Bahan Bra Penty Kahani
मेरा नाम सौरभ है। मेरी उम्र 28 साल है और मैं एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ। आज मैं जो सुनाने जा रहा हूँ, वो कोई कहानी नहीं है, बल्कि एक हकीकत है। इसे सुनने के बाद आप में से कुछ लोग मुझे बहुत ही नीच किस्म का इंसान समझेंगे। लेकिन उस वक्त समय ही कुछ ऐसा था कि क्या सही और क्या गलत, मुझे सूझ नहीं रहा था। Bahan Bra Penty Kahani
असली घटना में जाने से पहले कुछ परिचय दे दूँ। मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। हम दो भाई-बहन हैं। मेरी बहन पल्लवी मुझसे 6 साल छोटी है। पल्लवी अभी मेरे साथ महाराष्ट्र में ही रहती है। पल्लवी दिखने में सुंदर, गोरी है। एकदम स्लिम भी नहीं है, लेकिन उसके शरीर में एक कशिश सी है जो सबको अपनी ओर खींचती है। खासकर उसके 36C साइज़ के स्तन।
पल्लवी अभी कॉलेज में पढ़ रही है। अब मैं असली घटना पर आता हूँ। ये बात एक साल पहले की है। एक दिन मैं और मेरी बहन बाज़ार में खरीदारी कर रहे थे कि अचानक मेरे बॉस से मुलाकात हो गई। मैंने उनसे अपनी बहन का परिचय कराया। मेरे बॉस मिस्टर एच. सक्सेना की उम्र लगभग 35-40 साल होगी।
सक्सेना सर ने मेरी बहन से पूछा, “क्या खरीदारी कर रही हो?”
मेरी बहन ने हँसकर कहा, “कुछ नहीं, बस मेरे और भैया के लिए कुछ कपड़े।”
इसके बाद हम लोग बाज़ार से घर आ गए। दो-तीन दिन बाद एक दिन सक्सेना सर ने मुझे अपने कमरे में बुलाया। जब मैं उनके कमरे में गया तो उन्होंने कहा, “सौरभ, एक मुश्किल हो गई है। एक महिला अंडरगारमेंट्स की कंपनी ने हमें उनके विज्ञापन के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया है। और हमारी जो मॉडल है, वो एक महीने के लिए बाहर गई हुई है दूसरी शूटिंग के लिए। और वो कंपनी एक हफ्ते में प्रोजेक्ट पूरा चाहती है। अब इतनी जल्दी कोई नई मॉडल कहाँ से लाऊँ।”
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मैंने कहा, “तो फिर सर, अब क्या करेंगे?”
तब उन्होंने कहा, “अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ न हो, क्या तुम्हारी बहन हमारे लिए इस प्रोजेक्ट की मॉडल बन सकती है?”
मैंने कहा, “लेकिन सर, पल्लवी ने कभी मॉडलंड नहीं की है, क्या वो कर पाएगी?”
तब उन्होंने कहा, “इसकी चिंता तुम मत करो। वो मैं देख लूँगा। तुम बस अपनी बहन को राज़ी कराओ।”
शाम को जब मैं घर लौटा, तब पल्लवी टी.वी. देख रही थी। मैं भी फ्रेश होकर उसके बगल में बैठ गया। और सोचने लगा कि क्या करूँ। पल्लवी ने मुझे देखकर कहा, “क्या हुआ भैया, इतनी सोच में क्यों डूबे हो? कोई प्रॉब्लम है?” तब मैंने उसे ऑफिस की बात बताई और साथ में सक्सेना सर का प्रस्ताव भी।
ये सुनकर उसने कहा, “तो इसमें इतना चिंता करने वाली क्या बात है। मैं करूँगी ये काम।”
मैंने कहा, “लेकिन इसके लिए अगर तुझे सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में कैमरे के सामने आना पड़े तो?”
तब उसने हँसकर कहा, “तो क्या हुआ, ब्रा और पैंटी तो पहनूँगी ना, नंगी तो नहीं ना। वैसे भी घर पर तो मैं ज़्यादातर उसी तरह के कपड़े ही पहनती रहती हूँ ना। तुम बस जाकर सक्सेना सर से बोल दो, शूटिंग की तैयारी के लिए।”
अगले दिन जाकर मैंने सक्सेना सर से पल्लवी की बात बता दी। सक्सेना सर ने कहा, “तो फिर ठीक है, कल से पल्लवी को लोकेशन पर लेकर आ जाना।” अगले दिन से मैं पल्लवी को शूटिंग लोकेशन पर ले जाना शुरू कर दिया। दो-तीन दिन के रिहर्सल के बाद पल्लवी एकदम तैयार हो गई।
अगले दिन पल्लवी का फाइनल शूट होने वाला था। मैं और पल्लवी घर वापस आने वाले थे कि अचानक सक्सेना सर की सेक्रेटरी मिस अंजू हमारे पास आई। और पल्लवी से कहा, “पल्लवी, तुम्हारी चूत शेव की हुई है?” पल्लवी ने मेरी तरफ देखकर कहा, “नहीं।”
फिर मिस अंजू ने कहा, “सक्सेना सर ने सख्ती से बोल दिया है कि कल उसे शेव करके आने के लिए। नहीं तो अगर पैंटी के अंदर से बाल दिखाई देंगे तो खराब लगेगा।” उस दिन घर जाते वक्त मैंने पल्लवी के लिए एक सेफ्टी रेज़र खरीद लिया। उसने घर जाकर सबसे पहले रेज़र लेकर बाथरूम चली गई।
मैंने उससे कहा, “देखो, सावधानी से, कहीं कट के खून ना निकल आए, वरना दर्द होगा।”
उसने कहा, “नहीं, ठीक है भैया।”
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करीब 1 घंटे बाद बाथरूम से वापस आकर बोली, “एकदम चिकना कर दिया है भैया।” मैं हँस पड़ा। अगले दिन यानी फाइनल टेक के दिन सक्सेना सर पल्लवी का बहुत ध्यान रख रहे थे। थोड़ी ही देर में पल्लवी की शूटिंग की ड्रेस आ गई। ड्रेस यानी कि सिर्फ़ कई तरह की ब्रा और पैंटी।
जिनमें से ज़्यादातर स्ट्रिंग वाली छोटी-छोटी ब्रा-पैंटी थीं। पल्लवी ग्रीन रूम में जाकर पहली ब्रा और पैंटी पहनकर आई। जो कि स्ट्रिंग वाली थी और इतनी टाइट कि सिर्फ़ उसके स्तन ऊपर और दोनों साइड से बाहर आ रहे थे। और पैंटी तो सिर्फ़ चूत के होंठों को ढकने के ही काम आ रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
इसी तरह की कुछ ब्रा और पैंटी पहनने के बाद उसने एक ऐसी ब्रा और पैंटी पहनी जो कि बिल्कुल ट्रांसपेरेंट जैसी थी। जिसमें से उसकी चूत और स्तन काफ़ी साफ दिखाई दे रहे थे। शूटिंग खत्म होने के बाद मिस्टर सक्सेना ने पल्लवी की बहुत तारीफ की।
उन्होंने पल्लवी की चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा, “इसे किसने शेव किया?” पल्लवी ने कहा कि उसने खुद किया है। सक्सेना सर ने तारीफ करके कहा, “बहुत अच्छी तरह से की है, एकदम चिकना बना दिया है।” मेरी बहन पल्लवी ने अपनी नाभि में छेद करवाकर उस पर एक सुंदर सा रिंग पहनती है, जो कि मैंने ही उसे गिफ्ट किया था।
सक्सेना सर ने उसकी नाभि की रिंग की बहुत तारीफ की तो पल्लवी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा, “ये भैया ने खरीदकर दिया है।” उस दिन सक्सेना सर ने हम दोनों को लंच कराया। इसके बाद हम दोनों घर आ गए। इसके चार-पाँच दिन बाद सक्सेना सर एक दिन शाम को हमारे घर आए। मैं और पल्लवी घर पर टी.वी. देख रहे थे।
पल्लवी ने उस दिन एक स्लीवलेस टॉप और शॉर्ट्स पहनी हुई थी। मैंने लुंगी पहनी हुई थी। सक्सेना सर आए और सोफे पर बैठ गए। उनके हाथों में दो लिफाफे और एक बड़ा पैकेट था। उन्होंने पहले मुझे और पल्लवी को उस विज्ञापन के लिए शुक्रिया अदा किया, बाद में पल्लवी को अच्छी मॉडलंड के लिए बधाई दी। और पैकेट में से एक बड़ा शैंपेन का बॉटल निकाला और पल्लवी के हाथ में दिया। और कहा, “चलो, तीनों सेलिब्रेट करें।”
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मैंने कहा, “लेकिन सर, पल्लवी ये सब नहीं पीती है।”
तो उन्होंने कहा, “अरे, आज कुछ नहीं होगा।”
उनके ज़बरदस्ती करने की वजह से और वो मेरे बॉस हैं, इसलिए पल्लवी राज़ी हो गई। वो तीन ग्लास और कुछ नमकीन ले आई। हम तीनों शैंपेन पीने लगे। सक्सेना सर ने एक लिफाफा खोला, उसमें से पहले एक 1 लाख का चेक पल्लवी को दिया और कुछ पल्लवी की मॉडलंड तस्वीरें दिखाईं।
फिर उन्होंने अपनी जेब से एक ज्वेलरी बॉक्स निकाला और पल्लवी को दिया। पल्लवी ने खोलकर देखा तो उसमें एक बहुत सुंदर सा नाभि का रिंग था। सक्सेना सर ने कहा, “पल्लवी, अगर तुम्हें ऐतराज़ न हो तो इसे एक बार पहनकर आओ, मैं देखना चाहता हूँ।”
पल्लवी उसे पहनने के लिए अंदर चली गई। तब सक्सेना सर ने मुझसे कहा, “सौरभ, तुम्हारी बहन बहुत सेक्सी है।” इतने में पल्लवी भी आ गई। उसकी नाभि में सर का दिया हुआ रिंग बहुत अच्छा लग रहा था। अचानक सक्सेना सर ने कहा, “पल्लवी, तुमने ये टॉप और शॉर्ट्स क्यों पहना है, इसे उतार दो, मैं तुम्हें नंगी देखना चाहता हूँ।”
मैं अब हैरान हो गया, पल्लवी भी।
मैंने कहा, “ये आप क्या कह रहे हैं? ये नहीं हो सकता।”
तब उन्होंने कहा, “तो फिर ठीक है,” और उन्होंने दूसरा लिफाफा मेरे हाथ में थमा दिया और कहा, “ये तुम्हारा टर्मिनेशन लेटर है। आज के बाद तुम काम पर मत आना, और मैं ऐसा इंतज़ाम करूँगा कि तुम्हें कहीं काम न मिले। क्योंकि मैं पुलिस को शिकायत करूँगा कि तुमने हमारे अकाउंट से पैसे चोरी किए हैं। तुम्हें तो जेल होगा ही।”
मैंने कहा, “ये आप नहीं कर सकते।”
मेरी हालत देखकर पल्लवी ने कहा, “ठीक है, आप जो कहेंगे, मैं करूँगी, सर, आप मेरे भैया को कुछ मत करना।”
सक्सेना सर ने कहा, “ठीक है।”
मैं बेबस की तरह बैठ गया।
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सक्सेना सर ने कहा, “तो फिर ठीक है, जल्दी से नंगी हो जाओ।”
पल्लवी ने अपना टॉप और शॉर्ट्स उतार दिया। उसने अंदर कोई ब्रा-पैंटी नहीं पहनी थी। सक्सेना सर ने मुझसे कहा, “सौरभ, अब जाकर तुम अपनी बहन के स्तनों को चूसो।” मैं क्या करता, मैंने पल्लवी का एक स्तन पकड़कर अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसना शुरू किया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था। थोड़ी देर में सक्सेना सर भी आए और पल्लवी के दूसरे स्तन को अपने मुँह में डालकर चूसना शुरू कर दिया और एक हाथ से पल्लवी की चूत को सहलाना शुरू कर दिया। मेरा भी हाथ पल्लवी की चूत की ओर अनजाने में ही बढ़ गया। पल्लवी मुँह से “आह्ह्ह आह्ह्ह्ह” करके सिसकियाँ ले रही थी।
वो अपने एक हाथ से मेरी लुंगी के अंदर से मेरे लंड को सहला रही थी। मुझे पता था कि मैं घर पर अंडरवियर नहीं पहनता। सक्सेना सर ने अपनी पैंट की ज़िप खोलकर अंडरवियर के अंदर से अपना लंड बाहर निकाल दिया और पल्लवी ने उसे भी दूसरे हाथ से सहलाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद हम तीनों अलग हो गए और पल्लवी नीचे बैठकर हम दोनों के लंड को बारी-बारी से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
कुछ ही देर में मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में ही झाड़ दिया। पल्लवी ने उसे पूरी तरह निगल लिया। अब सक्सेना सर ने पल्लवी को लिटा दिया और उसकी टाँगों को फैला दिया और अपनी जीभ उसकी चूत पर लगाकर चाटना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि पल्लवी की चूत से कुछ पानी सा निकल रहा था, जो सक्सेना सर ने पूरा चाटकर साफ कर दिया। इसके बाद सक्सेना सर ने अपने लंड को पल्लवी की चूत के अंदर धीरे-धीरे घुसा दिया।
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पहले पल्लवी थोड़ा चिल्लाई, धीरे-धीरे वो चीख सिसकियों में बदल गई। सक्सेना सर पहले-पहले आहिस्ता-आहिस्ता धक्का देने लगे, धीरे-धीरे उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ाई। करीब 30 मिनट तक उन्होंने पल्लवी को कई तरीके से चोदा, बाद में उसकी चूत के अंदर ही उन्होंने अपना सारा वीर्य झाड़ दिया। अब उन्होंने मुझसे कहा, “पल्लवी को चोदने को।” मैं तैयार हो गया और 5 मिनट बाद मैंने पल्लवी को चोदना शुरू किया। करीब 20 मिनट बाद मैं भी अपना दूसरा वीर्य उसकी चूत के अंदर झाड़ दिया।
दो-दो बार लंबी चुदाई के बाद पल्लवी पूरी तरह से थक गई थी। उसकी चूत पूरी तरह से फट चुकी थी और उसमें से बहुत खून भी निकल रहा था। वो ठीक तरह से बैठ भी नहीं पा रही थी। इधर सक्सेना सर अपने ड्रेस ठीक करके निकलने लगे। लेकिन जाने से पहले कह गए कि अब से जब भी उनका जी करेगा, वो आकर पल्लवी को चोद जायेंगे। और सचमुच इसके बाद उन्होंने कई बार आकर पल्लवी को चोदा। और कभी-कभी मैं भी उनके साथ मिलकर पल्लवी को चोदता था।
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