Desi Wild Incest
मेरा नाम काजल है और मेरे भाई का नाम पवन। पवन मेरे से एक साल बड़ा है पर मैं उसे भैया नहीं बल्कि पवन ही कहती हूँ। वो बचपन से ही शरारती है। बचपन से ही वो मेरे को छेड़ते आया है कभी गांड छूकर कभी चूचियां दबाकर। यानी की मेरे मम्मी पापा भी एक नंबर के कमीना से कम नहीं है। Desi Wild Incest
वो उन्दोनो के सामने कह देता था की मैं काजल से शादी करूंगा। और वो दोनों भी कुछ नहीं कहते थे बल्कि हँस के बात को टाल देते थे और मैं कंप्लेंट भी करती थी तो वो दोनों कहते थे की वो पागल है तुम अच्छी लड़की हो।
धीरे धीरे उसकी आदत छूटी नहीं बल्कि अब कमेंट करने लगा था। बड़ी मस्त माल है अगर बहन नहीं होती तो मैं तुमसे शादी कर लेता। अब ये बात मम्मी पापा के एब्सेंट में कहता था। और मैं भी कहती थी की बकवास मत कर बस इतना ही कह पाती थी।
धीरे धीरे हम दोनों बड़े हो गए। बचपन से ही उसका जो आदत था वो कम नहीं हुआ जब मम्मी पापा घर में नहीं होते तो कभी वो मेरे चूतड़ पर हाथ मारता तो कभी केहुनी से मेरी चूचियों को दबा देता। एक दिन मैंने भी उसको गुस्से में गाली देकर कह दिया।
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एक नंबर के बहनचोद हो तुम। जब इतनी ही तुझे गर्मी है तो चोद क्यों नहीं लेता एक दिन। और मैंने उसको गुस्से में कह दिया की इस बार मैं तुम्हारे दोस्तों को बता दूंगा की तुम कितने कमीने हो। कोई भाई ऐसा नहीं होता है।
उस दिन से वो डरने लगा। की बात उसके दोस्तों तक पहुंच जाएगी तो उसकी इज्जत ख़राब हो जाएगी। तो उस दिन से वो मुझे थोड़ा प्यार से और रेस्पेक्ट से बात करने लगा। पर सच तो बात ये है दोस्तों धीरे धीरे मुझे ही ख़राब लगने लगा।
मुझे वो छेड़ता था मेरी चूचियों को छूता था तो मुझे अच्छा लगता है। भले मैं गुस्सा करती थी। पर जब से उसने मुझे छूना बंद किया तो ज़िंदगी नीरस सी होने लगी थी। एक दिन परिवार के साथ ही पिकनिक मनाने का डिसाइड हुआ।
जिसमे घर के सदस्य और हमारे पड़ोस की फॅमिली का जाना तय हुआ। मेरे घर के पास ही डैम और जंगल है। तो एक दिन हम लोगो पिकनिक मनाने गए। पिकनिक में जलाने के लिए लकड़ियां का इस्तेमाल होता है वो हम लोग जंगल से ही चुन कर लाते है। ऐसा इसलिए क्यों की इसमें मजा दुगुना हो जाता है।
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लकड़ी लाने का काम हम भाई बहन को मिला। हम दोनों ही जंगल चले गए और लकड़ियां चुनने लगे। तभी मैंने अपने भाई को बोलै सॉरी, उसने कहा क्या हुआ? किस बात का सॉरी तो मैंने कहा वो जो बोली थी तुम्हारे दोस्तों को बता दूंगी इसलिए।
तो भाई ने कहा हाँ वो तो गलत था ही तेरा कहना। हम भाई बहन थोड़ा मजे कर लेते थे ताकि घर की बात घर में ही रह जाये पर तुम्हे ठीक नहीं लगा तो मैं क्या कर सकता। तो मैंने भी कहा मुझे भी तब से मन नहीं लग रहा है। वो सब अच्छा लगता था पर मेरा नजरिया गलत था। मजे भी ले रही थी और गुस्सा भी कर रही थी। इतना कहकर हॅसने लगी।
पर वो चुपचाप मुझे देखने लगा। मैंने कहा हां सही कह रही हूँ मुझे वो तेरा छेड़ना अच्छा लगता है। इतना सुनते ही वो मेरे करीब आ गया। जंगल में कोई देखने वाला भी नहीं था। चारों और गहरी झाड़ियां थी। उसने मुझे आकर पकड़ लिया और मेरे होठ को छूकर बोला क्या मैं तुम्हारे होठ पर किस कर सकता हूँ। “Desi Wild Incest”
मैं कुछ नहीं बोली और सिर निचे कर ली। तभी मेरा दुप्पटा निचे सरक गया। मेरी बड़ी बड़ी चूचियां वो निहारने लगा। मेरी गदराई हुई बदन को देखकर कोई भी पागल हो जाये। उसने मेरे होठ पर अपना होठ रख दिया। और अपना बात मेरी छाती पर।
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धीरे धीरे हम दोंनो भी आवेश में आ गए और लिप लॉक कर लिए। हम दोनों ही एक दूसरे को किस करने लगे कभी वो मेरे मुँह में जीभ डालता कभीमैं। वो मेरे होठ को चूसते हुआ मेरी दोनों चूचियों को दबाने लगा। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसके बदन को सहलाते हुए उसके लंड को पकड़ ली। “Desi Wild Incest”
उसने मेरी गांड को पकड़ा और अपने में सटा लिया और अपना लंड मेरे कपडे के ऊपर से ही रगड़ने लगाए। मेरी हालत ख़राब होने लगी मेरी चूचियां बड़ी और तन गयी मेरे निप्पल खड़े हो गए और चूत मेरी गीली होने लगी। मैं अंगड़ाइयां लेने लगी।
मैं बैठ गयी उसने मुझे निचे लिटा दिया और मेरा नाडा खोल दिया। मेरी पेंटी भी उतार दी। अब दोनों पैरों के बिच में बैठकर मेरी चूत को पहले निहारा और ऊँगली डालकर देखा और फिर चाटने लगाए। ओह्ह्ह्हह जैसे ही उसने मेरी चूत पर जीभ लगाया मैं पागल सी होने लगी ऐसा लग रहा था मेरे पुरे शरीर में करंट दौड़ गया।
मैंने कहा किसी को मत कहना कुछ ये बात हम दोनों बहन भाई के बिच में रहेगा। जब्ब तक मन दोनों की शादी नहीं हो जाती तब तक हम दोनों एक दूसरे लंड की सेक्स की जरुरत को पूरा करते रहेंगे। ओह्ह्ह्ह इतना सुनकर मेरा भाई तो और भी ख़ुशी से झूम उठा। “Desi Wild Incest”
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लंड निकालकर मेरी चूत पर सेट किया और जोर से पेल दिया। पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में चला गया। अब वो जोर जोर से धक्के देते हुए मेरी चूचियों को मसलने लगा। मैं पागल होने लगी। मैं भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। मैं निचे से वो ऊपर से धक्के देता और फिर गच गच की आवाज आती लंड चूत में जाता और फिर बाहर आता। मेरी गांड में भी सुरसुराहट होने लगी मेरे होठ सूखने लगे। मेरी चूचियां तन गयी थी।
मेरी आँखे खुद व् खुद बंद हो जाता। मेरी वासना भड़क उठी थी। हम दोनों ही जोश में आ गए थे। एक दूसरे को खुश कर रहे थे। करीब दस मिनट में ही हम दोनों ही झड़ गए क्यों की दोनों ही अनारी थी। जल्दी जल्दी चुदाई के चक्कर में उसका सारा वीर्य निकल आया और मैं भी उसको अपनी तरफ खींचकर अंगड़ाई लेते हुए मैं भी अपनी चूत से पानी छोड़ दी। हम दोनों अपने कपडे पहने और फिर वापस लड़कियां लेकर पिकनिक वाली जगह पर पहुंच गए। फिर तो उस दिन के बाद हम दोनों जब भी अकेले होते एक दूसरे को चूमने लगते बाहों में झूलते और फिर चुदाई करते हैं।
Kundan says
Nagpur se hai ky koi bhabhi