाइक को भगा देता है और थोड़ी देर बाद जानबुज कर ब्रेक लगाता है जिस से अमीषा दी रिंकू से टकराती है दी के बूब्स रिंकू की पीठ पर गढ़ जाते है.
और रिंकू को इस सब में मज़ा आ जाता है और उसका लंड खड़ा हो जाता है और फिर वह थोड़ी देर बाद ऐसे ब्रेक लगता रहता है अमीषा दी भी जान चुकी थी रिंकू जानबुज कर ये सब कर रहा है और मज़े ले रहा है अमीषा दी भी चुप ही रहती है और वह भी मजे लेती है.
और रिंकू बोलता है दी यहां तो बड़े गड्डे है दी उसके बहाने पर हंस रही थी और थोड़ी देर बाद वह कॉलेज पहुँच जाते है उस दिन में और उपेन्द्र कॉलेज नहीं गए और मैंने दी को फ़ोन करके बता दिया की में नहीं आने वाला और दी मुझे बताती है रिंकू भी आ गया है.
और मैंने रिंकू को कॉल करके उपेन्द्र के घर बुला लिया और हम सब मज़े करने लग गए वहां दी कॉलेज में क्लासेज लगा रही थी और ऐसे ही लंच टाइम हो जाता है और मनोहर अमीषा दी को अकेला पा क्र उनकी तरफ चल पड़ता है और कैंटीन में उसके सामने वाली चेयर पर बैठ जाता है.
और अमीषा दी को हेलो करता है अमीषा दी भी उसको रिप्लाई करती है और वह दी से यहां वहां की बातें करने स्टार्ट कर देता है और वह अमीषा दी के बूब्स को भी घूर रहा था ये बात दी ने भी नोटिस कर ली थी फिर वह बोलता है दी आज तो तीनो एब्सेंट है कहा गए है वह अमीषा दी बोलती है रिंकू तो आया था मुझे लगता है वह भी उपेन्द्र और शेखर के साथ चला गया होना अब में किसके साथ जाउंगी.
मनोहर के लिए ये अच्छा मौका था वह बोलता है दी में आपके छोड़ आऊंगा दी बोलती है कोई बात नहीं में चली जाउंगी फिर भी वह दी को मना लेता है. और मनोहर अमीषा दी को अपना फ़ोन नंबर दे देता है और बोलता है जब आप फ्री हो जाओगी तो मुझे कॉल कर लेना और बजे के आस पास अमीषा दी फ्री हो जाती और मनोहर को कॉल करती है.
मनोहर को पता ही था किसका कॉल आया है और वह जल्दी से फ़ोन पिक करके पार्किंग की और चल पड़ता है और अपनी बाइक निकालकर कॉलेज के गेट के पास पहुँच जाता है यहां पर अमीषा दी उसका वेट कर रही थी फिर अमीषा दी उसकी बाइक पर बैठ जाती है और मनोहर बाइक को लेकर घर के तरफ निकल पड़ता है.
अमीषा दी के बूब्स मनोहर की पीठ के साथ सट्टे हुए थे मनोहर दी को बोलता है दी कमर में हाथ दाल लो कही आप गिर न जाओ यहां पर बड़े खड्डे है अमीषा उसको कमर से पकड़ लेती है अब तो अमीषा दी मनोहर से पूरी सटी हुई थी और फिर अचानक से मनोहर ब्रेक लगाता है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और अमीषा दी के बूब्स मनोहर के पीठ पर गढ़ जाते है मनोहर भी रिंकू की तरह घर तक दी के मज़े लेता जाता है और घर आ जाता है और दी उसे अंदर आने के लिए कहती है पहले तो वह मना करता है दी बोलती है में चाय बड़ी अच्छी बनती हूँ तो वह बाइक लगा कर दी के साथ घर आ जाता है और दोनों अंदर आ जाते है दी उसे बैठने के लिए बोलती है और खुद पहले रूम में जाकर अपना बैग रखती है और किचन की और चल पडती है.
वहां मनोहर सोफे पर बैठ कर अमीषा दी के बूब्स वाले सीन को याद करके अपने लंड को शांत कर रहा था उसने दी को आवाज लगाई दी आज आंटी नज़र नहीं आ रही तो अमीषा दी उसको बोलती है माँ नाना के घर गयी है अब मनोहर को लगा की उसके पास एक अच्छा मौका है आज क्यूंकि ना तो आंटी है और ना ही शेखर तो वह भी किचन की तरफ चल पडता है.
वहां दी चाय बना रही होती है और मनोहर दी के एक दम पीछे खड़े हो जाता है और दी के गांड को निहारने लगता है. और दी अचानक से पीछे देखती है तो मनोहर उनके पीछे खड़ा हुआ होता है दी उस से पूछती है अरे तुम अंदर क्यों आ गए चाय बन ने वाली थी तो वह अमीषा दी को बोलता है बस बोर हो रहा था इसलिए आ गया सोचा आपसे बातें कर ली जाए.
दी बोलती है कौन सी बातें तो सचिन मन में सोचता है सेक्स की बातें और अपनी सोच में खो जाता है दी उसे हिला कर बोलती है अरे कहा खो गए तुम मनोहर तो वह अमीषा दी को रएलपी करते है बस दी आपकी खूबसूरती में आजकल आप बहुत ज्यादा खूबसूरत और अचानक से रुक जाता है.
और अमीषा दी उससे से पूछती और क्या मनोहर बोलता है आप बुरा मान जाओगी फिर दी बोलती है नहीं में बुरा नहीं मानूगी तुम बताओ तो मनोहर बोलता है और सेक्सी भी हो गयी है सभी कॉलेज में बस आपको देखते रहते है अमीषा दी उस से पूछती है और तुम मनोहर रिप्लाई करता है आप हो ही इतनी सेक्सी की कोई आपको देखे बिना रह ही नहीं सकता.
जिस अमीषा शर्मा कर स्माइल करती और मनोहर भी खुश हो जाता है की मछली जाल में फंस रही है फिर अमीषा उसे बोलती है देखो बातो बातो में चाय भी बन गयी तुम चलो में चाय लेकर आती हूँ मनोहर बाहर आ जाता है और दी भी चाय लेकर आ जाती है.
वहां मनोहर आराम से सोफे पर बैठा होता है और दी उसे चाय देती है और दोनों साथ साथ चाय पीने लगते है और बातें करते है और यहां वहां की बातें है दोनों में और अमीषा दी मनोहर से है तुम्हारी कोई जी एफ है कोई तो मनोहर ना करता है पर असल में अमीषा दी को पता था की असल में वह कितनी लड़कियों को चोद चूका है.
अमीषा दी उसे बोलती है ऐसा कभी हो ही नहीं सकता तब वह बोलता है ये सब सच है दी और मनोहर मौका पाकर पूछता है दी आपका कोई बी एफ है तो अमीषा दी मना करती है मनोहर सोचता है इसका मतलब अभी वर्जिन है क्या बात है अगर पट जाए तो कुवारी चूत मारने को मिलेगी और चाय खत्म हो जाती है और दोनों की बातें भी और मनोहर अपने घर की और निकल जाता है. थोड़ी देर बाद शेखर घर आ जाता है.
अमीषा : बहुत पार्टी मना रहा है अपने आवारा दोस्तो के साथ.
शेखर : अरे दी गाल तो छोड़ो.
दीदी ने मेरा गाल छोड़ दिया उसकी आँखो मे काजल लगा हुआ था और हल्की लिपस्टिक मे उसके होंठ बड़े मस्त लग रहे थे , गोल भरा हुआ चेहरा देख कर मेरा लंड झटके मारने लगा मैं महसूस कर रहा था कि उसके मोटे मोटे बोबो को कस कर पकड़ लू और उसके खूबसूरत चेहरे को अपने होंठो से चूम लू मैने शरारत भरी नज़रे उसके चेहरे पर मारते हुए कहा.
शेखर : दी आज तो तुम बड़ी खूबसूरत लग रही हो.
अमीषा : मेरे सीने पर मुक्का मारते हुए, बेटा मैं तो रोज ही खूबसूरत लगती हू, पर आज तेरा नज़रिया मुझे अलग लग रहा है इसलिए मैं तुझे आज खूबसूरत लग रही हू.
शेखर : नही दी आज सच मे तुम बहुत सेक्सी मेरा मतलब है अच्छी लग रही हो.
अमीषा : दी ने आँखे फाड़ते हुए मेरी ओर देखा उसके चेहरे पर मंद मंद मुस्कुराहट थी जिसे वह अपने चेहरे को कठोर बना कर छुपा रही थी, फिर उसने कहा क्या बोला तू.
शेखर : झेप्ते हुए कुछ भी तो नहीं.
अमीषा : देख रही हूँ तू बहुत उल्टी सीधी बाते बोलने लगा है अपनी दीदी से, मैं तेरी बहन हू कोई गर्लफ्रेंड नही, इसीलिए कहती हू ऐसे आवारा लड़को के साथ मत रहा कर.
शेखर : दी एक बात कहु.
अमीषा : क्या?
शेखर : दी जब तुम शादी करके चली जाओगी तो मुझे अपने घर मे बिल्कुल अच्छा नही लगेगा.
अमीषा : मुस्कुराते हुए, तू फिकर ना कर मैं शादी वादी नही करने वाली.
शेखर : तो क्या कुँवारी रहोगी.
अमीषा : और नही तो क्या.
शेखर : पर फिर?
अमीषा : क्या कहना चाहता है बोलता क्यो नहीं.
शेखर : कुछ नहीं.
अमीषा : पहले यह बता तू रात को उस उपेन्द्र से मेरे बारे मे क्या बात कर रहा था.
शेखर : कुछ नही दी मैं तो आपसे मज़ाक कर रहा था.
अमीषा : झूठ ना बोल मैं सब जानती हूँ, उसने ज़रूर तुझसे मेरे बारे मे कुछ ना कुछ कहा है.
शेखर : वो दी वो कह रहा था कि कुछ लड़के तुम्हे गंदी नज़रो से देखते है.
अमीषा : क्या मतलब.
शेखर : मतलब कि वह बता रहा था की कुछ लड़के जब तुम जीन्स पहनती हो तब तुम्हारे बैक साइड मे देखते है.
अमीषा : मुस्कुराकर मेरी तरफ अपने भारी चुतडो को घुमा कर कहने लगी, क्या बहुत बड़े बड़े दिखते है मेरे वो.
शेखर : मैने दीदी की गान्ड को घूर कर देखते हुए कहा, वो क्या दीदी.
अमीषा : मुस्कुराकर ज़्यादा बनो मत और अपने हाथो से अपने चौड़े चौड़े चुतडो पर मारते हुए कहने लगी, यही जिन्हे देख कर लड़के कॉमेंट्स करते है.
शेखर : मैने मौके का फ़ायदा उठाते हुए दी की मोटी गान्ड पर हाथ फेरते हुए कहा हाँ दी यह बहुत मोटे मोटे और बहुत चौड़े हो गये है.
अमीषा : गंभीर मुँह बनाते हुए क्या करू भैया अब मैं बड़ी भी तो हो गई हूँ तुझसे भी दो साल बड़ी हूँ फिर यह मोटे और चौड़े नही होंगे तो और क्या होंगे वैसे भी लड़कियों के जल्दी ही मोटे और चौड़े होने लगते है पर तू मेरा भाई होकर अपनी दी के इन पर हाथ फेर रहा है इतना कह कर दीदी ने मेरा हाथ हटा दिया.
शेखर : मुस्कुराते हुए नही दी मैं तो सिर्फ़ आपको बता रहा था.
अमीषा : मेरे गाल खींच कर मुस्कुराते हुए, तू भी कम नही है मैं सब जानती हू उन आवारा लड़को के साथ तू भी खड़ा खड़ा लड़कियो के इनको ही घूरता है, मेरा लंड दीदी की बात सुन कर खड़ा हो गया था और मैं अपने लंड को पेंट के उपर से अड्जस्ट करना चाह रहा था क्योकि बहुत बड़ा तंबू बन गया था.
और मुझे लग रहा था कि दी की नज़र कही मेरे खड़े लंड पर ना पड़ जाए पर मैं अगर अड्जस्ट करता दी देख लेती इसलिए मैं चुपचाप सहते हुए खड़ा था, वैसे तो दी मुझसे बड़ी थी और मुझसे फ्रैंक भी थी लेकिन इस तरह का टॉपिक अभी तक हमारे बीच नही हुआ था.
शेखर : अब क्या करू दी जब वह सब लड़कियो को जाते हुए देखते है तो मैं भी देख लेता हूँ.
अमीषा : अच्छा सच सच बता जब मैं तुम लोगो के सामने से निकलती हू तो वो सब लड़के तो मेरे पिछे नज़रे गढ़ाए मुझे देखते रहते है तब क्या तू भी क्या मुझे देखता है.
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शेखर : क्या बात कर रही हो दी, मुझे तुम्हे इस तरह देखने की क्या ज़रूरत है और वैसे भी अगर मुझे तुम्हे देखना होगा तो मैं उनके साथ खड़े रह कर देखने के बजाय जब तुम पूरा दिन मेरे साथ घर पर रहती हो तब नही देख लूँगा.
अमीषा : मंद मंद मुस्कुराते हुए थोड़े आश्चर्य के भाव अपने चेहरे पर लाकर कहने लगी, इसका मतलब है तू घर पर भी मेरे इनको देखता है.
शेखर : मुस्कुराते हुए. दी तुम पागल हो भला मैं क्यो तुम्हारे चुतडो को देखूँगा.
अमीषा : मुस्कुराते हुए शरम नही आती तुझे अब तो तू इनका नाम भी मेरे सामने लेने लगा है.
मैने दी के दोनो बाजू पकड़ कर उनसे कहा दी आपसे मेरी कोई बात छुपि है जो और कुछ मैं छुपाउँगा.
अमीषा : नाटक करते हुए अपना मुँह बना कर कहने लगी, रहने दे तू अगर मुझसे इतना प्यार करता होता और मुझ पर इतना भरोसा करता तो मुझे अपनी लाइफ की एक एक बात बताता चाहे वह बात अच्छी होती या बुरी पर तू मुझे अपने इतने करीब समझता ही कहाँ है.
शेखर : दी कैसी बात कर रही हो, तुमसे बढ़ कर मैने किसी को चाहा ही नही, तुम तो मेरी जिंदगी हो.
अमीषा : अगर ऐसा है तो मुझसे भी ज़्यादा तो तेरे दोस्त तुझे जानते है क्यो कि तू उनसे ही अपनी जिंदगी की सब बाते शेअर करता है, तू ही बता क्या तू वह सब बाते मुझे बताता है जो तू अपने दोस्तो के सामने बता देता है, एक बार अपनी दी को आजमा कर देख तेरे उन घटिया दोस्तो से अच्छी दोस्त साबित होकर ना दिखाया तो मेरा नाम अमीषा नहीं.
शेखर : मैने दी का हाथ पकड़ कर अपने हाथ मे लिया और वह अपनी बड़ी बड़ी कजरारी आँखो से मुझे देखने लगी, दी आज से तुम मेरी सबसे बेस्ट फ्रेंड और मैं तुम्हारा सबसे बेस्ट फ्रेंड लेकिन याद रखो तुम्हे भी अपनी लाइफ की सब बाते मुझसे शेअर करना होगी तभी दोस्ती दोनो तरफ से पक्की मानी जाएगी.
अमीषा ; मुस्कुरा कर प्रॉमिस करने लगी.
मैंने दी को पूछा की माँ कहा है तो दी बोलती है वह नाना के घर गयी है नानू की तबियत खराब हो गयी है फिर में भी अपने रूम में आ गया और कपडे चेंज करे और आराम से सो गया मेरी नींद बजे के आसपास खुली मैं हाथ मुंह दो कर किचन की और चल पड़ा वहां पर दी खाना बना रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने दी को पीछे से हग कर लिया और दी ने मुझे मूड कर देखा और एक स्माइल करी और बोली उठ गया मेरा भाई मैंने भी हां कर दी मुझे दी की गांड फील हो रही थी जिस से मेरे लंड को शेर बनते देर नहीं लगी फिर भी में दी से चिपका ही रहा और बस मजे लेता रहा और शायद दी को भी मेरा लंड फील हो गया था पर वह जानबुज कर इग्नोर कर रही थी.
और दी मुझे पीछे मूड कर दोबारा देखती और कहती है शेखर क्या कर रहा है खाना बनाने दे ना में भी अनजान बनते हुए दी मैंने क्या किया अमीषा दी मैंने क्या किया अमीषा दी बोलती है अपने उन आवारा दोस्तों के साथ रहकर बहुत बिगड़ गया है तू लगता है मुझे सुधारना पडेगा तुझे में भी रिप्लाई करता हु तो सुधार दीजिये न कब से वेट कर रहा हूँ और स्माइल कर देता हूँ.
फिर दी बोलती है खाना बन गया है हाथ दो कर आ जल्दी से फिर में भी हाथ धो कर आता हूँ और में और दी खाना खाते है और फिर टीवी देखा थोड़ी देर उसके बाद सोने चले गए वहां अमीषा दी अपने रूम में सोये सोये आज उसके साथ जो भी हुआ उसे याद कर रही थी.
पहले रिंकू के साथ फिर मनोहर के साथ और उसका भाई खुद उसकी गांड को निहारता है तो वह सोचती है उसका भाई ही जब ऐसे सोचेगा तो उसके दोस्त भी उतने ही कमीने होंगे ये सब सोचते सोचते सोचते उसकी छूट गर्म हो जाती है और अमीषा दी अपने सारे कपडे धीरे धीरे उतार देती है.
और अपने बूब्स को धीरे धीरे सहलाने लगती है और अपने बूब्स को देखती है जो की इस उम्र में काफी बड़े हो चुके थे अमीषा दी अपने बूब्स को अच्छे से मसल रही थी और उनको सक करती है. थोड़ी देर तक ये सब करने के बाद अमीषा दी अपनी चूत की और बढ़ जाती है और अपनी चूत में ऊँगली करने लगती है.
दी सुबह के बारे में सोच सोच कर अपनी चूत में हाथ चलाये जा रही और रिंकू के लूणद को सोचे जा रही थी की कितना बड़ा लंड है उसका काश रिंकू का लंड इस टाइम मेरी चूत के अंदर होता और ऐसे ही करते करते अमीषा दी जड़ गयी. सुबह अमीषा दी की देर से आँख खुलती है और वह नंगी ही बेड पर सोइ हुई थी.
वह जल्दी से उठ कर नंगी ही नहाने के लिए चली जाती है और टॉवल लेना भी भूल जाती है और जल्दी से नहा कर अमीषा दी नंगी ही अपने रूम में आ जाती है और अपनी हमेशा की तरह मिरर में अपनी गांड और बूब्स को देखने लग पडती है और फिर वह कपड़े लगा लेती है और ब्रेकफास्ट बनाती है.
और फिर दी मेरे रूम में आती है और में नहाने गया हुआ था और में नंगा ही रूम की और आ जाता हूँ और आगे दी मेरी और देखती है उनकी पहली नज़र में मेरे लंड की और जाती है जो अब काफी बड़ा हो चूका था वह दूसरी और नज़र कर लेती है पर टेडी नज़र से मेरे लंड की और ही देखे जा रही थी और में फिर से बाथरूम मैं चला जाता हूँ और दी को रूम से बाहर जाने को बोलता हूँ.
थोड़ी देर बाद दी चली जाती है और में भी तैयार होकर बाहर आ जाता हूँ आज कॉलेज की हॉलिडे थी तो आज तो आराम करना था पर थोड़ी देर बाद उपेन्द्र आ जाता है और मुझे क्रिकेट खेलने के लिए बोलता है तो में दी को बोल कर भाग जाता हूँ पीछे से दी आवाज लगाती है की ब्रेकफास्ट तो कर ले पर में बाद कर बोल कर चला जाता हूँ.
वहां दी अब घर पर अकेली थी और सोच रही थी की शेखर भी अभी काफी बड़ा हो चूका है उसका हतियार भी काफी बड़ा हो चूका है पर उसके शेखर के हतियार से रिंकू की याद आती है की रिंकू का तो शेखर से बड़ा भी है और मोटा भी काफी है और ये सब सोच ही रही थी की डोर बेल बजती है तो अमीषा दी डोर की और जाती है.
और जब अमीषा दी डोर खोलती है तो बाहर रिंकू खड़ा था तो रिंकू को देख कर अमीषा दी के मन में शैतानी चाल आती है तो वह रिंकू को अंदर आने के लिए कहती है रिंकू भी अंदर आ जाता है और सोफे पर बैठ जाता है रिंकू शेखर के बारे में पूछता है पर जब वह सुनता है की शेखर उपेन्द्र के साथ खेलने चला गया है तो वह मन ही मन बहुत खुश हो जाता है.
तब अमीषा दी बोलती है मैंने नाश्ता बनाया है पर शेखर चला गया चलो साथ में करते है रिंकू भी मान जाता है और अमीषा दी अपनी गांड मटकाती किचन की और चली जाती है और रिंकू उसकी गांड निहारता हुआ अपना लंड मसल देता है. थोड़ी देर बाद अमीषा दी नाश्ता लेकर आ जाती है दोनों मिलकर नाश्ता करते है.
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और यहां वहां की बातें करने लग पढ़ते है फिर रिंकू लगे हाथ अमीषा दी को अकेला पाकर मोके पे चोका मार देता है और अमीषा दी से पूछता है दी आपका कोई बी ऍफ़ है अमीषा दी उसके इस सवाल से मंद मंद मुस्कुरा देती है और जान बुज कर अनजान बनते हुए नहीं रिंकू मुझे इन सब में इंटरेस्ट ही नहीं है और ये सब फ़ालतू की चीज़े है.
बीच में ही रिंकू पडता है ऐसा हो ही नहीं सकता दी आप तो बहुत ही सेक्सी और हॉट हो आपका तो बी ऍफ़ ना हो ऐसा कभी नहीं हो सकता और चुप हो जाता है क्युकी वह अमीषा दी को हॉट और सेक्सी बोल चूका था अमीषा दी उसकी हॉट ओर सेक्सी वाली बात पर कातिलाना स्माइल कर देती है और बोलती ह शर्म नहीं आती अपनी दी को हॉट और सेक्सी बोलते हुए.
पर रिंकू भी अमीषा दी के इरादे समझ चूका था की आज न कल ये चुदने वाली है इस मोके को फायदा उठाओ और चोद डालो रंडी को रिंकू भी बोल पढ़ा दी आप हो ही इतनी सेक्सी और हॉट की कोई आपकी तारीफ किये बिना नहीं रह सकता अमीषा दी इस बात पर ब्लश कर जाती है और रिंकू दूसरा तीर छोड़ देता है दी अब बता भी दो कौन है.
अरे रिंकू सच में कोई नहीं है अगर होगा तो तुम्हे जरूर बताउंगी अच्छा ये बताओ में तुम्हे कहा से सेक्सी और हॉट लगती हूँ अब तो रिंकू को भी पता लग चूका था की लोहा गर्म है हथौड़ा मार देना चाहिए तो रिंकू बिना जिजक के बोल देता है दी आपकी बूब्स और गांड बहुत ही ज्यादा हॉट है कोई इन्हे बिना देखे रह ही नहीं सकता.
वहां अमीषा दी अपनी बूब्स और गांड की तारीफ सुन कर खुश हो जाती है है और बोलती है तुम्हारी दी हूँ में और तुम फिर भी मेरी गांड और बूब्स को गुरते हो शर्म नहीं आती रिंकू अरे दी जो सच है बोला मैंने और वैसे भी आपके बूब्स और गांड जो भी देख ले उसका वह खड़ा हो जाए अब तो रिंकू ने सोच लिया था जो होगा देखा जाएगा.
रिंकू की इस बात से अमीषा दी के चेहरे पर स्माइल आ गयी थी फिर भी वह पूछती है क्या वह रिंकू उसकी इस हरकत से खुश होकर लंड दी अमीषा दी उसके मुँह से लंड सुन कर से फिर स्माइल कर देती है और रिंकू उन्हें अमीषा दी को बोलता है क्या अपने कभी सच में लंड देखा है.
अमीषा तो अब उसकी बातो में मोहित हो रही थी क्युकी गंदी बातें तो वह पहले से कर रहे थे तो उसे ना कहती है तो रिंकू बोलता आप कहो तो दिखा सकता हूँ आपको अमीषा दी इस बात से बहुत ही ज्यादा खुश हो जाती है अमीषा दी अनजान बनते हुए तुम कहा से दिखा सकते हो रिंकू झटपट से खड़ा होता है और अपना लंड ट्रॉउज़र से बाहर निकाल देता है जो तक अभी थोड़ा थोड़ा सोया था और थोड़ा बहुत जगा था.
अमीषा दी रिंकू के मोटे लम्बे लंड को देख कर पागल हो जाती है और उसकी चूत भी पानी छोड़ने लग पडती है ये सब देख कर रिंकू अमीषा दी को बोलता है दी आपका ही लंड है आप इसे पास से भी देख सकती हो अमीषा दी इस बात से खुश हो जाती है अमीषा दी इस बात से खुश हो जाती है और वह रिंकू की और खींची चली जाती है.
रिंकू अमीषा दी के कदम अपनी और बढ़ते देख कर ख़ुशी से पागल हो जाता है और अमीषा दी बिलकुल रिंकू के करीब आ गयी थी और लंड को निहार रही थी रिंकू अमीषा दी को बोलता है दी आपका ही है आप इसे छू भी सकती हो और अमीषा दी रिंकू के लंड को हाथ में ले लेती है और रिंकू के शरीर में करंट दौड़ पडता है और अमीषा दी उसे हल्के से आगे पीछे करती है.
और रुक जाती है रिंकू बोलता है दी रुक क्यों गए आप करो न प्लीज अमीषा दी स्माइल कर देती है और रिंकू को इस तरह तड़पता देख कर खुल कर हंस देतीहै रिंकू दी को इस तरह हँसता देख मचल पडता है और अमीषा दी को बोलता है की दी बड़ी हंस रहे हो आप मैंने तो आपको सब दिखा दिया मुझे भी कुछ दिखा दो.
मैंने भी कभी भी लड़की की बूब्स और गांड नहीं देखी है अमीषा दी उसकी बातो को सुन कर और पागल हो जाती है और चूत छूट में और ज्यादा खुजली होने पडती है अमीषा दी भी बड़ी देर से कण्ट्रोल कर रही थी अब उसके वश से बाहर था सब वह भी मंत्रमुग्ध होकर सबसे पहले अपनी जीन्स निकाल देती है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब वह सिर्फ पैंटी और टी शर्ट में थी रिंकू अमीषा दी को पैंटी में देखकर पागल हुए जा रहा था फिर भी वह कंट्रोल कर रहा था थोड़ी देर बाद अमीषा दी टी शर्ट निकाल देती है और उसके बूब्स रिंकू के सामने आ जाते है जिस से रिंकू का लंड अपने पुरे अकार में आ जाता है.
रिंकू बस अमीषा दी के नंगे बूब्स और पैंटी में उनकी गांड को कैद देखकर तो रिंकू मरा जा रहा था वह कब से इस पल का इंतज़ार कर रहा था जो आज पूरा हो चूका था रिंकू बिना कोई देरी किये अमीषा दी की और चल पडता है और अमीषा दी को अपनी और खिंच कर बिलकुल करीब कर लेता है.
और उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख लेता है और किस करने स्टार्ट कर देता है अमीषा दी उसके इस हमले से खुश हो जाती है और रिस्पांस में उसे भीकिस करने स्टार्ट कर देती है और जिस से रिंकू का लंड जोर जोर से हिचकोले खाने लग जाता है.
जिसे अमीषा दी अपनी चूत पर फील कर पा रही थी और उसे इस सब में अलग ही मज़ा आ रहा थावहां रिंकू अमीषा दी के गुलाबी होंटो का रसपान किये जा रहा था और अमीषा दी भी उसके होंटो को चूसे जा रही थी और दोनों एक दूसरे को किस करने में खोये हुए थे और दिन दुनिया का कोई होश ही नहीं था.
रिंकू अमीषा दी को अपनी गोद मे चढ़ा लेता है और अमीषा दी के दूध को दबोचता हुआ उसके एक दूध को अपने मुँह मे भर कर उसके गुलाबी खड़े हुए निप्पल का रस चूसने लगता है और अमीषा दी तड़प जाती है रिंकू उसके दोनो मोटे-मोटे दूध को दबा-दबा कर उनका रस चूसने लगता है.
रिंकू -अमीषा दी तुम कितनी खूबसूरत हो.
अमीषा दी – आह धीरे रिंकू तुम बहुत ज़ोर से मेरे दूध मसल रहे हो.
रिंकू – अरे डार्लिंग जब तक लोंड़िया के दूध को पूरी ताक़त से ना मसलो उन्हे मज़ा नही आता है, तुम्हे अच्छा लग रहा है ना.
अमीषा दी – हाँ.
रिंकू – और ज़ोर से दबाऊ.
अमीषा दी – हाँ.
रिंकू उसके दूध को कस कर दबाने लगता है और अमीषा दी आह आह करने लगती है.
रिंकू – अब कैसा लग रहा है.
अमीषा दी- बहुत अच्छा.
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रिंकू अमीषा दी को लिटा कर उसके पास लेट जाता है और उसके दूध को अपने हाथो से मसलता हुआ, उसके दूध को अपने हाथो मे पकड़ कर कस कर मसल देता है, अमीषा दी आह आह करके सिस्याने लगती है.
रिंकू – अमीषा दी मे तुम्हारा रस पीना चाहता हू.
अमीषा दी – सिसयाते हुए कौन सा रस.
रिंकू – उसकी चूत को दबाता हुआ यहाँ का जहाँ से इस समय सब से ज़्यादा रस निकल रहा है.
अमीषा दी नही रिंकू वहाँ मत हाथ लगाओ प्लीज़.
रिंकू – अरे डार्लिंग जब मे वहाँ का रस अपने होंठो से पीऊंगा ना तब तुम्हे सब से ज़्यादा मज़ा आएगा.
अमीषा दी – पर रिंकू.
रिंकू – उसके होंठो को चूस्ता हुआ उसकी फूली हुई चूत को दबा कर बोलो पिलाओगी ना.
अमीषा दी सिसयाते हुए हाँ.
अमीषा दी- रिंकू को देख कर मुस्कुराते हुए क्या तुम सचमुच वहाँ का रस पियोगे.
रिंकू – हाँ तुम नही जानती लड़को को लड़कियो की चूत का रस पीने मे बहुत अच्छा लगता है.
रिंकू की बात सुन कर अमीषा दी मुस्कुराते हुए अपनी आँखे बंद कर लेती है अमीषा दी मे तो कब से तुम्हारी इस चूत का सारा रस पीने के लिए तड़प रहा हू अब जल्दी से आँखे बंद करो और अमीषा दी की चिकनी चूत को देखता है तो पागल हो जाता है.
और अमीषा दी की चूत को अपने होंठो से दबाते हुए उसकी चूत की फूली हुई फांको को फैला कर उसकी चूत के तने हुए दाने को अपनेमुंह मे भर कर उसका रस चूसने लगता है और अमीषा दी आह आहआह रिंकू प्लीज़ रिंकू आह ओह रिंकू ये क्या कर रहे हो रिंकू मे मर जाउन्गि रिंकू प्लीज़.
रिंकू – उसकी चूत से अपना मुँह हटा कर क्या हुआ अमीषा दी दर्द कर रहा है क्या नही करू.
अमीषा दी उसका सर पकड़ कर नही रिंकू कुछ दर्द नही हो रहा है प्लीज़ और करो ना.
रिंकू – अमीषा दी की बात सुन कर मुस्कुराते हुए नही अमीषा दी मुझे लगता है तुम्हे दर्द हो रहा है.
अमीषा दी- उसके सर को पकड़ कर अपनी चूत से लगाती हुई नही रिंकू प्लीज़ चूसो और चूसो मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे बिल्कुल दर्द नही हो रहा है.
रिंकू अमीषा दी की बात सुन कर मुस्कुराते हुए उसकी दोनो जाँघो को कस कर फैलाते हुए उसकी फटी हुई गुलाबी चूत को पूरा अपने हाथो से खोल कर खूब ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगता है और अमीषा दी आह आह करती हुई रिंकू और ज़ोर से, बहुत अच्छा लग रहा है रिंकू खूब कस के चूसो मेरी चूत को.
रिंकू अमीषा दी की चूत को चाट-चाट कर गुलाबी से लाल कर देता है और अमीषा दी ढेर सारा पानी छोड़ने लगती है, रिंकू अमीषा दी को उल्टा करके जब उसकी गदराई गान्ड को देखता है तो वह पागल हो जाता है और अमीषा दी की गान्ड के पाटो को अपने हाथो से चीरता हुआ उसकी कसी हुई गुदा मे अपनी जीभ रख देता है.
और फिर अमीषा दी की गुदा और चूत को पीछे से उसकी गान्ड फैला -फैला कर चाटने लगता है, रिंकू अमीषा दी के मोटे-मोटे चुतडो को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसलता हुआ उसकी गान्ड के छेद को अपनी जीभ से सहलाते हुए. अपनी जीभ को उसकी चूत के छेद तक ले जाता है और फिर अपनी जीभ को उसकी चूत के छेद मे भर देता है.
और अमीषा दी आह आह करती हुई अपने ही हाथो से अपने मोटे-मोटे दूध को दबाने लगती है, लगभग 15 मिनट तक रिंकू अमीषा दी की चूत और गान्ड को चाट-चाट कर लाल कर देता है और अमीषा दी उस दोरान ना जाने कितनी बार अपनी चूत से पानी छोड़ती है.
जब रिंकू उसकी चूत को छोड़ता है तो अमीषा दी अधमरी सी लेटी-लेटी लंबी-लंबी साँसे लेती रहती है करीब दो मिनट बाद अमीषा दी रिंकू को अपनी आँखे खोल कर देखती है. रिंकू अमीषा दी का हाथ अपने लंड पर रख देता है, अमीषा दी उसके लंड को धीरे-धीरे सहलाती है और थोड़ी देर बाद अमीषा दी रिंकू के मोटे लंड को अपने हाथो मे कस कर दबाने लगती है, कुछ देर बाद रिंकू अमीषा दी होंठो को चूमता हुआ.
रिंकू – अमीषा दी.
अमीषा दी – क्या.
रिंकू – मेरा लंड चुसोगी.
अमीषा दी – नहीं.
रिंकू – क्यों.
अमीषा दी – मुझे नही पता कैसे चूस्ते है.
रिंकू – कभी आइस्क्रीम खाई है.
अमीषा दी- हाँ.
रिंकू – बस तो फिर आइस्क्रीम को जैसे चाटते है ना उसी तरह लंड को चटा जाता है एक बार चूस कर देखो तुम्हे बहुत अच्छा लगेगा.
अमीषा दी- उसके लंड को दबोचते हुए, मुझे शरम आती है.
अमीषा दी एक दम से रिंकू के लंड के सुपाडे को अपने मुँह मे भर कर पागलो की तरह चूसने लगती है.
अमीषा दी – हाय जब से तुम्हारा लंड देखा है तब से तेरे मोटे लंड को अपने मुँह मे भरने के लिए तड़प रही थी आज तो मे इस मोटे डंडे का सारा रस पी जाउन्गि मेरे मुँह मे ही अपना रस निकाल दे.
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और फिर अमीषा दी उसके लंड को पागलो की तरह कस-कस कर चूस्ते हुए उसके रस को अपने मुँह के अंदर पूरी ताक़त से खिचने की कोशिश करने लगती है और रिंकू से रहा नही जाता है और वह रुक -रुक कर अपनी अमीषा दी के मुँह मे अपना रस निकालने लगता है और अमीषा दी उसके सारे रस को चूस-चूस कर पीने लगती है. रिंकू के लंड से जब तक उसका रस निकलता है अमीषा दी तब तक उसके रस को खिच -खींच कर चुस्ती रहती है.
थोड़ी देर आराम करने के बाद रिंकू फिर से अमीषा दी के बूब्स के साथ खेलने लग पडता है. रिंकू का मोटा लंड सर उठाए खड़ा हो जाता है और वह अमीषा दी के पास जाकर उसकी नंगी गदराई जवानी को अपनी बाँहो मे भर कर पागलो की तरह चूमने लगता है, दोनो एक दूसरे से पूरे नंगे चिपके हुए एक दूसरे की गान्ड और पीठ को सहलाते हुए एक दूसरे के मुँह, होंठ को चूमने लगते है.
रिंकू – अमीषा दी चलो ड्रेसिंग टेबल के शीशे मे एक दूसरे को नंगा देखते है.
अमीषा दी रिंकू के लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपनी गान्ड मटकाती हुई धीरे-धीरे रिंकू के लंड को अपने हाथो से खिचते हुए अपने रूम की ड्रेसिंग टेबल की ओर जाने लगती है और रिंकू अमीषा दी के गदराए चुतडो की मस्तानी थिरकन को देखता हुआ चल देता है.
ड्रेसिंग टेबल के शीशे के सामने जाकर दोनो एक दूसरे से नंगे ही चिपक जाते है और शीशे मे एक दूसरे का चेहरा देख कर मुस्कुराते हुए एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाने लगते है, अमीषा दी अपनी मोटी गदराई गान्ड को शीशे के सामने करके थोड़ा अपनी गान्ड को बाहर निकाल कर रिंकू को दिखाती है.
और रिंकू दीदी की मस्तानी गान्ड को शीशे मे देखते हुए उसकी गदराई गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को सहलाता हुआ अमीषा दी की गहरी चूत मे अपने हाथ की उंगलिया फेर-फेर कर सहलाने लगता है और अमीषा दी रिंकू के मोटे लंड के टोपे को खोल कर उसके टोपे को सहलाने लगती है.
तभी रिंकू ड्रेसिंग टेबल के उपर रखी ऑमंड ड्रॉप्स की शीशी को उठा कर उससे तेल निकाल कर अपनी अमीषा दी की चूत की दरार मे तेल लगा कर उसकी चूत के छेद मे अपनी उंगली घुसा-घुसा कर तेल लगाने लगता है तभी अमीषा दी अपनी हथेली को आगे करके रिंकू को अपने हाथ मे तेल डालने का इशारा करती है और रिंकू उसके हाथो मे तेल डाल देता है.
और अमीषा दी अपने हाथो मे तेल लेकर रिंकू के मोटे लंड मे तेल लगा-लगा कर उसे सहलाने लगती है, रिंकू अमीषा दी चूत पूरा तेल से भिगो देता है और वह जितनी ज़ोर से अपनी उंगलियो को अमीषा दी की चूत की दरार मे भरता है अमीषा दी भी उतनी ही तेज तरीके से अपने हाथो को रिंकू के लंड पर कस-कस कर तेल मलने लगती है.
करीब 10 मिनिट तक दोनो एक दूसरे की चूत और लंड मे तेल लगा-लगा कर पूरी तरह चिकना कर देते है उसके बाद रिंकू अमीषा दी को बेड पर लिटा देता है. रिंकू अपने लंड को अमीषा दी की गुलाबी फूली हुई चूत मे लगा कर उसकी जाँघो को फोल्ड करते हुए अमीषा दी की गदराई गान्ड को दबोच कर एक तगड़ा धक्का अमीषा दी की चूत मे मार देता है.
और उसका आधा लंड अमीषा दी की रसीली चूत को फाड़ता हुआ अंदर फस जाता है और अमीषा दी आह मर गई रे कह कर ज़ोर से चिलाती है और रिंकू जल्दी से उसके मुँह पर हाथ रख कर उसकी आवाज़ को बंद करता है अमीषा दी अपने पैरो को इधर उधर मारती हुई आह रिंकू बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ एक बार निकाल ले.
रिंकू ठीक है और रिंकू उसकी जाँघो को अपने हाथ मे कस कर पकड़ता हुआ दूसरा धक्का कुछ ज़्यादा ही तेज अमीषा दी की चूत मे मार देता है और अमीषा दी एक दम अकड़ जाती है और उसकी आँखे पलट कर बंद हो जाती है और रिंकू उसके उपर आकर लेट जाता है और अमीषा दी उसको अपने उपर से धकेलती हुई रिंकू मर जाउन्गि प्लीज़ रिंकू निकाल ले आह आ.
रिंकू अमीषा दी के मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे भर कर कस-कस कर दबाता हुआ उसकी चूत मे धीरे-धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू कर देता है और अमीषा दी गहरी-गहरी साँसे लेती हुई कराहने लगती है, रिंकू अमीषा दी को धीरे-धीरे चोदता हुआ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रिंकू – अमीषा दी तुम्हारी चूत बहुत मस्त है कितना कसा हुआ मेरा लंड अंदर जा रहा है.
अमीषा दी – सिसयाते हुए, तेरे लंड ने मेरी चूत फाड़ दी है रिंकू , आह क्या धीरे-धीरे चोद रहा है थोड़ा कस-कस कर मार ना मेरी चूत, बहुत खुजली हो रही है आह आहह, रिंकू अमीषा दी की बात सुन कर उसकी चूत मे अपने लंड के तगड़े धक्के मारने लगता है और अमीषा दी अपनी मोटी गान्ड को उठा-उठा के रिंकू के धक्को का जवाब देने लगती है.
अमीषा दी – आह,आह हाय रिंकू मुझे क्या मालूम था कि चूत मराने मे इतना मज़ा आता है नही तो मे कब की तुझसे चुद गई होती और चोद, खूब चोद, कस के चोद रिंकू , आज अमीषा दी की चूत को चोद-चोद के फाड़ दे आ,आ,आ.
रिंकू अमीषा दी के होंठो को चूमता हुआ उसके गदराये दूध को कस कर दबाते हुए अपने लंड की करारी ठोकर अमीषा दी की मस्तानी चूत मे मारने लगता है और उसका मोटा लंड अमीषा दी की चूत मे सटासट अंदर बाहर होने लगता है, अमीषा दी पागलो की तरह रिंकू को चूमने लगती है और उसके हर धक्के के साथ अपनी गदराई मोटी गान्ड को उपर उठा कर अपनी चूत को रिंकू के लंड पर मारने लगती है.
अमीषा दी की चूत उसके चूत रस से पानी-पानी हो जाती है और वह आसमान मे उड़ने लगती है, रिंकू अमीषा दी को कस-कस कर चोदना शुरू कर देता है उनकी चुदाई की फ़च-फ़च की आवाज़ पूरे कमरे मे गुजने लगती है. अमीषा दी आह आह ओह ओह का स्वर निकालते हुए रिंकू को पूरी तरह कस लेती है.
और अपनी चूत को रिंकू के लंड मे कस कर अपनी गान्ड को और उपर उठा लेती है. रिंकू अमीषा दी की गदराई गान्ड के नीचे अपने हाथ को लगा कर उसके भारी चुतडो को दबोच लेता है और अमीषा दी को कस-कस कर ठोकने लगता है. अमीषा दी एक दम आहह करते हुए अकड़ जाती है.
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रिंकू 20 मिनट तक अमीषा दी को चोदता है उसके बाद और रिंकू सटासट अपने लंड को अमीषा दी की चूत मे मारता हुआ. उसकी चूत की गहराई मे जाकर अपने लंड को पूरा फसा कर अपने लंड से रुक-रुक कर लंबी पिचकारी मारने लगता है और उसकी पिचकारी की मार अमीषा दी के गर्भ तक महसूस होने लगती है और अमीषा दी भी रिंकू के साथ कस कर चिपकती हुई बह जाती है. दोनो लंबी-लंबी साँसे लेते हुए हफ्ते रहते है और दोनो की आँखे बंद रहती है, करीब दो मिनिट तक रिंकू अमीषा दी पर चढ़ा हांफता रहता है.
उसके बाद रिंकू जैसे ही उठने लगता है अमीषा दी उसको अपनी बाँहो मे जकड़ लेती है और फिर से अपनी कमर हिलाने लगती है, अमीषा दी तब तक रिंकू के लंड को अपनी चूत मे दबोचे हिलती रहती है जब तक कि रिंकू का लंड उसकी चूत से खुद ही बाहर नही आ जाता है. उसके बाद रिंकू अमीषा दी के उपर से उठ कर अपने लंड को चादर से पोछता है और फिर अमीषा दी की ओर देखता है तो अमीषा दी उसको देख कर मुस्कुराती है और दोनों बेड पर कुछ देर के लिए लेट जाते है.