Desi Night Incest Sex
रात का समय था। घर में शांति छाई हुई थी, लेकिन लिविंग रूम में माँ और बेटे के बीच एक खेल चल रहा था। बेटा, राहुल, 20 साल का जवान लड़का था, जो अपनी माँ से कुछ अलग ही सुख लेना चाहता था। माँ, सीमा, 42 साल की सुंदर औरत थी, जिसकी बॉडी अभी भी जवानी की तरह आकर्षक थी। Desi Night Incest Sex
वे दोनों सोफे पर बैठे थे, और ट्रुथ ऑर डेयर का खेल खेल रहे थे। शुरू में सब कुछ हल्का-फुल्का था, लेकिन राहुल के मन में कुछ और ही चल रहा था। सीमा ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘बेटा, ट्रुथ या डेयर?’ राहुल ने कहा, ‘ट्रुथ।’ सीमा ने पूछा, ‘तेरी क्रश कौन है? स्कूल में कोई लड़की?’ राहुल ने हंसते हुए जवाब दिया, ‘माँ, अभी तो कोई नहीं।’
फिर राहुल की बारी आई। उसने कहा, ‘माँ, ट्रुथ या डेयर?’ सीमा ने चुना, ‘डेयर।’ राहुल ने कहा, ‘चाय बना लाओ।’ सीमा हंस पड़ी और किचन चली गई। चाय लेकर लौटकर उसने राहुल को चिढ़ाया, ‘बेटा, इतना आलसी हो गया है?’ खेल जारी रहा। सीमा ने राहुल को डेयर दिया कि वह नाच ले, राहुल ने थोड़ा सा नाचा। लेकिन अब राहुल की बारी थी।
राहुल ने कहा, ‘माँ, ट्रुथ या डेयर?’ सीमा ने सोचा और कहा, ‘डेयर।’ राहुल की आँखों में चमक आ गई। ‘मुझे किस करो।’ सीमा चौंक गई, ‘क्या? बेटा, ये क्या बकवास है?’ लेकिन खेल के नियम थे। झिझकते हुए सीमा ने राहुल के गाल पर हल्का सा किस किया। राहुल का दिल धड़क रहा था। अगली बारी में सीमा ने ट्रुथ चुना, राहुल ने पूछा माँ केहोश रखते है.
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सीमा ने थोड़ा सोच के बोली, हां. राहुल ने डेयर लिया। सीमा ने कहा, ‘अपनी शर्ट उतार दो।’ राहुल ने बिना हिचक शर्ट उतार दी। सीमा ने कहा,बेटा ट्रुथ या डेयर राहुल ने कहा, ‘माँ, डेयर।’ सीमा ने कहा, ‘अपनी पैंट खोलो।’ राहुल ने पैंट उतार दी, अब वह अंडरवियर में था। सीमा की नजरें नीची हो गईं।
राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘माँ, अब मेरी बारी। ट्रुथ या डेयर?’ सीमा ने डेयर चुना। राहुल ने कहा, ‘अपनी ब्रा खोलो, लेकिन ब्लाउज के ऊपर से।’ सीमा का चेहरा लाल हो गया। ‘राहुल, ये क्या? मैं तेरी माँ हूँ!’ लेकिन राहुल ने कहा, ‘खेल के नियम हैं माँ।’ झिझकते हुए सीमा ने ब्लाउज के हुक खोले, ब्रा ढीली हो गई। उसके बड़े चूची अब और साफ दिख रहे थे।
सीमा ने कहा, ट्रुथ या डेयर राहुल ने ट्रुथ चुना। माँ ने कहा, क्या तुम अपनी gf को यहां लाए हो? राहुल ने हाँ में जवाब दिया। सीमा कब यहां लाए हो? राहुल ने डरते हुए कहा माँ आप मार्केट गए थे तब लाया था। राहुल ने ट्रुथ या डेयर माँ। सीमा ने डेयर लिया।
राहुल ने कहा माँ मेरा लंड पकड़ो। राहुल ने अपना पेंट और अंडरवेयर उतर दिया उसका ८ इंच का लंड और ३ इंच मोटा था। सीमा ने मना किया, लेकिन राहुल ने जिद की। आखिरकार, काँपते हाथों से सीमा ने राहुल का लंड पकड़ा। वह गर्म और सख्त था। राहुल ने आह भरी।
अगली डेयर में राहुल ने कहा, ‘मुझे किस करो, नीचे।’ सीमा गुस्से में थी, ‘नहीं, ये बहुत हो गया!’ लेकिन राहुल ने कहा, ‘खेल है माँ।’ सीमा ने झुककर राहुल के लंड पर हल्का सा किस किया। उसकी जीभ छू गई, और राहुल का लंड और सख्त हो गया। सीमा अब गुस्से से तिलमिला रही थी। ‘बस, अब बहुत हो गया! ये खेल बंद करो!’
राहुल ने कहा, ‘माँ, एक आखिरी डेयर है।’ सीमा ने सोचा और डेयर चुना। राहुल ने कहा, ‘माँ, तुम दुल्हन की तरह तैयार हो जाओ, आओ।’ सीमा को शक हुआ। ‘क्या मतलब?’ राहुल ने कहा, ‘जैसे शादी में पहनती हो।’ सीमा संदेह से भरी हुई कमरे से चली गई। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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कुछ देर बाद वह लौटी, लाल साड़ी पहने, जिसकी ब्लाउज टाइट थी, उसके चूची उभरे हुए थे। मांग में सिंदूर भरा हुआ, माथे पर बिंदी, कानों में झुमके। वह बेहद सेक्सी लग रही थी। साड़ी का पल्लू हल्का सा सरक गया था, कमर नजर आ रही थी। राहुल की साँसें तेज हो गईं।
राहुल -‘वाह माँ, कितनी सुंदर लग रही हो।’ सीमा थोड़ी मुस्कराई। खेल आगे चलता था। सीमा ने फिर से डेयर लिया। राहुल ने कहा, ‘माँ, तुम मेरी बीवी बन जाओ।’ सीमा का चेहरा गुस्से से तमतमा गया। ‘क्या बकवास है ये? मैं तेरी माँ हूँ, बीवी कैसे बनूँ? ये गलत है!’ राहुल ने कहा, ‘माँ, खेल के नियम हैं। ये सिर्फ खेल है।’
सीमा ने विरोध किया, ‘नहीं, ये पागलपन है। मैं कभी नहीं मानूँगी।’ वह चिल्लाई, रोई, लेकिन राहुल ने जिद पकड़ ली। ‘माँ, अगर तुम्हें खेल खेलना था तो नियम मानो। वरना सबको बता दूँगा कि तुमने हार मानी।’ लंबे समय तक बहस चली। आखिरकार, थककर सीमा ने मान लिया। ‘ठीक है, लेकिन सिर्फ आज की रात।’
राहुल खुशी से उछल पड़ा। वह उठा और सीमा को गोद में उठा लिया। सीमा चिल्लाई, ‘राहुल, क्या कर रहे हो? उतारो मुझे!’ लेकिन राहुल ने उसे सीने से लगाया और बेडरूम की ओर चला दिया। कमरे में घुसते ही उसने सीमा को बेड पर लेटा दिया। सीमा की साड़ी बिखर गई।
राहुल उसके ऊपर चढ़ गया। ‘माँ, अब तुम मेरी हो।’ सीमा ने विरोध किया, ‘नहीं बेटा, ये गलत है। उतर जाओ!’ लेकिन राहुल ने उसके होंठों पर अपना होंठ रख दिया। किस करने लगा उसकी जीभ सीमा के मुँह में डाल दी। सीमा ने धक्का दिया, लेकिन राहुल मजबूत था।
राहुल ने किस जारी रखा। उसके हाथ सीमा के चूचियों पर गए। ब्लाउज के ऊपर से जोर जोर से दबा था। सीमा-‘आह… नहीं… बेटा…’ सीमा विरोध कर रही थी, लेकिन उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। राहुल ने ब्लाउज के बटन खोले। ब्रा बाहर फेक दिया उसकी बड़ी चूचियां पिंजरे आजाद हो गई राहुल जोर से मसलने लगा निप्पल्स सख्त हो गए।
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सीमा बोली, ‘ये गलत है अब… रुक जाओ…’ लेकिन राहुल रुका नहीं। वह नीचे सरका, साड़ी की फंदा खींचा। पेटीकोट खुल गया। अब सीमा आधी नंगी थी। राहुल ने साड़ी पूरी तरह खींच ली। पेटीकोट नीचे सरका दिया। सीमा की चूत नजर आ गई, जो बालों से ढकी थी।
राहुल ने खड़ा हुआ। सीमा के बाल पकड़े और घुटने बल बैठा के ‘माँ, मेरे लंड को चूसो।’ उसका 8 इंच का लंड सीमा के मुँह के पास था, टपक रहा था। सीमा ने मुँह फेर लिया। ‘नहीं, ये कभी नहीं।’ राहुल गुस्से में आ गया। उसने सीमा के गाल पर जोरदार थप्पड़ मारा। ‘चूसो!’
सीमा चिल्लाई, लेकिन राहुल ने फिर थप्पड़ मारा। दो-चार थप्पड़ पड़े। सीमा के गाल लाल हो गए। आखिरकार, डर से उसने मुँह खोला। राहुल ने लंड अंदर ठुस दिया। सीमा का मुँह भर गया। वह घुटने लगी। राहुल ने सिर पकड़कर आगे-पीछे करने लगा। ‘हाँ माँ, अच्छे से चूसो। मेरी बीवी।’
सीमा के आँसू बह रहे थे, लेकिन राहुल रुका नहीं। कभी-कभी वह सीमा के चूचियों पर थप्पड़ मारता, निप्पल्स लाल हो जाते। कभी गांड पर जोर से पीटता, जो लाल निशान छोड़ देता। कभी चेहरे पर। कमरे में थप्पड़ों की आवाज गूँज रही थी। सीमा के मुँह से ‘आह… उफ…’ की आवाजें आ रही थीं।
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राहुल का लंड उसके गले तक जा रहा था। लार टपक रही थी। जो उसके चूचियों पर टपक रही थी दस मिनट तक ब्लोजॉब देने के बाद राहुल ने लंड सीमा के मुंह से बाहर निकला। ‘अब असली मजा।’ वह सीमा को बेड पर लिटाया। उसके पैर फैलाए। चूत पर हाथ फेरा। चुत गीली हो चुकी थी।
‘देखो माँ, तुम्हें भी मजा आ रहा है।’ सीमा बोली, ‘नहीं… ये जबरदस्ती है…’ राहुल ने अपना लंड चूत पर रगड़ा। फिर एक झटके में अंदर डाल दिया। सीमा चीखी, ‘आह्ह्ह! दर्द हो रहा है!’ राहुल का 8 इंच का लंड पूरी तरह अंदर चल गया। वह पेलने लगा। जोर-जोर से धक्के मारने लगा। सीमा की चूत कस रही थी। ‘हाँ माँ, कितनी टाइट है तुम्हारी चूत?
कमरे में ‘पच-पच’ की आवाजें गूंज रही थी। सीमा के चूचियां उछल रहे थे। राहुल ने एक हाथ से चूची पकड़ा, निप्पल चूसने लगा और काटने लगा। सीमा विरोध कर रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसके मुँह से ‘आह… ओह…’ सिसकारी निकलने लगी। राहुल ने स्पीड बढ़ाई। कभी मिशनरी में, कभी डॉगी स्टाइल। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
सीमा को उल्टा किया, गांड ऊपर। गांड पर थप्पड़ मारा। फिर लंड चूत में घुसेड़ा। सीमा की सिसकारियाँ तेज हो गईं। ‘बेटा… धीरे… आह…’ राहुल ने कहा, ‘माँ, चिल्लाओ, बीवी बनकर।’ वह घंटों पेलता रहा। कभी चूत में, कभी मुँह में। सीमा को दो-तीन बार झड़ गई थी। उसकी चूत से रस बह रहा था।
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राहुल ने आखिर में सीमा के अंदर ही झड़ गया। गर्म वीर्य भर दिया। लेकिन रात अभी बाकी थी। राहुल थका नहीं। वह फिर से खड़ा हुआ। सीमा को गोद में उठाया, दीवार से सटा दिया। पैर ऊपर करके चोदने लगा। सीमा के नाखून राहुल की पीठ पर लग गए। ‘आह… बस… रुक जाओ…’ लेकिन राहुल ने गांड पर थप्पड़ मारा। फिर से जोर जोर से चोदने लगा। कमरे में ‘आह आह’ की आवाजें गूँज रही थीं। सीमा के चूची लाल, गांड लाल, चेहरा थप्पड़ों से सूज चुका था। लेकिन अब वह विरोध कम कर रही थी।
राहुल ने उसे बेड पर पटका, ऊपर चढ़ गया। चूचियों को चूसा, चूत चाटी। जीभ अंदर डाली। सीमा काँप गई। ‘ओह… बेटा…’ रात भर यही चला। राहुल ने हर पोजीशन ट्राई की। 69 में, जब सीमा ऊपर थी, लंड चूस रही थी, राहुल चूत चाट रहा था। फिर साइड से चोदा। सीमा की चीखें, सिसकारियाँ, थप्पड़ों की आवाजें। कमरा पसीने और रस से भीगा बदन। सुबह होने को थी, राहुल ने आखिरी बार सीमा को कसकर चोदा। ‘माँ, अब तुम हमेशा मेरी हो।’ सीमा थकी हुई, बोली, ‘बेटा… ये गलत था… लेकिन…’ राहुल ने चुप ने उसके होठों पे किस कर के चुप करा दिया।
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