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मेरी मासूम बहन अब जवान हो गई

मई 18, 2022 by hamari

Suhagraat Ki Practice Porn

मेरा नाम भूषण है और में 18 साल का हूँ. दोस्तों आज में आप सभी लोगों को अपनी और मेरे अंकल की लड़की के बारे में कुछ बातें वो एक सच्ची घटना को बताने जा रहा हूँ, जो मेरा एक बहुत अच्छा सेक्स अनुभव बना, जिसमें मैंने अपनी बहन जिसका नाम प्रज्ञा है, उसकी बहुत जमकर चुदाई के मज़े लिए. वो मुझसे छोटी है, लेकिन है बहुत मस्त, उसका फिगर बहुत कमाल का था. Suhagraat Ki Practice Porn

दोस्तों में जब 12th क्लास में पड़ता था, तब भी में सेक्स के बारे में थोड़ा थोड़ा जानता था. उन दिनों मेरा लंड बहुत जल्दी उठता था और उसकी लंबाई करीब 6.5 इंच थी और उस समय मेरे आसपास में बस एक मेरी बहन ही थी, जो मेरे खड़े लंड को थोड़ी सी राहत दे सकती थी.

वैसे वो भी बहुत हॉट सेक्सी थी, उसके गोरे गोरे बूब्स बहुत ही मस्त थे और वो बहुत ही मुलायम उनका आकार भी एकदम ठीकठाक था और उस समय में कई बार उसे अंजाने में छू लेता था, लेकिन वो तो इन सबके बारे में कुछ जानती ही नहीं थी, इसलिए उसको इन सभी बातों से कोई मतलब आपत्ति नहीं थी.

और में अक्सर उसे जानबूझ कर चोरी-छिपे पीछे से जाकर पकड़कर ऊँचा उठा लेता था और इस बहाने से मुझे उसकी गांड और बूब्स को दबाने का मौका मिल जाता था, जिसका मुझे हमेशा इंतजार रहता था. में वो सब कुछ उसके साथ करके मन ही मन बहुत खुश हुआ करता था और अब में उसकी चूत को जी भरकर देखना और उसे बहुत आराम से हल्के हल्के बहुत प्यार से छूना चाहता था.

लेकिन में अब बिल्कुल भी समझ नहीं पा रहा था कि उसकी चूत को पाने के लिए ऐसा क्या करूं? किस तरह मुझे उसकी चूत मिलेगी, वो दिन कब आएगा? ऐसे मेरे मन में बहुत सारे सवाल और व्याकुलता थी. फिर एक दिन मैंने एक तरकीब सोची और फिर मैंने हमारे बाथरूम के दरवाजे में एक छेद कर दिया, यह बात सोचकर कि जब वो नहाने के लिए बाथरूम में जाएगी तो में उसको नहाते हुए पूरी नंगी देख सकता हूँ.

एक दिन मुझे मेरी अच्छी किस्मत से वो मौका मिल ही गया, जिसका मुझे बहुत इंतजार था, शाम का समय था और उस दिन घर पर में अकेला था और फिर कुछ देर बाद मेरी बहन चली आई और मैंने उससे मज़ाक करना शुरू कर दिया. मैंने उससे मजाक में कहा कि तुम आज क्यों मुझे बिना नहाए लग रही हो?

तो उसने मुझसे बोला कि नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि में तो सुबह ही नहा चुकी हूँ. अब मैंने उससे कहा कि तुममें से पसीने की बदबू आ रही है और उससे यह शब्द बोलकर में हंसने लगा, तुम सीधी बाथरूम में जाओ और अभी नहा लो. उसने कहा कि अच्छा फिर वो मुझसे कहकर थोड़ी देर बाद नहाने बाथरूम में चली गई.

उसको जाता हुआ देखकर में मन ही मन बहुत खुश हुआ और उसे मेरे ऊपर शक ना हो, इसलिए में तेज आवाज़ से टी.वी. देखने लगा, जैसे ही वो बाथरूम में गई, तो मैंने अपनी आखें उस छेद पर जाकर चिपका दी, जिसको मैंने खुद ने दरवाजे पर किया था.

अब मैंने देखा कि वो अपने एक एक कपड़े उतार रही है, उसने सबसे पहले अपनी फ्रोक को उतारा और उसके बाद में उसने अपनी ब्रा को भी उतार दिया, उसके वाह क्या मस्त सेक्सी बूब्स थे, दिखने में एकदम छोटे थे, लेकिन बिल्कुल सुडोल और दूध जैसे गोरे गोरे थे, उनको देखकर मेरा तो लंड तनकर एकदम टाईट हो गया.

कुछ देर बाद में उसने अपनी पेंटी को भी उतार दिया, जिसको देखकर में तो अब अपने आपको बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं कर पा रहा था. मैंने देखा कि उसकी चूत पर एकदम छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम फूली हुई और सुंदर थी, वो फुहारे के नीचे खड़ी हो गई और उसने पानी को चालू किया, पानी उसके सर से होकर उसके बूब्स पर जाकर नीचे उसकी मस्त गांड पर आ रहा था, वो अपने हाथों से अपने बूब्स को दबा रही थी.

उसके बाद उसने साबुन लिया और अब उसने अपने बूब्स पर और पूरे बदन पर साबुन लगाना शुरू किया, वो धीरे धीरे अपने पूरे बदन पर अपना हाथ घुमा रही थी. में यह सब कुछ दरवाजे के उस छेद से देख रहा था, जिसको देखकर अब मेरी तो हालत बहुत खराब हो रही थी, वो सिर्फ़ मुझसे दो फिट की दूरी पर थी.

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लेकिन में उसे अपनी मर्जी से छू भी नहीं सकता था और में कोई भी ऐसा वैसा गलत कदम नहीं उठा सकता था, क्योंकि मेरे मम्मी और पापा को यह बात पता चल गई तो मेरी खेर नहीं समझो और थोड़ी देर के बाद उसने फिर से पानी चालू किया और साबुन को अपने बदन से छुड़ाने लगी और उस समय जो कुछ हुआ उसको देखकर में बिल्कुल दंग रह गया.

क्योंकि अब वो पानी के नीचे खड़े खड़े अपनी दो उंगली से अपनी चूत को मसल रही थी और उँगलियों को चूत के अंदर बाहर भी कर रही थी, में तो वो सब देखकर चकित रह गया और मुझे ऐसा लगा जैसे यह एक सपना है, लेकिन दोस्तों यह कोई सपना नहीं बिल्कुल सच था, वो अपनी चूत में उँगलियाँ कर रही थी यानी कि हस्तमैथुन.

फिर मैंने ध्यान से देखा कि उसे अब ऊँगली करने में बहुत मज़ा आ रहा था और उसके चेहरे के हावभाव को देखकर में तो एकदम दंग ही रह गया, वो अब हल्की सी सिसकियाँ भर रही थी. करीब दस मिनट तक वो अपनी चूत को मसलती सहलाती रही और उसके बाद वो एकदम से तेज हुई और फिर शांत हो गई तो में अब तुरंत समझ गया कि वो झड़ चुकी है.

मेरी छोटी और भोलीभाली बहन प्रज्ञा अब छोटी नहीं रही है और उसकी चूत में भी अब खुजली होने लगी है, वो सभी बातें सोचकर में तो मन ही मन बहुत खुश था. अब में वहां से हटकर अपना काम करने लगा, लेकिन दोस्तों यह बात तो है कि जब भी किसी लड़की के बूब्स बड़े हो जाते है. तो हमेशा उन्हें कोई ना कोई दबाने वाला होना भी चाहिए.

और जब घर में ही यह सुविधा उपलब्ध हो तो कोई बाहर क्यों जाए, उन सभी बातों से कोई फरक नहीं पड़ता कि वो तुम्हारी बहन है कि कोई और आख़िर वो भी तो एक लड़की ही है, उसकी भी यह सभी इच्छाए होती है और अगर यह सभी कामो को करने के लिए वो बाहर किसी को चुनती है तो उसमें अपनी ही इज्जत खराब होती है.

अब यह सब देखा जाए तो बहुत अच्छी बात है कि दोनों सेक्स एक दूसरे की आग को ठंडा करने के लिए एक दूसरे की मदद जरुर करें. दोस्तों में अब उसके ख्यालों में अपना लंड हिलाता हिलाता ना जाने कब सो गया, मुझे पता ही नहीं चला और उन ख्यालों में कभी वो मेरे ऊपर होती थी और कभी में उसके ऊपर होता था.

वो बार बार मुझसे बोल रही थी कि भैया मुझे आपके साथ यह सब करने में बहुत मज़ा आता है और फिर उन्ही ख्यालों में जाने कब सुबह हो गई. दोस्तों आज तो मैंने मन में विचार किया कि कुछ ना कुछ ऐसा किया जाए कि जिससे में उसकी मदद कर सकूं और वो जो सभी काम नहाते समय बाथरूम में कर रही थी, अब आगे से कभी उसे वो काम ना करना पड़े.

हमारा घर पर दूसरी मंजिल पर उसका रूम था और उसके पास में मेरा रूम था और अब मैंने मन ही मन सोचा कि जो लड़की बाथरूम में यह सब करती है, तो वो अपने रूम में अकेले में तो ना जाने क्या क्या करती होगी? इसलिए मैंने उसके रूम के अंदर देखने के लिए एक कुर्सी ली और उसके रूम के दरवाजे के पास की खिड़की के नीचे रखी, जिससे उसका पूरा रूम दिखता था.

में धीरे से ऊपर हुआ और मैंने देखा कि वो उस समय सो रही है, तो में नीचे उतरने लगा, लेकिन उसी समय उसने अपना हाथ अपनी स्कर्ट में डाल दिया, तो में तुरंत समझ गया कि मुझे अब कुछ देखने को जरुर मिलने वाला है और यह बात सोचकर मैंने देखा कि वो अब अपनी चूत में ऊँगली कर रही है, उसी वक्त मैंने उसके दरवाजे को खटखटाया. फिर उसने अंदर से आवाज़ लगाई कौन है?

मैंने भी बाहर खड़े खड़े ज़ोर से कहा कि दरवाजा खोलो और उसने मेरी आवाज को सुनकर उठकर दरवाजा खोल दिया, जैसे ही वो मेरे सामने आई, तो मैंने गुस्से से उससे पूछा कि तुम क्या कर रही थी, मैंने सब कुछ देख लिया है. अब वो मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर एकदम से डर गई. फिर मैंने उससे कहा कि में अब पापा के पास जाकर उनसे बोलने वाला हूँ कि तुम रूम में यह सब करती हो.

दोस्तों मेरी बात को सुनकर वो अब एकदम सकपका गई और उसके माथे से पसीना बहने लगा, वो एकदम डरी सहमी सी चुप खड़ी रही और फिर वो एकदम से बोली कि भैया प्लीज आप वो बातें किसी को मत बताना. फिर मैंने उससे कहा कि में उसकी कोई भी बात नहीं सुनने वाला, में पापा को वो बात जरुर बताऊंगा.

तो वो अब रोने जैसी हो गई और अपने उदास उतरे लटके हुए चेहरे से मुझसे कहने लगी कि भैया प्लीज आप यह बात पापा को मत बताना. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है चलो तुम मान लो कि में ना यह बात किसी को ना बताऊँ, लेकिन उसमें मुझे क्या मिलेगा? तभी प्रज्ञा मुझसे बोली कि आप मुझसे जो भी कहोगे में वो सब करने के लिए तैयार रहूंगी.

दोस्तों में उसके मुहं से बस यही तो सुनना चाहता था, जिसको सुनकर में मन ही मन बहुत खुश हुआ और फिर मैंने उसे बेड पर बैठा दिया और उसे मेरे पास सरककर बैठने के लिए कहा. फिर उसने ठीक वैसा ही किया और अब मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया, जिसकी वजह से अब उसकी मुलायम गांड मेरे खड़े लंड को छू रही थी.

मैंने उससे कहा कि मैंने वो सब देखा जो तुम अभी अंदर कर रही थी, लेकिन क्या अब तुम मुझे नहीं बताओगी कि तुम क्या कर रही थी? वो मेरी बात को सुनकर शरमाने लगी. तभी मैंने उससे कहा कि तुम मुझे बताती हो कि में पापा को यहीं से आवाज़ देकर बुला लूँ, तो वो हकलाते हुए बोली कि हाँ में बताती हूँ और वो कहने लगी कि में बस खुजा रही थी.

अब मैंने उससे कहा कि अच्छा में भी तो देखूं कि तुम कहाँ पर खुजा रही थी? वो बोली कि यहाँ पर वो उस समय अपनी चूत की तरफ इशारा करके बोली. फिर मैंने उससे कहा कि अब तो मेरी एक ही शर्त है कि में पापा से बात ना कहूँ? तो वो बोली कि वो क्या?

फिर मैंने तुरंत कहा कि एक बार में भी वहां खुजाना चाहता हूँ. फिर वो बोली कि नहीं ऐसा कभी नहीं हो सकता. फिर मैंने उससे कहा तो फिर ठीक है, तुम खुद पापा को जवाब दे देना ठीक है, में अब जा रहा हूँ. अब वो बोली कि अच्छा ठीक है, लेकिन कपड़ो के ऊपर से ही.

फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और अब मैंने उसे अच्छी तरह से अपनी गोद में बैठा लिया और अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा और चूत को मसलना शुरू किया, जिसकी वजह से वो बहुत शरमा रही थी, इसलिए उसने शरम की वजह से अपना मुहं छुपा लिया.

मैंने सही मौका देखकर और भी ज़ोर से उसकी पेंटी के ऊपर से ही चूत को मसलना शुरू रखा और थोड़ी ही देर में वो बहुत गरम हो गई, वो अब सिसकियाँ लेने लगी, तो मैंने सही समय समझकर तुरंत अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया तो वो मेरी तरफ घूमकर मुझे देखने लगी और अब वो मुझसे बोली कि भैया आप यह सब मेरे साथ क्या कर रहे हो?

अब मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं तुम्हें मज़ा आ रहा है या नहीं, तुम मुझे वो बात बताओ और बाकी सब कुछ भूल जाओ. दोस्तों उसने ठीक वैसा ही किया और वो मुझसे बोली कि भैया मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और में उसके मुलायम बूब्स को मसल रहा था और अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ रहा था.

वो कुछ देर बाद मुझसे कहने लगी कि भैया आपका यह बेल्ट मुझे चुभ रहा है. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ वो बेल्ट तुम्हें चुभ रहा होगा, तो उसने बैठे बैठे ही बिना कुछ बोले अपना एक हाथ नीचे डाल और उसने मेरे खड़े लंड को बेल्ट समझकर पकड़ लिया और कुछ देर उसको महसूस करने के बाद वो मुझसे बहुत चकित होकर बोली, यह क्या है?

मैंने उससे कह दिया कि यह मेरा लंड है और तभी वो अपने हाथ से लंड को दबाते हुए मुझसे बोली कि यह इतना सख्त क्यों है, वैसे तो यह हमेशा मुलायम ही होता है और में इसका ऐसा रूप ऐसा आकार तो आज पहली बार देख रही हूँ. फिर मैंने कहा कि यह जब ज्यादा जोश में होता है ना तब यह ऐसा हो जाता है.

उसके बाद बातों ही बातों में मैंने सही मौका देखकर उसकी पेंटी में तुरंत अपना हाथ डाल दिया और अब में उसकी मासूम, छोटी सी चूत को मसलने लगा, सहलाने लगा, जिसकी वजह से वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी, में अपने दूसरे हाथ से उसके बूब्स को भी सहला रहा था.

और फिर मैंने कुछ देर बाद अपनी एक उंगली को उसकी चूत में थोड़ी सी अंदर डालकर चूत के दाने को सहलाने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम से मेरी बाहों में तड़प उठी और अब वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कहने लगी कि भैया मुझे अब कुछ कुछ हो रहा है, आह्ह्ह्ह भैया यह उफफ्फ्फ्फ़ सब मुझे क्या हो रहा है? फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हें क्या हो रहा है बताओ मुझे?

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वो बोली कि मुझे बिल्कुल भी पता नहीं, लेकिन एक अजीब सा उईईईईई अहसास मेरे अंदर आ रहा है, में अब क्या करूं स्ईईईइ मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा? अब मैंने उसकी बैचेनी जोश को देखकर समझकर उससे पूछा कि तुमको क्या मेरा लंड देखना है? वो कुछ नहीं बोली बस आहें भरती रही.

लेकिन फिर भी मैंने मेरा लंड पेंट से बाहर निकाल दिया और वो बिना पीछे मुड़े ही लंड को अपने हाथ से पकड़ने लगी और हल्के हल्के मसलने लगी, उसका जोश देखकर मैंने बहुत धीरे से उसके कान में कहा कि क्या तुम्हें पता है शादी के बाद पति पत्नी के बीच रात को क्या होता है? तो वो बोली कि क्या मतलब? में आपकी बात कहने का मतलब नहीं समझी, आप क्या कहना चाहते है.

अब मैंने उससे कहा कि क्या तुम जानती हो सुहागरात के दिन क्या होता है? वो झट से बोली कि मुझे नहीं मालूम क्या होता है? तभी मैंने उसकी चूत में अपनी दो उँगलियों को अचानक से एक झटका देकर अंदर डालते हुए उससे कहा कि उस दिन लंड को इसमें डाला जाता है और मेरा इशारा उसकी चूत की तरफ था.

और वो तुरंत मेरा इशारा समझ गई और बहुत दो उँगलियों के अंदर जाने की वजह से ज़ोर से चीखने लगी, आईईईईइ माँ में मर गई और अब मैंने उससे पूछा कि जो काम अब तक तुम उंगली से करती आ रही हो, अगर वही काम मेरा लंड करे तो सोचो तुम्हें कितना मज़ा आएगा और लंड से मज़े करने की वजह से तुम्हारी मेहनत भी खत्म हो जाएगी.

दोस्तों वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली बस चुपचाप मेरी बातें सुनती रही, में तुरंत समझ गया कि वो मेरे साथ अपनी चूत चुदाई के लिए तैयार है, वो भी अब शायद मेरे साथ उस अनुभव के मज़े लेना चाहती है और ऐसा कुछ उसके मन में चल रहा था और यह बातें सोचकर मैंने तुरंत उसे बेड पर लेटा दिया.

और अब मैंने उसकी स्कर्ट को पूरा ऊपर उठा दिया और उसकी चूत को मसलने सहलाने लगा और वो मेरे सामने बिल्कुल चित होकर पड़ी रही. कुछ देर बाद मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे उसकी गरम जलती हुई चूत महसूस होने लगी थी.

उसके बाद मैंने चूत में अपनी एक ऊँगली डाली और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से उसका चेहरा एकदम लाल हो गया और उसकी आखें मदहोश होने की वजह से धीरे धीरे बंद हो रही थी, मानो कि जैसे उसे अब सेक्स का नशा चड़ रहा हो, इसलिए मैंने अब ज्यादा देर ना करते हुए उसका टॉप उतार दिया.

मैंने देखा कि उसने सफेद कलर की ब्रा पहनी हुई थी और उसके बूब्स बहुत कमाल के लग रहे थे, मानो कि वो अब ब्रा में से बाहर आने के लिए तड़प रहे थे. फिर में उन पर झपट पड़ा और उसके बूब्स को अब में ब्रा के ऊपर से दबाने लगा, जिसकी वजह से उसके बूब्स और भी ज्यादा टाईट हो गये और वो हल्की आवाज से करहाने लगी.

और फिर पागल की तरह अचानक से मुझसे लिपट गई. फिर मैंने उसको अपनी बाहों में ले लिया और अपने दोनों हाथों से में उसकी गोरी, चिकनी, गरम कमर पर हाथ घुमाने लगा. तभी मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और उसे फिर से बेड पर लेटा दिया, जब मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे घूर रही थी.

मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तो उसने बोला कि यह सब काम में मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और इसे क्या कहते है? तो मैंने जवाब दिया कि इसे सेक्स कहते है और उससे इतना कहकर मैंने अपने होठों को उसके होंठ पर रख दिया और उसको किस करने लगा और वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी. कभी वो ऊपर के होंठ को चूसती तो कभी दोनों को एक साथ. वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.

अब मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर और दूसरा हाथ उसकी चूत में था, तो मैंने महसूस किया कि वो अब तक बहुत गरम हो चुकी थी, जिसकी वजह से उसकी चूत से पानी बाहर निकल रहा था. फिर मैंने अब बिल्कुल भी देर नहीं की और मैंने अपनी जेब से कंडोम निकाला और अपने लंड पर चड़ाया, क्योंकि में बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ कि सेक्स करने में कभी भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहिए.

फिर वो कंडोम को देखकर मुझसे पूछने लगी कि यह क्या है और इसे तुम अपने लंड पर क्यों चड़ा रहे हो? तब मैंने उससे कहा कि यह बचाव के लिए है, यह हम दोनों की भलाई के लिए बहुत जरूरी है, में यह बात कहते ही तुरंत उसके ऊपर चड़ गया और उसे दोबारा किस करने लगा और ऐसा करते हुए मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और उससे कहा कि वो मेरे लंड को अपनी चूत पर मसले.

अब उसने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और चूत पर मसलने लगी. में धीरे धीरे में अपने लंड का चूत पर दबाव बड़ाने लगा और में इस काम में कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता था, क्योंकि ऐसा करने से बात बिगड़ भी सकती है और फिर सही मौका देखकर मैंने एक हल्का सा धक्का लगाया.

जिसकी वजह से थोड़ा लंड चूत के अंदर और उसके मुहं से चीख बाहर और वो चिल्ला उठी, आह्ह्हह्ह्ह्ह भैया मुझे बहुत आह्ह्ह्ह दर्द हो रहा है प्लीज अब इसे बाहर निकाल दो. फिर मैंने उसकी बातें ना सुनते हुए लंड का धीरे धीरे दबाव चूत पर बनाए रखा, जिसकी वजह से लंड उसकी चूत को चीरता फाड़ता हुआ अंदर जाने लगा.

वो उस दर्द से छटपटाने लगी और मुझसे हर बार लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी. अब मैंने देखा कि उसकी चूत की सिल टूटने की वजह से बाहर तक खून बहने लगा और वो दर्द से कराह रही थी. फिर मैंने उसको किस करना और उसके पूरे बदन को सहलाना शुरू किया.

जिसकी वजह से उसे थोड़ी राहत मिलने लगी और थोड़ी देर तक में बिल्कुल भी नहीं हिला और वो अब धीरे धीरे शांत होने लगी. कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू किया और वो सिसकियाँ लेने लगी और अब वो भी नीचे पड़े रहे अपनी कमर को हिलाने लगी थी.

अब मेरा लंड उसकी चूत में सिर्फ़ दो इंच ही अंदर था, लेकिन उसकी चूत अभी भी पूरे लंड को लेने के लिए तैयार नहीं थी. मैंने फिर भी थोड़ी और कोशिश की तो वो खुद ही मेरी गांड पर हाथ लगाकर मुझे अपनी तरफ खींचने लगी और धीरे से मेरा बचा हुआ लंड भी उसकी चूत में समा गया.

करीब 1/2 घंटे तक मैंने उसकी लगातार चुदाई की और में लगातार, लेकिन धीरे धीरे अपने लंड को चूत से अंदर बाहर करता रहा और कभी में उसे अपने ऊपर लेता और कभी वो नीचे हो जाती. तो में उसके बूब्स और उसकी गांड बूब्स को लगातार दबा रहा था, वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. उसे अब बहुत मज़ा आ रहा था और मुझसे अपनी चूत की चुदाई करवाने के बाद वो मेरे ऊपर पूरी नंगी पड़ी हुई थी.

और अब वो मुझसे बोल रही थी कि आज से पहले मुझे कभी भी अपनी चूत में उंगली करने पर इतना मज़ा नहीं आया, जो मज़ा आज मुझे आपके लंड को अंदर लेने से आया, आज आपने तो मेरी सारी अंदर की खुजली को खत्म कर दिया और मुझे यह सब करके बहुत मज़ा आया, भैया आप प्लीज हर रोज़ मेरे साथ ऐसा ही करना, मुझे आपका लंड बहुत अच्छा लगता है.

दोस्तों यह सभी बातें कहकर वो अब मेरे लंड के साथ खेलने लगी, कभी लंड को ऊपर उठाती और कभी दोनों हाथों से लंड को पकड़कर हिलाती रही और उसके कोमल नरम हाथों में मेरा टाईट लंड बहुत बड़ा लग रहा था. मैंने भी अब उसकी चूत में अपनी उंगली डाली और में उससे बोला कि तुम्हारे भैया बहुत अच्छी तरह से जानते है कि उसकी प्रज्ञा को कैसे खुश रखा जाए?

में उसके बूब्स को दबाने लगा और उसके होंठो पर किस करने लगा और थोड़ी देर बाद एक बार फिर से मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको स्वर्ग का सुख दे दिया, जो उसे बहुत सालों के बाद मिला था, लेकिन हाँ दोस्तों में बता दूँ कि जब कभी भी आप अपनी बहन को चोदो तो प्लीज कंडोम ज़रूर पहना वरना आप जानते हो कि क्या हो सकता है?

दोस्तों मेरी इतनी कम उम्र में ही मुझे एक बहुत ही सेक्सी और वर्जिन लड़की को चोदने का मौका मिला था. उस दिन के बाद से में हर रोज़ और प्रज्ञा भी इस तरह हम दोनों एक दूसरे के बदन के सेक्स की प्यास बुझाया करते है. हमें जब जैसे भी मौका मिलता तो हम एक दूसरे का पानी बाहर निकालकर हमारे गरम बदन को ठंडा किया करते और हमे यह सभी करने में बहुत मज़ा आने लगा था.

और उस पहली चुदाई के बाद उसने मुझे कभी भी किसी भी काम के लिए मना नहीं किया और मैंने उस बात का फायदा उठाकर उसकी चूत की बहुत जमकर चुदाई के मज़े लिए और कुछ दिन लगातार सुबह शाम चुदाई करने के बाद मैंने एक दिन उसकी चूत को बहुत ध्यान से देखा.

दोस्तों अब उसकी चूत बिल्कुल बदल चुकी थी, चूत का रंग, आकार और उसकी सुंदरता अब पहले से भी ज्यादा अच्छी हो चुकी थी, मेरा मतलब अब मैंने उसकी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दिया था और ठीक वैसा ही हाल उसके शरीर के सभी अंगो का था, वो पहले कच्ची कली थी, लेकिन अब वो खिला हुआ फुल बन चुकी थी. उसके बूब्स, गांड, चेहरे की बनावट, चाल तक भी बहुत बदल चुकी थी.

दोस्तों अब अब वो ऊपर से लेकर नीचे तक एकदम सेक्सी दिखने लगी थी और मुझे भी अब अपनी सेक्स की प्यास को बुझाने के लिए कहीं बाहर किसी दूसरी चूत का सहारा नहीं लेना पड़ेगा और जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती हम दोनों का ऐसे ही लगातार चुदाई करने का विचार है.

वैसे मैंने उससे कहा था कि वो किसी को भी इस बारे में ना कहे, क्योंकि अगर पापा को पता चला तो मेरी तो हालत खराब कर देंगे. अब तो मम्मी पापा के सामने तो हम दोनों एक दूसरे से कभी कुछ ज्यादा नहीं बोलते है, लेकिन जब हम दोनों अकेले में होते है तो हम बहुत ही पागल हो जाते.

क्योंकि प्रज्ञा को मेरा लंड भा गया था और मुझे उसकी प्यासी चूत, लेकिन फिर भी वो खुद ही हर रात को मुझे अपनी चुदाई करने के लिए बुलाया करती थी, कभी हम दोनों एक साथ में बैठकर टी.वी. देख रहे होते, तो वो धीरे से सही मौका देखकर मेरा लंड पकड़कर मसलने लगती और मम्मी के आते ही वो तुरंत छोड़ देती.

फिर उसके बाद में उसका वो इशारा चुदाई के लिए बैचेनी को तुरंत समझकर उससे ऊपर अपने रूम में जाने को बोलता और उसके थोड़ी देर बाद में भी उसके पीछे पीछे कमरे में चला जाता और फिर में उसे वहीं पर बहुत जमकर चोदता और अब में उसकी चूत के साथ साथ गांड में भी लंड डालने लगा हूँ.

वैसे पहली बार हम दोनों को ऐसा करने में बहुत ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसकी गांड का छेद बहुत ही छोटा था, इसलिए मैंने लंड के साथ साथ उसकी गांड पर वेसलिन लगाकर पहले अपनी ऊँगली को डालकर गांड को फैलाया और जब मुझे छेद के बड़े होने का अंदाजा हुआ. तब मैंने उसको घोड़ी बनाकर लंड को गांड के छेद पर सेट करके उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया.

और फिर में धीरे धीरे अंदर की तरफ दबाव बनाते हुए उसकी गांड में लंड को डालता रहा, जिसकी वजह से उसने बहुत उछलकुद मचाई और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी. मैंने लंड को कुछ देर तक एक जगह पर रखकर उसके बूब्स को सहलाकर उसके शांत होने का इंतजार किया और वो हर बार लंड को मुझसे बाहर निकालने के लिए कहती रही.

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लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और जब वो शांत होने लगी, तब मैंने उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी गांड से रगड़ता हुआ आगे पीछे होने लगा और मैंने महसूस किया कि अब उसकी चीखने की आवाज अब सिसकियों में बदल चुकी थी और कुछ देर बाद मैंने अपना वीर्य उसकी गांड में डालकर उसको पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया.

और जब मैंने लंड को बाहर निकाला तो मेरे लंड के साथ उसकी चूत से मेरा वीर्य भी बाहर निकलकर बहने लगा. उसके कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. दोस्तों जिस दिन मैंने उसकी गांड के मज़े लिए. उस दिन हमारी अच्छी किस्मत से घर पर दो दिन तक कोई भी नहीं था, क्योंकि उसकी गांड मारने की वजह से उसकी चाल दर्द की वजह से बिल्कुल बदल चुकी थी और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखी चिल्लाई. अगर घर पर उस दिन हमारे अलावा कोई और भी होता तो हम दोनों पकड़े जाते, लेकिन उन दो दिनों तक हमने मज़े बहुत किए.

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Comments

  1. Hukum says

    मई 18, 2022 at 11:49 अपराह्न

    Kahani sach h kya jhooth h phone kr ke btana. Aur mujhe bhi first chudaai krwa skte ho to btana mob no.8000659312

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