Haveli Me Sex
बहन की गैंगबैंग चुदाई पढ़े हेल्लो दोस्तों, मैं कौस्तुभ आप सभी का फिर से एक बार हमारी वासना पर स्वागत करता हु. आपने मेरी कहानी के पिछले भाग गुंडों ने बहन को गरम किया फिर भाई ने चोदा 1 में पढ़ा होगा की एक बार कुछ गुंडे मेरे घर में घुस आये और बंदूक के दम पर मेरी बहन अंशिका के साथ छेड़छाड़ करने लगे. फिर मैंने उन्हें भगाया और अपनी बहन को चोद दिया. अब आगे- Haveli Me Sex
अब आपको वो बात बताता हूँ जिसे सोच के मैं आज भी अजीब सा फील करता हूँ.. हुआ ये की हम राजस्थान घुमने गए टूर एण्ड ट्रेवेल की बस से. जाते हुए बस एक जगह रास्ते मैं रुकी.. रात के 8 बाज रहे थे.. एरिया कफी सुनसान सा था और एक ही ढाबा था… सब उतरे तो हम भी उतर गए.
हमने सोचा कुछ खा पी लें और फिर हमने खाना ऑर्डर कर दिया.. खाना खत्म करने के बाद जैसे ही बस की तराफ बढे की अंशिका ने कहा- भइया मुझे सू सू आई है. मैने कहा- अब जयपुर पहुंच के करना यहाँ कुछ ऐसा दिख नहीं रहा जहाँ तुम जाओ. पर उसने कहा- मैं नहीं रोक सकती मुझे जाना ही है. मैने वहीं पूछा की भाइ वाशरूम है क्या तो?
उन्होने बताया नहीं बाबु जी यहाँ तो आगे जाके किसी खेत मैं ही जाना पड़ेगा और जल्दी करो नहीं तो बस कहीं ना चली जाये. फिर मैं अंशिका को लेके अंदर खेत की तरफ गया. अंशिका ने कहा- थोडा और अंदर जाऊंगी क्योंकी सब इधर ही देख रहे हैं और यहाँ रोशनी भी है.
मैने कहा- ओ के चलो.
जैसे ही अंशिका सुसु करने बैठी तभी मुझे लगा की शायद हमारी बस खुल गयी है.
मैने अंशिका को कहा- तुम पेशाब करो मैं बस को रोकता हूँ.
मैं भगा भगा बाहर आया पर तब तक तो हमारी बस जा चुकी थी. मैं परेशान हो गया की यार अब इस रात मैं पता नहीं कब तक दूसरी बस का इंतज़ार करना होगा. यही सोच विचार करते मैने सिग्रेट जला ली और वहीं खड़े एक आदमी से बात करने लगा.
अचानक 10 मिनट के बाद मुझे ध्यान आया की अंशिका कहाँ है वो तो अभी तक आई ही नहीं… पहले मैने ढाबे के चारो तरफ देखा… कहीं नहीं थी… फिर मैं भाग के वहीं गया जहाँ वो पेशाब करने गयी थी… खेतों मैं बहुत अंधेरा था मैने काफी अवाज़ दी और बहुत ढूंढा मगर वो कहीं नहीं मिली..
मैं भाग के ढाबे के पास आया और लोगो से अंशिका का हुलिया बता के पूछने लगा की कहीं किसी ने देखा है…. लेकिन किसी को नहीं मालूम था… तभी एक लम्बा चौड़ा सा आदमी आया उसने कहा की कहीं ये पीछे के खेत की तरफ पेशाब करने तो नहीं चली गयी थी…
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मैने कहा- हाँ वो वहीं गयी थी…
फिर मैने उससे पूरी बात बताई….
उसने कहा- भाई तेरी बहन अब दो तीन दिनो से पेहले नहीं मिलने वाली.. और किस हाल मैं मिलेगी उसकी भी गारंटी नहीं…
मैं- ये क्या कह रहे हो आप? मैं परेशान हो गया फिर मैने कहा- ऐसा क्या हुआ?
उसने कहा- तेरी बहन की उमर कितनी थी?
मैने कहा- 30 की थी… उसने कहा- शादी सुदा थी?
मैने कहा- नहीं कुंवारी…
फिर उसने कहा- ह्म्म्म लेकिन 30 की उमर मे तो लड़कियां मां बन जाती हैं, वो कुंवारी क्यूं है?
मैने कहा- इससे आपको क्या मतलब?
उसने कहा- 30 की है शायद संभाल भी ले मामला, देखो बुरा मत मानना इस उमर मैं तो लड़कियों को लंड ही चाहिये होता है.
मैने कहा- ये क्या बकवास है.
उसने कहा- भाई बकवास नहीं सच है, पीछे का जो गांव है वो रंडवो का गांव है कोई औरत नहीं है वहा… सिर्फ मर्द हैं और वो लोग अक्सर ऐसा करते हैं. यहैं तक की पुलिस वाल़े भी मिले हुये हैं उनसे…. और मुझे पूरा यकीन है की वो लोग ही उठा के ले गये हैं तेरी बहन को. तू यहीं इंतज़ार कर दो तीन दिनो मे यहीं छोड़ जायेंगे तेरी बहन को.
मैने कहा- नहीं ऐसा मत कहो मेरी मदद करो.
उसने कहा- ना बाबा ना. मैने बहुत रिक्वेस्ट की तब उसने कहा- फिर मुझे क्या फ़ायदा होगा तेरी मदद करके?
मैने कहा- जो बोलोगे दूंगा.
उसने कहा- ओके ठीक है फिर.
उसने बताया की हमे उस गाँव मे चल के पता करना होगा की तेरी बहन वहीं है या नहीं. फिर क्या था मैं खेतों के रास्ते गाँव की तरफ जाने लगा. लगभाग 45 मिन हो गए थे और हम लगभाग गाँव पहुंच चुके थे. गाँव मे बहुत सन्नाटा था सभी सो रहे थे.
गाँव काफी छोटा सा था लगभग 10-15 घर होंगे. मैने सोचा हर घर को पूछते हैं शायद किसी को पता हो पर मेरे साथ जो था उसने कहा नहीं रात को किसी घर पे जाना खतरनाक है और साथ ही हम उनसे ये नहीं पूछ सकते की तेरी बहन खो गयी है तू उसे ढूंढता हुआ यहाँ आया है.
अगर सच मैं तेरी बहन यहीं होगी तो ये लोग तेरी बहन के साथ साथ तेरे को भी मार देंगे, इसलिये हमे बड़ी चालकी से पता करना होगा. अभी रात के करीब 11 बजे थे तभी 4-5 लोग उधर से गुजरे उन्होने पूछा- बेटा यहाँ रात को कैसे?
हमने कहा- हमारी गाड़ी खराब है कल तक बनेगी सो हम रात गुजरने आ गए.
उन्होने कहा- ओ अच्छा ठीक है चलो आओ, हम तुम्हे ठीकाना देते हैं रात गुजारने के लिये.
फिर हम उनके साथ वहीं से करीब 1 km और आगे गए. वहाँ एक पुरानी सी हवेली थी. उन्होने कहा- देखो ये हमारे भाइ साहब की हवेली है तुम लोग हवेली के पीछे एक छोटा सा कमरा है वहीं रूक जाओ. और ये कह के वो लोग जल्दी से अंदर चले गए.
हम उस कमरे मे जाके बैठ गए और मैं ये सोचने लगा की पता नहीं अंशिका कहाँ होगी किस हाल मे होगी. मेरे साथ जो आदमी था वो सो गया. रात के करीब 2 बज रहे होंगे और मुझे नीद बड़ी मुश्किल से आई थी. तभी मुझे किसी के चिल्लाने की आवाज़ आई.
मैं जल्दी से उठा और बाहर देखने लगा की ये अवाज़ कहाँ से आ रही है. ये आवाज़ हवेली के अंदर से आ रही थी और वो भी किसी लड़की की. मैं डर गया की भगवान ये अंशिका ना ह प्लीज़. तभी मेरे साथ वाला भी जाग गया. वो भी बाहर आया देखने को.
उसने कहा- ये आवाज़ तो हवेली के अंदर से आ रही है लगता है तेरी बहन इनके पास तो नहीं?
मैने कहा- नहीं ऐसा मत बोलो.
उसने कहा- देख कुछ हो जाये उन लोगों को ये पता नहीं चलना चाहिये की वो तेरी बहन है नहीं तो सबूत मिटाने के लिये ये हम दोनों को मार देंगे. चल ज़रा छुप के देखने की कोशिश करते हैं बात क्या है.
और हम हवेली के पीछे वाले रास्ते से गए. वहाँ एक टुटा दरवाज़ा था. उस से हम एक कमरे मैं पहुंच गए. पर वहाँ अंधेरा था और कहीं और जाने का रास्ता नहीं था. अवाज़ अब काफी साफ हो गयी थी और मेरा दिल बैठने लगा था की कहीं अंशिका ही तो नहीं है.
मेरे साथ वाले ने कहा- भाइ यहाँ एक खिड़की है खोल के देखें?
मैं बोला- कहीं पकडे गए तो?
उसने कहा- रुक जा धीरे से खोलता हु.
वो खिड़की दूसरी साइड से लगी थी पर इतनी खुल गयी थी की उसमे से दिखाई दे रहा था. एक हॉल सा कमरा दिख रहा था जहाँ करीब 8-10 लोग बैठे दारू पी रहे थे और आवाज़ भी उस लड़की की वहीं कहीं से आ रही थी पर वहाँ कोई लड़की दिख नहीं रही थी.
तभी पास की सीढियों से कुछ और लोग उतरे और किसी लड़की को खींच के ले आये. पर उस लड़की का फेस नहीं दिखा. तभी वो मेरे साथ वाला आदमी आ गया और मुझे हटा के खुद देखने लगा बोला- मुझे देखने दे क्या माज़रा है?
मैने कहा- मुझे देखने दो कहीं मेरी बहन तो नहीं?
उसने कहा- नहीं पहले मैं देखूँगा देखने दे नहीं तो शोर मचा दूंगा.
मैने कहा- ओके.
पर उस लड़की की आवाज़ मुझे कहीं ना कहीं अंशिका की याद दिला रही थी. मैं उसे हटा के अंदर देखने की कोशिश की और जो मैने देखा उसे देख के तो मेरी हालत खराब हो गयी क्यूंकी जिस लड़की की आवाज़ आ रही थी वो कोई और नहीं अंशिका थी. वो लोग करीब 15 आदमी थे. 3 -4 अंशिका के कपड़े फाड़ने मैं लगे थे बोल रहे थे खुद उतार दे नहीं तो 1 इंच भी कपड़ा नहीं बचेगा और तुझे अपने घर नंगे ही जाना होगा.
मैने अपने साथ वाले आदमी से कहा- ये तो अंशिका है मेरी बहन.
उसने कहा- भाई अब तो पता नहीं वो तेरी बहन के साथ क्या करेंगे. पर तू भूल से भी कोई गलती मत करियो नहीं तो ये मार देंगे हम दोनो को.
मैने कहा- मैं क्या करूं.
उसने कहा- यहीं से देखते हैं इसके अलावा कोई उपाय नहीं है अभी.
उसने जैसे ही अंदर देखा तो अंशिका को देख के कहा- भाई बुरा मत मानना तेरी बहन है सही चीज़.
मैने कहा- चुप रहो तुम.
तभी मैने देखा वो लोग अंशिका को पूरी तरह नंगा कर चुके थे और उसे वहीं एक बड़े से टेबल पे बैठने को बोल रहे थे. अंशिका रोते हुए टेबल पे बैठ गयी. उसने अपने दोनो हाथों से अपनी जवान मस्त चूचियों को छिपा रही थी. वो लोग उसकी चूत और गांड पे हाथ लगा रहे थे.
जब वो वहां हाथ रखती तो उसकी चूचियों को दबा देते. किसी तरह वो टेबल पे चढ़ के बैठ गयी. फिर उनमे से एक ने कहा- चल अपनी टांगे खोल के अपनी चूत दिखा साली. एक बोला- इसकी इतनी बड़ी गांड़ है चूत तो बहुत मस्त होगी. पर अंशिका नहीं मान रही थी, रो रही थी और उनको मना कर रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तभी एक ने कहा- साली ऐसे नहीं मानेगी लगता है आज इसको भी जड़ी-बूटी देनी पड़ेगी. ये सुन के सब हंसे लगे. एक बोला- हाँ वो तो हैं वर्ना साली इतने लोगों को सम्हालेगी कैसे? फिर एक अंदर कुछ लाने चला गया. उनमे से एक अंशिका के नज़दीक आया और उसने पूछा- क्यूं बे रंडी हमारे खेतों मैं क्यूं घुम रही थी? और अंशिका की चूचियों को ज़ोर से दबा दिया.
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अंशिका की तो चीख निकल गयी. अंशिका ने बोला- प्प प्सेसाब करने आई थी.
तभी एक ने कहा- साली रंडी हमारे खेत मैं पेशाब करेगी आज देख हम तेरे उपर पेशाब करेंगे.
फिर उसने पूछा- क्या नाम है तेरा?
अंशिका ने धीरे से कहा- अंशिका…
तभी उसने कहा- ह्म्म्म उमर क्या है तेरी?
अंशिका ने कहा-30.
फिर उस आदमी ने कहा- साली शादी हुई है या नहीं?
अंशिका ने कहा- नहीं.
उसने कहा- साला बच्चा पैदा करने की उमर निकल गयी है और शादी तक नहीं हुई तेरी… साली… चल चूत दिखा कुंवारी है या चुदी हुई है.
अंशिका अपनी टांगे खोल ही नहीं रही थी. वो लगातार रो रही थी और चिल्ला रही थी की छोड़ दो मुझे प्लीज़. तभी दो लोग और आये और ज़बरदस्ती अंशिका की दोनो टांगे खोल दी. अंशिका की चूत पे एक भी बाल नहीं था. सब ये देख के पागल से हो गये.
और तभी एक ने अंशिका की चूत पे थूक लगा के सहलाया और एक बार मैं ही अपनी दोनो उंगलियाँ अंदर डाल दी. अंशिका दर्द से कराह उठी. और तब उसने कहा- भाई लोग आज तो मज़े हैं खेली खाई रांड है ये तो मज़े देगी बहुत. तभी वो आदमी अंदर से बाहर आ गया एक इंजेक्शन लेके.
३-4 लोगों ने अंशिका को पकड़ लिया और उसने वो इंजेक्शन अंशिका को दे दिया. और सबने 5 मिनट तक अंशिका को पकड़े रखा उसके बाद सब अंशिका को छोड़ के अलग बैठ के दारू पीने लगे. उसके कुछ देर बाद ही जब मेरी नज़र अंशिका पे गयी तो मैं हैरान था की अंशिका अपने हाथों से खुद आपनी चूचियों को मसल रही थी, अपने शरीर को सेहला रही थी पर आँखें बंद थी उसकी.
तभी उनमे से एक बोला- ज्यादा टाइम ले रही है साली.
तो दूसरे ने कहा- जितना टाइम लेगी उतने मज़े देगी.
मेरे साथ जो आदमी था उसने कहा- भाई तेरी बहन तो सच मे कमाल है जी करता है साली को अभी जा के चोद दूं. और वो अपना लंड सेहला रहा था अंशिका को देख के.
तभी अंशिका अजीब अजीब सी आवाजें निकालने लगी. वो सिसकारियां लेते हुए कराहने लगी. लगभग 2 मिनट मैं ही पूरे कमरे मैं सिर्फ अंशिका के कराहने की आवाज़ थी. आआआआहहहह्ह… एयाया… प्ल्ज़… प्*लज़्ज़ कुछ करो… आआ प्लीज़ कुछ करो मैं मर जाउंगी उई मा.
तभी एक आदमी ने आवाज़ दी- क्या हुआ साली लंड चाहिये क्या?
और जो अंशिका ने कहा वो सुन के तो मैं हैरान रह गया.
अंशिका ने कहा- हाँ लंड चाहिये मुझे. चोदो मुझे… मेरी चूत चाटो मुझे चोदो प्लीज़… नहीं तो मैं मर जाऊँगी. मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ. प्लीज़ कोई तो चोदो.
तभी एक ने कहा- चूदना है तो आजा बहुत से लंड हैं, आके खुद ही ले ले.
और अंशिका फौरन टेबल से कूद कर उन लोगों के बीच चली गयी और उनके लंडो को उनके पैजामे के उपर से ही पकड़ के सक करने की कोशिश करने लगी. और फिर क्या था सब नंगे हो गये और अंशिका ने दो लंड को एक साथ अपने मुह मैं ले लिया और बारी बारी से सबके साथ ये करने लगी.
कुछ लोग अंशिका की चूचियों पे लगे थे कुछ चूत चाट रहे थे. और अंशिका तेज़ तेज़ कराह रही थी- मुझे चोदो, लंड चाहिये मेरी चूत को, फाड़ दो. ये सब लगभग 45 मिनट तक चलता रहा. उसके बाद उन लोगों ने अंशिका को टेबल पे लिटा दिया और उसकी दोनो टांगे खोल दी.
अंशिका लंड के लिये जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी. तभी जो सबसे बड़ा आदमी था, वो आया और उसने अंशिका की चूत पे अपना लंड लगा के एक ही थाप मैं पूरा अंदर डाल दिया. अंशिका आआई आई करके चिल्लाने लगी.
तभी एक ने आगे बढ़ के उसकी चूचियों को मसलना शुरू किया और एक ने अपना मोटा लंड अंशिका के मुह मैं डाल दिया. अब बारी बारी से 5 लोग चोद चुके थे और 3-4 लोगो ने अंशिका के मुह मैं अपना पानी छोड दिया था.
तभी पुलिस के सायरन की आव़ाज़ आई और सबने फटा फट अंशिका को एक कपड़े से साफ कर उसे एक कुर्ता पहना के पीछे वाले सोफे पे बिठा दिया. पर अंशिका होश मे नहीं थी. वो बार बार चोदने को ही बोल रही थी.
तभी उन लोगों ने दरवाज़ा खोला और कहा- आइये थानेदार साहब आइये. मेरी सांस मे सांस आई की चलो अब अंशिका बची. लेकिन अगले ही पल मेरे होश फिर उड़ गये जब थानेदार ने ये कहा की आज ढाबे पे पता चला की कोई 30 साल की लड़की गायब हो गयी है. कहाँ है वो अकेले ही मज़े लेने का इरादा है क्या.
उन्होने कहा- नहीं साहब, और एक ने आवाज़ दी- अरे जा जरा लेके आ साहब के माल को. दो लोग अंशिका को पकड़ के लाये. अंशिका की आँखें चढ़ी हुईं थी जैसे बहुत दारू पी रखी हो. थानेदार ने अंशिका को उपर से नीचे तक देखा. अंशिका सिर्फ कुर्ते मैं थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसकी नंगी चौड़ी जाँघें बिल्कुल साफ दिख रही थी जिस पे एक भी बाल नहीं था और कुर्ते से उसके दोनो निपल साफ दिख रहे थे. थानेदार ने कहा- चल साली को जीप मैं डाल. उन लोगों ने कहा की साहब यहीं कर लो जो करना है थाने क्यूं ले जा रहे हो.
थानेदार ने कहा- बहनचॉद जो कह रहा हूँ सुन डाल साली को जीप मैं.
तभी एक ने कहा- भाई इसके कपड़े उपर हैं लेके आउँ?
थानेदार ने कहा- मादरचोद तेरी बहन लगती है जो कपड़े पहना रहा है. डाल साली को गाड़ी मैं पता नहीं कौन है साली. थाने लेजा के ही पूछूंगा.
और उन लोगों ने अंशिका को सिर्फ कुर्ते मैं और उस नशे की हालत मैं ही ले जाके जीप मैं डाल दिया और थानेदार फौरन वहां से चला गया. मैं तो कुछ समझ नहीं पा रहा था की क्या हो रहा है ये सब. कहीं ये सपना तो नहीं. मैं बार बार यही सोच रहा था अच्छा होता की ट्रिप पे ही नहीं आता.
तभी अंदर वो लोग बोले- साला थानेदार ले गया हमारी माल को, पूरा मज़ा ख्राब कर दिया.
तभी एक ने कहा- साला कहता है पूछताछ करेगा. साला थाने ले जाके चूदाई करेगा… और क्या.
ये सुन मैने अपने साथ वाले आदमी से कहा- भाई मेरी हेल्प करो अंशिका को इन लोगों से छुडाओ.
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उसने कहा तो फिर चल थाने चल के देखते हैं. और मैं फटाफट वहां से उसके साथ थाने की तरफ निकल गया. जैसे तैसे भागे भागे हम थाने पहुंचे… हमे एक हवलदार ने बाहर ही रोक लिया की साहब बिज़ी हैं वेट करो. हमने उससे बहुत बोला पर वो जाने नहीं दे रहा था.
लगभग 40 मिनट हो गये तो हम जबरदस्ती अंदर गये और जैसे ही मेरी नज़र लॉक अप की तरफ गयी मैने देखा अंशिका वहीं बिल्कुल नंगी थी और तीन पुलिस वाले भी थे. मैने देखा उन लोगों ने अंशिका के दोनो हाथ बाँध रखे थे और एक डंडे के एक किनारे पे एक टांग और दूसरे किनारे पे दूसरी टांग को इस तरह बाँध रखा था की उसकी दोनो टांगे पूरी खोली थी चुदवाने की पोज़िशन मैं.
वो लोग अंशिका को बार बार कह रहे थे-साली रांड बता कौन है तू? कहां से आई है… कौन कौन है तेरे साथ जो धंधा करता है?
तभी एक ने अंशिका की चूत मैं उंगली डाल दी और कहा- साली ने दारू पी रखी है और देखो तो सही सिर्फ लंड मांगती है… पक्की रांड है… पर है किसके ग्रूप की पता भी तो नहीं चल रहा है.
तभी दो पुलिस वाले आये और उन्होने हमे दूसरे कमरे मैं जबरदस्ती बंद कर दिया की साहब केस मैं बिज़ी हैं यहीं रहो. और थोड़े ही देर मैं अंशिका की फिर से आवाज़ आने लगी- चोदो मुझे और ज़ोर से.. उई मा मर गयी.. ओ मेरे राज़ा चोदो.. हमने ज़ोर से धक्का दिया तो दरवाज़ा खुल गया.
बाहर देखा दो पुलिस वाले मिलके अंशिका को चोद रहे थे. जैसे ही उन्होने हमे देखा वो थोड़े दर गये की हमने उन्हें ये सब करते देख लिया है और फौरन उन्होने अंशिका की चुदाई छोड़ पिस्टल लेके हमारे उपर तान दिया. और बोला- कौन हो तुम लोग और यहाँ क्या कर रहे हो.
मैने सोचा बस सब कुछ बता के अंशिका को छुड़ा लूँ यहाँ से. पर जैसे ही कुछ बोलता मेरे साथ वाले ने मुझे चुप करा के कहा- साहब हमारा बैग चोरी हो गया है. मैने सोचा बस सब कुछ बता के अंशिका को छुड़ा लूँ यहाँ से. पर जैसे ही कुछ बोलता मेरे साथ वाले ने मुझे चुप करा के कहा- साहब हमारा बैग चोरी हो गया है. उसी के लिये आये थे.
पुलिस वाले ने कहा- कल आना जा भाग जा अभी.
तभी मेरे साथ वाले आदमी ने कहा- साहब अगर बुरा ना माने तो क्या मैं भी थोड़ा.
पुलिस वाले उसका इशारा समझ गये और हंसने लगे.
उन्होने कहा- ठीक है, ठीक है, जब कद्दू कट ही रहा है तो सबमे बटेगा.
फिर पुलिस वाले ने मुझे घूर के देखा और कहा- क्यूं बे तेरे को भी कद्दू चाहिये.
मैं तो बिल्कुल सकपका गया. कुछ समझ नहीं आ रहा था. कहाँ फंस गया हू. ये क्या हो रहा है. तभी दूसरे पुलिस वाले ने कहा- ये क्या बोलेगा, लेना तो इसको भी पड़ेगा नहीं तो बाहर जाके हमारे खिलाफ कुछ उगल देगा.
और जब तक मैं कुछ सोच पाता मैने देखा मेरे साथ वाला आदमी नंगा होके अपना लंड अंशिका के मुह मे डाल रहा था और एक पुलिस वाला चूत मार रहा था और दूसरा चूचियों को चूस रहा था. और अंशिका पागलों की तरह चुदाई करवा रही थी. अ आ आई मा चोदो और तेज़ और तेज़.. फाड़ डालो मेरी चूत.
तभी पुलिस वाले ने मुझे कहा- मादरचोद नामर्द है क्या, चल आजा मज़े ले इससे नहीं तो गोली मार दूंगा. मैं क्या करता कुछ समझ नहीं आ रहा था. अंशिका ड्रग्स के असर से मुझे पहचान तक नहीं पा रही थी वैसे भी वो आँखें बंद किये हुए थी.
जब दुबारा वो पुलिस वाला चिल्लाया तो मैं फटाफट अंशिका के पास पहुंच गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा. मुझे ऐसा करता देख मेरे साथ वाला आदमी मुस्कुरा रहा था… और फिर क्या बारी बारी से हम सब ने अंशिका को चोदा. अंशिका लगभग बेहोश हो चुकी थी. सुबह के 5 बज रहे थे.
पुलिस वालों ने कहा- जा मेडिकल स्टोर पास मैं ही है वहीं एक डाक्टर रहता है. उससे बोलना थानेदार साहब ने टॉनिक लेके बुलाया है. दूसरा पुलिस वाला गया और 1 घंटे मैं डाक्टर को लेके आया. उस डाक्टर ने अंशिका को और दो इंजेक्शन दिये और बोला की 4 – 5 घंटे मैं एक दम सही हो जायेगी कुछ याद नहीं रहेगा इसे. और वो चला गया.
मैने कहा की मैं जरा टायलेट होके आता हूँ और जब मैं वापिस आया तो दोनो पुलिस वाले और वो मेरे साथ वाला आदमी मुझे देख के हंस रहे थे. तभी पुलिस वाले ने कहा- बहनचोद रंडी के, खुद की बहन को चोदा तूने कल हमारे साथ साले दलाल. पर सच कहूँ तो तेरी बहन है बड़ी मस्त. हम सबको मस्त कर दिया. मज़ा आ गया साली की चूत मार के. वैसे कहाँ से आया है तू?
मैने कहा- दिल्ली से और राजस्थान घूमने जा रहा था. फिर मैने उसे पूरी कहानी सुनाई. उन्होने कहा- साले इतनी मस्त माल को कौन छोड़ता है, वैसे भी तेरी बहन कमाल की है सबको अच्छे से सम्हाल लिया. फिर उसने कहा- चल मज़े बहुत दिये हैं तेरी रांड बहन ने इसी लिये दोनो को छोड़ रहा हूँ जैसे ही होश आयेगा लेके चला जा.
पुलिस वालों ने वहीं हवेली से अंशिका के कपड़े लाके मुझे दे दिये पेहनाने को. मैने अंशिका को कपड़े पेहना दिया उसी बेहोशी की हालत मे. 4 – 5 घंटे बाद अंशिका को होश आया. वो बोली- भैया मैं कहाँ हू? और मुझे क्या हुआ है? मेरा शरीर दर्द हो रहा है.
मैने कहा- कुछ नहीं हुआ है. अंशिका ने कहा- मुझे तो कल कुछ लोग उठा के ले गये थे और एक घर मैं ले जाके मेरे साथ गलत काम करने की कोशिश कर रहे थे. उसके बाद का कुछ याद नहीं. मैने कहा- कुछ नहीं हुआ. इन पुलिस वालों ने तुम्हे बचा लिया है चलो अब घर चलो. और हम घर जाने लगे.
मैं बस यही सोच रहा था बस किसी तरह इन सब से पीछा छूटे तो कभी लौट के नहीं आउंगा इस तरफ. जैसे ही थाने से बाहर निकल रह था तभी उस पुलिस वाले ने मुझे अंदर बुलाया और बोला- सुन तेरी बहन हमे बहुत पसंद आई है. अपना मोबाइल नंबर और पता दे दे. साली ने हमे एकदम मस्त कर दिया है.
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मैने कहा- नंबर और पता क्यूं?
उसने कहा- साले तेरी रांड की चूत मारेंगे और किसलिये. तुम लोगों को जाने दे रहा हूँ ये समझो.
मैने कहा- नहीं नहीं सर नंबर और पता नहीं दूंगा.
उसने कहा- साले ये देख और उसने कंप्यूटर ऑन किया. जो मैने देखा मेरे तो होश उड़ गये. उसमे उस हवेली से लेके थाने तक की अंशिका की एक एक चुदाई की फिल्म बनी हुई थी. फिर पुलिस वाले ने कहा- अगर किसी और को इस बारे मे कहा तो ये सीडी मार्केट मे होगी. और सुन, जब भी फोन करूं रांड को लेके आ जइयो नहीं तो वहीं आके तेरे घर पे चोदेंगे सबके सामने समझा. और फिर मुझे भगा दिया.
मैं बस किसी तरह अंशिका को लेके वापिस आ गया. दिल्ली पहुंच के मैने चैन की सांस ली. अंशिका ने कहा- भइया बताओ ना क्या हुआ था? मुझे कुछ याद तो नहीं पर मेरी बॉडी मैं बहुत दर्द है. मैने कहा- कुछ नहीं बस भूल जा जो भी हुआ. इस बात को 2 महीन हो गए थे, मैं भी लगभग सब भूल चुका था.
अचानक एक दिन एक अंजाने नंबर से मेरे सेल पे फोन आया. मैने जैसे ही फोन उठाया, तभी उधर से अवाज़ आई- रंडी के, बहनचोद हमे भूल गया क्या? मैं हडबडा गया और बोला- क्क कौन..जबान सम्भाल के बात करो. तभी उसने कहा- मादरचोद, हमे जबान सम्भालने को कह रहा है, साले हम वही पुलिस वाले बोल रहे हैं जिसने तेरी बहन के साथ सुहागरात मनाई थी.
मैं डर गया और बोला- जी बोलिये सर. उसने कहा- साले बहुत दिन हो गए, चल आजा कल यहीं, अंशिका रांड को लेके. मैने कहा- नहीं नहीं सर ऐसा मत बोलो और प्लीज़ हमे छोड़ दो ये ठीक नहीं. उसने कहा- रंडी के, लेके आता है या वहीं आके चोद दू या सीडी मार्केट मैं बेच दू.
मैने कहा- सर सर. तब तक उसने फोन काट दिया. अब मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था. अंशिका को इस बारे मैं कुछ पता तक नहीं था. क्या करू कुछ समझ नहीं आ रहा था. फिर मैने सोचा अंशिका को सब कुछ बता देना चाहिये और जल्द ही हम अपना फ्लैट बदल लेंगे.
उसी रात मैने अंशिका को वो सारी कहानी सुनाई की क्या क्या हुआ था उसके साथ. अंशिका परेशान हो गई और वो हैरान भी थी के ये सब उसके साथ हो चुका है और उसे पता तक नहीं. फिर हम दोनों ने फैसला किया की हम फ्लैट बदल लेंगे और नंबर भी जल्द से जल्द बदल लेंगे.
बाकी सीडी का कोई उपाय नहीं सो उसे जाने देंगे. और अगले दिन जब उस पुलिस वाले का फोन आया तो मैने नहीं उठाया. उसने उस दिन 50 कॉल किए पर मैने नहीं उठाया. हम बस जल्दी से जल्दी शिफ्ट करने की तैयारी मे थे.
इस बात को कुछ दिन और हो गये और कल हम शिफ्ट होने वाले थे नये फ्लॅट मे. मैं शाम को जब आफिस से घर आया तो देखा कि मेरे फ्लॅट के बाहर कुछ भीड़ सी लगी थी. जैसे ही मैं आया सब इधर उधर फुसफुसाते हुये निकल गये.
उनमे से एक कह रहा था क्या ज़माना आ गया है लोग दुनिया को कहते हैं की हम भाई बहन हैं और यहाँ हम शरीफ लोगों के बीच रह के ये सब करते हैं. तभी मैं वहां खड़े गार्ड से पूछा क्या हुआ. उसने कहा साहब आपकी बहन को पुलिस लेके गयी. मैं तो ये सुन पागल सा ही हो गया.
मैने पूछा कब, क्यूं और कहाँ लेके गये? उसने कहा मालूम नहीं कहाँ लेकिन 1 घंटे पहले लेके गये. कह रहे थे की ये लड़की कॉल गर्ल है और बहुत दिनो से पुलिस को इसकी तलाश थी. मेरे तो समझ ही नहीं आ रहा था क्या करूं. उसने कहा साहब जल्दी जाओ मामला कुछ ठीक नहीं लग रहा था.
वैसे बुरा मत मानना साहब आपकी बहन के कपड़े वैसे ही थे जैसे उन लड़कियों के होते हैं. मैने कहा- क्या बकवास कर रहा है. उसने कहा- बकवास क्या साहब इतनी छोटी सी स्कर्ट और लगभग ब्रा जैसे टी-शर्ट पहनी हुई थी उसने और स्कर्ट ऐसा था की जब पुलिस वाले उससे जीप मे बैठा रहे थे तो सब दिख रहा था.
साहब जी जाओ जाके देखो. मैं तुरंत भागा लेकिन बाहर आके ये सोचा की अब जाऊँ कहाँ और ढूँढूँ कहां? तभी मैने सोचा की क्यूँ ना उस पुलिस स्टेशन मैं वापिस जाउं जॉ राजस्थान से 100 km पहले है. मैने फट से एक टेक्सी बुक करवायी और निकल पडा उस पुलिस स्टेशन की तरफ.
लगभग 4 घंटे बाद रात के करीब 11 बजे मैं पहुंचा. पर मुझे वहाँ वो पुलिस वाले नहीं मिले. वहीन पे खडे पुलिस वालों ने कहा की वो लोग तो 1 हफ़्ते की छुट्टी मैं कहीं घूमने गए हैं. मैं सोचा अब क्या होगा. तभी बाहर से मुझे वही हवलदार आता दिखा जॉ उस रात मिला था जॉ मुझे बाहर रोक रहा था.
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वो मुझे देखते ही पहचान गया और मुस्कुराने लगा. बोला- तू तो वही ना जिसकी बहन को यहीं थाने मैं लेके आये थे, अब क्या हुआ, अब क्यूँ आया है. मैने उसे सरी कहानी बताई. उसने कहा- हम्म्म…देख तेरी बहन भी तो वैसी सी है ना. देखा नहीं था कैसे चुद रही थी उस दिन.
मुझे तो लगता है की उसे वो लोग उसे वहीं ए गए होंगे. मैने पूछा-कहां? वो बोला- यहाँ से 5 km आगे एक जगह है जहाँ पे एक बीयर बार है आमतौर पे वो लोग वहीं पार्टी करते हैं. जाके देख शायद मिल जाये तेरी बहन. मैं जल्दी से भागा उस बार की तरफ लगभाग 20 मिनट मैं पहुंच गया और मैने टेक्सी वहीं रोक के रखी. अंदर गया तो देखा लगभग 50 लोग बैठे बीयर पी रहे थे.
वहां जॉ भी मुझे देखता मुस्कुराने लगता. बड़ा अजीब लगा की ये लोग मुझे देख कर क्यूँ मुस्कुरा रहे हैं. जैसे वो मुझे जानते हों. कुछ लोग गौर से मुझे देख रहे थे. और जैसे ही मैं आगे बढा मेरी नज़र वहाँ लगी एक बड़ी lcd टीवी पे गई. मैने देखा उसपे अंशिका की वही विडियो चल रही थी जिसमैं मैं भी था और वो एक रंडी की तरह चुद रही थी.
विडियो देख के ऐसा लग रहा था की कोई रियल ब्ल्यू फिल्म चल रही है. मेरे तो समझ नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है. तभी एक आदमी आया और उसने कहा की तुम्ही अंशिका के भाइ हो ना? मैने कहा- हाँ. बस ये सुन सब मेरी तरफ देखने लगे और कहा की बेटा क्या बहन है तेरी कितने लेगा एक रात के.
मुझे तो समझ नहीं आ रहा था क्या की क्या जबाब दू तभी वो विडियो बंद हो गया. मैने देखा सब अपना लंड सहला रहे थे अंशिका की विडियो देख के. तभी उस टीवी पे कुछ आने लगा. उसमे एक लड़की अपनी पीठ की तरफ किए खडी थी और धीरे धीरे डांस कर रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैने उस लड़की की फिगर जैसे ही देखी मैं समझ गया ये तो अंशिका है. फिर अंशिका विडियो की तरफ घूम गई और डांस करन लगी. यहाँ ये सब देख के बाकी लोग पागल से हो गए और चिल्लाने लगे- साली रांड जल्दी चूत दिखा अपनी..वाह मज़ा आ गया.
अंशिका धीरे धीरे अपनी चूचियों को कपडों के उपर से दबा रही थी और कभी हाथ ले जाके चूत सहला रही थी. तभी अंशिका ने अपना टॉप उतर दिया. अब अंशिका सिर्फ ब्रा और पैन्टी मैं थी. उसने अब अपनी एक उंगली मुह मे ले जाके गीली की और धीरे से अपने पैन्टी के अंदर ले गयी और चूत पे मलने लगी.
और जैसे ही दुबारा हाथ लेके उपर गयी उसने अपने ब्रा का हूक खोल दिया और उसके दोनो रसीले आम जैसे दूध आज़ाद हो गये. मेरे तो समझ नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है. तभी अंशिका ने अपनी पैन्टी को भी निकाल दिया और पूरी नंगी हो गयी और अपने जवान शरीर से खेलने लगी.
इस टाइम अंशिका किसी को मिल जाती तो कोई बिना चोदे नहीं छोडता उसे. वो लग भी एक रंडी की तरह ही रही थी. और ये सब स्क्रीन पे चल रहा था. सब दारू पी रहे थे और लंड सेहला रहे थे. सब आपस मैं केह रहे थे- भाई ये रंडी बहुत मज़ा देगी देख ना क्या गदराई जवानी है इसकी और नाम भी मस्त है अंशिका.
मैं समझ गया की ये लोग अंशिका के लिये भूखे भेड़िये की तरह बैठे हैं. मैं सोच रहा था क्या करूं तभी एक आदमी आया और मुझे केहने लगा- चल अंदर आजा साहब ने बुलाया है. मैं जैसे ही अंदर गया अंशिका को देख के चैन की सांस ली. पर हालत देख समझ नहीं आ रहा था.
अंशिका पूरी नंगी थी और उसके दोनो हाथ उपर लगे एक रॉड से बंधे थे और उसके दोनो बूब्स ऐसे लग रहे थे की जैसे जाके बस पी लो. और वहीं 3 लोग बैठे थे एक उस बार का मालिक और बाकी वो दोनो पुलिस वाले.
उन्होने कहा- आ जा देख तेरी बहन कैसी लग रही है नंगी. इसे कपड़े मत पेहनाया कर ऐसे ही मस्त लगती है. और शायद वीडियो भी तूने देखा होगा ना जो नीचे लोग देख रहे हैं भूखे भेड़िये की तरह. मैने उनसे कहा- सर हम लोगों से क्या गलती हुई है. प्लीज़ हमे छोड़ दो.
तभी वो तीसरा आदमी जो शायद उस बार का मालिक था बोल पड़ा- देख तेरी बहन मस्त चुदास माल है. इसे मेरे बार मैं रेहने दे और लोगो को मज़े लेने दे. जब लोग बोर हो जायेंगे इसको देख देख के तो ले जइयो अपनी बहन को और हाँ इस साली की रोज़ 2-3 ब्लू फिल्म बनायेंगे. तेरी बहन की डिमाँड बढ़ रही है लोगो मैं. तू टेंशन मत ले. 2 हफ़्ते रखेंगे तेरी रांड बहन को बस.
मैने कहा- नहीं नहीं अगले साल शादी होने वाली है इसकी माफ कर दो और हमे जाने दो. तब उसने कहा- देख अपनी बहन की तरफ और ज़रा नीचे भी देख लोग कैसे पागल हुये जा रहे हैं तेरी बहन की गदराई जवानी से खेलने के लिये.
अगर सच मे अभी जाना चाहता है और ये सब नहीं करवाने देना चाहता तो बस लेके जा अभी ऐसी ही नंगी इसको पूरे हाल के बीच से हो के क्यूंकि रास्ता वही है. क्या बोलता है 50 – 60 लोग जो नशे मे तेरी बहन को देख के पागल हुये हैं नीचे देख के क्या करेंगे.
अगर केह्ता है तो लेजा अभी तेरी मर्ज़ी नहीं तो हमारी मर्ज़ी चलने दे दो हफ़्ते तक. सही सलामत छोड देंगे दोनो को अगर मन भर गया तो समझा ना. बस तो यहीं पड़ा रह और अपनी रंडी बहन की चुदाई देख रोज़. मेरे पास कोई रास्ता नहीं था उसकी बात मानने के सिवा.
फिर ये सब लगातार चलता रहा. अंशिका रोज़ अपनी चूत कभी वाइब्रेटर से सेहलाती कभी डिल्डो डालती कभी उन तीनो के साथ गैंग-बैंग करती. और इन सबका वीडियो बनता. लगभग दो हफ़्तो तक ये सब चलता रहा. कभी कोई चोदता वीडियो मे कभी कोई.
एक दिन शाम को बार करीब 20 -25 लोगों से भरा था और अंशिका का वीडियो चल रहा था नया वाला. तभी वो बार का मालिक अंशिका के पास गया जहां वीडियो शूट हो रही थी और जाके अंशिका के दोनो निप्पल को पकड़ के ऐसा खींचा की अंशिका कराह उठी. दर्द के मारे उसने उसको एक थप्पड़ मार दिया.
वो गुस्से से पागल हो गया और उसने अंशिका को ज़ोर से धक्का देके गिरा दिया और उसने अपने चार आदमियों को बुलाया और बोला- ले जाओ इसे साली मे बहुत गर्मी है. नीचे ले जाके नंगी ही बीच बार मे खड़ा कर दो और लोगों को बोलना सब अपना अपना लंड चुसवायें.
लेकिन किसी का एक बूंद पानी ये रांड नीचे ना गिरने दे सब पीना पड़ेगा इसे. साली मुझपे हाथ उठती है. मैने बहुत रिक्वेस्ट की पर वो नहीं माना. मैं उपर के रूम मे बंद था और खिड़की के शीशे से नीच देखा रहा था. तभी वो लोग अंशिका को नंगा करके उसे बार के हॉल मे ले गये और एक टेबल पर खड़ा करवा दिया.
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सब अंशिका को देख मानो पागल से हो गये. कहा गया- भाइयों आज ये रांड तुम सबका लंड सेहलायेगी और तुम्हारे लंड का एक एक बूंद पानी तक पिएगी. अगर साली ने किसी के भी लंड का एक भी बूंद पानी गिराया तो (एक बड़ा सा बेसबॉल का बल्ला देते हुए) जितने बूंद गिरे उतने मिनट ये 8 इंच तक का मोटा बल्ले का हिस्सा इसके गांड मे डाल के हिलाना और फिर से लंड चुसवाना. और ज्यादा नाटक करे तो सब मिल के इसकी सिर्फ गांड मारना पूरी रात. मैने देखा सब के सब नंगे हो गये अपने अपने लंड को हाथ मे लेके बढ़े.
तभी उन लोगो ने कहा- भाई एक बार मे केवल तीन लोग उसके बाद फिर बाकी तीन. पेहले तीन अंशिका के सामने अपने बड़े काले मोटे लंड लेके खड़े थे. अंशिका क्या करती उसने एक लंड मुह मे लिया दो हाथ मे और चूसने और सेहलाने लगी. और उन लोगों को ये बोल कर की जिसका भी लंड पानी छोडने वाला हो इस रांड को पिलाएं एक एक बूंद और ना पिये तो पता है की क्या करना है. इस तरह अंशिका लगभग 19 लंड चूस चुकी थी और उनका रस पी चुकी थी. चूंकि अंशिका को वो लोग रोज़ सेक्स बढ़ाने का इंजेक्शन देते थे तो वो ये सब कर पा रही थी वरना पता नहीं उसका क्या होता.