College Lover Chudai
ये बात है सन २०१७ की जब मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए चण्डीगढ़ गया था। जब मैं अपना एडमिशन कंप्यूटर साइंस में कराकर कॉलेज कंपस देखने के लिए कैंपस में ही घूम रहा था। तो मैने पहली बार उसको देखा। उसको देखकर मैं तो एकदम सुन्न हो गया। College Lover Chudai
तो उसको एक टक देखता ही रह गया और वो कब वहा से चली गई मुझे तो पता भी नही चला। पर जब मुझे होश आया तो वो लड़की वहा से जा चुकी थी। पर उसका चेहरा और उसका फिगर मेरी आंखो के सामने ही घूमे जा रहा था। क्या बताऊं यारो क्या हुसन था उसका। और उसका फिगर तो बस पूछो ही मत।
ये पूरा भरा हुआ गद्रीला बदन जिसको देखते ही इंसान सब कुछ भूल जाए। और बस रात को उसको याद करके पूरा बाथरूम गीला करदे। बस आप इतने समझो की दो बार मुठ मारने से भी मन शांत ना हो। यही कोई 36 इंच की छाती 26 इंच की कमर और 34 इंच की उसकी बैक होगी।
पर ये सब साइज मुझे मेरे 1 ईयर के आखरी में जाके पता लगा। अब मैने उसको अपनी बहु लिया था और अच्छे से उसकी पिलाई की थी। हा तो वापस कहानी पर आते है। जब मुझे होश आया तो वो वहा से जा चुकी थी। ना ही मुझे उसका नाम पता चला और न ही उसकी ब्रांच। पर अब हो भी क्या सकता था।
मैं भी एडमिशन कराकर वापस घर आ गया क्योंकि क्लासेज अगले महीने से शुरू होने वाली थी। अब मैं रोज दिन में 3 से 4 बार उसको अलग अलग पोजीसन में इमेजन करके मुठ मारता। और बाकी की टाइम सेक्स स्टोरी पढ़ता रहता। फिर वो दिन आ ही गया जब से क्लासेज स्टार्ट होने वाली थी।
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मैं एक दिन पहले ही अपने हॉस्टल में आ गया। अपने रूम में समान सिफ्ट करके गर्ल हॉस्टल के चक्कर काटने लगा की शायद वो दिख जाए। पर किस्मत फूटी हो तो क्या कर सकते है। क्लासेज स्टार्ट होने के एक महीने तक वो मुझे नहीं दिखी। तो मेरा दिल टूट गया।
अब मै और लड़कियों को देखने लगा। पटा कर पेलने के लिए और अपना पानी निकलने के लिए। ऐसे ही कई दिन निकल पर मैने उसको याद करके मुठ मरना नही छोड़ा। फिर अचानक दूसरे महीने में मुझे वो दिखी। और मेरे दिल उसको देखकर फिर से बैठ गया। पर मैने खुद को संभाला।
सीधे उसके पास गया और उससे उसका नाम पूछा। उसने भी मेरी तरफ गौर से देखा। और वो बिना कुछ बोले वहा से मुंह बनाकर वहा से चली गई। आज मैं बहुत खुश था इसलिए मैने अपने रूम पार्टनर के साथ दारु पार्टी करी थी। अब मै रोज उसको फॉलो करने लगा।
और बस उसको प्यार से देखता रहता था। चाहे हो कैंटीन मे जाए या कैंपस में, मै बस उसको प्यार भरी नजरो से देखता रहता था। वो भी मुझे नोटिस करती थी ये मुझे भी बाद में पता चला। ऐसा ही उसको देखते देखते 3 महीने निकल गए। उसके बाद एक दिन मैं दुबारा उसके पास गया।
और उससे उसका नाम पूछा। इस बार भी उसने मुझे गौर से देखा और कहा मेरा नाम दीपिका है। मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उसकी आवाज सुनकर मानो मुझे जन्नत सी मिल गई हो। फिर मैने खुद को संभाला और उससे पूछा को वो कहा से है।
क्योंकि उसकी ब्रांच का तो मुझे उसका पीछा करके ही चल गया था। पर वो बिना कुछ बोले वहा से चली गई। आज फिर हॉस्टल में दारु पार्टी हुई और फिर से कांड हो गया रात में। अब अगले दिन मैने दीपिका को कॉलेज कैंटीन में चाय ऑफर की।
उसने भी हा बोल दिया फिर हमे साथ बैठके चाय पी और इधर उधर की बाते की। इसी तरह हम रोज कैंटीन में ही मिले और बाते करने लगे। जिससे हम दोनो में दोस्ती हो गई। अब हम दोनो बाहर घूमने, दोस्तों के साथ पार्टी करने और फिल्मे देखने भी जाने लगे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसका तो पता नहीं पर मैं अब भी उसके इमेजेन करके रोज मुठ पेलता था। इसे ही 1st ईयर के 8 महीने गुजर गए। फिर एक दिन मैने उसको साथ में फिल्म देखने के लिए चलने को बोला। वो एक रोमांटिक फिल्म थी। हम शाम को फिल्म देखने के लिए साथ में ही चल दिए।
मैने टैक्सी बुलाई और हम टैक्सी से मॉल पहुंच गए थे। मैने 2 टॉप कॉर्नर सीट्स ली और हम अंदर बैठके मूवी देखने लगे। ये एक रोमांटिक मूवी थी। इंटरवल तक तो हम दोनो इसे ही बैठके मूवी देखते रहे। फिर इंटरवल के बाद मैने हिम्मत करके उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया।
उसने कोई भी रिस्पोंस नही किया तो मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई। थोड़ी देर तक ऐसे ही हाथ पकड़े रहने के बाद मैने उसके हाथ को धीरे से दबाया तो उसने मेरी तरफ देखा और एक प्यारी सी स्माइल दी और कुछ नही कहा। बस फिर क्या था? मेरी हिम्मत और बढ़ती गई फिर मैने उसके कान के पास जाके धीरे से ‘I Love you’ बोल दिया।
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उसके इसपर कोई रिएक्शन नहीं दिया और चुपचाप मूवी देखने लगी। मैं भी उसका हाथ पकड़े मूवी देखने लगा। अब एक बहुत लंबा किस्स सीन आया और मैने उसके हाथ को जोर से दबा दिया। और शायद वो भी समझ चुकी थी कि मैं क्या चाहता हु।
तो वो कुछ मेरी तरफ झुक कर बैठ गई। अब मेरा हाथ उसके हाथ को सहला रहा था। और मैं फिर से उसके कान के पास गया और उसको गाल पर किस कर दि। जिससे वो एकदम हिल गई और मेरी तरफ देखने लगी। इससे पहले की वो कुछ कहती मैने उसको लिप किस्स कर दी।
उसने झटके से मुझे हटा दिया और मूवी देखने लगी पर कुछ कहा नही। अब मूवी में एक और लिप किस्स सीन आता है। इस बार मैने फिर से उसके हाथ को दबाया तो उसने मेरी तरफ देखा। मैने फिर से उसको लिप किस्स कर दी। पर इस बार उसने मुझे हटाने की जगह खुद भी मेरा सिर पकड़कर मुझे किस करने लगी।
हमारी ये किस्स करीब 5 मिनट तक चली होगी। किस्स करने के बाद उसने भी मुझे I Love you बोल दिया। अब उसके हाथ की उंगलियां मेरे हाथ की उंगलियों के बीच में थी। हम दोनो ही बहुत खुश थे। मूवी खतम होने से पहले हमे दो बार और लंबी वाली किस्स की।
मूवी खत्म होने के बाद खाना खाकर वापस अपने अपने हॉस्टल आ गए। अब हम रात भर फोन पर बाते करते थे। धीरे धीरे हमारी प्यार वाली बाते सेक्सी बातो में बदलने लगी। फाइनली फर्स्ट ईयर खत्म होने में 1 महीना बचा था। तब जाके मुझे पता चला की जैसे फर्स्ट डे में दीपिका को देखकर उसका दीवाना हो गया था.
वैसे ही वो भी मुझे देखकर मुझे चाहने लगी थी। पर ये बात हम दोनो को 10 महीने बाद पता चली थी. खेर अब जब हम लोग फोन पर ही सेक्सी बाते करने लगे थे। तो अब दोनो सेक्स करने को भी राजी हो गए थे। पर दिक्कत थी रूम को क्योंकि boys हॉस्टल में लड़की लाना मतलब की भूखे शेरों के सामने मास डालना। और गर्ल्स हॉस्टल में मै जा नही सकता था।
अब आप कहोगे की oyo ले जाता, पर दोस्तो इस टाइम oyo नही हुआ करता था। अब जैसे तैसे हम मूवी में ही किस्स करके और कपड़ो के अंदर हाथ डालकर ही काम चला रहे थे। फिर एक दिन चंडीगढ़ में एक नए होटल की ओपनिंग होनी थी। और वो डिस्काउंट रेट पर अपनी सर्विसेज दे रहे थे। और फिर क्या? मैने फोन पर रूम बुक कराया।
मैने दीपिका को बताया तो थोड़ा नखरे करने लगी की कही कुछ प्रोब्लम न हो जाए और ये वो। पर मैने उसको प्यार से समझाया और अपनी प्यारी बातो से उसको शांत किया। हम दोनो शाम को मूवी देखने चले गए जिससे की हम लेट तक होटल पहुंचे और कोई हमे देख न पाए।
11 बजे शो खत्म हुआ तब तक हमने बहुत चुम्मा चाटी की। फिर सीधा टैक्सी करके होटल चले गए। वहा मैने अपना रूम ली चाबियां ली और साथ ही उसको डिनर का ऑर्डर भी लिखवा दिया। फिर क्या, मै और दीपिका दोनो रूम में चले गए। वहा जाके फ्रेश हुए हाथ मुंह धोए।
क्युकी मूवी में ही हम दोनो में एक दूसरे के कपड़ो के अंदर हाट डालकर बहुत मजा किया था। इतने में रूम सर्विस के बावज आती जब दरवाजा खोले तो देखा की खाना आ गया है। अब हमे दोनो में खाना खाया और फिर बेड पर लेट गए और किस्स करने लगे।
अब हम एक दूसरे को पागलों की तरह किस किए जा रहे थे। और साथ में मै उसके चूचों को भी दबा रहा था जो की बड़े बड़े और टाइट थे। हमे मजा आने लगा था। जल्दी जल्दी एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे और जोश जोश में मैने उसकी ब्रा और पेंटी फाड़ दी।
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इस टाइम का तो मैं पिछले 11 महीनो से इंतजार कर रहा था। रोज दीपिका को इस ही तरह याद करके चोदता था। कपड़े उतारने और पागलों की तरह किस करने के बाद सबसे पहले तो मैं उसको कस कर गले लगाया। गले लगाने के बाद मैने दीपिका को अपने फड़फड़ाता लन्ड चुसाया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो भी प्यासी नागिन जैसे मेरा पूरा लन्ड मुंह में लेके चूसने लगी। अब मैं उसका मुंह पकड़कर झटके में लगा। और 5 में तक ऐसे ही झटके मारते मारते उसके मुंह में ही झड़ गया। दीपिका ने मुंह से मेरा लाड निकलकर मुंह साफ किया। और अब उसने मेरा सर पकड़कर अपनी चुत पर टिका दिया।
मैने उसको बाहों में उठाकर बेड पर लिटाया। और उसके दोनो टांगे फैलाकर उसकी चुत को कुत्तो की तरह चाटने लगा। बीच बीच में मै उसकी चुत को धीरे से काट लेता। जिससे की वो शिहर जाती। मै उसकी चुत की चाहते और चूसे जा रहा था। दीपिका भी आह आह को मादक आवाजें निकाल रही थी।
थोड़ी देर उसकी चुत चाटने के बाद वो एक दम से झड़ गईं। और उसकी चुत का सारा पानी मेरे मुंह पर गिर गया। दीपिका जोर से आह आह म्म म्म् की आवाज से साथ शांत पड़ गई। अब हम फिर से एक दूसरे को किस करने लगे। और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को दबाता और उसने चूसने लगता।
2 मिनट बाद ही मेरा लन्ड तैयार हो गया। और अब मैने दीपिका को पकड़ कर बेड पर लिटाया। मैं खुद उसकी दोनो टांगो के बीच में अपना लन्ड हाथ में लिए उसकी चुत पर निशाना लगाने लगा। मैने अपने लन्ड पर थोड़ा थूक लगाया। और उसकी चुत पर टिका कर धीरे धीरे अंदर की तरफ धकेलने लगा।
हर धक्के के साथ दीपिका के मुंह से भी आह निकल जाती। इसे ही 8 से 10 धीरे धीरे धक्के मारें। मैने जोर से अपने लन्ड का धक्का दीपिका को चुत पर मारा। और वो उसकी सील तोड़ता हुआ उसकी चुत में आधा घुस गया। इससे पहले की दीपिका चिल्लाती मैने अपने मुंह से उसके मुंह बंद करके किस्स करने लगा।
और अपने लन्ड को ऐसे ही रोक रखा। दीपिका थोड़ी नॉर्मल हुई तब मैं हाथ से उसकी चुत को सहलाने लगा। और अचानक से एक और जोर का धक्का लगाकर अपने पूरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लन्ड उसकी चुत में घुस दिया। और एक हाथ से उसका मुंह ढक ली ताकि आवाज बाहर न जाए।
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अब मैं अपना लन्ड उसकी चुत में भी रोककर उसको किस्स करने लगा। जिससे की वो थोड़ी शांत हो जाए। मैं उसको किस्स और उसके चूचे को दबाने लगा। जिससे की थोड़ी देर में वो नॉर्मल हो गई। और अब वो अपने आप से ही छोटे छोटे धक्के मारने लगी। अब हमारी घमासान चुदाई शुरू हुई।
अब मैने भी अपने लन्ड को पूरा बाहर निकाला। और एक बार फिर से जोर से धक्का लगाकर पूरा लन्ड उसकी चुत में घुसा दिया। अब वो तड़पने लगी पर इस बार मैने उसको नही संभाला। और उसकी चुदाई चालू रखी। वो दर्द से मुझे अलग करने को कोसिस करती रही। और मैं उसकी चुत को पेलता रहा।
2 से 3 मिनट की चुदाई के बाद उसको भी मजा आना शुरू हो गया। तो वो भी अपनी गान्ड उठा उठा कर मेरे साथ झटके लेने लगी। मैं उसको चोदता रहा और उसके चूचे और उसके पेट पर किस्स करता रहा। फिर मैं उसकी चुत में लन्ड बाहर निकाला और बेड पर लेट गया। और उसको अपने लन्ड पर बैठने के लिए बोला।
तो झट से उठी और मेरे लुंड पर कूद कर अपनी चुत में ले लिया। और उछल उछल के मेरे लन्ड से चुदाने लगी। ऐसे ही हमारी चुदाई 30 मिनट तक चली। हम दोनो एक साथ झड़ गए और वो मेरे ऊपर ही ढेर हो गई। हम 10 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे।
फिर उसके बाद उठकर देखा तो उसके चुत और मेरे लन्ड दोनो पर खून लगा हुआ था। दीपिका खून देखकर डर गई और मुझे कस कर पकड़ लिया और रोने लगी। मैने उसको समझाया की ऐसा होता है फर्स्ट टाइम में। मेरे भी लन्ड में दर्द हो रहा था क्युकी नई चुत जो चोदी थी।
अब हम दोनो बाथरूम में गये और एक साथ नहाने लगे। अब नहाते नहाते मुझे उस्की गांड दिखी जो की मस्त लग रही थी। मेरा मन करने लगा की अभी इसकी गांड मार लू। पर मैने बाद के लिए उसको छोड़ दिया। और हम दोनो नहाने के बाद इसे ही बेड पर लेट गए। और किस्स करने लगे।
तभी थोड़ी देर में मेरा फिरसे लन्ड चुदाई के लिए तैयार हो गया। हमें फिर से चुदाई चुत चाटी चालू कर दी। इस बार हमने कई स्टाइल में चडायी की और इसे ही हमने उस रात 6 बार सेक्स किया। दीपिका की चुत फूल कर गुब्बारा हो गई थी। उसको चलने में भी दिक्कत होने लगी थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर मैने सुबह 5 बजे होटल रिसेप्सन पर कॉल करके बर्फ मंगाई। और उसकी चुत की बर्फ से सिकाई की। बर्फ लगते ही वो उछलने लगी बर्फ लगाते लगाते मेरे फिर से चुदाई का मन करने लगा। में दीपिका को बोला तो वो मना करने लगी। “मैं अब और नहीं चुदवा सकती।”
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तो फिर मैने उसकी चुत पर रहम करके उसके चूचों के बीच अपना लुंड डालकर चोदने लगा। थोड़ी देर उसके चूचों को चोदने के बाद दीपिका ने खुद अपने हाथ से मेरा लन्ड पकड़ लिया। बोली की, “चलो एक बार और मेरी चुत चोदलो।” और अपने हाथ से लन्ड अपने चुत पर रख दिया। फिर मैने तपाक से अपना लन्ड उसकी चुत में पेल दिया और वो दर्द से चिल्ला उठी। तो मैने उसके होठों पर अपने होठ रख दिए और उसको किस्स करने लगा। करीब 20 और चोदने के बाद में उसकी चुत में ही झड़ गया। और उसके ऊपर ही लेट गया।
हमारी आंख लग गई और सुबह 10 बजे हम उठे। फिर हम दोनो ने फ्रेश और नहाकर दुबारा बर्फ मंगाई। दीपिका की चुत की बर्फ से सिकाई करें वापस अपने अपने हॉस्टल आ गए। इस दिन हम दोनो में से कोई कॉलेज नही गया। क्युकी दीपिका कों चलने में दर्द हो रहा था और मैं भी बहुत थक गया था। हम लोग शाम को मिले और एक दूसरे को दिखाकर मुस्कुराने लगे और रात की चुदाई की बात इशारों में करने लगे। फिर इसी तरह हमारा चुदाई का सिलसिला चलता रहा। जब भी मौका मिलता हम उसी होटल में रूम बुक कराते और खूब चुदाई करते।
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