Bhabhi Want Big Dick
मेरा नाम रितु है. मैं 23 साल की हूँ और दिखने में खूबसूरत और सेक्सी हूँ. दो साल पहले की बात है, मैं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करती थी. उसी मल्टीनेशनल कम्पनी में भावेश भी काम करने के लिए आए. मैं उनसे सीनियर थी. भावेश बहुत ही हैंडसम थे. जब से उन्होंने ऑफिस ज्वाइन किया था, तब से ही मैं मन ही मन उन पर मर मिटी थी. मेरी अभी तक शादी नहीं हुई थी. Bhabhi Want Big Dick
धीरे धीरे भावेश और मेरी गहरी दोस्ती हो गई और फिर हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई. दो महीने के बाद ही हम दोनों ने शादी कर ली. भावेश का एक छोटा भाई भी था, अनमोल. वो भावेश से 2 साल छोटा था. उसकी उम्र भी मेरी तरह 21 साल की थी. अनमोल एम. ए. फायनल में पढ़ रहा था.
भावेश अनमोल को बहुत ज्यादा चाहते थे. अनमोल, भावेश से ज्यादा हैंडसम था और ताकतवर भी. वो बहुत शरारती भी था. हम दोनों एक दूसरे से खूब हंसी मजाक करते थे. मुझे उसका हंसी मजाक करना बहुत ही अच्छा लगता था. भावेश भी हम दोनों को देख कर बहुत खुश रहते थे. शादी के बाद भावेश ने मुझसे नौकरी छोड़ देने को कहा तो मैंने नौकरी छोड़ दी. अब मैं घर पर ही रहने लगी.
भावेश से शादी हो जाने के बाद मैं उनके घर आ गई थी. सुहागरात के दिन जब मैंने भावेश का लंड देखा तो मेरे सारे सपने टूट गए. उनका लंड केवल 3″ लम्बा और बहुत ही पतला था. उन्होंने जब पहली पहली बार अपना लंड मेरी चुत में घुसाया तो मेरे मुँह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली और उनका पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में मेरी चुत के अन्दर समा गया.
मुझे कुछ पता ही नहीं चला. उन्हें बड़ी मुश्किल से 2 मिनट ही मुझे चोदा और झड़ गए. मैं उदास रहने लगी. भावेश ने शादी में 15 दिनों की छुट्टी ले ली थी. वो घर पर ही रहते थे. फिर 15 दिनों के बाद जब वो ऑफिस जाने लगे तो उन्होंने मुझसे कहा- अनमोल की बहुत देर तक सोने की आदत है. उसको जगा देना और कॉलेज भेज देना.
मैंने कहा- ठीक है.
भावेश चले गए. उनके जाने के बाद मैं अनमोल को जगाने उसके रूम में गई. मैंने अनमोल को जगाया तो वो उठ गया. मैंने अनमोल से कहा- जब तुम्हारे भैया की शादी नहीं हुई थी, तब तुम्हें कौन जगाताथा?
वो हंस कर बोला- भैया जगाते थे.
अनमोल फ्रेश होने चला गया और मैं उसके लिए नाश्ता बनाने चली गई. नाश्ता करने के बाद अनमोल कॉलेज चला गया. भावेश 9 बजे ऑफिस चले जाते थे और अनमोल 10 बजे कॉलेज चला जाता था. फिर कॉलेज से वो 3 बजे वापस आ जाता था. जब कि भावेश रात के 7 बजे तक वापस आते थे.
इसे भी पढ़े – पति ने अपने दोस्त को मेरे जिस्म का मजा दिया
अगले दिन भावेश के ऑफिस चले जाने के बाद मैं अनमोल को जगाने गई. जैसे ही मैं अनमोल के रूम में पहुँची तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं. अनमोल गहरी नींद में सो रहा था और खर्राटे भर रहा था. उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी हुई थी और उसका लंड खड़ा था.
उसका लंड 7″ लम्बा और बहुत ही मोटा था. मैं सोचने लगी कि बड़े भाई का लंड 3″ लम्बा है और छोटे भाई का 7″ लम्बा.. कुदरत भी क्या क्या करिश्मे करती है. मेरी कामुकता बहुत ही ज्यादा बढ़ी हुई थी क्योंकि शादी के बाद भावेश मेरी प्यास जरा सी भी नहीं बुझा पाए थे इसलिए मैं अनमोल के लंड को ध्यान से देखती रही.
मुझे अनमोल का लंड बहुत ही अच्छा लग रहा था. उसके लंड को देख कर मेरे मन में गुदगुदी सी होने लगी. मैंने सोचा काश भावेश का लंड भी ऐसा ही होता तो मुझे खूब मजा आता. मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही. अचानक मेरे मन में ख्याल आया कि अनमोल को कॉलेज भी भेजना है.
मैं सोच में पड़ गई कि उसे कैसे जगाऊं. वो जगाने के बाद पता नहीं क्या सोचेगा. बहुत देर तक मैं खड़ी खड़ी सोचती रही और उसके लंड को देखती रही. मैंने मन ही मन सोचा कि काश अनमोल ही मुझे चोद देता तो मुझे जवानी का मजा तो मिल जाता.
मैं अनमोल के नज़दीक गई और कहा- अनमोल, साढ़े नौ बज रहे हैं.. उठना नहीं है क्या?
वो हड़बड़ा कर उठा तो उसने खुद को एकदम नंगा पाया. वो कभी मुझे और कभी अपने लंड की तरफ़ देखने लगा.
मैंने कहा- तुम ऐसे ही सोते हो क्या? तुम्हें शर्म नहीं आती?
वो बोला- सॉरी भाभी गहरी नींद में सोने की वजह से अकसर मेरी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती है. आज तुमने भी मेरा लंड देख ही लिया.. अब क्या होगा.
मैंने कहा- होगा क्या..
उसने अपने लंड की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- भाभी, ये मुझे बहुत ही परेशान करता है. अकसर सुबह के समय ये खड़ा हो जाता है. इतना कह कर उसने अपनी लुंगी उठानी चाही तो मैंने तुरंत ही उसकी लुंगी उठा ली और कहा- तुम ऐसे ही बहुत अच्छे लग रहे हो.
वो बोला- केवल मैं ही अच्छा लग रहा हूँ. क्या मेरा लंड अच्छा नहीं है?
मैंने कहा- वो तो बहुत ही अच्छा है.
वो बोला- पसंद है तुम्हें?
मैंने कहा- हाँ.
वो बोला- फिर ठीक है.. चाहो तो हाथ लगा कर देख लो.
मैंने कहा- कॉलेज नहीं जाना है क्या?
वो बोला- जाना तो है.. पहले तुम इसे हाथ से पकड़ कर देख लो. उसके बाद मैं कॉलेज चला जाऊंगा.
मेरा मन तो अनमोल से चुदवाने को कर रहा था लेकिन ये बात मैंने जाहिर नहीं होने दी. मैंने कहा- अगर तुम कहते हो तो मैं पकड़ लेती हूँ लेकिन तुम कुछ और तो नहीं करोगे ना?
वो बोला- बिल्कुल नहीं.
मैंने कहा- फिर ठीक है!
मैं अनमोल के बगल में बेड पर बैठ गई. जोश के मारे मेरी चुत गीली हो रही थी. उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया तो मैंने अनमोल का लंड पकड़ लिया. थोड़ी देर तक मैं उसके लंड को पकड़े रही, तो वो बोला- सहलाओ इसे. मैंने उसके लंड को धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया. मेरे सहलाने से उसका लंड और ज्यादा टाईट हो गया. थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अब जाओ, नहा लो.
वो बोला- नहीं और सहलाओ.
मैं उसका लंड सहलाने लगी.
वो बोला- चुदवाओगी?
मैंने कहा- नहीं.
उसने पूछा- क्यों? मेरा लंड तुम्हें पसंद नहीं आया?
मैंने कहा- मैंने कहा था ना कि मुझे तुम्हारा लंड पसंद है.
वो बोला- फिर चुदवा लो.
मैंने कहा- मैं तुम्हारी भाभी हूँ.. मैं तुमसे नहीं चुदवाऊंगी.
वो बोला- फिर तो तुम्हें सारी जिन्दगी जावानी का मजा नहीं मिल पाएगा.
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोला- भैया का लंड केवल 3″ का ही है. मैं जानता हूँ कि उनसे चुदवाने में किसी भी औरत को बिल्कुल भी मजा नहीं आएगा.
मैंने कहा- तुम कैसे जानते हो कि उनका लंड छोटा है?
वो बोला- हम दोनों बहुत दिनों तक साथ ही साथ एकदम नंगे ही नहाते थे. हम दोनों एक दूसरे के लंड के बारे में अच्छी तरह जानते हैं. तुम मुझसे चुदवा लो. मैं तुम्हें जवानी का पूरा मजा दूँगा.
मैंने कहा- तुम्हारे भैया को पता चलेगा तो वो क्या कहेंगे?
वो बोला- कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि वो जानते हैं कि उनका लंड छोटा है और वो किसी औरत को पूरा मजा नहीं दे सकते हैं.
मैंने कहा- अच्छा देखा जायेगा. अब तुम जाओ नहा लो. मैं नाश्ता बनाती हूँ.
अनमोल नहाने चला गया और मैं किचन में नाश्ता बनाने चली गई. नहाने के बाद अनमोल ने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया. उस दिन जब मैं रात में सोने के लिए अपने रूम में गई तो भावेश जाग रहे थे. मैं जैसे ही बेड पर उनके पास बैठी तो उन्होंने पूछा- कैसा लगा अनमोल का लंड?
मैंने कहा- क्या मतलब है तुम्हारा?
वो बोले- शादी के पहले मैं ही अनमोल को जगाया करता था. अकसर उसकी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती थी और उसका लंड दिखाई देता था. अब तो तुम ही अनमोल को जगाती हो. मैं समझता हूँ कि तुमने अब तक अनमोल का लंड देख लिया होगा. इसीलिए मैं पूछ रहा हूँ कि अनमोल का लंड तुम्हें पसंद आया या नहीं.
मैंने शर्माते हुए कहा- आज जब मैं अनमोल को जगाने गई थी तो उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी थी, तभी मैंने उसका लंड देखा था. उसका लंड तो बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा है. उसकी बीवी को जवानी का भरपूर मजा मिलेगा. मेरी किस्मत में तो जवानी का मजा लिखा ही नहीं है.
वो बोले- मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हें पूरा मजा नहीं दे सकता क्योंकि मेरा लंड तो किसी छोटे लड़के की तरह है. अगर तुम चाहो तो अनमोल से चुदवा कर जवानी का पूरा मजा ले लो. मुझे जरा सा भी एतराज नहीं है और ना ही मैं तुम्हें मना करूँगा. इस तरह घर कि बात घर में ही रह जाएगी. किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा.
इसे भी पढ़े – लंड पकड़ा कर चुदाई के लिए मनाया
मैंने कहा- तुम नशे में तो नहीं हो?
वो बोले- मैं पूरे होश में हूँ. मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम सारी जिन्दगी जवानी का मजा ना ले पाओ. तुम अनमोल से चुदवा कर जवानी का पूरा उठाओ.
मेरा मन तो पहले से ही अनमोल से चुदवाने को हो रहा था. अब तो मुझे अपने पति से इजाज़त भी मिल गई. मैं बहुत खुश हो गई. मैंने कहा- ठीक है, देखा जायेगा.
वो बोले- देखा नहीं जायेगा, तुम उससे कल ही चुदवा लो. कल उसे कॉलेज मत जाने देना और सारा दिन खूब जम कर चुदवाना और मजा लेना.
मैंने कहा- ठीक है.. मैं कल अनमोल से चुदवाने की कोशिश करूँगी.
उसके बाद हम सो गए.
अगले दिन भावेश के ऑफिस चले जाने के बाद मैं नहाने चली गई. नहाने के बाद मैंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना. मैंने केवल तौलिया को अपने बदन पर लपेट लिया क्योंकि आज मुझे देवर से चुदाई करवानी थी. उसके बाद मैं बाथरूम से बाहर आ गई. अनमोल अभी सो रहा था.
मेरे मन में अभी भी उसके लंड का ख्याल बार बार आ रहा था. मैं उसके लंड को बार बार देखना चाहती थी. मैं उसके रूम में पहुँची तो अनमोल सो रहा था. आज उसकी लुंगी खुल कर बेड के नीचे जमीन पर पड़ी थी. उसका लंड एकदम खड़ा था. मैंने उसकी लुंगी उठा कर ड्रेसिंग टेबल पर रख दी.
उसके बाद मैं अनमोल के बगल में बैठ गई और उसके लंड को देखने लगी. धीरे धीरे मुझे जोश आने लगा और मेरी आँखें गुलाबी सी होने लगीं. मेरा मन कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूँ लेकिन मेरे मन में ख्याल आया कि अनमोल क्या सोचेगा. कहीं वो बुरा ना मान जाये.
मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही. जोश के मारे मेरी चुत गीली होने लगी. मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया. अनमोल फिर भी नहीं उठा तो मैं उसके लंड को सहलाने लगी. लंड छूने के दो मिनट में ही अनमोल उठ गया. उसने मुझे अपना लंड सहलाते हुए देखा तो बोला- लगता है कि आज चुदवाने का इरादा है.
मैंने कहा- कुछ ऐसा ही समझ लो.
वो बोला- फिर आ जाओ.
इतना कह कर कर अनमोल ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया. मैं जोश में आ चुकी थी, इसलिए कुछ भी नहीं बोल पाई. उसके लंड को हाथ लगाने से मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी थी.
अनमोल ने मेरे होंठों को चूमते हुए कहा- और तेजी से सहलाओ.
मैं चुपचाप उसके लंड को तेजी से सहलाने लगी. मैं उसका लंड सहलाती रही और वो मेरे होंठों को चूमता रहा. थोड़ी ही देर में उसका लंड एकदम टाईट हो गया. उसके लंड का सुपारा बहुत ही मोटा था और एकदम गुलाबी सा दिख रहा था. मैंने अपनी उंगली उसके लंड के सुपाड़े पर फिरानी शुरू कर दी तो अनमोल आहें भरते हुए बोला- ओह भाभी, बहुत मजा आ रहा है.
अनमोल जोश के मारे पागल सा हुआ जा रहा था. उसने मेरे बदन पर से तौलिया को खींच कर फेंक दिया तो मैं एकदम नंगी हो गई. मैंने शर्म से अपनी आँखें बंद कर लीं. उसने मेरे निप्पलों को मसलना शुरू कर दिया. मैं जोश से पागल सी होने लगी. मेरी चुत और ज्यादा गीली हो गई. अनमोल ने मेरा चेहरा अपने लंड की तरफ़ करते हुए कहा- देखो भाभी, तुम्हारे सहलाने से ये पूरे जोश में आ गया है. मैंने अपनी आँखें खोल दीं.
वो बोला- भाभी मेरे लंड को अपने मुँह में ले लो.
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ़ खींच लिया तो उसके लंड का सुपारा मेरे मुँह से सट गया.
उसने कहा- लंड चूसो ना भाभी..
मैंने उसके लंड के सुपारे को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं बहुत देर तक उसके लंड को चूसती रही. वो एक हाथ से मेरा सिर सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे मम्मों को मसलता रहा. थोड़ी देर बाद उसके लंड का जूस मेरे मुँह में निकलने लगा. मैंने अभी तक भावेश के लंड के जूस का स्वाद नहीं लिया था, इसलिए मुझे उसके लंड के जूस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था. मैं उसके लंड का सारा जूस निगल गई.
अनमोल बहुत खुश हो गया और बोला- आज तो मजा आ गया. अब चुदवाओ..
मैंने कहा- नहीं.
वो बोला- क्यों.. अभी तो कह रही थीं कि चुदवाओगी… अब कह रही हो.. नहीं?
मैंने कहा- तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है.. मुझे दर्द बहुत होगा.
वो बोला- तो क्या हुआ, मजा भी तो आएगा.
इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चुत को सहलाने लगा. मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी. उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद अनमोल ने एक उंगली मेरी चुत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
अब मुझे खूब मजा आने लगा. मैंने भी जोश के मारे अपने चूतड़ उठाना शुरू कर दिए. थोड़ी ही देर बाद मुझे लगा कि मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.
मैंने शर्माते हुए अनमोल से कहा- अपनी उंगली बाहर निकाल लो.
वो बोला- क्यों, अच्छा नहीं लग रहा है?
मैंने कहा- बहुत अच्छा लग रहा है. लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.
वो बोला- ये तो बहुत अच्छी बात है. जैसे मेरे लंड से जूस निकला था, उसी तरह तुम्हारी चुत से भी जूस निकलेगा.
मैं सच में नहीं जानती थी कि औरत की चुत से भी जूस निकलता है क्योंकि आज तक मेरी चुत का जूस कभी निकला ही नहीं था. इतना कह कर अनमोल उठा और मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में हो गया. उसने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फिराते हुए मेरी चुत को चाटना शुरू कर दिया. मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी.
मैंने अनमोल का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं एक हाथ से अनमोल का सिर अपनी चुत पर दबाने लगी तो वो मेरी चुत को और ज्यादा तेजी के साथ चाटने लगा. मैं और ज्यादा जोश में आ गई. मैंने अनमोल का लंड तेजी के साथ चूसना शुरू कर दिया.
अब तक मैं एकदम बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि अनमोल मुझे चोद दे. तभी मेरी चुत से कुछ गर्म गर्म सा निकलने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. अनमोल ने मेरी चुत का सारा का सारा जूस चाट लिया. अनमोल का लंड भी फिर से खड़ा हो चुका था.
मेरी चुत का सारा जूस चाट लेने के बाद अनमोल मेरे पैरों के बीच आ गया. उसने मेरे दोनों पैरों को फैला कर अपने लंड का सुपारा मेरी चुत के बीच रख दिया. उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मों को मसलते हुए अपने लंड के सुपारे को मेरी चुत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियां भरने लगी. थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाईट हो गया. तभी उसने एक धक्का लगा दिया. दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल गई. उसके लंड का सुपारा मेरी चुत में घुस गया था.
मुझे लग रहा था कि किसी ने गरम लोहे को भाला मेरी चुत में घुसेड़ दिया हो. लेकिन मैंने अनमोल को बिल्कुल भी मना नहीं किया क्योंकि मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और अनमोल का पूरा लंड अपनी चुत के अन्दर लेना चाहती थी. तभी उसने एक जोर का धक्का और लगा दिया. दर्द के मारे मेरे मुँह जोर की चीख निकली और मेरी आँखों में आंसू आ गए. मुझे लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चुत को चीरते हुए अन्दर घुस गया हो.
मैंने दर्द से तड़फते हुए कहा- बाहर निकाल लो अपना लंड, बहुत दर्द हो रहा है.
उसने कहा- थोड़ा बर्दाश्त करो, फिर खूब मजा आएगा.
उसका लंड मेरी चुत में 3″ तक घुस चुका था. तभी उसने एक धक्का और लगाया. मैं दर्द से तड़फ उठी. ऐसा लग रहा था कि कोई मेरी चुत को बुरी तरह से फैला रहा हो. मेरी चुत उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल चुकी थी. उसका लंड 4″ तक मेरी चुत में घुस चुका था.
मैंने कहा- अनमोल, अब रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है. तुम इतना लंड ही डाल कर मुझे चोद दो. बाक़ी का लंड बाद में घुसा देना.
वो बोला- बाद में क्यों, क्या तुम मेरा पूरा लंड अपनी चुत में नहीं लेना चाहती हो?
मैंने कहा- लेना चाहती हूँ.
वो बोला- तो फिर पूरा अन्दर लो.
इतना कहने के बाद उसने पूरे ताकत से एक जोर का धक्का और दे मारा. दर्द के मारे मैं तड़फ उठी और मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा. उसका लंड मेरी चुत में 5″ तक घुस गया था. मैं सिसकारियां लेने लगी.
वो बोला- रो क्यों रही हो?
मैंने कहा- बहुत दर्द हो रहा है. मुझसे ये दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मेरी चुत फट जाएगी.
तभी कॉलबेल बजी.. हम दोनों घबड़ा गए. अनमोल बोला- इस समय पता नहीं कौन आ गया?
मैंने कहा- अब तो रहने दो और जा कर देखो कि कौन आया है.
वो बोला- जाता हूँ, पहले मैं पूरा लंड तो घुसा दूँ.
मैंने कहा- बाद में घुसा देना.
वो बोला- नहीं, मैं अभी ही घुसाऊंगा.. तुम अपने होंठों को जोर से जकड़ लो, जिससे तुम्हारे मुँह से चीख ना निकले.
मैंने अपने होंठों को जोर से जकड़ लिया. उसने मेरी कमर को पकड़ कर बहुत ही जोर का धक्का लगा दिया. मैं मछली की तरह तड़फने लगी. मुझे लग रहा था कि मेरी चुत फट जाएगी. मेरे मुँह से चीख निकलने ही वाली थी कि अनमोल ने अपने हाथ से मेरा मुँह दबा दिया.
इसे भी पढ़े – हिना मुमानी ने ईद के दिन चुदाई की ईदी दी
उसके बाद उसने पूरी ताकत के साथ 2 धक्के और लगा दिए. मेरे मुँह से केवल गूं गूं की आवाज ही निकल पाई और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में समा गया. मैं दर्द के मारे तड़फ रही थी और मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था. मेरे पैर थर थर कांप रहे थे. मेरा दिल बहुत तेजी के साथ धड़कने लगा था और मेरी साँसें भी बहुत तेज चलने लगी थीं. मुझे लग रहा था कि मेरा दिल अभी मेरे मुँह के रास्ते बाहर आ जायेगा.
जरा सा रुकने के बाद अनमोल ने एक झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया. मुझे लगा कि मेरी चुत भी उसके लंड के साथ ही बाहर आ जाएगी. पक्क की आवाज के साथ उसका लंड मेरी चुत से बाहर आ गया. उसने मुझे अपना लंड दिखाते हुए कहा- देखो भाभी, तुम्हारे कुंवारी चुत की निशानी मेरे लंड पर लगी हुई है. इसके बाद आपको मैं कहानी का अगले भाग में बताऊंगी कि मैंने अपने देवर के मोटे लंड से चूत चुदाई की डिग्री हासिल कर लेने के बाद क्या क्या गुल खिलाए.
Rohit says
Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058939556