Didi Ki Madak Chut
भाई बहन रंगीन चुदाई मैंने अपने जवान खूबसूरत बहन को पिछले होली के दिन चोद चोद कर उसके चूत का सील तोडा, दोस्तों इसके पहले मैंने कभी वर्जिन को नहीं चोदा था, ऐसे मैंने अपने भाभी को चाची को भी चोद चूका हु, पर जो मजा मुझे अपने सगी बहन टाइट चूत को चोदने में लगा वो मजा किसी और चूत में नहीं लगा. Didi Ki Madak Chut
मेरा नाम अमन है. मैं बिहार का रहने बाला हु, मैं लखनऊ में रहकर पढाई करता हु, मेरी बहन जो इस कहानी की हीरोइन है उसका नाम पूजा है. वो मेरे से बड़ी है ज्यादा नहीं बस एक साल. दोस्तों वो सनी लियोनी को फेल कर दे ऐसा उसका फिगर है.
गजब की गदराई हुई माल है मेरी दीदी पूजा. ऐसा जब से मेरा लंड खड़ा होना सीखा था तभी से ही मैं अपने बहन को निहारते रहता था. पर कभी मौक़ा नहीं मिला था मदमस्त चूचियों को छूने के लिए. सोचता था की काश मैं अपनी बहन की चूच को दबाता तो क्या मजा आता, दोस्तों पर ये मौक़ा मुझे भांग के नशे में आया, मैं होली में घर गया.
जिस दिन रंग का दिन था. मेरी तबियत थोड़ी ठीक नहीं थी. तो मैं घर में ही लेटा हुआ था. क्यों की मुझे पता था की अगर मैं बाहर गया तो दोस्त सब मिल कर मुझे रंग में नहा देगा. इसलिए मैं बरामदे के चारपाई पर लेटा हुआ था. कुछ लड़कियां आई जो की मेरी चचेरी बहन लगती है. अंदर घर में घुस गई और मेरी बहन पूजा से रंग खेलने लगी.
सब आपस में रंग लगा रहे थे. हैंडपम आँगन में ही था वो सब लोग बाल्टी के बाल्टी पानी एक दूसरे पे डाल रहे थे. दोस्तों वो सब मिला कर छह लड़कियां थी. अब सभी का चूचियां बाहर दिखने लगी क्यों की पानी से उसके कपडे चूचियों पे सट गए थे.
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गांड की सिरखारी भी साफ़ साफ़ दिखने लगी. गोल गोल चूतड़, बड़ी बड़ी चूचियां साफ़ साफ़ पानी में भीगने की वजह से दिखाई दे रहा था. अब तो दोस्तों मेरा लंड खड़ा हो गया. और मैंने अपने लंड को उनलोगों को देखकर सहलाने लगा.
उफ़ क्या बताऊँ. मेरा हालत ख़राब होने लगा. मुझे लग रहा था की पकड़ कर चोद दू. तभी मेरी बहन पूजा मुझे देखि और उसे पता चल गया था की मैं उनलोगों को घूर घूर कर देख रहा हु,
मेरी बहन की अदाएं थोड़ी सेक्सी लगी. उसने अपने बाल झटक कर पीछे की और मचल कर मेरे सामने आ गई. और बोली क्यों भैया अपने बहन के साथ रंग नहीं खेलनी, मेरे से बड़ी है पर मैं उसको नाम से ही बुलाता हु. “Didi Ki Madak Chut”
मैंने कहा देखो पूजा, मुझे रंग बिलकुल पसंद नहीं उसपर से मुझे हल्का हल्का बुखार है. मैं नहीं खेलने बाला, तभी पूजा बोली देखती हु कैसे नहीं खेलोगे, मैं खेलूंगी, एक तो मेरे से दूर रहते हो और दूसरी की आज होली भी नहीं खेल रहे हो.
तभी उनकी सहेलिया पूजा को बुलाने लगी. मैंने कहा जा वो लोग तुम्हे बुला रहे हो. वो बोली मैं अभी आती हु. उन लोगो को भेज कर, और वो अपने सहेलियों को घर के बाहर तक छोड़ कर आई. मैं सब कुछ देख रहा था. क्यों की मेरे सामने ही मैं गेट था.
वो लोग एक दूसरे को गले लग रहे थे, उनलोगों की चूचियां आपस में सट रही थी. मुझे लग रहा था की काश वो लड़कियां मुझे भी ऐसा ही गले लगे. फिर वो चले गए. मेरी बहन आ गई. मैंने पूछा मम्मी पापा कहा गए है.
तो वो बोली, वो लोग होली मिलन के लिए गए है. वो लोग शाम को आएंगे, और वो अपने हाथ को भिगाई और उसमे लाल रंग लगा के अपना हाथ मेरे पीछे कर के आने लगी. मैंने कहा देखो ये ठीक नहीं हो रहा है.
वो बोली आज होली है. कुछ नहीं चलेगा, मैं तुरंत उसका हाथ पकड़ने की कोशिश करने लगा. वो मुझे रंग लगाने के लिए करने लगी. और अब दोनों जोर जबर्दश्ती करने लगे. पहले तो लग रहा था की वो मुझे रंग लगा देगी. पर अब ये जोर जबरदस्ती मुझे अछि लगने लगी. क्यों की उसका बदन छूने को मिल रहा था. “Didi Ki Madak Chut”
वो अचानक पीछे से पकड़ ली. उसकी चूचियां मेरे पीठ में मसल रहा था. मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैंने घूम कर उसको पकड़ने के लिए दौड़ा वो दौड़कर कमरे के अन्दर चली गई. मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया, वहहहह ओह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों बड़ी बड़ी गांड जो की भीगी हुई थी. मेरे लंड से रगड़ खाने लगा.
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उसके बाद मैंने उसको आगे से उसकी चूचियां पकड़ ली. और दबा दिया, वो शांत हो गई. मेरे लंड और भी खड़ा हो गया और उसके गांड के बीचो बिच सेट हो गया था. वो बोली छोड़ो मुझे, ये गलत है. मैंने कहा क्यों अब बोलो तुम्ही कह रही थी आज होली है सब कुछ जायज है.
तो वो बोली चलो मैंने मान लिया होली है पर तुम्हारा क्या, तुम कल भी ये करोगे, मैंने कहा नहीं पूजा, जो होगा बस आज ही होगा होली के दिन और कल से हम दोनों भाई बहन के रिश्ते को ही रखेंगे.
वो मेरे तरफ घूर गई. और आँख झुका ली. मैंने थोड़ा सा उसका मुह उठाया और और उसको होठो को चूसने लगा. वो धीरे धीरे अपने बाहों में भर ली. मैंने भी उसको अपने आगोस में ले लिया और फिर मैंने उसके चूचियों को दबाने लगा. “Didi Ki Madak Chut”
वो आह आह आह आह आह करने लगी. उसको मस्ती चढ़ चुकी थी. और वो मेरा लंड पकड़ कर हौले हौले से दबाने लगी. मैंने उसको वही बेड पर लिटा दिया, और उसका नाडा खोल दिया, वो लाल रंग की पेंटी पहनी थी. पैंटी भीगी हुई थी.
मैंने तुरंत ही उसका पैर अलग अलग कर दिया और चूत के पास सूंघने लगा. ओह्ह्ह गजब की खुशबु थी जो की मुझे मदहोश कर दिया. और मैं रह नहीं पाया तुरंत अपना पजामा और जांघिया उतार दिया और उसका भी पेंटी उतार फेंकी.
वो अपने पैरो को सिकुड़ा ली मैंने अलग अलग किया और उसके चूत को चाटने लगा. उसकी चूत से नमकीन सी पानी आ रही थी. मैं खूब मजे से उसके चूत को चाट रहा था. वो बोली जल्दी कर लो, अभी मम्मी पापा भी आ जायगे.
मैंने तुरंत ही अपना लंड निकाला और उसके चूत पर सेट कर के, उसके चूत के अंदर घुसेड़ दिया. वो कराह उठी. दर्द होने लगा था उसको मैंने फिर से एक धक्के लगाए, अब पूरा लंड उसके चूत में सेट हो गया. वो आह आह कर रही थी और मैंने जोर जोर से पेल रहा था.
दोस्तों करीब पंद्रह मिनट तक, उसको चोदा और फिर मैंने अपना सारा माल उसके चूत से बाहर उसके नाभि के पास गिरा दिया. फिर वो उठ गई, और बाथरूम में चली गई. उसके बाद शाम तक हम दोनों नजर नहीं मिला पा रहे थे. “Didi Ki Madak Chut”
क्यों की मुझे लग रहा था मैंने गलत किया, कोई अपने बहन को चोदता है क्या, पर कभी अच्छा भी लग रहा था और कभी खराब ही. रात को सोने चले गए छत के कमरे पर. मम्मी पापा निचे सोते थे, और पूजा भी उनके बगल बाले कमरे में.
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रात को मैं जगा हुआ था, और मोबाइल में बीएफ देख रहा था तभी मेरा दरवाजा आवाज किया और पूजा, अंदर आ गई. मैंने कहा तुम यहाँ. तो वो बोली तुमने तो अपनी आग बुझा ली पर मैं उस समय तो प्यासी ही रह गई थी. और वो मेरे से चिपट गई और मेरे होठो को चूसने लगी.
दोस्तों फिर क्या था रात अपनी थी. हम दोनों रात को करीब दो बजे तक ३ बार चुदाई किये. वो खूब झड़ी, और मैंने भी जी भर कर अपने बहन को चोदा, उसके बाद तो क्या बताऊँ दोस्तों बिच में दो बार घर जाने का मौक़ा मिला था, पर एक बार उसको मेंस हुआ था इस वजह से चोद नहीं पाया, और एक बार वो मामा जी के यहाँ गई हुई थी.