Tammana Bhatia Nude Porn
मेरा नाम मुकेश है, मैं मेरठ का रहने वाला हूं। मेरे घर में मैं मेरी दो बहनें वंदना और ज्योत्स्ना, और मेरे मां पापा रहते हैं। मेरी बड़ी बहन सोना जो बेहद खूबसूरत है देखने में एकदम परी जैसी। अगर बात करूं ज्योत्स्ना की तो वो भी किसी हूर से कम नही, ज्योत्स्ना की उम्र 19 साल है, गदराई हुई जवानी, गोल गोल बूब्स, गांड भी किसी खरबूज से कम नही हैं. Tammana Bhatia Nude Porn
जब वो चलती है तो लड़को के लौड़े खड़े हो जाते हैं और उसकी गांड को सलामी देते है, कालोनी के लड़कों की घूरती नजर को देखकर यही लगता है कि अगर कोई पा जाए तो कच्चा ही चबा जाए उसे। अगर बात करूं फिगर की तो यही कोई 32-30-32 होंगे, पर जब वो सलवार सूट पहन लेती है तो कहर ढाती है।
बात करूं अगर इस घटना की तो नवम्बर महीने का है, जब मैं घर से जोधपुर जा रहा था, मैं आपको बता दूं मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूं। मैं जब जोधपुर जाने लगा तो ज्योत्स्ना ने मुझसे बोला भईया मुझे जोधपुर घूमना है तो मैने बोला तैयार हो जाओ, और मौका देखकर चचेरे भाई ने भी बोला भईया मुझे भी घूमना है, और फिर साथ में हम दोनो घर लौट आएंगे।
तो मैने भी सोचा ठीक ही है और मैने बोला ठीक है तुम भी तैयार हो जाओ, पर मुझे नही पता था कि क्या होने वाला है वहां पर। हम सब घर से निकले तो ज्योत्स्ना ने सलवार सूट पहन रखा था जिसमें वो बहुत जच रही थी, हम सब एक घंटे बाद स्टेशन पर पहुंच गए.
तभी चचेरा भाई मिथिलेश बोला भईया रूकिए मैं दवा ले लेता हूं, मैं कुछ पूंछ पाता तब तक वो चला गया और मेडिकल से दवा लेते ही वो तुरन्त कुछ बैग में रखा और कुछ जेब में। जब वो आया तो मैने पूंछा तो वो दवा दिखाया जो दस्त की थी फिर मैने उससे पूछा बैग में क्या रखा तो वो डरकर बोला भईया कुछ तो नही।
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और फिर ज्योत्स्ना बोली चलो ना भईया ट्रेन आने वाली है। हम जब प्लेटफार्म पर आए तो मैने गौर किया हर कोई मर्द मेरी बहन को हैवान की नजर से देख रहा था, फिर ट्रेन आ गयी और हम सब बैठ गए, पर दिक्कत की बात ये थी कि उनके अचानक तैयार होने से हमारा केवल एक ही सीट कन्फर्म था और रात होने की वजह से उनको सोना भी जरूरी था।
तो मैने ज्योत्स्ना को बोला तुम ऊपर जाकर सो जाओ, फिर कुछ देर बाद मैने देखा की मिथिलेश भी झपकी ले रहा था तो मैने उसे भी भेज दिया,वो भी जाकर ज्योत्स्ना के साथ सोने लगा पर मुझे क्या पता वो बहुत गंदा है। कुछ देर बाद मुझे भी नीद आने लगी तो मैं भी सोने की सोचने लगा, तभी मैने देखा कि कंबल के अन्दर कुछ तो हलचल थी.
तभी अचानक ज्योत्स्ना अईई करके चिल्लाई, वो दोनो शायद कुछ तो कर रहे थे पर मैने दो बार जब आवाज दी तो वो फिर उठे। मैने पूछा क्या हुआ तो ज्योत्स्ना बोली भईया मुझे नीद नही आ रही तो वो नीचे आ गयी। मैने देखा उसके कपड़े कमर से ऊपर उठे थे तो फिर भी मैने शक नही किया क्यूंकि भाई बहन जो थे।
फिर रात को हम सब जोधपुर पहुंच गए और फिर हम सब मेरे फ्लैट की ओर निकल गए जो 2 BHK था। जो स्टेशन से कुछ दूरी पर था। हम वहां पहुंचने के बाद आराम करने के लिए सोने लगे और बातें करते करते सो गए, दूसरे दिन जब सुबह हुई तो मुझे आफिस जाना था तो मैं जल्दी उठा और नाश्ता बना कर खाया और जाने लगा।
तो मैने देखा कि अभी तक ज्योत्स्ना और मिथिलेश नही उठे हैं, फिर मैने सोचा कि सोने देते हैं थके होंगे फिर सोचा जाने से पहले उठा देता हूं। तो मैने जब दूसरे रूम का दरवाजा खोला तो देखा कि मिथिलेश और ज्योत्स्ना दोनो एक दम दोनो चिपककर सोये थे।
और मिथिलेश का एक पैर ज्योत्स्ना के दोनो पैरों के बीच में था और एक हाथ ज्योत्स्ना के बूब्स को जकड़े हुआ था और कंबल बेड से नीचे गिरा था। फिर मैं ये सोचकर कुछ नही बोला कि रात में ठंड लगी होगी तो ऐसे सो गए होंगे, और यहीं पर मैने गलती कर दी।
आपको बता दूं कि कुछ दिन पहले मेरे फ्लैट से चोरी हो गयी थी तो मैने हिडेन कैमरे लगवाए थे, बस बाथरूम को छोड़कर, फिर मैं आफिस चला आया और मेरे पैरों तले जमीन तो तब खिसकी जब मैने कैमरे को अपने मोबाइल से आपरेट करना स्टार्ट किया तो बीती हुई रात का नजारा देख के रोंगटे खड़े हो गए।
जिसमें ज्योत्स्ना लेटी हुई है और मिथिलेश उसे किस कर रहा था और उसके बूब्स स्मूच कर रहा था ऐसे करते करते फिर वो सो गए थे। फिर जब मेरा लंच टाईम हुआ तो मैने फिर मोबाइल में देखा तो ज्योत्स्ना नही दिख रही थी शायद वो बाथरूम में होगी और मैने देखा मिथिलेश भी बाथरूम में गया अब अन्दर वो दोनो क्या किए पता नही।
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पर जब कुछ देर बाद ज्योत्स्ना बाहर निकली तो उसके पीछे मिथिलेश भी निकला अन्डरवियर में, और पीछे से ज्योत्स्ना को पकड़ लिया और बूब्स को दबाने लगा, और धीरे धीरे वो दोनों एक दूसरे में खोने लगे और ऐसे करते करते दोनों के एक एक कपड़े उतरते गए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब दोनों ने साउंड से गाना बजाया और एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे को किस करने लगे। और धीरे धीरे करके दोनो इतना खो गए कि उन्हे पता ही नही चला कि वो दोनो बिस्तर पर कब लेट गए। इधर मेरी भी हालत खराब हो रही थी ज्योत्स्ना के छरहरे बदन को देख देखकर।
मेरा मन यही कह रहा था अगर ज्योत्स्ना को यही चाहिए था तो मुझसे क्यूं नही बतायी। फिर मेरे मन में उसके साथ सम्ब्नध बनाने का ख्याल आने लगा और मैं यही सोच रहा था कि ज्योत्स्ना को सबसे पहले मैं चखूं। पर उसके लिए तो मिथिलेश को रोकना था, पर बात कुछ ज्यादा आगे बढ़ चुकी थी, बस मिथिलेश के लंड को ज्योत्स्ना के चूत का दर्शन करना ही बाकी था।
तभी मैने देखा कि मिथिलेश कामुक होकर ज्योत्स्ना को दूध को पीने लगा और ज्योत्स्ना के उत्तेजना को बढ़ाने लगा ताकि चुदाई के समय वो उसका भरपूर साथ दे, ज्योत्स्ना भी अपपे चरम सीमा पर आ चुकी थी वो मिथिलेश के लंड को पकड़कर अपने चूत के पास लाना चाह रही थी.
पर मिथिलेश भी था कमीना वो ज्योत्स्ना को तरसा रहा था ताकि उसकी चुदाई मनचाहे तरीके से करे। अब बारी आ चुकी थी लंड और चूत के मेल होने का तो मैने देखा मिथिलेश ने अपने बैग से कंडोम निकाला और पैकेट फाड़कर अपने लंड पर चढाने लगा तब मुझे समझ आया कि।
दस्त तो एक बहाना था असली मकसद तो कंडोम लगाकर ज्योत्स्ना को चोदना था ताकि किसी को पता ही ना चले। जब मिथिलेश अपने लंड पर कंडोम लगाने लगा तो मैं समझ गया कि अब ज्योत्स्ना चुद जाएगी और मैने जो सोचा है ज्योत्स्ना को सबसे पहले चोदने का वो धरा का धरा रह जाएगा।
मैने तुरन्त मिथिलेश को काल किया पर उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया, फिर मैने देखा वो ज्योत्स्ना की मोबाइल भी बंद करने वाला था तब तक मैने काल कर दिया। ज्योत्स्ना फोन उठायी मैने बोला क्या कर रहे तुम सब तो वो डरकर बोली कुछ नही भईया हम दोनो मूवी देख रहे हैं और फिर मैने मिथिलेश से पूछा तो वो बोला हां भईया हम दोनो मूवी देख रहे हैं,
मैने मन में कहा शाम को तुम सबकी मूवी हम दिखाएंगे, मैने फिर देखा वो दोनों इतना उत्तेजित थे कि रूकने वाले नही थे, फिर तुरन्त मैने बोला तैयार रहो मैं आ रहा हूं घूमने चलते हैं। तो मिथिलेश बोला भईया आज हम दोनों का घूमने का मन नही है कल चलेंगे आज रहने दीजिए.
मैं समझ चुका था कि अगर मैं रूक गया तो आज ज्योत्स्ना कच्ची कली से महिला बन जाएगी। मैने बोला मैं आ गया हूं 10 मिनट लगेंगे तो वो दोनो डर गए, और कपड़े पहनने लगे, फिर मैं एक घन्टे बाद आया तो सब नार्मल थे जैसे कुछ हुआ ही नही है।
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फिर रात हो गयी और हम खाना खाए जब दोनो सोने जाने लगे मैं समझ गता रात में ये चुदाई जरूर करेगे क्योंकि उनके चेहरे पर वो उत्तेजना दिख रही थी। मैने ज्योत्स्ना को बोला मेरा एक काम है यही कर दो तो वो मेरे रूम मे आयी और मैने उसे जो काम दिया उसे खत्म करते करते रात के 1 बज गए।
फिर मैने काफी बनायी और उसमें जोश की एक गोली डाल दी और मैने और ज्योत्स्ना ने दोनों ने पिया। पर रात होने के साथ साथ ठंडी बढ़ रही थी, मैने बोला यहीं पर सो जाओ। और जब वो सोने लगी तो उसका जिस्म जोश बढ़ने के साथ कब्जे में नही था और वो मुझे कसकर जकड़ने लगी।
मैने भी मौका देखते ही उसको पकड़ लिया। उधर मिथिलेश ज्योत्स्ना का इंतजार कर रहा था पर उसे क्या पता कि ज्योत्स्ना आज मेरे साथ सुहागरात मनाने वाली है। अब मैने ज्योत्स्ना को किस करना स्टार्ट किया तो ज्योत्स्ना मुझसे अलग होने लगी फिर मैने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया।
अब वो जाती तो जाती कहां क्यूंकि अभी सुबह की कसर अभी बाकी थी और वो गरम होने लगी। मैने भी टाईम ना खराब करते हुए अपने कपड़े निकाल दिए और धीरे धीरे करके ज्योत्स्ना के भी उतार दिए। अब हम दोनो नंगे कंबल के अदर जिस्म की भूख मिटाने को तड़प रहे थे।
तभी अचानक से ज्योत्स्ना ने कहा अब मत तड़पाओ भईया अब डाल भी दो ना, वैसे भी सुबह कुछ नही हो पाया। मैं जानते हुए भी पूछा सुबह क्या हुआ था। तो वो बोली भैया कल रात से मिथिलेश मेरे पीछे पड़ा है रात में किस भी किया था और सुबह वो बाथरूम में घुस गया था और साथ में नहाया बूब्स को पिया फिर मैं खो चुकी थी।
हम दोनो चुदाई करने ही वाले थे की आपका फोन आ गया। मैने बोला अच्छा तो मुझसे बताया भी नही और मैं हंसने लगा और कहा मुझे सब पता है मैने कैमरे में सबकुछ देखा है तभी फोन किया था। क्यूंकि तुम्हे देखने के बाद सबसे पहले मैं चोदना चाहता था।
तभी ज्योत्स्ना बोली भईया अब डाल दो प्लीज तो मैने भी ना कुछ सोचा ना समझा अपना लंड उसकी चूत पर टिकाया और थोड़ा सा दबाया। पर चूत बहुत टाईट होने की वजह से मेरा 2 इंच मोटा लंड फिसल गया। पर मैने फिर से टिकाया और एक जोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लंड चूत के अंदर था।
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तभी ज्योत्स्ना बहुत तेज चिल्लाई और रोने लगी पर तुरन्त मैने उसे लिप किस करने लगा। और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा पर उसके दर्द अभी खत्म नही हुए थे। तब तक मैने एक जोरदार धक्का मारा और मेरा 8 इंच लंबा लंड ज्योत्स्ना की चूत को फाड़ते हुए उसके बच्चेदानी से जा टकराया।
और इसबार वो ज्यादा तेज चिल्ला दी शायद मिथिलेश भी जग गया था। फिर मैं उसके बूब्स को पीने लगा और उसके साथ रोमांस करने लगा ताकि उसका दर्द कम हो जाए,और धीरे धीरे करके वो भी मेरा साथ देने लगी। अब तो पूरे कमरे में केवल कामुकता भरी आवाजें थी।
उह आह उह आह अइइइ ओ माइ गाड फक मी फक मी मेकी कम उईईई आआआआआह… अब वो मेरे लंड पर बैठकर उछलने लगी उसके बाल खुले थे। उसके दूध हवा में बाउंसिंग बाल की तरह उछल रहे थे और पूरे कमरे में फचर फचर फुच फुच पच पुच की आवाजें आ रही थी।
हम दोनों एक दूसरे में इतने खो गए थे की हमें पता भी नही था कि हमें कोई देख रहा है। हम दोनो चरम सीमा पर थे ऐसा लग रहा था कि हम अलग ही दुनिया में हैं। और तभी ज्योत्स्ना के शरीर में करंट सा दौड़ने लगा वो झड़ने वाली थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने मुझे बहुत तेज कस कर जकड़ लिया और अपनी तरफ खींचा और मैं उसके बूब्स पीने लगा तब तक फव्वारे की तरह उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। और वो मुझसे लिपटकर लेटने ही वाली थी कि मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी क्यूंकि मैं भी झड़ने वाला था।
तब तक मैने दरवाजे की ओर देखा कि मिथिलेश हम दोनों को देख रहा था और मैं उसे देखते ही ये भी भूल गया कि मैने कंडोम नही पहन रखा था। मुझे ज्योत्स्ना अपनी तरफ खींच रही थी और पूरा साथ दे रही थी। तब तक मैं अपने चरमसीमा पर था और अचानक से मैं कुछ समझ पाता कि उसके पहले ही मैने ज्योत्स्ना की चूत में एक जोर का धक्का दिया और मैं उसके ऊपर ही लेट गया।
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मैने अपना पूरा माल अपनी बहन की चूत में डाल दिया था और वो बहुत खुश नजर आ रही थी। पर जब उसे याद आया कि मैने अपना माल उसकी चूत में डाल दिया तो वो रोने लगी। फिर मैने उसे बहुत समझाया फिर वो चुप हुई और फिर मैने मिथिलेश को भी समझाया कि किसी को मत बताना। पर वो बोलने लगा मैं भी चुदाई करूंगा। तो मैने मना कर दिया फिर वो बोला कि मैं सबको बता दूंगा। तो मैने उसे सुबह का वीडियो दिखाया तो वो मान गया और बोला भईया केवल किस करूंगा प्लीज। उसने ज्योत्स्ना को किस किया और हम तीनों एक ही बेड पर सो गए।
दूसरे दिन ज्योत्स्ना सही से चल भी नही पा रही थी और बोली भईया पूरी बाडी में पेन हो रहा। तो मैने सोचा क्यूं ना इसका मसाज कर दूं और मैने ज्योत्स्ना की पूरी बाडी मसाज किया। अब वो ठीक है फिर दूसरे दिन हम उसे डाक्टर के पास ले गए। डाक्टर ने दवा दिया और फिर उसे जोधपुर घुमाया और हर रात हम दोनों रोमांस करते। एक हफ्ते बाद उसे घर छोड़ने गया ताकि मिथिलेश रास्ते में उसकी चुदाई न कर दे। और घर जाने के बाद हम दोनों के चेहरे पर एक अलग ही खुशी रहती थी। फिर एक दिन हम दोनो खेत में गए और वहां मौके का फायदा उठाकर फिर से चुदाई की।