Sister Bathroom Sex
बहनों की लेस्बियन चुदाई पढ़े हेल्लो, मैं आपको दोस्त कनिका अपनी कहानी का अगला भाग लेकर फिर हाज़िर हूँ, दोस्तों आपने मेरी कहानी बहनों को चुदने के लिए लंड चाहिए 1 में पढ़ा था की कैसे बस में हम दोनों बहनों के साथ छेड़छाड़ हुई. और उसके बाद मेरी बहन का व्यवहार बदल गया. Sister Bathroom Sex
अब आगे. फिर अगली सुबह में बहुत लेट उठी और उठते ही माँ से डांट खानी पड़ी. फिर माँ ने मुझे ब्रश करके और नहाकर तुरंत ब्रेकफास्ट टेबल पर आने को कहा. में ब्रश करने बाथरूम में जाने लगी, बाथरूम में पहले से ही रितिका ब्रश कर रही थी, उसे देख मेरे दिमाग़ में फिर कल रात का सीन आ गया कि कैसे रितिका अपनी चूत को रगड़ रही थी.
फिर रितिका ने मुझे देखा और बोली कि आज तू भी लेट उठी, लेकिन तू तो बहुत जल्दी सो गई थी, मैंने कहा कि पता नहीं आज नींद नहीं खुली और फिर मैंने रितिका को देखकर पूछा कि तू ठीक है ना? तो वो बोली हाँ अब में ठीक हूँ, तू सही कहती थी कि उस दिन को भुला देना ही अच्छा है. फिर उसने कहा कनिका पहले में नहा रही हूँ.
मैंने कहा ठीक है यह सुनकर वो थोड़ी चौक गई, क्योंकि हमेशा हम दोनों में पहले नहाने के लिए लड़ाई होती थी, लेकिन आज मेरे कुछ ना कहने पर वो चौंक गई. फिर उसने हल्का सा मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि आज तुझे क्या हुआ है. तू आज मुझसे पहले नहाने की जिद नहीं करेगी.
मैंने भी हल्के से मज़ाक में कह दिया कि नहीं, मैंने पहले नहाने का चांस आज तुझे दिया, आख़िर में तेरी बड़ी बहन हूँ, वो भी मुस्कुराई और नहाने चल दी, में ब्रश करती रही. मेरे सामने एक कांच था, उसमें रितिका साफ दिख रही थी, नॉर्मली वो नहाती रहती है. लेकिन मेरी नज़र कभी उस कांच पर नहीं जाती थी, लेकिन आज मेरा मन उसे फिर से नंगा देखने का कर रहा था.
इसलिये ना चाहते हुए भी मेरी नज़र उस कांच पर जा रही थी. रितिका ने अपना टॉप उतार दिया, और हम दोनों ही घर में रात को सोते समय टॉप के नीचे ब्रा नहीं पहनते है इसलिये टॉप के उतरते ही रितिका के 34D साईज़ के गोरे-गोरे बूब्स अब मेरे सामने आ गये. उन्हें देखकर पहली बार मेरे बदन में कंपकपी सी छूट गई, जबकि वैसे तो जाने कितनी बार मैंने उसे नंगा देखा होगा.
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फिर उसने अपने शॉर्ट्स भी ऊतार दिए और सिर्फ़ पेंटी में आ गई उसने गुलाबी कलर की पेंटी पहन रखी थी जिस पर पीछे मिकी माऊस का टेटू बन रहा था, ऐसी ही पेंटी मैंने भी पहन रखी थी, लेकिन मेरी पेंटी पर पीछे डिजनी डक का टेटू था और इस तरह हम दोनों अपनी अपनी पेंटी पहचानते थे.
फिर वो शॉवर चालू करके उसके नीचे खड़ी हो गई, जिससे उसके बैक साईड को में कांच में देख सकती थी, फिर धीरे-धीरे पानी से उसका पूरा बदन गीला होता जा रहा था और पानी से कुछ ही देर में उसकी पूरी पेंटी गीली हो गई और उसके गोरे-गोरे चूतड़ो से चिपक गई.
अब उसकी पेंटी के बाहर से उसकी चूत साफ दिख रही थी, में किसी भूखे लड़के की तरह उसे देख रही थी. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मेरे मन में क्या चल रहा है मुझको अपने लेस्बियन होने का डर भी लग रहा था, लेकिन में क्या करती? लाख चाहते हुए भी मेरी नज़र रितिका के आधे नंगे बदन से हट नहीं रही थी और बार-बार कल रात हुई घटना का मुझे ख्याल आ रहा था.
वहाँ रितिका को यह नहीं पता था कि में कांच में उसे देख रही थी. वो सोच रही थी कि में पीछे खड़े होकर ब्रश कर रही हूँ. फिर उसने शॉवर को बंद कर दिया और बगल से साबुन उठाकर उसे अपने बदन पर लगाने लगी. पीठ, जांघ और पैर पर साबुन लगाने के लिए उसे झुकना पड़ता, जिससे उसकी गांड और बाहर आ गई और उसकी पेंटी भी थोड़ी नीचे हो गई. जिससे उसके चूतड़ों की दरार दिखने लगी.
फिर उसने अपनी जाँघो पर साबुन लगाया, उसकी जांघें उसकी उम्र के हिसाब से काफ़ी मोटी-मोटी और चिकनी थी. मेरी भी जांघें चिकनी थी, लेकिन मेरी जाँघो पर मांस थोड़ा कम था. फिर वो साबुन अपने चेहरे पर लगाने लगी. इतने में ही साबुन उसके हाथ से फिसल गया और थोड़ी देर वो नीचे बैठ कर साबुन ढूँढती रही, लेकिन उसे साबुन नहीं मिला.
उसने मुझसे साबुन उठाकर देने को कहा तो मैंने साबुन उठाया और उसे दे दिया, लेकिन उस शैतान ने मज़ाक मज़ाक में शॉवर चालू करके मेरी तरफ कर दिया और में पूरी गीली हो गई. मैंने कहा रितिका यह क्या बदमाशी है तो वो बोली अरे क्या बदमाशी? तुझे भी तो नहाना था ना, तो मेरे साथ ही नहा ले और फिर हंसने लगी. “Sister Bathroom Sex”
मैंने सोचा अगर में इसके साथ नहाने लगी तो कहीं मेरी लेस्बियन की इच्छा और ना बढ़ जाये और में कुछ ग़लत ना कर बैठूं इसलिये मैंने उससे कहा मुझे अभी नहीं नहाना, पहले तू नहा ले, में बाद में नहा लूँगी, लेकिन वो तो आज पूरे मज़े के मूड में थी. उसने शॉवर और तेज कर दिया और में बुरी तरह भीग गई.
मैंने शॉवर उससे छीन लिया और बंद कर दिया और बाथरूम से बाहर जाने लगी, लेकिन रितिका ने कहा कि अरे अब इतना भीग गई है तो पूरा ही नहा ले, क्यों नखरे कर रही है. बहुत दिनों बाद हम दोनों एक साथ नहायेंगे, मैंने भी सोचा जब में भीग ही गई हूँ तो पूरा ही नहा लूँ, लेकिन मुझे अपनी हरकतों पर कंट्रोल करना होगा.
फिर मैंने अपना टॉप उतारा और मेरे बूब्स भी बाहर आ गये. मेरे बूब्स रितिका से बड़े थे और फिर मैंने अपने शॉर्ट्स भी उतार दिए और में भी पेंटी में आ गई. मेरी पेंटी पहले से ही भीगी हुई थी. रितिका ने शॉवर फिर से चालू कर किया और कभी पानी अपनी और तो कभी मेरी और करने लगी. फिर वो मुझसे बोली कि कनिका मुझे मेरी पीठ पर साबुन लगा दे, कई जगह मेरा हाथ नहीं पहुँचता है.
में मुस्कुराई और बोली चल घूम, फिर में उसकी चिकनी पीठ पर साबुन लगाने लगी. इस बीच मेरा हाथ कई बार उसके बूब्स की साईड से भी टकराया. हम जब पहले नहाते थे तो तब हम दोनों इतने छोटे थे कि हमारे बूब्स उगे तक नहीं थे और अब दोनों के बूब्स अच्छे बड़े थे और ज्यादा मेरे थे.
फिर रितिका अचानक घूम गई और मेरे हाथों से अपने बूब्स पर साबुन लगवाने लगी, मुझे भी उसके बूब्स को छूने में मज़ा आ रहा था. इसलिये में उन पर साबुन लगाती रही. फिर रितिका ने मुझसे साबुन लेकर कहा कि लाओ अब में तेरे को भी साबुन लगा दूँ. और फिर उसने साबुन लगाने की शुरुवात मेरे बूब्स से की, लेकिन वो बूब्स को साबुन लगाते-लगाते मसल रही थी. “Sister Bathroom Sex”
और वो मेरे बूब्स के अलावा कहीं साबुन लगा ही नहीं रही थी. फिर वो अचानक बोली कनिका एक बात बता कि उस दिन जब वो आदमी तेरे बूब्स को मसल रहे थे तब तुझे कैसा लग रहा था. मैंने कहा फिर वही बात, मैंने कितनी बार तुझे समझाया कि भूल जा उस बात को, तो वो बोली कि नहीं प्लीज़ बता तो तुझे कैसा लगा?
में थोड़ा उस सवाल से सकपका गई कि यह क्या पूछ रही है? और इसका में क्या उत्तर दूँ, लेकिन फिर मैंने कहा ऐसा लग रहा था कि में जानवरों के बीच में फंस गई हूँ और वो मुझे नोच रहे है. वो बोली सच? मैंने कहा हाँ सच.
फिर वो बोली अच्छा एक बात बताऊँ, मैंने कहा हाँ बता. तो वो बोली तू ग़लत मत समझना, लेकिन मुझे उस समय मेरे साथ जो हुआ वो बहुत बुरा लग रहा था और कई दिनों तक लगता रहा, लेकिन अब पता नहीं क्यों मुझे वो सब अच्छा लग रहा है. मैंने कहा तू पागल हो गई है. उसके हाथ अभी तक मेरे बूब्स पर ही चल रहे थे, वो बोली हो सकता है में पागल हो गई हूँ.
फिर उसने मेरे बूब्स को हल्का हल्का दबाना शुरू कर दिया मैंने उससे पूछा कि तू यह क्या कर रही है तो वो बोली कि तुझे प्यार करने का मन कर रहा है. मैंने कहा हट पागल है तू तो वो बोली हो सकता है, लेकिन तू तो मेरी बड़ी बहन है, तू मेरी परेशानी समझ सकती है. “Sister Bathroom Sex”
अभी तक उसके हाथ मेरे बूब्स को दबा रहे थे और में उसके हाथ अपने बूब्स से हटा नहीं रही थी. इससे उसको और बढावा मिल रहा था और कहीं ना कहीं जो हो रहा था वो मेरे भी मन में था, लेकिन में ऐसा करना नहीं चाह रही थी, लेकिन रितिका तो सब कुछ भूल कर बेशर्म बन गई थी.
मैंने उससे कहा तुझे तो डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा और में हल्का सा मुस्कुरा दी और मेरे मुस्कुराने को वो समझ गई कि मेरे मन में भी वो ही है जो उसके मन में है. अब वो मेरे बूब्स को छोड़ मुझसे लिपट गई और हम दोनों के बूब्स आपस में चिपक गये.
मेरा पूरा बदन थरथरा उठा और फिर में भी अब उत्तेजित हो गई. मैंने रितिका का चेहरा अपनी और किया और उसकी आँखों में देखा और फिर उसके होठों को अपने होठों से चूम लिया. फिर बाकी काम उसने किया, वो मेरे होठों को चूसने लगी. कभी नीचे के होंठ तो कभी ऊपर के होंठ को.
मेरी और उसकी जीभ भी आपस में टकराने लगी, ऐसा स्मूच था कि हम दोनों पागल हो गये. मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ पर थे और उसके हाथ मेरे चूतड़ पर, वो धीरे धीरे मेरे चूतड़ों को मसल रही थी और में उसकी चिकनी पीठ पर हाथ फेर रही थी.
फिर उसने मेरी पेंटी के अंदर हाथ डाल दिया और गांड की दरार को अपनी उंगलियों से चोदने लगी. मैंने भी अब उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया और उसकी पेंटी को आधा ऊतार दिया और उसकी चूत को आधा नंगा कर दिया, लेकिन उसने मेरे हाथ पकड़े और वहीँ रोक दिए और फिर वो घुटनो के बल बैठ गई और मेरी पेंटी की इलास्टिक पकड़ी और पूरी नीचे तक ऊतार दी. “Sister Bathroom Sex”
मेरी चूत पर झांटे थी, उन्हें देखकर वो बोली कि तेरी चूत पर तो झांटे आ गई है. मेरी तो अभी भी क्लीन है. मैंने कहा हाँ मैंने कल रात तुझे हस्तमैथुन करते हुए देखा था. उसने अचानक मेरी और देखा और हल्का सा मुस्कुराई, में कुछ नहीं बोली और फिर वो अपनी एक उंगली मेरी चूत पर रगड़ने लगी. मेरे पूरे बदन में आग लग गई.
पानी भी भाप बनकर उड़ रहा हो ऐसा लग रहा था और उसकी उंगली के हल्के से स्पर्श से ही में अपने पंजो के बल उछल पड़ी, वो यह देख हंस गई. वो फिर हल्के-हल्के से उंगली मेरी चूत पर रगड़ने लगी और मेरी आँखें अपने आप बंद हो गई और मैंने उसका दूसरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया, वो अपने दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को दबाने लगी.
कुछ देर तक चूत को रगड़ने के बाद उसने मेरी चूत के अंदर उंगली डाल दी, मेरे मुँह से आह्ह निकल गया, वो मुस्कुराई और बोली अभी तक तूने हस्तमैथुन नहीं किया है क्या? तो मैंने कहा नहीं यार करती हूँ, लेकिन उंगली कभी नहीं दी. फिर वो उंगली को हल्के-हल्के अंदर बाहर करने लगी और मुझे मज़ा आने लगा, मेरे पेट में गुदगुदी सी होने लगी.
फिर उंगली देते हुये उसने मेरी चूत को चूमा भी. उसके होठों के स्पर्श से में और कामुक हो गई और उसके सर को अपने हाथ से पकड़कर उसके होठों को अपनी चूत पर टिका दिया, उसने अपना चेहरा ऊपर करके मेरी और देखा और बोली अब तेरी चूत को चाटूं भी. “Sister Bathroom Sex”
मैंने कहा, प्लीज रितिका मज़ाक मत कर, चाट ना बड़ा मज़ा आया था जब तूने होंठ से चूमा था. फिर वो हल्का सा मुस्कुराई और फिर मेरी चूत की पंखड़ियो को अपने होठों के बीच दबाकर मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दी. में तो उछल ही पड़ी और उसके सर को दूर धकेल दिया, लेकिन उसने मेरे चूतड़ को कसकर पकड़ा और फिर मुझे अपनी और खींच लिया और मेरी चूत को चूसने लगी.
अब मुझसे खड़ा नहीं रहा जा रहा था इसलिये में बाथरूम के फर्श पर ही लेट गई और रितिका का मुँह मेरी दोनों टाँगो के बीच में ले लिया, इससे वो भी संतुष्ट हो गई और उसे मेरी चूत पूरी तरह से दिखाई देने लगी और उसने अब अच्छी तरह मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया. वो अब जीभ अंदर बाहर करने लगी.
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मेरे पेट में तितलियाँ सी उड़ने लगी और मेरी जाँघो की नसे टाईट हो गई और कुछ ही देर में झड़ गई, जिससे मेरी चूत पूरी गीली हो गई. रितिका ने तब मुँह मेरी जांघों के बीच से निकाला, उसके होंठ पर मेरी चूत का पानी लगा हुआ था. अब मेरी बारी थी रितिका अब मेरे सामने खड़ी थी, में घुटनो के बल बैठ गई और रितिका की पेंटी को पकड़ा और नीचे तक ऊतार दिया.
अब उसकी नंगी चूत मेरे बिल्कुल सामने थी. मैंने रितिका को और पैर फैलाने को कहा, उसने वैसा ही किया. फिर में उसकी टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गई और अब उसकी चूत ठीक मेरे ऊपर थी और मैंने उसकी चूत को थोड़ी देर रगड़ा और फिर अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी उसके मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली.
मैंने अपनी उंगली अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और मैंने एक हाथ से उससे शॉवर ले लिया. उसने भी बिना कुछ कहे मुझ को शॉवर दे दिया. मैंने शॉवर उसकी गांड के छेद पर रखा और उसे ढंग से साफ किया, वो गांड में ठंडा ठंडा पानी जाने से और कामुक होने लगी और बोली कि तू ये क्या कर रही है? मैंने कहा तू आज थोड़ा नया मज़ा ले, वो बोली क्या तू मेरी गांड चाटेगी तो मैंने कहा बस देखती जा. “Sister Bathroom Sex”
फिर मैंने उसकी गांड से शॉवर हटा लिया और अब मैंने उसकी चूत में दो उंगली दे दी, वो फिर हल्का सा कहराई, लेकिन थोड़ी देर में मज़े लेने लगी और उधर में उसके चूतड़ों पर किस करने लगी, वो मधहोश हो गई. फिर मैंने अपनी जीभ उसके चूतड़ों की दरार में डालकर उसकी गांड को जीभ से छुआ. “Sister Bathroom Sex”
उतने में ही वो उछल पड़ी, लेकिन मैंने फिर उसे पीछे खींचा और अपनी उंगलियाँ उसकी चूत से निकाली और उसकी कमर को आगे से होल्ड करके उसे अपनी और खींचा जिससे मुझे उसकी गांड के लिए सीधा रास्ता मिल गया.
फिर मैंने अपने दोनों हाथ उसकी गांड के छेद पर रखे और उन्हें पहले किस किया, रितिका तो पागल हो गई थी और अपने हाथों से अपनी गांड की दरार को और चोड़ा करने लगी. मैंने उससे कहा ऐसा कर तू घोड़ी बन जा, वो फिर घोड़ी की तरह फर्श पर बैठ गई और मैंने उसकी गांड की दरार और चोड़ी कर दी और उस पर अपने होंठ रख दिए, वो कामुकता से कराह उठी.
मैंने फिर अपनी जीभ उसकी गांड में डाली और उसकी गांड को चूसने लगी और अपने एक हाथ से उसकी चूत को रगड़ने लगी, वो पागलों की तरह अपने बूब्स मसलने लगी. मैंने कुछ देर उसकी गांड को खूब चाटा और अपनी उंगलियों से उसकी चूत को चोदा और थोड़ी देर बाद ही वो झड़ गई और हम दोनों बाथरूम में एक दूसरे के बगल में लेट गये. “Sister Bathroom Sex”
थोड़ी देर तक हम दोनों की साँसें तेज चलती रही और फिर हम दोनों एक दूसरे को देखकर हंसने लगे, तभी माँ की आवाज़ आई, रितिका, कनिका, ब्रेकफास्ट करने नीचे आ जाओ. फिर हम दोनों उठे और एक दूसरे को एक बार और स्मूच किया और फिर अपने अपने कपड़े पहने और बाथरूम के बाहर आ गये. “Sister Bathroom Sex”
फिर कुछ ही देर में हम ब्रेकफास्ट करने नीचे चले गये. आज हमें कुछ करना तो था नहीं इसलिये हम दोनों ने फटाफट ब्रेकफास्ट ख़त्म किया और अपने रूम में आ गये और गेट अंदर से लॉक कर लिया. मैंने तुरंत अपना गाउन खोला और रितिका से लिपट गई और उसका गाउन भी खोल दिया.
और हम दोनों के नंगे बदन फिर से टकरा गये और एक दूसरे को स्मूच करने लगे, स्मूच करते करते ही में उसे बेड तक ले गई और फिर हम दोनों बेड पर गिर गये और में रितिका के ऊपर थी और उसके होठों को बुरी तरह चूसने लगी और उसके बूब्स को मसलने लगी.
फिर उसने अपनी टांगो को चोड़ा कर दिया, जिससे मेरी चूत उसकी चूत के ऊपर आ गई और उसने मेरे चूतड़ों पर अपनी टाँग लपेट ली, जिससे मेरी चूत उसकी चूत से बिल्कुल चिपक गई और में उसके निचले होंठ को अपने दोनों होठों के बीच दबा कर चूसने लगी. “Sister Bathroom Sex”
फिर ऐसा ही मैंने उसके ऊपरी होंठ के साथ किया और जब में थक गई तो रितिका ने आगे बड़कर मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए. फिर में नीचे अपनी कमर उठा उठाकर अपनी चूत को रितिका की चूत पर मारने लगी, जैसे में एक आदमी हूँ और उसे चोद रही हूँ. काफ़ी देर तक हम एक दूसरे को स्मूच करते रहे और फिर नंगे ही सो गये और पूरी दोपहर कब निकल गई मुझे पता ही नहीं चला.
शाम को जब में उठी तो रितिका कांच के आगे अपने बाल काट रही थी, वो उस समय भी नंगी थी. मैंने उठते ही उसे देखा और बोली, हाय हाय, किसके लिए बाल बना रही है तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि तेरे लिए मेरी जान. में भी मुस्कुरा दी और फिर मैंने उससे पूछा टाईम क्या हो रहा है? तो वो बोली शाम के 5 बज रहे है. मैंने कहा ऑहहहहहह हम पूरी दोपहर सो रहे थे, वो बोली में नहीं तू सो रही थी. “Sister Bathroom Sex”
में तो 1 घंटे बाद ही उठ गई थी तो मैंने पूछा कि तूने मुझे क्यों नहीं उठाया? तो वो बोली तू सोती हुई इतनी प्यारी लग रही थी कि मैंने तुझे उठाया नहीं. फिर मैंने कहा कि अच्छा, खूबसूरत और में? मुझे तुझ पर विश्वास नहीं है तो वो बोली तो मत मान. “Sister Bathroom Sex”
फिर मैंने कहा अच्छा उसे छोड़ यह बता तू इतनी देर पहले उठ गई थी तो तूने अभी तक कपड़े क्यों नहीं पहने तो वो बोली पहने थे, लेकिन अभी जब में वापस रूम में आई तो ऊतार दिए मैंने कहा क्यों? और इतनी देर तूने किया क्या?
तो वो बोली कुछ खास नहीं, माँ तो मार्केट चली गई थी तो मैंने अकेले ही लंच किया फिर कुछ देर टी.वी. देखी और फिर ऊपर आई तुझे नंगा देखकर में दुबारा कामुक हो गई तो सारे कपड़े निकालकर तेरे बूब्स से खेलने लगी थी. में बोली तू भी ना, अगर बताया तो होता कि माँ और पापा घर पर नहीं है तो हम एक बार और हस्तमैथुन करते. “Sister Bathroom Sex”
फिर वो बोली मैंने तो कर लिया अब तू तड़पती रह. में उठी और रितिका के पास गई और उसके चूतड़ों पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारा, उसके मुँह से आअहह निकल गई और वो अपने चूतड़ को मसलती हुई बोली कि इतनी ज़ोर की मारते है क्या? मैंने कहा यही है तेरी सज़ा, अकेले अकेले मुझसे तो मज़े ले लिए और में खाली रह गई.
फिर मैंने भी बगल से केंची उठाई और अपने बाल भी काटने लगी. हम दोनों एक दूसरे को कांच में नंगा देख रहे थे तो रितिका बोली अच्छा एक बात बता कनिका कि तुझे उस दिन जब लोग तेरे बूब्स को दबा रहे थे कैसा लग रहा था? मैंने कहा देख उस दिन तो में बहुत घबरा गई थी, लेकिन आज जब में उस दिन के बारे में सोचती हूँ तो अच्छा लगता है, वो बोली सेम ऐसा ही मेरे साथ हुआ है.
मैंने उसकी और देखा और उसके चूतड़ थपथपाये और मज़ाक करते हुए कहा कि शाबाश, वो बोली नहीं सच में मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है, तभी तो में बहुत कामुक हुई और कल रात को हस्तमैथुन कर रही थी. में बोली तो अब क्या फिर से जाना चाहती है उन लोगों के बीच में, वो बोली नहीं. “Sister Bathroom Sex”
लेकिन उस दिन को सोच कर अभी भी उत्तेजना होती है तो मैंने मज़ाक में बोला तू कहे तो फिर से चलकर देख सकते है, वो मेरे मज़ाक को सच में समझने लगी और बोली सच चल सकते है क्या? मैंने तुरंत अपनी बात बदलते हुए कहा, पागल है क्या. अगर अब वहाँ गये तो हमारा गैंगरेप हो जायेगा और उस दिन तो उस भले आदमी ने बचा लिया था अब तो कोई बचायेगा भी नहीं.
फिर वो बोली अरे रेप तो तब होगा ना जब हम खुद चुदने से मना करेंगे, लेकिन हम तो अपने आप ही चुदने जा रहे है तो रेप कहाँ से होगा. मैंने उसकी और देखा और बोली तू पागल हो गई है अरे वो हमें रंडी बना देंगे और जो भी बस में होगा वो चोदेगा. इतने लंड ले लेगी तू, वो पहले तो सोच में पड़ गई और फिर बोली हो सकता है कि फिर से वो दबा दबाकर के छोड़ दे. “Sister Bathroom Sex”
मैंने कहा तू पागल है और फिर मैंने अपना टॉप पहना और बिना पेंटी के सीधे शॉर्ट्स कपड़े पहने और रितिका से कहा यह पागलपन का आइडिया छोड़ और फटाफट कपड़े पहन, मम्मी और पापा आते ही होंगे.
फिर में किचन में गई और खाना लिया और टेबल पर बैठकर खाने लगी, तभी रितिका ऊपर से नीचे आई तो उसने तब भी कुछ नहीं पहना था. में उसे देखकर तुरंत बोली कि अरे तू कुछ पहन तो ले. माँ, पापा आ जायेंगे तो क्या होगा? तो वो बोली वो अभी नहीं आ रहे है, वो रात तक के लिए कह कर गये है और वो डिनर करके आयेंगे और हमारे लिए पैक करा लायेंगे. “Sister Bathroom Sex”
मैंने कहा ओहह तो यह तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया. फिर मैंने खिड़की की और इशारा करके उससे पूछा कि इसमें से भी तो तू बाहर दिख सकती है और पड़ोसीयों ने देख लिया तो क्या होगा? इस पर वो बोली तो देखने दो, मुझे तो पूरी आदमीयों से भरी बस ने नंगा देखा है तो यह देख लेंगे तो क्या होगा.
में समझ गई कि इसको समझाने का कोई फायदा नहीं, क्योंकि रितिका पहले से ही बहुत डिस्टर्ब थी और ऊपर से वो अब अपनी सील तुड़वाने के लिए पागल हो रही थी. फिर वो मेरे पीछे खड़ी हो गई और अपने निपल्स को मेरे गाल से लगाने लगी, में थोड़ी देर तक कुछ नहीं बोली फिर में गुस्सा होकर बोली कि क्या है? “Sister Bathroom Sex”
वो बोली बता ना चल सकते है बस में, मैंने कहा नहीं में नहीं जाउंगी, तू देख ले तुझे जाना हो तो अकेली चली जा, वो बोली कि नहीं, तेरे बिना नहीं, तू चल ना, देख मज़ा आयेगा. फिर में चिल्लाकर बोली तू पागल हो गई है अपना वहाँ गैंगरेप हो जायेगा, कितने लोग तेरे साथ चुदाई करेंगे पता भी है तुझे.
वो बोली वो ही लोग तो मज़ा भी तो देंगे. मैंने कहा और उनमें से किसी को कोई बीमारी हुई तो वो बोली तो उसे अपने साथ नहीं करने देंगे. मैंने गुस्से में कहा उसे करने नहीं देंगे कैसे? वो बोली वहाँ एक दो आदमीयों से ही हम करायेंगे जो हमें अच्छे लगेंगे, बाकि को तो हम बस अपने बदन को ही छूने देंगे और ज्यादा हुआ तो उनका लंड चूसकर झाड़ देंगे. “Sister Bathroom Sex”
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मैंने कहा एक बार में तू कितने लंड झाड़ सकती है तो वो बोली बहुत सारे और फिर में कुछ देर तक उसकी बात को सोचती रही, लेकिन फिर भी मेरा मन नहीं माना और मैंने उसे फिर भी मना कर दिया, लेकिन वो कहाँ मानने वाली थी, वो मेरे पीछे ही लगी रही.
में यह जानती थी कि में इस बात पर हाँ कहने वाली नहीं हूँ, क्योंकि इस काम में बहुत मुसीबत थी जो रितिका करना चाहती थी. उसमें सबसे पहली बात सब आदमी वहाँ पर, फिर किसको क्या बीमारी है इसका पता नहीं और आख़िरकार किसी ने हमें यह सब करते हुये रिकॉर्ड कर लिया तो. यह सब बात मैंने रितिका को खूब समझाने की कोशिश की, लेकिन वो एक ही बात बोल रही थी कि करके देख मजा आयेगा. मैंने उससे साफ शब्दों में मना कर दिया और फिर वो गुस्सा होकर रूम में चली गई. दोस्तों आगे की कहानी अगले भाग में…