Virgin Sister Chut Incest
दोस्तों ये कहानी एक भाई बहन की कहानी है जो एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं बहन अपने भाई की होने वाली शादी को सफल बनाने के लिए खुद ही उसका इलाज करती है तो आनंद ले। मैं अपने गांव से दूर हरियाणा में हिसार के पास एक गुरुकुल में पढ़ता था। वहां शुरू से ही बच्चों को योग, कबड्डी और कुश्ती जैसे खेल सिखाए जाते हैं। मुझे कुश्ती में बहुत रुचि थी। Virgin Sister Chut Incest
मैं रोज सुबह-शाम लंगोटी पहनकर गुरुकुल के अखाड़े में लाठी चलाता और दोस्तों के साथ कुश्ती का अभ्यास करता। इससे मेरा शरीर बहुत मजबूत हो गया था। गुरुकुल में पढ़ाई पूरी करने के बाद मुझे एक स्पोर्ट्स कॉलेज में कोच की नौकरी मिल गई और मैंने फोन पर अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी। मम्मी ने मुझे ज्वाइन करने से पहले गांव आने को कहा क्योंकि मैं गुरुकुल ज्वाइन करने के बाद घर नहीं गया था।
मैं शाम को गांव पहुंचा। इस दौरान गांव का नक्शा बदल चुका था। विकास के काफी काम हुए थे। घर पर मम्मी-पापा ने मुझे गले लगा लिया। घर में दिवाली जैसा माहौल था, तभी मुझे कुछ याद आया और मैंने पूछा कि मेरी छोटी बहन पुष्पा कहां है? अचानक लहंगा चोली (हमारे गांव का पहनावा) पहने एक खूबसूरत लड़की मेरे सामने प्रकट हुई।
पुष्पा का रूप यौवन देखकर मैं दंग रह गया। वह पूरी जवानी से लबरेज थी। उसके स्तन चोली के बटन तोड़ कर बाहर आने को आतुर लग रहे थे। चोली और लहंगे के बीच मखमली सफेद कमीज में गहरी नाभि थी और उसके नीचे योनि के ठीक ऊपर जघन हड्डी पर लहंगा था… उफ्फ! मेरा ब्रह्मचर्य डोल गया.. सुंदर स्त्री को देख कर मर्द में एक स्वाभाविक आकर्षण होता है…मन डोल गया.. पता नहीं कौन किस्मत वाला इस मर्द को खोलेगा।
मैं उसे दीवानों की तरह देख रहा था। दरअसल गांव में सब कुछ एकदम देसी है। खुली और स्वच्छ हवा, हवा ने उसे देसी पटाखा बना दिया था। मम्मी बोली अरे ये पुष्पा है तेरी बेटी बहन। देख कितनी बड़ी हो गई है। जब तू पढ़ने गया था तब छोटी बच्ची थी। पुष्पा शर्मा दौड़ कर मेरे पास आयी और भैया कह कर मुझे कस कर गले लगा लिया।
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मैंने भी उसे कस कर गले लगा लिया और उसके सख्त स्तन मेरे सीने से दब रहे थे। मुझे मजा आ रहा था तो मैंने उसे और कस कर अपने सीने से लगा लिया और फिर मेरे दोनों हाथ उसके भारी नितम्बों पर कस गए। जैसे ही उसने मेरे लिंग को अपनी योनि पर दबाते हुए महसूस किया, उसने मेरी आँखों में देखा और शर्मिंदा होकर पीछे हटने लगी लेकिन मैंने जबरदस्ती उसके मोटे नितंबों को टोकरी में ठूंस दिया और उसे वैसे ही घुमाया जैसे बचपन में किया करता था।
पुष्पा मुझसे 6 साल छोटी है लेकिन उसका वजन ज्यादा था। वो 11वीं में थी। वो मुश्किल से 16 साल की थी लेकिन पहले से ही हॉट बन चुकी थी.. मैं कभी ऐसे जाल में नहीं फंसा लेकिन पुष्पा ने मेरा दिल चुरा लिया था… वो मेरी सगी बहन थी.. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ..
मैंने अपने कपड़े बदले और मम्मी और बहन पुष्पा के पास गया जहाँ वो खाना बनाने की तैयारी कर रही थीं। पुष्पा ने भैया से पूछा तुम बताओ आज क्या बनाना है, मैंने कहा मम्मी जो भी मुझे पसंद आएगा, वो बना देगी., माँ ने पुष्पा से कहा चलो खाना बनाते हैं फिर मैं और नौकरानी खाना बनाएंगे तुम जाकर अपने भाई से बात करोगी और उससे पूछोगी कि शहर और गाँव में क्या फर्क है..
पुष्पा और मैं बचपन का लुत्फ़ उठा रहे थे लेकिन मेरा ध्यान बार-बार उसके उठते-गिरते स्तनों की तरफ जा रहा था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ… पुष्पा के मन में बहुत सारे सवाल थे, मसलन, शहर की लड़कियाँ ज़्यादातर किस तरह के कपड़े पहनती हैं, लड़कों को गाँव की लड़कियाँ पसंद आती हैं या शहर की लड़कियाँ। मैं भी उससे बातचीत का मज़ा ले रहा था.
पुष्पा ने पूछा अच्छा भैया एक बात बताओगे सच्ची- सच्ची मैंने कहा पूछो वो बोली, आपने कॉलेज में कोई गर्ल फ्रेंड बनाई क्या? मैंने सुना है शहर में ये आज कल गर्ल फ्रेंड बॉय फ्रेंड का चलन बहुत आम है.. मैंने कहा ये चक्कर तो गांव में भी आम है क्या तेरा भी कोई बॉय फ्रेंड है तो बता… हट कोई ऐसी बात करता है अपनी बहन से.. मैंने कहा इसमें गलत क्या है हम दोस्त की तरह हैं… और दोस्ती किसी के भी साथ हो सकती है..
मसलन तू मेरा दुश्मन तो नहीं है ना तो क्या हुआ दोस्त.. और लड़की है इसलिए क्या हुई लड़की दोस्त.. हट आप बड़े बदमाश हो गए हो शहर जा कर, कोई ऐसे भी अपनी बहन से बोलता है.. अरे पागल क्या बहन दोस्त नहीं हो सकती वो चुप हो गई .चल आज से हम पक्के दोस्त हैं चल हाथ मिला.. मैंने हाथ मिला कर एक उंगली से उसकी हथेली को खुजाया और आंख मार दी.
उसने भी मेरे हाथ को हल्का सा दबाया और आंख मारी और शरम से मुंह छुपा लिया। मैंने खींच कर अपने सीने से लगा लिया..है उसके चूचे…फिर मैंने उसके गाल को जोर से मुंह में भर लिया…है..भैया…छोड़ो आप..बड़े वो हो…कोई ऐसा भी करता है अपनी सगी बहन से.. मैंने हंसते हुए कहा दोस्त से तो कर सकता है.. तू तो मेरी दोस्त भी है ना.. चलो ज्यादा बातों में ना उलझो.. और चलो खाना खाने चलो..
मैंने कहा मेरी वर्जिस का टाइम हो गया है, बाद में खा लूंगा. मैने कमरे में जा कर कपडे उतारे और लंगोट कस लिया। फिर मुझे कमरे मैं ही दंड पेल रहा था कि खाने पर बुलाने के लिए पुष्पा आ गयी और दरवाजे पर खड़ी हो कर मुझे देखने लगी। उसकी परछाई को देख कर मैं खड़ा हो गया। वो मस्कुराते हुए बोली के भैया आपकी बॉडी तो बहुत सॉलिड हो गई है।
फिर उसकी नज़र अलग हो गई, मेरे लंगोट पे अटक गई। मेरे जवान लंड और बड़े बड़े अंडेकोश से लंगोट पोटली की तरह लग रहा था। फिर जैसे सपने से जागते हुए पुष्पा बोली के भैया मेरी एक बात मानोगे? मैंने कहा बोलो तो उसने कहा के शरीर के किसी अंग को जोर से बांधने से नसें टूट जाती है, आप लंगोट ना बांधा करो नहीं तो मेरी होने वाली भाभी के लायक भी नहीं रहोगे और फिर ये बॉडी भी भाभी को बेकार ही लगेगी।
मैंने कहा कि मुझे समझ नहीं आया। पुष्पा बोली बाद में समझ दूंगी. हमने खाना खाया और सोने चले गए. गर्मियों के दिन इसलिए हम ऊपर छत पर सोए.. वो मेरे साथ लेट कर देर रात तक मेरे से बातें करती रही.. मम्मी सो चुकी थी. फिर बातें करते-2 मैंने पूछ ही लिया के पुष्पा तुम लंगोट बांधने के नुक्सान के बारे में बता रही थी।
पुष्पा मेरी ओर सरकते हुए मेरे कान में आहिस्ता से बोली “लड़कों का वो जो होता है ना.. मैंने सुना है लंगोट बांधने से उसकी नसें कामजोर हो जाती हैं और…” ये बोल कर पुष्पा चुप हो गई तो मैंने अंजन बन कर कहा वो क्या.. किसकी बात कर रही हो तुम?
पुष्पा बोली इतने भोले ना बनो.. वही जो शादी के बाद लड़कियों के काम आता है.. नसें कामजोर होने से वो पूरा खड़ा नहीं हो पाता.. और.. और.. अब तुम्हें क्या समझूं.. गुरुकुल में रह कर निरे बुद्धू ही रह गए. शहर में रह कर तो अजकल के लड़के सारी बातें सीख जाते हैं।
इतनी सी बात से ही मेरे लंड में करंट आना शुरू हो गया। मैंने नाटक करते हुए कहा ‘अब मैं क्या करूं, मुझे तो लंगोट बांधते हुए कई साल हो गए हैं। हमारे गुरु जी कहते थे की ताकत बढ़ाने के लिए लंगोट कसना जरूरी है।पुष्पा बोली के आपके गुरु शादी शुदा हैं? मैने कहा के नहीं हम अविवाहित हैं।
पुष्पा बोली “तभी तो नहीं जानता कि जिस चीज को जबरदस्ती रोकने की कोशिश करोगे वो नुक्सान भी कर देती है। मुझेतो शक है कि कहीं तुम्हें भी लंगोट का नुक्सान न हो गया। “मैंने कहा के प्लीज पुष्पा बताओ ना अब मैं इसको कैसे ठीक करूं? पुष्पा बोली “मम्मी पापा को ना बताना, नहीं तो उन्हें आपकी शादी की बहुत चिंता हो जाएगी।”
भैया मुझे शर्म आ रही है लेकिन आपकी भलाई के लिए पूछना पड़ रहा है.. अच्छा एक बात बताओ क्या आपका वो लड़की को देख कर खड़ा और मजबूत होता है या नहीं?” मैने झूठ बोलते हुए कहा के नहीं, मेरा तो थोड़ा सा फूलता है पर कभी सीधा खड़ा नहीं होता।
पुष्पा ने कहा कि थोड़ा सा तो फूलता है जो मुझे पहले दिन ही जब आपके गले मिली तो पता चल गया था लेकिन पहली रात को औरत का किला फतेह करने के लिए वो बहुत कठोर और ताकतवर होना चाहिए। मैंने कहा कि तुमने ये सब कहां से सीखा ? पुष्पा बोली “मेरी 2-3 सहेलियों की शादी हो चुकी है, वो मुझे सारी बातें बताती हैं।”
फिर कुछ गंभीर होते हुए बोली कि अपने भाई की जिंदगी बचाने के लिए मुझे कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा। मुझे थोड़ा टाइम दो, मैं जरूर अपने भाई की मदद करूंगी। ध्यान रहे, के मम्मी पापा को इसकी भनक तक नहीं लगनी चाहिए वरना वो बहुत दुखी हो जायेंगे।” बेचारी पुष्पा को क्या पता के मेरा लंड तो उसी टाइम तोप की तरह खड़ा हो चुका था।
बातें करते करते पुष्पा की आंख लग गई और में ही उसने मेरी कमर में हाथ डाल कर एक टांग मेरे ऊपर रख दी। मैंने भी कुल्हे पे हाथ का दबाव देकर उसे अपने से चिपका लिया। हमारी सांसे एक दूजे मैं मिल गयी. चांदनी रात में उसका सुंदर मुखड़ा बड़ा प्यारा लग रहा था। मैंने धीरे से उसके होठों और गालों की चूम्मीं ली.. उफ्फ मेरा लंड खड़ा होकर उसके पेट पे जा लगा पर वो इतनी चुकी थी।
मेरे ऊपर चढ़ने के कारण उसकी एक मसल जांघ से लहंगा सरक गया था और चांदनी में नहाई हुई दूधिया जांघ को देख कर मेरा लंड फटने को हो रहा था।पहला मौका था इसलिए मुझे कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था।मैंने उसके गाल से गाल सटाया और कमर में हाथ डाल कर मधुर ख्यालों में खो गया.
सुबह पुष्पा उठी तो मुझे लगा वो कुछ परेशान थी। नाश्ते पर पुष्पा ने मुझे देखा तो मैं भी बहुत उदास और परेशान होने का नाटक करने लगा जैसे मेरे पास उस मसले का कोई हल नहीं था। मैं एक हसीन लडका था और पुष्पा कहती थी लम्बा और खूब सीने का मालिक था। भरे-भरे बाजू और चौड़ी छाती मेरी मर्दानगी में इजाफा कर रही थी।
लड़कियों के कुदरती ज्ञान की हैसियत से कहती हैं पुष्पा जानती थी कि ये एक मानसिक मसला है कोई बीमार नहीं है। क्या बीमारी में दूसरी वजह भी होती है ऐसा नहीं होता कि अचानक आदमी अपनी जिंस कुव्वत खो कर एक दिन और नामर्द बन जाए। लेकिन मेरे साथ तो कोई मसला ही नहीं था, मैं तो पुष्पा के सामने सिर्फ नाटक कर रहा था।
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खैर मेंने मौका मिलते ही एक तरफ बुला कर पुष्पा को कहा कि मैं क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा। पुष्पा बोली कि आज रात को देखती हूं कि क्या किया जा सकता है। सारा दिन पुष्पा परेशान रही और कुछ उसे समझ में नहीं आ रहा था. मैं उसका सगा भाई परेशान था और किसी ना किसी को कुछ ना कुछ करना ही था। लेकिन क्या किया जाए.
पुष्पा ने बहुत सोचा और कुछ भी नतीजा नहीं निकला। उस रात को पुष्पा अपने कमरे में थी और सोती तो खैर क्या बस लेटी हुई थी। मम्मी ने पुष्पा को कहा “अरी ओ पुष्पा ..एक ही दिन में सारी बातें करली क्या? जा अपने भैया से बातें कर. बेचारा इतने दिन अकेला रह रहा है.. जा उसका भी दिल बहाल हो जाएगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पुष्पा को तो जैसे इशारे का इंतज़ार था. वो मेरे पास आई जहां मैं दूसरा कामरे में था और पुष्पा समझ रही थी थे कि मैं कितनी चिंता में हूंगा और क्या सोच रहा हूंगा. पुष्पा बोली, “चलो भैया छत पर ही बातें करते हैं..चांदनी रात में खुले आसमान के तले मुझे मजा आता है. उसने मेरा हाथ पकड़ कर उठाया और मुझे छत पे ले गई।”
उसने नाइटी पहन ली थी और मैं सिर्फ बनियान और लुंगी में था। वो मेरे साथ लेट गई और चांद की तरफ देखते हुए बोली..आह कितना प्यारा लग रहा है चांद बिल्कुल मेरे भैया जैसा। मैने उसे फिर याद दिलाया “पुष्पा मैं तुझे इतना ही प्यारा लगता हूंतो मेरी समस्या का भी तो कुछ हल निकलो।
फिर अचानक पुष्पा को एक घटना याद आ गई जब एक लडके ने छाया से एक दिन पहले इसी वजह से आत्ममहत्या कर ली थी। हमें पता नहीं तो पुष्पा को बेचैन कर दिया और पुष्पा और घबरा गई। वो बोली के भैया आप ऐसा वैसा कुछ दिमाग में ना लाना, भगवान ने चाहा तो सब ठीक हो जाएगा।
पुष्पा ने देखा के में बरगद और लुंगी पहने हुए हूं और आसमान को ताक रहा हूं तो पुष्पा बहुत घबराई हुई थी। नीचे मम्मी पापा सो रहे थे लेटे लेटे पुष्पा ने कहा कि मेरी तबियत खराब हो रही है और सांस फूल रही है. मैंने पूछा मम्मी पापा को बुला सकता दूं तो पुष्पा ने नहीं कहा अभी रहने दो बस मुझे पानी पिलादो।
मैं पानी ले गया और वापस आया तो देखा के पुष्पा अपना सीना मसल रही थी। पुष्पा ने पानी पीकर फिर से सीने को सहलाना शुरू कर दिया मैंने पूछा तो वो बोली के भाई कभी -2 मेरी छातियों में बहुत दर्द होता है, भारीपन महसूस होता है, मेरे हाथ दुखने लगे हैं, प्लीज थोड़ा सा सहला दो, बहुत दर्द हो रहा है।
मेरे बिस्तर पर उसके बराबर लेट कर उसका सीना सहलाने लगा तो मेरा हाथ उसकी चूचियों को भी छू रहा था। मैं सीने के साथ-साथ उसकी चूचियां भी सहलाने लगा। लंड सर उठने लगा तो मैने सांसें रोक ली ताकि मेरे नाटक का भंडा ना फूटे। पुष्पा की सांसे तेज हो गई थी।
मुझे अस्पताल ले जाने के लिए कहने लगा। पुष्पा ने कोई जवाब नहीं दिया और मुसलसल अपने सीने को मसलवाते हुए बेकरार होने लगी। मैं पुष्पा के सीने को सहला रहा था और इसी दौरान पुष्पा के सीने से नाईटी में उतार गयी। नाइटी के लेस शायद उसने पहले ही खोले हुवे थे इस वज़ह से पुष्पा के चुचे बिल्कुल बाहर हो गए।
ये देख कर मैं जरा सा रुका तो पुष्पा बोली कि दबाओ ना भैया, रुक क्यों गए, मुझे बहुत दर्द है। उसकी बेकरारी को देख कर मैं जो से चूचियों को सहलाने लगा। पुष्पा ने अपनी नाइटी के दोनों पल्लू हटा दिए और गर्मी की वजह से शिकायत करने लगी और उसके साथ ही नाइटी पूरी तरह उतर गई। अरे बाप रे ! केले के तने जैसी गदराई जांघें और डबल रोटी की तरह फुल्ली हुई चूत चांदनी रात में लस्कारे मार रही थी।
मैने नई चादर पुष्पा पर डाली तो पुष्पा नई गर्मी की रट लगा कर चादर फिर हटा दी और फिर से नंगी होगई। मैने फिर चादर डालने की कोशिश नहीं की। मैं नहीं पुष्पा की टांगों को सहलाना शुरू कर दिया। पुष्पा की नाइटी चादर बन चुकी थी और वो बिल्कुल नंगी हो चुकी थी।
मैं पुष्पा की जाँघों पर हाथ फेर रहा था कि पुष्पा ने अपना दायां हाथ आहिस्ता से लुंगी से ढके मेरे लंड पर रख दिया और फिर उसके मुँह से निकला ” है राम! ये तो अब भी खड़ा नहीं हुआ, अब क्या करूं। मैंने प्राणायाम से सांस रोक कर लंड को खड़ा नहीं होने दिया था।
फिर पुष्पा उठ बैठी और मेरी टांगों की तरफ चेहरा करके लंड पर से लूंगी हटा दी। अंडर वियर मैने पहले है उतार दिया था और पुष्पा बड़ी दिलचस्पी से लंड खींच रही थी। फिर पुष्पा बोली “भैया थोड़ी देर के लिए आपको मेरा कहना मानना पड़ेगा, कुछ देर के लिए आप भूल जाओ कि मैं आपकी बहन हूं, आप सिर्फ ये ख्याल में लाओ के हम दो प्रेमी हैं और मैं आपकी एक जवान और ख्वाबों में आने वाली प्रेमिका हूं.. मैं एक लड़की हूं और कुछ नहीं, आपके मन में शायद बहन की तस्वीर है जिसने ये खड़ा किया नहीं हो रहा है”।
मैने कहा ठीक है. उसका हाथ रफ़्ता रफ़्ता मेरे लंड की तरफ बढ़ रहा था और वो मेरे लंड को लगातार देख रही थी। पुष्पा ने लंड को अपने मुलायम हाथ में लिया और बोली “बैठी हालत में भी कितना मोटा और लम्बा है, खड़ा करने की कोशिश करती हूँ” ये बोल कर उसने लंड को पहले तो चूमा और फिर मुँह में ले कर लाली पाप की तरह चूसने लग गई।
जब वो सुपाड़े की गर्दन को जीभ से गिटार बजाने की तरह तेजी से छेड़ने लगी तो लंड मेरे कंट्रोल से बाहर हो गया और लंड फुंकार के साथ उसके गले में फंस गया। उसने लंबे समय तक लंड को चूस चाट कर मुंह से बाहर निकाला और बोली “थैंक्स गॉड, मेरी दुआ कबूल हो गई”।
पूरे 10″ का लौड़ा फन उठाये खड़ा था, उसके मुख रस से लंड का सुपाड़ा चांदनी में चमक रहा था. और पुष्पा उसे बड़े प्यार से निहार रही थी। उसने एक हाथ से लंड को पकड़ रखा था लेकिन लंड की मोटाई की वजह से मुठ्ठी में समा नहीं रहा था। फिर ये कहते हुए वो दोबारा लंड पे झुक गई और इसका स्टैमिना भी देखना पड़ेगा। पुष्पा लंड के मोटे सुपाड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी और मुंह को ऊपर उठाने लगी।
मुझे आश्चर्य था कि एक कुंवारी लड़की होते हुए भी उसको सब पता था कि लंड का लंड कौन सा हिसा ज्यादा कामुक होता है. वो बड़ी लगन से लंड चूस रही थी और मैं उसकी रेशमी जुल्फों को चेहरे से हटा रहा था जो बार बार उसके गोरे मुखड़े पे ढलक आती थी। कुछ ही देर में मेरे सबर का बांध टूट गया और वीर्य की पहली तेज धार उसके गले से टकराई तो वो कुछ संभल गई.
लंड से पिचकारियां छूट रही थी लेकिन उसने लंड को मुंह से बाहर नहीं निकाला। उसने लंड को पूरी तरह से निचोड़ कर सारा वीर्य पी लिया और मुरझाया हुआ लंड बाहर निकाल कर बोली “आपका पहलवानी पानी तो बहुत गाढ़ा रबड़ी जैसा स्वादिष्ट है..पता नहीं कितने दिनों से इक्कठा किया हुआ था..मेरा तो पेट भर गया। लेकिन पानी जरा जल्दी छूट गया।.. ये कमजोरी भी शायद लंगोट बांधने से ही हुई है.. आप चिंता ना करना..अभी पूरा ठीक होने में टाइम लगेगा।”
मैने पूछा के तुमने इसका पानी क्यों पिया। पुष्पा बोली के बिस्तर पर गिर जाता और मम्मी को पता लग जाता तो? और सच कहूं तो भैया मुझे इसका पहलवानी पानी बहुत अच्छा लगा। अब तो जाओ आज के लिए इतना ही काफी है बाकी कल देखते हैं। अगले दिन में पुष्पा के आस-पास मंडराने लगा तो एकांत पर कर उसने मुझे याद दिलाया कि अब दिन है और दिन में आप मेरे भैया हैं, रात की बात अलग है, रात का इंतजार करो।
मैने पुष्पा को अपने पास खींचा और उसका चुम्मा लिया और धन्यवाद कहा। रात को डिनर के बाद हम फिर छत के कमरे में एक ही बिस्तर पर साथ-साथ लेटे हुए थे। पुष्पा ने कहा के भैया मेरे ट्रीटमेंट का कल अच्छा नतीजा निकला के शुरूवात तो हुई। आज आप खुद ट्राई करें और देखें कि कितना फ़ायदा हुआ है।
मैने कहा के कैसे देखूं? पुष्पा बोली कि कल की तरह कल्पना करो कि मैं आपकी गर्लफ्रेंड हूं और आप मुझे पटाने की कोशिश कर रहे हैं यानी वो चीज मांग रहे हैं। मैं बोला कि कौन सी चीज? पुष्पा खीज कर बोली ” है राम ! कितना बुद्धू है. अरे इतना भी नहीं पता कि लड़का लड़की से क्या मांगता है..अब तुझे क्या समझूं?
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मुझे बोला के मुझे कुछ समझ आया लेकिन मैं वो चीज तुमसे कैसे मांग सकता हूं? पुष्पा झल्ला कर बोली कि कितनी बार कहा के इलाज के समय आप मुझे सिर्फ एक सैक्सी लड़की की नजर से देखेंगे और बहन वाली सोच दिमाग से निकल देंगे। भैया बोले क्या मैं तुम्हें अपनी प्रेमिका मान लूं और प्यार करूं.
मैं बोली हां मेरे भैया लेकिन सिर्फ इलाज के लिए, ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए मैंने लुंगी उतार दी और पुष्पा को अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा उसकी नाईटी में हाथ डाल कर चूची को सहलाने लगा मैंने पूछा छोटी तेरे सीने का दर्द कैसा है दबा दूं तेरे दूध वो शरमा कर बोली आप भी ना कितने बुद्धू हो.
मैंने आपके लंड को खड़ा करने के लिए दर्द का बहाना बनाया था लेकिन आपने जिस तरह से मेरे चीकू मसले थे आज भी मीठा मीठा प्यारा प्यारा दर्द है भैया बोले मज़ा आया था जानूं मैं बोली छोटी बहन से ऐसे बात करोगे भैया बोले अभी तो वो मेरी प्रेमिका है और आज मैं अपनी दो थन वाली बछिया का दूध पीऊंगा और नाईटी के बटन खोल कर चूची को मसलने लगे.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं एक सलाहकार की हैसियत से मेरे भाई को ठीक करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थी भैया ने भी मौके का फायदा उठाते हुए मेरे निप्पल को अपने मुंह में भरकर पीने लगे फिर उन्होंने मेरी नाईटी निकाल दी अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे। मैं पुष्पा पर झुक गया और उसके सुंदर मुखड़े को चूमने लगा.
फिर हमारे होंठ मिल गए और मैं पगलों की तरह उसकी चूचियों को मसल रहा था और उसका होंठ चूस रहा था। हमारी जीभ एक दूजे के मुंह में अंदर बाहर हो रही थी। मैं पुष्पा को प्यार करता हूं हुवे उसके ऊपर चढ़ गया। वो भी मुझ से बोली कि चिंता मत करो मैं इस थैरेपी से आपको ठीक कर दूंगी और हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे।
प्यार करता हूँ हुए पुष्पा ने नीचे हाथ बढ़ा कर महसूस किया कि मेरा लंड उसकी टांगों के दरमियान मचल रहा है। पुष्पा अपना हाथ मेरे लंड पर लगाया तो वो एक पत्थर की तरह सख्त हो चुका था। पुष्पा ख़ुशी से पागल हो गई कि उसके भाई का लंड जग्गा हुआ था। ये देख कर पुष्पा बहुत ही खुश हुई और इतनी ही कही पुष्पा नीचे से निकल कर मेरे ऊपर लेट गई और मेरे होठों को प्यार करने लगी।
वो सोच रही थी कि मैं बहुत बड़ी मुसीबत में निकल चुका हूं। मुझे तो अपनी प्रेमिका प्यारी बहन को अपने ऊपर नंगी पा कर बेकाबू हो रहा था। पुष्पा प्यार करते हुए मेरे मजबूत सीने पर आ गई और मेरे सीने को अपने दांतों से काटने लगी। वो मुझसे प्यार कर रही थी और उसका शर्मीला पैन ना जाने कहां जा चूका था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पुष्पा मेरे ऊपर थी और मेरे सख्त खडे लंड को अपनी टांगों के बीच में महसूस कर रही थी। पुष्पा प्यार करती हुई मेरे बराबर लेट गई और मेरा लंड अब उसे साफ नजर आ रहा था कि वो तकरीबन 10 इंच लंबा और खूब मोटा है। मैं उसकी टांगों के बीच में बैठ गया और उसकी टांगों को फैला कर चूत चाटने लगा।
मैं भूल चुका हूं कि पुष्पा मेरी सगी बहन है और पुष्पा तो खुशी से यही सोच रही है कि उसके भाई की गंभीर उलझन खत्म हो चुकी है। फिर मैंने पुष्पा को नीचे दबा लिया और उसकी टांगें कंधों पर रख कर उसे प्यार करने लगा। मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर जैसे ही टिका तो वो एक दम पीछे हट गई और बोली “ना भाई..इससे आगे नहीं..आपकी समस्या करीब-2 सुलझ गई है।
मुझे बोला कि अभी जल्दी पानी छोड़ने वाला मसला तो रह ही गया गया. पुष्पा ने थोड़ी देर सोचा और फिर बोली के हां वो मसला तो बाकी है..लेकिन शादी से पहले वो इलाज में अपना ऊपर नहीं करवा सकती,हां मुंह से कर के देख लेती हूं के कुछ फर्क पड़ा या नहीं।मैं बोला के असली सहनशक्ति का पता तो लड़की के ऊपर चढ़ कर पता चलता है।
मैं कहीं तुम्हारी भाभी के ऊपर चढ़ते ही खलास हो गया तो किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगा। और आत्मग्लानि में कुछ ग़लत कर लिया तो, पुष्पा फिर सीरियस हो गई और बोली के हां ये बात तो है।फिर कुछ सोच कर बोली के ऐसा करो आप पीछे से मेरे ऊपर चढ़ जाओ, मेरा कुंवारापन भी बच जाएगा और हमें भी पता चल जायेगा.
मैने कहा कि आगे और पीछे से क्या फ़र्क पड़ता है, रास्ता तो एक ही है। पुष्पा मेरे गाल की चिकोटी काट कर बोली “बुद्धू कहीं का, रास्ता एक नहीं दो होते हैं, मैं पिछले रास्ते की बात कर रही हूं। ये कह कर वो चौपाया बन गई और अपने चौड़े नितांबों को ऊंचा करके मुंह तकिये पे लगा लिया और मेरी तरफ देख कर बोली कि अब मेरे ऊपर चढ़ जाओ और करके देखो कि कितनी देर तक मैदान में टिकट है.
चांदनी रात में उसके गोरे गोरे तंबूरे मुझे बहुत अच्छे लग रहे थे.मैने उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और अकड़े हुए लंड का सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर जैसे ही टिकाया तो उसने अपने भैया का लंड अपने हाथ से गांड के छेद पर टिका कर पकड़ा मैंने ऐसा ही किया अब मैंने उसकी गांड पर अपने लंड को दबाया.
लंड धीरे धीरे रास्ता पकड़ कर अंदर जाने लगा कुंवारी गांड का छेद धीरे-धीरे फैलने लगा। तो पुष्पा मुँद कर बोली” भाई अगर आराम आराम से करो और पूरा अंदर मत डालो तो मैं करने देती हूं लेकिन प्लीज बिल्कुल आराम से करना और पूरा अंदर मत डालना। जहां तक आसानी से जाए वहां तक डालने दूंगी और अगर मुझे दर्द होने लगा तो मैं तुम्हारे अपने हाथ से इशारा कर दूंगी.
फिर तुम हमसे आगे नहीं डालना वहीं तक डाल कर आहिस्ता आहिस्ता अंदर बाहर कर लेना मैं खुश हो गया और कहा ठीक है मेरी प्यारी बहना, मैं आराम से करूंगा. और हां, पहले इसे चिकना करलो, मैं पहली दफा मरवा रही हूं और आपका बहुत मोटा है मैंने कहा यहां तो क्रीम भी नहीं है, सुखा पीछे से कैसे अंदर जाएगा.. फिर पुष्पा बोली के मेरी गान्ड पर अपनी जुबान पर थूक लगा लो और आपने लंड पर भी थूक लगा लो..
मुझे तो डर लग रहा है कि तुम्हारा इतना मोटा लंबा कैसे अंदर जाएगा।” मैं लंड अंदर डाले बिना उसके ऊपर चढ़ गया. और उस के गर्दन पे और साइड से गाल और होठों पे किस करते हुए बोला. ” पुष्पा मैं तेरी गांड मारूंगा तो एक बार थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर लेना अपने भैया के लिये। मेरा लंड उस वक्त पूरा खड़ा था। और सीधा डंडा हो कर उसकी पीठ से चिपका हुआ था।
एक बार और मैने पुष्पा को चूमा। पिछे आ कर चूतडों को चूमा और गांड को जीभ से गिला किया, फिर कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर लंड का सुपाड़ा गांड पर टिकाया तो पुष्पा परेशान सी दिख रही थी.. वो बोली भैया प्लीज़ देखो. मैं तुम्हारी भलाई के लिए बात मान रही हूं। मगर आराम करना .. मुझे दर्द नहीं होना चाहिए।”
ये कह कर उसने टांगें और चौड़ी कर ली और गांड बाहर निकाली ली मैं बोला” पुष्पा । . बस तू फिकर ना कर.. तू मेरी इतनी प्यारी बहन है. मैं तुझसे कोई तकलीफ़ कैसे दे सकता हूँ। मैं तो सिर्फ तुझे मजा ही दूंगा ना.. आज के बाद देख लेना तू खुद कहेगी। की मेरी गांड मारो. भैया. “और मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उस की गांड की मोरी पर रखा और ज़ोर लगाया।
पुष्पा : भाई आह आराम से करो प्लीज़ मुझे डर लग रहा है अरे आराम से अंदर डालो।
अब मैं ने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर पुष्पा के मम्मों को पकडा .. और ज़ोर लगा कर अपना लंड पुष्पा की गांड की नीचे की तरफ लगा.. थूक की चिकनाहट की वजह से लंड आराम आराम से अंदर जा रहा था .. . और पुष्पा आगे-आगे हो रही थी.. ताकि लंड उस की गांड मैं ज्यादा ना घुसे।
मैं आराम से ज़ोर देने लगा और मेरा लंड धीरे धीरे बहन की गांड को खोल के अंदर जाने लगा अभी थोड़ा सा ही गया था कि पुष्पा को दर्द होने लगा और उसने मुझे रोक दिया। “भाई तुम्हारा लंड पहले से ज़्यादा मोटा लग रहा है, मुझे दर्द हो रहा है…है आह…।”
आराम से भाई…उई..माँ… भाई मैं एडजस्ट करने की कोशिश करती हूं लेकिन प्लीज बिल्कुल आराम से करो आह आराम से भाई आह दर्द होता है थोड़ा पीछे करो हां अब आराम से अंदर करो उम्म भाई आह आराम से हम्म भाई आराम आराम से करो भाई मुझे ऐसा लग रहा है जैसा मेरी गांड फट राही हो आह हम्म. मैं ने आराम आराम से अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, मैं थोड़ा सा लंड बाहर निकलता फिर अंदर डाल देता मेरा लंड 2, 4 झटके मारने के बाद थोड़ा सा पुष्पा की गांड में पहले से ज्यादा अंदर चला जाता।
पुष्पा : भाई आराम आराम से ज़ोर दो और आज अपनी पुष्पा की गांड का मजा ले लो आह भाई ज़ोर दो आराम से हां भाई आराम से ज़ोर दो थोड़ा थोड़ा अंदर जा रहा है आह भाई हम्म्म थोड़ा सा ज़ोर दो आह भाई आराम से करो।
भाई थोड़ा और थूक लगा के फिर डालो लेकिन भाई अपनी पुष्पा की गांड में आराम से डालो अपना लंड मैं ने आराम से अपना लंड पुष्पा की गांड से निकाला और काफी सारा थूक दिया पुष्पा की गांड के चुन्नटदार सुराख पे लगा दिया और फिर अपना लंड पाकर के पुष्पा की गांड के चुन्नटदार सुराख पे रख के जोर दिया तो मेरा लंड पहले से काफी आराम से पुष्पा की गांड मैं चला गया.
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पुष्पा की गांड बहुत टाइट थी मुझे बहुत मजा आया जब लंड फिसल गया और अंदर गया मैं ने लंड बाहर निकाल लिया दोबारा अंदर जोर दिया तो लंड दोबारा आराम से पुष्पा की गांड में चला गया मुझे मजा आ रहा था मैं बार-बार ऐसा करने लगा और कुछ देर में मेरा आधा लंड पुष्पा की गांड में घुस गया था.
पुष्पा : भाई अब दर्द कम हो रहा है थोड़ा और थूक लगाओ उससे चिकना हो जाता है तो मुझे दर्द नहीं होता।
मैंने अपना लंड पुष्पा की गांड से निकाल लिया और फिर काफी थूक दिया पुष्पा की गांड पे लगाया पुष्पा ने मुद कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर गिला किया और मैंने दोबारा लंड पुष्पा की गांड के चुन्नटदार सुराख पे रख के ज़ोर दिया वह मेरा लंड प्यार से आराम से फिसलकर के पुष्पा की गांड में चला गया मेन ने थोड़ा ज़ोर दिया तो मेरा लंड पहले से ज़्यादा पुष्पा की गांड में घुस गया।
पुष्पा : भाई मजा आ रहा है मुझे अब आराम आराम से ज़ोर दो और डाल दो अपना पूरा लंड अपनी कुंवारी पुष्पा की गांड मैं और चोदो अपनी कुंवारी पुष्पा को जितना दिल चाहे उतना चोदो खूब मजा से गांड मारो, तुम ने अपनी पुष्पा की कुंवारी गांड की सील तोड़ी है.
अब जैसा तुम्हारा दिल करे वैसे चोदो अपनी पुष्पा को आह भाई आराम से हां ऐसे ही अब जरा जोर से उई मां भाई थोड़ा पीछे हट कर के फिर आराम से जोर दे के अंदर डालो भाई आह हम्म भाई मजा आ रहा है भाई थोड़ा और थूक लगा के इस बार पूरा अंदर डाल दो बस देखा जाएगा भाई जल्दी करो मुझे अब मजा आ रहा है तुम से गांड मरवा के।
पुष्पा तुम्हारी गांड बहुत अच्छी है मुझे बहुत मजा आ रहा है तुम्हारी गांड मार के, सच पुष्पा तुम बहुत अच्छी हो, काश तुम मेरी बीवी होती.. मैने लंड बाहर निकाल के काफ़ी सारा थूक लगाया और फिर पुष्पा की गांड में डाल दिया और ज़ोर दे दिया इस बार मेरा पूरा 10 इंच का लंड पुष्पा की गांड में आसानी से घुस गया।
पुष्पा : भाई आप भी तो बहुत अच्छे हो, काश आप मेरे पति होते।
मैंने पुष्पा के मम्मों को पकडा। और एक झटका दिया. मेरे टट्टे उसकी गांड से चिपक गए। मैं उस के साथ पीछे से लिपट गया.. पुष्पा की चीख निकल गयी. “भैयाआआआआआ.. …आआआआआ आआआआआआ आआआ आआआ आआआआआ बस्स्स.. बस्स्स.. प्लीज़.. रुक जाओ.. मेरी गांड फट गई है। प्लीज भैया. “मैं पुष्पा को चूमने लगा.. ..गर्दन पर।”
कमर पर.. और एक हाथ से कहा गया कि उसकी माँ दबा रहा था। और दूसरा हाथ उसकी चूत के टींट पर ले गया.. और रगड़ने लगा.. और लंड को आराम आराम से अंदर बाहर करने लगा। “पुष्पा बस. .. आहिस्ता बोलो कहीं मम्मी पापा ना जग जाएं…अब तो जितना दर्द होना था हो गया सब। अब तो तू मजे में झूला झूलेगी..।”
और वही हुआ.. थोड़ी देर के बाद। पुष्पा अपनी गांड मरवाने का मजा लेने लगी। मैं आराम आराम से धक्के मार रहा था। आह भाई आराम से करो ना मजा आता है आराम से करने में आह हां भाई करो अब ठीक है हां भाई अंदर बाहर करो पूरा लंड निकाल के फिर अंदर डाल दो चोदो अपनी बहन की गांड में और करो भाई थोड़ा तेज तेज करो मजा आ रहा है आह भाई मजा आ रहा है हम्म।
मेरा पूरा लंड तुम्हारी गांड में चला गया है मैं पूरा लंड बाहर निकल के दोबारा तेरी गांड में डाल रहा हूँ बहना मुझे बहुत मजा आ रहा है आपकी गांड बहुत टाइट है मुझे और मेरे लंड को बहुत मजा आ रहा है।
पुष्पा : आअहह भैया…. मुझे भी बहुत मजा आता है, मैं बहुत डरती थी कि गांड में डलवाने से बहुत दर्द हो गया लेकिन भाई तुमने इतना प्यार से मारी है, मुझे इतना दर्द नहीं हुआ अब मुझे मजा भी आ रहा है भाई चोदो अपनी बहन की गांड और तेज तेज करो भाई, डरो मत, मुझे दर्द नहीं हो रहा है… मुझे बहुत मजा आ रहा है आह भाई चोदो मुझे यहाँ और तेज़ भाई।
भाई आह भाई तेज तेज करो चोदो मुझे चोदो अपनी बहन को फाड़ दो अपनी पुष्पा की गांड को और तेज करो और तेज, झटके ना मारो भाई बस स्पीड तेज कर दो मुझे मजा आ रहा है भाई मैं फारिग होने वाली हूं भाई मेरी गांड को अपने वीर्य से भर दो जोर मारो मेरी गांड., और तेज़.. आह भाई मैं गई., मैं झड़ रही हूँ., है नीचे मेरी कुंवारी चूत से टप-टप पानी गिर रहा है.. आह भाईइइइइइइइइइ।
पुष्पा फारिग हो गई मुझे भी बहुत मजा आ रहा था मैं ने उसकी गांड में झटके मारे और पुष्पा भी जोश में आ गई अपनी गांड को बड़े प्यार से ताल से ताल मिल रही थी। उउउउउउउउफ़्फ़.. पुष्पा जानु. ह्ह्ह्हह्ह. और मैं छूटने लगा था.. उस की गांड बुहत टाइट थी. और. आआआआआअह्हह्हह.. पुष्पा आ.. मेरी बहना. उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़।
तेरी मस्त गांड .. . . आ आ आ आह उई मां कहने से ठीक होने वाली .. .और यकदम . ..मैं उस की गांड की अंदर ही छूट गया.. . .. .उसकी गांड में फारिग हो गया मेरा लंड झटके मार रहा था जब पुष्पा की गांड को वीर्य से भर रहा था तब मुझे उसकी गांड में फारिग होने में बहुत मजा आ रहा था मेरा लंड खुश था हार्ड था मैं थोड़ा थोड़ा लंड को हिला रहा था पुष्पा की गांड बहुत टाइट थी मुझे सच मैं बहुत मजा आ रहा था।
मैं ने आराम से अपना लंड पुष्पा की गांड से निकलातो पुष्पा फोरन वापस घूमी .. .और घुटनों पर बैठ कर मैरा लंड चूसने लगी। . .और एक एक ड्रॉप साफ कर लिया। . . .. “भैया. वाकई .. .गांड मरवाने में तो बुहत मजा है .. . .मैं तो ऐसे ही डर रही थी। .. ..”
मैं अपनी 16 साल की आधी कुंवारी बहना की मासूम चेहरे को दख रहा था..आधी कुंवारी इसलिए क्योंकि उसकी गांड की सील टूट चुकी थी.. वो मेरा लंड चूस रही थी। . . किसी लॉलीपॉप की तरह। .. . उफ़्फ़. . कितनी सेक्सी है मेरी बहन। .. . मियाँ उस की मम्मी दबानाय लगा.. वो मुझे कहते हैं लिपट कर बोली कि मेरे भैया का अब बिल्कुल ठीक हो गए हैं, भैया रात बहुत बीत चुकी है अब सो जाते हैं। .. ..
अगले दिन वो मुझे गांव घुमाने ले गई और सबसे मेरा परिचय बड़े गर्व से देती थी उसकी सहेलियां मुझे बड़ी चाहत भारी नजरों से देख रही थी, पुष्पा बोली भैया गांव लड़कियों के चक्कर में मत आना ये सब बहुत चालू हैं.. मैंने कहा चल मैं किसी के चक्कर में नहीं आऊंगा मैं तो सिर्फ तेरे चक्कर में ही आउंगा..मेरी मेहबूबा..वो आहिस्ता से बोली अच्छा मेरे मेहबूब ज्यादा ऊंचा ना बोलो.
घर वापसी ऐ तो मम्मी ने पुष्पा को कहा और खाना खा कर अपने भैया को खेत की भी सैर करा दे। पुष्पा ने मुझसे कहा के भैया खाना खा कर आज अपने खेतों में चलते हैं। हम खेतों की तरफ चल पड़े.. लहंगा चोली पहने पुष्पा मेरे आगे-आगे पग-डंडी पर चल रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
चलते हुए उसके कुल्हे 61-62 कर रहे थे, वही गांड जो मैंने कल रात ही मारी थी, मेरे दिल पे फिर से छुरियाँ चलने लगी। मैने पुष्पा की गांड पे हाथ फेर कर छेड़े हुए कहा “कितनी सेक्सी लग रही है, जी करता है यहीं रस्ते में ही घोड़ी बना कर मार लूं”।
पुष्पा ने कहा कि आपको मजाक सूझ रहा है और मेरी अभी तक दर्द कर रही है, मैंने अपना फर्ज पूरा कर दिया है और अब आपका इलाज खत्म, अब मुझे छेड़ा तो मम्मी को बता दूंगी। मैं चुप हो गया। हमारे खेत में एक पानी का पक्का टैंक है जिसे नहाने के लिए भी उपयोग करें करते हैं, मैंने कहा पुष्पा मैं तो पानी नहीं पहनूंगा और मैं अपने कपड़े उतारकर पानी में कूद गया.. मैंने कहा पुष्पा तू भी आजा।
नहीं भैया मेरे पास कपड़े नहीं हैं.. मैंने कहा मैं पीठ कर लेता हूं तू अपने कपड़े उतार कर नीचे आ जा और पानी तो वैसे भी गार्डन-2 तक था… पुष्पा बोली ठीक है आप हमारी तरफ पीठ करो और अपनी आंखें बंद कर लो , मैंने कहा ठीक है… मैंने पूछा आंखें खोल लू.. अभी नहीं…
मैंने फिर पूछा अब खोल लू.. वो बोली अभी नहीं… मैंने धीरे से आखें खोली तो देखा पुष्पा अपनी चोली उतार चुकी थी और अपने लहंगे का नाडा खोलने की कोशिश कर रही थी…है…क्या चूचियां थीं… क्या नाभि का गधा था.. रात को गांड मारते समय अच्छी तरह नहीं देख सका था, मैं तो मर ही गया उसकी नजर नीचे थी इसलिए मैं जल्दी से पीठ कर ली कहीं वो नाराज नहीं हो जाए..
मैंने पहली बार किसी लड़की की चूचियां दिन के उजाले में देखी थी वो भी अपनी बहन की..मेरा लंड 440 वोल्ट पर खड़ा था और वो अंदर वियर को फाड़ने को हो रहा था.. मैंने फिर पूछा हो गया हो तो आखें खोल लू.. बस 1 सेकंड मैं झट से आखें खोल कर मुड़ा तो देखा पुष्पा अपना लहंगा उतार चुकी थी और केवल काली ब्रा और सफ़ेद पैंटी मैं थे.
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पैंटी के उपर से ही लग रहा था कि चूत काफी गदराई हुई है। आप लोग गांव की लड़कियों की ब्रा तो जानते हैं, वह होंगे किस क्वालिटी की होती हैं जिनकी पहन ने से भी निप्पल तक दिखाई देते हैं। सारी चूचियां बाहर आने को हो रही थीं… वो मुझे अपनी तरफ देखता है, कर एकदम से शर्मा गई.. और बोली ऐ उधर मुंह करो धोखा नहीं..
मैंने कहा सॉरी बाबा तुमने कहा था ना हो गया इसलिए.. चलो अब जल्दी से पानी में आ जाओ.. वो पानी में कूद गई पानी उसकी छाती के ऊपर तक था लेकिन फिर भी पानी मैं उसकी चूचियां साफ-2 दिख रही थी.और सफेद पैंटी भी छूट गई थी. जिस से गोरी चूत साफ नजर आ रही थी.
मेरे दिल ने कहा कि पुष्पा गांव की छोरी जरूर थी लेकिन चूत साफ करके रखती है. मेरा बुरा हाल था.. समझ नहीं आ रहा था क्या करूं.. है जालिम अगर बहन नहीं होती तो अभी यहीं पटक पटक के चोद देता.. लेकिन मामला बहन का था तो मैं कोई जुल्म करना नहीं चाहता था..
हम पानी मैं मस्ती कर रहे थे वो मेरे ऊपर पानी फेंक रही थी और मैं उस पर.. तालाब में थोड़ी बहुत मछली भी थी. अचानक एक मछली पुष्पा के ब्रा में घुस गई.. पुष्पा चिल्लाई भैया बचाओ मैंने कहा क्या हुआ उसने चूचियों के बीच इशारा करते हुए कहा कि एक मछली यहां घुस गई है..
मुझे तो इसी मौके की तलाश थे मैं पुष्पा के पास गया मछली उसकी चूचियों की दरार में थे मैंने उसे अपने हाथ ऊपर उठाने को कहा और पीछे से कमर को पकड़ कर अपना एक हाथ चूचियों के पास ले गया मेरा हाथ उसकी चूचियों से टकराया तो एक करंट सा डोर गया बॉडी मेन.. पुष्पा का भी चेहरा लाल हो गया था.. मैंने जैसे ही हाथ बढ़ाया तो छोटी सी मछली और अंदर चली गई.. मैंने और अंदर हाथ डाला मेरा हाथ पुष्पा की चूचियों पे इधर उधर घूम रहा था।
मैने लुत्फ लेते हुवा कहा “जायेगी कहां, अभी निकलता हूं” फिर मैने एक पूरी चूची मेरे हाथ में थाम ली.. मछली चूची से सटक के दूसरी तरफ चली गई..तो मैने दूसरी चूची को ये कह कर जोर से मसल दिया के मैं मछली को यहीं मार डालूंगा। इसी बहाने से दूसरी लड़की को भी मसल दिया।
पुष्पा का बुरा हाल था मेरा लंड भी पूरा खड़ा था जो पुष्पा की रगड़ से और भड़क गया और पुष्पा को भी मेरे लंड का पूरा अहसास हो गया.. क्योंकि पीछे से मेरा मुँह उसकी गर्दन पे और लंड उसके भारी नितंभो के बीच गड़ रहा था. मैंने कहा ऐसे नहीं मानेगी ये मैं पुष्पा को घुमा कर अपने सीने से लगाया तो लंड भी पैंटी के ऊपर से चूत पे गड्डे लगा।
मैंने पीछे हाथ कर के उसकी ब्रा खोल के फेंक दी चूचियां आज़ाद थे.. पुष्पा की सांसें मैं सांसें आई। मछली ने पुष्पा की कोमल-2 चूचियां पर स्क्रेच कर दिये थे मेरे भींचने से चुचक फूल कर तन गये थे. पुष्पा का बुरा हाल था.. मैंने कहा अरे यहां से तो लाल हो गई है, ये कह कर मुझे उस जगह से जीभ से चाटने लगा.
और फिर से निप्पल को मुंह में भर कर पीने लगा तो पुष्पा की सिस्की निकल गई और बोली रहने दो, ठीक है भैया उसे शर्मिंदगी हुई अपनी चूचियों पर हाथ रख लिया और मेरी तरफ पीठ कर ली क्यों कि अब हम कमर-2 पानी में थे चूचियां पानी से काफी ऊपर थे और बेपर्दा थे.
पुष्पा को मैंने अपने खड़े लंड का अहसास तो करा ही दिया, वह बड़ी असमंजस की स्थिति थी… पुष्पा पीठ कर के पानी से बहार जाने लगी मैंने पूछा बाहर क्यों जा रही हो वो बोली नहीं तुम बदमाशी करते हो और मेरे अंडर वियर के तंबू को देखती हुई बोली है कि अब आप नॉर्मल लड़के बन गए हो… अब तो आप से डर ही रहना पड़ेगा…
मैंने हिम्मत कर के उसका हाथ पकड़ा और उसे पानी मैं खींच लिया.. नहीं भैया.. नहीं नहीं प्लीज़ मुझे छोड़ दो मैंने उसे बाहों में भर लिया और उसकी खुली चूचियों पर हाथ फेरने लगा.. है भैया ये क्या कर रहे हो… मैं मर जाऊंगी… मैंने कहा पुष्पा आई लव यू… और मैं तुम्हें एक लड़की के रूप में हमेशा के लिए पाना चाहता हूं हूं… उसने फटें-2 आखों से मुझे देखा.. क्या- मैंने कहा हां।
पुष्पा : नहीं भैया…छोड़ो मुझे…है मुझे ना जाने क्या हो रहा है?
मैं : क्यों?
पुष्पा : मैं भी आपको प्यार करती हूं पर पता नहीं ये ठीक है या नहीं क्योंकि मैं आपकी सगी बहन हूं..
मैं: अब भी कुछ कसर बची है… कल रात तुम्हारी पिछली सील में तोड़ चुका हूं और अब तेरी खुली चूचियां मेरे हाथ में खेल रही है, वैसे सच बता अंदर से तू भी यहीं…चाह रही है ना.. कि मैं तुझे प्यार करूं और तू जानती है कि मैं तुझे कितना चाहता हूं.. पुष्पा प्लीज मान जा हम दोनों को बहुत मजा आएगा..
मैं लगतार उसकी चूचियों को सहला रहा था और उनकी घुंडियों को घुमा रहा था। उसके चूचियों पर ठंड के करण लाल -लाल दाने से उभर आऐ थे। मैंने अपना लंड खोल कर पुष्पा की गांड में टिका दिया और पैंटी के ऊपर से ही धक्के मारने लगा, लौंडिया का बुरा हाल था..
उसकी चूचियों की घुंडी पूरी तरह खड़ी थी, मैंने धीरे से उसे अपनी तरफ घुमाया और अपना मुंह उसकी चूचियों पर लगा दिया और उन्हें चुना लगा.. पुष्पा ने फिर रिक्वेस्ट की…नहीं भैया प्लीज मुझे जाने दो और मुझे धक्का दे कर मेरे लंड की तरफ देखती हुई पानी से बाहर आ गई..वाह उसके चौड़े नितंभ! और अपने कपड़े ले कर कोठरी में चली गई..
जब वो बाहर आई तो लहंगा चोली पहनने हुई थी। मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए…उसने गीली चढ्ढ़ी मेरे हाथ ने देते हुए कहा कि भैया एक बार पकड़ना में अपने बाल ठीक कर लूं। चल दिये, रस्ते भर में उसके कमर की लचक और बिना पैंटी के लहंगे से झाँकते मटकते कातिल चूतड़ों को देखता रहा..आह..जी करता था के लहंगा उठा कर रस्ते में ही घोड़ी बना कर चोद डालू और ये सफर कभी ख़तम ना हो। कोई किसी से कुछ नहीं बोल रहा था…
घर पहुंचें तो आहिस्ता से मुस्कुराते हुए उसने मेरे हाथ से पैंटी ले ली। घर के अंदर दाख़िल होते समय में पुष्पा के चूतड़ों पे चिकोटी काट ली तो उसने गुस्से से मेरी तरफ घूरा तो मैं भी उससे नाराज़ हो गया। माँ बोली के बच्चों तुमने बहुत देर कर दी, हम और तुम्हारे हैं पापा माँ के यहाँ जा रहे हैं उन्हें पुष्पा के लिए कोई बहुत अच्छा रिश्ता बताया है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वैसे तो कहीं निकल नहीं पाते अब तो तुम हो घर पर पुष्पा की देखभाल करने के लिए.. पुष्पा बोली मम्मी मुझे अभी शादी नहीं करनी है पढ़ाई पूरी कर के अपने हाथ पैर पर खड़ा होना है मम्मी बोली हम कहां अभी तेरी शादी कर रहे हैं सिर्फ देखने जा रहे हैं अच्छा लगा तो फिर तू पसंद करना फिर देखा जाएगा… पापा चले गए घर पर मैं और पुष्पा अकेली थीं।
मैं नाराज हूं अपने कमरे से मैं अकेला बैठा हूं तब पुष्पा भैया आई चलो खाना खा लो मैंने कहा मुझे भूख नहीं है तू खा ले.. वो बोली खाने से क्या गुस्सा वो मुझे हाथ पकड़ के ले जाने लगी, उसके छूते ही मुझे करंट सा लगा मैंने उसे फिर पकड़ लिया और बाहों में भीचते हुवे उसके होठों पे एक लंबा स्मूचिंग किस किया..
वो बोली अच्छा कर लिया अब खुश हो ना चलो अब खाना खा लो..मैंने कहा एक और. हाय राम! कितने बेसब्र हो..ये बोल कर उसने आंखे बंद करके मुखरा ऊपर उठा लिया, और हमारे होंठ एक दूसरे से सिल गए। अनायास ही उसकी जीभ निकल कर मेरे मुंह में आ गई। हम सुध बुध खो बैठे।
थोड़ी देर में मुझे होश आया और बोली के पहले खाना तो खा लो और अपने को छुड़ा कर चली गई। हमने साथ-2 खाना खाया, पुष्पा को अपने हाथों से खाना खिलाना लगा.. वो बोली अरे बाबा इतना प्यार मत करो भैया मैं कोई बच्ची नहीं हूं खाना खा लूंगी.. मैं फिर भी नहीं माना मैं कौर तोड़-2 कर खिलाने लगा फिर वो भी मुझे खिलाने लगी.. हमारे बीच अब कोई नाराज़गी नहीं थी.. मुझे लगा कि शायद अब बात बन सकती है..अब सोने की तैयारी शुरू हुई..
पुष्पा ने मेरा बिस्तर ठीक कर दिया और खुद ऊपर वाले कमरे में जाने लगी… मैंने कहा ऊपर अकेले कहां सोएगी वहां भूत आ जाएगा.. वो बोली भैया मुझे भूतों से डर नहीं लगता.. डर लगता है तो आप जैसे लड़कों से.. और हंसने लगी.. मैंने उसके पीछे से पकड़ लिया और उसकी चूचियों पर हाथ फेरने लगा, अच्छा छोड़ो भी एक बार छोड़ो अभी आती हूं जरा किचन ठीक कर आऊं, पर प्लीज़ सोने देना परेशान मत करना.. मैंने कहा ठीक है..
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थोड़ी देर में वो मटकती हुई आई और फोल्डिंग बेड लेने लगी मैंने कहा, इसकी क्या जरूरत है इतना बड़ा डबल बेड पड़ा है.. बोली आपको परेशानी होगी…मुझे बोला कोई परेशानी नहीं होगी. वो बोली ठीक है पर बदमाशी ना करना, मुझे सोने देना.मैंने कहा ठीक है..मैंने लाइट बंद कर दी है और बिस्तर पर ले गया… वो मेरी तरफ पीठ कर के ले गई.
मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ा कर उसकी चूचियों पर रख दिया, पुष्पा सिहर गई लेकिन बोली कुछ नहीं वो मेरे इरादे अच्छी तरह से भांप चुकी थी… मैंने धीरे से उसकी नाईटी की डोरी पीछे से ढीली कर दी, और हाथ घुसा कर चूचियां पकड़ लीं.. लौंडियाँ सिहर गई ..भैया प्लीज ..सोने दो ना..मैं बोला.देख कल के दिन तू पराई हो जाएगी तेरी शादी की बात चल रही है.. किसी अंजाने लड़के से चुदेगी .. वो पता नहीं कैसे चोदेगा.
मैं तेरा भाई तुझे कितना चाहता हूं.. तेरा कितना ध्यान रखता हूं.. अब के बाद ना जाने हम कब मिले.. तेरे इस रूप रंग यौवन पर मेरा भी तो कुछ हक बनता है पुष्पा .. वो चुपचप सुन रही थी…देख आज मैं कितना तड़प रहा हूं प्लीज़ मेरी बात मान जा..ओह! भैया आप तो लगता है कि बिगड गए हो, काश में आपका ट्रीटमेंट ना करती…अब तो लड़की को देख कर आप से जरा भी कंट्रोल नहीं हो सकता।
वहां तालाब में भी आपका वो कैसे खूंटे की तरह खड़ा था।मैंने कहा के सिर्फ तुम्हें देख कर ही मेरा दिल बेकाबू हो जाता है. पुष्पा बोली के दिल ही क्यों अब तो ये बदमाश भी तो मुझे छूते ही फन उठा लेता है…कह कर अँधेरे में हाथ से मेरे तने हुवे लंड को उमेठ दिया।”है राम! ये तो अब भी खड़ा है…कितना लंबा और मोटा है। फिर बोली “भैया किसी को पता चल गया तो?”
मैंने कहा “ना तो मैं किसी से कहने वाला था और ना ही तुम के हम बहन भाई आपस में चुदाई करते हैं, किसी को शक भी नहीं होगा”। देख लो भैया.. मुझे डर लग रहा है…अगर आप मुझे इतना ही प्यार करते हैं तो..जैसी आपकी मर्जी..। चलो मैं दिन में आपकी बहन और रात में प्रेमिका का रोल निभाऊंगी..प्लीज़ भैया आप ऊपर से प्यार कर लो..लेकिन अंदर ना डालना.
मैने उसका इमोशनल ब्लैकमेल करते हुए कहा कि मुझे अभी भी पूरा कॉन्फिडेंस नहीं है के शादी के बाद जब मैं असली चीज में डालूंगा तो कितनी देर ठहर पाउंगा..पता नहीं मैं कुछ कर भी पाऊंगा या नहीं क्योंकि लड़की की अगली चीज में मैंने कभी डाल कर नहीं देखी, प्लीज ये मेरी जिंदगी का सवाल है।
पुष्पा बोली के भैया मैं कुंवारी हूं, मुझे डर लगता है, इतना मोटा कैसे जाएगा अगर डालना ही। है तो धीरे-धीरे आराम से अंदर डालना, आपका बहुत मोटा है, मैंने भी ये सब पहले नहीं किया है। बातें करते करते भैया ने एक हाथ मेरी नाईटी के अंदर पैंटी में डाल कर मेरी चूत सहलाने लगे.
मेरी डबल रोटी जैसी चूत पर एक भी रोयें नहीं था। भैया ने पूछा “तुम तो बिलकुल सफाचट रखती हो” मैं बोली के भैया जिस दिन आप आए थे उसी दिन में रोयें थे। आज मुझे पता था कि आप मेरी लिए बिना नहीं मानोगे, इसलिए मम्मी पापा के जाते ही मैंने फिर से साफ कर ली थी “भैया मुस्कुरा कर बोले मतलब कि तू भी चाहती थी कि मैं तुझे मेरी प्रेमिका जैसे प्यार करूं शोना तो फिर इतना नखरे क्यों.
मैं : देखना चाहती थी कि मेरा भाई मुझे कितना प्यार करता है जानू.
पुष्पा की मचलती नंगी जवानी मेरी बाहों में मचल रही थी। मैंने पुष्पा को अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा उसकी नाईटी में हाथ डाल कर उसके चीकुओं को सहलाने लगा और बोला आई लव यू पुष्पा तू मेरी जान है मैं तुझे बहुत प्यार करता हूं और उसके चीकू जैसे दूध को नाईटी से बाहर निकाल कर अपने मुंह में भरकर पीने लगा.
पुष्पा बोली उफ़ भैया पी जाओ अपनी छोटी बहन का सारा दूध पी जाओ आह आई लव यू बाबू और मेरी बनियान में हाथ घुसा कर मेरी भी छातियों को मसलने लगी आग दोनों तरफ से लगी थी मैंने उसकी नाईटी, ब्रा और पैंटी को उतार कर अपने कपड़े भी उतार दिए और पूरे-पूरे शरीर को चूमने लगा वो भी बराबर से पूरा साथ दे रही थी.
उसने मेरी चूचियों को सहलाने के बाद अपने मुंह में भरकर पीने लगी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी बहुत कसी चूत थी 16 साल की मेरी जान की वो उई मां आराम से करो बोली फिर मैंने उसके भारी चुतड़ो के नीचे तकिया लगाया और सुतो जांघों को चौड़ी करके उसकी टांगों के बीच में आ गया.
उसकी चूत बहुत सुंदर मुलायम चिकनी और टाइट थी मैं झुक कर चूत को अपने मुंह में भर लिया और फिर चूत पीने लगा बहन अपनी चूत उछालने लगी और मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी उसमें से खूब पानी आने लगा चूत थूक और पानी से और निखर कर चिकनी हो गई।
तब मैंने अपने लंड के सुपारे को उसकी बुर की दरार रगड़ा उसे गुदगुदी हो रही थी वो उठी और लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी फिर स्केल से लंड नाप कर थोड़ा सा डरी ये 10 इंच का था मेरे गले लग कर कान में बोली भैया प्लीज़ आराम से चोदना मैं अभी 16 साल की हूं कच्र्ची कली हूं आज पहली बार किसी ने इसे देखा और छुआ है.
वो मेरे प्यारे भैया ने मेरी सील अपने जान से ज्यादा प्यारे भैया को दे रहीं हूं आपका लंड बहुत मोटा और लम्बा है मैंने उसके होंठों को अपने मुंह में भर लिया और कहा बेटू तुझे भी ये लंड गिफ्ट कर रहा हूं इस गिफ्ट का मज़े को तू जीवन में कभी नहीं भूलेगी थोड़ा सा दर्द झेल जा जानू.
फिर अपनी बहन को सीधा लिटा दिया टांगो को चौड़ा कर बीच में आकर लंड उसकी कुंवारी बुर पर घिसने लगा मेरा सुपाड़ा मोटे नींबू जैसा था उसने बुर को पूरा ढक लिया था वो मचलने लगी मैं फिर आई लव यू बोल कर थोड़ा सा लंड का दबाव चूत पर दिया मेरा लंड उसकी बुर में नहीं जा रहा था, बाहर छिटक जा रहा था।
उसने बोला- भैया रुको, मैं वैसलीन लगा देती हूं।
पास में ही रखी वेसलीन की डिब्बी उठाई उसने और खोल कर मुझे दी। मैंने वैसलीन उंगली में लेकर उसकी बुर में लगाई और अपने लंड पर भी लगाई। अब मैंने उसकी बुर पर अपने लंड को दबाया. लंड धीरे धीरे रास्ता पकड़ कर अंदर जाने लगा कुंवारी बुर का छेद धीरे-धीरे फैलने लगा।
पुष्पा को दर्द होने लगा. उसकी आंखों फैलने लगी मुठ्ठी में चादर भींच कर वो दर्द को सहने लगी मैंने लंड धीरे से बाहर निकाल लिया और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ा उसे फिर से दर्द हुआ मैं उसके ऊपर लेट कर उसे प्यार करने लगा वो बोली आप मुझे कितने आराम से चोद रहे हो.
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फिर भी दर्द हो रहा है मैंने कहा आई लव यू जानू पहली बार है इसलिए दर्द हो रहा है थोड़ी देर बाद बहुत मजा आयेगा आज के बाद सिर्फ मज़े ही मज़े मैंने लंड धीरे से बाहर निकाल लिया और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ा अब मेरा सुपाड़ा अन्दर जा चुका था मैंने फिर लंड बाहर निकाल कर फिर हल्के से धक्का लगाया अब लंड 2 इंच घुस चूका था.
वह पीछे खिसकने लगी और बोली- आआ ह्ह्ह भैया … आराम से डालो, मुझे दर्द हो रहा है सी सी आ उई मां आराम से जानू।
मैंने कहा जानू अब थोड़ा सा दर्द होगा और जोर से पकड़ कर एक जोर का झटका मारकर 3इंच अंदर घुसा दिया. वो बेचारी कच्ची कली एकदम से कांप गई और दर्द से सिहर गई. दर्द से सिर इधर-उधर करने लगी मैंने एक बार रुक कर उसके होटो को किस किया और बोला आई लव यू बेटू जानू थोड़ा सा बर्दास्त करो तभी तुमको मजा आएगा.
वो सिसकते हुए बोली आहहह.. आ ह ह् आऊ.. आ …आऊच सी ….सी .. भैय्या बहुत दर्द हो रहा है मेरी चूत फट जायेगी मैं मर जाऊंगी प्लीज़ रुक कर करो। मैं रुक कर उसकी चूचियों को पीने लगा और एक हाथ से निप्पल मसलने लगा उसको थोड़ा सा आराम आया उसकी चूत में पानी निकलने लगा जिससे चिकनाहट बढ़ गई.
1 मिनट बाद मैंने उसको आंखों में देखा और धीरे से कहा जानू कैसा लग रहा वह मुस्कुराते हुए बोली भैया आई लव यू आई लव यू भैया तुमने तो मेरी जान निकाल दी अब दर्द कम है और हल्की सी गुदगुदी हो रही है मैंने पूछा अब करूं बोली नहीं भैया इतना ही रहने दो.
मैंने कहा मेरी जान तेरा भैया तुझको अपनी जान से ज्यादा प्यार करता है और वह तुझे और प्यार देना चाहता है अभी तो खुद बोलेगी की और जोर से करो उसने पूछा भैया अभी कितना अंदर है मैंने हाथ लगा कर देखा और बोला अभी तो केवल 3 इंच तेरी कोमल चूत में घुसा है अभी 6 इंच बाहर है वह बोली क्या बस 3 इंच इसमें मेरी जान निकाल दी.
मैंने धीरे से लंड को बाहर खींचा फिर अंदर किया वह बोली भैया बहुत धीरे-धीरे करो अच्छा आपको अपनी बहन की कुंवारी चूत में लंड घुसा कर कैसा लग रहा मैंने कहा बेट्टू तुम बहुत प्यारी हो ऐसा लग रहा जैसे मेरा लंड किसी बहुत गर्म भट्टी में कसकर फस गया है तुम्हारी चूत का मक्खन उस पर मालिश कर रहा है.
मेरी जान तुमने मुझको अपना गुलाम बना लिया तुमने इस कच्ची जवानी में 16 साल में ही अपने भैया का लंड अपनी चूत में ले लिया है और जीवन की परमानंद को पा लिया मैं उसको बातों में लगाते हुए लंड को धीरे-धीरे आगे पीछे करता रहा वह अब मजे ले रही थी झूम रही थी.
वो थोड़ा सा नीचे जाकर मेरे निप्पल को अपने मुंह में भर लिया और हल्के से दांतों से कटने लगी मैं बिट्टू बहुत मजा आ रहा है मैं धीरे-धीरे धक्के लगाता हूं और तुम इसको और हल्के हल्के बाइट लेती रहो थोड़ी देर बाद मैंने कहा पुष्पा मेरी डार्लिंग बहन और मजा लेना है और डालूं तुम तैयार हो बोली भैया तुम्हारे लिए मेरी जान हाजिर है.
थोड़ा धीरे-धीरे आगे बढ़ाओ बस एक बार और दर्द होगा अभी तेरी चूत की झिल्ली पर सुपाड़ा बार-बार टच कर रहा है बस एक बार थोड़ा सा दर्द सह ले और उसकी चड्डी उठाकर उसके मुंह में डाल दी वह मुस्कुराइ और इशारा किया मैंने उसकी कमर को पकड़ा और लंड को आगे पीछे करते हुए पूरा बाहर निकाल कर थोड़ी सी वैसलीन उंगली से उसकी चूत में और लगा दी.
फिर सुपाड़े को उसके छेद पर रखा थोड़ा सा आगे पीछे किया और फिर एक झटके में पूरी ताकत लगाकर उसकी चूत में घुसेड दिया वह एकदम से तड़प गई और उसकी आंखों से पानी की धारा निकल पड़ी यह क्या पूरी ताकत लगाने के बाद भी केवल 4 इंच कि उसकी चूत में घुसा था बहुत टाइट चूत थी पुष्पा की मैंने महसूस किया कि कुछ गरम पानी सा चूत में निकल रहा था.
हाथ से छू कर देखा तो हल्का सा खून निकल रहा था झुक कर उसके आंसू पीने लगा उसको आई लव यू आई लव यू टू कहने लगा फिर चूचियों को धीरे-धीरे से पीने लगा मुझे बहुत मजा आया थोड़ी देर में से राहत मिली और आंसू निकलना बंद हो गया उसने उसे निकाल और करते हुए बोली मेरी जान मेरे भैया पूरा चला गया क्या.
मैंने कहा नहीं अभी एक इंच और गया है इतने में ही मेरी जान निकल रही है मैं अभी और 9 इंच का कैसे ले पाऊंगी अभी आधे से ज्यादा बाकी है वो आई लव यू बोली आई लव यू टू जानू मेरी दर्द से जान निकल रही है लेकिन मजा भी आ रहा है हम दोनों का गला सूखने लगा मैंने हाथ बढ़ाकर शहद की शीशे खोली और उसको मुंह में भर लिया.
फिर बहन की होठों से सटाकर मुंह खोलने का इशारा किया वह शहर अपने मुंह से भर दिया और फिर झटके से वापस खींच लिया फिर छोड़ दिया और तो वह थोड़ा सा पी गई थोड़ा सा मैं पी गया इस तरह थोड़ी देर खेलने से उसका दर्द खत्म हो गया और मजा आने लगा.
फिर मैं लंड बाहर खींचा उसके मुंह में कच्छी डाल दी और समझ गई कि अभी भैया मुझको और दर्द देने वाले हैं वो मुस्कुराई मैंने लंड पीछे खींच कर पूरी ताकत से फिर जोर से धक्का मारा मेरा लंड उसकी चूत में 2 इंच और घुस गया 6 इंच का लंड उसके अंदर जाते ही उसकी मुंह से जोर की चीख निकल गई.
जो चड्डी फंसी होने की वजह से पूरी तरह बाहर नहीं आई अगर चड्डी नहीं होती तो शायद कर कर दूर तक उसकी चीख जाती उसकी सील अब पूरी टूट गई थी वो दर्द से थरथराने लगी उसकी आंखों से आंसुओं की धारा और चूत से खून की धारा बहने लगी उसकी आंखे पलट गई हल्की सी बेहोशी छाने लगी.
मैं रूका और पानी की छींटे उसके चेहरे पर डाली वो कराहने लगी मैं आई लव यू बोला वो जबरदस्ती मुस्कुराई और बोली भैया मेरा ट्रीटमेंट कैसा लगा आप तो पूरे ताकतवर मर्द हो कुंवारी बहन की कच्ची कली को एक ही बार में फूल बना दिया मैं बोला बेटू आज तुमने मुझे अपना गुलाम बना लिया है मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं और करता रहूंगा तुम मेरी गर्लफ्रेंड बन कर रहोगी आईं लव यू.
वो बोली आईं लव यू टू जानू भैया आप मेरी बहुत केयर करते हो जिससे आपने मेरा दिल जीत लिया मैं बहुत लकी हूं जोकि आप जैसे लविंग और केयरिंग भैय्या मिला वो फिर स्मूच करने लगी मेरा लंड उसकी चूत में कसकर फस गया था मैंने धीरे से बाहर खींचा तो फिर उसकी चीख निकल गई मैंने 1इंच बाहर निकाल कर फिर हल्के से दबाया.
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और फिर 2 इंच अंदर डाल दिया वो बुरी तरह तड़प गई आ आ आह उई मां भैया प्लीज़ बस और मत डालो मैं मर जाऊंगी प्लीज़ रुक जाओ मैं रूक गया मेरा 7 इंच लंड अंदर घुसा हुआ था मैं उसको चूमने लगा और उसकी चूचियों को सहलाने लगा और चूचियों को मुंह में भरकर पीने लगा और चूत की टींट को सहलाने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तो थोड़ी देर बाद उसे मज़ा आने लगा मैंने फिर धीरे-धीरे लंड उसकी चूत से बाहर निकाल कर फिर हल्के से अंदर डालने लगा अब वो मस्ती से सराबोर हो कर सिसकारी लेने लगी मैं धीरे-धीरे अंदर-बाहर कर रहा था और उसकी चूचियों को पी रहा था मैंने उसके कान में पूछा शोना कैसा लग रहा है वह बोली भैया एकदम से बहुत मजा आ रहा है लग रहा है स्वर्ग में हो रही हूं.
तो मैंने पूछा और अंदर डालूं अभी 3 इंच और बाहर पड़ा है और वह भी तुम्हारी चूत का रस पीना चाहता है उसने प्यार से भैया इतने से ही काम चलाते हैं इतने में ही जान निकल रही है बहुत मजा आ रहा है आपको भी मजा आ रहा है क्या, मैंने कहा आई लव यू बेटू मुझे भी बहुत मजा है.
और मैंने कहा ठीक है मेरी जान अच्छा यह बताओ मैं अपना पानी कहां निकालूं तो वह बोली भैया अभी आप अंदर ही पानी निकालो मेरी चूत में मेरी चूत ठंडी कर दो आपकी बहन अपने भैया का यह अमृत अपनी चूत में ही लेती रहेगी मैं उसके कान में बोला आई लव यू मेरी जान मैं तुम्हें दुख नहीं दूंगा.
मैं बहुत खुश हूं तुमने अपनी वर्जिनिटी इस कच्ची उम्र में अपने भैया को दी कितना दर्द लिया अपने भैया के लिए तुम्हारा ये गिफ्ट बहुत अनमोल है आपने भी कितना प्यार से इतना कम दर्द देते हुए मेरी सील खोली मुझे कच्ची कली से फूल बना दिया इतना आनंद दिया और यह प्यार मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगी आप जब चाहे जैसे चाहे मुझे प्यार कर सकते हैं और मेरा मन हो तब आप मुझे प्यार करेंगे वादा करिए आपको मेरी कसम जानूं.
मैं मेरा लन्ड अब थोड़ा तेजी से अंदर बाहर करने लगा मैंने पूछा अब तो दर्द नहीं हो रहा वो बोली नहीं भैया अब मज़ा आ रहा है मैं बोला अभी तो 3 इंच बाहर है जो बहुत ही ज्यादा मज़ा देगा मैंने भी मज़े लेने के लालच में आकर कहा तो इंतजार क्यों कर रहे हो घुसा दो वो बोले थोड़ा सा दर्द होगा मैं बोली आपकी खुशी के लिए मैं तैयार हूं उफ़ भैया बहुत ही अच्छा लग रहा है पेल दो।
भैया ने मुझे चढ्ढ़ी दी और मैंने अपने मुंह में भरकर होने वाले दर्द का इंतजार करने लगी, भैया ने पूरे लंड को बाहर निकाल कर फिर से वैसलीन मेरी चूत और अपने लंड पर लगा कर भैया ने मेरी टांगों को उठाकर मेरे कंधों पर रख दिया और मुझे गठरी बना कर जकड लिया मैंने भी चढ्ढ़ी को अपने मुंह में डाल लिया.
फिर भैया ने अपना लंड बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का लगाया तो उनका 9 इंच लंबा लंड मेरी बच्चेदानी को ऊपर ठेलता हुआ छाती में घुस गया मैं तड़प उठी फिर भैया ने थोड़ा सा निकाल कर दूसरा ज़ोरदार धक्का लगाया तो उनका पूरा 10 इंच लंबा लंड मेरी अंदर घुस गया था.
मैं तड़प रही थी भैया रूक गये और मुझे चूमने लगे मेरी चूचियों को सहलाने लगे थोड़ी देर बाद मुझे दर्द कम हो गया मैं नीचे से कमर हिलाने लगी तो भैया ने धीरे धीरे फिर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया चूमते हुए कहा आई लव यू भैया आपकी खुशी के लिए मैं अपनी चूत में आपके हलब्बी लंड को ले लिया प्लीज प्यार से आराम से करो.
थोड़ी देर में रफ्तार से चोदने लगे लगभग 50-60 और धक्के लगाने के बाद सारा वीर्य उसकी बच्चेदानी में डाल दिया वो आनंद में सिसकारी भरने लगी आह सी सी भैय्या बहुत अच्छा लग रहा है जैसे तपते रेगिस्तान में बहार आ गई मेरी चूत में बच्चेदानी पर आपकी बारिश बहुत मजा दे रही है आई लव यू आई लव यू भैया।
अब तक वो भी 4 बार पानी छोड़ चुकी थी मैं निढाल हो कर उसके ऊपर लेट गया उसने मुझे कस कर जकड लिया लिया और बुरी तरह जकड़ने लगी चूमने लगी मैं पलट कर बिस्तर पर लेट वह मेरे ऊपर और सीने पर आकर मेरा सीने को चूमने चलने लगी और आई लव यू बोलता जा रही थी दोनों बहुत खुश है जैसे जीवन में कुबेर का खजाना मिल गया हो.
मैंने मजा आया वह बोली भैया बहुत मजा आया लेकिन अभी बहुत दर्द हो रहा है 10 मिनट बाद मैंने उसको अपने ऊपर से नीचे उतारा और उठा तो देखा पूरी चादर खून से खराब हो गई थी वह उठी और चादर देखकर मुस्कुरा कर कहने लगी भैया आपने मेरी चूत फाड़ दी देखो कितना खून निकला है आज आप बहन चोद बन गए आई लव यू मेरी बहन चोद भाई.
मैं भी बोला आई लव यू बेट्टू मेरी जान आज से मेरा लंड तेरा है तेरी चूत मेरी है उस रात मैंने पुष्पा की कोई 5 बार ली… हम सुबह 9 बजे तक एक दूजे से लिपटे सोए रहे। फिर ताजा हो कर नाश्ते के बाद उसने मुझे अपनी चूत दिखाई जो कि बुरी तरह से सूज चुकी थी.. मैने रुई को गरम पानी में भीगो भीगो कर उसकी चूत को धोया।
गरम पानी की सिकाई करते करते उसकी चूत का रंग तन गया और उसकी आंखें बंद होने लगीं. भीगे हुए ताज़े गुलाब जैसी चूत को देख कर मैं फिर बेकाबू हो गया और उसकी चूत पर मुंह टिका कर जीभ से चाटने लगा। पुष्पा का हाथ मेरे सर पे आ गया.
मेरी चूत के खड़े लहसुन को मुंह में लेकर चूसने लगा तो पुष्पा मेरे बालों में उंगली फिराने लगी. तवा गरम देख कर मैंने फिर से उसका ऊपर चढ़ गया और पूरा लौड़ा एक ही धक्के में चूत में घुसा दिया। वो इस तरह से तैयार नहीं थी वो जोर जोर से चीखने लगी आ आ आह उई मां उई मां बचाओ मुझे मैं मर जाऊंगी आ आ आह.
फिर मैंने पुष्पा को लिपलॉक कर लिया और पुष्पा ने मेरे मुँह में जीभ दाल दी, उसकी टांगे मेरी कमर पे आ गायी। उसकी जीभ चुस्ते हुए मैने धक्के लगाने शुरू कर दिये। दंड पेलने की प्रैक्टिस अब काम आ रही थी। थोड़ी ही देर में बहन के मुं से उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी, वो सारा दर्द भूल गई उसकी चूत सूजी हुई है और नीचे से चूतड उछल कर मेरा साथ देने लगी।
पुष्पा सिसकियों के बीच बोल रही थी …” उह..मेरे भैया…मेरे साजन…जरा और तेज…आह…जोर से…उई मां…कितना मजा आ रहा है…भाई..आई…मैं गई…ये कह कर वो मुझसे चिपक गई कि तरह चिपक गई और मैंने भी एक जोरदार आखिरी शॉट मारा और लंड को जड़ तक घुसा कर उसके गर्भ में प्यार की बरसात कर दी.
पुष्पा की आंखें परम संतुष्टि से बंद थीं। हमारा हनीमून पीरियड कोई 7 दिन तक चला, मैंने पुष्पा को जम के चोदा। हमारे माता-पिता आने के बाद भी ये सिलसिला चलता रहा.. पुष्पा की एमसी रुक गई उसने जब ये बताया तो मेरी पैरो के नीचे से ज़मीन ही खिसक गई… इधर मेरे जाने का समय भी आ गया…
मैंने एक तरकीब निकाली मैंने मां को समझा कि मैं नए शहर जा रहा हूं वहां मुझे खाने पीने की कितनी परेशानी होगी, मुझे पुष्पा को साथ ले जाता हूं, यहां गांव में पढ़ाई भी कोई ज्यादा अच्छी नहीं है,.. शहर की पढ़ाई से इसका कैरियर भी बन जाएगा.. और आप अभी शादी की चिंता छोड़ दो वो मैं मैनेज कर लूंगा.. मां मान गई…पुष्पा मेरे साथ शहर आ गई…
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अब तो दिन भी हमारे और रात भी हमारी. मैने पुष्पा का गर्भपात करा के कापर टी लगवा दी, जिसमें आगे गर्भ धारण न करे, मैंने उसके लिए सारी गर्भावस्था निरोधात्मक गोलियां नहीं चुनी लंबे समय तक गोलियां बहुत ज्यादा नुकसानदायक होती है… अब तो पुष्पा खुद कहती है.” भैया कोई रास्ता निकालो कि आप ही मेरे पति बन जाओ, मैं आपके लंड के बिना नहीं रह सकती”। पुष्पा की गांड का तो मैं शुरू से दीवाना था, इसलिए बीच में उसकी गांड भी मारता रहता हूं..
पुष्पा को अब गांड मरवाने का भी चस्का लग गया है और हर चुदाई से पहले मुझे गांड मारने को जरूर कहती है। अब तो मैने पुष्पा को चोद चोद कर औरत बना दिया है. चुदाई से वो पहले से ज्यादा मोटी लगती है…लेकिन गांव का सॉलिड देसी माल होने के कारण वो ढीली नहीं पड़ी है। अभी ना तो वो मुझसे दूर रहना चाहती है और ना ही मेरा दिल उससे दूर होना चाहता है और फ़िलहाल हमारी शादी का भी कोई इरादा नहीं है.. जब घर के अंदर हम मिया बीवी की तरह रह रहे हैं तो शादी के झंझट में कौन पडे.
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