Bhai Bahan Ki Fucking
हेलो, मेरा नाम मोहित है। मैं आज जो कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ, वो मेरी खास छोटी बहन की है, जिसका नाम है आरती। मेरी उम्र 25 साल है और मेरी छोटी बहन की उम्र 19 साल है। मेरी बहन दिखने में बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर भी बहुत अच्छा है। उसके बूब्स 32 के हैं, गांड 36 की। दिखने में बहुत ही खूबसूरत है, मर्द का लौड़ा खड़ा करने के लिए काफी है। Bhai Bahan Ki Fucking
मैं पहले मेरी बहन के लिए ऐसा कुछ नहीं सोचता था, लेकिन बात है उस समय की जब मेरी मम्मी मेरे नाना के घर गई हुई थीं। उनको कुछ काम आ गया था, तो उनको 15 दिन वहीँ रहना था। शुरू की एक रात को, जब मेरी मम्मी मेरे नाना के घर गईं, तो घर में हम दोनों अकेले थे। जब मैं काम से घर लौटा, तो मेरी बहन नहा रही थी और उसने अपने कपड़े कमरे के अंदर ही छोड़ दिए थे।
घर का दरवाज़ा खुला था, तो मैं घर के अंदर आ गया। कपड़े बदलने लगा। मेरी बहन को यह नहीं पता था कि मैं घर के अंदर आ चुका हूँ। जब मैं कपड़े बदलने लगा, तो मेरा मन हुआ पॉर्न वीडियो देखने का। मैं पॉर्न वीडियो को ऐसे ही देखने लगा और देखकर बिल्कुल नंगा मुठ मारने लगा। मैं अपनी बहन का नाम लेकर मुठ मार रहा था।
मेरी बहन ने यह सब देख लिया और वह बाहर ही खड़ी हो गई। वह चुपचाप मुझे देख रही थी और वह भी गर्म होने लगी। वह अपनी चूत को मसल रही थी। उसने कुछ शरारत करने की कोशिश की और वह जानबूझकर अंदर आ गई। मैं अपनी आँखें बंद करके मुठ मार रहा था। वह नंगी ही आकर मेरे पास गिरे कपड़े नीचे से उठाने लगी। उसकी चड्डी को मैंने हाथ में पकड़ रखी थी।
वह नीचे बैठकर सारे कपड़े निकालकर अपनी चड्डी ढूँढने लगी। इतनी देर में मैंने अपना सारा माल उस पर गिरा दिया। सारा माल गिरने पर वह पूरी गंदी हो गई और वह मुझे कहने लगी, “छी भैया, आपने मुझे गंदा कर दिया।” उसकी प्यारी मीठी आवाज़ सुनकर मेरी आँखें खुलीं और मैं डर गया। मेरा चेहरा शर्म से लाल हो रहा था। फिर मैंने हड़बड़ाते हुए कहा, “बहन, तू… तू यहाँ क्या कर रही है?”
तो बहन ने कहा, “मैं यहाँ क्या कर रही हूँ? आप यहाँ क्या कर रहे हो? मैं तो यहाँ अपने कपड़े लेने आई थी। मैं ऐसे ही चली गई थी नहाने। आप कब आ गए और मैं कपड़े ढूँढ रही थी। मुझे सारे कपड़े मिल गए, लेकिन मेरी चड्डी नहीं मिल रही। वही ढूँढ रही थी और उसे ढूँढने के लिए मैं नीचे बैठी हुई थी। आपने मुझ पर यह क्या फेंक दिया? देखो ज़रा, मैं पूरी गंदी हो गई। कितना चिपचिपा है ये!”
फिर इतनी देर में मैंने अपने लंड से हाथ हटाया, तो उसकी जालीदार काली चड्डी मेरे लोड़े पर लिपटी हुई थी। उसने यह देखा और मेरे लोड़े से अपनी चड्डी उतारने लगी और कहने लगी, “छी भैया, आपने मेरी चड्डी को भी थोड़ा गंदा कर दिया। अगर आपको टॉयलेट लग रहा था, तो आप बाथरूम चले जाते। यहाँ कमरे में क्यों कर रहे हो?”
देखो, मैं कितनी गंदी हो गई हूँ। मुझे फिर से नहाना पड़ेगा। और वह मुझे गुस्से से देखने लगी। अब मैं आपके शर्ट से ही यह साफ करूँगी। और वह मेरे सामने ही बेड पर लेटकर मेरे माल को साफ करने लगी, जिससे मैं वहीं खड़ा होकर उसे नंगी ही देखने लगा।
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दोस्तों, मैं आपको क्या बताऊँ? उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। बिल्कुल चिकनी चूत थी मेरी बहन की। वह अपनी दोनों टाँगें फैलाकर अपने मुँह, अपने पेट और अपने बूब्स पर से माल हटाने लगी। जाँघ के ऊपर थोड़ा माल गिरा हुआ था, जिसे साफ करने के लिए उसने टाँगें और फैला दीं और उसकी चूत की फाँकें (होट) खुल गईं।
मैं यह देखकर गर्म होने लगा और मेरा लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा। जब मेरी बहन ने पूरा माल साफ कर लिया, तब उसने मुझे फिर गुस्से से देखा और कहा कि कमरे में फिर से पोंछा लगाना पड़ेगा। और वह नीचे झुककर मेरी तरफ पीठ करके मेरी शर्ट से नीचे गिरे माल को साफ करने लगी।
उसकी चौड़ी गांड देखकर मेरा मन हुआ कि इसे यहीं चोद दूँ, लेकिन मैंने कंट्रोल कर लिया। साफ करके जब वह सीधी खड़ी हुई, तो उसकी गांड मेरे लोड़े से टच हो गई। जब वह पीछे मुड़ी, तो उसके 32″ के बूब्स मेरे सामने हवा में झूल रहे थे। फिर उसने अपने कपड़े उठाए और कहा कि मैं नहाने जा रही हूँ। अब कुछ मत करना। और वह वापस नहाने चली गई।
मैं कपड़े पहनकर वही बेड पर लेट गया और टीवी देखने लगा। मुझे डर था कि कहीं मेरी बहन मेरी मम्मी को न बता दे। इसलिए मैंने ज्यादा कुछ बोला नहीं। 10 मिनट बाद मेरी बहन कमरे में आई और कमरे में नीचे पोंछा लगाने लगी और चलने लगी। यह देखकर मैं कमरे से बाहर आ गया और शर्म के कारण मैं कहीं दूर चला गया।
रात को 11:00 बज रहे थे। मेरी बहन की अब तक 40 मिस्ड कॉल आ चुके थे। मुझे शर्म आ रही थी उससे बात करने में और घर जाने में। लेकिन मेरी बहन घर पर अकेली थी और रात भी बहुत हो चुकी थी। इसलिए मैंने सोचा कि जब वह सो जाएगी, तब मैं घर जाऊँगा।
जब मैं घर गया, तो मैंने देखा कि मेरी बहन अकेली रो रही है। मैं घबरा गया। पूछा, “क्या हुआ, तू रो क्यों रही है?” तो उसने बताया कि उसे डर लग रहा था कि मैंने तुमको बहुत कुछ बोला, इसलिए मेरा भाई मुझे अकेले छोड़कर चला गया। “मैं मम्मी को क्या बोलती? तुम मेरा फोन भी नहीं उठा रहे थे। इसलिए मैं डर गई थी।”
तो मैंने उसे चुप कराया और मैंने उसे सॉरी बोला और कहा, “तुमने मुझे नंगा देख लिया था, इसलिए मुझे शर्म आ रही थी। इसलिए मैं घर नहीं आ रहा था।”
“इतनी सी बात पर कोई घर छोड़कर जाता है क्या? अपनी बहन से कौन शरमाता है? मैंने तो आपको बचपन से नंगा देखा है।”
यह बात सुनकर मैं थोड़ा चुप हो गया और मैंने कहा, “बचपन की बात अलग है। अब हम बड़े हो चुके हैं।” तो बहन ने कहा, “कैसे अलग है? पहले भी आप मेरे भाई थे और मैं आपकी छोटी बहन। कुछ अलग नहीं है। अब आप हाथ-मुँह धो लो और खाना खा लो।”
मेरी बहन की बातों से मेरा मूड थोड़ा अच्छा हो गया और मैं हाथ-मुँह धोकर खाना खाने लगा। खाने के बाद मैंने मेन दरवाज़ा बंद कर दिया और कमरे में आकर टीवी देखने लगा। मेरी बहन बर्तन धोकर वापस आई और घर की सभी लाइट बंद कर दी। हमारे कमरे को लॉक किया और मेरे पास आकर टीवी देखने लगी।
उसने रिमोट लिया और चैनल बदलने लगी। 10 से 12 चैनल बदलने के बाद एक जगह थोड़ी रोमांटिक मूवी आ रही थी, तो वो उसे देखने लगी। 10 मिनट बाद लाइट चली गई, तो उसे अंधेरे कमरे में थोड़ा डर लगने लगा और वह मेरे पास चिपक गई। और कहने लगी, “भैया, यह क्या हो रहा है?” तो मैंने कहा, “लाइट चली गई है। कोई दिक्कत नहीं, अभी आ जाएगी।”
थोड़ी देर तो हम ऐसे ही लेटे रहे। जब लाइट नहीं आई, तो गर्मी लगने लगी। और उसने अंधेरे में ही अपनी टॉप उतार दी। थोड़ी देर बाद उसने अपना लोअर भी उतार दिया। मुझे दिख नहीं रहा था, लेकिन मैं महसूस कर रहा था कि वह अपने कपड़े उतार रही है। यह सब देखकर मैंने उससे पूछा, “तुम अपने कपड़े क्यों उतार रही हो?”
तो मेरी बहन ने अपनी प्यारी सी आवाज़ में कहा, “मुझे बहुत गर्मी लग रही है। पसीने की वजह से कपड़े चिपक रहे हैं। इसलिए मैंने अपने कपड़े उतार दिए।” यह सुनकर मुझे महसूस हुआ कि गर्मी तो मुझे भी लग रही है। तो मैं भी अपनी शर्ट और लोअर नीचे उतार दिया।
अब मैं सिर्फ चड्डी में था। और मेरी प्यारी और खूबसूरत बहन ब्रा और चड्डी में थी। मेरी बहन मेरे पास चिपककर सो रही थी। और उसके गोरे-गोरे, मोटे-मोटे, मुलायम-मुलायम बूब्स जब मेरे हाथ पर लग रहे थे, तो मुझे करंट सा लग रहा था। जिससे मेरा लौड़ा बार-बार खड़ा हो रहा था।
तब मेरी बहन ने मुझे एक बात कही, “भैया, जो आज आप दिन में मूवी देख रहे थे, मुझे भी देखनी है। एक बार दिखाओ ना। मैंने वह कभी नहीं देखी। क्या अच्छी लगती है? उसमें क्या होता है? कैसी लगती हैं?” यह सब सुनकर मैं हैरान हो गया। और मैंने मना करते हुए कहा, “नहीं, वह लड़कियों के लिए नहीं होती। और तू तो मेरी छोटी बहन है। मैं तुझे वह चीज़ नहीं दिखाऊँगा।”
तो उसने बोला, “क्यों बहन को क्यों नहीं दिखा सकते? फिर किसे दिखा सकते हो?”
“नहीं, बहन को मैं नहीं दिखा सकता क्योंकि वह सिर्फ दोस्तों के साथ मिलकर देखनी होती है। तुम मेरी दोस्त नहीं हो।”
तो मेरी छोटी बहन ने प्यारी सी आवाज़ में कहा, “आज रात के लिए आप भूल जाओ कि मैं आपकी बहन हूँ। चलो, हम दोस्ती कर लेते हैं। वैसे भी लाइट चली गई। टीवी देखने को है नहीं। मैं क्या करूँ? प्लीज़ ना भैया, मुझे दिखाओ ना। प्लीज़ ना भैया, प्लीज़। आप भी तो दिन में देख रहे थे।
मैंने तो आपको कुछ नहीं बोला। फिर आप मुझे क्यों मना कर रहे हो? अगर आपने मुझे वह फिल्म नहीं दिखाई, तो मैं मम्मी को बता दूँगी कि आप मेरी चड्डी के साथ में जाने क्या-क्या कर रहे थे और आपने मुझे गंदा भी किया था। वो चिपचिपा गंदा सा पता नहीं क्या था।”
इतना सब सुनकर मैं थोड़ा घबरा गया और कहा, “नहीं-नहीं, तुम मम्मी को कुछ मत बताना। मैं दिखाता हूँ, रुको।”
फिर मैंने अपना फोन निकाला और उसमें भाई और बहन की बहुत ही फेंटेसी और हार्डकोर वाली रफ पनिशमेंट मूवी चलाई। क्योंकि मैं भी मेरी बहन को देखकर गर्म हो रहा था। तो मैंने सोचा क्यों ना भाई और बहन की वीडियो चलाई जाए। थोड़ा फील तो होगा।
फिर मैं और मेरी बहन दोनों मिलकर वो वीडियो देखने लगे। उसमें एक पोर्नस्टार होती है, “Gia Darza”, जो अपने भाई की शिकायत अपनी मॉम से कर देती है क्योंकि उसका भाई सिगरेट पी रहा था। तो उसके भाई ने उसे पकड़कर पूरे कपड़े फाड़ दिए और उससे जबरदस्ती करके अपना लौड़ा मुँह में चुसवा रहा था।
वो उसके हाथ पीछे बाँध देता है और उसके दोनों पैरों को चौड़ा करके उसकी चूत को चाटने लगता है और उसका 7″ मोटा लौड़ा अंदर डाल देता है। जिससे वो बहुत ज़ोर-ज़ोर से झटका मार रहा था। वो लड़की ज़ोर-ज़ोर से चीख रही थी। ये देखकर मेरी बहन ने ना जाने कब ही अपनी चड्डी उतार दी और चूत पर हाथ फेरने लगी।
मैंने देखा तो मुझे महसूस हुआ जब वो गर्म-गर्म साँसें मेरे कंधे पर छोड़ रही थी। तब मैंने देखा, फोन थोड़ा सा नीचे किया, तो उसने अपनी ब्रा की हुक खोल रखी थी और चड्डी पूरी खोल दी थी। और उसका हाथ उसकी चिकनी चमकदार चूत पर था, जिसे वो गोल-गोल घुमा रही थी।
अब ये सब देखकर मैंने भी धीरे-धीरे अपना एक हाथ फोन से हटाया और लोड़े पर ले गया और उसे थोड़ा आगे-पीछे करने लगा। फिर धीरे-धीरे मैंने अपनी चड्डी नीचे की और पूरी खोल दी। अब आरती और मैं दोनों भाई और बहन नंगे थे। तभी मैंने धीरे-धीरे अपना एक हाथ बहन की जाँघ पर ले गया।
मेरी बहन थोड़ी गर्म हो चुकी थी। इसलिए वो मेरे हाथ रखने पर मुझें कुछ नहीं कह रही थी। मैंने इसे ग्रीन सिग्नल समझा और अपना हाथ उसकी चिकनी गर्म चूत के ऊपर ले गया। तब भी वो कुछ नहीं बोली। मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी चूत को सहलाने लगा, जिससे वो चुपचाप मेरे और पास चिपक गई। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने अपने हाथ को और प्यार से घुमाना शुरू किया, जिससे उसकी चूत बहुत ही चिकनी और रस से भर गई। उसका सफ़ेद पानी बाहर निकल रहा था। मैं फिर भी उसे बहुत ही प्यार से घुमा रहा था और उसने भी हिम्मत करके मेरे लोड़े को पकड़ लिया और उसे आगे-पीछे करने लगी।
आखिर जब भाई और बहन की इतनी मस्त ज़ोरदार रफ पनिशमेंट वाली पोर्न मूवी हो, जिसमें एक भाई अपनी बहन को बहुत ही बुरे तरीके से गिस-गिस के चोद रहा हो और बहन भी सिर्फ़ ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने के अलावा और कुछ ना कर पा रही हो।
बस बेदर्दी और मजबूरी में भाई के ज़ोरदार झटकों को सिर्फ़ पच-पच की आवाज़ और टप-टप की गूँज के साथ में अपनी ज़ोरदार धकापेल चुदाई होती देख रही हो और रो-रोकर, “बस yes brother ya fucckck meee ooiiae yeesss oo Yesss Aa Aa A Aaa aasaas oooiiiee yeesssssss Yes yes yes yes haaaaaa!” ऐसी किसी भी भाई से अपनी बहन को चुदते देख किसी भी बहन की अपने भाई से चुदने की इच्छा हो जाएगी।
मेरी छोटी और नादान प्यारी बहन को भी मुझसे चुदने की इच्छा हो रही है, ये मैं जान गया। “ऐसे तो मैं संस्कारी भाई हूँ, लेकिन जिसकी इतनी हॉट और सेक्सी छोटी बहन हो, उसको चोदने के लिए तो मैं रंडीबाज़ बहनचोद भाई बन ही जाऊँगा।”
और मैंने इसे चोदने का सोच लिया कि आज मैं इसे चोदकर इसे अपनी रंडी और मैं इसका बहनचोद भाई बन ही जाऊँगा। मैं अब बिना कोई देर किए उसकी चूत के दाने को बहुत ही प्यार से मसलने लगा, जिससे उसकी आँखें वासना से भर गईं और एक आह निकली। मेरा पूरा हाथ उसके चिकने पानी से गीला हो गया।
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फिर मैंने उसकी चूत के पानी से सनी मेरी उंगलियों को चाटने लगा, जिससे वो मुझसे शरमसार हो गई और अपनी आँखें बंद कर लीं। फिर मैंने अपने हाथ से उसके बूब्स को दबाना शुरू किया। बूब्स को पकड़ते ही उसकी आँखें खुलीं और उसने भी मेरा लौड़ा बहुत ही टाइट पकड़ लिया। मेरा लौड़ा लोहे की रॉड जैसे सख्त हो गया था।
अब मेरी बहन की मादक सिसकारियाँ तेज़ होने लगीं। मैंने फोन उसे पकड़ने को बोला। उसने अपने दाएँ हाथ से फोन पकड़ा और बाएँ हाथ से लौड़ा। मैंने बाएँ हाथ से चूत गर्म की और दाएँ हाथ से उसके बूब्स बहुत टाइट पकड़ लिए और उन्हें ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा, जिससे वो ज़ोर-ज़ोर से गर्म-गर्म आहें भरने लगी। जिससे वो बहुत गर्म हो गई। मैंने सोचा क्यों ना इसे थोड़ा और परख लूँ।
इसलिए मैंने उसे थोड़ा और पास में खींच लिया और उसे मेरी तरफ़ करवट लेने को कहा, जिससे उसका पूरा शरीर मुझसे चिपक गया। अब उसके बूब्स मेरी छाती से और मेरा लौड़ा उसकी चूत में चुभने लगा। वो ये देखकर गर्म हुई और जैसे ही मैंने लंड को जब ज़ोरदार झटके मारे, तो मेरा लौड़ा उसकी चिकनी चूत को चीरते हुए उसके दोनों पैरों में घुस गया।
मैं उसके पैरों में और चूत से बने “वी शेप” में अपना लंड घुसाकर उसकी चूत को रगड़ने लगा। मेरा लौड़ा उसके चिकने पानी से चिकना हो गया, तो मेरा लौड़ा लपलप अंदर-बाहर होने लगा। उसकी चूत में थोड़ी फिसलन होने की वजह से मेरा लौड़ा थोड़ा तिरछा होकर उसके चूत के अंदर जाने की कोशिश करने लगा, जिससे मैं अब सहन नहीं कर पाया और मैंने अपना माल उसकी चूत और पैरों के अंदर ही गिरा दिया।
और वो पानी की धार इतनी तेज़ थी कि वो उसकी गांड तक चला गया। जब गर्म-गर्म अपने ही बड़े भाई का वीर्य उसकी चूत को और गांड को छूने लगा, तो उससे रहा नहीं गया और वो ज़्यादा गर्म हो गई। और वासना में डूबी मेरी प्यारी बहन ने अपने भाई के लोड़े और हाथ पर अपना गर्म-गर्म चूत का चिकना पानी छोड़ दिया।
अब जैसे ही उसकी चूत ने गर्म-गर्म पानी फेंका, वो पूरी अकड़ गई और उसने आँखें बंद करके ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी और फोन को बेड पर गिरा दिया। कमरे में पॉर्न वीडियो की सेक्सी आवाज़ें गूँजने लगीं। पर फोन नीचे गिर जाने से कमरे में अंधेरा हो गया।
मैंने सुना कि मेरी बहन भी ज़ोर-ज़ोर से सिसकारी भर रही थी। आह ह ह ह अह्ह्ह्हह्ह ऊववव हीह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह हहह ओह्ह्ह्हह आह्ह्ह्ह हहहहहहह। ये सब सुनकर मुझे पता चल गया कि मेरी बहन अभी बहुत ही गर्म हो चुकी है। उसका पूरा शरीर अकड़ गया था। वो मुझसे और भी ज़्यादा चिपक गई थी।
ये सब देखकर मैंने अपनी प्यारी और भोली बहन का फ़ायदा उठाने की सोची और उसके वासना में काँपते हुए गर्म-गर्म गुलाबी होट को देखकर मैंने इस मौके का फ़ायदा उठाया। और मेरी बहन के एक बूबे को ज़ोर से दबाते हुए उसके ऊपर चढ़ गया और उसके काँपते हुए होटों पर मैंने अपने होट रख दिए।
और मैं अपने लंड को उसके पैरों के पास चूत पर रगड़ रहा था। एक बूबे को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और मैं उसे चूम भी रहा था। उसके गर्म-गर्म होठ, उसकी साँसें गर्म और तेज़ हो गईं और किस करने में मेरी प्यारी बहन मेरा पूरा साथ देने लगी। कभी मैं उसके होटों को अंदर लेता, तो कभी वो मेरे होटों को अंदर लेती।
उसकी जीभ को मैं अपने होटों से मुँह के अंदर खींचता, तो कभी वो मेरे होटों को अंदर खींचती। मैं उसको अपने दाँतों से काटता, तो अब हम दोनों सगे भाई और बहन बेकाबू होते जा रहे थे। फिर अचानक हमारे घर के मेन डोर पर खट-खट करके किसी ने दस्तक दी। हम दोनों भाई-बहन का वासना का नशा उतरा और हम दोनों घबरा कर दूर हुए।
थोड़ी देर हमने एक-दूसरे से नज़रें मिलाईं। तभी दरवाज़े पर एक खट और हुई। हमने सोचा, रात के 12 बजे हैं। इतनी देर रात को इस समय कौन होगा? मैंने फोन की टॉर्च जलाई और देखा कि मेरी बहन वाकई बहुत खूबसूरत है। पर मैंने एक रुमाल लपेटा और कमरे से बाहर आने लगा, तो वो कहती है, “मुझे छोड़कर कहाँ जा रहे हो? रुको, मैं भी साथ चलूँगी। नहीं तो आप भी मत जाओ।”
“ठीक है, भाई चलो मेरे साथ। देखना तो पड़ेगा ना कौन है।” और हम दरवाज़े की तरफ़ चल दिए। 5 मिनट बाद मैंने दरवाज़ा खोला और थोड़े से हिस्से में से बाहर देखने लगा। कोई नहीं था। मैं डर गया। रात को 12 बजे कौन आते हैं? मैं भूतों में विश्वास नहीं करता, लेकिन आज जो हो रहा है, उससे गाँड फट रही थी।
फिर अचानक एक ज़ोर से हवा का झोंका आया। साथ में बहुत ही धूल और मिट्टी उड़कर आई। मैंने अपने चेहरे को नीचे किया, तो पता चला कि वो खट-खट कुछ लकड़ियों ने की थी, जो हवा से उड़कर यहाँ तक आ गई थीं। मैंने दरवाज़े को बंद किया और मेरी बहन को सारी बात बताई। तब जाकर मेरी बहन ने चैन की साँस ली।
अब हम दोनों एक-दूसरे से खुल चुके थे। पर अब मेरी बहन को अचानक से बाथरूम लगने लगा और वो कहने लगी, “भैया, मुझे बहुत ज़ोर से बाथरूम लग रहा है। मुझे बाथरूम जाना है और मुझे मेरी चूत को साफ़ भी करना है। आपने इसे भी गंदा कर दिया। चलो ना, आप मेरे साथ।”
मैंने कहा, “मैं क्यों चलूँ? तुम जाकर आओ। तुम्हें बाथरूम लग रहा है और साफ़ भी तुम्हें ही करना है। इसमें मैं क्या करूँगा?”
“क्या… मतलब इस अंधेरे में अकेले बाथरूम के अंदर मैं अकेले जाऊँ? आप अपनी प्यारी बहन को अकेले भेज रहे हो? मुझे डर लगता है। आप चलो ना, प्लीज़ भैया, भैया प्लीज़, भैया चलो ना यार। बहुत ज़ोर से बाथरूम लग रहा है। प्लीज़ ना।”
यह सब सुनकर और बहन के ज़्यादा ज़ोर देने पर मैं मेरी बहन के साथ ही बाथरूम में चला गया। अब मेरी बहन बाथरूम की कमोड पर बैठकर मेरे सामने ही बाथरूम करने लगी। उसके मूतने की आवाज़ खाली अंधेरे कमरे में गूँज रही थी। मैंने थोड़ा सा उजाला अपने फोन की टॉर्च से किया हुआ था, जिसमें मेरी बहन का बदन उस फोन की रौशनी में चमक रहा था।
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उसका फिगर और चूत देखकर मेरा लौड़ा फिर खड़ा हो गया और बहुत ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगा। ये देखकर मेरी मासूम बहन को लगा कि मुझे भी बाथरूम लग रहा है। तो वो कमोड से उठी और कहती है, “भैया, मैं अब खुद को थोड़ा साफ़ भी करूँगी। तो आप जब तक बाथरूम कर लो।”
मैंने कहा, “नहीं, मुझे नहीं लग रही। तुम साफ़ कर लो।” तभी मेरी बहन ने बोला, “आप अभी खड़े हो, तब तक कर लो। बाद में आप मुझे अकेले छोड़कर आओगे। अभी कर लो। वैसे भी आपका लौड़ा बहुत उछल रहा है। शायद इसे बाथरूम करना होगा।”
यह सब सुनकर मैं थोड़ा चुप रहा और मूतने की कोशिश करने लगा। क्योंकि मैं अपनी बहन को क्या कहता कि तेरा इतना खूबसूरत नंगा शरीर देखकर उछल रहा है। और ना चाहते हुए भी मैं टाइट लंड से मूतने लगा। और ज़ोर से मूतने के चक्कर में एक तेज़ मूत की धार बेनिशाने से कमोड के ऊपर जाकर टकरा गई। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
जिससे पास में नीचे बैठी मेरी बहन, जो अपनी चिकनी चूत को साफ़ कर रही थी, उसके मुँह पर थोड़े मूत के छींटे लग गए। जिसकी वजह से उसने मेरे पैर पर मारते हुए कहा, “छी… भैया, आपने मुझे गंदा कर दिया।” उसके पैर पर मारने की वजह से मेरा बैलेंस बिगड़ गया क्योंकि मेरा पूरा ध्यान ज़ोर लगाने पर था। और मैं धक्का लगने की वजह से बाएँ तरफ़ की दीवार से सट गया।
और मेरा मूत भी निकलने लगा। अब मेरी बहन मेरे सामने थी और मेरे मूत की तेज़ धार मेरी बहन के मुँह पर गिरने लगी। जिससे वह बचने के लिए पीछे खिसकने लगी। पर जल्दी-बाज़ी में वो वहीं पर गिर गई और गिरते समय उसका मुँह थोड़ा खुल गया और मेरा मूत उसके मुँह में चला गया।
मैंने रोकने की कोशिश की, मगर मेरा मूत नहीं रुका। मेरे एक हाथ में मेरा फोन था और दूसरे से मैंने दरवाज़े को पकड़ रखा था। इसलिए मैंने ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया। मेरा मूत अब धीरे-धीरे कम होने लगा। जिससे मेरी गिरी हुई बहन पर मेरा मूत गिरते-गिरते मुँह से होते-होते गले से, फिर दोनों बूब्स पर, फिर पेट से होते-होते आख़िर में चूत तक, फिर नीचे ज़मीन पर गिरता हुआ ख़त्म हुआ।
मेरी बहन चिल्लाते हुए खड़ी होने लगी और वो बैठते हुए कहने लगी, “क्या हो रहा है ये?” इतनी ही देर में मैंने दम लगाकर मूत की एक धार फेंकी, जो सीधा मेरी चिल्लाती हुई बहन के मुँह में सीधा चला गया। जिससे वो और भी गुस्सा हो गई और मुझे डाँटते हुए कहा, “क्या कर रहे हो भैया? कमोड पर मूतो ना, मुझ पर क्यों मूत दिया? आपने मुझे मूतने की चीज़ हूँ क्या? आप हर बार मुझे गंदा कर देते हो। मुझे नहाना पड़ेगा अब।”
अब दोस्तों, मैं क्या बताऊँ? मेरी बहन मेरे सामने मेरे ही मूत में गंदी नीचे बैठी हुई थी। वो बिल्कुल एक रंडी लग रही थी, जो अपने भाई के मूत से सनी हुई थी। वो फोन की टॉर्च में मूत से गीले बदन में एक रंडी थी, जो नंगी होने के बाद भी वो अपने भाई के सामने नहाने जा रही थी। जिसे अपने बड़े भाई के सामने नहाने से कोई दिक्कत नहीं थी। ये सोचकर मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने भी आज इसको अपनी रंडी बनाने का सोच लिया।
इतनी ही देर में लाइट भी आ गई। पर उसने मुझे बाहर जाने को नहीं बोला। वो उठी और शावर चालू करके नहाने लगी। उसने शावर के नीचे नहाना शुरू कर दिया। ठंडे पानी के साथ साबुन से नहाने लगी। यह सब देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मैंने शरारत करते हुए कहा कि मैं भी नहाना चाहता हूँ।
यह सुनकर मेरी बहन ने कहा, “रुक जाओ, पहले मुझे नहा लेने दो। फिर आप नहा लेना।” मैंने कहा, “तुम थोड़ा साइड में हो जाओ और साबुन लगा लो। मैं जब तक पानी गिरा लेता हूँ।” उसने कहा, “ठीक है भैया, आप भी आ जाओ।” और मैं पानी के नीचे जाकर नहाने लगा। उसका साबुन नीचे गिर जाता है।
उसके पूरे बदन पर साबुन लगा हुआ था और वह साबुन उठाने के लिए जैसे ही नीचे झुकती है, मेरा लौड़ा उसकी गोरी गांड के बीचो-बीच अड़ने लगता है। उसकी गांड देखकर मुझसे रहा नहीं गया। फिर मैंने उसके कमर को पकड़ लिया। वो खड़ी होती है। पूछती है, “भैया, आप क्या कर रहे हो?” मैं हड़बड़ाते हुए बोलता हूँ, “कुछ नहीं, तेरी नहाने में मदद कर रहा हूँ।”
तो मेरी प्यारी बहन मीठी सी आवाज़ में बोलती है, “ठीक है भैया, आप मेरी पीठ को रगड़ दो।” अब मैं उसकी पीठ रगड़ रहा था। दोस्तों, उसके बदन पर साबुन की वजह से मेरे हाथ फिसल रहे थे। मैं उसके कंधे से लेकर उसकी गांड तक के पूरे शरीर को मसलने लगा। मेरा लंड उसकी गांड पर घिस रहा था।
उसके कमर घिसते-घिसते मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया। मेरा लंड उसकी गांड पर चिपक रहा था। मैं एक हाथ से उसके पेट को रगड़ने लगा। रगड़ते-रगड़ते मेरा हाथ उसकी चूत के पास चला गया और दूसरे हाथ से उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। चूत पर हाथ रगड़ने की वजह से वह गर्म होने लगी।
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मैं उसके बूब्स ज़ोर से दबा रहा था, जिसकी वजह से वह कंट्रोल नहीं कर पाई और सीधी होकर मेरे गले लग गई। मैंने फिर पीछे से उसकी गांड दबानी शुरू की और उसे ज़ोर से गले लगाने लगा। उसकी गर्दन के पास मैं गर्म साँसें छोड़ने लगा। मैंने जो सपना देखा था, वह आज मेरा सच हो रहा था। मेरी बहन ने मुझसे कहा, “भैया, क्या आप मुझे पसंद करते हो?”
इतना सुनकर मैं हाँ करते हुए उसको किस करने लगा। उसे चूमते हुए मैं उसके बूब्स दबाने लगा और मैंने शावर शुरू कर दिया। उस ठंडे शावर में हम दोनों के बदन जल रहे थे। और हम दोनों बहन-भाई कामवासना की आग में यह सब भूल गए कि हम दोनों खास बहन-भाई हैं।
“कहते हैं कि चूत और लोड़े का कोई रिश्ता नहीं होता।”
यह बात मैंने सुनी ज़रूर थी, मगर आज होते हुए देख रहा था। हम चाहकर भी एक-दूसरे से अलग नहीं हो पा रहे थे। हम दोनों एक-दूसरे को लिप-लॉक किस कर रहे थे। उसने अपने दोनों हाथों से मेरी गर्दन और मेरे सिर को पकड़ रखा था। और मैं उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और उसकी चूत को रगड़ रहा था।
मैं बूब्स को छोड़कर उसके गांड पर चाँटे मारने लगा और उसके कुल्हों (गाँड) को पकड़कर खींचने लगा। और मेरे दूसरे हाथ से उसकी गांड के अंदर एक उंगली डाल दी और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगा। वह बहुत गर्म होने लगी थी और थोड़ी ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ें निकालने लगी। आह्ह ओ भैया प्लीज़ आआहह्ह्ह्ह भैया हहहस्स्स आअह्ह्ह्ह हहहह। ऊऊऊओ आह। अह्ह्ह। आह्ह्ह्हह अह्ह्ह उम्म्म हुह्ह्ह् भैया क्या कर रहे हो ऊम्म्म्म। हहा। हह। हहहाहा उम्म्म अहहहहह मम्ह्ह्ह्हह।
मैं मेरी बहन के शरीर को मसलने लगा। पूरा साबुन मैंने शरीर से हटा दिया और मैं उसकी गांड पर चाँटे मार रहा था। पानी की वजह से तप-तप की आवाज़ आने लगी। अब पानी की वजह से उसकी गांड में उंगली टाइट जाने लगी, तो अब उसे दर्द होने लगा और वह कहने लगी, “भैया, अब दर्द हो रहा है। अब रहने दो ना प्लीज़ भैया, प्लीज़ ना भैया।” आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह हहहह।
मैं अब एक हाथ से उसकी चूत को रगड़ने लगा। चूत को मसलने की वजह से वो बहुत गर्म हो गई थी। “और मुझे लगा कि अब लोहा गर्म है, मार दो हथौड़ा।” इसलिए मैंने उसे किस करते हुए शावर को बंद कर दिया और उसके बूब्स को दबाने लगा। उसकी चूत को रगड़ने लगा। वो और भी गर्म हो गई। ज़ोर-ज़ोर से साँसें लेने लगी। मैंने उसे गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया।
उसे बेड पर लिटाया और उसकी दोनों टाँगों (पैरों) को चौड़ी करते हुए लाल-लाल गुलाबी सी चूत को मसलने लगा। वो ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगी। वो गर्म-गर्म सिसकारियाँ लेने लगी। मैंने उसकी चूत की दरारों को खोला और उसकी चूत को चाटने लगा। मैंने अपना मुँह जैसे ही उसकी चूत पर लगाया, उसने शर्माकर अपने मुँह को अपने हाथों से ढक लिया।
अब मैं उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से रगड़ रहा था। मैंने एक हाथ से उसके बूब्स को ज़ोर से दबाया और एक उंगली को उसकी गांड के लाल छेद के अंदर डाल दिया। और उस उंगली को मैं अंदर-बाहर करने लगा। उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वह धीरे-धीरे अकड़ने लगी और लगभग 5 मिनट बाद में उसकी गुलाबी चूत ने मेरे मुँह पर बहुत सारा नमकीन पानी फेंकना शुरू कर दिया। मुझे पता था कि यह पानी फेंकेगी। इसलिए मैंने अपना मुँह उसकी चूत के छेद पर लगा रखा था। मैंने काफी सारा पानी पी लिया और उसकी चूत और गांड को चाट-चाट के पूरा साफ़ कर दिया।
अब मैं खड़ा हुआ और मेरी बहन के मुँह के पास अपने लंड को ले गया। मैंने मेरी छोटी प्यारी बहन से कहा, “मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस।” पर वो मना करने लगी, “भैया, मैं नहीं लूँगी आपके लोड़े को मुँह में। यह बहुत मोटा और बड़ा है।” मैंने जबरदस्ती करते हुए उसके बालों को पकड़कर उसके मुँह में जबरदस्ती वह लंड डाल दिया।
वह छटपटाने लगी और मुँह को इधर-उधर करने लगी। मैंने उसकी नाक को बंद करके कुछ देर इंतज़ार किया। फिर मेरी बहन ने मजबूरी में साँस लेने के लिए मुँह को खोला। तब मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। उसके हाथ मुझ तक नहीं पहुँच सकते थे क्योंकि मैं उसके हाथों पर बैठा हुआ था।
और इसीलिए मैंने एक हाथ से उसकी गर्दन पकड़ी और एक हाथ से उसके बाल और मैं उसके मुँह को चोदे जा रहा था। मेरी बहन के मुँह से बहुत ही मादक आवाज़ें आ रही थीं। ऊगगगगगग वुक्कग्गकग उउउग्ग वगगककक् कककक ग्ग्ग्ग्गुग्ग् ग्वयोक गुगबव्हग्ग उउउउह्ह्ह्हह्ह्ह्ह। ऐसी आवाज़ों से मेरा लंड और टाइट हो रहा था।
अब मैं मेरी बहन के मुँह को लपालप चोद रहा था। मैंने मेरी बहन की गर्दन को छोड़ा और धीरे-धीरे चाटने लगा। मुझे मेरी बहन बहुत प्यारी लग रही थी और मेरा उसे चोदने का और भी मन करने लगा। पर मैं इस समय मेरी बहन को मुँह में लंड चुसका रहा था और मेरी बहन बिल्कुल एक रंडी की तरह मेरा लौड़ा चूस रही थी। मेरे लंड को बिल्कुल आइसक्रीम की तरह टाइट करके चूस रही थी।
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जब वह अपने होटों को टाइट करके मेरा लंड चूस रही थी, तब मेरा लौड़ा बिल्कुल लोहे की रॉड के जैसे हो रहा था। लगभग 15 मिनट की ज़ोरदार मुँह चुदाई के बाद मेरी बहन ने अपनी जीभ मेरे लंड के टोपे पर लगा दी और वह अपने मुँह में अपनी जीभ को इस तरह घुमा रही थी और मैं लोड़े के ज़ोरदार झटके मार रहा था।
तो मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने पूरा माल (वीर्य) अपनी बहन की मुँह में ही छोड़ दिया। और मैंने लगभग 5 मिनट तक अपने लंड को बाहर नहीं निकाला, जिससे न चाहते हुए मेरी मजबूरन बहन को मेरा पूरा माल पीना पड़ा। जब मेरा पूरा माल निकल गया, तब मैं उसके मुँह से मेरा लंड निकालकर साइड में हो गया।
जिससे वो नाराज़ होने लगी और मुझ पर चिल्लाने लगी, “भैया, आपने मेरे मुँह में ही अपना माल छोड़ दिया। मैं वह पी गई। अब पता नहीं क्या होगा।” मैं अपनी बहन को शरीफ़ और मासूम समझ रहा था, लेकिन जब उसने माल का नाम लिया, तब मैं थोड़ा हैरान हो गया।
तब मैंने उससे पूछा, “तू माल के बारे में जानती है? क्या होता है?”
तो वह हड़बड़ाने लगी, “नहीं भैया, मैं नहीं जानती।” तब मैंने उसके गाल पर एक चाँटा मारा और उससे पूछा, “सही-सही बता, तुझे ये चीज़ किसने सिखाई? मुझसे झूठ मत बोल।”
तो उसने रोते हुए मुझसे कहा, “सॉरी भैया, मैं आज के बाद आपसे झूठ नहीं बोलूँगी। मेरी एक दोस्त है, रोशनी। उसने मुझे सेक्सी देखना और माल के बारे में बताया।”
“हाँ भैया, मैं पहले भी सेक्सी देख चुकी हूँ।” मैंने उससे कहा, “तू तो बिल्कुल पूरी रंडी हो चुकी है। तू क्या पहले भी किसी से चुद चुकी है?”
“नहीं भैया, मेरी फ्रेंड सिर्फ़ हम बातें ही करते हैं और कुछ नहीं!”
मैंने फिर पूछा, “सही से बता, तुम और तुम्हारे फ्रेंड्स मिलकर क्या करते हो?”
उसने कहा, “भैया, हम एक साथ होते हैं, तो नहाते हैं। एक-दूसरे के बूब्स दबाते हैं और चूत चाटते हैं एक-दूसरे की। मुझे माफ़ कर दो भैया, मैं अब आज के बाद ऐसा कुछ नहीं करूँगी।”
मैंने कहा, “तू इतनी बड़ी रंडी है, मुझे पता नहीं था। बहन की लोहड़ी, आज मैं तेरी सारी मस्ती उतार दूँगा। यह बूब्स तूने अपने दोस्तों से ही दबवाकर तो बड़े किए हैं।”
वो रोने लगी। मैंने उसे कहा, “जा, जाकर अपना मुँह धोकर आ। फालतू रोने की ज़रूरत नहीं है।” और वो उठकर बाथरूम चली गई। जब वो बाथरूम गई, तब मैंने अपने बैग से वियाग्रा-100 ले ली। क्योंकि मैं इसे प्यार से चोदने वाला था, लेकिन ये गलत रास्ते निकल गई थी।
तो उसे ये चुदाई याद रहनी चाहिए। इसलिए मैंने इसे रफ चुदाई बना दी ताकि मैं इसे सही रास्ते पर ला सकूँ। और ये मेरी रंडी बनकर रहेगी, तो मेरी सारी बातें मानेगी। इसलिए मैंने वो सेक्स पावर की गोली खाई। अब मैं इस पर बिल्कुल रहम नहीं करूँगा और रंडी की तरह चोदूँगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो 5 मिनट बाद वापस आई। मैंने उससे कहा, “जाकर मेरे लिए पानी लेकर आ।” वो पानी लेने गई। वह पानी लेकर जब वापस आई, तो मैंने पानी पिया और उसको बेड पर पटक दिया और उसे वापस अपना लौड़ा चुसवाने लगा। वो मेरा लौड़ा चूस रही थी। दवा की वजह से मेरा लौड़ा जल्दी खड़ा हो गया। अब मैंने दोनों टाँगों को अलग किया और उसकी चूत पर लौड़ा टिकाकर बैठ गया। और मैंने उससे पूछा, “क्या तू पहले भी चुद चुकी है?”
तो उसने मुझे मना कर दिया, “नहीं भैया, आपकी कसम। मैंने किसी से भी चुदाई नहीं करवाई। मैं अभी तक सील पैक हूँ। मेरी सील किसी ने नहीं तोड़ी।”
यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ, लेकिन मुझे लगा कि मेरी बहन इतना कुछ जानती है, तो शायद ये मुझसे झूठ बोल रही है। तो मैंने अभी तक इसकी चूत में उंगली नहीं दी थी। तो मैंने इसकी चूत में उंगली डालकर देखी। वो बहुत टाइट थी। मेरी उंगली अंदर नहीं जा रही थी।
तो मुझे लगा कि शायद मेरी बहन सच बोल रही है। मैं बहुत खुश हुआ कि मेरी प्यारी छोटी मासूम बहन की चूत की सील आज मेरे मोटे लोड़े से टूटेगी। मैं इसे कली से फूल बना दूँगा। मेरी बहन गलत नहीं थी। पर फिर भी मैंने मेरी बहन को यह नहीं बताया कि तू गलत नहीं है। अगर मैं ऐसा करता, तो वह मुझ पर चढ़ जाती।
लेकिन मैंने उसकी इस गलत फहमी को बनाए रखा कि तू बहुत गलत काम कर रही थी। इसलिए वह मेरी सारी बात मान रही थी। मैं अपना 7 इंच का मोटा लौड़ा मेरी बहन की चूत के ऊपर रगड़ने लगा। अब मेरी बहन थोड़ी काँप रही थी और उसने काँपते हुए मुझसे कहा, “भैया, आपका लौड़ा बहुत मोटा है। मेरी चूत में नहीं जाएगा। मुझे बहुत दर्द होगा। प्लीज़ भैया, मुझे छोड़ दो ना। मुझे छोड़ दो ना भैया, प्लीज़। मुझे छोड़ दो। मुझे बहुत दर्द होगा भैया, प्लीज़।”
यह सब सुनकर मेरे लंड का जोश और बढ़ गया और मैंने अपना बहुत सारा थूक अपने लोड़े और मेरी बहन की चूत के ऊपर लगा दिया। अब मैंने अपना 7 इंच का लंड अपनी बहन की गुलाबी मुलायम गद्देदार चूत के लाल छेद पर रखा और पूरे ज़ोर से अंदर करने लगा। मेरी बहन छटपटाने लगी।
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और इधर-उधर हाथ-पैर मारकर कहने लगी, “भैया, बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज़ मुझे छोड़ दो। भैया, प्लीज़ मुझे मत चोदो। भैया, प्लीज़ भैया। मुझे बहुत ज़ोर का दर्द हो रहा है भैया, प्लीज़। मैं आज के बाद मेरे दोस्तों से नहीं मिलूँगी। उनसे अपने बूब्स भी नहीं दबवाऊँगी। उनसे चूत नहीं चटवाऊँगी। भैया, प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो। मुझे जाने दो, छोड़ दो…”
उसे लग रहा था कि मैं उसे इन गलतियों की सजा दे रहा हूँ। मैं तो खुद उसे आज अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था। मैं उसे कैसे बताता कि मेरी खुद की नियत मेरी छोटी बहन के ऊपर खराब हो गई। अब मैं उसकी चूत के छेद पर अपना लंड रखा और एक ज़ोरदार झटका मारा, जिससे मेरा लंड 2 इंच अंदर चला गया।
उसकी दोनों टाँगें मेरे कंधों पर थीं। इसलिए वह ज़्यादा हिल-डुल नहीं पाई। और ज़ोर से चिल्लाने लगी, “उरे बाप रे, मर गई।” और वह रोने लगी। वो रोती-रोती कह रही थी, “भैया, प्लीज़ मुझे जाने दो। मुझे छोड़ दो।” लेकिन मैंने उसके गाल पर दो चाँटे मारे और कहा, “अपने दोस्तों के साथ जब मज़ा करती है, तब नहीं दिखता। अब बहन की लोहड़ी, मेरे साथ चुदने में नाटक कर रही है। रंडी कहीं की, साली चुदक्कड़ रांड।”
इतना कहकर मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और एक ज़ोर का झटका मारा, जिससे मेरा बाकी बचा हुआ 5 इंच का लौड़ा मेरी बहन की गुलाबी लाल चूत को चीरता हुआ पूरा 7 इंच अंदर घुस गया। मेरी बहन की बहुत ज़ोर से चीख़ निकल गई। आअह्ह्ह्ह हहहहह। वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी। उसकी आँखों से लगातार आँसू निकल रहे थे। उसकी आँखें बता रही थीं उसका दर्द। ये देखकर मुझे तरस आ गया।
इसलिए मैं थोड़ी देर रुक गया और ऐसे ही उस पर गिर गया और उसे किस करने लगा। 2 मिनट बाद जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ, तो वो किस में ध्यान लगाने लगी। तभी मैंने अपनी कमर के झटके धीरे-धीरे मारने शुरू किए, जिससे उसका दर्द अब मज़े में बदल गया। उसकी दर्द की चीख़ें अब मादक सिसकारियों में बदल गईं।
मैंने अब अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरे कमरे में बस ज़ोर-ज़ोर से टप-टप-टप-टप-टप-टप की आवाज़ें गूँज रही थीं। जिससे मेरी बहन को अब दर्द होने लगा और वो फिर से ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी। आआहह्ह्ह्ह भैईईयाआ धीईईरररेएएए… आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह। हहह ूूईहहह ओओह्हह्। आह भाई आह्ह ऊववव रुकोना आआआ भइयआआ प्लसस आअह्ह आह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह। धीरे ना भैया प्लीज़, मेरी चूत अंदर से छिल गई भैया प्लीज़। ना। धीरे।
उसकी चूत की सील टूट गई थी और ख़ून बाहर आ रहा था। लेकिन उसे अभी तो दर्द में कुछ नहीं पता था। मैं उसकी चूत की ज़ोरदार धकापेल चुदाई कर रहा था। कभी उसके बूब्स पर चाँटे मारता, तो कभी उसके गर्दन पर दाँतों से काटता। उसके बूब्स पर अलग-अलग बहुत सारे दाँतों से काटने के निशान बन गए थे।
उसके गर्दन पर भी मैंने अपने दाँतों से काट-काट के निशान बना दिए। उसके कंधे पर, हाथों पर और गालों पर भी बहुत सारे मैंने “लव बाइट” बना दिए थे। वो भी अपनी छोटी बहन पर। यहाँ बहन और भाई की नाजायज़ चुदाई हो रही थी और कमरे में सिर्फ़ बहन की मादक आवाज़ें निकल रही थीं।
जो अब तक पूरी कामवासना की आग में जल चुकी थी। जो अब दर्द को एक अलग ही मज़ा समझ रही थी। जो अब बेशर्म अपने सगे बड़े भाई से कह रही थी, “भैया, और ज़ोर से, और ज़ोर से।” जो अब मेरे सिर को पकड़कर मुझे लिप-लॉक किस करने लगी और अपनी गांड उठा-उठाकर मुझसे चुदवा रही थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी।
उसकी मादक आवाज़ें सुनकर मेरी ताकत और बढ़ गई और मैंने ज़ोर-ज़ोर से चूत को चोदना चालू किया। कुछ ही समय में मेरी बहन की वो मादक आवाज़ें दर्द से तड़पती हुई चीख़ों में बदल गईं और उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झटके मारने लगी। मुझे पता चल गया कि ये अब फ्री हो चुकी है। उसका पानी छूट रहा है।
मैंने अपने झटकों को और तेज़ कर दिया और उसकी आवाज़ें भी तेज़ हो गईं। पानी छूट जाने के बाद एक औरत को भी दर्द होने लगता है। ये तो अभी एक लड़की भी ठीक से नहीं है। अब मैंने इसे खड़ा किया और इसे घोड़ी बना दिया (डॉगी स्टाइल पोज़ीशन) और इसके पीछे से इसकी चूत में लौड़ा डाल दिया।
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पीछे से लड़की को ज़्यादा तेज़ झटका पड़ता है और लड़की भी पीछे की ओर धक्का लगाए रखती है ताकि वो धक्कों से आगे ना गिर जाए। अब मैं उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा। मेरे एक-एक झटके से इसकी चूत पूरी दब जाती और एक मनमोहक आवाज़ आती। पट-पट…पट..पट..पट..पट।
अब ये मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी। तभी मैंने इसे पकड़ लिया और इसके बाल पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। ये बहुत ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी, “भैया, प्लीज़ आह। आह्ह। अहह हहहह भैया, रहम खाओ अपनी छोटी बहन पर। मुझे आज मार ही दोगे क्या?” ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आहहहहाहाह आहहहहह आह्ह्ह अहाह हा आ अहा हाहा आह भैया प्लीज़ अब नहीं करूँगी मैं। प्लीज़ भैया, सॉरी ना। मुझे जाने दो। मेरी तबीयत खराब हो रही है। प्लीज़। मुझे उसकी बातों से कोई मतलब नहीं था। मैं निर्दयी और पापी हो चुका था। उसकी बातें मेरे कानों तक नहीं पहुँच रही थीं।
मैं तो बस उसकी गुलाबी चूत को, जो अब पूरी लाल हो चुकी थी, उसको खाने की सोच रहा था। उसकी बातों का मुझ पर कोई असर नहीं हो रहा था। उसके बालों को मैंने ऐसे पकड़ा हुआ था जैसे कोई “जंगली घोड़ी” की लगाम पकड़ी हो और पूरे दम से उसकी “ताबड़तोड़ जंगली चुदाई” कर रहा था।
उसकी चूत के साथ-साथ उसकी मोटी 36 की गांड से और इसकी आँखों से भी पानी निकलने लगा। मेरे हर झटके के साथ उसकी जान निकल रही थी और वो बस कह रही थी, “भैया, प्लीज़ रुको ना। मेरे बाल तो मत खींचो। मुझे दर्द हो रहा है भैया। रुको। आअह्ह अहाह आह। अहह आह्ह अहहाह। उउउबव्ह्ह ऊओववव। उउउनन्न भैया, रुक जाओ, वरना आज आपकी बहन मर जाएगी।”
मैंने उसे और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारे, तो वो धुझने लगी और उसके पैर काँपने लगे। और उसकी चूत से बुररर बुरर्र की आवाज़ आने लगी। मैंने देखा मेरे लोड़े पर चिकनाहट बढ़ गई। मेरी बहन ने एक बार फिर से अपना पानी छोड़ दिया। दवा की वजह से मेरा पानी नहीं निकल रहा था। तो मैंने भी अब धक्के तेज़ किए। वो और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी।
भैईईयाआआ। आआह्ह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह्ह नहीं। नन्हीेहीह। हहहन्नहह हहहस आअह्ह्ह आह्ह्ह्हह बस बस बस्स्स अब और नहीं भैया। अब और नहीं। और फिर मैंने उसको वापस सीधा किया और उसको अपनी गोद में उठाकर ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। बठ-बठ की आवाज़ आने लगी। और आरती तो आअह्ह आअह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह आह्ह नहीं आह्ह नहीं आएंही अनहि आह्ह्ह्हा नहींउ नहीं नहीं नहीं बचाओ अह्ह्ह्हह्ह।
कम से कम 20 झटके मारने के बाद मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसको अपने ओर खींचते हुए उसकी दोनों टाँगें कंधे पर रखकर लंड उसकी चूत में डालकर 2 झटके ज़ोर-ज़ोर से खींचकर मारे। फिर वापस निकाला, फिर वापस डाला। ऐसे करते-करते मैं उसको फिर ज़ोरदार झटकेदार चुदाई देने लगा।
वो रो-रोकर मुझसे दूर होने की भीख माँग रही थी। उसकी शक्ल देखकर मैंने उसके गालों पर चाँटे मारने लगा। मैं उसको चूम रहा था। एक हाथ से बूब्स को मसल रहा था और उसकी चूत में मेरा लौड़ा उसकी धकापेल चुदाई कर रहा था। मैंने उसको बोला, “तू मेरी नज़र से गिर गई। जब तू तेरी दोस्तों से सब कुछ करवा चुकी है, तो चुदाई क्यों नहीं करवाई?” तो उसने बोला, “वो सारी लड़कियाँ हैं।”
मैंने कहा, “अगर लड़के होते, तो चुदवा भी लेती, है ना?” और मैं ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत को चोदने लगा। वो चिल्लाने लगी, “आह्ह्ह्ह आह्ह्ह नहीं भैया, सुनो तो सही। आअह्ह अह्नह्हिह् नहीं भैया, आप गलत। आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह हहह आह्ह्ह अ नहींह्हि आअह्ह।”
इतने में मैंने उसका मुँह बंद किया और उसे चोदने लगा। थोड़ी देर लगातार “घनघोर चुदाई” के बाद वो अपनी आँखें बंद करने लगी और अपने हाथों की मुट्ठी बना ली और पैरों के पंजों को टाइट कर लिया और अकड़कर सिकुड़ने लगी। और वो ज़ोर-ज़ोर से साँसें लेने लगी और मादक आवाज़ें निकलने लगीं। आअह्ह्ह्ह-ह्ह् उउउउफ्फ्फ्फ़। आह्ह्ह्हह अहह अह्ह्ह्हह्ह हीह्ह्ह्हह्ह।
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यह देखकर मुझे लगा कि इसने पानी छोड़ दिया। यहाँ मैंने अपनी बहन को इस हालत में देखकर अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और अपनी “बहन की चिकनी चूत” में ही मैंने अपना पानी छोड़ दिया। और उसके पैरों को छोड़कर मैं उसके ऊपर ही बेसुध होकर पड़ गया। मेरी बहन का शरीर मुझे इतना मनमोहक लग रहा था। उसके बड़े-बड़े बूब्स मुझे बहुत अच्छे लग रहे थे। मैंने मेरी बहन को चूमा और उसके ऊपर ही सो गया। मेरी रंडी बहन अपने ही बहनचोद भाई से अपनी “बहन हार्ड सीलतोड़ चुदाई” के बाद बहुत थक गई।
इसलिए वो बस ऐसे ही सो गई। मैंने अपनी ही बहन को अपनी रंडी बनाकर सीलतोड़ चुदाई कर दी। मेरा सपना पूरा हुआ। अभी तो मेरी मम्मी 14 दिन और नहीं आएगी। अभी तो मैं इसकी और भी जंगली तरीके से गांड फाड़ चुदाई करूँगा। लेकिन अभी नहीं। उसकी कहानी कभी और दिन लिखूँगा। अभी सोने जाना है। अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी तो मुझे। मेरी इस dooooooom009@gmail.com पे मेसेज करे और इसके अगले पार्ट्स के बारे मे बताये मे जरूर लिखूंग आपका अपना मित्र डुम.
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