New Parivarik Sex
में गीतेश आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जो मेरे साथ अभी कुछ दिन पहले घटित हुई और जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ मेरे साथ कभी हो भी सकता है और उस घटना के बाद मेरा पूरा जीवन बदल गया. दोस्तों यह कहानी है मेरी बहन के साथ उसकी चुदाई की. New Parivarik Sex
मैंने उसके साथ बहुत मज़े किये और अब में वो बात आप सभी को थोड़ा विस्तार से बताता हूँ, लेकिन सबसे पहले में मेरा और मेरे घर वालों का आप सभी से परिचय भी करवा देता हूँ. दोस्तों में पुणे में रहता हूँ और मेरा परिवार बहुत छोटा है, उसमें में, मम्मी, पापा और मेरी एक बहन जो मुझसे 4 साल बड़ी है और वो बी.कॉम पास है, लेकिन अभी भी अपनी आगे की पढ़ाई कर रही है और में अभी बी.कॉम कर रहा हूँ.
दोस्तों यह घटना आज से करीब एक साल पहले की है जब मेरी दीदी की उम्र 23 साल थी और मेरी 19 साल. दोस्तों उस दिन मेरी दीदी को लड़के वाले देखने आ रहे थे, मेरी दीदी का नाम नम्रता है और हम प्यार से सब उन्हें निम्मी बुलाते है और मेरी निम्मी दीदी दिखने में सेक्सी एकदम बॉम्ब है और वो दिखने में एकदम सोनाक्षी जैसी दिखती है, उनकी गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है और में तो उनकी गांड का बिल्कुल दीवाना हूँ.
दीदी और में बचपन से एक ही रूम में सोते है, लेकिन हमारे बेड अलग अलग थे. दोस्तों उस रात को मेरी दीदी बहुत खुश थी, क्योंकि दूसरे दिन सुबह उनकी शादी तय होने वाली थी. जब हम सो रहे थे तो दीदी ने हंसते हुए मुझे शुभरात्री कहा और हम सो गये.
फिर जब सुबह में उठा तो मैंने घड़ी की तरफ देखा तो सात बज रहे थे और वो गर्मी के दिन थे तो इसलिए में हर दिन सुबह जल्दी उठ जाता था और उस दिन भी ठीक ऐसा ही हुआ. फिर जब में उठा तो मैंने देखा कि दीदी की कमीज़ ऊपर थी और उनकी ब्रा भी और जिसकी वजह से उनका एक बूब्स बाहर था और उनकी सलवार नीचे उतरी हुई थी और पेंटी में दीदी का एक हाथ था.
दोस्तों उस दिन वो सब देखकर मैंने पहली बार दीदी के बारे में बहुत ग़लत सोचा और यह सब देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता. मैंने भी वहीं पर मुठ मारना शुरू कर दिया और जब में झड़ गया तो में उठकर नहाने चला गया और जब में नहाकर वापस आया तो मैंने देखा कि दीदी अभी भी वैसी ही हालत में है.
फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अगर मम्मी, दीदी को उठाने हमारे कमरे में आ गई तो वो दीदी पर बहुत गुस्सा करेगी और इससे पहले में ही दीदी को जगा देता हूँ, लेकिन मैंने फिर सोचा कि क्यों ना थोड़े मज़े ले लिए जाए? में अब दीदी के करीब गया और उनके निप्पल को छूने लगा और फिर पूरे बूब्स को हाथ में ले लिया, जो मेरे हाथ में पूरी तरह से आ ही नहीं रहा था.
फिर में थोड़ा नीचे गया और अपनी जीभ से दीदी का बूब्स चाटने लगा, जिसका अहसास होते ही दीदी जाग गयी और डर भी गयी और में भी डर गया. फिर मैंने दीदी से पूछा कि दीदी आप इस हालत में कैसे और क्यों? तो दीदी ने कहा कि शैतान तू यह सब क्या कर रहा है?
फिर मैंने कहा कि दीदी कुछ नहीं और दीदी ने कहा कि चल अब उधर देख और मैंने अपना मुहं दूसरी तरफ फेर लिया, उतनी देर में दीदी ने अपने कपड़े सीधे किए और नहाने चली गयी, लेकिन मेरा लंड अभी भी टावल में तनकर खड़ा हुआ था और जो दीदी ने देख लिया था.
फिर जब दोपहर में दीदी को देखने लड़के वाले आए तो दीदी बहुत खुश थी. दीदी ने एक गहरे गले वाला सूट और सलवार पहनी हुई थी और जब दीदी को बुलाया गया तो दीदी शरमाते हुए चाय लेकर उनके सामने चली गयी, दीदी ने एक एक करके सबके सामने चाय रखी, लेकिन लड़के को स्माईल करते हुए खुद अपने हाथों से चाय देने लगी.
दोस्तों में अपनी दीदी का यह अंदाज़ देखकर बिल्कुल दंग रह गया और जब दीदी चाय दे रही थी तो झुकने की वजह से दीदी की छाती साफ साफ दिख रही थी और जिसे देखकर मेरा लंड फुल टाईट हो गया, लेकिन मेरी नज़र जब उस लड़के पर गयी तो मैंने देखा कि वो भी दीदी की छाती को घूर घूरकर देख रहा है और दीदी भी उसे जानबूझ कर दिखा रही थी तो मुझे कुछ गड़बड़ लगी.
लेकिन फिर में वो सब भूल गया और सब शगुन लेने देने लगे और फिर रिश्ता पक्का हो गया. फिर जब सब लोग चले गये तो शाम को दीदी और मम्मी किचन में बर्तन साफ कर रहे थे और में अचानक से किचन के बाहर रुककर दीदी की हिलती हुई गांड को देख रहा था.
तभी मम्मी ने मुझे देख लिया और मुझे अंदर बुलाया और उन्होंने मुझसे कि कहा कि तू दीदी की थोड़ी मदद कर में ज़रा पड़ोस में आंटी के पास जाकर अभी आती हूँ. अब में तो मन ही मन बहुत खुश हो गया, मम्मी वहां से बाहर चली गयी और अब में और दीदी बात करने लगे. तभी मैंने दीदी से कहा कि दीदी इस ड्रेस में आप बहुत अच्छी लग रही हो.
दीदी : धन्यवाद भाई.
में : दीदी आप आज सुबह जब सोकर उठी तो ऐसे कपड़े क्यों पहनकर सोई थी? क्या रात में आपके साथ कुछ हुआ था?
दीदी : नहीं रे, वो मुझे रात को गरमी बहुत लग रही थी.
में : अच्छा दीदी अब यह बताओ कि आपको लड़का कैसा लगा?
दीदी : शरमाते हुए बोली कि बहुत अच्छा.
में : ओह दीदी तो अब आपकी शादी होगी.
दीदी : हट पागल.
हमारी बातें अभी तक खत्म नहीं हुई थी, लेकिन हमारे सभी बर्तन साफ हो गये थे और फिर हम अपने कमरे में चले गये तो मैंने उनसे कहा.
में : दीदी मुझे आपके बूब्स बहुत अच्छे लगे वो बहुत मुलायम आकार में बहुत बड़े बड़े है.
दीदी : चुप पागलों जैसी बातें मत कर.
में : दीदी सच्ची आपके बूब्स बहुत अच्छे है.
दीदी : अच्छा तुझे कैसे पता.
में : वो मैंने सुबह हाथ लगाकर देखे थे.
दीदी : तुझे क्या बिल्कुल भी शर्म नहीं आती अपनी बहन के बूब्स को हाथ लगाता है.
में : में क्या करता दीदी? आप भी तो ऐसे ही सो गयी थी और जब आपको पता था कि में भी कमरे में हूँ.
दीदी : चल अब जाने दे छोड़ उस बात को.
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फिर ऐसे ही रात हो गयी और जब हम सोने लगे तो दीदी ने मुझे पहली बार मेरे गाल पर शुभरात्रि किस दी, में बिल्कुल पागल सा हो गया और दीदी के बेड पर चला गया और मैंने भी उनको उनके गाल पर एक जोरदार किस दे दी और फिर हम सो गए.
फिर जब रात को मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि दीदी की आँखे बंद है और उनका एक हाथ अपने नंगे बूब्स पर और दूसरा अपनी पेंटी में है और वो उस समय अपनी चूत में उंगली कर रही थी, जब मैंने गौर से सुना तो मुझे पता चला कि वो नींद में बहुत धीरे धीरे बड़बड़ा रही थी.
दीदी : आआहह आ ऑश उहह आअहह ऊहह एआहह चोद दो मुझे आअहह और ज़ोर से चोदो मुझे सुरेश अह्ह्हहह आईईई.
दोस्तों तब मुझे याद आया कि सुरेश तो उस लड़के का नाम है जिससे दीदी की शादी तय हुई है, में भी अब अपना लंड हिलाकर सो गया. फिर जब में सुबह सोकर उठा तो मैंने सबसे पहले दीदी का मोबाईल चेक किया, मुझे क्या पता था कि ब्लूफिल्म निकले, लेकिन मैंने सोचा कि क्यों ना मैसेज चेक करूं.
तो मैंने देखा कि दीदी सुरेश से बातें करती है और सभी मैसेज पढ़ने पर मुझे पता चला कि सुरेश दीदी के कॉलेज का दोस्त है, जिससे वो प्यार करती है और दीदी के कहने पर ही वो हमारे घर रिश्ता लेकर आए थे. में अब पूरी तरह से हैरान और परेशान था.
फिर मैंने देखा कि दीदी और सुरेश सेक्स चेट भी करते है और मुझसे वो मैसेज पढ़ने के बाद रहा नहीं गया और में वहीं पर खड़े खड़े मुठ मारने लगा और मुठ मारकर वहाँ से चला गया. दोस्तों उस दिन जब पापा काम पर गये हुए थे और मम्मी, मामा के घर तो में किचन में चला गया.
मैंने देखा कि दीदी वहाँ पर खाना बना रही थी तो में उनके पीछे गया और दीदी की गांड देखने लगा और फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दीदी को पीछे से छू लिया तो दीदी पीछे मुड़ गई और कहा कि क्या चाहिए तुझे?
में : कुछ नहीं दीदी वो आप पीछे से बहुत अच्छी दिखती हो.
दीदी : अच्छा, क्या मतलब?
में : दीदी वो मुझे आपकी गांड बहुत अच्छी लगती है.
दीदी : तू यह क्या बोलता है बेशर्म?
में : मुझे माफ़ कर दो दीदी.
फिर में उनसे इतना बोलकर वहाँ से चला गया और जब मम्मी, पापा वापस आए तो में बहुत डर रहा था कि कहीं दीदी उनको मेरी वो बात बोल ना दे, लेकिन मैंने उन पर पूरा ध्यान रखा, मेरी दीदी ने मम्मी पापा से ऐसा कुछ भी नहीं कहा और फिर मम्मी ने कहा.
मम्मी : सुन निम्मी तेरे मामा और मामी ने कहा है कि कल वो तुझसे मिलना चाहते है और वो चाहते है कि तेरी शादी से पहले तू कुछ दिन उनके घर पर रहे तो कल तुम दोनों भाई, बहन चले जाना.
दीदी : हाँ ठीक है मम्मी.
फिर दूसरे दिन जब हम मामा के घर जाने के लिए निकले तो हम बस से जाने लगे और मैंने महसूस किया की दीदी अभी भी मुझसे बात नहीं कर रही थी. फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी मुझे माफ़ कर दो.
दीदी : वो क्यों?
में : वो कल की बात के लिए.
दीदी : अरे तू उस बात को भूल जा और थोड़ा जल्दी जल्दी चल वरना हमे टिकिट नहीं मिलेगी.
दोस्तों उस समय त्यौहार थे और जिसकी वजह से बहुत भीड़ थी, में और दीदी टिकिट लेने भीड़ में घुस गए तो भीड़ में बहुत धक्का मुक्की होने से में दीदी के पीछे आ गया और में अपना लंड दीदी की गांड में दबाने लगा, जिससे दीदी अब तक बिल्कुल अंजान थी और में इस बात का फायदा उठाकर अपने लंड को आगे पीछे करने लगा.
और अब दीदी को इस मेरी गंदी हरकत के बारे में पता चल गया था, इसलिए दीदी ने झट से टिकिट लिया और फिर हम वहां से चल दिए, लेकिन मैंने देखा कि अब दीदी के चेहरे पर अब एक शरारती स्माईल थी, जब हम बस में पहुँचे तो मैंने देखा कि वो बस पूरी फुल है, लेकिन आखरी की दो सिट खाली थी तो में और दीदी फट से वहीं पर बैठ गये और बस शुरू हुई और निकल पड़ी.
दोस्तों मेरे मामा के घर का सफ़र पूरे सात घंटे का था और जब एक घंटा हुआ तो दीदी को नींद आने लगी, में खिड़की वाली सीट पर बैठा हुआ था और दीदी मेरे पास वाली सीट पर बैठी हुई थी और दीदी का सर मेरे कंधे पर था और वो बहुत गहरी नींद में सो रही थी.
फिर कुछ देर बाद एक स्टॉप आया और हमारे पास में बैठे हुए सभी लोग और बस में से कुछ लोग वहीं पर उतर गये और जब बस शुरू हुई तो मैंने देखा कि उस समय रात के आठ बज रहे थे. दोस्तों अब बस के अंदर मेरी दीदी की नींद और बस के बाहर अंधेरा धीरे धीरे बहुत गहरा हो रहा था, अंधेरा होने की वजह से बस में एक लाईट जल गई थी और जिसकी रोशनी बहुत धीमी थी.
फिर कुछ देर बाद गहरी नींद और बस के चलते समय हिलने उछलकूद करने की वजह से दीदी का एक हाथ मेरे लंड पर आ गया और फिर मैंने सोचा कि अगर में हाथ हटाऊंगा तो दीदी जाग जाएगी और मैंने उनका हाथ अपने लंड पर वैसे ही रहने दिया.
लेकिन कुछ ही देर बाद मेरा लंड उनके हाथ की गरमी को महसूस करके पूरा टाईट हो गया और अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. फिर मैंने दीदी को जगाया और उनसे कहा कि दीदी आप अपना हाथ मेरे ऊपर से हटा लो.
फिर दीदी अपना हाथ मेरे टाईट लंड पर देखकर एकदम से शरमा गई और फिर उन्होंने तुरंत अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर से हटा लिया और उन्होंने मुझसे कहा कि माफ़ करना मुझसे यह सब गलती से हो गया था. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं यह सब चलता है और वैसे भी दीदी यह आपका बडप्पन था.
दीदी : क्या बोला बेशर्म?
में : दीदी मुझे आप सच में बहुत अच्छी लगती हो.
दोस्तों हम दोनों बहुत धीमे बात कर रहे थे.
दीदी : अच्छा, वैसे तेरा वो बहुत बड़ा है.
में : हाँ दीदी अपने उसे छूकर महसूस भी कर लिया है.
दोस्तों इतना कहकर मैंने सही मौका देखकर दीदी को उनके गाल पर किस कर दिया.
में : दीदी आप बहुत हॉट हो, मुझे आपके होंठ, आपकी गांड, आपके बूब्स और आपका पूरा बदन बहुत ही अच्छा लगता है.
दीदी : अच्छा, चल अब हट झूठे.
में : दीदी सच्ची.
दीदी : क्या मुझे बहुत प्यार करता है?
में : हाँ दीदी में आपके लिए कुछ भी कर सकता हूँ.
दीदी : अच्छा चल ठीक है अब मुझे तेरा वो दिखा.
में : (दोस्तों में बहुत खुश हुआ) हाँ ठीक है दीदी.
फिर मैंने मेरा लंड तुरंत बाहर निकाल लिया तो दीदी देखकर शरमा गई और अब उन्होंने मेरा लंड देखकर कहा कि हाँ ठीक ठाक है.
में : दीदी प्लीज अब मुझसे कंट्रोल नहीं होता जल्दी से कुछ करो.
फिर दीदी ने यहाँ वहाँ देखा और मेरे गाल पर एक किस करके लंड को हाथ में ले लिया और फिर धीरे धीरे मेरा लंड हिलाने लगी, लेकिन मुझसे अब बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने सीधे दीदी के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा. अब दीदी भी मेरे होंठ चूसने लगी और दो मिनट बाद जब हम अलग हुए तो दीदी ने मुझसे कहा कि वाह कितना अच्छा लग रहा है, लेकिन तूने कैसे मेरे होंठ चूमे?
में : क्यों दीदी आप भी तो मेरा लंड हिला रही थी?
दीदी : हाहहाहा.
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दोस्तों दीदी बहुत देर तक मेरा लंड हिलाती रही थी और उनके लगातार हिलाने की वजह से में कुछ देर बाद झड़ गया. फिर दीदी ने मुझसे कहा कि अब मेरी बारी और फिर मैंने दीदी की गरम, उभरी हुई चूत पर अपना एक हाथ रख दिया और चूत के अंदर उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा और चूत को मसलने लगा.
फिर कुछ मिनट के बाद दीदी झड़ गई और जिसकी वजह से उनकी सलवार गीली हो गई और जो सुबह तक सूख गई, हम अपने स्टोप पर उतर गए. फिर जब हम मामा के घर पर पहुँचे तो हमे वहां पर पहुंचकर पता चला कि हमारे मामा बिजनेस टूर पर गये हुए है और अब घर पर सिर्फ़ मामी और दीक्षा दीदी है (मेरे मामा जी की लड़की) वो दिखने में मलाईका जैसी है.
और उनकी गांड भी बहुत कमाल की है और में तो उन्हें देखता ही रह गया, वो मुझसे पांच साल और मेरी दीदी से एक साल बड़ी है, उन्होंने हमे पीने के लिए पानी लाकर दिया. फिर हम बाथरूम में जाकर फ्रेश हुए और उसके बाद मामी ने हमारे लिए खाना लगाया और हम सबने एक साथ बैठकर खाया. फिर जब रात हुई तो मामी ने हमसे कहा.
मामी : देखो बच्चों हमारा घर थोड़ा छोटा है, इसलिए में तुम्हे अलग कमरा नहीं दे सकती प्लीज तुम मुझे माफ़ कर दो और अब तुम दोनों दीक्षा के कमरे में ही सो जाओ.
फिर हमने कहा कि कोई बात नहीं मामी जी यह सब चलता है और हम दोनों दीक्षा दीदी के कमरे में चले गये, वहां पर जाकर मैंने देखा कि उस कमरे में तीन अलग अलग बेड थे, एक पर दीक्षा सो जाती थी और बाकी वो दो बेड दीक्षा दीदी के भाईयों के थे और जो अब हॉस्टल में रहते है.
में और दीदी वहीं पर सो गए और जब रात के 1:30 बजे तो अचानक से मेरी नींद खुल गई. तब मैंने महसूस किया कि मेरा लंड तनकर फुल टाईट था. फिर मैंने दीदी को जगाया और फिर उनसे कहा कि दीदी प्लीज इसे शांत करो ना. फिर दीदी स्माईल करते हुए उठी और मेरा धीरे धीरे लंड हिलाने लगी और उनके कुछ देर लंड हिलाने के बाद में झड़ गया और दीदी के होंठ चूसकर सो गया.
सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हुआ था. दोस्तों अब मेरे लंड को खड़े रहने की एक गंदी आदत सी हो गयी थी. फिर में उठकर नीचे चला गया तो मुझे पता चला कि उस समय मेरी मामी जी मंदिर गई थी और दीक्षा दीदी और निम्मी दीदी किचन में थी.
दीक्षा दीदी बहुत मॉडर्न थी तो उन्होंने नाईट पेंट और एकदम टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिससे उनके सेक्सी बदन के हर एक अंग का आकार साफ साफ नजर आ रहा था और मेरी दीदी हमेशा सलवार कमीज़ पहनती है. अब में उन दोनों की गांड को देखकर बिल्कुल दंग रह गया, क्योंकि एक साथ ऐसे मस्त उभरे हुए चूतड़ मैंने आज तक कभी नहीं देखे थे.
तभी दीक्षा दीदी वहां से बाहर आने लगी तो में छुप गया और फिर मैंने देखा कि दीक्षा दीदी ऊपर कमरे में चली गई. अब में किचन में चला गया और मैंने उनसे कहा कि दीदी प्लीज जल्दी से कुछ करो. दोस्तों वो मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड देखकर समझ गई कि में उनसे अब क्या चाहता हूँ?
तो वो झट से नीचे बैठी और उन्होंने मेरी पेंट से लंड को बाहर निकाल लिया और ज़ोर ज़ोर से मज़े लेकर मेरा लंड हिलाने लगी. तभी दीक्षा दीदी की आवाज़ आई तो मैंने जल्दी से अपनी पेंट को बंद कर लिया और तुरंत बाहर आ गया.
फिर जब नाश्ता बन गया तो दीक्षा दीदी टी.वी. देखने लगी और दीदी ऊपर जा रही थी. तभी मैंने उनको सही मौका देखकर अपनी तरफ खींचा और दीवार से लगाकर उनके बूब्स को दबाने लगा और किस करने लगा, लेकिन कुछ देर बाद दीदी मुझे हल्का सा धक्का देकर अपने आपको मुझसे छुड़वाकर शरमाते हुए भाग गई.
लेकिन मेरा लंड अब भी पूरा टाईट था और मेरा यह सब गलत काम जो कुछ देर पहले मैंने अपनी दीदी के साथ किया था, दीक्षा दीदी ने वो सब कुछ देख लिया था. अब दीक्षा दीदी मुस्कुराते हुए मेरे सामने आई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अच्छा क्या यह सब भाई बहन में चलता है?
तो दोस्तों मैंने पकड़े जाने के डर से अब तक हुए सारा किस्सा दीक्षा दीदी को सुना दिया और मैंने उनसे कहा कि प्लीज वो यह बात किसी को ना बताए. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या यह सच है? तो उन्होंने कहा कि हाँ और अब उन्होंने मेरे गाल पर एक किस किया और मुझसे कहा कि तू भी जवान है और तेरा लंड भी बहुत बड़ा होगा.
में : यह आप क्या बोल रही हो?
दीदी : अरे किसी को बताना मत वरना में तुम भाई बहन की सच्चाई बाहर सब को बता दूँगी और अब पूरे ध्यान से सुन मेरा बॉयफ्रेंड है और जो मुझे हर रोज़ चोदता है, लेकिन अभी वो किसी जरूरी काम से बाहर गया हुआ है और मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं होता तो में अपनी गरम तड़पती हुई चूत में अपनी उंगली कर लेती हूँ और उसके बाद मुझे वो ख़ुशी मिल जाती है, लेकिन वैसा मज़ा नहीं आता जैसा मुझे अपने बॉयफ्रेंड के लंड से अपनी चूत को चुदवाकर आता है.
तभी उन्होंने इतना कहकर तुरंत मुझे खींचकर सोफे पर बैठा दिया और मेरे होंठ चूसने लगी, मुझसे भी अब रहा नहीं गया और में उनके बूब्स दबाने लगा, उन्होंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया. फिर मैंने अब उनसे कहा कि यह क्या? अगर मामी आ जाएगी तो?
दीक्षा दीदी : अरे मम्मी अभी माता के दर्शन को दूसरे गावं गई हुई है और वो दोपहर को आएगी.
दोस्तों मुझसे इतना कहकर उन्होंने अपनी ब्रा को भी उतार दिया और मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों में लेकर अपने बूब्स पर दबाने लगी, में भी उनके बूब्स चूसने, दबाने और काटने लगा. अब उन्होंने जल्दी से अपनी पेंट और पेंटी को भी उतार दिया.
और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चल अब जल्दी से इसमें तेरा लंड डाल दे तो में तुरंत उन पर चड़ गया और मैंने अपना लंड, चूत के मुहं पर रखकर धीरे से धक्का देकर अंदर डाल दिया और मेरा लंड बिना किसी रुकावट के फिसलता हुआ सीधा अंदर चला गया.
दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि कई बार चुदने की वजह से उनकी चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी और उसकी वजह से मेरा लंड अब बहुत आराम से अंदर बाहर हो रहा था और लगातार धक्के देकर चोदने लगा, वो अब धीरे धीरे मोन कर रही थी, औहह ऊहग अहह्ह्ह्हह हाँ और ज़ोर से चोदो मेरी प्यासी चूत को आहहऊओह उहहएम्मउूउउ.
कुछ देर धक्के देने के बाद वो अब अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, लेकिन पहले से बहुत गरम होने की वजह से में कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अंदर ही झड़ गया. फिर वो तुरंत उठ गई और फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में लेकर लंड को अच्छी तरह से चाट चाटकर साफ किया.
और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि खाना खाने के बाद आज तुम एक बार मेरी गांड भी मारना और अब उन्होंने बिना ब्रा और पेंटी के अपने कपड़े पहन लिए, दीदी को आवाज देकर नीचे बुलाया और फिर हम तीनों एक साथ बैठकर खाना खाने लगे.
फिर जब खाना खाने के बाद मेरी दीदी टी.वी. देख रही थी, तब दीक्षा दीदी ने मुझे आँख मारकर किचन में बुलाया और वो वहां पर पूरी नंगी हो गई, उन्होंने मुझे भी नंगा कर दिया और फिर मेरे सामने झुककर किचन की पट्टी को पकड़कर उन्होंने अपनी गांड को मेरे सामने करते हुए मुझसे कहा कि अब जल्दी से तू मेरी गांड मार.
दोस्तों वैसे पहले तो में उनकी इस हरकत से बहुत आश्चर्यचकित हुआ, लेकिन मुझे बस अब वो बड़ी आकार की गांड के सामने कुछ भी नजर नहीं आ रहा था, में बाहर कुछ दूरी पर बैठी हुई अपनी दीदी को भी भूल गया. फिर मैंने अपना लंड पूरा ज़ोर लगाकर धक्का देते हुए अंदर डाल दिया और उस दर्द की वजह से वो छटपटाने लगी, लेकिन अपना मुहं बंद रखा.
फिर में कुछ देर रुककर धीरे धीरे आगे पीछे करके गांड मारने लगा और फिर कुछ देर के धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये, तब हमने अलग होकर देखा कि मेरी दीदी हमे छुपकर देख रही है, उनकी सलवार थोड़ी नीचे थी और चूत पर एक हाथ भी था और वो हमे देखकर अपनी सलवार पहनकर वहां से भाग गई.
अब में और दीक्षा दीदी भी ऊपर वाले कमरे में चले गए और मैंने देखा कि बेड पर बैठकर निम्मी दीदी अपनी सलवार और पेंटी नीचे करके अपनी चूत में उंगली डालकर बैठी हुई थी. मुझे यह सब देखकर रहा नहीं गया और में बेड पर गया और दीदी की उंगली को चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाल दिया और मैंने अपना मुहं उनकी चूत पर रख दिया.
तभी दीक्षा दीदी भी हमारे पास आई और वो दीदी को किस करने लगी. फिर उन्होंने अपना एक बूब्स पकड़कर निम्मी दीदी के मुहं में दे दिया और हम बहुत फ्री हो चुके थे. अब दीक्षा दीदी निम्मी दीदी की चूत चाट रही थी और में उठ गया और मैंने दीदी की कमीज़ को उतार दिया और जैसे ही उनके बूब्स बाहर आए तो में उन पर टूट पड़ा.
फिर दीक्षा दीदी उठी और वो मेरा लंड चूसने लगी. फिर दीदी भी आई और वो भी लंड चूसने लगी, हम दोनों एक दूसरे को भी बीच बीच में किसिंग कर रहे थे. फिर दीक्षा दीदी की चूत में मैंने अपना लंड डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया, उसी वक्त निम्मी दीदी दीक्षा दीदी के बूब्स चूसने लगी. फिर दीक्षा दीदी झड़ गयी और में फिर भी उनको धक्के देकर चोद रहा था, आअहह दीदी तुम्हारी चूत वाह आआहह क्या मस्त चूत है दीदी आअहह दीक्षा दीदी आअहह ऊऊहह.
दीक्षा दीदी : अह्ह्ह उह्ह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो, तुम बहुत अच्छा चोदते हो, उह्ह्ह मज़ा आ गया.
दीक्षा दीदी एक बार फिर से झड़ गई और कपड़े पहनकर बैठ गई. फिर उन्होंने कहा कि अब तुम दोनों चुदाई करो और जी भरकर मज़े लो, मम्मी के आने का वक्त हो गया है और में बाहर नज़र रखती हूँ, बाहर अगर मम्मी आई तो में तुम्हे बता दूँगी. फिर मैंने और निम्मी दीदी ने कहा कि ठीक है.
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में : क्यों दीदी शुरू करे?
दीदी : ( शरमाते हुए ) हाँ अब शुरू हो जा.
फिर दीदी बिल्कुल सीधी लेट गई और में उन पर चड़कर उनके बूब्स चूसने लगा.
दीदी : आअहहा हहाऊओह ऊहह ह्म ऊहह ऑश ईआहह हाँ और ज़ोर से दबाओ, निकाल दो मेरा सारा दूध मेरे बूब्स से.
फिर मैंने उनके होंठ भी चूसे और मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाला और जो बहुत आसानी से फिसलता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया तो मैंने दीदी से पूछा कि क्यों यह कैसे हुआ?
दीदी : वो सुरेश.
में : हाँ में समझ गया दीदी मुझे सब पता है, लेकिन मुझे यह सब नहीं पता था कि आपने कभी उसके साथ सेक्स भी किया है?
फिर में ज़ोर ज़ोर से लगातार धक्के लगाने लगा.
दीदी : आअहह ऊहह हाँ और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को आज तुम बिल्कुल शांत कर दो, ऑश आअहह आअहह उुउउहह ऊओहऑश मैंने कभी तेरे बारे में उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सोचा नहीं था कि मेरा ही भाई मेरी चूत मारेगा, आअहह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे.
में : उह्ह्ह हाँ दीदी, लेकिन अब में झड़ने वाला हूँ, आअहह.
दोस्तों में दीदी की चूत में झड़ गया.
दीदी : कोई बात नहीं हमेशा की तरह में गर्भनिरोधक गोली खा लूँगी, सुरेश के साथ सेक्स करते वक़्त भी मैंने कई बार गोली खाई है.
में : अच्छा, अब मुझे आपकी गांड मारनी है दीदी, प्लीज़ मना मत करना.
दीदी : मेरे भाई, लेकिन सुरेश ने मेरी गांड भी कई बार मारी है, कोई बात नहीं फिर भी तुम मार लो.
में : हाँ दीदी में आपकी गांड का बहुत दीवाना हूँ, मुझे बस आपके चूतड़ में ज़िंदगी भर अपना सर घुसाकर निम्मी है.
फिर मैंने अपने होंठ दीदी की गांड के होल पर रखकर जी भरकर चाटा. अब दीदी मचल मचलकर अपनी गांड मेरे मुहं में दबा रही थी. फिर मैंने दीदी से लंड चुसवाया और दीदी की गांड में लंड डाल दिया और फुल स्पीड से धक्के मारने लगा.
दीदी : आअहहहहा उउउइई माँ आआहह हाँ बहुत अच्छे ऐसे ही चोदो मुझे आससस्स एेआअहह.
फिर में उनकी गांड में झड़ गया और हम कपड़े पहनकर बाहर आ गए. फिर कुछ ही देर में मामी भी आ गई. दोस्तों हम एक हफ्ते तक मामा के घर पर थे और रोज़ हम तीनों मिलकर सेक्स करते थे और अभी भी दीदी और में घर पर सेक्स करते है.