Behan Chut Chudai
मेरा नाम पवन है, मैं एक मिडल क्लास फैमिली से हूँ। मेरे परिवार में हम 5 लोग हैं। मैं, मेरी बहन, पेरेंट्स और मेरी दादी माँ। मेरे पेरेंट्स छोटे से गाँव में रहते हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। हमारी ज़मीन ज़्यादा नहीं है, मेरी दादी की उम्र 75 साल है.. सो वो ठीक से सुन देख भी नहीं सकती हैं। Behan Chut Chudai
मैं और मेरी बहन पढ़ाई के लिए शहर में रहते हैं। दादी हमारे साथ रहती हैं. मेरी उम्र 21 साल की है और मेरी बहन 18 साल की है, वो 12वीं क्लास में पढ़ाई करती है। मेरी सिस्टर का नाम करीना है। मेरी सिस्टर एक सीधी सादी लड़की है। मैं पढ़ाई में कमजोर था.. इसलिए मैंने पढ़ाई छोड़ दी और मैं एक कंपनी में काम करने लगा।
मेरा कभी मेरी सिस्टर के साथ कुछ भी ग़लत करने का इरादा नहीं था लेकिन एक बार मैंने नेट पर बहन की चुदाई की हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ी और तब से मेरा इरादा बदल गया। अब मैं सोचने लगा कि मैं कैसे अपनी बहन को सिड्यूस करूँ। मैं एक महीने तक सोचता रहा बाद में मैंने एक प्लान बनाया।
इस प्लान में कुछ ऐसा था कि मैं एक चिट्ठी लिखी, जिसमें लिखा था कि मैं तेरी स्कूल की सहेली हूँ और मुझे पता है कि तुम अपने भाई और दादी माँ के साथ अकेली रहती हो। मैं ये भी जानती हूँ कि तेरा भाई एक आकर्षक लड़का है.. तेरी तरह मेरा भाई भी एक हैण्डसम लड़का है।
हम दोनों रोज सेक्स करते हैं.. अगर तुझे अपने भाई के साथ सेक्स करने में इंटेरेस्ट है.. और तू बुधवार को स्कूल में काले रंग की ड्रेस पहन कर आओगी तो मैं समझ जाऊंगी कि तुम्हें इंटेरेस्ट है। इसके बाद मैं तुम्हें बताऊँगी कि मैंने अपने भाई को कैसे पटाया।
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इस उम्र में सेक्स नसीब वालियों को ही मिल पाता है। मुझे तो चुत चुदवाने में बहुत मजा आता है। सच में अपने भाई से सेक्स करने में जो मजा आता है वो कहीं और से नहीं मिल पाता है। घर में सेक्स होने से कोई जान भी नहीं सकता और कोई टेंशन भी नहीं होती।
ये चिट्ठी लिखने के बाद मैंने मंडे को उसको पता ना चले उसके स्कूल बैग की एक बुक में रख दी.. जो कि वो अगले दिन स्कूल में चौथे लेक्चर के बाद की बुक थी। साथ ही मैं बुधवार की राह देखने लगा। उसका स्कूल मॉर्निंग का स्कूल था तो वो रोज 6 बजे उठ जाती थी।
उसके बाद मैं 6.30 बजे उठता था। मंगलवार को शाम को मैंने उसको देखा तो वो थोड़ी नर्वस सी दिखी.. मैं समझ गया कि उसने शायद वो चिट्ठी पढ़ ली है.. लेकिन मैं अब भी पक्का नहीं था। फिर मैं अगले दिन सुबह की राह देखने लगा। अगले दिन मैंने देखा कि वो ब्लैक ड्रेस पहन कर स्कूल चली गई.. मैं खुश हो गया।
बाद में मैंने बुधवार को और एक चिट्ठी लिखी और उसमें लिखा कि आज तुम ब्लैक ड्रेस पहन कर आई थीं तो मैं समझ गई हूँ कि तुम्हें अपने भाई के साथ सेक्स करने में इंटेरेस्ट है। अब मैं तुम्हें स्टेप बाइ स्टेप बताऊँगी कि तुम्हारे भाई को कैसे पटाना है।
मैं अच्छी तरह जानती हूँ कि भाई को कैसे पटाया जाता है। मैं तुम्हारे स्कूल बैग में चिट्ठी तभी रखूँगी जब तुम टाय्लेट जाओगी। तुम ये जानने की कोशिश मत करना कि तुम्हारे बैग में चिट्ठी कौन रखता है.. वरना आगे से मैं चिट्ठी नहीं रखूँगी.. और ना ही मैं तुम्हें कोई बात बताऊंगी।
अब सुनो कि पहला स्टेप में ये जानना ज़रूरी है कि क्या तुम्हारा भाई भी तुम्हारे साथ सेक्स करने में इंटेरेस्ट रखता है कि नहीं। ये जानने के लिए तुम्हें ये करना है कि जब तुम नहाने के लिए जाओ तब बाथरूम में तुमको अपनी इस्तेमाल की हुई ब्रा और पेंटी छोड़ देना।
साथ ही तुम अपनी ब्रा और पेंटी की पोजीशन याद रखना और बाद में स्कूल से वापिस जाकर बाथरूम में देखना है कि क्या तुमने जिस तरह से ब्रा-पेंटी छोड़ी थी.. वो वैसे ही पड़ी है या किसी ने उसे टच किया है। ये भी देखना है कि क्या ब्रा और पेंटी में वीर्य जैसा कुछ लगा है कि नहीं।
वीर्य का मतलब तो तुम जानती ही होगी.. अगर ना जानती हो तो मैं बता दूँ कि ये वाइट कलर का थोड़ा डार्क गाढ़ा पानी जैसा होगा। यदि पहले दिन कुछ ना मिला तो कोई बात नहीं.. तुम निराश मत होना। मेरा दावा है कि 4-5 दिन में तुम्हें कुछ ना कुछ ज़रूर मिलेगा।
अगर ब्लैक ब्रा और पेंटी है तो तुम जल्दी जान सकती हो कि यूज्ड ब्रा-पेंटी में वीर्य लगा है कि नहीं। जिस दिन तुम्हें पता चले कि आज कुछ वीर्य जैसा ब्रा और पेंटी में लगा है तो समझ जाना कि तुम्हारा भाई भी तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता है। उसके अगले दिन तुम वाइट कलर का रूमाल लेकर स्कूल में आओगी.. तब मैं तुम्हें अगला स्टेप बताऊंगी।
ये चिट्ठी लिखने के बाद मैंने जब वो गुरुवार की मॉर्निंग में नहाने गई तब उसके स्कूल बैग में रख दी और मैं वापिस सो गया ताकि उसको पता ना चले कि वो चिट्ठी उसके बैग में मैं रखता हूँ। अगले दिन मतलब फ्राइडे को वो रेडी हो कर स्कूल चली गई।
बाद में मैं बाथरूम में गया तो मैंने देखा की मेरी बहन कभी भी यूज्ड ब्रा-पेंटी बाथरूम में छोड़कर स्कूल नहीं जाती थी। वो यूज्ड ब्रा-पेंटी को वॉश करके सूखने के लिए बाहर डाल देती थी.. लेकिन आज वो अपनी यूज्ड ब्रा-पेंटी को बाथरूम में वैसे ही पड़ा छोड़ गई थी। ये देख कर मैं बहुत खुश हुआ कि मेरा प्लान सही तरह से काम कर रहा था।
मैं भी जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था.. इसलिए फ्राइडे को मैंने उसकी ब्रा-पेंटी को हाथ भी नहीं लगाया। मैं ये भी जानता था कि उसके पास ब्लैक कलर की ब्रा-पेंटी नहीं है। फ्राइडे को शाम को मैं घर आया तो मैंने करीना को देखा तो लगा कि वो कुछ निराश दिख रही थी। हम दोनों भाई-बहन में काफ़ी बनती थी।
मैंने उससे पूछा- क्या बात है करीना..? आज तुम उदास लग रही हो।
उसने कहा- भैया कुछ नहीं थोड़ा सा सर दर्द हो रहा है।
उसने मुझसे कुछ पैसे माँगे तो मैंने उसे दे दिए। अगले दिन शनिवार को भी यूज्ड ब्रा-पेंटी बाथरूम में पड़ी हुई थी.. लेकिन उस दिन भी मैंने उसकी यूज्ड ब्रा-पेंटी को टच नहीं किया। मैं तो ये सोचते बहुत खुश था कि मेरी सिस्टर भी मुझसे सेक्स करना चाहती है। ऐसा सोच कर मैंने मुठ मार कर खुद को शांत कर लिया।
शनिवार की शाम को भी करीना मुझे निराश दिखी.. तो मैंने उससे फिर पूछा- क्या बात है?
तो उसने मुझे बताया कि कुछ नहीं तबीयत थोड़ी खराब है।
मैंने कहा- कल कोई अच्छे से डॉक्टर को दिखा देना।
वो बोली- ठीक है।
रविवार को स्कूल में छुट्टी रहती है.. वो सुबह 7 बजे उठी और नहाकर नाश्ता बनाने लगी और मैं बाथरूम में चला गया। मैंने ये देखा तो मैं खुश हो गया कि बाथरूम में नई यूज्ड ब्लैक ब्रा और पेंटी पड़ी थी। आज मुझसे ना रहा गया और मैं ब्रा और पेंटी को एक साथ अपने लंड के साथ रगड़ते हुए मुठ मारने लगा।
कुछ ही पलों में मेरा ढेर सारा पानी निकल गया और मैंने उसकी ब्रा और पेंटी को ऐसे ही रख कर नहा कर बाहर निकल आया। इसके साथ ही मुझे ये भी पता चल गया कि वो फ्राइडे को मुझसे पैसे क्यों माँग रही थी… उसे नई काले रंग की ब्रा-पेंटी लाना थी।
फिर नाश्ता करने के बाद मैं काम पर चला गया। सनडे को मेरा हाफ डे रहता है.. तो मैं दोपहर 2 बजे घर आ गया। मैं बाथरूम में हाथ पाँव धोने गया तो मुझे करीना की ब्रा-पेंटी नहीं दिखी। मुझे पता चल गया कि उसने अपनी ब्रा-पेंटी धोकर सूखने डाल दी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आज वो बहुत खुश दिख रही थी और मेरी ज़्यादा केयर कर रही थी। उसने मेरी पसंद का खाना बना कर मुझे खिलाया। अब मैं ये सोचने लगा कि अब आगे क्या करूँ। ये सोचते-सोचते ही मुझे शाम को नींद आ गई.. मैं अपनी तरफ से कोई पहल नहीं करना चाहता था।
मंडे को भी वो यूज्ड ब्रा-पेंटी बाथरूम में छोड़ कर ही स्कूल चली गई और साथ में सफ़ेद हैण्ड रुमाल लेकर गई। आज मैंने उसकी पेंटी को किस किया और ब्रा को मुँह में लेकर दो बार मास्टरबेशन किया और ढेर सारा पानी निकाल दिया। उस दिन मैंने फिर से एक चिट्ठी लिखी..
उसमें लिखा कि आज तुम वाइट रूमाल लेकर आई तो मैं समझ गई हूँ कि तुम्हारे भाई ने तुम्हारी ब्रा-पेंटी के साथ छेड़छाड़ की है। अब वो दिन दूर नहीं कि वो तुम्हारे साथ सेक्स भी करेगा। अब मैं नेक्स्ट स्टेप बता रही हूँ कि तुम अपने घर में तुम थोड़े खुले कपड़े पहना करो..
मतलब ये कि तुम अपने भाई को कभी-कभी अपनी ब्रा की स्ट्रीप दिखाओ और जो हमारी स्कूल ड्रेस है.. उसका पिछले साल वाला टॉप है.. वो पहना करो.. क्योंकि कसा हुआ टॉप है और सफ़ेद रंग का है तो उसमें तुम्हारे चूचे ज़्यादा उभरे हुए दिखेंगे। फिर देखो कि क्या वो तुम्हारे मम्मों को घूरता है कि नहीं।
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मैं पक्का हूँ कि वो ज़रूर तुम्हारी चूचियों को देखने के ट्राइ करेगा। इसके बाद जब कभी भी घर में तुम और तुम्हारा भाई अकेले हो तो तब तुम अपनी स्कर्ट ऐसे रखो कि उसको तुम्हारी पेंटी दिखे। नाइट में भी कोई सेक्सी नाइटी पहना करो.. जो ज़्यादा ट्रांसपेरेंट हो।
जब तुमको लगने लगे कि तुम्हारा भाई तुमको कामुक निगाहों से घूरने लगा हो तब फाइनली एक रात में ऐसे ही नाइटी पहन के सो जाओ.. और रात को कोई काकरोच तुम्हारी नाइटी में घुस गया.. अचानक उठ कर ऐसा नाटक करो। ये सब तुम अपने भाई के सामने ऐसे ही चिल्लाते हुए पूरी नाइटी उतार देना और सिर्फ़ ब्रा-पेंटी में ही बनी रहना।
बाद में शरमाना और साथ में घबराने का नाटक करना और बोलना कि भैया मैं तो तुम्हारे साथ ही सोऊंगी.. मुझे बहुत डर लग रहा है। इसके बाद में क्या करना है वो तुझे बताने की जरूरत नहीं है और हाँ दो-तीन दिन उसको सेक्स नहीं करने देना और शनिवार को नाइट को सेक्स करना..
क्योंकि सनडे को छुट्टी रहेगी तो आराम भी हो जाएगा और बिना कंडोम के सेक्स नहीं करने देना वरना प्रेग्नेंट हो सकती हो। फिर मंडे को तुम स्कूल नहीं आओगी तो मैं समझ जाऊंगी कि तुमने भी वो ख़ुशी हासिल कर ली है जो मुझे मिल रही है.. बेस्ट ऑफ लक।
ये चिट्ठी लिखकर मैंने मंगलवार की सुबह उसके स्कूल बैग में रख दी। मंगलवार की शाम को जब मैं घर आया तो उसने आज स्कूल ड्रेस ही पहन कर रखी थी, उसके स्कूल ड्रेस में सफ़ेद टॉप और ब्लू स्कर्ट होता है। उसका सफ़ेद टॉप आज मुझे कुछ ज़्यादा ही टाइट लग रहा था। करीना के चूचे भी कुछ ज़्यादा बड़े भी दिख रहे थे।
मैंने ध्यान से देखा कि उसकी पिंक ब्रा की पट्टी भी दिख रही थी। शाम को हम खाना ख़ाकर टीवी देखने लगे। दादी माँ तो 9 बजे सो जाती हैं तो किसी का डर नहीं रहता है। मैं टीवी देख रहा था.. करीना मेरे सामने बैठ गई और उसने अपने पैर ऐसे रखे कि उसकी पेंटी मुझे दिखे। इस सबका उसको पता ही नहीं है वो ऐसे अंजान बनने की कोशिश करती रही।
उसकी रेड पेंटी मुझे दिख रही थी। वो न्यूज़ पेपर लेकर पढ़ने लगी और अचानक उसने न्यूज़ पेपर अपने चेहरे के सामने से हटा लिया। मैं उसकी पेंटी देखते पकड़ा गया तो वो थोड़ी मुस्कुरा दी.. और वो अपने पैर ठीक करने लगी ताकि मैं उसकी पेंटी ना देख पाऊं।
वो भोली बनाने की कोशिश करने लगी। एक बार मेरे लंड के उभार को देख कर वो खड़ी हो कर बाथरूम में चली गई। मैं भी दूसरे टॉयलेट में जाकर मुठ मारने लगा। बाद में मैं कमरे में आ कर सो गया.. वो भी आ कर नीचे मेरी दादी माँ के साथ सो गई।
अगले दिन उसके स्कूल में कोई फिक्स ड्रेस नहीं रहती थी.. तो आज उसने डीप कट वाला कुर्ता और सलवार पहना हुआ था। शाम को जब खाना ख़त्म होने के बाद वो झाड़ू लगाने लगी तो उसके डीप कट वाले कुर्ते में से मुझे उसके आधे चूचे दिखने लगे.. और वो ज्यादा झुक कर झाड़ू लगाने लगी ताकि मुझे उसके चूचे दिख सकें।
उसने अचानक मेरी तरफ देखा तो आज भी मैं उसके चूचे देखते हुए पकड़ा गया। वो फिर थोड़ी मुस्कुराकर चली गई। अब वो एक सेक्सी सी पिंक नाइटी पहन कर आई.. जिसमें से मुझे उसकी ब्रा और पेंटी दिख रही थी। आज हम दोनों ने थोड़ी ऐसे ही मस्ती की बात की और सो गए।
अगले दिन वो मेरी शाम को मेरी राह ऐसे देखने लगी थी कि मैं कब घर आऊं। आज भी वो सेक्सी नाइटी पहन कर दादी माँ के साथ लेट गई। करीब 11 बजे वो खड़ी हुई और नाइटी ऐसे झटकारने लगी और कूदने लगी जैसे कोई कीड़ा घुसा हो।
वो धीमे से चिल्लाने लगी- भैया, मेरी नाइटी में काकरोच घुस गया है।
मैं भी खड़ा हुआ तो वो अपनी नाइटी ऊपर को करने लगी। इस तरह से उसने अपनी पूरी नाइटी ऊपर को कर दी.. और वो सफ़ेद ब्रा और पेंटी में रह गई थी। चूंकि कमरे में नाइट बल्ब जल रहा था तो दादी माँ भी कुछ नहीं दिखा।
वो बोलीं- करीना, क्या हुआ क्यों चिल्ला रही हो?
करीना बोली- दादी माँ मेरी नाइटी में काकरोच घुस गया है।
वो कुछ नहीं बोलीं और फिर से सो गईं। मैं करीना को ब्रा-पेंटी में घूर रहा था.. वो शर्मा गई और मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी। फिर वो नीचे ही सो गई.. लेकिन कुछ देर बाद मैं पेशाब करने उठा तो मैंने देखा कि वो जाग रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तो मैंने पूछा- करीना क्यों जाग रही हो?
वो बोली- भैया मुझे डर लग रहा है कि वापिस काकरोच ना आ जाए।
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. तू मेरे साथ बिस्तर पर सो जा। ये डबलबेड तो है.. हम दोनों इस पर आराम से सो जाएँगे।
वो बोली- ठीक है।
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अब वो बिस्तर पर मेरे साथ सो गई और वो उल्टा सोई.. मतलब मेरे सर की साइड उसने पैर रखे और मेरे पैर के साइड उसने अपना सर रखा। उसने अपना एक पाँव सीधा रखा और एक पाँव मोड़ कर रखा। अब मुझे नाइट लैम्प में से भी उसकी पेंटी दिख रही थी और मेरा लंड पूरा टाइट हो गया था। लंड मेरे बरमूडा में से साफ़ उभर दिख रहा था।
थोड़ी देर बाद मैं टॉयलेट में गया और सिस्टर की पेंटी याद करके हस्तमैथुन करने लगा। मैं टॉयलेट में से वापिस आया तो वो सो गई थी। आज मैंने भी कुछ ना करना ही मुनासिब समझा और मैं भी सो गया। सुबह मेरी नींद 5.45 बजे खुल गई.. तब मैंने अपना तना हुआ लंड बरमूडा में ऐसे रखा कि लंड का उभार ज़्यादा दिखे।
अब मैं आँख बंद करके सोने का नाटक करने लगा। कुछ देर बाद करीना उठी तो वो मेरे लंड के उभार को देखती रही लेकिन उसकी लंड को टच करने की हिम्मत ना हुई। वो काफ़ी देर तक लंड देखती रही। फिर वो स्कूल चली गई और शाम को हम सबने खाना ख़ाकर थोड़ी देर टीवी देखा और सब सो गए।
आज भी वो मेरे साथ बिस्तर पर ही सो गई लेकिन आज वो ऐसे सोई कि मेरा सर और उसका सर एक ही साइड में था। परन्तु वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई.. उसकी नाइटी में से उसकी ब्रा के स्ट्रीप दिख रही थीं। रात 11 बज रहे थे.. आज मुझसे रहा ना गया। मैंने धीरे से उसकी पीठ पर हाथ रखा और सहलाने लगा।
वो सोने का नाटक कर रही थी। मैंने 15 मिनट सिर्फ़ उसकी पीठ सहलाई.. और जब उसका कुछ रिएक्श्न नहीं हुआ तो मैं अपना हाथ थोड़ा नीचे ले गया और नाइटी के ऊपर से ही उसकी आजू-बाजू सहलाने लगा। मेरा लंड भी खड़ा हो गया था। थोड़ी देर सहलाने के बाद मैंने मेरा हाथ आगे उसके मम्मों पर रख दिया और धीरे से मम्मों को दबाया तो वो बोली- भैया प्लीज़ नाइट लैम्प ऑफ कर दीजिए।
मैंने नाइट लैम्प ऑफ कर दिया और अब पूरा अंधेरा हो गया। अब मैंने उसको मेरी तरफ खींच लिया और उसको किस करने लगा। कुछ मिनट किस करने के बाद उसकी सांस फूलने लगी और वो काफ़ी उत्तेजित हो गई। अब मैं दोनों हाथों से उसके मम्मों को भर के सहलाने लगा। वो कुछ बोल नहीं पा रही थी.. बस आँख बंद करके सिर्फ़ धीरे से ‘ओह.. भैया..’ कर रही थी।
थोड़ी देर बाद वो बोली- भैया धीरे से दबाओ ना.. दर्द होता है।
बाद में मैं धीरे-धीरे उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसके मम्मों को मस्ती से सहलाने लगा और उसको किस करने लगा। वो अब हल्के स्वर में सीत्कार करने लगी थी। मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर मेरे बरमूडा पे रखा तो उसने हटा लिया। मैंने फिर से पकड़ कर रखा तो भी उसने अपना हाथ वापिस ले लिया.. शायद वो लंड पकड़ने में शर्मा रही थी।
उसके मम्मों का नाप 28 इंच का था.. बहुत ज़्यादा बड़े नहीं थे लेकिन मुझे उनको सहलाने में बहुत मज़ा आ रहा था। मुझे लग रहा था कि अभी मेरा पानी निकल जाएगा। मैंने धीरे से अपना एक हाथ नाइटी के ऊपर से ही बहन की बुर पर रखा और बुर को सहलाने लगा।
अब वो तेज़ी से सांस लेने लगी और उसने मुझे जोर से पकड़ कर पूरी तरह से मेरी बांहों में आ गई। अब मैंने फिर से उसका एक हाथ पकड़ कर बरमूडा के ऊपर से ही मेरे लंड पर रखा। इस बार उसने मेरा लंड पकड़ लिया। जब मैं अपनी बहन की बुर को सहला रहा था तो वो जोर से मेरे लंड को दबा रही थी।
नाइटी के ऊपर से ही मैं महसूस करने लगा कि उसकी पेंटी और नाइटी दोनों गीली हो गई थीं। मेरा अपने पर ही काबू नहीं रहा.. मैंने उसकी नाइटी कमर तक ऊपर की और उसकी नंगी जाँघों को सहलाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी पूरी नाइटी निकाल दी और अपना बरमूडा भी निकाल दिया।
अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और मैं सिर्फ़ फ्रेंची में था। मैंने पूरे उसके बदन पर हर जगह किस किया। बाद में मैंने उसकी ब्रा निकाल फेंकी और उसके चीकू साइज़ की चूचियों को चूसने लगा। वो भी बहुत उत्तेजित हो गई और मेरे लंड पर जोर से हाथों से दबाव बनाने लगी। मैंने काफ़ी देर तक उसेके मम्मों को सक किया। फिर मैं उसकी पेंटी उतारने लगा.. लेकिन उसने अपनी पेंटी पकड़ के रखी.. वो उतारने नहीं दे रही थी।
मैंने वापिस अपना हाथ उसकी पेंटी के ऊपर से ही बुर पर रखा और बुर को सहलाने लगा। फिर धीरे से उसकी पेंटी की साइड में से उंगली डालकर उसकी बुर को सहलाने लगा.. वो मजे लेने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ तो मैं फिर से उसकी पेंटी उतारने लगा। इस बार उसने उसकी पेंटी उतर जाने दी।
अब मेरी बहन पूरी नंगी मेरी बांहों में थी और मैं उसको सब जगह चूमने लगा। मैंने अपनी फ्रेंची भी निकाल दी, अब मेरी बहन मेरे नंगे लंड को सहला रही थी. वैसे भी मेरा लंड बहुत बड़ा नहीं है.. बस 5 इंच का है। मैं नीचे को होकर अपनी बहन की बुर को चाटने लगा तो वो बहुत पानी छोड़ने लगी। मैं समझ गया कि उसका पानी निकल गया है। अब मैं अपना लंड उसकी बुर में डालने लगा तो वो बोली- भैया, क्या तुम्हारे पास कंडोम है?
तो मैं बोला- नहीं..
वो बोली- भाई प्लीज़ आज अन्दर मत डालना.. मुझे प्रेगनेंसी से बहुत डर लग रहा है।
मैं उसकी बात टाल नहीं सका और मैंने अपना लंड उसके मुँह के पास रख कर बोला- लो तुम मेरे लंड को चूसो।
तो वो बोली- भैया, नहीं मुझे मुँह में लेना पसंद नहीं है।
मैं बोला- उसमें क्या प्राब्लम है?
तो वो बोली- मुझे गंदा लगता है।
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मैंने जबदस्ती नहीं की और मेरा लंड उसके हाथ में देकर ऊपर-नीचे करने को बोला और मैं उसके मम्मों को सक करने लगा। कोई 5 मिनट बाद मेरा वीर्य भी निकल गया। बाद में हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए और एक-दूसरे की बांहों में लिपट कर सो गए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर धीरे से मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हें मज़ा आया?
तो वो बोली- हाँ भैया मुझे बहुत मजा आया.. कल तुम कंडोम ले आना.. मैं तुम्हें अन्दर भी डालने दूँगी लेकिन आज बिना कंडोम के नहीं.. प्लीज़।
मैं बोला- ठीक है।
हम दोनों सो गए। शनिवार की सुबह जब दादी माँ बाथरूम में गईं तो उसने मुझे आज किस करके उठाया। वो स्कूल ड्रेस में थी.. दो मिनट किस करने के बाद मैंने उसके स्कर्ट में हाथ डाला। तो उसने हटा दिया और बोली- भैया पेंटी गीली हो जाएगी.. अभी मुझे स्कूल जाना है प्लीज़।
मैं बोला- ठीक है।
हम दोनों ने वापिस एक लंबी किस की और वो स्कूल चली गई। आज मैं बहुत खुश था कि आज मैं पहली बार सेक्स करूँगा और वो भी मेरी बहन के साथ.. मतलब अपनी बहन की चूत चुदाई! मैंने दोपहर ही कंडोम के 10 पीस के 5 पैकेट ले लिए ताकि एक महीने तक चुदाई का मजा लिया जा सके।
इसी के साथ में मैंने जैली भी ले ली और करीना के लिए गर्भनिरोधक गोलियां भी ले लीं। आज मेरा दिन काटे नहीं कट रहा था.. हर पांच मिनट के बाद घड़ी में टाइम देखता रहता था। उसकी छुट्टी का समय मुझे बड़ा कष्ट दे रहा था और कोई काम भी ठीक तरह से नहीं हो रहा था।
आज मैं शाम का ही वेट करने लगा। बाद में शाम को मैं घर आया तो करीना भी आज बहुत खुश दिख रही थी। हम दोनों ने खाना खाया और बाद मैं वो बाथरूम में नहाने चली गई। करीना रोज शाम को नहाती नहीं थी.. लेकिन आज उसने ऐसा किया।
बाथरूम से आकर उसने मुझसे भी बोला- भैया कितनी गर्मी है.. आज तुम भी नहा लो ना!
मैं भी बाथरूम में चला गया और मैं भी नहा लिया। अभी दस बजे थे और दादी माँ भी सोई नहीं थीं। हम दोनों टीवी देखने लगे। करीब 10.30 बजे दादी माँ सो गईं तो हम भी सोने की तैयारी करने लगे। लगभग 11 बजे हम दोनों बिस्तर पर सोने के लिए आ गए।
पहले करीना ने मुझसे पूछा- क्या आज आप कंडोम लाए हो?
तो मैं बोला- हाँ पूरे महीने भर के लिए ले आया हूँ।
वो हंस कर बोली- आप भी ना..
अब हम दोनों बिस्तर पर आ गए और दादी माँ की तरफ़ देखा तो वो हमारे बिस्तर के दूसरी तरफ मुँह करके सो गई थीं। आज भी करीना ने पहले नाइट बल्ब ऑफ करने को बोला तो मैंने धीरे से कहा- नहीं आज मुझे तुम्हें पूरी नंगी देखना है।
वो बोली- दादी माँ कभी भी जाग सकती हैं.. कल सनडे को मॉर्निंग में जब दादी माँ मंदिर जाएं तब पूरी नंगा देख लेना।
मैं बोला- ठीक है।
आज करीना ने ही पहले मुझे अपनी बांहों में भर लिया और किस करने लगी। मैं भी उसे किस करने लगा। बाद में मैं उसकी नाइटी उतारने लगा तो करीना बोली- क्या भैया, आज तो आपको बहुत जल्दी है?
मैंने कहा- हाँ यार आज मुझसे रहा नहीं जा रहा है।
वो मुस्कुराने लगी.. आज वो शरमा नहीं रही थी। मैंने आज पूरी नाइटी पहले ही उतार दी और जोरों से उसके मम्मों को अपनी मुठ्ठी में भर कर दबाने लगा।
तो करीना बोली- भैया क्या आज ही पूरा निचोड़ दोगे क्या? मैं कहीं भाग जाने वाली नहीं हूँ.. प्लीज़ धीरे से दबाओ.. दर्द हो रहा है।
मैं बोला- सॉरी, मैं आज अपने पे काबू नहीं रख पा रहा हूँ।
अब मैं उसकी ब्रा के ऊपर से धीरे से ही उसके चूचे मसलने लगा। आज करीना भी मुझे साथ दे रही थी.. उसकी शरम खत्म गई थी। उसने भी मेरा लंड बरमूडा के ऊपर से ही पकड़ लिया और वो भी मेरे लंड को सहलाने लगी। बाद में मैं उसकी बुर सहलाने लगा और उसकी ब्रा और पेंटी मैंने निकाल दी।
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करीना ने भी आज मेरा लंड बरमूडा के अन्दर हाथ डाल कर पकड़ लिया था और सहलाने लगी थी। मैं नीचे को होकर करीना की बुर को सक करने लगा तो वो बोली- भैया. प्लीज़ अपना बरमूडा और फ्रेंची भी निकाल दीजिए। मैंने अपना बरमूडा और फ्रेंची निकाल दी.. अब हम दोनों पूरे नंगे थे।
मैं उसकी बुर को चूस रहा था और वो मेरे लंड को धीरे से सहलाते हुए सीत्कार कर रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह… हाँ…’ तभी उसका पानी छूट गया। फिर मैंने बहन की बुर में एक उंगली डाली तो वो धीरे से चिल्लाई। लेकिन मैं रुका नहीं और अपनी उंगली को बुर के अन्दर डाल कर धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा।
जब उसकी बुर ने मेरी उंगली को जज्ब कर लिया तो मैंने धीरे से दूसरी उंगली भी उसकी बुर में डाल दी। पहले तो चिहुंक गई लेकिन फिर मजा लेने लगी। अब मैं दो उंगलियों को करीना की बुर में अन्दर-बाहर करने लगा। वो धीरे से कामुकता भरी आवाजें भरने लगी। अब मेरा सब्र काबू में नहीं हो रहा था। मैंने अपना लंड उसकी बुर पर रखा तो वो बोली- भैया प्लीज़ पहले कंडोम लगा लो।
मैं बोला- ओह.. सॉरी यार आज मैं इतना उत्तेजित हो गया था कि मैं लंड पर छतरी लगाना भूल ही गया।
मैंने अपने लंड पर कंडोम लगाया और बुर के छेद पर रख कर अपने एक हाथ को उसके मुँह पर रख दिया.. ताकि वो चिल्लाये ना.. अन्यथा दादी माँ के जागने का खतरा था। अब मैं लंड को उसकी सीलपैक बुर में पेलने की कोशिश करने लगा।
मेरी बहन की बुर इतनी अधिक कसी हुई थी कि मेरा लंड उसकी बुर में अन्दर जा ही नहीं रहा था। करीना को भी दर्द हो रहा था तो मैंने अब मेरे लंड पर और बुर पर जैली लगाई और फिर डालने की कोशिश करने लगा। अब भी लंड उसकी बुर में नहीं जा रहा था। कुछ तो मेरी बहन ने भी डर के मारे अपनी बुर को सिकोड़ लिया था।
मैंने उसको बोला- पूरा रिलेक्स हो जाओ।
थोड़ी देर उसको चूमने चाटने के बाद मैं वापिस लंड पेलने लगा तो इस बार थोड़ा आ अन्दर चला गया और इसी के साथ वो जोर से चिल्लाने लगी। लेकिन मेरा हाथ उसके मुँह पर जमा हुआ था तो वो आवाज़ नहीं निकाल पा रही थी। मैंने एक झटका थोड़ा और जोर से लगाया.
तो इस बार मेरा लंड उसकी बुर को चीथड़े उड़ाता हुआ पूरा अन्दर चला गया और उसकी बुर से खून निकलने लगा। मेरी बहन दर्द से तड़प रही थी मगर हाथ मुँह पर जमे होने के कारण उसकी आवाज नहीं निकल रही थी। कुछ पल बाद मैंने करीना के मुँह से हाथ हटाया तो वो मरी सी आवाज में बोली- भैया, प्लीज़ बाहर निकाल लो.. बहुत दर्द हो रहा है।
मैं बोला- थोड़ी देर दर्द होगा.. बाद में अन्दर-बाहर करने से तुम्हें मजा ही मजा आएगा।
करीना बोली- भैया अन्दर-बाहर भी धीरे से ही करना।
मैं बोला- ठीक है.. अगर बहुत दर्द करे तो चिल्लाना मत.. मुझसे कह देना, मैं लंड बाहर निकाल लूँगा।
वो बोली- ठीक है।
मैं धीरे-धीरे अपने लंड को अपनी बहन की बुर में अन्दर-बाहर करने लगा। कुछ झटकों के बाद लंड को रस मिल गया था.. जिससे बुर में चिकनाई हो गई थी।
अब मैंने करीना से पूछा- क्या दर्द कर रहा है।
तो वो बोली- नहीं.. अब नहीं कर रहा।
अब मैंने अपने स्पीड बढ़ा दी और उसको हचक कर चोदने लगा।
कुछ ही पलों में वो बोली- भैया मेरा पानी निकल गया है।
मैंने भी कहा- मेरा भी छूटने वाला है।
बस 5 मिनट में मेरा पानी भी निकल गया और मैं ऐसे ही करीना के ऊपर ढेर हो गया। थोड़ी देर बाद हम दोनों की साँसें सामान्य हुईं और हम दोनों अपने-अपने कपड़े पहनने लगे। फिर हम दोनों एक-दूसरे की बांहों में सो गए। रात के 2 बज गए थे तो आज मैंने अलार्म लगा दिया था, मुझे पता था कि आज सुबह बिना अलार्म के वो उठ नहीं पाएगी।
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सनडे की सुबह 6 बजे मेरी बहन ने मुझे किस करके उठाया और बोली- प्लीज़ बेडशीट चेंज करने दो.. बाद में चाहो तो सो जाना। मैं उसे पप्पी लेकर उठा और बाथरूम में चला गया। वापिस आया तो बेडशीट बदल चुकी तो मैं सो गया। वो बेडशीट धोने चली गई थी। मेरी बहन ने करीब 7.30 बजे मुझे किस करके उठाया, वो आज नहाई नहीं थी।
मैंने कहा- अभी तक तू नहाई नहीं है?
वो बोली- नहीं, आज साथ-साथ नहाने का मजा लेंगे।
मैंने यह सुनते ही उसको अपनी बांहों में ले लिया और चूमने लगा।
वो बोली- जल्दी करो.. बस 9 बजे दादी माँ मंदिर से वापिस आ जाएँगी।
मैं बोला- ओके..
हम दोनों बाथरूम में नहाने चले गए और आज उसने अपने कपड़े खुद ही उतार दिए। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बाथरूम में पूरे नंगे थे.. और एक-दूसरे को नंगा देख रहे थे। मुझे पता चला कि कल रात को मैंने कितनी जोर से उसके चूचियों को दबाया था.. उसके दोनों चूचे पर लाल निशान बन गए थे।
मैंने बोला- करीना सॉरी मुझे इतनी जोर से दबाना नहीं चाहिए थे।
वो बोली- कोई बात नहीं.. अब मुझे दर्द नहीं है।
मैंने ठीक से उसके चुचियों को और बुर को देखा और वो भी मेरा खड़ा हुआ लंड देखती रही। फिर हम दोनों ने एक-दूसरे को नहलाया और वो डिटोल से मेरे लंड को धोने लगी.. मैं ये बड़े हैरान होकर देख रहा था। तभी उसने लंड को पानी से धोया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने बोला- तुम तो कह रही थीं कि तुम्हें गंदा लगता था?
तो वो बोली- वॉश किया हुआ लंड मुझे गंदा नहीं लगता।
बाद में मैंने भी उसकी बुर को सक किया। उसने फव्वारा चालू करके मुझे बाथरूम के फर्श पर लेटा दिया और वो मेरे ऊपर ही चढ़ गई। उसने मेरा लंड एक हाथ से पकड़ कर अपनी बुर की फांकों में रखा और बुर में लंड को खाकर ऊपर-नीचे होने लगी। इससे मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। उसे भी बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गए और वो रोने लगी।
मैंने कहा- क्यों रो रही हो?
तो वो बोली- हम दोनों ने बिना कंडोम लगाए ही ये सब किया.. मैं प्रेग्नेंट हो सकती हूँ।
मैं बोला- नहीं डरो मत जान.. मैं अपनी स्वीटी के लिए गर्भनिरोधक गोलियां भी लाया हूँ.. वो तुम ले लेना।
बहन चहक कर बोली- थैंक यू मेरे चोदू भैया।
इसके बाद मैं अपने काम पर चला गया। आज सनडे था तो मैं दो बजे ही घर पे आ गया। खाना ख़ाकर हम दोनों बेड पर ही लेट गए और दादी माँ नीचे लेट गईं। हम दोनों ने अपने ऊपर कम्बल डाल लिया। आज करीना ने स्कर्ट पहना था तो मैं कम्बल के अन्दर से ही हाथ डाल कर उसकी बुर को सहलाने लगा और वो मेरे लंड को ज़िप खोलकर निकाल कर सहलाने लगी।
हम दोनों थोड़ी देर बाद ऐसे ही झड़ गए और सो गए। शाम को उसकी सहेली की सिस्टर की शादी थी तो वो वहां चली गई। फिर वो मंगलवार की रात को 11 बजे घर वापस आई। मैं उस वक्त सो रहा था और वो बिना कपड़े चेंज करे ही मेरे बाजू में सो गई।
मैंने उसे बांहों में लिया तो वो बोली- भैया आज नहीं.. मैं बहुत थक गई हूँ.. और मुझे नींद भी आ रही है।
मैं बोला- ठीक है।
फिर हम दोनों एक-दूसरे की बांहों में बाँहें डाल कर सो गए। अगली सुबह वो स्कूल ड्रेस पहन कर स्कूल जाने के लिए रेडी हो गई थी। उसने मुझे 6.30 बजे किस करके जगाया दादी माँ बाथरूम में गई हुई थीं। तो मैंने करीना को पकड़ लिया और बिस्तर पर खींच लिया।
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वो बोली- भैया स्कूल ड्रेस खराब हो जाएगी प्लीज़ मुझे अभी स्कूल जाना है।
मैं खड़ा हो गया और उसको रसोई में ले गया.. वहां से बाथरूम का आधा डोर दिख रहा था।
अब मैंने करीना से पूछा- स्कूल जाने में अभी कितनी देर है?
तो वो इठला कर बोली- पूरे दस मिनट!
मैंने उसको पीछे की तरफ घुमाया और उसका स्कर्ट ऊंचा किया तो देखा कि उसने रेड कलर की पेंटी पहनी हुई थी। मुझे लाल रंग की पेंटी बहुत पसंद थी। अब मैंने मेरा बरमूडा नीचे किया और मेरा तना हुआ लंड बाहर निकाल कर करीना की पेंटी बिना उतारे, साइड में करके लंड को बुर पर लगा दिया।
फिर मैंने करीना को किचन में घोड़ी बनाके अपना लंड उसकी बुर में पेल दिया और हम दोनों ने मस्त चुदाई का मजा लिया। आज मैंने करीना को बिना कपड़े उतारे ही चोद दिया.. इससे वो बहुत खुश हो गई। करीब 5 मिनट बाद मुझे डीप किस करके स्कूल चली गई। उसको ये कभी नहीं मालूम हुआ कि उसको वो चिट्ठी में लिख रहा था.. क्योंकि मैंने उसे वो कभी बताया ही नहीं। उस राज को मैंने राज ही रहने दिया.. और ऐसे ही सेक्स करना हमारा रूटीन बन गया। हम रोज दो बार सेक्स करते हैं एक रात में.. और सुबह दादी माँ की निगाह बचा कर कहीं भी उसे चोद देता हूँ।