Free Kinky Chudai
हाय, आप सब सेक्स स्टोरी को पसंद करने वाले साथियों को जसकरन का नमस्कार! मैं दिल्ली से इंजीनियरिंग कर रहा हूँ। मैं 21 साल का हूँ। मैं सात इंच के एक तगड़े हथियार का मालिक हूँ.. जो किसी भी बुर, चुत फ़ुद्दी को पूरी तरह से संतुष्टि देने की ताक़त रखता है। यह बात कुल 4 महीने पहले की है. Free Kinky Chudai
बात उस टाइम की है जब मैं पढ़ाई करने हॉस्टल से बाहर एक किराए के कमरे में रहने आया था। मैं हमेशा अकेला ही रहना ज़्यादा पसंद करता हूँ, इसलिए मैंने एक सिंगल रूम ढूँढ कर किराए पर ले लिया। मेरे मकान-मलिक थोड़ा पैसों के अधिक लालची थे, उन्होंने मेरे रूम का किराया मुझसे 2 गुना लिया, जबकि यह कमरा और कमरों की तुलना में काफी छोटा था।
चूंकि उस वक्त मुझे कमरे की सख्त जरूरत भी थी, इसलिए मैंने उनकी बात मान ली। उनकी फैमिली में 2 बेटे और 2 बेटियां थीं। बड़ी बेटी तो दिखने में कोई खास नहीं थी, लेकिन छोटी वाली मीनू तो गजब की माल लगती थी। उसका कातिल फिगर और मासूम सा चेहरा मुझे बहुत ही मस्त लग रहा था।
एक दिन मैंने उसे जब देखा तो ख्याल आया कि क्यों ना इसी से किराया वसूल किया जाए, तो मैं उसे पटाने में लग गया। उससे धीरे-धीरे बात शुरू हुई, तब पता चला कि उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है। मैंने उस पर डोरे डालने शुरू कर दिए। वो भी अब धीरे-धीरे मेरी तरफ आकर्षित होने लगी।
एक दिन उसका बर्थडे था.. तो वो एक मिठाई का डिब्बा और आइसक्रीम लेकर मेरे कमरे में आ गई। मैंने तो सोचा कि लगता है.. अब बात बन जाएगी। मैंने उसे बर्थडे विश किया और फिर उससे नॉर्मल बात हुई। फिर अचानक मैं उसके होंठों से अपने होंठ को लगाकर किस करने लगा।
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अचानक से चूमने से तो वो भी हैरान हो गई लेकिन फिर उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया और हम दस मिनट तक ऐसे ही चिपके रहे। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझसे ज़्यादा उसे ही अपनी चुत चुदवाने की जल्दी है, क्योंकि उसने अगले ही पल मेरी जीन्स का बटन खोलकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और नीचे को बैठ कर मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया।
अब वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। ऐसा लग रहा था जैसे लंड चूसने में उसने पीएचडी की हुई है। तभी अचानक उसकी दीदी का फोन आया कि मम्मी को शक हो गया है और वो अब कमरे में आने वाली हैं, भागो वहाँ से। वो इतना सुनते ही मेरे कमरे से जल्दी से भाग गई और मैंने भी जल्दी से अपनी पेंट ठीक की और किताब पढ़ने लगा।
उसकी बहन का फोन आने से मुझे ये समझ आ गया था कि ये दोनों ही मुझे चुदवाने को एकदम रेडी हैं। मीनू के जाते ही आंटी कमरे में आ गईं। मुझ पर चुदास चढ़ी हुई थी, सो मैं आंटी की उठी हुई चूचियों को देखने लगा।
क्या मस्त चूचियां तनी हुई थीं उनकी.. मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा।
उन्होंने कमरे में आकर शक की नज़रों से इधर-उधर देखा, लेकिन जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो वो जाने लगीं। मैं उनकी मटकती हुई गांड देख कर पागल हो गया। फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए, मुझे मुठ मार कर ही काम चलाना पड़ता था। एक दिन किस्मत ने भी मेरा साथ दिया। आंटी के फ्लैट से जुड़ा हुआ एक रूम था, वो रूम खाली हो गया और मैं अंकल की सहमति से उस कमरे में शिफ्ट कर गया।
उस कमरे का एक दरवाजा आंटी के फ्लैट में खुलता था, मैंने उसे अपनी तरफ से अन्दर से बंद कर दिया ताकि उन लोगों को कभी कोई शक या दिक्कत न हो। इसके कुछ दिन बाद में कमरे में लेटा हुआ था कि अचानक किसी ने मेरे उसी अन्दर वाले दरवाजे पर दस्तक दी।
मैंने झट से खोल दिया और वो जल्दी से मेरे रूम में आ गई। जब मैंने देखा तो वो मेरी जान मीनू नहीं थी.. बल्कि आंटी थीं। उन्होंने मुझे कुछ सोचने का मौका भी नहीं दिया और मेरे ऊपर चढ़ गईं। अब वो लगीं मेरे शरीर पर हर जगह किस करने.. जैसे जन्मों की प्यासी हों, मैं चित्त पड़ा मजा लेता रहा।
कुछ देर बाद जब वो कुछ शांत हुईं, तो मैंने पूछा- ये क्या कर रही हैं आप?
तो उन्होंने कहा- आज कुछ मत बोलो.. बस होने दो, मैं बहुत प्यासी हूँ। मेरे हस्बैंड शराब के नशे में डूबे रहते हैं.. तो इस वजह से अब उनमें वो दम नहीं रह गया है।
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आंटी की बातें सुनीं तो मेरी तो बांछें खिल गईं। अब मुझे क्या फ़र्क पड़ता.. लंड के नीचे कोई भी हो। मैं भी उनकी सेवा में लग गया.. हम दोनों एक-दूसरे के होंठ को खा जाना चाहते थे। उनकी सांसें फूल रही थीं और बहुत और सिसकारियाँ लिए जा रही थीं।
उसके बाद मैंने धीरे-धीरे उनके कपड़े उतारना शुरू किए और उन्होंने मेरे कपड़े उतारे। हम दोनों नंगे हो गए.. उन्होंने जैसे ही मेरे लंड को देखा तो खुशी से पागल हो गईं, आंटी कहने लगीं- हाय.. इतना मोटा लंड है तेरा.. तुम मेरी बेटी को चोदते तो वो तो मर ही जाती! ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मुझे उनकी इस बात से अचानक से झटका लगा कि ये क्या बोल रही हैं, लेकिन वो अपने कंट्रोल में नहीं थीं। आंटी को बहुत चुदास चढ़ी हुई थी। वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं, कुछ मिनट तक अपना लंड चुसाते हुए मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाल लिया और उनको बिस्तर पर पटक दिया।
फिर मैंने आंटी की चूत चाटनी शुरू की तो आंटी ने अपनी टांगें हवा में उठा दीं और अपने चूतड़ों को उठाते हुए अपनी चूत मेरे मुँह में ठेलते हुए चुत चुसवाने लगीं। क्या मस्त चूत थी.. एकदम टाइट और सफाचट, चुत पर एक भी बाल नहीं था। ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझसे चुदवाने आंटी पूरी तैयारी के साथ आई थीं।
फिर मैंने उनके दोनों मम्मों को बारी-बारी से चूसने लगा, क्या रसीले चूचे थे यार.. मज़ा आ गया। अब वो कहने लगीं- चोद दो मुझे.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भोसड़ा बना दो मेरी चूत का.. फाड़ दो इसे.. बहुत दिनों से परेशान किए जा रही थी.. आज इसकी पूरी गर्मी निकाल दो..!
मैंने भी उन्हें घोड़ी बना दिया और अपना लंड उनकी चूत पर सैट करते हुए धक्का मारा.. तो लंड फिसल गया। क्योंकि चूत बहुत दिनों से नहीं चुदाने की वजह से बहुत टाइट हुई पड़ी थी। मैंने फिर से लंड सैट किया और धक्का मारा तो इस बार चूत को फाड़ता हुआ अन्दर तक घुस गया।
उनके मुँह से आवाज़ निकली.. लेकिन मैंने अपने होंठों से उनके होंठों को दबा दिया वरना क़यामत आ जाती। फिर मैं आंटी को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा.. और वो भी मेरे हर धक्के का जवाब अपनी गांड उठा-उठा कर दिए जा रही थीं। करीब दस मिनट तक धक्कम-पेल चुदाई चलने के बाद मेरा माल अब गिरने वाला था, अब तक आंटी 2 बार झड़ चुकी थीं।
मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और 5 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। फिर आंटी ने कपड़े पहने.. लंड पर चूमा लिया और कहा- अब अगली बार पूरी तैयारी के साथ आऊँगी। मैं कुछ समझा नहीं.. लेकिन मैं भी थक गया था, सो मुझे भी नींद आ गई मैं भी सो गया.
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फिर अगली सुबह जब मेरी नींद खुली क़रीब 11 बज चुके थे। तो मैं अपने कमरे के छोटे मेट्रो काम कर रहा था तबी मीनू की बड़ी बहन आई उसने दरवाजा खट खटाने के बाद जब मैंने उसे देखा तो उसे अंदर आने के बोला तो वह मेरे कमरे में आई आर मेरे बिस्तर पर बैठ गई और फिर मैंने उसे चाय दी फिर मैंने उसे बातें करनी शुरू की.
मैंने कई टोपीक पर बातें की फिर मैंने उसे बोला कि तुमरा कोई बॉयफ्रेंड है तो उसने कहा नहीं मेरा कोई भी लड़का बॉयफ्रेंड नहीं है क्युकी मैं साँवले राग की दिखने में इतनी अच्छी नहीं हु इसी कारन मेरा कोई भी लड़का दोस्त नहीं बना तो मैंने उसे कहा की अेसी कोई बात नहीं है इन्सान का मन साफ़ होना चाहिए रंग तो सिर्फ़ दो ही होते है काला और गोरा होते हैं।
तो वह मेरी तरफ़ देख कर मुस्कुराने लगी फिर हम लोग इधर उधर की बातें कर रहे थे मैंने देखा कि वह मेरी बातों को बहुत ध्यान से सुन रही थी. तभी कुछ देर बाद उसने मेरी और देखा और कहा कि मैं तुम से प्यार करती हूँ मैं उसकी बात सुनके हैरान था।
फिर इससे पहले मैं उसे कुछ कह पाता के तभी उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया मैं उसे देख कर हैरान था फिर कुछ देर बाद मैं बी उसे किस कने लगा हम दोनों एक दूसरे के पागलों की तरह एक दूसरे को किस कर रहे थे हमें क़रीब 10 मिनट हेचुके थे फिर मैंने उसको कुर्ता के उतार दिया तो मैं उसके बदन के देखके हैरान था क्युकी वह देखने में जितनी सिपल दिखती हैं उतनी हैं नहीं.
उसका जिस्म देखने में तो दुबली पतली दिखाई देती थी पर जब मैंने उसका कुर्ता को उतारा तो मैं हैरान था। की भले ही उसका रं काला था पर उसका जिस्म उसकी छोटी बहन से सुंदर है क्युकी मैं इसकी माँ को चोद चुका था और उसकी बहन की चुचियों को भी दबा चुका था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पर इसका बदन अपनी छोटी बहन से काफी अलग है और मैं इसकी चुचियों के साथ खेलने लगा और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और सहलाने लगा. फिर वह मस्त होने लगी और सिसकारियाँ लेने लगी और उसके मुँह से अआआआआआह आआआआआ और ज़ोर से मसलो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आआआआआआआआ.
मैं उसकी चुचियों से मजा ले रहा था क़रीब 10-15 मिनट बाद उसने मुझसे कहा की अब उसे और बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है प्लीज मेरी चूत में अपना हथियार डाल दें. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए फिर वह मेरे सात इंच के लंड को देखकर खुश हुई और कहने लगीं कि जसकरन मैं तुम्हें एक बात बताऊँ कि मैं अभी तक वर्जिन हुँ.
मैं उसके मुँह से ये बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश था की माँ कि चूत इतनी टाइट थी पर उसकी बड़ी बेटी तो वर्जिन निकली फिर उसे अभी और नहीं बर्दाश्त हो रहा था। फिर वह मुझे कहने लगी की अब डाल भी दे. फिर मैंने घर पर रखा हुआ तेल के उसकी चूत पर और अपने लंड पर अच्छे से मल दिया और उसके बाद मैंने लंड को उसकी चूत पर थोड़ा रगड़ा और थोड़ा अंदर बाहर किया.
उसके मुंह से ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ आआआआआआआआ की मादक अवाजे आ रही थी. फिर मैंने अपने लंड का सुपाडा अंदर डाला ही था कि वे मुझसे कहने लगी कि मैं अपने लंड को बाहर निकालु. मैं देख रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है फिर मैंने ऊसके कहा कि तुम्हें ये जो दर्द हो रहा है तुम इसे बस कुछ देर बर्दाश्त कर लें फिर उसके बाद मजा ही मजा मिलेगा.
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फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिये. फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपना 2 इंच ही अंदर घुसा. निकिता को बहुत दर्द हो रहा था उसकी आँखों से आँसू नहीं रुक रहे थे वो बार-बार कह रहीं थीं कि उसको जाने दूँ.
फिर मैं चुचियों को सहलाने लगा और उसके एक चूची के मुँह में ले कर चुसा और दूसरी चूची को अपने एक हाथ से सहला रहा था। फिर कुछ देर बाद वह सामान्य हुई तो मैंने बिना समय गँवाए अपना पुरा लंड उसकी चूत मैं डाल दिया इस बार निकिता के समझ में ही नहीं आया कि उसके साथ यह क्या हो गया.
वह ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी कि ऊऊऊऊएएएए माँ मर गई……. वह मुझे अपने आप से दुर करने की कोशिश कर रही थी पर नाकामयाब रही. मैंने उसे इस प्रकार पकड़ा था के वह चाह कर भी अपने आप को मुझसे दुर नहीं हो सकती थी। फिर मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी.
कुछ समय बाद अब उसकी चींखे अब कामुक सिसकारियों में बदल गयी थी और अब वह खुलकर अपनी गाड़ उठा उठा के मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी और मुझे कह रही थीं के और जोर से और ज़ोर चोद. फिर मैंने उसके कई और पोजिशन में चोदा वह पुरे मजे ले रही थी.
फिर कुछ देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वह झड़ गई और उसकी चूत से निकला गरम गरम पानी मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। अब निकिता झड़ चुकी थी उसके झड़ने के 10-15 मिनट बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और निकिता के मुँह में सारा वीर्य निकाल दिया और वह सारे का सारा पी गई.
उसके बाद हम दोनों बिस्तर पर लेट गये वह मुझसे गले लग कर लेट गई हम दोनों नगे ही लेट गए थे. निकिता अब बहुत खुश थीं उसने अपनी एक लात के मेरे उपर था और वह मुझसे कहने लगीं आज तुमने मुझे सन्तुष्ट किया है। उसने कहा कि वह जानती है कि मैं उसकी माँ और छोटी बहन को चोद चुका हूँ.
उसने कहा कि मुझे कोई दिक़्क़त नहीं है वो तो ख़ुद चाहतीं हैं कि मैं उसे उसकी माँ और बहन को एक साथ मिलकर चुदाई करे. मैंने उसे कहा हाँ बिलकुल जरुर. फिर मैंनै समय देखा तो 1:30 बजने के थे. फिर मैने निकिता से पूछा के तुम्हारे घर वालों कहा गए हैं तो उसने मुझसे कहा के पापा और भाई दोनों बाहर गए हैं माँ पास वालीं आंटी के पास गई हैं और बहन स्कूल गयी है।
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फिर मैंनै उसकी गाड़ की तरफ़ देखा तो मेरे मन में फिर एक बार सेक्स करने का दिल किया. तो मैंने निकिता कि ओर देखा और मैंने उसे कहा कि मैं एक बार और करना है तो वह कहने लगी कि नहीं मुझमें इतनी हिम्मत नहीं है उसने कहा कि उसकी चूत सुज गई है.
तो मैंने उसे प्यार से समझाया कि अब मान भी जाऊँ तो वह बोली नहीं. फिर मैंने उसे कहा कि ठीक है अगर चूत नहीं तो गाड़ दे वो बोली नहीं मैं अब थक चुकी हूँ मुझसे और नहीं किया जाएगा. पर मैं फिर भी हटा नहीं कुछ देर बाद वह मान गई और कहने लगीं कि अराम से करना ऊपर-ऊपर से ही करना अंदर मत डालना.
मैं तो उसकी गाड़ ही मारने वाला था ऊपर-ऊपर कौन करनेवाला. मैंने उसी तेल के अपने लंड पर और उसकी गाड़ पर लगाई तो उसने मुझसे कहा कि यह तेल तुमने दुबारा मेरी गाड़ पर क्यू लगया. मैंने उसे कहा कि कुछ नहीं बस ऊपर-ऊपर करने के लिए लगाया है।
तो मैंने उसे समझा दिया फिर एक बार मैं निकिता से सेकस करने के लिए तैयार था. फिर मैंने उसकी गाड़ पर अपना लंड रखा और एक जोर से धक्का मारा पर मेरा लंड उसकी गाड़ में नहीं जा सका. इसकी गाड़ तो इसकी चूत से भी ज्यादा टाइट थी तो मैंने और ज़ोर से धक्का मारा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अबकी बार मारे लंड के सामने वाला हिस्सा ही जा सका. अबकी बार तो निकिता की गाड़ में मेरा लंड था उसका तो फिर से बुरा हाल था पर मैंने उसपर ध्यान ना देकर मैंने उसे अच्छे से पकड़ा और फिर से उसकी गाड़ में ज़ोर से अपना लंड डाला पर अबकी बार लंड उसकी गाड़ के चिरता हूँआ जड़ तक चला गया.
निकिता की चिखे पुरे कमरे में सुनाई दे रही थी. अबकी बार मैंने उसकी अवाज के मैंने भी रोकने की कोशिश नहीं की क्युकी घर पर तो कोई नहीं था इसलिए मैंने उसकी आवाज को रोका नहीं और अपनी रफ़्तार बढाई और मैं उसे बिना रुके 20 मिनट तक उसकी गाड़ चोदता रह और एक हाथ से उसकी चूत को भी सहला रहा था.
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कुछ देर बाद वह फिर एक बार झड गई और मैं भी कुछ देर बाद झड गया और मैंने अपना सारा पानी उसकी गाड़ में छोड़ दिया. फिर निकिता ने मुझे कहा कि आज का दिन मेरे लिए बहुत बढ़िया है आज मुझे बहुत मज़ा आया तुम्हारे साथ सेक्स करके आज तुमने मेरी सिल तोड़ी है। निकिता बिस्तर पर पड़ी थी तभी निकिता की छोटी बहन मीनू और उसकी माँ दोनों कब घर आईं हमें पता नहीं चला. फिर अचानक वह दोनों मेरे कमरे में आ गई मैं उनको देख कर हैरान था।
फिर निकिता की माँ और उसकी छोटी बहन और एक बार फिर से निकिता को भी चोदा और फिर हमने चारों ने मिलकर खुब चुदाई की और मैं जबतक उनके घर रहा तब तक मैं उन तीनो को चोदता रहा और खुब मजा किया. आपको मेरी और मकान मालिक की बेटी और बीवी की कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं अभी मैं पंजाब में रहता हूं. अगर कोई भी लड़की जा भाभी अपनी चुत की गरमी मिटाना चाहती हैं तो मैं उसे संतुष्ट कर सकता हूँ मेरी इस gmail (2112jaskaran@gmail.com) पर मेसेज करे मुझे.
Rakesh says
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