Chut Marne Wala Bap
मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ. मैं एक छोटी चाय की दूकान चलाता हूँ. कुछ महीने पहले मैंने अपने मोहल्ले की एक आवारा औरत सविता से शादी कर ली. असल में हुआ ये की ये औरत अपने प्रेमी के साथ अपने घर से भाग आई थी. साथ में सविता की एक १८ साल की जवान लडकी भी थी, जिसका नाम कुसुम था. Chut Marne Wala Bap
सविता और उसके प्रेमी ने साथ जीने मरने की कसमे खायीं थी. पर बाद में सविता के प्रेमी की नियत बदल गयी. उसने सविता से जबरन धंधा करवाया. उसे कई लोगों से १०० १०० रुपए में चुदवाया. और फिर सारा पैसा लेकर भाग गया.
मुझे सविता और उसकी लडकी कुसुम पर रहम आ गया और मैंने इससे मंदिर में जाकर शादी कर ली. क्यूंकि मैं अकेला था. कोई मेरा घर बसाने वाला नही था. इसलिए जब मेरे मेरे पास एक परिवार था. सविता से शादी करने के लिए मुझे सारे मोहल्ले ने तरह तरह के ताने मारे.
‘अरे इस छिनार से तू शादी करने चला है. ना घर का पता है ना कुल का पता. उल्टा १८ साल की एक जवान लडकी भी इस औरत के पास है. पता नही किसने किसने चोच मारी होगी इस औरत में. धत धत धत इसका तो दिमाग की ख़राब हो गया है!!’ लोगो ने इस तरह से हजारों ताने मुझे मारे.
पर मैंने अंत में ३५ वर्षीय सविता से विवाह कर लिया. अब सविता और उसकी जवान लडकी कुसुम मेरे साथ ही रहने लगे. मुझे सविता का पूरा इतिहास तो पता ही था. किस तरह क्या क्या हुआ. मैं सब कुछ भूल कर एक नई जिन्दगी की शुरुआत कर दी. आज मेरी सविता के साथ सुहागरात थी.
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मैं अंदर कमरे में गया तो वो लाल रंग का शादी का जोड़ा पहने थी. मैं उसके बगल बैठ गया. हम दोनों नव विवाहित पति पत्नी प्यार करने लगी. धीरे धीरे मैं ३५ साल की औरत सविता के कपड़े निकाल दिए. उसको नंगा कर दिया. मैंने खुद भी अपना कुर्ता पजामा निकाल दिया.
सविता के मम्मे आज भी बहुत खूबसूरत थे. सैकड़ों लोगों ने सविता के मस्त मस्त गोल गोल मम्मे पिये थे. मैं हाथ से जोर जोर से सविता के मम्मे दबाने लगा. बड़ा गजब की माल थी वो. मेरा लंड उसकी चूत मारने को बेचैन हो रहा था. सविता के गोल गोल मम्मे पीकर मैं उसकी चूत पर आ गया.
उसने अपने नये पति[मेरे] के लिए झांटों को अच्छी तरह से साफ कर रखा था. मैं अच्छी तरह से जानता था की पहले तो पहले तो उसके पति से उसे चोद चोद कर कुसुम को पैदा कर किया. फिर सविता अपने दुसरे प्रेमी के साथ घर से भाग निकली. फिर उसके प्रेमी से उसको खूब चोदा खाया.
फिर उसने सविता से धंधा करवाया और हजारों लोगों से चुदवाया. और अब मैं पता नही किस नंबर पर आता था जो सविता जैसे माल को चोदने जा रहा था. खैर किसी तरह मैंने उसे रात भर चोदकर अपनी सुहागरात मनाई. मैं सविता और मेरी सौतेली लडकी कुसुम अब सुख चैन से जिन्दगी गुजारने लगे.
सविता मेरे साथ मेरे कमरे में सोती थी और मेरी सौतेली बेटी [सविता के पहले पति से पैदा लडकी] कुसुम दुसरे कमरे में सोती थी. सविता और कुसुम मेरे चाय की दूकान चलाने में मदद भी करते थे. दोनों मिलकर दूकान के समोसे, नमकपारे और अन्य चीज बनाते थे. सविता और उसकी लडकी कुसुम को अपनाकर मैं बहुत खुश था.
क्यूंकि पहले मैं अकेले अकेले ही जिन्दगी काट रहा था, पर अब मेरे पास एक परिवार था. एक रात मैं पेशाब करने के लिए उठा तो देखा की कुसुम गहरी नींद में सो रही थी. वो बड़ी सुंदर लग रही थी. मैंने आगे बढ़ने लगा तो अचानक कुसुम ने करवट ली और उसका सूट से उकसे बड़े बड़े गोरे गोरे ठोस ठोस मम्मे झाँकने लगे.
ये सब देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया. अपनी सौतेली लड़की कुसुम को चोदने की बड़ी तीव्र अभिलाषा मेरे मन में पैदा हुई. मैं उसके बगल लेट गया. कुसुम बड़ी गहरी नींद में सो रही थी. मैंने उसको कई बार सोते में चूम लिया. इतना ही नही उसके गुलाबी गुलाबी ओंठ भी मैंने चूम लिए. कुसुम नहीं जान पाई.
मैं उसको इसी तरह चोदना चाहता था. मैंने उसके सूट के गले में हाथ डाल दिया और उसके गोल गोल मस्त सफ़ेद दूध दबाने लगा. सच में मेरी सौतेली बेटी बड़ी कड़क माल थी. इतना ही नही मैंने धीरे से कुसुम की सलवार खोल कर नीचे खिसका दी. उसकी चड्ढी नही नीचे सरका दी. मुझे मेरी सौतेली लड़की की चूत दिख गयी.
बाप रे!! कितनी सुंदर कुवारी चूत थी कुसुम की. मैंने उसकी चूत पर ऊँगली फेर दी. रुई सी मुलायम लाल लाल चूत थी. मैंने जीभ लगा दी और पीने लगा. कुछ देर बाद मैं अपना लंड अपनी सौतेली लड़की कुसुम के लाल लाल भोसड़े पर रख दिया. जैसे ही धक्का देने वाला था पता नही कहाँ से सविता आ गयी. वो गुस्से से पागल हो गयी.
‘सुनील?? ये ये क्या है?? क्या है ये सब…..बब. कुसुम तुम्हारी लड़की लगती है. तुम कैसे भला अपनी लडकी को चोद सकते हो. तुम्हारी बेटी लगी वो! सविता दहाड़ी और उसने मुझे गाल पर चाटें ही चांटे मारे. मेरा मुँह लाल हो गया. इस घटना की वजह से मेरे घर में बड़ी टेंसन हो गयी. पुरे १० दिन मेरी बीबी सविता ने मुझे चूत नही दी.
मेरी सौतेली लड़की कुसुम दिन पर दिन जवान होती जा रही थी. बार बार मुझे उसके मम्मे और मस्त मस्त कुवारी चूत ही याद आती थी. फिर एक रात मैंने दोनों के लिए बाहर से बिरयानी लाया और उसमे नशीली दवा मिला दी. दोनों ने भरपेट खायी और फिर सो गयी. अब मेरा रास्ता साफ़ था.
‘सविता??सविता??” मैंने सविता को जागाया. वो गहरी नींद में थी. नशे की गोली काम कर गयी थी. अब मैं आराम से अपनी सौतेली लड़की कुसुम को चोद सकता था. मैं दूसरे कमरे में कुसुम के पास चला गया. वही चेहरे पर मासूमियत, वही खूबसूरती. मैंने अपनी सौतेली लड़की को नंगा कर दिया. उसके दूध पीने लगा.
फिर कुसुम की चूत में लंड डाल दिया. बिलकुल कुवारी चूत थी दोस्तों. मैं उसको चोदने लगा. कुछ देर तक कुसुम नशे में रही. फिर धीरे धीरे उसे होश आने लगा. वो चुदने लगी. मैं उसको चोदने लगा. मेरी सौतेली लडकी कुसुम बड़ी ही गजब की सामान थी. उसका जिस्म बहुत नशीला था. चूत तो बहुत सुंदर भरी हुई थी.
मैं जोर जोर से धक्के देकर उसे चोदने लगा. कुछ देर बाद मेरे लौड़ा कुसुम की लाल लाल चूत के लाल रंग से रंग चूका था. मेरा ये पहली बार था उसे खाते हुए. मैं जोर जोर से बड़ी तेज तेज धक्के मार रहा था. कुसुम की नई नवेली चूत को आज मैं फाड़ दिया था. उसके नर्म नर्म चुचे पीकर मैं उसे चोद रहा था. फिर कुछ देर बाद मेरा उसकी चूत में वीर्यपात हो गया.
कुसुम नशीली गोली के नशे में रही. वो नहीं जान पायी की उसके सौतेले बाप ने ही उसे चोद डाला है. कुछ देर बाद फिर से मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था. मैंने फिर से अपना लम्बा लौड़ा उसके भोसड़े में डाल दिया. पहली बार मेरी रफ्तार बहुत तेज थी. पर जल्दी मेरा वीर्यपात हो गया था. पर इस बार मैं उसे धीरे धीरे चोद रहा था.
मैं जल्दी नही झड़ना चाहता था. कुसुम नशीली गोली के असर में ही रही. वो समझी की मैं सविता हो. उसने मुझे कसके गले लगा लिया. मैंने कुसुम के बाएं मम्मे को मुँह में भर लिया और दांत से उसकी काली काली निपल्स काटने लगा. ये सब मनोरंजक था दोस्तों. मैं हपर हपर करके कुसुम को चोद रहा था.
इससे पहले वो सिर्फ १८ साल की एक मासूम लडकी थी. पर अब चुदकर वो एक औरत बन गयी थी. मेरे लौड़े की ठोकर से मेरी सौतेली लड़की की चूत पूरी तरह से खुल गयी थी. मैं कुसुम के ओंठ चूस चूस कर उसे खा रहा था. मेरे जोर जोर से लिंग के घर्षण से कुसुम की चूत खुल गयी. मेरा लंड अंदर तक आर करने लगा.
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कुसुम की चूत की दिवार से सफ़ेद चिपचिपा माल रिसने लगा जो मेरे लौड़े पर लगने लगा. इससे उसकी चूत और जादा गीली , फिसलन भरी और तर हो गयी. इससे मेरा लौड़ा बड़े आराम से सट सट मेरी सौतेली लड़की की चूत में जाने लगा. इससे मैं आसानी से उसे चोद खा पा रहा था.
कुछ देर बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैं बेतहासा बहुत जोर जोर से धक्के मारे और कुसुम की चूत में ही माल गिरा दिया. उसके बाद मैंने शराब की एक पूरी बोतल गटक ली और उसके बगल ही लेट गया. सुबह होने पर सविता सब जान गयी. वो हल्ला मचाने लगी.
कमीने !! कुत्ते! हरामजादे!! तेरा जैसा जानवर मैंने कभी नही देखा. तूने उससे शादी की. जितना जी करता मेरी चूत मार लेता. पर तू तो इतना पापी निकला की तूने अपनी लड़की तक नही छोड़ा! उसे भी तूने चोद डाला. मैं अभी पुलिस जाती हूँ. मैं तुझे जेल की सलाखों के पार करवा कर रहूंगी!!’ सविता बोली और मुझे धमकाने लगी. मुझे गुस्सा आ गया.
‘सविता!! एक बात अच्छी तरह सुन ले. मैं कुसुम की चूत मारने के लिए ही तुझ जैसी रांड से शादी की. अरे हजारों लोगों ने तेरे ४ इंच के छेद में मुँह मारा है. कौन तुझसे शादी करता. मैं सिर्फ और सिर्फ को भोगने, उसे चोदने और खाने के लिए ही तुझसे शादी की थी. अगर तुझे पोलिस में जाने का शौक है तो जा.
पर एक बात अच्छी तरह से समझ ले की एक बार समाज में ये बात खुल गयी की तेरी लकड़ी कुवारी नही है तो कोई इससे शादी नही करेगा!’ मैंने तमतमाते हुए कहा. मेरी नई औरत सविता रोने लगी. फिर वो शांत हो गयी. ‘सविता! तुझे इस घर में रहना है तो आराम से रहो. पर मैं तेरी लडकी कुसुम को रोज रात में चोदूंगा.
इसकी चूत बड़ी मीठी और बड़ी नशीली है. मैं इसकी कसी कसी चूत मारे बिना नही रह पाउँगा. तुझे किसी और से चुदवाना है तो चुदवा ले. मेरी तरह से छूट है. पर मुझे कुसुम की चूत चाहिए ही चाहिए’ मैंने कहा. दोस्तों इस बात को लेकर हम मियां बीबी को महीने भर पंगा, झगड़ा लड़ाई चलता रहा. फिर सविता मान गयी.
उसने अपनी लड़की कुसुम से कह दिया की रोज पापा के कमरे में चली जाया करे और चुदवा लिया करे. दोस्तों, अब तो मेरे पास पूरा लाइसेंस था. जवान होने के कारन कुसुम भी चुदवाना चाहती थी. अगली रात को सविता ने उसे मेरे कमरे में भेज दिया ‘कुसुम बेटी ! जा अपने नए पापा के कमरे में जा’ सविता बोली. कुसुम को तो मैं पहले भी खा चूका था. जैसे ही कुसुम आई मैंने उसे बाहों में भर लिया.
‘नए पापा!! क्या हर पापा अपनी लड़की को बाहों में भरके प्यार करता है और चूत मारता है??” कुसुम ने भोलेपन से पूछा.
‘हाँ बेटी! संसार में यही नियम है. हर बाप का धर्म है की अपनी लडकी का ख्याल रखे. उसे सीने से लगाकर रखे और उसकी चूत मारे’ मैंने नासमझ कुसुम को समझाया.
‘जी पापा!’ वो बोली.
‘तो फिर आजा मेरी बाहों में !! मैंने कहा और अपनी सौतेली लडकी को सीने से लगा लिया. आह ओह! क्या मस्त गदराया बदन था मेरी लड़की का. बिलकुल चुदने को तयार माल. कुसुम की चुचियाँ अभी पूरी तरह विकसित नही हो पायी थी. पर अच्छी खासी बड़ी हो गयी थी. आज उसने आसमानी रंग का सलवार सूट पहना हुआ था.
मैंने उसके नर्म लाल होंठों ओर अपने होंठ रख दिए और सौतेली लड़की के ओंठ पीने लगा. बार बार कुसुम की चूत की याद आ रही थी. वो एक कड़क चोदने लायक माल थी. मैं बड़ी देर तक उसके ओंठ पीता रहा.फिर बरबस ही मेरे हाथ उसके सीने पर उसके अधविकसित मम्मों पर चले गये. मैं हाथ से कुसुम के नर्म नर्म मम्मे दबाने लगा. फिर मैंने उसके सब कपड़े निकाल दिए.
‘पापा!! क्या लड़की इसी तरह अपने पापा से प्यार करती है??” कुसुम ने फिर मासूमियत से पूछा.
‘हाँ!! बेटी, ये हर लड़की का हक है की अपने पापा से प्यार करे और उनका लौड़ा खाये!’ मैंने कुटिलता से कहा.
फिर मैंने अपनी जवान और चुदासी लड़की के दूध पीने लगा. उसके मलाई के गोलों को अपने मुँह में भरके मैं पीने लगा. मेरी सौतेली लडकी कुसुम वास्तव में बड़ा गजब का माल थी. अभी उसकी हल्की हल्की ही झांटे निकली थी. मेरा सोचना था की २ ३ साल में इस छिनाल को इतना चोद दूँ की इसकी गुलाबी चूत बिलकुल फट जाए.
फिर कोई भी लड़का कुसुम से शादी नहीं करेगा. और मैं जिन्दगी भर इसकी गुलाबी गुलाबी चूत का शिकार करूँगा. फिर मैं कुसुम के ओंठ पीने लगा. फिर उसके दोनों सफ़ेद क्रीम कलर के चूचों के बीच में मैंने अपना बड़ा सा फेटारा सांप जैसा लौड़ा रख दिया. कुसुम के दोनों मम्मे को मैंने बीच की दिशा में कसके दबा लिया और अपने लौड़े से कुसुम के मम्मे चोदने लगा.
आह ओह्ह करके मैं मजे मारने लगा. ये बहुत मधुर अनुभव था. अपनी सौतेली लडकी के चूचों को चोदना बड़ा ही मीठा अनुभव था. उसके दोनों मलाई के गोलों के बीच में मेरा शख्त लौड़ा जल्दी जल्दी आगे पीछे हो रहा था. जी तो कर रहा था की चाक़ू से कुसुम की नर्म नर्म ताज़ी ताज़ी चुचि को काटके रख लूँ. दोस्तों, मैं बड़ी देर तक कुसुम के बूब्स को चोदता रहा.
फिर उसकी चूत पर आ गया. उसकी चूत तो मैंने धोखे से उसे नशीली गोली खाने में खिलाकर चोद ही चूका था. अब ये मेरा दूसरी बार था. मेरी सौतेली लडकी कुसुम ने चुदवाने के लिए और अपने नए पापा का लौड़ा खाने के लिए खुद ही पैर खोल दिया. मैंने उसकी बुर पीने लगा. फिर मैंने उसकी चूत में लौड़ा दे दिया. और उसे चोदने लगा.
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कुछ देर बाद कुसुम खुद अपनी गांड उठाने लगी. अपनी कमर उठा उठाकर चुदवाने लगी. ‘पापा! चोदो पापा!! आज चोद डालो मेरी इस गुलाबी चूत को!’ कुसुम बोली और कमर उठाने लगा. लडकी के प्रोत्साहन पर मैं भी जोश में आ गया और जोर जोर से अपनी लडकी की चूत में लौड़ा देने लगा. अपनी कमर चला चलाकर उसे चोदने लगा. कुछ देर बाद कुसुम बड़ी मस्ती से चुदवाने लगी और शोर मचाने लगी. ‘आ उई उई माँ माँ माँ पापा चोद डालो! इस कमबख्त चूत को! इसे इतना चोदो की मेरी चूत हमेशा के लिए फट जाए और मैं आपनी रंडी और रखेल बन जाऊ!!!’ कुसुम बोली.
फिर तो दोस्तों वो हुआ जो कभी न हुआ था. सारी रात तरह तरह से कुसुम की फुद्दी मैंने मारी. कभी पीछे से, कभी गोद में बिठा के, कभी खड़े खड़े. फिर उसकी गांड के छेद में भी मैंने लौड़े पेल कर उसको चोदा. आज हम बाप बेटी को साथ में ५ साल का समय हो गया है. मेरी औरत सविता दुसरे मर्दों से चुदवाती है. और मुझे इस पर कोई खेद नही है. मैं हर रात अपनी प्यारी चुदक्कड़ बेटी कुसुम को खाता हूँ.