National Park Me Chudai
मेरा घर हिमाचल प्रदेश के जंगल में पड़ता है। ये जगह नेशनल पार्क के पास है। यही हमारी पुस्तैनी जमीन है। इसलिए हम लोगों को यहाँ इस जंगल में रहना पड़ा। हमारे इलाके में हमारे घर को छोड़ कर सिर्फ १ घर और है जहाँ एक परिवार रहता है। और कोई इस जंगल में नही रहता है। सामने वाले घर में वर्मा जी और उनके घर के लोग रहते है। National Park Me Chudai
वर्मा जी, उनका जवान लड़का ऋषभ, और वर्मा जी की बीबी अनुपमा आंटी रहती थी। और हमारे घर में मेरी माँ, बहन, पापा और मम्मी थी। दोस्तों इस नेशनल पार्क में वर्मा जी के परिवार को छोड़ कर कोई नही रहता था इसलिए हम लोगो की आपस में बहुत दोस्ती हो गई। मेरे पापा और वर्मा जी हर शाम को बगीचे में बैठकर शराब पीते थे।
पापा और वर्मा जी दोनों इस नेशनल पार्क में काम करते थे और फारेस्ट रेंजर के पद पर काम कर रहे थे। धीरे धीरे मेरे पापा ने वर्मा जी की औरत अनुपमा आंटी को पटा लिया और उन्होंने मेरी माँ को पटा लिया। फिर वर्मा अंकल ने एक दिन मेरी माँ को चोद लिया और पापा ने वर्मा की औरत अनुपमा आंटी को चोद लिया। एक दिन पापा और वर्मा जी साथ में बैठकर शाराब पी रहे थे।
“यार सोमेश [मेरे पापा का नाम] ..इस जंगल में वैसे भी कोई रहता नही है। किसी तरह की बदनामी का कोई डर नही है। ऐसा करते है एक दिन तुम अपने बेटे के साथ और मिलकर मेरी बीबी को चोदो खाओ। उसके बाद मैं और मेरा बेटा ऋषभ भी अनुपमा की चूत मारेंगे। फिर हम तेरे साथ भी ऐसा करेंगे। बोल क्या बोलते हो???” वर्मा अंकल बोले
“वाह भाई वर्मा…क्या मस्त आइडिया दिया है..मिल बाटकर चूत मारना..सही है दोस्त” पापा बोले। उसके बाद संडे वाली दिन वर्मा अंकल ने हमारे पुरे घर को पार्टी पर बुलाया। उनके पास २१ मुर्गे थे। अंकल ने ४ मुर्गे हलाल किये। हम सबके लिए लज्जतदार चिकन बनाया।
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वर्मा अंकल के घर पर मैं, मेरे पापा, मम्मी और मेरी बहन वंदना गयी। दोस्तों आप लोगो को बताना चाहूँगा की हमारा और वर्मा जी का परिवार सेक्स को खुल्लम खुल्ला करके में बहुत विश्वास रखता था। मैं भी अक्सर अपनी २० साल की बहन वंदना को चोदा करता था।
मैं मेरी जावन बहन वंदना वर्मा अंकल के बेटे ऋषभ से भी फँसी हुई थी और कई बार हमारे घर में ही ऋषभ से चुदवा लिया करती थी। मेरे पापा और मम्मी को ये बात मालूम थी। दूसरी तरफ वर्मा जी को ये पता था की उनकी बीबी अनुपमा मेरे बाप से खूब चुदवाती रहती है, और इस तरफ मेरे पापा को भली भांति पता था की मेरी माँ वर्मा ने कई बार चुदवा चुकी है।
धीरे धीरे हमारा परिवार खुले सेक्स की वकालत करने लगा। उसके बाद वर्मा अंकल ने उनकी बीबी को सबके सामने चोदने वाला ऑफर दे दिया। उस रविवार की शाम को वर्मा अंकल ने अपने ४ मुर्गे हलाल किये हम सबके लिए लजीज खाना पकाया। उसके बाद हम सब अनुपमा आंटी को चोदने की प्लानिंग करने लगे।
“सोमेश!! मेरी बीबी तो है की रंडी!!..इसलिए आज मैं चाहता हूँ की तुम और मेरे ऋषभ के सामने अनुपमा को चोदो और हाँ अपने बेटे अनुज से भी अनुपमा को चुदवा देगा। उसके बाद तो दोस्तों असली खेल शुर हो गया। सब लोगो ने अपने कपड़े निकाल दिए। उस पार्टी में कुल ७ लोग थे।
मैं, पापा, मेरी मम्मी, मेरी बहन वंदना, वर्मा जी, उनकी बीबी अनुपमा आंटी, और उनका लड़का ऋषभ। हम सबने अपने अपने कपड़े निकाल दिए। सब लोग एन्जॉय करने लगे और ताली बजाने लगे। वर्मा अंकल ने अनुपमा आंटी को चोदने का पहला ऑफर मेरे पापा को दिया। अनुपमा आंटी की चुदाई उनके ही घर में हाल में होने वाली थी।
बेडरूम का बेड हाल में लगा दिया गया था जिसपर अनुपमा आंटी की चूत में कई लोग लंड देने वाले थे। पापा बिस्तर पर आ गये और अनुपमा आंटी को अपने पास खीच लिया। अनुपमा आंटी ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए थे, अपनी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी थी और इस समय वो पूरी तरह नंगी थी।
मेरे पापा [सोमेश] ने उनको अपनी बाँहों में भर लिया और किस करने लगे। मैं, मेरी मम्मी, बहन वंदना, वर्मा जी और उनका लड़का ऋषभ ताली बजाने लगे। मेरे पापा ने अनुपमा आंटी को निचे बिस्तर पर कर दिया और खुद उनके उपर आ गये और आंटी के मस्त मस्त दूध पीने लगे। अनुपमा आंटी पापा ने पहले चुपके चुपके चुदवाती थी। पर आज ये सेक्स पार्टी बिलकुल खुल्लम खुल्ला हो रही थी। क्यूंकी इस जंगल में कोई नही रहता था इसलिए शर्म करने की कोई जरूरत नही थी।
मेरे पापा अनुपमा आंटी के उपर लद गये और उनके दूध पीने लगे। बहुत आधिक चुदने से अनुपमा आंटी की छातियाँ कुछ ढीली होकर लटक गयी थी, पर फिर भी वो काफी बड़ी थी और ३४” की थी। इसलिए उनको आराम से चोदा खाया जा सकता था। पापा ने बिलकुल नंगी अनुपमा आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और उनके दूध पीने लगे।
कुछ देर में काम की इक्षा से आंटी के दूध तन गये और फूलकर ३६” के हो गये। मेरे पापा मस्ती से उनके दूध पीने लगे। फिर पापा ने अनुपमा आंटी के क्लीवेज में अपना लंड रख दिया और जोर जोर से रगड़ने लगे। “उफफ्फ्फ्फ़..सोमेश जी!!.आज मुझे कसके मेरे पति और लड़के के सामने ही चोद डालिए। आज आप बिलकुल मत शर्म करिए!!” अनुपमा आंटी बोली।
मेरी माँ और बहन वंदना भी पूरी तरफ से नंगी थी। ऋषभ मेरी बहन को ताड़ रहा था, जब बाकी लोग अनुपमा आंटी को देख रहे थे। मेरे पापा अनुपमा आंटी के दोनों दूध को आपस में कसकर पकड़े हुए थे और बीच में उनका लौड़ा स्तनों को चोद रहा था। मैं तो ये देख कर बहुत खुश हुआ और जोर जोर से शी.शी..करके सिटी बजाने लगा।
कुच देर बाद पापा ने अनुपमा आंटी की चूत में लंड डाल दिया और उनको चोदने लगे। वर्मा अंकल आज पहली बार अपनी बीबी को मेरे पापा से चुदते हुए देख रहे थे और मजा उठा रहे थे। अनुपमा आंटी का लड़का भी अपनी माँ को मेरे बाप से चुदते हुए देख रहा था और अपना लंड पकड़कर इधर उधर हिला रहा था।
“ओय!..सोमेश!! ऐसे धीरे धीरे क्या मेरी बीबी को चोद रहा है???बहनचोद..दम नही क्या क्या तेरे लौड़े में??” वर्मा अंकल मेरे पापा से बोले। उसके बाद तो पापा ने अनुपमा आंटी की पलंगतोड़ ठुकाई कर दी। अनुपमा आंटी की चूत पूरी तरह से फटी हुई थी। पापा का सिलबट्टे जैसा लंड उनकी चूत की जान निकाल निकालकर पर उनको ठोंक रहा था।
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अनुपमा आंटी किसी चमगादड़ की तरह अपने दोनों हाथ पैर फैलाए हुए थी और मेरे पापा से चुद रही थी। वो आह आह उई उई आह आह आहा आहा आ की आवाजे निकाल रही थी। अनुपमा आंटी का मुँह खुला हुआ था और वो बार बार अपने होठ चबा रही थी। उनको देखकर ये पता चल रहा था की उनको काफी आनंद प्राप्त हो रहा है।
फिर पापा अनुपमा आंटी को अपनी बीबी की तरह गाल पर किस करने लगे और पट पट करके उनको चोदने लगे। दोस्तों, आज मुझे पता चला की मेरे पापा बहुत शानदार चुदैया है। मेरे पापा मेरी बहन वंदना को भी बीच बीच में पेलते रहते थे।
मेरी माँ को भी चोदते थे और अनुपमा आंटी को तो हर वीकेंड में लेते थे। इस वजह से पापा का मोटा लौड़ा किसी धारदार चाक़ू की तरह से तेज हो गया था। आज ६ लोगो के सामने वो वर्मा अंकल की औरत को पेल रहे थे। अनुपमा आंटी का लड़का ऋषभ भी मेरे पापा की शानदार ठुकाई देखकर उनका दीवाना हो गया था।
“चाचा!!.. भई वाह..क्या मस्त ठुकाई कर रहे हो तुम मेरी माँ की..इसकी चूत में बहुत गर्मी है…आज मेरी माँ को इतना चोद डालो की सारी गर्मी निकल जाए” अनुपमा आंटी का लड़का ऋषभ बोला।
पापा पक पक अनुपमा छिनाल को पेलते रहे। वो किसी रंडी की तरह आ आ आह आह की आवाज लगाने लगी और कराहने लगी। फिर पापा ने कुछ देर बाद अपना माल अनुपमा आंटी के भोसड़े में ही छोड़ दिया। दोनों हांफ गये। दोनों के पसीने छूट गये। पापा चोद कर हटे।
“भाई वर्मा जी!! तेरी औरत भले ३२ की है पर १६ साल की लौंडिया का मजा देती है…कसम से इसको चोदकर मूड फ्रेश हो गया!!” पापा बोले।
“अनुज बेटा!! आओ अब तुम अपनी अनुपमा आंटी को चोद खा लो!!” वर्मा अंकल बोले।
मैं तो पहले से ही नंगा था। अब मैं अनुपमा आंटी के पास आ गया। आंटी अभी अभी मेरे पापा से चुदी हुई थी। वो खुमारी अभी उतरी नही थी। मैं अनुपमा आंटी के उपर लेट गया और उनके दूध पीने लगे। उफ्फ्फ.क्या मस्त मस्त छातियाँ थी उनकी। मैंने बड़ी देर तक उसके दूध पिये, फिर उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया।
आंटी मजे से मेरा लंड चूसने लगी। मेरी मम्मी अनुपमा आंटी का मनोबल बढ़ाने लगी। “कामोन अनुपमा चूस लो मेरे बेटे अनुज का लंड!!” मेरी मम्मी बोली। उसके बाद तो अनुपमा आंटी किसी छिनाल की तरह मेरा लंड चूसने लगी। वो जल्दी जल्दी अपने सुंदर होठ मेरे लंड पर दौडाने लगी और गले के आखिर तक लंड लेने लगी।
मुझे तो जैसे जन्नत का मजा मिल रहा था। मैं अनुपमा आंटी के चेहरे को अपने हाथों से सहला रहा था। दोस्तों, मुझे इतनी उतेज्जना हो गयी की मैंने २ ४ थप्पड़ तान तानकर अनुपमा आंटी के मुँह पर रसीद कर दिया। “चूस रंडी!!..चूस!!” मैंने कहा। उसके बाद तो आंटी से ३५ मिनट तक मेरा लंड चूसा।
इसी बीच मेरा माल छूट गया और सब का सब माल आंटी के मुँह पर छूट गया। सब लोग ताली बजाने लगे। “ओय ओय ओय!!! माल मुँह पर छूट गया…ओय ओय ओय!!” सब लोग एक साथ बोले। आंटी ने अपने पेटीकोट से अपना चेहरा साफ़ किया। जादातर मेरा माल तो वो पी गयी गयी। कुछ देर में मेरा लौड़ा टन्न हो गया था। मैंने इस बार अनुपमा आंटी को घोड़ी बना दिया। सब लोग खुश हो गये।
“फक हर हार्ड अनुज!! फक माई वाइफ हार्ड [मेरी बीबी को कसके चोदो अनुज]” वर्मा अंकल बोले.
“मेरी माँ की चूत का चबूतरा बना दे भाई!!…फाड़ डालो इस छिनाल की आवारा चूत को!!” अनुपमा आंटी का बेटा ऋषभ बोला।
‘ यस बेटा!!..दिखा दो की तुम असली मर्द हो!..दे दो इस रंडी की गर्म चूत में अपना लोहे जैसा लंड!!” दूसरी तरफ से मेरी मम्मी बोली.
उसके बाद दोस्तों, मेरा मनोबल बहुत ऊँचा हो गया। अनुपमा आंटी को मैंने उसके दोनों हाथ और घुटनों पर घोड़ी बना दिया था। पीछे से उनकी गर्म दहकती बुर में मैंने अपना लोफे जैसा लंड डाल दिया था। उसके बाद किसी आवारा कुत्ते की तरह मैं बैठकर पीछे से अनुपमा आंटी के भोसड़े में लंड की सप्लाई करने लगा।
सारे लोग जो वहां मौजूद थे ताली पीटने लगे। आंटी की चूत मैं पीछे से ले रहा था जो बहुत कसी लग रही थी। मैंने आंटी के खुले बाल अपने हाथ में लपेट लिए और दूसरा मेरा हाथ उसके गोरे चिकने कुल्हे पर था। उसके बाद मैंने आंटी के बाल पकड़कर वो शानदार ठुकाई की पट पट और चट चट की धव्नि ही वहां सुनाई दे रही थी।
मेरी बहन इतनी जोरदार ठुकाई देखकर आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो गयी और सपने सामने अपनी चूत में जल्दी जल्दी खड़े खड़े ही ऊँगली करने लगी। “चोद डालो!!…प्लीस कोई मुझे अनुपमा आंटी की तरफ चोद डालो!!” मेरी बहन अचानक बोलने लगी। पर किसी ने उसकी बात नही सुनी।
क्यूंकि मैं अनुपमा आंटी की सपने सामने शानदार ठुकाई कर रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपना लौड़ा उसके भोसड़े से निकाल लिया और उसके पेट और नाभि पर अपना सारा माल गिरा दिया। २ २ मर्दों से चुदकर अनुपमा आंटी का चेहरा बिलकुल लाल हो गया था। जब मैंने आंटी को चोद लिया तो उनके बाल मैंने छोड़ दिए।
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“अब मैंने अपनी माँ को चोदूंगा!!” अनुपमा आंटी का सगा बेटा ऋषभ बोला. “..नही अब मैं इस कुतिया की चूत मारूंगा!” वर्मा जी बोले। दोनों में बहस हो गयी की कौन पहले अनुपमा आंटी को चोदेगा। उसके बाद टॉस हुआ जिसमे ऋषभ जीत गया। ऋषभ कुछ देर अपनी माँ के दूध पीता पीता रहा। फिर उसने अनुपमा आंटी को अपने पेट पर बिठा लिया और मस्ती से चोदने लगा। दोस्तों, वो संडे एक यादगार संडे था जिसमे कुल ४ लोगो ने अनुपमा आंटी की चूत मार ली।
उसके बाद एक दिन मेरे पापा ने सबको दावत दी और वर्मा अंकल, ऋषभ, मैं और पापा ने मेरी माँ को बारी बारी से चोदा और उनकी बुर फाड़कर रख दी। फिर वर्मा अंकल और ऋषभ ने हमारे ही घर में हम सभी लोगो के सामने मेरी बहन वंदना को चोदा और उनकी मुलायम चूत में खूब लंड खिलाया। मेरी बहन वंदना ने अपनी गांड उठा उठाकर खूब चुदवाया और मजे मारे। ऋषभ से उनकी नर्म नर्म चुच्ची मुँह में भरके खूब चूसी। उसके बाद तो दोस्तों, हमारा और वर्मा जी का परिवार हर हफ्ते गैंग बैंग की पार्टी करने लगा।