Sex After Party
मेरा नाम सुबोध है, यह मेरी पहली कहानी है। अब शुरू करता हूँ मैं अपनी कहानी ! उस दिन मुझसे यह यह सब कैसे हुआ, किन हालातों में हुआ, मैं इससे बिलकुल अनजान था। बात कुछ ही दिन पुरानी है, रुचिका से मेरी पहली मुलाकात तब हुई थी जब मैं बी ए प्रथम में था। Sex After Party
मैं उसे शुरू से ही पसंद करता था। शायद वो भी मुझे पसंद करती थी। उसके पापा भी मेरे पापा के अच्छे मित्र हैं इसलिए अंकल भी मुझे अच्छे से जानते थे। पिछले महीने ही हमारी अर्धवार्षिक परीक्षा समाप्त हुई हैं
२७ फ़रवरी को हम (मैं, रुचिका, सौरभ, मयंक, सुनील, दिवाकर) लोगों ने पार्टी रखी थी। हम सब लोग सही समय पर पहुच गए थे। रुचिका आज कुछ ज्यादा ही सुन्दर लग रही थी। उसके कसे हुए बूब्स वाकई में बहुत अच्छे लग रहे थे।
मैं तो बार बार उन्हीं को देख रहा था। शायद वो समझ गयी थी कि मैं उसके बूब देख रहा हूँ। खैर हम लोगों की पार्टी रात १० बजे तक चली। खूब मज़ा किया हम सबने ! गाड़ी सिर्फ मेरे पास ही थी इसलिए सबको घर छोड़ने मुझे ही जाना था। आखिर में सिर्फ मैं और रुचिका ही रह गए थे। मैंने गाड़ी उसके घर की तरफ मोड़ दी।
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जैसे ही मैंने उसको उसके घर पर उतारा तो वो बोली-अन्दर आ जाओ !
मैंने मना तो बहुत किया पर वो मुझे अन्दर ले ही गई। शायद उसका मन भी चुदने का था। फ़िर धीरे से उसने मुझे अपने पास बिठाया और मुझसे बातें करने लगी। सच में, मादरचोद, उसकी चूचियाँ देखकर तो मेरे मुँह में पानी आ गया।
उसने मुझे देख लिया और बोली- सुबोध ! तुम मुझे पसंद करते हो ना?
मैंने भी हाँ कह दिया।
वो बोली- मैं तो कबसे तुमसे अपने को चुदवाना चाहती हूँ, पर कभी मौका ही नहीं मिला ! आज प्लीज़ !मेरी प्यास बुझा दो !
मैंने मन ही मन कहा- नेकी और पूछ पूछ !
मैंने भी ठीक पलटवार करते हुए कहा- रुचिका ! तुम तो ना जाने कितनी बार मेरे सपनों में चुद चुकी हो ! आज पहली बार असल में मौका मिला है, मैं इस मौके को हाथ से जाने नहीं दूंगा।
फ़िर मैंने आव देखा ना ताव ! उसकी चूचियों पर हाथ रख कर उन्हें पकड़ लिया। सच में मज़ा आ गया। क्या स्तन थे नरम नरम ! लेकिन वो भी कम नहीं थी, उसने मेरी तीसरी टांग को पकड़ लिया था। इससे पहले मैं कुछ करता, वो मेरी ज़िप खोल चुकी थी और मेरा लण्ड चूस रही थी।
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वाकई में क्या मज़ा आ रहा था ! दस मिनट तक लण्ड चुसवाने के बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल कर उसके सेक्सी बूब्स को आज़ाद कर दिया। कैसी मासूमियत के साथ हिल रहे थे वो ! फ़िर मैंने उसके सारे कपड़े उतार कर फ़ेंक दिए। उसकी हल्के बालों वाली बुर देख कर तो मैं उस पर टूट पड़ा। मैंने पहली बार कोई बुर देखा था, सच मनो दोस्तों इस दुनिया में चूत से ज्यादा खुबसूरत कोई चीच नहीं है. वो अब सिसकियाँ ले रही थी और गर्म हो रही थी। “Sex After Party”
फ़िर मैंने अपना ७.६ इन्च लम्बा लण्ड उसकी बुर में डाल दिया। शुरूआत में थोड़ा खून जरूर निकला पर ५ मिनट बाद सब ठीक हो गया। उसको कुतिया बना कर मैं चोदे जा रहा था। १५ मिनट तक उसकी बुर मार मार कर उसकी फ़ाड़ डाली मैंने। रुचिका लंड जोर जोर से चिल्ला कर लंड खा रही थी फ़िर उसने पानी छोड़ दिया। लेकिन मैंने उसकी गाण्ड को फ़िर मारा और १० मिनट के बाद अपना लावा उसके बूब्ज़ पर डाल दिया। फ़िर मैंने उसको एक लम्बा चुम्बन दिया और मैं अपने घर लौट आया।