Sister Chudai Kahani
मेरा नाम टीना है मैं 18 साल की हूँ। इसके पहले कभी मैं लंड का स्वाद नहीं चखा था ना तो मैं कभी चुदाई करवाई थी। बस का सफर बारह घंटे का और चुदाई पुरे रास्ते इसको क्या कहूं और वो भी अपने भाई के साथ अच्छा या ख़राब मैं ये समझ नहीं पा रही हूँ। पर जो हुआ अच्छा भी हुआ और बुरा भी हुआ। Sister Chudai Kahani
हमलोग ट्रैन से दिल्ली से भोपाल जाने वाले थे पर टिकट नहीं मिलने के चलते हम दोनों भाई बहन होली मनाने बस से भी जाना उचित समझी। और टिकट ले लिया वॉल्वो स्लीपर में। हम दोनों का सीट ऊपर वाला था हम दोनों को कंबल भी ओढ़ने दिया थे क्यों की बस एयर कंडीशनर था।
और हमलोग का जो कम्पार्टमेंट थे उसमे दो सो सकते थे। अगर आपने स्लीपर बस में यात्रा की होगी तो पता होगा परदे लगे थे और दरवाजा अंदर से बंद भी होता था। बस रात के आठ बजे दिल्ली से चल पड़ी। एक्सप्रेसवे होते हुए भोपाल जाना थे दिल्ली भोपाल हाईवे से।
हम दोनों पहले ही खाना खा लिए थे। और बस में आराम करने लगे। ये पहला मौक़ा थे जब हम अपने भाई के इतने करीब सो रहे थे जब से जवान हुए थे। मेरा गठीला बदन गोल गोल जांघें, ना बड़ी ना छोटी चूचिया यानी की साइज में चूचियां, गोल गोल चूतड़, गुलावी होठ किसी को भी अपने गिरफ्त में कर ले।
इसे भी पढ़े – मेरी बंजर चूत पर ससुर जी ने हल चलाया
मैं गाने सुनने लगी और मेरा भाई शायद मोबाइल पर सेक्स कहानियां पढ़ रहा था। मैं भी इसके पहले कई बार कई कहानिया इस वेबसाइट पर पढ़ी थी। तो मैं भी उस रात हमारी वासना डॉट नेट पढ़ने लगी। हम दोनों भाई बहन सेक्स कहानियां पढ़ रहे थे।
मेरा भाई काफी कामुक हो गया था कहानियां पढ़ते पढ़ते और वो मुझे छूने की कोशिश करने लगा खाशकर मेरे बूब्स को। मैं समझ रही थी वो क्या चाहता है। क्यों की मैं भी कामुक होने लगी थी। बस की स्पीड काफी तेज थी उस समय एक्सप्रेस वे पर चल रही थी।
बस हिचकोले ले रहा था था और उसको मौक़ा मिल गया थे मेरी चूचियां दबाने का। जब भी बस किसी और वहां से साइड ले तो वो मेरे तरफ झुक जाता था और मेरी चूचियां दबा देता था। अब मेरे शरीर में सिहरन होने लगी मुझे भी अपने भाई के लंड को छूने का मन करने लगा था।
अब वो मेरी चूचियां दबाता और मैं उसके लंड दबाती। दोस्तों क्या बताऊँ हम दोनों ही कामुक हो गए थे और लग रहा था बस चुद लूँ। भाई ने उसी वक्त प्रपोज भी कर दिया। बोला क्यों ना आज रात हम दोनों भाई बहन ना रहे। और पूरी रात मस्ती करें। मैं कुछ नहीं बोली। “Sister Chudai Kahani”
वो बोला ये बात बस रात तक ही सिमित रहेगा उसके बाद कभी भी ज़िंदगी में ऐसी बातें नहीं होगी। तुम्हे भी वो मिल जायेगा और मुझे भी मिलजायेगा। हम दोनों ही तड़प रहे है। मुझे है तुम दिल्ली में आधी रात तक सेक्स कहानी पढ़ पढ़ कर अपने बूब्स को दबाती हो और अपने चूत को सहलाती हो। वो खिड़की में जो छोटा सा छेद है ना उससे मैं तुम्हे रोज देखता हूँ।
इसे भी पढ़े – चूत चमड़े की ही है घिस नहीं जाएगी
तो मैं भी कहा कम थी कह दी मुझे ये बात पता है और तुम क्या करते हो, खिड़की के पास ही मूठ मारते हो और अपना माल वही निचे गिरा देते हो। सुबह मैं रोज साफ करती हूँ। और फिर दोनों थोड़ा थोड़ा सरमा कर हसने लगे।
उसके बाद शुरआत हुआ असली सफर का। उसने आव देखा ना ताब वो मुझे अपने बाहों में जकड लिया और मेरे होठ को चूसने लगा मेरे होठ पर किश करने लगा। मैंने भी साथ देने लगी। हम दोनों के तरफ से आग लगी थी वासना की। तभी बस रुक गई।
हम दोनों अलग अलग हो गए। निचे उतरे और फिर वाशरूम जाकर चाय पिए। हम दोनों का रिश्ता एकदम अलग हो गया था। निचे हम दोनों ऐसे बाहों में बांह डाल कर ऐसे घूम रहे थे जैसे पति पत्नी हो या लिव इन रिलेशन में रहते हो. सब लोग घुर रहे थे पर करना क्या था। कौन हमारे गाँव के लोग थे। “Sister Chudai Kahani”
आधे घंटे बाद बस फिर चल पड़ी और फिर क्या था अपना बस का कम्पार्टमेंट की छिटकिनी अच्छे से लगा दी परदे लगा दिए और मैंने अपने भाई का पेण्ट खोल कर मोटा लंड निकाल कर तुरंत ही मुँह में ले ली और स्वाद लेने लगी।
जितना अपने मुँह में लेती उतना ही उसका लौड़ा मोटा और लंबा होता और वो अपने मुँह से सिसकारियां निकालता वो भी मेरे टॉप को खोल दिया और ब्रा भी। वो मेरी चूचियां को सहलाने लगा। मैं कामुक होने लगी। मैं उसका आइसक्रीम चूस रही थी वो भी मेरे बूब्स को चूसने लगे।
इसे भी पढ़े – मेरी ग़ैरहाज़िरी में बीवी और बॉस की रासलीला
मेरे बदन में आग लग गई थी और उसका लौड़ा काफी मोटा लंबा हो गया था। उसके बाद भाई ने मुझे निचे सुला दिया और करीब पंद्रह मिनट तक मेरे चूत को चाटा मेरी चूत से गरम गरम पानी निकल रहा था और वो मजे कर रहा था।
उसके बाद उसने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और बिच में आ गया अपना लंड निकाला और मेरी चूत पर लगाया और घुसाने लगा पर उसका लौड़ा टेढ़ा हो जाता था क्यों की मेरी चूत कसी हुई थी। जा नहीं रहा था।
उसने करीब तीन चार बार कोशिश किया उस समय मैं अपने फेस को अपने दोनों हाथों से ढक रखी थी। उसके बाद उसने फिर से सही से लंड को सेट किया मेरी चूत पर और घुसा दिया उसका लौड़ा पूरा नहीं गया था आधा ही घुसा था पर मुझे काफी दर्द होने लगा मैं बोली जोर से मत घुसाओ दर्द हो रहा है। “Sister Chudai Kahani”
वो रुक गया और मेरी चूचियों को सहलाने लगा और मेरे होठ को चूसने लगा वो मुझे कस कर पकड़ लिया। मैं भी उसको अपने आगोश में ले ली। उसका आधा लौड़ा मेरी चूत में था। अचानक मेरी चूत से काफी पानी निकला और चूत गीली हो गई.
इसे भी पढ़े – दोस्त की खूबसूरत पत्नी की जवानी को भोग लिया
तभी उसने जोर से धक्का दिया और पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। दर्द भी हो रहा था मजा भी आ रहा था। वो कह रहा था गजब की है तू बहन। मजा आ गया आज। तुमने मुझे खुश कर दिया। और वो ऊपर निचे करने लगा आप उसका लौड़ा अंदर बाहर होने लगा और मजे आने लगे मुझे। मैं भी गांड उठा उठा कर सहयोग कर रही थी और उसके बालों को सहला रही थी और वो मेरी बूब्स को पि रहा था और चोद रहा था। “Sister Chudai Kahani”
बस तेज सरपट से चल रही थी। आह आह भी कर रही थी पर लोगों को क्या पता चलेगा बस में शोर भी थी बाहर का। दोस्तों उसके बाद तो कभी पीछे से कभी ऊपर से कभी वो ऊपर कभी मैं ऊपर। रात भर ऐसे ही चुदाई चलती रही। सुबह जब भोपाल पहुंची तो मैं ठीक से चल नहीं पा रही थी। दर्द हो रहा था चूत सूज गया था। यही हाल मेरे भाई का भी था उसका भी लंड दर्द कर रहा था। दोस्तों ये सफर में चुदाई मेरे लिए यादगार है। मैं कभी भी नहीं भूलूंगी। बहुत मजा आया था।