Pussy Masturbation Story
मैं सौरभ आप सभी का हमारी वासना डॉट नेट में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। Pussy Masturbation Story
ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है। मै इंदौर में रहता हूँ। मेरी उम्र 22साल की है। मैं अभी M.Com कर रहा हूँ। मेरा कद 5.6 फ़ीट का हूँ। मेरा लंड 10 इंच का है। मै देखने में बहुत ही स्मार्ट तो नही हूँ। जब भी कोई लड़की देखता हूँ। मेरा लंड खड़ा और कड़ा हो जाता है। मन करता हैं इसको अभी के अभी चोद डालूँ।
लेकिन लड़कियों को पटा कर चोदने के मजा ही कुछ और होता हैं। लड़कियों के बूब्स ही हमे ज्यादा पसंद है। मै उसी लड़की को पटाता हूँ। जिसकी बूब्स के निप्पल बाहर से ही बड़े बड़े दिख रहे हो। अब तक मैंने कई सारी लड़कियों की चूत की गहराई अपने लंड से नापी है।
लड़कियों की चूत की गहराई कितनी भी कम हो। मेरा लंड खाने के बाद उसे 10 इंच की हो जानी है। लड़कियों को मेरा मोटा बड़ा लंड बहुत पसंद है। वो हमेशा मेरे लंड को खाने के लिए परेशान रहती है। दोस्तों अब मै अपनी कहानी पर आता हूँ।
दोस्तों मैं एक मिडिल परिवार का लड़का हूँ। मेरे बड़े भाई का नाम पुरुषोत्तम है। मेरे भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वो दिल्ली में रहते है। घर भी कभी कभी आते हैं। घर पर सिर्फ मेरे पिता जी मै और मेरी माता जी ही रहती हैं। मेरे पापा एक सरकारी मास्टर है। अब वो रिटायर्ड हैं।
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मैं जब भी मौका पाता हूँ। भाभी की ब्रा पैंती से खेलता हूँ। मै अक्सर रोज रात को भाभी की ब्रा को अपने रूम में ले जाकर मुठ मारता था। सारा माल अपनी सुन्दर भाभी जी की ब्रा पर जमा कर देता था। दोस्तों मैं अब आपको अपने भाभी के बारे में बताता हूँ। किस तरह से मैंने उनकी चूत की गहराई नापी।
दोस्तों मैं अब आपको अपनी भाभी के बारे में बताता हूँ। मेरी भाभी बिल्कुल देखने में सोनाक्षी सिन्हा की तरह है। लेकिन थोडा वो मोटी हैं। उनका गांड काफ़ी शानदार हैं। उनका फिगर 38, 34, 40 हैं। उनकी बूब्स बहुत ही गोरी है। उनके निप्पल का रंग भूरा हैं। एकदम इंग्लिश मैम की तरह हैं।
उनके होंठ बिल्कुल गुलाब के जैसे है। उनके होंठो से जैसे रस टपक रहा होता है। मैं तो उनके होंठो को देखता जब वो लिपस्टिक लगाती थी। मन करता जबरदस्ती ही चोद डालूँ। लेकिन रिश्तो की दीवार ने रोक रखा था। मेरा लंड बस खड़ा होके रह जाता था।
मै दिन रात बस उनको छोड़ने के ख्याल में डूबा रहता था। आखिर मेरे सब्र का फल मिलने वाला था। बहुत दिन हो गया था भईया आये नहीं थे। भाभी की भी चूत में हंगामा मचा हुआ था। लेकिन हमें क्या पता था कि आग दोनों तरफ लगी है। मै एक दिन बैठा ब्लू फिल्म देख रहा था।
मेरे पीछे के शीशे में सब कुछ दिख रहा था। मेरा लंड खड़ा हो गया था। मुझे नहीं पता था कि भाभी सब कुछ देख रही है। कुछ देर बाद भाभी ने मेरा फोन माँगा। उन्होंने ने अपने रूम में मेरा फ़ोन ले जाकर जो ब्लू फिल्म पड़ी थी देखने लगी। अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी।
मै ये सब खिड़की से देख रहा था। उस दिन मम्मी पापा कोई घर पर नही थे। मै और भाभी ही थे। भाभी ने दरवाजा नही बंद किया था। मै दरवाजा खोल के अंदर घुस गया। भाभी अपनी चूत में उंगली डाले हुई थी। मैंने देखा तो बोली खुजली हो रही थी।
मैंने हँसते हुए कहा. कहो तो मैं खुजा दूं। बोली नहीं तुम रहने दो। मैंने कहा किसी से नही कहूंगा। इतना कहकर मैं उनके पास बैठ गया। सहलाने लगा। तो बोली. तेरे भइया बहुत दिन हो गया नही आये हैं। तो खुजली हो रही थी। मैंने चूत पर हाथ रखकर खुजाने लगा।
मैंने उनके पेटीकोट के ऊपर से ही खुजला रहा था। भाभी शरमा रही थी। मेरा लंड उनकी चूत में घुसने को रॉकेट की तरह खड़ा हो गया। मैंने कुछ देर तकक चूत को खुजाते हुए। भाभी को किस करने लगा। भाभी ने कोई विरोध नहीं किया। मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मै भाभी की होंठो का रस पी रहा था।
मै इतना जोश में हो गया कि मुझे पता ही नही चल रहा था। मैं क्या कर रहा हूँ। मै भाभी की होंठो को काट काट कर चूस रहा था। भाभी की होंठो की सारी लिपस्टिक मैंने चूस चूस कर साफ़ कर दी। लेकिन अब तो उनके होंठ और भी मस्त लग रहे थे।
मैं भाभी की होंठो को चूस चूस कर लिपस्टिक जैसा लाल लाल कर दिया। भाभी जी भी अब गरम हो रही थी। अब वो भी मेरे होंठों को चूंसने लगी। हम दोनों एक दुसरे का होंठ बड़े मजे ले लेकर आराम से चूस रहे थे। मै भाभी की चूत को खुजला रहा था। भाभी भी धीरे धीरे गरम हो गयी।
वो मेरा हाथ अपनी चूत में दबा रही थीं। हम दोनों अभी चुम्मा चाटी ही कर रहे थे। मैंने ब्लू फिल्म फ़ोन में लगा दिया। दोनों देख भी रहे थे। और चुम्मा का काम को जारी रखा था। उनके होंठ बहुत ही सॉफ्ट बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ी की तरह थी।
मैंने अपना हाथ उनकी चूत से उठा कर उनके बूब्स पर रख दिया। उनके ब्लाउज के ऊपर से ही चूंचियों को दबाने लगा। उनकी चूंचियां बहुत ही मुलायम थी। लग रहा था जैसे मैं किसी रबड़ के बने हों। मै उनकी चूंचियों को देखने को बेकरार हो गया।
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उनका ब्लाउज मैंने निकाल दिया। अब वो ब्रा पहने थी। उनकी लाल रंग की ब्रा उनके गोरी बदन पर बहुत ही आकर्षक लग रही थी। मैंने उनके ब्रा में हाथ डाल कर कुछ देर चूंचियों को दबाते हुए किस किया। उनकी ब्रा मुझे चूंचियां दबाने में परेशान कर रही थी।
मैंने ब्रा को ऊपर खिसका कर दोनों मम्मो को आजाद कर दिया। अब उनके दोनों मम्मो को मैं गौर से देख रहा था। उनके होंठो का रसपान कर। मै उनके चूंचियों को पीना चाहता था। मैंने उनकी ब्रा को निकाल कर रख दिया। मैंने दोनों हाथों में भाभी का एक एक मुसम्मी लेके खेलने लगा।
भाभी की चूत में खलबली मची हुई थी। भाभी अब अपने चूत में ऊँगली डाल रहीथी। मै भाभी की दोनों चूंचियों को मुँह में भर लिया। भाभी के चूंचियों को पीने में बहुत मजा आ रहा था। मैं उनकी चूचियों को दबा दबा के पी रहा था। बीच बीच में निप्पल भी काट लेता था।
वो गर्म होकर कहने लगती. “ओह्ह्ह्ह माँ… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ…चूसो चूसो….और चूसो…मेरे मम्मो को…अच्छे से चूसो” अपनी चूत में उंगली करके जोश में कह रही थी। मैं भी और दबा दबा के पीता और निप्पल को काट रहा था। भाभी और जोर जोर से अपनी चूत में उंगली कर रही थी।
उनकी उंगली पर कुछ थूक जैसा लगाथा। मुझे उन्होंने अपनों हाथों से चाटने को कहा। मैंने उंगलियां साफ़ कर दी। उनकी चूत का माल बहुत ही अच्छा लग रहा था। मै सारा का सारा चाट गया। मैने उन्हें खड़ा किया और उनकी साडी निकाल दिया। उनकी पेटीकोट भी निकाल दी। उनको सिर्फ पैंटी में कर दिया।
वो चुदाई के लिए तड़प रही थी। मैंने भी अपना सारा कपड़ा निकाल कर नंगा हो गया। मैंने अपने पैंट से अपने प्यारे से लंड को निकाला और अपनी प्यारी भाभी की हांथो में दे दिया। भाभी मेरे लंड को देखकर खुश हो गई। कहने लगी. बाप रे!!!! इतना बड़ा मोटा लंड। आज तो चुदने में बहुत मजा आएगा। मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था। मै कह रहा था। चूसो चूसो….और चूसो…मेरे मम्मो को…अच्छे से चूसो” चूस साली रंडी आज मेरे लंड को। आज तुझे चोदने का मौका मिला है। वो मेरे लंड को मुठ मार मार के चूस रही थी। मैंने कहा. भाभी आज मैं अपने लंड से तुम्हारी चूत की गहराई नापता हूँ।
भाभी बोली. मेरी चूत की गहराई तेरा ये लंड नहीं नाप सकता। मै उनके मुँह में ही लंड को पेल रहा था। भाभी के गले के अंदर तक मेरा लंड जा रहा था। भाभी खाशने लगी। मैंने अपना लंड मुँह से उनके निकाल लिया। उनकी पैंटी के ऊपर से ही मै सूंघते हुए ऊँगली करने लगा।
उनकी चूत भाभी के ऊँगली करने से गीली हो चुकी थी। मैंने धीरे से पैंटी को उतार कर फेंक दिया। भाभी की मस्तानी चूत को देखकर मेरे लंड में पानी आ गया। क्या चूत थी उनकी लाल लाल बिलकुल सेब की तरह थी। मकिने अपना मुँह उनकी चूत पर रखकर चूत को चाटने और पीने लगा।
चूत को चाटते ही वो मुझे बहुत ही जोर से मेरा सर दबा देती। जब मैं उनकी चूत के दाने को मुँह में लेकर दांतो से काटता तो वो मेरे सर को अपने चूत में घुसा देती। मै बार बार उनकी दाने को काट रहा था। मैंने अपना जीभ उनकी चूत में अंदर तक डाल कर उनके सारे माल को चाट गया।
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भाभी. “…. माँ के लौड़े तेरी बुआ की चूत….चाट और चाट मेरी चूत को!!! और अच्छे से पी मेरी चूत!!” .आआआआअह्हह्हह… आज मेरी चूत को अच्छे से पी लो मेरे देवर जी!!!” आज तो तुम मेरे अच्छी से चुदाई करो। मैंने चूत चाटन बंद किया।
मैंने अपनी अंगुलियां उनकी चूत में करने लगा। मै अँगुलियों से चोदने लगा। मेरा लंड कड़ा हो रहा था। वो कहने लगी. “देवर जी ! अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा है. सी सी सी सी…. प्लीस जल्दी से मेरी चुद्दी [चूत] में लंड डाल दो और जल्दी से चोदो!!”।
मै अब अपनी पांचों अंगुलिगों को उनकी चूत में डाल रहा था। वो“……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”कर रही थी। मैंने अपने हाथ को उनकी चूत में डाल दिया। उनकी चूत की गहराई सच में बहुत ज्यादा थी। रोज वो अँगुलियों से मुठ मारती थी।
आज मैं अपने हाथ से उनकी चूत में मुठ मार रहा था। भाभी. “…..आआआआअह्हह्हह…डाल दो पूरा हाथ … आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….”। मैंने कुछ देर तक किया। उनके चूत के जूस से मेरा पूरा हाथ गीला हो गया।
भाभी कहने लगी. सौरभ कब मुझे चोद डाल। साले डाल दे अपना गरम गरम लौड़ा मेरी चूत में। मेरी चूत की खुजली शांत कर दे। मै अपने लंड को मुठियाते हुए उनकी चूत से सटा दिया। मै. “ले ले ले!! रंडी!! आज जी भर कर चुदवा ले!! आज मेरा मोटा लंड खा ले रंडी!!! मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया।
मेरा लंड आसनी से चूत में घुस गया। उनकी चूत को मैं चोदने लगा। मैंने उनकी एक टांग को उठा के कंधे पर रखकर अपने लंड को उनकी चूत में डाल कर चोदने लगा। वो चिल्लाती रही। “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”। आराम आराम से चोदो। मुझे दर्द हो रहा है।
मैं अपनी स्पीड में कोई कमी नहीं की। उनकी छूट ने पानी छोड़ दिया था। मेरा कंधा दर्द करने लगा। मैंने उनका पैर अपने कंधे से उतार कर उनको झुकाया। और अपने लंड को उनके चूत में घुस दिया। उनकी चूत से घच्च ……घच्च …पच्छ की आवाज आ रही थी।
मैंने उन्हें अपने लंड को साफ़ करने को दिया। वो मेरे लंड पर लगे सारे माल को पी गई। मैंने उन्हें घोड़ी बनाया। और चोदने लगा। मैं खूब जोर जोर से चुदाई करने लगा। वो चिल्ला रही थी। उन्हें भी मजा आ रहा था। वो कहने लगी. “उ उ उ उ उ “…अई…अई….अई….अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्……उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….चोदोदोदो…मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो”।
मै अब और जोर जोर से चोद रहा था। उनकी चूत का बुरा हाल हो रहा था। वो अपनी चूत को मलने लगी। लेकिन वो भी अपना गांड आगे पीछे करके चुदवा रही थी। मैंने अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल डाल कर चोद रहा था। वो भी अपनी गांड हिला हिला के चुदवा रही थी।
मैं लेट गया अब वो मेरे लंड को अपनी चूत से सटा कर बैठ गई। धीरे धीरे से अपनी चूत को ऊपर नीचे करने लगी। मेरा लंड तो बस खड़ा खड़ा उनकी चुदाई कर रहा था। उनकी से कुछ माल मेरे लंड से होता हुआ। मेरे लंड की जड़ तक बह रहा था। भाभी ने चाट कर साफ़ किया।
मैंने भाभी को लिटाया। उनकी दोनों टांगो के बीच में लंड करके टांगो को उठा कर चोदने लगा। उनको मै आगे पीछे करके चोद रहा था। वो सिसकारियां ले रही थी। बीच बीच में बोलल भी रही थी।“…आआआआअह्हह्हह…चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो।
मैंने भी चोद चोद के उनकी चूत का कचड़ा कर दिया। भरता भरता बोल रही थी। मैंने उनकी चूत की चटनी बना डाली। उनकी चूत लाल लाल खून की तरह हो गई। मुझे अब उनकी चूत में मजा नहीं आ रहा था। मैंने उनकी गांड मारने को कहा।वो डर गई। कहने लगी. तेरे भईया ने एक बार मारी थी।
बहुत दर्द हुआ था। तेरा लंड भी बड़ा है। ना बाबा ना मुझे गांड नहीं मरवानी है। बहुत दर्द होता है। मैंने कहा आराम आराम से मारूंगा। कुछ नहीं होगा थोड़ा सा भी दर्द नहीं होगा। मैंने झुका कर उनके गांड के छेद पर अपना लंड टिका दिया। मैंने धक्का मारा लेकिन मेरा लंड अंदर नहीं घुसा।
मैंने लंड पर थूक लगाया और जोर से धक्का मारा। भाभी की चीख निकल गई। वो . “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ.“…….उई. .उई..उई…….माँ ….अहह्ह्ह्हह…” चिल्लाने लगी। मैंने और धीरे धीरे से उनकी गांड मारने लगा।
कुछ देर बाद मैंने एक और झटका लगाया। इस बार मेरा पूरा लंड उनकी गांड में घुस गया। वो जोर जोर से चिल्लाने लगी। पूरा कमरा उनकी चींखो से भर गया। लेकिन मैंने उनकी गांड मारनी नहीं बंद की। उनका दर्द कम होते ही वो भी उछल उछल के मरवाने लगी।
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मैंने भी अपनी स्पीड बढाई और जोर जोर से उनकी गांड चोदने लगा। भाभी.“हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… चोदो चोदो…. आज मेरी गांड फाड़ फाड़कर इसका हाबड़ा पुल बना डालो। मैं भी जल्दी जल्दी उनकी गांड मारने लगा। अब मै भी झड़ने वाला हो गया। मैंने अपना लंड उनकी गांड से निकाल कर उनके मुँह में रख कर मुठ मारने लगा। कुछ देर भाभी ने मुँह खोल कर मेरे माल गिरने का इंतजार की। मेरा माल अब छूटने ही वाला था।
मैंने अपने लंड को भाभी की मुंह में रख कर सारा माल गिरा दिया। भाभी मेरा सारा माल पी गई। मेरे लंड को भी चूसने लगी। सारा माल मेरे लंड चाट लिया। हम दोनों नंगे ही रहे। बाद में हमने कई बार चुदाई की। दोनों बॉथरूम में नहाते हुए सेक्स किया। बाद में अपने कपड़े पहने। अब हम लोग रोज रात को चुदाई करते है। हम दोनों एक ही रूम में सोते हैं। भाभी भी बहुत खुश रहती है। मुझे अपने पति जैसा मानती हैं। मैं अब रोज रात उनके साथ सेक्स करता हूँ।