Seal Tuti Chut XXX
मेरा नाम विश्वेश्वर यादव है। मैं लखनऊ में रहता हूँ। हम लोग पुस्तैनी आजमगढ़ के रहने वाले है। अपनी सच्ची कहानी आपको बता रहा हूँ। 4 साल पहले मैंने अपने बड़े लड़के आनंद की शादी की। मैंने आनंद से पुछा की वो शादी कहाँ से करेगा। आजमगढ़ में कई अच्छी 2 लड़कियां थी। Seal Tuti Chut XXX
आनंद ने कहा कि वो गांव की लड़की नही लाएगा। क्योंकि गांव की लड़की उसके बच्चों को पढ़ा नही पाएगी। इसलिए मेरे परिवार ने मन बना लिया की उसकी शादी हम लखनऊ से करेंगे। मेरी बहू का नाम अंशिका था। जब मेरे बेटे आनंद ने उसे देखा तो पहली नजर में ही उसका दीवाना हो गया था।
वो बड़ी खूबसूरत थी। उसका गोल चेहरा था। बड़ी 2 आँखे थे। गुलाबी गाल थे। हमारा पूरा परिवार आनंद के साथ उसे देखने गया था। वो खुद हम लोगों के लिए चाय नाश्ता लायी। आनंद को वो भा गयी। जबकि अंशिका के घर वाले शादी में सिर्फ 2 लाख कैश ही दे रहे थे।
जबकी दूसरी जगहों पर हमें 5 6 लाख कैस मिल रहा था। अंशिका से शादी करना एक घाटे का सौदा था। पर।गोल चेहरे वाली अंशिका मेरे बेटे आनंद को इतना पसंद आ गयी की वो जिद करने लगा की यही शादी करेगा। मैं हार गया और हम शादी को राजी हो गए।
शादी हो गयी। जब सुहागरात आयी तो मेरे बेटे आनंद की भाभियां उसे कमरे में छोड़ने गयी। उसके कमरे को गुलाब के फूलों से सजा दिया गया था। जब आनंद अंदर गया तो अंशिका किसी से फोन से बात कर रही थी।
किसका फ़ोन है?? आनंद ने पूछा.
वो मेरी एक सहेली का फोन है। शादी की मुबारकबाद दी है अंशिका ने बताया.
आनंद ने सर हिला दिया। उसने ट्यूब लाइट बन्द कर दी और नाईट लैंप जला दिया। अंशिका शादी के जोड़े में क्या झकास मॉल लग रही थी। वो एकदम कड़क मॉल लग रही थी। एकदम चोदने को तैयार कड़क मॉल। मेरे बेटा आनंद कबसे सिर्फ अंशिका के ही सपने देख रहा था। फाइनली उसकी शादी अंशिका जैसी बला की खूबसूरत लड़की से हो गयी थी। आनंद बेहद खुश था।
इसे भी पढ़े – जिगरी दोस्त ने भाभी की चूत दिलवाई
शादी के लाल रंग के जोड़े में अंशिका बिलकुल कमल का फूल लग रही थी। उसके लिए हम पच्चीस पच्चीस हजार के दो लहंगे लाये थे। अंशिका गजब का माल लग रही थी। उसे देखते ही आनंद पागल हो उठा। वो होश खो बैठा और अंशिका को बाँहों में भरने लगा। अचानक अंशिका ने उसे झटका दे दिया और दूर कर दिया। आनंद चौक गया।
इतनी भी जल्दी क्या है?? हमे सब कुछ आराम ने धीरे 2 करना चाहिए! अंशिका बोली.
आनंद खुश हो गया कि उसकी बीबी कितनी सती सावित्री है। आखिर रात होने लगी। ना चाहते हुए भी उसने अंशिका को पकड़ लिया और उसका लाल रंग का लहंगा खींच दिया। अंशिका नंगी हो गयी। उसके मम्मे भी उसके चेहरे की तरह बड़े 2 गोल गोल थे।
मेरे बेटे आनंद का लण्ड शख्त हो गया। आज मेरा जवान बेटा आनंद मेरी प्यारी बहू अंशिका को जी भरकर चोद लेना चाहता था। उसने ये अरमान करीब 2 महीने पहले ही पाल लिया था। जिस दिन उसने अंशिका को देखा था तबसे वो उसका और उसकी रसीली छूट का दीवाना हो गया था।
आनंद का बस चलता तो अंशिका को जिस दिन देखने गया था उसी दिन उसके घर में चोद के सुहागरात मना लेता। रात के 2 बजे आनंद पागल हो गया। उसने अंशिका के मस्त चुचो को हाथ में ले लिया। बहुत मुलायम और नरम छातियां की अंशिका की। आनंद खुद को नसीब वाला मान रहा था।
वो प्यासे आदमी की तरह अंशिका के गोल गोल छतियों को पिने लगा। अब मेरा बेटा आनंद मेरी बहू को जल्दी से जल्दी चोद लेना चाहता था। आनंद इस बात को लेकर निश्चिन्त था कि अंशिका कुंवारी होगी। उसके बाप ने बताया था कि उसने कभी अपनी लड़की को छत पर भी नही चढ़ने दिया।
उसने अपनी जवान लकड़ी को कभी अकेले नही छोड़ा की कहीं कोई लड़का उसे ना पता ले। और कहीं कोई उसे चोदकर उसकी सील ना तोड़ दे। इसलिए आनंद बेफ़िक्र था कि अंशिका कुवारी और एकदम कड़क मॉल होगी। मेरे बेटे आनंद ने बेड पर एक सफ़ेद चादर बिछा दी थी की कहीं सील तोड़ते समय खून बेडशीट पर ना लग जाए।
हालांकि अंशिका आज पहली रात को चूदने के मूड में नही थी। वो बार बार कह रही थी कि पहले दोस्ती कर लेना चाहिए फिर चूत चुदाई की रस्म होनी चाहिए। पर आनंद की बेसब्री के आगे अंशिका की एक ना चली। आनंद उसके दुधभरे संगमरमर से मम्मे पिने के बाद नीचे बढ़ गया।
अंशिका की नाभि बहुत कमनीय और खूबसूरत थी। आनंद उसकी नाभि में जीभ डालने लगा। अंशिका गर्म होने लगी। आनंद और नीचे बढ़ा। वो उसकी नर्म।चूत को चाटने लगा। अंशिका ने बाल शफा साबुन से अपने अंदर के बाल बना रखे थे। उसकी रासिली चूत देखकर आनंद तरस गया।
कबसे वो अंशिका की चिड़िया के दर्शन करना चाहता था। आज बहुत इंतजार करने के बाद वो दिन आया था। आज अंशिका की चिड़िया उसके सामने थी। अंशिका की भग शिश्न देखकर मेरे बेटे आनंद की बांछे खिल गयी। वो उसके भग शिश्न को चूमने चाटने लगा।
इसे भी पढ़े – भाई तुम्हारा लंड तो पूरा खड़ा हो गया है 1
उफ़ क्या गुलाबी चूत के ओठ थे। आनंद दीवाना हो गया था। मेरे बेटे आनंद ने अपना अंडर वेअर निकाल दिया और मेरी जवान बहू को चोदने के लिए तैयार हो गया। अंशिका भी ना चाहते हुए आखिर चुदवाने को तैयार हो गयी थी। जबकि अंशिका ने हम सभी से एक बात छिपा ली थी।
मेरे बेटे सोने ने अपने सांड जैसै लण्ड को अंशिका की रसभरी चूत पर रखा और पेल के धक्का मारा। लण्ड सीधा गच्च से उसकी चूत में धंस गया। ना ही कोई सील टूटी। ना ही कोई खून निकला। अंशिका साली! माँ की लौड़ी पहले ही चुद रखी थी। मेरे बेटे आनंद को समझ आ गया की जो फूल ये लाया है उसे तो कोई पहले ही सूंघ चूका है।
मेरा बेटा आनंद बड़ा उदास हो गया। इस नई बहू को वो चोदे की ना चोदे। उसे कुछ समझ नही आ रहा था। आनंद प्यार का पैगाम लेकर सुहागरात मानाने गया था। वहां उसे पता चला की अंशिका पहले की किसी लड़के के साथ सुहागरात मना चुकी है। प्यार नफरत में बदल गया।
अंशिका के चक्कर में हम लोगों ने 6 लाख वाली पार्टी छोड़ दी थी। आनंद का खून खौल गया। अब वो अंशिका को एक छिंदरी मानने लगा। अब मेरा बेटा आनंद उसे रंडियों की तरह चोदना चाहता था। आनंद ने बिना किसी प्यार के एक घण्टे तक अंशिका की ढीली चूत में अपने लण्ड को घिशा और पानी चोद दिया। उसकी चूत बिलकुल ढीली थी।
सुबह होने पर मेरे बेटे ने मुझे सारी बात सच सच बतायी की अंशिका जरा भी कसा मॉल नही थी। अब वो जैसी है तुझे निभाना है मैंने आनंद से कहा। धीरे 2 दिन गुजरने लगे। मेरे बेटे आनंद ने मन मार लिया और अंशिका से ज्यादा पूछताछ नही की कि वो किस्से किस्से चुदवाकर आयी है।
क्योंकि वो अंशिका को बहुत पसंद करता था। दिन बीतने लगे। कुछ दिन बाद अंशिका जब नहाने जाती तो फ़ोन लेकर बाथरूम में घुस जाती। और घण्टे 2 बाद निकलती। मेरी पत्नी को शक हुआ। वो पता लगाने लगी। पर पता नही चला। हम सभी घरवाले परेशान हो गए।
तू फोन लेकर बाथरूम में क्या करती है अंशिका?? मेरी पत्नी ने पूछा तो वो बिगड़ गयी।
धीरे 2 हमे उसपर शक होने लगा। लगा की वो अपने किसी यार से फसी है। एक दिन मेरे बेटे आनंद ने उसे रात के 3 बजे अपने आशिक़ से बात करते पकड़ लिया।
जब तू पहले से ही अपने यार से फसी थी मुझसे क्यों शादी की कुतिया?? यहाँ क्या अपनी माँ चुदवाने आयी है?? आनंद बिगड़ गया और उनसे अंशिका अल्टर के गुलाबी गालों पर चांटे जड़ दिए।
अंशिका घबड़ा गयी। प्लीज किसी को ये बात मत बताना! वो मेरे बेटे आनंद के हाथ जोड़ने लगी। तुम जो कहोगे मैं वो करने को तैयार हूँ! मेरी अल्टर बहू ने कहा।
आनंद मेरे पास आया और उसने बताया कि उसका कोई आशिक़ है। उसी से वो शादी के 5 साल पहले से चुदवाती रही है।
अरे! ये तो भसुड़ी हो गयी!! मैंने कहा। जब ये मेरी बहू 5 सालो से चुदवा रही है तो ये कौन सी बहू। ये तो छिनार है तब तो।
पिताजी आप भी कमरे में चलो! मेरे बेटे आनंद ने अल्टर और छिनार अंशिका को सामूहिक रूप से चोदने का निमंत्रण दिया।
ठीक है अपने चाचा को भी बुला ले आनंद! मैंने कहा।
इसे भी पढ़े – कामुक भाई बहन के ऊपर चढ़ गया
ठीक रात के सवा 3 बजे मैं अपने बेटे आनंद, और अपने छोटे भाई मनोहर को लेकर अंशिका के कमरे में गया। मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। अंशिका की गाण्ड फट गई। तीन तीन मर्दो को देखकर उसकी माँ चुद गयी।
उस रंडी को देखकर मेरा खून खौल गया। देखने में लगता है कितनी सीधी है, पर अंदर से एक नम्बर की आवारा और चुद्दकड़ है राण्ड मैंने लाल आँखों से तिलमिलाकर कहा और उस कमिनी के बाल पकड़ कर मैंने उसे छप्पड़ ही छप्पड़ मारे। अंशिका रोने लगी।
पापा! सबसे ज्यादा आपको नुकसान हुआ है। इस रंडी को पहले आप ही चोदो। आनंद बोला.
मैंने 5 6 छप्पड़ अंशिका को और जड़ दिए। अरे रंडी! रो रोकर मगरमछ के आंसू दिखाती है। अब हम तेरे झांसे में और नही आने वाले!! मैंने कहा और अपनी छिनार पर बेहद गजब की मॉल अंशिका का ब्लाउज मैंने फाड़ दिया। मेरे सिर पर खून सवार था। फिर मेरे हाथ उसकी साड़ी पर गया। मैंने खीचकर उसे भी निकाला दिया।
पिताजी! मुझसे माफ़ कर दीजिये! अब मैं दोबारा ऐसा नही करुँगी!! अंशिका रोने लगी। मेरे हाथ जोड़ने लगी।
साली अल्टर! रात में छिप छिपकर अपने आशिक़ से बात करती है और माफ़ी मांग रही है!! मैं चीख पड़ा और मैंने अपनी बहू का पेटीकोट फाड़ दिया। अब वो नंगी हो गयी और सफ़ेद ब्रा और चड्ढी में हो गयी। सच में मेरे सिर पर खून सवार था। मैंने उसके बाल खीच दिए बाल खुल गए। मैंने उसके बाल पकड़े और लात मुकू से रंडी का हुलिया बिगाड़ दिया।
मैंने एक झटका और दिया और उसकी ब्रा और पैंटी फाड़ दी। अंशिका रोने लगी और बचने के लिए बेड के नीचे छिप गयी। पकड़ो साली को!! मैंने आनंद और अपने छोटे भाई मनोहर से कहा। मेरे घर में खासा बवाल मच गया।
मेरी तीन बेटियों, मेरे दूसरे बेटे, मेरी पत्नी जाग गयी। पर हम लोगों ने दरवाजा अंदर से बंद कर रखा था। सब परेशान हो गए और दरवाजा पीटने लगे। आनंद और मनोहर ने रांड को खीचकर निकाला। अंशिका लगातार रोई जा रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और उसे ज़मीन के फर्श पर पटक दिया। उसका सिर फट गया।
साली रंडी! तेरी इतनी हिम्मत की शादी के बाद भी अपने पुराने यार से छिप छिप कर बात करती है!!! बहुत चुदासी है ना तू! तुझे दो दो लण्ड खाने है!! आज तू एक साथ 3 लण्ड खाएगी मैं चिल्लाया. मैंने उसकी टांग खोल दी और उसके भोंसड़े को देखने लगा।
हाय हाय!! मादरचोद!! क्या हाल करवाके आयी है अपनी भोंसड़े का?? बिलकुल फटा है!! इसे तो कोई मोची भी नही सील सकता है!! मैंने चीख पड़ा। मैंने फिर से अपनी बहू अंशिका पर लात घूसों की बौछार कर दी। मैं आगबबूला हो गया। मैंने अपना पूरा हाथ कोहनी तक अपनी अल्टर बहू के फ़टे भोंसड़े में डाल दिया। अंशिका दर्द से कराह दी।
ले रंडी!! आज तू इतना चुदेगी की अपने पुराने आशिक़ को भूल जाएगी!! मैं चिल्लाया। और उसकी चूत में हाथ चलाने लगा। आनंद और मेरा भाई मनोहर डर गया ये देखकर की कहीं इसकी चूत ना फट जाए। मैंने कोहनी तक हाथ अंशिका के भोंसड़े में पेल दिया। बुर बहुत बड़ी हो गयी। चूत की चमड़ी रबर की तरह खिंच गयी।
तुझे तो मैं आज मार ही डालूंगा रंडी!! मैं चिखा और हाथ अंदर बाहर करने लगा। अंशिका की चूत का चबूतरा बन गया। उसकी चूत रबर की तरह खिंच गयी। लगा कहीं फट ना जाए। लगा जैसे उसकी चूत से बच्चा निकलने वाला है। अंशिका जोर जोर से दहाड़े मारकर रोने लगी पिताजी! माफ़ कर दो!! माफ़ कर दो!! दोबारा अपने यार से नहीं बात करुँगी।
पर मैंने एक नही सुनी। आधे घण्टे तक मैं अंशिका के भोंसड़े में कोहनी तक हाफ अंदर बाहर करता रहा। फिर उसे मैंने 1 घण्टे चोदा बिना किसी कंडोम के अपने नंगे लण्ड से। फिर उसकी गाण्ड की बारी आई। मैंने ये नही देखा की रंडी दर्द से मर रही है या नही।
इसे भी पढ़े – सिर्फ अपनी हवस बुझाई मुझसे
मैंने फिर से कलाई तक हाथ उसकी गाण्ड में दाल दिया बिना किसी तेल क्रीम के। अंशिका छिनार की माँ चुद गयी। रोते रोते उसका बुरा हाल हो गया। मैंने उसके बाल पकड़ के खूब छप्पड़ मारे। उसके बहुत से बाल टूट गए। फिर मैंने पौन घण्टे तक अपनी अल्टर बहू की गाण्ड चोदी। उसके बाद मैंने अपना सफ़ेद पाजामा पहन लिया और नारा बांध लिया। फिर आनंद ने राण्ड को 1 घण्टे चोदा। छिनार और आवारा अंशिका अधमरी हो चुकी थी।
चल मनोहर चोद साली को!! मैं गुर्राया.
मनोहर ने भी अपनी नीली पैंट की बेल्ट खोली। पन्त उतार के दिवार की खूटी पर टांग दी और अल्टर अंशिका को एक घण्टे तक चोदा। मेरी पत्नी अंशिका का रोना सुनकर दरवाजा पीटती रही। पर हमने नही खोला। सुबह 8 बजे हम तीनों ने दरवाजा खोला। मैंने अपनी पत्नी को सब बताया। 2 महीने बाद मेरे लड़के आनंद ने तलाक ले लिया, उस छिनार को छोड़ दिया। और एकदम नयी मॉल से शादी कर ली.