Antervasna Indian Sex Kahani
Devar Bhabhi Chudai Story, Sister In Law Sex, मै अपने मम्मी पापा व दादी के साथ रहता हूँ, एक बार मेरे मम्मी पापा को मेरे मामा की बेटी की शादी में लुधियाना जाना पड़ा, उनके एक ही बेटी है इसलिए शादी भी बड़ी धूम धाम से हो रही थी। दिक्कत यह थी कि मेरे बी टेक के एग्जाम चल रहे थे इसलिए मै जा नहीं सकता था और मेरी दादी बहुत बुजुर्ग होने के कारण नहीं जा सकती थी वह सारा दिन या तो पूजा करती रहती है या बेड पर लेटी खर्राटे मारती है। Antervasna Indian Sex Kahani
अतः यह तय हुआ कि एक हफ्ते के लिए मेरे ताऊ जी की छोटी बहू जिनकी शादी अभी पिछले महीने ही हुई थी, को बुला दिया जाय। पापा ने ताऊ जी को फोन करके सारी बात बतादी व छोटी भाभी को भेजने को कह दिया। दूसरे दिन छोटे भैय्या भाभी को लेकर आ गए तो मम्मी पापा शादी में चले गए.
भैय्या भी भाभी को छोड़ कर शाम की ट्रेन से गाँव चले गए। इस तरह मै, भाभी और दादी ही अब घर में थे। भाभी ५ बहनों में सबसे छोटी है व उस वक्त सिर्फ 18 साल की थी जबकि मेरे भैय्या ३५ साल के थे, इस बेमेल शादी का कारण भाभी के पिता का न होना व बहुत ही गरीब होना था.
इधर बेरोजगार व नशेडी होने के कारण भैय्या की भी शादी नहीं हो रही थी किन्तु ताऊ जी पुलिस में इंस्पेक्टर थे अतः उन्होंने किसी तरह चक्कर चला कर यह शादी करवा ली। भाभी क्या थी बिलकुल अप्सरा, इतनी खूबसूरत कि छू दो तो मैली हो जाये। लेकिन मेरे मन में उनके लिए कोई भी गलत विचार नहीं था।
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उस दिन जब मै भैय्या को स्टेशन छोड़ कर घर आया तो मैंने भाभी की कमर में हाथ डाल कर कहा, “और सुनाओ भाभी, कैसी रही सुहागरात और कैसे कटा पिछ्ला महीना” भाभी ने कोई ज़बाब नहीं दिया चुपचाप किचिन में जाकर खाना बनाने लगी। मैंने भी कोई ध्यान नहीं दिया।
रात को मम्मी पापा थे नहीं सो मै जाकर एक क्वाटर व्हिस्की का चुपचाप ला कर पी गया और भाभी से बोला, ” भाभी जल्दी खाना लगा दो, मुझे नींद आ रही है.” भाभी बोली, “नींद आ रही है या दारू चढ़ गयी है.” मैने धीरे से उनसे चुप रहने की रिक्वेस्ट की और जल्दी से कमरे में जाकर लेट गया।
लेकिन मै स्टोर से भाभी के लिए बिस्तर निकालना भूल गया। रात में जब मेने करवट ली तो मुझे लगा कि कोई मेरे बगल में लेटा है, मैंने उठ कर लाइट जला कर देखा तो भाभी मेरे बेड पर ही लेटी थी। सोते में उनके सीने से पल्लू हट गया था व नीचे से भी साडी घुटनों से ऊपर आ चुकी थी।
उनकी मस्त चूची व चिकनी दूधिया जांघो को देखकर मेरा सारा नशा हिरन हो गया। भाभी कही जग ना जाये इसलिए मैंने तुरन्त ही लाइट बंद कर दी लेकिन वह चूची और जांघो का सीन मेरी हालत पतली कर रहा था। मै धीरे से भाभी के बगल में आकर लेट गया लेकिन मेरी नींद उड़ चुकी थी।
मैंने धीरे से अपनी लुंगी उतार कर फ़ेंक दी व केवल अंडरवियर में लेट गया फिर धीरे से मैंने एक हाथ भाभी के नंगे पेट पर और एक टांग उनकी चिकनी जाँघ पर रख ली, जब मैंने देखा भाभी ने कोई नोटिस नहीं लिया तो मैंने धीरे से अपनी टांग ऊपर खिसका कर अपना हाथ उनकी मस्त चूची पर रख लिया।
मेरा घुटना अब उनकी चूत को टच कर रहा था। ये पता चलने पर कि उन्होंने चड्डी नहीं पहन रक्खी है, मेरा लंड टाइट होने लगा और मुझ पर मस्ती छाने लगी मैंने धीरे से फिर अपना घुटना उनकी रोंयेदार चूत पर रख कर उनकी चूची को हलके से दबाना शुरू कर दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मेरा मस्ती से बुरा हाल था व मेरा लंड बुरी तरह फनफना रहा था। मैंने धीरे से अपना अंडरवीयर भी उतार दिया, अब मेरा लंड फनफना कर खड़ा था। मैंने धीरे से अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया। उनकी चूत पर हलके हलके रोंये से महसूस हो रहे थे, मस्ती में गलती से मेरा हाथ ने चूत को रगड़ दिया.
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भाभी ने कुनमुना कर मेरी तरफ करवट लेकर एक टांग मेरे ऊपर रख कर मेरे गले में एक बांह डाल ली, तब मेरी समझ में आया कि वो शायद मुझे भैय्या समझ रही थी अतः अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी। अब मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था मैंने धीरे से उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए व फिर पीछे से धीरे से उनकी ब्रा का हुक भी खोल दिया.
अब उनकी चूचियों को मैंने धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया। आप लोग शायद यकीन नहीं करेंगे लेकिन उस वक्त मुझे जन्नत का मजा आ रहा था। अचानक भाभी ने कुनमुना कर मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली, “मान जाओ जी! आपसे होता हवाता तो कुछ है नहीं बस अपना लंड मेरी चूत से रगड़ कर पानी निकाल कर मुझे जलता छोड़ कर सो जाओगे.”
तब मुझे असलियत पता चली कि भैय्या अभी तक भाभी को चोद नहीं पाए है, वो नशा इतना ज्यादा करते है कि उनका लंड फिर खड़ा ही नहीं होता था। अब तो यह जान कर कि भाभी अभी तक कुंवारी है, मेरा लंड बिल्कुल रॉड की तरह सीधा तन गया। मैंने धीरे से कमर आगे करके लंड का दबाब उनकी चूत पर डाल कर उन्हें अपनी बांहों में ले लिया।
जैसे ही मेरे लंड को उन्होंने महसूस किया वैसे ही वह चौंक कर बोली, “अरे भैय्याजी आप ! हे भगवान, मै इनको समझ रही थी, भैय्याजी ये सब गलत है, किसी को पता चल गया तो.” मैंने भाभी को और कस कर बांहों में दबोच कर अपने लंड का दबाब बढ़ाते हुए बोला, “क्या भाभी ! घर में कोई नहीं है, मेरे और तुम्हारे सिवा यह बात किसे पता चलेगी.”
भाभी पर भी धीरे धीरे मस्ती छा रही थी सो वो बोली, “ठीक है भैय्या ! जैसा तुम ठीक समझो” यह सुनकर अब मै निश्चिन्त हो गया, मैंने भाभी से कहा, “भाभी ! प्लीज जरा ये कपडे उतार दो, नगे होकर अगर चुदाई कराओगी तो बहुत मजा आयेगा” भाभी दोनों हाथो से अपना चेहरा ढँक कर बोली, “मुझे शरम आती है.”
तब मैंने खुद ही उठ कर उनकी साड़ी उतार कर सारे कपडे उतार दिए व नाईट बल्ब बंद करके ट्यूब लाइट जला दी। भाभी का नंगा शरीर देख कर मेरा लंड काले नाग की तरह फुंफकारने लगा, भाभी की नारंगी जैसी दूधिया चुचियाँ मस्त टाइट हो रही थी, उनके गुलाबी निप्पल सीधे तने मुझे ललकार रहे थे।
जैसे ही मैंने लाइट जलाई, भाभी बोली, “हाय भैय्या ! प्लीज लाइट बंद कर दो ना, मुझे बहुत शरम आ रही है”, “क्या भाभी ! रोशनी में चोदने और चुदवाने का अलग ही मजा होता है” मै उनके बगल में लेटता हुआ बोला। “बड़े बेशरम हो भैय्याजी”. अब मै बिना किसी डर के बेख़ौफ़ भाभी के होंठो को चूस रहा था.
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और मेरे हाथ उनकी मस्त नारंगी जैसी चूचियो को मसल रहे थे साथ ही साथ मै धीरे धीरे कमर को आगे पीछे करते हुए अपना लंड उनकी मस्त छोटे छोटे रोंयेदार चूत पर रगड़ रहा था। भाभी भी अब फुल मस्ती में आ चुकी थी लेकिन मुझे पता था कि उनकी चूत में अभी तक लंड पेला नहीं गया है इसलिए मै बहुत तसल्ली से काम ले रहा था।
मैंने अपने फनफनाते हुए लंड को धीरे से उनके हाथ में थमा दिया, “ये डंडा सा क्या पकड़ा दिया भैय्या….. हाय मैय्या ! इतना बड़ा और मोटा लंड ??????? ये मेरी चूत में कैसे जायेगा, मेरी तो चूत की धज्जियाँ उड़ जाएंगी, ना भैय्या ना, प्लीज इससे तुम मुझे मत चोदना” भाभी गिडगिडाते हुए बोली।
“तुम पागल हो क्या भाभी ! चूत की भी कभी धज्जियाँ उडी है ? चूत तो बिल्कुल रबड़ जैसी होती है, उसमे जैसा भी लंड पेलो वो उसी के साइज़ में फैल जाती है” मै भाभी को समझाते हुए बोला।
“सच्ची भैय्या ! देखो अपनी भाभी की चूत का ख्याल रखना.”
“तुम बिल्कुल चिंता मत करो, बस थोडा सा जब पहली बार लंड तुम्हारी चूत में जाकर अपनी जगह बनाएगा तो दर्द होगा बस फिर दो चार बार अन्दर बाहर होते ही जगह बन जाएगी और फिर मौजा ही मौजा होगी मेरी भाभी जानेमन”. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने कस कर लंड को भाभी की कमसिन कुंवारी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया, भाभी भी अब सिसकारियाँ लेने लगीं थी। उनकी चूत पनीली हो चुकी थी। “हाय हाय ! बहुत मजा आ रहा है भैय्याजी, इतना मजा तो मुझे आज तक नहीं मिला, ओओओह भैय्या… आआआआआह मेरी जान, अब अपने इस लंड को मेरी चूत में पेलो ना…. ओ भैय्या…. तुम बस चोदो अब… ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत की धज्जियाँ ही तो उडेंगी तो उड़ जाने दो बस अब तुम मेरी चूत को आज ढंग से चोद दो मेरे राजा.”
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भाभी को इस तरह बडबड़ाते देख कर मै समझ गया कि भाभी अब पूरी तरह से मस्ती में आ चुकी है, मैंने उनके दोनों कंधो को कस कर पकड़ कर एक झटके में अपना आधा लंड उनकी चूत में ठांस दिया। “हाआआआय भैय्या ! मर गयी….. प्लीज अपने लंड को बाहर निकाल लो, मै तुम्हारे पाँव पड़ती हूँ.”
“बस बस मेरी जान थोडा सा सबर करो, मैंने तुम्हे समझाया था ना…. बस थोडा सा और उसके बाद फिर जन्नत है मेरी जान” यह कह कर मैंने चुचियों को रगड़ते हुए बाकी का लंड भी भाभी की चूत में पेल दिया। “हाय हाय निर्दयी ! तेरे दिल में बिलकुल भी रहम नहीं…. छोड़ दे मुझे कमीने” भाभी ने अब दर्द से छटपट़ाते हुए गलियाँ बकनी शुरू कर दी.
लेकिन मैंने बिना उन्हें छोड़े लंड को एक बार बाहर निकाल कर एक झटके में पूरा ठांस दिया, लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ जड़ तक पेवश्त हो गया “ओ मर गयी कमीने ! तूने मेरी चूत फाड डाली…. भगवान करे तेरी बहन को गधे के लंड जैसा खसम चोदे और उसकी चूत फाड के रख दे…. अब तो छोड़ दे कमीने” कहती हुई भाभी जोर जोर से रोने लगी।
मैंने भाभी को पुचकारते हुए उन्हें समझाया “मेरी जान, लंड को तुम्हारी चूत में जो जगह बनानी थी वो बना चुका, अब जब मजे की बारी आई तो तुम चिल्ला रही हो, मैंने तुम्हे क्या कहा था ?” “सच्ची कह रहे हो भैय्याजी”, “बिलकुल सच्ची मेरी जान” यह कह कर मैंने भाभी की टांगे ऊपर की तरफ उठा कर फैला दी.
जिससे चूत भी थोड़ी फैल गयी और लंड को आराम से पूरी आने जाने को जगह भी मिल गयी। अब मैंने बिना रुके अपने लंड की राजधानी एक्सप्रेस भाभी की चूत की पटरी पर फुल स्पीड से दौड़ा दी। हाय हाय करने वाली भाभी अब कमर उचका उचका कर चुदवाने में सहयोग कर रही थी।
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“हाय भैय्याजी ! तुम सही कह रहे थे, वाकई अब तो जन्नत का सा मजा आ रहा है….. आआआह और चोदो मेरे राजा….. पूरा लंड अब ठांस दो मेरी चूत में, और चोदो आआआआह आआआआआह ओ मेरे राजा आआआआआआआआअह ओओओह बाआआआआस” यह कह कर भाभी मुझसे कस कर चिपक गयी। मुझे अपने लंड पर गरम गरम लावा सा बहता महसूस हुआ, भाभी पूरी तरह से मस्त होकर झड चुकी थी, मेरी गाड़ी भी अब स्टेशन के नजदीक थी.
मैंने फुल स्पीड में भाभी को चोदना शुरू कर दिया, थोड़ी देर में मेरे लंड ने भी भाभी की चूत में फव्वारा छोड़ दिया, काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और एक दूसरे की बांहों में नंगे ही सो गए… रात में एक बार जब आँख खुली तो देखा लंड फिर खड़ा था मैंने भाभी की चूत में डाल के फिर एक बार कस कर भाभी को चोदा, इस बार भाभी ने भी कमर नचा नचा कर चुदाई का पूरा मजा लिया फिर हम लोग नंगे ही सो गए, कपडे पहनने की अब हम दोनों में से किसी को भी शायद जरूरत नहीं थी।
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