Teen Classmate XXX
ये बात कुछ महीने पहले की है। मैं 12वी का फिजिक्स का ट्यूशन पढ़ने मेहता सर के यहाँ जाया करता था। उनके ट्यूशन का समय शाम 7 से 8 था। मेहता बड़े सीधे साढ़े थे। वो इस बात से बेखबर थे की उनकी नाक के नीचे क्या होता था। उनकी क्लास पुरे शहर में प्रसिद्ध थी की अगर कोई प्यासा हो तो उसे भी चूत मिल जाए। Teen Classmate XXX
जिस कमरे में सर। ट्यूशन देते थे, उसकी दीवारों पर सैकड़ों आशिक़ो ने अपनी माल का नाम लिख दिया था। इसलिए उनकी क्लास का अपना इतिहास था। मेहता सर शाम को 7 से 8 पढ़ाते थे। कई बार जब बत्ती चली जाती थी तो लड़के अपनी मालों की चुच्ची वहीँ क्लास में दबाने लगते थे।
वो कमरा ही ऐसा था कि जो लड़का वहां जाता था वो प्यार जरूर करना सीख जाता था। लड़के लड़कियां भी नए नए जवान हुए थे। सारि लड़के लड़कियों की सेटिंग मेहता सर की क्लास में होती थी। फिर बाहर जाकर चुदाई होती थी। जो लड़के लकड़ियों से सेटिंग करना चाहते थे जो जल्दी आ जाते थे कमरे में चले जाते थे।
वहीँ चुम्मा चाटी सुरु हो जाती थी। मेहता सर 60 पार कर चुके थे। मंकी कैप टोपी लगाते थे। पहली मंजिल पर ही परिवार के साथ रहते थे। धीरे धीरे आते थे। बुढ़ापे के कारण आराम तलब हो गए थे। कभी 15 मिनट देर से नीचे उतरते थे, कभी आधे घण्टे देर में क्लास में आते थे।
कई बार तो लड़के बत्ती बुझाके अपनी अपनी माल को चोद भी लिया करते थे। इस तरह दोंस्तों, मैं भी उन दिनों नया नया जवान हुआ था। मैं भी ये सब सुनकर मेहता सर की क्लास में पंहुचा। मेरी सुनिधि नमक लड़की से मुलाकात हुई। शूरु 2 में तो मैंने ध्यान नही दिया।
मैं अपनी पढाई पर ध्यान लगा रहा था। पर राम जाने उस क्लास की हवा ही ऐसी थी की जो लड़का जरा सा लड़की पटाना चाहता था, उसे बड़े आराम से मिल जाती थी। मैं समय का बहुत पाबंद था इसलिए क्लास में सबसे पहले पहुँचता था। किस्मत से सुनिधि भी समय से सबसे पहले आ जाती थी।
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धीरे धीरे हम लोगो की जान पहचान बन गयी। सुनिधि काफी खूबसूरत थी। वो कसे कसे टॉप पहनती थी, तभी मैंने उसके बड़े बड़े मम्मे देखा था। कुछ दिन और बीते, वो खूब जल्दी आ जाती और मुझे देखकर खूब हसने लगी। मैं भी उसे देखकर हसने लगा। धीरे धीरे हम लोगों की सेटिंग हो गयी दोस्तों।
एक दिन सुनिधि ने आरोही को मेरे पास भेजा। वो खुद तो नही आयी। आरोही ने पूछा की क्या मैं उसको पसंद करता हूँ?? और क्या मैं उसको अपनी गर्लफ्रेंड बनाऊंगा। दोंस्तों! ये जान कर मैं बहुत खुश हुआ। क्लास की सबसे मालदार कि चुच्चों वाली लड़की मेरी गर्लफ्रेंड बनना चाहती थी। “Teen Classmate XXX”
मैं 5 दिन तक जवाब नही दिया। इस दौरान सुनिधि कुछ टेंशन में दिखने लगी। आरोही मेरे पास फिर आयी और कहा कि मैंने कोई जवाब नही दिया है, इसलिए सुनिधि सैड रहती है। फिर दोंस्तों मैंने उसे हाँ बोल दी। अब सुनिधि खूब सजधजकर पहले की तरह आने लगी।
वो अपनी लेडीज साइकिल से आती थी। मैं उससे ज्यादा बात कर सकू इसलिए मैं भी अब उसके साथ साथ साइकिल से आता और जाता। पर सबसे बड़ी दिक्कत थी की मेरी लड़कियों से बड़ी फटती थी। मैं उसे गले लगा लेना चाहता था, पर मैं केवल 14 15 साल का था। कभी चूत नही देखि थी।
बस अपने दोंस्तों से सुनता था कि उनसे कल अपनी माल को लिया। उसने कल अपनी माल को पेला। असल में मैं बड़ा मासूम था, चूत चोदन और चुदाई शास्त्र ने अनभिज्ञ था। पर दोंस्तों, मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था। सुबह सुबह जब भी मैं सोकर उठता था मेरा लण्ड खड़ा ही रहता था। “Teen Classmate XXX”
फिर मैं बाथरूम में जाकर पिसाब करता था तब जाकर मेरा लण्ड डाउन होता था। धीरे धीरे मेरे दोस्त मजाक करने लगे सुनिधि को लिया क्या?? इतनी गजब माल पटाई है, पार्टी कब देगा?? हमे भी एक बार सुनिधि रानी की चूत दिला दे! जिंदगी भर तेरी गुलाबी करेंगे!! सुनिधि की चूत का रंग कैसा है लाल या गुलाबी?? उसके मस्त दूध पिए तूने?? कितने लीटर ढूध निकलता है उसका मम्मो का?? मेरे दोस्त मुझसे खूब मजाक करने लगे।
मैं शरमा जाता था। मैं हँस देता था, मुस्कुराने से मेरा चेहरा ब्लश करने लगता था। वहीँ दूसरी तरह सुनिधि की सेहेलियां भी इसी तरह का हँसी मजाक उससे करती थी। सुनिधि! क्या तूने कमल का लण्ड खाया?? कितना लम्बा है 5 इंच का या 10 इंच का?? चुसा तो होगा तूने?? उसने तेरे ढूध तो पिए होंगे?? अच्छा कैसे लिया था उसने लेटकर या बैठकर?? तेरा पिछु वाला छेद भी लिया था क्या?? और क्या तेरी बुर को पिया भी था क्या कमल ने??
सुनिधि की सहेलिया भी खूब चुपके चुपके उससे मजाक करती थी। धीरे धीरे हम दोनों अब चूत और लण्ड के बारे में जान गए । जबकि पहले हमदोनो ये सब जानते ही नही थे। इस तरह 3 महीने गुजरने लगा। इधर मैं हाथ से सड़का मारके के भी ऊब चूका था। मैं भी अब चूत के दर्शन करने चाहता था। “Teen Classmate XXX”
मैंने फैसला कर लिया की दुनिया माँ चुदाऐ..मुजें सुनिधि की चूत चाहिए। चूत मिले दिमाग कुछ शांत हो। मैंने अगले दिन सुनिधि को माहात्मा गांधी पार्क ले गया। बरेली के सारे आशिक यही आते थे अपनी अपनी माल को लेकर। यहाँ खुलकर इतनी अधिक चुम्मा चाटी होती थी की बच्चो और बूढ़ों ने यहाँ आने बंद कर दिया था।
अगर लड़की चोदनी है, आपके पास कमरा नही है महात्मा गांधी पार्क आ जाए, किसी झाडी में चले जाओ और लड़की चोद लो। दुनिया माँ चुदाऐ मुझे तो सुनिधि को बस चोदना था। मैंने अगले दिन जब हम साथ ट्यूशन आने लगा मैंने कहा कि आज बंक मार दे।
दोंस्तों, हम दोनों क्लास आये ही नही, सीधा महात्मा गांधी पार्क आ गए। हमारी साइकिल कहीं चोरी ना हो जाए, इसलिए हम दोनों से स्टैंड में जमा कर दी और पार्क में आ गए। दोंस्तों मैंने देखा की पार्क में चारो और सिर्फ जोड़े ही थे। सब अपने अपने में लगे हुए थे। चुम्मा चाटी और चुदाई चल रही थी। “Teen Classmate XXX”
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मैं सुनिधि को लेकर एक झड़ी में चला गया। वो भी तैयार थी दोंस्तों। अगर हम लड़कों को चुदाई का बड़ा दिल करता है तो लड़कियों का भी खूब चूदने का दिल करता है। जबकि कुछ लोगों ने अफवाह फैला रखी है लड़कियों का चुदवाने का दिल नही करता। लड़कियां बस शरमाती है और पहल नही करती, लड़के पहल कर देते है और इसीलिए बदनाम है।
सुनिधि भी जान गई थी की आज कमल मुझे चोदेगा। हम दोनों ने अपनी कॉपियां एक किनारे रख दी। मैंने कहा हटा सावन की घटा!!! इसकी चूत में अपना लण्ड पटा। मैंने एक सेकंड भी जाया नही किया। तुरन्त सुनिधि रानी को मैंने नर्म घास पर लेटा था। सीधे मेरे हाथ उसके मम्मो पर चले गए। उसने कुछ नही कहा।
मैंने मम्मे दबाने लगा और सुनिधि के होंठ पीने लगा। मेरी ही तरह अच्छे घर की लड़की थी। उसके बॉप सिचाई विभाग में इंजिनियर थे। मुझसे बड़े 2 भाई थे, कहीं मुझे सुनिधि को चोदते हुए देख लेते तो गाड़ मार देते मेरी। मैं भी दोंस्तों सुनिधि के ऊपर लेट गया।
वो प्रथम मिलन, प्रथम सहवास, प्रथम प्रेम की यादें मेरे दिल में हमेशा के लिए कैद हो गयी है। बहुत ही रोमांटिक यादे है।मैंने खूब सुनिधि रानी के होंठों को पिया। हम दोनों ही बिलकुल आसक्त हो गए थे। मैं भूल गया था कि सुनिधि के सिवा भी वहां कोई है, जबकि पार्क में कुल 25 30 जोड़े थे। सब अपने अपने में मस्त थे। “Teen Classmate XXX”
उसके होंठ पीने के बाद मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया। फिर समीज को ऊपर उठा दिया। हाय दय्या!! सुनिधि रानी का खजाना मेरे हाथ लग गया। दो बेहद खूबसूरत मम्मे उसके टॉप में छिपे थे। जैसे सर्दियों में जब हम किसी पुआल में जाते है तो नये नये खूबसूरत पिल्लै दीखते है ठीक उसी तरह मैंने आज सुनिधि के मम्मो की खोज कर ली थी।
मैं तो दीवाना हुआ जा रहा था, बिलकुल पागल हुआ जा रहा था। सेकंड के 100वे हिस्से से भी कम समय में मैंने बिना देर किये सुनिधि के मम्मो को मुँह में भर लिया। तुरन्त पिने लगा। बेहद नर्म और गुलगुला मांस का नुकीला नारियल जैसा टुकड़ा मेरे मुँह में आ गया।
मैं अब जान गया।कि लड़के लड़कियों के लिए क्यों इतना मरते है। क्यों इतना लाइन मारते है। क्योंकि असली माल और खजाना तो लाऊँडिया के पास ही रहता है। मैं मुँह में भरके सुनिधि के ढूध पीने लगा। लण्ड मेरा बिलकुल फनफना गया। सुनिधि और मैंने दोनों आँखे बंद कर ली। “Teen Classmate XXX”
वो चुस्वाने लगी मैं चूसने लगा। मैं बदल बदलकर उनके दोनों दूध को खूब पिया दोंस्तों। मैं जान गया कि अगर कायनात में कोई लड़कों के वास्ते खूबसूरत और कीमती चीज है तो वो है मम्मे और बुर। मैंने उसकी निप्पल्स को खूब चबाया भी। उनकी काली काली भूण्डिया मेरे मर्दन से खड़ी हो गयी।
उधर ये देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने तुरन्त उसकी जीन्स का गोल बटन खोल दिया। माँ की लौड़ी इतनी कसी जीन्स पहनती थी की एक बार में तो नही निकलती थी। मैंने खीच कर जीन्स निकाल दी। चूत लेने को मैं मरा जा रहा था। फिर उसकी पैंटी मैंने निकाल थी।
उसके पैर खोले और बुर पीने लगा। दोंस्तों जिंदगी में पहली बार बुर देखि थी, मेरी बेताबी का आलम तो आप समज ही सकते है। खूब पुर पी सुनिधि की। आखिर लण्ड उसके भोंसड़े में लगाया। जोर का धक्का मारा, लण्ड से उसकी सील तोड़ दी। खून बेहने लगा।
मेरी तो गाण्ड फट गई। खून देखकर ही मेरी गाण्ड फट जाती है। पर मैं इसके बादजूद भी उसे धीरे धीरे चोदता रहा। अभी अभी नयी नयी सील तोड़ी थी, इसलिए खुद पर गर्व भी था। रिकार्ड के। तौर पर अब मेरे पास दोंस्तों को बताने के लिए तो था कि मैंने सुनिधि की सील तोड़ी है। मैं उसे धीरे धीरे लेता था। “Teen Classmate XXX”
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मैं नही झड़ा। उसे 30 मिनट चोदा पहले राउंड में और मैं नॉट आउट रहा। मैंने लण्ड निकाल लिया जिससे मेरी माल को कुछ आराम मिल जाए। हम दोनों चुम्मा चाटी करने लगे। कुछ देर चुम्मा चाटी की। फिर चुदाई का मूड बन गया। अबकी बार तो मैंने सुनिधि के पैर उठाकर कन्धे पर रख लिया और हूँ हूँ करके लाल क्रोधमय आंखों से गच्च गच्च पेलने लगा। इस दूसरे राउंड में मैंने जरा भी रहम नही किया 100 की रफ्तार को सुनिधि रानी के दरवज्जा देखा मैंने।
हच हच करके चूत रवा करदी मैंने अपनी माल की। दाँत काटने लगी वो, मेरे पीठ में नाख़ून गड़ाने लगी। मैं और जोश में आ गया। गच गचागच चूत फाड़ के रख दी सुनिधि रानी की। बस दोंस्तों पूछिये मत उस चुदाई के बारे में। 2 घण्टे सुनिधि रानी को चोदकर हम दोनों साइकिल पर बैठ कर अपने अपने घर आ गए। अगले दिन याद आया अरे भोसड़ी के वैसे चोद दिया सुनिधि को, कहीं लोड ना हो जाए। अगले दिन अपनी पॉकेट मनी से unwanted 72 की गोली उसे खरीद कर दी। उसने खा ली। मुझे चैन मिला.
pooja says
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